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थोक महंगाई दर में बड़ी गिरावट, 25 महीने के निचले स्तर पर*

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खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर में भी गिरावट दर्ज की गई है।देश में जनवरी के मुकाबले फरवरी में थोक महंगाई में कमी आई है।फरवरी में थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी रहा, जोकि जनवरी में 4.73 फीसदी थी। दिसंबर में थोक महंगाई दर का 4.95 फीसदी रहा था।

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2023 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, खनिजों, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों, रसायन और रासायनिक उत्पादों, विद्युत उपकरणों व मोटर वाहनों, ट्रेलरों और सेमीट्रेलर की कीमतों में गिरावट के कारण आई है।

थोक मुल्य आधारित महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी महीने में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) फूड इंडेक्स जनवरी के 2.95 फीसदी के मुकाबले घटकर फरवरी 2023 में 2.76 फीसदी रही है। आंकड़े के मुताबिक फूड आर्टिकल्स की महंगाई दर 3.81 फीसदी रही है जो जनवरी 2023 में 2.38 फीसदी रही थी। धान की महंगाई दर जनवरी में 7.18 फीसदी रही थी जो फऱवरी मे बढ़कर 8.60 फीसदी पर जा पहुंची है। गेहूं की महंगाई जनवरी के 23.63 फीसदी के मुकाबले फरवरी में 18.54 फीसदी रही है। दालों की महंगाई दर 2.59 फीसदी रही है जो जनवरी में 2.41 फीसदी थी। अनाजों की महंगाई दर फरवरी में 13.95 फीसदी रही है जो जनवरी में 15.46 फीसदी रही थी। सब्जियों के मामले में यह -21.53% रही जो कि जनवरी महीने में -26.48 फीसदी रहा था। अंडा, मटन-मछली के मामले में थोक महंगाई दर 1.49 प्रतिशत रहा, जनवरी महीने में यह 2.23 प्रतिशत रहा था। प्याज के मामले में थोक महंगाई दर घटकर -40.14 फीसदी पर पहुंच गई जो कि जनवरी महीने में -25.20 फीसदी रही थी।

इससे पहले पहले सोमवार को सांख्यिकी मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए थे जिसके मुताबिक फरवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी रही है। जबकि जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसदी रही थी।

बता दें कि थोक भाव में किसी सामान का मूल्य थोक महंगाई या फिर थोक मूल्य सूचकांक कहलाता है। थोक मूल्य सूचकांक में सामान काफी मात्रा में एक साथ बेचा जाता है और यह सौदा फर्मों के बीच होता है ना कि ग्राहकों के बीच। देश में महंगाई मापने के लिए थोक मूल्य सूचकांक बेहद अहम होता है।

‘मैं वकील नहीं बनता तो एक्टर जरूर होता’, राज्यसभा में बोले उपसभापति धनखड़

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संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही के बीच मंगलवार को ऑस्कर जीतने पर एसएस राजमौली की फिल्म आरआरआर और एलीफेंट विस्पर की टीम को संसद के सभी सदस्यों ने बधाई दी है। इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अगर वो वकील नहीं बनते तो कहीं न कहीं एक्टिंग जरूर करता। उनके इतना कहते ही सदन में ठहाके गूंजने लगे।बता दें कि फिल्म आरआरआर को बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग कैटगरी में ऑस्कर मिला है, वहीं डॉक्यूमेंट्री ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने भी ऑस्कर अपने नाम किया।

दरअसल, राज्यसभा में एमडीएमके सांसद वाइको फिल्म को लेकर अपनी बात रख रहे थे। वाइको ने अपने भाषण के दौरान ए आर रहमान का जिक्र किया तो सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें जोर से जय हो बोला। इस दौरान धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा कि अगर मैं वकील नहीं होता तो कहीं न कहीं एक्टिंग जरूर करता। उनके इतना कहते ही सदन में ठहाके गूंजने लगे।कांग्रेस सदस्य मुकुल वासनिक ने धनखड़ के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘जैसी भावनाएं हम आज यहां व्यक्त कर रहे हैं तो ऐसी भावना हम आपके प्रति जरूर व्यक्त कर रहे होते।

बता दें कि स्लमडॉग मिलेनियर के जय हो गाने के लिए ऑस्कर मिला था। वाइको ने कहा कि तमिलनाडु ने दूसरी बार ऑस्कर जीता है। उन्होंने कहा कि रहमान ने जो शुरू किया वो आरआरआर पर आकर रुकता है। इस दौरान आरआरआर के पटकथा लेखक वी विजयेंद्र प्रसाद जो राज्यसभा सांसद हैं को भी बधाई दी गई।

आय से अधिक संपत्ति मामले में अखिलेश यादव को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार, याचिका की खारिज


सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की प्रारंभिक जांच बंद करने की सीबीआइ रिपोर्ट की प्रति मांगने वाली याचिका खारिज कर दी।

संज्ञेय अपराध का नहीं मिला सबूत

सीबीआइ ने 2019 में शीर्ष अदालत को बताया था कि चूंकि मुलायम और उनके दो बेटों-अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ संज्ञेय अपराध होने का प्रथम दृष्टया सुबूत नहीं मिला था, इसलिए इसे आपराधिक मामले में नहीं बदला गया था। सात अगस्त, 2013 के बाद मामले में कोई जांच नहीं की गई।

2013 में सीबीआइ ने बंद कर दी थी प्रारंभिक जांच

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा, ‘एक मार्च, 2007 और 13 दिसंबर, 2012 के फैसले के बाद से सीबीआइ ने सात अगस्त, 2013 को अपनी प्रारंभिक जांच बंद कर दी और आठ अक्टूबर, 2013 को अपनी रिपोर्ट सीवीसी को सौंपी।

आवेदन में योग्यता न होने पर किया खारिज

यह आवेदन छह साल बाद 2019 में दाखिल किया गया। आवेदन में कोई योग्यता नहीं है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’ कोर्ट ने कहा कि मुलायम का पिछले साल 10 अक्टूबर को निधन हो गया था। याची विश्वनाथ चतुर्वेदी से पूछा कि मामले में क्या बचा है। याची के वकील ने कहा कि मुलायम के खिलाफ कार्यवाही हटा दी है, पर आरोप उनके बेटों-अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ भी हैं। इस पर पीठ ने जवाब दिया कि वह क्लोजर रिपोर्ट की प्रति के लिए आवेदन पर विचार करने को इच्छुक नहीं हैं।

प्रसिद्ध अभिनेता व फिल्मकार सतीश कौशिक की मौत मामले में पार्टी में शामिल 25 लोगों से होगी पूछताछ, 3 दिन से फार्म हाउस में जांच कर रही पुलिस


प्रसिद्ध अभिनेता व फिल्मकार सतीश कौशिक की मौत मामले में दिल्ली पुलिस पर सवाल उठने के बाद दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने हर पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है।

एसीपी स्तर के अधिकारी को इस मामले की जांच सौंपी गई है। अब तक करीब 20 से अधिक कर्मचारी स्तर के लोगों के पुलिस बयान दर्ज कर चुकी है। पुलिस ने पार्टी में शामिल 25 लोगों की सूची तैयारी की है। जिनमें दो बिल्डर और एक ज्वेलर भी शामिल हैं।

वहीं, मामले में यूपी के एक विधान परिषद सदस्य की भूमिका भी सामने आ रही है। पिछले तीन दिनों से कापसहेड़ा थाना पुलिस लगातार बिजवासन स्थित पुष्पांजलि मालू फार्म हाउस पहुंचकर विकास मालू के स्वजन व कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है।

क्राइम टीम भी दो दिन फार्म हाउस पहुंचकर पहली मंजिल का कमरा जहां पर सतीश कौशिक की मौत हुई थी, वहां से कई नमूने उठाए हैं। उक्त नमूने की रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में जांच की जा रही है। पुलिस ने होली वाले दिन सतीश कौशिक के साथ पार्टी में मौजूद खास 25 लोगों से भी पूछताछ करेगी।

कुबेर गुटखा कंपनी के मालिक विकास मालू का है फार्म हाउस

सूत्रों की मानें तो पार्टी में दो बिल्डर, एक ज्वेलर भी शामिल थे, जिनकी दिल्ली पुलिस के कई विशेष आयुक्त स्तर के अधिकारियों से काफी नजदीकी है। फार्म हाउस कुबेर गुटखा कंपनी के मालिक विकास मालू का है। पुलिस उससे भी पूछताछ करेगी। उस पर पहले से दुष्कर्म का केस होने के कारण घटना के बाद से वह फार्म हाउस छोड़कर भूमिगत हो गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। विकास इंटरनेट मीडिया के जरिये अपना पक्ष रख रहा है।

बताया जा रहा है कि होली की रात फार्म हाउस में सतीश कौशिक की मौत होते ही विकास मालू ने अपने पारिवारिक दोस्त एक बिल्डर को फोन कर बताया था कि वह पुलिस के आला अधिकारियों से बात कर पूरे मामले को मैनेज करें, ताकि किसी को यह पता नहीं लग पाए कि सतीश कौशिक कहां आए थे और उनकी मौत कहां हुई। बिल्डर ने देर रात ही एक विशेष आयुक्त को फोन कर उन्हें घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और मामले को दबाने का अनुरोध कर उन्हें मोटी रकम देने का आफर भी दिया।

विकास मालू ने भी खुद अपने नजदीकी एक विशेष आयुक्त को फोन कर उन्हें घटना के बारे में जानकारी दी। विकास मालू के पांच-छह खास मित्रों की टीम रात भर कुछ पुलिस अधिकारियों को फोन कर मामले को दबाने के लिए अनुरोध करने में जुट गए। इस मामले में यूपी के एक विधान परिषद सदस्य की भी भूमिका का पता चला है। फार्म हाउस से जब्त किए गए सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर पुलिस ने पार्टी में शामिल मेहमानों के बारे में पता लगा उनकी सूची तैयार की है।

जावेद अख्तर ने कहा-उर्दू हिंदुस्तान की भाषा, ये पाकिस्तान या मिस्र से नहीं आई

#javedakhtartalksurduislanguageofindianotfrompakistan

मशहूर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने उर्दू भाषा को लेकर बड़ी बात कही है। जावेद अख्तर ने कहा है कि उर्दू पाकिस्तान या मिस्र की नहीं है, यह 'हिंदुस्तान' की है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जावेद अख्तर का मानना है किसी भी भाषा का किसी विशेष धर्म से कोई संबंध नहीं होता।

जावेद अख्तर और उनकी पत्नी शबाना आजमी ने हाल ही में एक उर्दू एल्बम 'शायराना - सरताज' लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने उर्दू पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, उर्दू कहीं और से नहीं आई है बल्कि यह हमारी अपनी भाषा है। हिंदुस्तान के बाहर ये कहीं नहीं बोली जाती। बंटवारे के बाद पाकिस्तान अलग हुआ, उससे पहले ये भी भारत का ही हिस्सा था और ये उर्दू भी भारत में बोली जाती थी। ये केवल भारत की भाषा थी, इसलिए बाहर कहीं नहीं बोली जाती।

उर्दू के विकास में पंजाब का बहुत बड़ा रोल-जावेद अख्तर

जावेद अख्तर के मुताबिक, उर्दू के विकास में पंजाब का बहुत बड़ा रोल है। यह भारत की भाषा है लेकिन आपने यह भाषा क्यों छोड़ी? विभाजन के कारण? पाकिस्तान की वजह से? अख्तर ने कहा कि अगर पाकिस्तान ये कहे कि कश्मीर उसका तो क्या आप मान लेंगे। इसी तरह उर्दू भी हिंदुस्तान की ही एक भाषा है, जिस पर हम सभी को ध्यान देना चाहिए।

भाषा का संबंध धर्म से नहीं बल्कि क्षेत्र से-जावेद अख्तर

इस दौरान जावेद अख्तर ने आज की युवा पीढ़ि को भी अपनी भाषा बोलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, आजकल नई जेनरेशन वाले अंग्रेजी पर ज्यादा फोकस करते हैं। युवा पीढ़ी और लोग उर्दू और हिंदी कम बोलते हैं। हमें हिंदी में बात करनी चाहिए क्योंकि ये हमारी राष्ट्रभाषा है। जावेद अख्तर ने ये भी कहा कि भाषा का संबंध किसी विशेष धर्म से नहीं होता बल्कि क्षेत्रों पर आधारित होता है। अगर भाषा का संबंध धर्म से होता तो पूरे यूरोप में एक ही भाषा बोली जाती।

पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी

जावेद अख्तर ने हाल ही में अपने पाकिस्तान दौरे के दौरान एक बयान के कारण चर्चा का विषय बन गए थे। पाकिस्तान में मशहूर उर्दू शायर फैज अहमद फैज की याद में लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आतंकवाद को लेकर खुलकर अपनी बात रखी थी। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर बात की और कहा था कि भारत में नुसरत साहब और मेहदी हसन साहब के कई कार्यक्रम हुए लेकिन पाकिस्तान ने लता मंगेशकर का एक भी कार्यक्रम नहीं करवाया।

गुजरात में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस से एक संदिग्ध मौत, कोरोना भी दे रहा टेंशन

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भारत में एच3एन2 वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है।एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक गुजरात में एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस से पहली मौत हुई है। 58 साल का मृतक का वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इससे पहले कर्नाटक में एक 82 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई थी, जो दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित थे। वहीं, हरियाणा में इस वायरस से 52 साल शख्स की मौत हो गई थी, जो लिवर कैंसर से पीड़ित थे।

बता दें कि गुजरात में भी पिछले कुछ समय से सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षणों वाले मरीजों की बाढ़ सी आ गई है। वडोदरा में सयाजी अस्पताल के कोविड आइसोलेशन वार्ड में एच3एन2 वायरस से एक 58 वर्षीय महिला की संदिग्ध मौत की खबर है। बताया जा रहा है कि महिला हाइपरटेंशन की मरीज थी। प्रशासन ने बताया कि एच3एन2 वायरस की जांच के लिए सैंपल पुणे लैब भेजे जाएंगे।

गुजरात में कोरोना के मामले बढ़ रहे

बता दें कि एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस के बीच गुजरात में कोरोना केसों की रफ्तार में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। गुजरात में शनिवार को 51, रविवार को 48 और सोमवार को 45 पॉजिटिव केस सामने आए थे। बीते तीन दिनों में गुजरात में कोरोना के 144 मामले सामने आ चुके हैं।

मास्क का करें इस्तेमाल

इधर एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस से बचने के लिए डॉक्टरों ने मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। डॉक्टरों का कहना है, वायरस से बचने के लिए लोग अपने हाथों को लगातार धोते रहें साथ ही साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाएं। भारत में अब तक केवल एच3एन2 और एच3एनवन संक्रमण का पता चला है। दोनों में ही कोविड जैसे लक्षण हैं। इसमें लगातार खांसी, बुखार आना, सांस फूलना, तेज ठंड लगना और घरघराहट होना शामिल हैं। इसके लक्षण लगातार एक हफ्ते तक बने रह सकते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को शेयर किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2 जनवरी से 5 मार्च तक देश में एच3एन2 वायरस के 451 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हम एच3एन2 वायरस की स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का निधन, 78 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का निधन हो गया है। उन्होंने 78 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।बताया जा रहा है कि वह नहाते समय बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

वरिष्ठ पत्रकार वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। डॉ. वैदिक पत्रकारिता ने राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। वह एक राजनीतिक विश्लेषक थे। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हिंदी उपक्रम भाषा की स्थापना की थी और वह उसके पहले संपादक भी थे। साल 1958 में प्रूफ रीडर के तौर पर वह पत्रकारिता में आए थे।

अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। डॉ. वैदिक ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।

डॉ. वैदिक को मीडिया और भाषा के क्षेत्र में काम करने के लिए कई सम्मान दिए गए। उन्हें विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान, काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान आदि दिए गए। वे कई न्यासों, संस्थाओं और संगठनों में सक्रिय। अध्यक्ष, भारतीय भाषा सम्मेलन एव भारतीय विदेश नीति परिषद।

अमेरिका में भारी वित्तीय संकट, धड़ाधड़ बंद हो रहे हैं बैंक, सिलिकॉन वैली के बाद अब सिग्नेचर बैंक पर लटका ताला!

अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर में उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के बाद अब एक और बैंक पर ताला लटक गया है। क्रिप्टो फ्रैंडली कहे जाने वाले सिग्नेचर बैंक को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इस बैंक के पास क्रिप्टोकरेंसी का स्टॉक था और इसके जोखिम के मद्देनजर कुछ समय के लिए न्यूयॉर्क के इस क्षेत्रीय बैंक को बंद रखने का फैसला किया गया है।

110 अरब डॉलर की संपत्ति

बिजनेस टुडे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सिलिकॉन वैली बैंक के बाद सिग्नेचर बैंक अमेरिका में जारी बैंकिंग उथल-पुथल का अगला शिकार बन गया है। न्यूयॉर्क स्टेट के फाइनेंस सर्विस डिपार्टमेंट के अनुसार, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने सिग्नेचर बैंक को अपने नियंत्रण में ले लिया है, जिसके पास पिछले साल के अंत में 110.36 अरब डॉलर की संपत्ति थी, जबकि बैंक में जमा राशि 88.59 अरब डॉलर थी। 

2008 के बाद से तीसरा बड़ा क्राइसिस

अमेरिकी बैंकिंग इतिहास में ये तीसरी सबसे बड़ी विफलता है, इससे दो दिन पहले ही सिलिकॉन वैली बैंक को बंद कर दिया गया था। यह वाशिंगटन म्युचुअल के बाद दूसरा सबसे बड़ा शटडाउन था, जो वित्तीय संकट के दौरान ढह गया था और अब सिग्नेचर बैंक का नंबर आ गया।

बता दें कि अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर का सबसे बड़ा संकट साल 2008 में आया था। उस साल बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स ने खुद को दिवालिया (Default) घोषित कर दिया था। इसके बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी छा गई थी और इकोनॉमी की कमर टूट गई थी।

भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 7400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की मांग वाली याचिका

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भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों को 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे की मांग वाली केंद्र की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिससंजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस मामले की फिर से सुनवाई करना पीड़ितों के पक्ष में भी नहीं होगा।कोर्ट ने कहा कि अगर हम याचिका को स्वीकार करते है तो "पेंडोरा बॉक्स" खुल जाएगा।

भोपाल में 2 दिसंबर 1984 की रात में हुए इस हादसे में 16 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी। हादसे से बाद यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने 470 मिलियन अमेरिकी डॉलर का मुआवजा दिया था पीड़ितों ने अतिरिक्त मुआवजे के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पीड़ितों की ओर से केंद्र ने इस मामले में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की थी।केंद्र ने यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन की उत्तराधिकारी फर्मों से 7,844 करोड़ रुपये मांगे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र के कदम से निराश है। 50 करोड़ रुपये अभी भी आरबीआई के पास पड़े हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर हम याचिका को स्वीकार करते है तो "पेंडोरा बॉक्स" खुल जाएगा। समझौते के तीन दशक बाद मामले को नहीं खोला जा सकता। कोर्ट ने कहा कि समझोते को सिर्फ धोखेधड़ी के आधार पर रद्द किया जा सकता है, भारत सरकार द्वारा धोखाधड़ी का कोई आधार नहीं दिया गया है।

कोर्ट ने केंद्र पर सवाल उठाए कि सरकार मुआवजे में कमी और बीमा पॉलिसी लेने में विफल रही। यह केंद्र की ओर से घोर लापरवाही है। दो दशकों के बाद इस मुद्दे को उठाने के लिए कोई तर्क प्रस्तुत करने में केंद्र की विफलता पर असंतोष जताया।बता दें कि केंद्र सरकार ने मुआवजे में बढ़ोतरी के लिए दिसंबर 2010 में सुप्रीमकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। सुनवाई में यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन की उत्तराधिकारी फर्मों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि भारत सरकार ने 1989 में मामले के निपटारे के समय कभी ये सुझाव नहीं दिया कि पीड़ितों को दिया मुआवजा कम था।

जानकारी के मुताबिक न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने याचिका पर 12 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, अभय एस ओका, विक्रम नाथ और जेके माहेश्वरी भी शामिल हैं।

सीबीआई जांच कराने वाले हम ही थे', ईडी के एक्शन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने याद दिलाया लालू यादव का पुराना इतिहास

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार के गया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू परिवार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि चारा घोटाले में सीबीआई की जांच कराने वाले हम ही वकील थे। जब लालू यादव को चारा घोटाले के चार केसो में सजा हुई तो उस वक्त पीएम एचडी देवगौड़ा, गुजराल और मनमोहन सिंह थे। तब भी कहा जा रहा था कि बीजेपी संघ के दबाब में पक्षपात की जा रही है। चारा घोटाले में एक को भी राहत नहीं मिली है।

लालू यादव पर कई घोटालों का आरोप 

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दूसरा अलकतरा घोटाला है जिसमें मंत्री, चीफ इंजीनियर गए। लालू यादव और लालू परिवार पर भ्रष्टाचार और लूट मामले में कार्रवाई नहीं हो, ऐसे कैसा होगा? तीसरे में रेलवे की संपत्ति बेची गई। दोनों लीज पर दे दी गई थी। इसकी शिकायत जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने किया था। घोटालों की लिस्ट बताते हुए कहा कि अब जमीन के बदले नौकरी घोटाला है। किसको कहां से नौकरी मिली है? इसकी पूरी डिटेल्स है। ज्यादातर उनके समाज के लोगों को ही नौकरी दी गई थी। इतनी प्रॉपर्टी होगी तो सवाल कोई नहीं करेगा क्या? बिहार की जनता नीतीश कुमार से जबाब मांगेगी।

मनीष सिसोदिया पर साधा निशाना

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मनीष सिसोदिया मामले पर कहा कि शराब के नियमों में बदलाव किए गए थे बदले में दक्षिण भारत से कमीशन आई थी। अरविंद केजरीवाल जांच को फेस करें, जितने लोगों के खिलाफ आरोप लगे वह जेल गए हैं। कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार है अगर आप जनता का पैसा लूटेंगे तो कार्रवाई तो होनी ही है।