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दिल्ली एमसीडी हंगामे के बीच बीजेपी का पोस्टर वार, शैली ओबेरॉय और आतिशी को बताया आप की 'खल-नायिका'

#bjp_poster_war_on_aam_aadmi_party_mayor

दिल्ली एमसीडी के अंदर शुक्रवार को भाजपा और ‘आप’ पार्षदों के बीच मारपीट के शर्मनाक दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।लोग सदन के अंदर इस तरह की ओछी हरकतों को लेकर तरह तरह के सवाल कर रहे हैं। हालांकि इस बात से ना तो बीजेपी को ना ही आप को किसी तरह की शर्म महसूस हो रहा है। तभी तो अपनी इस तरह हरकत के लिए जनता से माफी मांगने की जगह बीजेपी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए पोस्टर के जरिए आप पर हमला बोला है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी और मेयर शैली ओबरॉय को खलनायिका बताते हुए एक पोस्टर जारी किया है।

एमसीडी सदन में शुक्रवार को हुए घटना के बाद अब शनिवार को दिल्ली भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट साझा की है। पोस्टर के जरिए बीजेपी ने मेयर शैली ओबेरॉय, आप विधायक आतिशी और दुर्गेश पाठक पर निशाना साधा है।भाजपा दिल्ली ने इस पोस्टर को शेयर करते हुए लिखा- ‘सदन में मारपीट और तानाशाही करवाने वाली ‘आप’ की ‘खल-नायिका’। 

इस पोस्टर के जरिए बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा है।भाजपा ने एक फिल्म के पोस्टर जैसा व्यंग्यात्मक पोस्ट साझा किया, जिसमें लिखा है- "आप फिल्म्स प्रस्तुत करता है 'अरविंद केजरीवाल की 'खलनायक' 2023 का आश्चर्यजनक नाटक।

मेयर ने बीजेपी पार्षदों पर लगाया जानलेवा हमला करने का आरोप

वहीं नगर निगम सदन में हाथापाई और हंगामे के कुछ घंटों बाद दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने शुक्रवार को बीजेपी के कुछ सदस्यों पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सहयोगी आशु ठाकुर पर भी एक अन्य बीजेपी पार्षद ने हमला किया। आप विधायक आतिशी ने आरोप लगाया कि ठाकुर को उनके दुपट्टे से पकड़कर मंच से घसीटते हुए सदन के एक निकास द्वार तक ले जाया गया

अब 27 फरवरी को होगा स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव

बता दें कि एमसीडी हाउस में शुक्रवार को छह सदस्यीय स्थायी समिति के चुनाव के नतीजों और मेयर शैली ओबेरॉय ने एक वोट को अवैध घोषित करने के बाद भाजपा और आप सदस्यों ने एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की। पार्षदों ने सारी हदें पार करते हुए एक-दूसरे के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए जमकर मारपीट की। इस दौरान कई पार्षदों को गंभीर चोटें आईं। फिलहाल, स्थायी समिति के सदस्यों का पुन: चुनाव 27 फरवरी को होगा।

ये सदन नहीं अखाड़ा है! पहले बोतलें और बैलेट फेंके गए फिर हाथापाई, अब पार्षदों ने एक-दूसरे पर जमकर लात-घूंसे बरसाए

#delhimcdelection

दिल्ली एमसीडी को अखाड़ा या मुक्केबाजी की रिंग कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। पहले मेयर और डिप्पी मेयर के चुनाव को लेकर रार हुआ अब स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में भी बवाल जारी है। इस बार तो स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव के दौरान माननीयों ने सारी मर्यादा लांघ दी। बुधवार की रात के वक्त एमसीडी का जो नजारा दिखा उससे भी एक कदम आगे शुक्रवार को पार्षद बढ़ गए। सदन में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच जमकर लात-घूंसे चले और हाथापाई देखने को मिली। बीजेपी और आप के पार्षदों ने एक-दूसरे पर जमकर लात-घूंसे बरसाए, कपड़े फाड़े। सारा हंगामा मेयर की ओर से एक वोट इनवैलिड घोषित किए जाने के बाद शुरू हुआ।

मेयर शैली ओबरॉय ने एक वोट को अवैध बताया

शुरू करें शुक्रवार की सुबह से तो, मेयर शैली ओबरॉय ने सुबह करीब 11 बजे से स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव शुरू कराया। शाम को करीब तीन बजे तक शांतिपूर्वक चुनाव पूरा हुआ। दस मिनट ब्रेक के बाद मतों की गिनती शुरू हुई। चुनाव आयोग कार्यालय से आए कर्मचारियों और निगम सचिव कार्यालय के कर्मचारियों ने करीब दो घंटे में चुनाव के नतीजे तैयार किए और मेयर के सामने पेश किया। मेयर ने चुनाव के इस नतीजे पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। मेयर शैली ओबरॉय ने कहा कि एक वोट इनवैलिड है, हम अवैध वोट के साथ इन नतीजों को नहीं मानेंगे। इसका भाजपा के पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। पूर्व मेयर और भाजपा की मौजूदा पार्षद कमलजीत शेहरावत ने कहा कि मेयर शैली ओबरॉय को कोई हक नहीं है कि वह चुनाव आयोग और निगम सचिव कार्यालय की ओर से तय किए गए चुनाव के नतीजों को बदलें। लेकिन मेयर अपनी बात पर अड़ी रहीं। 

बीजेपी रीकाउंटिंग का कर रही विरोध

वहीं, बीजेपी का कहना है कि जब इलेक्शन कमीशन के अधिकारियों ने कह दिया की वोट वैलिड है तो फिर दोबारा से रीकाउंटिंग की जरूरत नहीं है। भाजपा के पार्षदों ने कहा कि मेयर जिस मत को अवैध करार दे रही हैं, चुनाव अधिकारियों ने इसे वैध करार दिया है। हम चुनाव अधिकारियों के नतीजों पर अडिग रहेंगे।बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के हाथ से स्टैंडिंग कमेटी निकल रहा है लिहाजा तरह तरह के पैंतरे इस्तेमाल किए जा रहे हैं। बता दें कि स्टैंडिंग कमेटी सभी बड़े आर्थिक और प्रशासनिक फैसले करती है।

इसलिए मचा बवाल

सबसे पहले आप एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों की चुनावी प्रक्रिया समझिए। स्टैंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्यों का चुनाव होना है। सबसे पहले सदन से 6 सदस्य और बाद में 12 जोन से सदस्य चुने जाने हैं। सदन की लड़ाई में आप ने चार उम्मीदवार और बीजेपी ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। हर एक सदस्य को 35 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। बीजेपी के पास कुल 104 पार्षद है लिहाजा तीन उम्मीदवार जिताने के लिए 1 और पार्षद की जरूरत है। अब शुक्रवार को हुआ ये के आप की एक पार्षद बीजेपी में शामिल हो गया और इस तरह से उनके पास तीन उम्मीदवार जिताने के लिए आवश्यक 105 पार्षदों की संख्या पूरी हो गई। लेकिन बवाल तब शुरू हुआ जब मेयर ने मत को अवैध माना। जिसके बाद बवाल मच गया।

शैली ओबेरॉय बोलीं- मेरी कुर्सी खींची और मुझे धक्का दिया 

वहीं मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ सदस्यों ने उन पर जानलेवा हमला किया। मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि परिणाम की घोषणा के समय बीजेपी पार्षदों का एक समूह विशेष रूप से अर्जुन मारवाह, चंदन चौधरी और रवि नेगी अन्य लोगों के साथ मंच पर आए। चंदन चौधरी ने मेरी कुर्सी खींची और मुझे धक्का दिया, जिससे मैं गिर गई। मैं उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने थाने आई थी। मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि भाजपा के पार्षदों ने सारे मतदान के कागज फाड़ दिए और अब स्टैंडिंग कमेटी के चुनावों को फिर से कराने की मेरी जिम्मेदारी बनती है। हमने सदन को 27 फरवरी के लिए स्थगित किया है और उसी दिन फिर से चुनाव होगा।

अमेरिका में इस दवा के असर से जॉम्बी जैसी हरकत कर रहे लोग, कई शहरों में बढ़े मामले

#newzombiedruginamerica

क्या आपने जॉम्बी वाली मूवी देखी है। हॉलीवुड की कई फिल्में है, जिसमें ये देखा गया है कि किसी खतरनाक वायरस की चपेट में आकर लोग जॉम्बी बनते जाते हैं। क्या आप हकीकत में इस तरह की कल्पना कर सकते हैं। अगर नहीं तो आपतो बता दें कि अमेरिका में ऐसा ही हो रहा है। एक नए ड्रग ने अमेरिका के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है।अमेरिका में एक नई ड्रग के इस्तेमाल से लोगों की त्वचा सड़ रही है और वह जॉम्बी जैसे दिख रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों की इस ड्रग के असर से मौत हो रही है। अमेरिका के कई शहरों में इस ड्रग का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे वहां की सरकार चिंतित है। 

इस नए ड्रग का नाम ज़ायलाज़ीन (Xylazine) है। इस ड्रग की वजह से देश के कई शहरों में तबाही मची हुई है। इसे अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिसट्रेशन (एफडीए) ने जानवरों के इलाज के लिए मंजूरी दी थी, लेकिन अब इसे हाल ही में फेनटानिल और दूसरे ड्रेग्ज में भी पाया गया। जायलाजिन पशुओं को बेहोश करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

युवा इस दवा को ड्रग के तौर पर इस्तेमाल कर रहे

अमेरिका के कई शहरों में युवा भी इस दवा को बतौर ड्रग इस्तेमाल कर रहे हैं और इससे उन्हें भी बेहोशी जैसी नींद आना, सांसे धीमी हो जाने की समस्या हो रही है। बार-बार इस ड्रग का इस्तेमाल करने वाले या फिर ज्यादा डोज लेने वाले लोगों की मौत भी हो रही है। साथ ही इस ड्रग के इस्तेमाल से लोगों की त्वचा सड़ रही है और वह जॉम्बी जैसे दिख रहे हैं।

जायलाजीन के प्रभाव

न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक जायलाजीन में नशीले पदार्थों के जैसा प्रभाव होता है जिसे उससे बहुत ज्यादा नींद आती है। यह डिप्रेशन जैसा है। इससे त्वचा पर खुले घाव होने लगते हैं, जो बाद में फैलने लगते हैं। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि एक रिपोर्ट में यह पाया गया कि पूरे देश के शहरों में जायलाज़ीन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। दवा का उपयोग घातीय दरों पर बढ़ रहा है जहां यह गिरता है, जिससे त्वचा के संक्रमण और ओवरडोज़ का प्रकोप होता है। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे पहले ये ड्रग्स फिलाडेल्फिया में पकड़ा गया था। इसके बाद यह सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजेलिस के जरिए देश भर के अलग-अलग शहरों में फैला और इसकी खपत और मांग बढ़ने लगी।

सुप्रीम कोर्ट से महिलाओं को झटका, पीरियड्स लीव की मांग वाली याचिका खारिज

#menstrual_leave_supreme_court_rejected_the_application 

पीरियड्स के दिनों में स्कूल और वर्किंग प्लेस से छुट्टी के संबंध में दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। महिलाओं और छात्राओं के मासिक धर्म के दौरान लीव देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह एक नीतिगत मसला है। इसके लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय को ज्ञापन दिया जाना चाहिए।

दिल्ली निवासी शैलेंद्र मणि त्रिपाठी की ओर से ये जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि महिलाओं को गर्भावस्था के लिए अवकाश मिलता है, लेकिन मासिक धर्म के लिए नहीं। याचिका में मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 14 के अनुपालन के लिए केंद्र और सभी राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई थी। जनहित याचिका में सभी राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान छुट्टी के लिए नियम बनाएं। 

इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सरकारी नीति से संबंधित मामला है, इस तरह के मामले में कोई निर्देश देने का मतलब होगा कि महिलाओं की भर्ती में दिक्कत आएगी।अदालत ने कहा कि बेहतर यह होगा कि याचिकाकर्ता इस संबंध महिला बाल कल्याणा विकास मंत्रालय का दरवाजा खटखटाए। लिहाजा यह याचिका खारिज की जाती है। तीन जजों की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वो उनके विचार और तर्क से सहमत हैं। सवाल यह है कि अगर आप नियोक्ता पर छुट्टी के लिए दबाव बनाएंगे तो महिलाओं को नौकरी देने से नियोक्ता बचेंगे। इसके अलावा यह पॉलिसी से जुड़ा मामला है, लिहाजा अदालत दखल नहीं देगी। पीठ में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल थे।

याचिका में यूनाइटेड किंगडम, चीन, वेल्स, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया जैसे देशों में दिए जाने वाले पीरियड्स लीव का जिक्र किया गया था। कहा गया था कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं और छात्राओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।इस दौरान कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनको पीरियड्स लीव दिए जाने के संबंध में आदेश पारित करना चाहिए।

नेहा सिंह राठौर को नोटिस मिलने पर कुमार विश्वास ने उन्हें उत्सव मनाने की दी सलाह, कहा, आज़म साहब की भैंस ढूंढने में लगी रही महान पुलिस आज तुम तक पहुंची


‘यूपी में का बा’ पार्ट 2 पर यूपी पुलिस द्वारा मिली नोटिस के बाद से लोक गायिका नेहा सिंह राठौर सोशल मीडिया के जरिए कई तरह की बातें कह रही हैं। इस बीच उन्होंने बेरोजगारी को लेकर गाया गया एक गीत शेयर करते हुए यूपी सरकार पर निशाना साधा है। उनके द्वारा साझा किए गए वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स मजे लेते हुए कई तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

गायिका नेहा सिंह राठौर ने शेयर किया वीडियो

गायिका नेहा सिंह राठौर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बेरोजगारी को लेकर गाये गए एक गाने को शेयर किया। इस वीडियो के साथ उन्होंने यूपी पुलिस और यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, अपने इस गीत से मैं बेरोजगार युवाओं को रोजगार की मांग करने के लिए उकसा रही हूं। इससे समाज की शांति भंग हो सकती है, युवा उपद्रव कर सकते हैं। सरकार अगर जरूरी समझे तो इस गीत के लिए भी मुझे नोटिस भेज दे।

लोगों ने यूं ली नाम के एक ट्विटर हैंडल से मजे लते हुए लिखा गया, इससे दंगा भड़क सकता है, जल्द ही आपको नोटिस मिल सकती नाम के एक यूजर द्वारा कमेंट किया गया- बिहार में रोज़गार बुला बुला कर दिया जा रहा नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट आया, बेहतर “लोक कवि” जो “सत्ता” से हमेशा सवाल करती नाम के एक यूजर ने तंज भरे लहजे में कहा- सरकार आपको प्रमोट कर रही है आप टेंशन न नाम एक ट्विटर हैंडल से कमेंट आया कि यहां ससुराल बा, तो ज्यादा चिंता हैं यूपी की, जबकि बेरोजगारी दर यहां 4% से नीचे हैं, बिहार, झारखंड में का बा देखिए कब सुनने को मिलता हैं, शायद 2025 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- वाह क्या बात है, नेहा जी, कला किसी से दबती नहीं है। देश के युवा जब बेरोजगार होंगे तो सरकार जिसको चुना है रोजगार देने के लिए उसी को ही सवाल करेंगे।

कुमार विश्वास ने दिया नेहा सिंह राठौर का साथ

सोशल मीडिया पर नेहा सिंह राठौर ने नोटिस मिलने की जानकारी दी तो लोग खूब कमेंट्स करने लगे। वहीं, कवि कुमार विश्वास ने नेहा सिंह राठौर का साथ देते हुए लिखा था,”उत्सव मनाओ लड़की। जब किसी जनकवि के गीत गाने भर से पुलिस प्रशासन सरकार विचलित होने लगें तो समझो सरस्वती तुम्हारे कंठ में सही शब्द उतार रही हैं। आज़म साहब की भैंस ढूंढने में लगी रही महान पुलिस आज तुम तक पहुंची है। आरती उतारो दारोग़ा जी की हमने भी पंजाब वालों को लस्सी पिलाई थी।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद हर दिन घट रही अडाणी ग्रुप की कुल संपत्ति, शेयरों में भी भारी बिकवाली, पढ़िए, अब कितनी रह गई नेटवर्थ

 कभी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स रहे गौतम अडाणी के बुरे दिन चल रहे हैं। साल 2023 की शुरुआत ही उनके लिए अच्छी नहीं रही। 24 जनवरी, को अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। इसके चलते ग्रुप के सभी शेयर करीब 70 से 80% तक टूट गए। हालांकि, बाद में कुछ रिकवरी आई, लेकिन अभी इस मामले की जांच की वजह से शेयरों में कमजोरी देखी जा रही है।

अब इतनी रह गई अडाणी की नेटवर्थ 

अडाणी ग्रुप के शेयरों में कमजोरी के चलते उनकी दौलत भी आए दिन घट रही है। कभी 135 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के मालिक रहे अडाणी की दौलत अब घटते-घटते 40.1 बिलियन डॉलर रह गई है। स्टॉक मार्केट में अडाणी ग्रुप के सभी शेयर लाल निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब तक अडाणी ग्रुप पर लगाए हेरफेर के आरोप साफ नहीं हो जाते, तब तक शेयरों में कमजोरी बनी रह सकती है।

अमीरों की लिस्ट में अब कहां है अडाणी?

बता दें कि गौतम अडाणी अमीरों की लिस्ट में भी काफी नीचे आ गए हैं। फोर्ब्स की रियलटाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी अब इस लिस्ट में फिसलकर 27वें नंबर पर पहुंच गए हैं। एक ही दिन में उनकी नेटवर्थ में 3.3 बिलियन डॉलर की कमी आई है। गुरुवार को उनकी कुल संपत्ति 43.4 बिलियन डॉलर थी।

टॉप-10 में बने हुए हैं मुकेश अंबानी 

फोर्ब्स की रियलटाइम

 बिलियनेयर्स लिस्ट में भारत से सिर्फ मुकेश अंबानी का नाम ही शामिल है। अंबानी अब भी इस लिस्ट में 8वें नंबर पर काबिज हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 83.8 बिलियन डॉलर है। वहीं, इस सूची में टॉप पर फ्रांस के मशहूर बिजनेसमैन बर्नार्ड अर्नाल्ट हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 211.6 बिलियन डॉलर है। वहीं एलन मस्क 194.1 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर हैं।

अडाणी ग्रुप के शेयरों की कीमत 

 

अडाणी एंटरप्राइजेज 1295

अडाणी पोर्ट्स 547

अडाणी ट्रांसमिशन 712

अडाणी टोटल गैस 751

अडाणी विल्मर 362

अडाणी पावर 146

अडाणी ग्रीन एनर्जी 486

ACC 1711

अंबुजा सीमेंट 342

NDTV 189

पंजाब की हिंसा पर राजनीतिक घमासान शुरू, कांग्रेस व भाजपा के नेताओं ने इसे देश की सुरक्षा के खिलाफ बताया, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, यह बड़े खतरे का संकेत

अमृतसर में अजनाला पुलिस थाने पर कब्जा करने की घटना के बाद आप सरकार को विपक्ष ने घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने इस घटना को देश की सुरक्षा के खिलाफ बताया। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने CM भगवंत मान को गृह मंत्रालय संभालने में असफल बताया है। भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अजनाला की घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

कानून व्यवस्था की स्थिति हुई गंभीर 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इससे पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो गयी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इन घटनाओं में एक विशेष पैटर्न था जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं है। पाकिस्तान ऐसी स्थिति को प्रोत्साहित करने और उसका फायदा उठाने के लिए हमेशा तैयार है।

गुरु ग्रंथ साहिब के ले जाने पर सवाल

कैप्टन ने अमृतपाल सिंह का विरोध करते हुए पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के घटना स्थल पर ले जाने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा गुरु ग्रंथ साहिब को विरोध स्थल पर ले जाने की मंशा ठीक नहीं थी।

पुलिस स्टेशन पर कब्जा खतरनाक घटना

कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने अजनाला में पंजाब पुलिस स्टेशन पर कब्जे की घटना को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना कानून-व्यवस्था की स्थिति के पूर्ण पतन को दर्शाता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP सरकार स्थिति को भांपने में नाकामयाब रही तो भयानक परिणाम होंगे।

उत्तरप्रदेश में भोजपुरी लोकगीत गायिका नेहा सिंह राठौर को पहले पुलिस ने दिया नोटिस अब उनके पति हिमांशु की भी चली गई नौकरी

भोजपुरी लोकगीत गायिका नेहा सिंह राठौर को नोटिस मिलने के बाद उनके पति हिमांशु की भी नौकरी चली गई है। गुरुवार शाम को उन्होंने अपने संस्थान को इस्तीफा सौंप दिया है। बात दें कि हिमांशु एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में राइटर का काम करते थे।

एक मीडिया संस्थान क्विंट हिंदी से बातचीत में नेहा सिंह राठौर के पति हिमांशु ने कहा कि, कुछ निजी कारण था। मैं थोड़ा अनियमित भी था वहां पर। पर जैसे ही नोटिस मुझे यहां पर जारी हुआ, वहां से मुझे बुलाकर रिजाइन मांगा गया।

जब उनसे पूछा गया कि संस्थान द्वारा इस्तीफा मांगने के पीछे क्या वजह बताई गई है। इस सवाल के जवाब में कहा कि, अनियमित रहते हो, अच्छा काम नहीं कर रहे हो टाइप। अपनी जिम्मेदारी नहीं पूरी नहीं कर रहे हो। वही जो सब होता है। हिमांशु ने बताया कि उन्होंने गुरुवार शाम को अपना इस्तीफा दे दिया था।

आज देंगे पुलिस की नोटिस का जवाब

वहीं नेहा सिंह राठौर को मिली नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, नोटिस पर आज जवाब देना है। आज तीसरा दिन है। मैं लखनऊ हाई कोर्ट आया हुआ हूं। आज हम जवाब दे देंगे।

बता दें कि नेहा सिंह राठौर को CrPC की धारा 160 के तहत उनके गाने "यूपी में का बा सीजन- 2" के लिए नोटिस थमाया गया है, जिसमें नेहा ने कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां बेटी की हुई जलकर मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर घेरा है।

नोटिस में नेहा पर 7 बिंदुओं पर सवाल किए गए हैं। नेहा पर यह भी आरोप लगाया गया है उनके गाने की वजह से समाज में वैमनस्यता और तनाव फैला है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, अगर वो देश की जगह व्यापार की सोचते तो बिजनेसमैन एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होते, संन्यासी सबके लिए जीता है

 योग गुरु स्वामी रामदेव ने साहित्य आजतक के मंच से कहा कि अगर वो देश की जगह व्यापार की सोचते तो बिजनेसमैन एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होते। बाबा रामदेव ने कहा कि जो ज्ञान मुझे वेदों, पुराणों, रामायण, महाभारत, भगवद्गीता और पूर्वजों से मिला है, उसमें जो अनुसंधान किया और उसे जमीन पर उतारा। अगर इस इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी को पेटेंट कराता तो मैं एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होता।

बाबा रामदेव ने अपने पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने एक बार कहा था कि स्वामी रामदेव का टाइम टाटा बिडला, अडानी, जुकरबर्ग, एलॉन मस्क, बारेन बफेट और बिल गेट्स से ज्यादा महत्वपूर्ण है। वो अपने लिए जीते हैं, लेकिन संन्यासी सबके लिए जीता है। इसलिए उसका समय, ऊर्जा और ज्ञान वो सबके कल्याण के लिए होता है।

...तो मैं एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होता: योगगुरु

एलॉन मस्क का जिक्र करते हुए योगगुरु ने कहा कि उसने कहा कि ऐसी कार बना दूंगा, आसमान में तुम्हारे लिए जगह आरक्षित कर दूंगा, वो टेक्नोलॉजी की बात करता है, लेकिन जो हमारे पास वेदों, पुराणों, धार्मिक पुस्तकों और पूर्वजों का ज्ञान है, उसमें जो रिसर्च की, उसको भुनाता तो एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर स्वामी रामदेव होता, लेकिन हमने विश्व कल्याण के लिए वो ज्ञान दिया।

गंभीर बीमारी वाले मरीजों को ठीक किया: स्वामी रामदेव

बाबा रामदेव ने इसके दावा किया कि हमने कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को आयुर्वेद के जरिए ठीक कर दिखाया। उन्होंने कहा कि मेडिकल माफिया एक तरफ, दूसरे पॉलिटिकल माफिया, रिलीजियस माफिया, इंटलैक्चुअल माफिया, मैंने कभी मीडिया माफिया नहीं कहा, लेकिन चारों ओर माफियागीरी चल रही है, हम सबके लिए लड़ते हैं. पूरा मेडिकल सिस्टम नहीं कर पाया, लेकिन हमने डंके की चोट पर करके दिखाया। शुगर के मरीज ठीक नहीं हो सकते हैं, हमने ऐसा करके दिखाया। 100-200 यूनिट इंसुलिन लेने वाले को छुड़वाया। हमने बीपी, थॉयराइड, लीवर, किडनी ट्रांसप्लांट से बचाया। हमने कैंसर को एक-दो महीने में ठीक करके दिखाया। पूरी दुनिया योग-आयुर्वेद और सनातन को फॉलो करेगी। जीवन जीने का कोई और दूसरा तरीका नहीं है।

 

साहित्य के साथ हुई छेड़छाड़: रामदेव

इससे पहले स्वामी रामदेव ने कहा कि साहित्य के साथ छेड़छाड़ हुई है। इतिहास की पुनर्लेखन की न सही, लेकिन पुनर्व्याख्या की जरूरत है। जिस तरह से भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। इसमें हमने कुछ संघर्ष झेले हैं। उन्होंने कहा कि हम 200 साल से पढ़ते आ रहे हैं कि भारत 1000 साल तक गुलाम रहा, भारत गुलाम नहीं, संघर्षरत रहा। हमने कभी मुगलों या अंग्रेजों की पराधीनता स्वीकार नहीं की।

खालिस्तान की मांग को बौद्धिक दृष्टिकोण से देखा जाए कि इसके क्या होंगे इसके भू-राजनीतिक लाभ?ये क्या बोला 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल ने

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वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत तूफान को रिहा कर दिया गया है।ये वही लवप्रीत तूफान है, जिसके कारण गुरूवार को पंजाब में जमकर बवाल मचा।गुरुवार 23 फरवरी को हजारों की संख्या में निहंग सिख थाने को घेर रखा था। मांग थी कि अमृतपाल सिंह के समर्थक लवप्रीत तूफान को रिहा किया जाएगा।लेकिन जब पुलिस ने बात नहीं सुनी तो हाथों में तलवार थाने पर धावा बोल दिया।हाथों में हथियार और तलवार लेकर पुलिस थाने पर कब्जा कर लिया।पुलिस पर पथराव किया गया।अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस कर्मचारियों के साथ बुरी तरह मारपीट भी की।

खालिस्तान रहेगा और कोई भी इसे नहीं दबा सकता-अमृतपाल

अपने बवाल के बल पर पुलिस से साथी की रिहाई करने वाले ये वो लोग हैं जो पंजाब में खालिस्तान की मांग को हवा दें रहे हैं। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा कि खालिस्तान के हमारे उद्देश्य को बुराई और वर्जित के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे बौद्धिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए कि इसके भू-राजनीतिक लाभ क्या हो सकते हैं। यह एक विचारधारा है और विचारधारा कभी मरती नहीं है। हम दिल्ली से कुछ नहीं मांग रहे हैं।

‘वारिस पंजाब दे’ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि खालिस्तान रहेगा और कोई भी इसे नहीं दबा सकता। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रवाद को पवित्र ना मानते हुए स्पष्ट किया कि लोकतंत्र का विचार अलग होना चाहिए।

अमित शाह को दी थी धमकी

इससे पहेल पंजाब के 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने गुरुवार को अमृतसर में जमकर हंगामा किया था। अपने साथी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में खालिस्तानी समर्थकों ने थाने के बाहर तलवारें लहराईं, जिसमें छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीधे तौर पर धमकी भी दी और कहा कि अमित शाह ने कहा था कि वह खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ने नहीं देंगे। तो मैंने कहा भी कहा है कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसी ही गलती की थी और अगर आप भी ऐसा ही करेंगे तो आपको भी उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

क्या है मामला ?

17 फरवरी को अमृतपाल सिंह, उसके छह साथियों और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना अजनाला में पुलिस ने वरिंदर सिंह नाम के युवक के बयान पर मामला दर्ज किया था। वरिंदर सिंह ने आरोप लगाया था कि अमृतपाल और उसके साथियों ने उसका अपहरण किया, मारपीट की और उसके ककारों की बेअदबी की। उसकी धन राशि भी लूट ली। इस मामले में पुलिस ने अमृतपाल के साथियों को पकड़ने के लिए छापमारी शुरू कर दी थी। गुरुवार को अमृतपाल ने पंजाब भर के अपने समर्थकों को थाना अजनाला पहुंचने का आह्वान किया था।