सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की “नामकरण आयोग” के गठन की मांग वाली याचिका, कहा- क्या चाहते हैं देश जलता रहे?
#supreme_court_dismisses_pil_for_setting_up_renaming_commission
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में करीब 1000 जगहों का नाम बदलने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, आप क्या हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं? आप भूतकाल के लिए वर्तमान को बदलने की मांग कर रहे हैं। देश में पहले ही बहुत से मुद्दे हैं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने मामले पर सुनवाई की।
दरअसल, बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका में विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा बदले गए 1000 स्थानों की पहचान करके नाम बदलने के लिए गृह मंत्रालय को आयोग बनाने का निर्देश देने की मांग याचिका में की थी।याचिका में यह भी कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट पुरातत्व विभाग को पुराने नामों को प्रकाशित करने के लिए निर्देश दे।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि कहा कि क्या देश में और समस्याएं नहीं हैं, जो हम पुरानी चीजों के पीछे पड़े हुए हैं? इस पर एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने दलील दी कि क्या जगहों और सड़कों का नाम ऐसे लोगों पर होना चाहिए जिन्होंने देश को लूटा? उन्होंने कहा कि सिर्फ गजनी और गोरी के नाम से इतिहास क्यों शुरू होता है? औरंगजेब का भारत से क्या रिश्ता है? हमारे यहां गजनी, गोरी और लोधी के नाम पर सड़के हैं लेकिन पांडव के नाम पर नहीं।
इस पर जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि यह इतिहास का एक तथ्य है, क्या आप इसे खारिज कर सकते हैं? हम पर विदेशी आक्रमणकारियों का शासन रहा है। हम पर कई बार आक्रमण हुए हैं और इतिहास ने अपना हिस्सा लिया है। आप क्या हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं? क्या हमने अपने देश की अन्य समस्याओं के बारे में नहीं सुना? क्या हमें पीछे की बजाय आगे नहीं बढ़ना चाहिए? ऐतिहासिक तथ्य आप कैसे याचिका दायर कर सकते हैं?
जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि तार्किक निहितार्थों को देखें। डाक विभाग और सभी को बदलाव करना होगा। आप अतीत को चुनिंदा रूप से देख रहे हैं। भारत आज एक धर्मनिरपेक्ष देश है। आपका मुद्दा एक विशेष समुदाय पर उठाया जा रहा है, जिसे बर्बर कहा जाता है। क्या आप देश को उबाल में रखना चाहते हैं और आप एक धर्मनिरपेक्ष मंच का निर्देशन करते हैं?
Feb 27 2023, 15:14