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23 मार्चः कभी ना भूलने वाली वो तारीख, जब हंसते-हंसते फांसी के तख्ते पर चढ़ गए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव

#shaheed_diwas_23_march 

आज 23 मार्च है। आज की तारीख भारत के इतिहास में दर्ज वो महत्वपूर्ण तारीख है, जब आजादी के मतवाले हंसते हंसते फांसी के फंदे से झूल गए थे। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वर्ष 1931 में क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को फांसी दी गई थी।

28 सितंबर 1907 को जन्मे भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में फांसी के फंदे को “गले लगाया” था। उनके साथ राजगुरु और सुखदेव को भी अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर चढ़ा दिया था। लाहौर षडयंत्र के आरोप में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें फांसी पर लटका दिया था।

भारत की आजादी के लिए ना जाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राण इस आजादी की लड़ाई में त्याग दिए थे। इन्हीं में से एक थे शहीद भगत सिंह, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के आगे आजादी का झंडा लिए राष्ट्रवादी आंदोलन चलाए। भगत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ जब मोर्चा खोला, तो उन्होंने नारा दिया कि 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।' 

बात उस वक्त की है, जब क्रांतिकारी 'पब्लिक सेफ्टी बिल' और 'ट्रेड डिस्प्यूट्स बिल' का विरोध कर रहे थे। 'ट्रेड डिस्प्यूट बिल' पहले ही पास किया जा चुका था, जिसमें मजदूरों द्वारा की जाने वाली हर तरह की हड़ताल पर पाबंदी लगा दी गई थी। 'पब्लिक सेफ्टी बिल' में सरकार को संदिग्धों पर बिना मुकदमा चलाए हिरासत में रखने का अधिकार दिया जाना था। दोनों बिल का मकसद अंग्रेजी सरकार के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाना था। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अंग्रेजी हुकूमत की खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिलज् के विरोध में सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे। ये बम शहीद-ए-आजम भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने फेंके थे।

भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त असेंबली बम कांड में दोषी पाए गए। इसमें दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई और बटुकेश्वर दत्त को काला पानी जेल भेज दिया गया। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को सांडर्स की हत्या का भी दोषी माना गया। 7 अक्टूबर 1930 को फैसला आया कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 24 मार्च 1931 के दिन फांसी पर लटकाया जाए। लेकिन जनता के गुस्से से डरी अंग्रेज सरकार ने 23-24 मार्च की आधी रात में ही इन वीरों को फांसी दे दी।

ब्रिटिश शासन ने लोगों के विरोध को देखते हुए निर्धारित दिन से एक दिन पहले ही क्रांतिकारियों को कानूनी और मानवीय परंपराओं की अवहेलना करते हुए फांसी दे दी। उनके शव उनके परिवारों को नहीं सौंपे गए बल्कि चोरी-छिपे सतलुज के किनारे ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया और फिर अस्थियों को नदी में बहा दिया गया।

सारे चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों है?' बयान से जुड़े मानहानि केस में फैसला आज, सूरत की कोर्ट में मौजूद रहेंगे राहुल गांधी

#modisurnameremarksuratcourtverdictagainstrahulgandhi 

मोदी सरनेम मामले में सूरत की अदालत फैसला सुनाने वाली है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी खुद अदालत में मौजूद रहेंगे।पिछले शुक्रवार को अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के लिए फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख निर्धारित की थी। 

चार साल पुराने मामले मे आज फैसला

राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला चार साल पुराना है और लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव प्रचार से जुड़ा हुआ।दरअसल आम चुनाव 2019 के समय राहुल गांधी ने कहा था कि सारे चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों है। बता दें कि उस वक्त ललित मोदी, नीरव मोदी का मुद्दा सुर्खियों में था। बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ केस किया था। 

एयरपोर्ट से लेकर कोर्ट तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था

सूरत में आज गहमागहमी का माहौल रहने की उम्मीद है। मानहानि के मुकदमे में फैसला आने के चलते बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता भी सूरत पहुंच रहे हैं।कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में सूरत आने की अपील की थी। राहुल गांधी के सूरत आने की वजह से एयरपोर्ट से लेकर कोर्ट तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है।

क्या था पूरा मामला?

2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान 13 अप्रैल को राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में कहा था कि 'सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं? राहुल गांधी के इस बयान के बाद सूरत के वेस्ट से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस कर दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय का अपमान किया। इसके बाद यह केस सूरत की कोर्ट में पहुंचा था। इस सिलसिले में राहुल गांधी को 9 जुलाई, 2020 को सूरत की कोर्ट में पेश होना पड़ा था। इस साल की शुरुआत में पूर्णेश मोदी ने केस में जल्दी फैसला करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने सूरत की कोर्ट से तेज सुनवाई का आदेश देते हुए ऊपरी अदालत में सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद पिछले एक महीने से सूरत कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। इसके बाद सूरत कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च को तारीख निर्धारित की थी।

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास के बाहर फिर पहुंचे खालिस्तानी, बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

#khalistan_supporters_protest_in_san_francisco_around_indian_consulate 

सैन फ्रांसिस्को में रविवार को हमले के बाद बुधवार को एक बार फिर खालिस्तानी समर्थक भारतीय दूतावास के बाहर पहुंचे। खालिस्तान के झंडे लहराते प्रदर्शनकारी बुधवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर एकत्र हुए।प्रदर्शनकारियों में सभी उम्र के पगड़ीधारी पुरुष शामिल थे जिन्होंने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए।प्रदर्शनकारियों ने अंग्रेजी और पंजाबी दोनों भाषाओं में भारत विरोधी भाषण देने के लिए माइक का इस्तेमाल किया और कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए पंजाब पुलिस पर निशाना साधा। हालांकि उन्हें बैरिकेडिंग के दूसरी तरफ ही पुलिस ने रोक दिया।इस दौरान दूतावास के बाहर सैन फ्रांसिस्को पुलिस मौजूद रही।

बता दें कि सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। पुलिस ने दूतावास के चारो तरफ बैरिकेडिंग लगा दी है। जिससे इस तरह के शरारती तत्व दूतावास तक पहुंच ना सकें। बता दें कि इससे पहले रविवार को भी यहां कुछ खालिस्तानी समर्थक पहुंचे थे और उन्होंने तोड़फोड़ की थी। तब दूतावास के बाहर कोई सुरक्षा नहीं थी। जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार के सामने नाराजगी जताई थी। जिसके बाद दूतावास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इससे पहले रविवार को खालिस्तानी समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया था। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के चीफ और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई के बाद खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय दूतावासों पर हमला किया है। लंदन में विरोध-प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने तिरंगे का अपमान करने की कोशिश की थी। इसी कड़ी में रविवार को सैन फ्रैंसिस्को में भी भारतीय दूतावास पर खालिस्तानियों ने हमला किया था।

बिलकिस बानो रेप केस में आरोपियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट गठित करेगा संवैधानिक बेंच

#bilkis_bano_case 

बिलकिस बानो मामले में रिहा चल रहे दोषियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल गैंगरेप मामले में दोषियों को राहत देने के खिलाफ बिलकिस बानो की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया है।बिलकिस बानो मामले में 11 आरोपियों को गुजरात सरकार ने समय से पहले ही रिहा कर दिया था। इसे लेकर काफी हो-हल्ला भी मचा था और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। बिलकिस ने इस मामले में गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि गुजरात सरकार रिहाई पर फैसला ले सकती। 

जानकारी के अनुसार बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है। इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भरोसा दिया कि दो जजों की बेंच में सुनवाई की तारीख तय करेंगेय़ साथ ही मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नई पीठ के गठन का बिलकिस बानो और उनकी वकील शोभा गुप्ता को आश्वासन दिया है।

2002 के गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो से रेप और उसके परिवार के लोगों की हत्या के दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को समय से पहले रिहा कर दिया गया था। दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन पिछले साल गुजरात सरकार ने सजा माफी की नीति के तहत इन्हें रिहा कर दिया था। रिहा किए गए लोगों में से कुछ 15 साल तो कुछ 18 साल की जेल काट चुके हैं।

एलओसी के पास बने शारदा मंदिर का गृह मंत्री ने किया उद्घाटन, महबूबा मुफ्ती ने भी जताई खुशी

#amitshahinauguratedmaashardatempleat_kupwara 

जम्मू-कश्मीर में रहने वाले कश्मीरी पंडितों को चैत्र नवरात्र के पहले दिन गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा तोहफा दिया।

चैत्र नवरात्र के मौके पर आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में बने मां शारदा देवी मंदिर का उद्घाटन किया।मंदिर का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने कहा कि आज शारदा मां के मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। आज मैं कुपवाड़ा तो नहीं हूं, लेकिन जब भी मैं अब कश्मीर जाऊंगा तो मैं अपनी यात्रा की शुरूआत मां शारदा का आशिर्वाद लेकर करूंगा।

‘गंगा जमुनी तहजीब’ की वापसी हो रही

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के करनाह सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास माता शारदा देवी का ये मंदिर है। मंदिर के उद्घाटन के दौरान अपने वर्चुअल संबोधन में अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेशें में पुरानी परंपराओं, संस्कृति और ‘गंगा जमुनी तहजीब’ की वापसी हो रही है।शाह ने कहा कि मंदिर का खुलना नई सुबह की शुरुआत है और शारदा संस्कृति को पुनर्जीवित करने की तलाश है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘माता शारदा मंदिर हमारे नए साल के शुभ अवसर पर भक्तों के लिए खोला जा रहा है। यह देश भर के भक्तों के लिए शुभ शगुन है. माता शारदा की कृपा अब आने वाली सदियों तक पूरे देश पर बनी रहेगी

महबूबा मुप्ती ने सराहा

वहीं, कुपवाड़ा में मां शारदा मंदिर के उद्घाटन पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शारदा मंदिर खोलना बहुत अच्छी बात है। यह कुछ ऐसा है जिसका कश्मीरी पंडित इंतजार कर रहे थे और वे वास्तव में इसे खोलना चाहते थे। तो यह अच्छी बात है।

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित, श्रद्धालुओं के लिए 22 अप्रैल को खुलेंगे धाम के कपाट

 चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आज बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई। श्रद्धालुओं के लिए 22 अप्रैल को गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। इस बार चारधाम यात्रा की शुरुआत 22 अप्रैल से होगी। देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए सरकार तैयारियों में जुटी है। सरकार को उम्मीद है कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकॉर्ड बनाएगी।

बता दें कि अब श्रद्धालु घर बैठे गंगोत्री धाम की आरती देख सकेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग प्रसाद योजना के तहत मंदिर में उच्च स्तर के कैमरे लगाने जा रहा है जिससे चार धाम यात्रा के दौरान हर दिन उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर आरती का सीधा प्रसारण होगा।

केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत चारों धामों में सौंदर्यीकरण सहित कई अन्य विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसी योजना के तहत चारों धामों में पर्यटन विभाग उच्च स्तर के कैमरे भी लगाने जा रहा है जिससे धामों में होने वाली आरती व अन्य धार्मिक अनुष्ठान श्रद्धालु घर बैठे देख सकें।

पर्यटन विभाग की ओर से उत्तरकाशी जिले में पहले चरण में यह कार्य गंगोत्री धाम में किया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने प्रसाद योजना की कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल को कैमरे लगाने के कार्य का इस्टीमेट भेजने को कहा है। कैमरे लगाए जाने के बाद गंगोत्री धाम परिसर में होने वाले धार्मिक अनुष्ठान व आरती का सीधा प्रसारण उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर होगा। यहां से श्रद्धालु गंगोत्री धाम की आरती देख सकेंगे।

*कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट, पीएम मोदी ने आज शाम बुलाई उच्चस्तरीय बैठक*

#pm_modi_high_level_meeting_review_covid_situation 

बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल देखी जा रही है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 1134 नए कोरोनो के मामले दर्ज किए गए। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केन्द्र सरकार एक बार फिर सतर्क हो गई है।पीएम मोदी आज इस मामले को लेकर हाई लेवल मीटिंग करेंगे। पीएम आज 4.30 बजे उच्च अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

भारत में आज भी कोविड 19 के 1134 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। एक हजार से ज्यादा मामले काफी दिनों के बाद आए हैं।इसके बाद एक्टिव मामलों की संख्या 7026 हो गई है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कोविड-19 के 4 करोड़ 46 लाख 98 हजार 118 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। बीते दिन मंगलवार (21 मार्च) को दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और दक्षिण राज्य केरल में कोरोना महामारी की वजह से एक-एक मरीज की मौत हुई। इसके बाद अब तक कोविड से मरने वालों की संख्या 5 लाख 30 हजार 813 पर पहुंच गई।

अगर पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो यह आंकड़ा 1.09% है। जबकि डेथ रेट 1.19 फीसदी दर्ज किया गया। जबकि वीकली पॉजिटिविटि रेट 0.98 फीसदी आंका गया। मंत्रालय ने यह भी बताया कि सक्रिय मामलों में अब कुल संक्रमणों का 0.02 फीसदी शामिल है, जबकि नेशनल रिकवरी रेट 98.79 फीसदी दर्ज किया गया है। हाल ही में देश के 9 जिलों के आंकड़े सामने आए जिसमें पॉजिटिविटी रेट 10 फीसद के पार है।

युवाओं के मन में जहर भर रहा था अमृत पाल सिंह, आनंदपुर खालसा फोर्स के लिए 20 युवाओंं को तैयार किया, अलग-अलग स्थानों पर दो बैठकें भी की थीं


वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की फरारी के चार दिन बाद भी गांव जल्लूपुर में हालात तनावपूर्ण हैं। गांव में पुलिसकर्मियों की संख्या थोड़ी कम कर दी गई है, लेकिन लोगों के अंदर अब भी दहशत है। जल्लूपुर गांव के गुरुद्वारे में जो नशा छुड़ाओ केंद्र चल रहा था, उसे बंद कर दिया गया है।

यहीं पर अमृतपाल युवाओं के दिमाग में जहर भर रहा था। अमृतपाल सिंह के साथियों की पुलिस अभी भी तलाश कर रही है। इसी कड़ी में छापामारी अभियान जारी रहा। पुलिस उन 11 युवाओं की भी तलाश कर रही है, जो अमृतपाल की ओर से गठित हथियारबंद विंग आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) में भर्ती होना चाहते थे।

इनकी आयु 30 वर्ष से कम है और इनके साथ अपने लाइसेंसी हथियार भी हैं। ये युवा अमृतसर जिले के अलग-अलग कस्बों के रहने वाले हैं। इनकी दो बार अमृतपाल सिंह के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं। बताया जाता है कि ये युवा अजनाला थाना के घेराव के दौरान भी अमृतपाल के समर्थकों की भीड़ में शामिल थे। 

इन युवाओं ने अमृतपाल के साथ उनकी फोर्स में शामिल होने की सहमति भी प्रकट कर दी थी। अमृतसर के रहने वाले दो लोगों ने ही अमृतपाल के साथ इन युवाओं का संपर्क करवाया था। यह दोनों भी पुलिस की हिरासत में हैं। पूछताछ के दौरान ही यह खुलासा हुआ है कि अमृतपाल सिंह एकेएफ को शक्तिशाली बनाने के लिए युवाओं की संख्या बढ़ा रहा था।

अमृतपाल की फोर्स में भर्ती होने के लिए तैयार थे कई युवा

युवाओं को हथियार रखने के लिए प्रेरित कर रहा था। अमृतपाल की फोर्स में भर्ती होने के लिए कई युवा तैयार थे, लेकिन अमृतपाल चाहता था कि उसके साथ समर्पित व वफादार युवा ही जुड़ें, क्योंकि पहले कुछ युवा अमृतपाल को धोखा भी दे चुके थे। इनमें से वरिंदर सिंह भी एक था, जिसने अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ पहला मामला दर्ज करवाया था।

*कम नहीं हो रही सिसोदिया की मुश्किलें, ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग केस 5 अप्रैल तक रहेंगे जेल में*

#rouse_avenue_court_sends_manish_sisodia_5_april_judicial_custody

आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री व आप नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ईडी ने पांच दिनों की रिमांड खत्म होने के बाद मनीष सिसोदिया को बुधवार (22 मार्च) को दिल्ली के राउज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया।ईडी ने इस मामले में सिसोदिया से पूछताछ करने के लिए और रिमांड की मांग नहीं की। जिसके बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 5 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। साफ है कि सिसोदिया को आने वाले कुछ दिन और जेल में बिताने होंगे

कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जो केस दर्ज किया है उसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में मामला दर्ज किया है।

बता दें कि दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने पिछले महीने 26 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसी दौरान उनके ऊपर पूछताछ में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद करीब दस दिन तक सीबीआई रिमांड में रहने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। वहीं इसके चार दिन बाद ईडी ने इसी मामले में मनी ट्रेल की जांच शुरू की। 12 दिन पहले ईडी ने तिहाड़ जेल में मनीष सिसोदिया से पूछताछ की और फिर पूछताछ में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था। बुधवार को ईडी की रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया गया, जहां से अब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।

मनीष सिसोदिया ने दो दिन पहले मंगलवार को कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। उनके वकील ने अदालत को बताया था कि सिसोदिया की पत्नी बीमार हैं और उनका बेटा विदेश में है। ऐसे हालात में उनकी पत्नी को देखने और समय पर दवा इलाज कराने वाला कोई नहीं है। मनीष सिसोदिया के वकील ने अदालत से मानवीय आधार को ध्यान में रखते हुए उनकी जमानत अर्जी को मंजूर करने का आग्रह किया था। हालांकि सीबीआई ने इस अर्जी का पुरजोर विरोध किया था।

*गरीब कैदियों के लिए मदद की पेशकश, अपने जन्मदिन पर जेल को 5.11 करोड़ देना चाहता है महाठग सुकेश चंद्रशेखर, डीजी को लिखा पत्र*

#sukeshchandrasekharletterpermissiontodonaters5croretoprisoner

महाठग सुकेश चंद्रशेखर भले ही जेल की सजा काट रहा हो,लेकिन लाइम लाइट में बने रहना उसे अच्छे से आता है। अपने पत्रों के जरिए आम आदमी पार्टी पर प्रहार करने और बॉलीबुड अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडीस से प्यार का इजहार करने के बाद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने एक बार फिर अपनी चिट्ठी से सुर्खियां बटोरी हैं। जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने अन्य कैदियों की जमानत में आर्थिक रूप से मदद करने की पेशकश की है।इसके लिए सुकेश ने डीजी तिहाड़ जेल को पत्र लिखकर इजाजत मांगी है।

200 करोड़ की ठगी के केस में दिल्ली की मंडोली जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने बुधवार को जेल के डायरेक्टर जनरल को एक चिट्‌ठी लिखी है। जिसमें उसने कैदियों और उनके परिवार के कल्याण के लिए 5.11 करोड़ रुपए का डिमांड ड्राफ्ट देने की परमिशन मांगी है। सुकेश ने चिट्ठी लिखकर कहा कि, वो उन कैदियों की मदद करना चाहता है, जो कि जमानत मिलने के बावजूद गरीबी के कारण अपना बेल बांड नहीं भर पा रहे हैं। ये वो कैदी हैं, जो कि बेल बांड न भर पाने की वजह से सालों से तिहाड में बंद हैं और अपने परिवार के मुखिया हैं।

जेल में बंद कैदियों पर आया तरस

सुकेश चंद्रशेखर ने चिट्ठी में आगे लिखा, मैं 2017 से इस जेल में बंद विचाराधीन कैदी हूं। वर्षों से मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से अपने निकट के बंदियों की मदद की है। 400 से अधिक कैदियों को उनकी जमानत बांड या उनके परिवारों की भलाई के लिए मदद करना चाहता हूं।मुझे यह भी पता है कि कोर्ट जेल बांड न भर पाने वाले कैदियों की रिहाई के लिए कई प्रयास कर ही है, लेकिन अभी भी कुछ ऐसे कैदी हैं, जो बांड न भर पाने की वजह से जेल में ही बंद हैं। उनके परिवार के पास इतने भी पैसे नहीं हैं कि वह बेल बांड जमा कर कैदी को रिहा करा सकें।

यह मेरा बेस्ट जन्मदिन उपहार होगा-सुकेश

सुकेश ने लिखा है, मैं अपनों से दूर हूं। एक इंसान के तौर पर, अच्छे इरादे के साथ मैं अनुरोध करता हूं कि कैदियों के कल्याण के लिए 5.11 करोड़ रुपए का डिमांड ड्राफ्ट स्वीकार करें। मुझे बहुत खुशी होगी अगर 25 मार्च को इसे एक्सेप्ट करते हैं। क्योंकि उस दिन मेरा जन्मदिन है, और ये मेरे लिए सबसे अच्छा तोहफा होगा।

जेल से पहले भी लिख चुका है पत्र

बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं कि सुकेश ने चिट्ठी लिखी हो। इससे पहले भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को लेकर राज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी। सुकेश चंद्रशेखर ने पिछले दिनों दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को जेल से पत्र लिख कर दावा किया था कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल-1 के वार्ड नंबर 9 में बंद हैं, जो कि पूरी तिहाड़ जेल का वीवीवीआईपी वार्ड है। यह वीआईपी कैदियों के हाई प्रोफाइल के लिए एक विशेष वार्ड है जो लगभग 20,000 वर्ग फुट है। जिसमें केवल 5 सेल मौजूद हैं, जो लकड़ी के फर्श और सभी सुविधाओं के साथ हैं।