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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद हर दिन घट रही अडाणी ग्रुप की कुल संपत्ति, शेयरों में भी भारी बिकवाली, पढ़िए, अब कितनी रह गई नेटवर्थ

 कभी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स रहे गौतम अडाणी के बुरे दिन चल रहे हैं। साल 2023 की शुरुआत ही उनके लिए अच्छी नहीं रही। 24 जनवरी, को अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। इसके चलते ग्रुप के सभी शेयर करीब 70 से 80% तक टूट गए। हालांकि, बाद में कुछ रिकवरी आई, लेकिन अभी इस मामले की जांच की वजह से शेयरों में कमजोरी देखी जा रही है।

अब इतनी रह गई अडाणी की नेटवर्थ 

अडाणी ग्रुप के शेयरों में कमजोरी के चलते उनकी दौलत भी आए दिन घट रही है। कभी 135 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के मालिक रहे अडाणी की दौलत अब घटते-घटते 40.1 बिलियन डॉलर रह गई है। स्टॉक मार्केट में अडाणी ग्रुप के सभी शेयर लाल निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब तक अडाणी ग्रुप पर लगाए हेरफेर के आरोप साफ नहीं हो जाते, तब तक शेयरों में कमजोरी बनी रह सकती है।

अमीरों की लिस्ट में अब कहां है अडाणी?

बता दें कि गौतम अडाणी अमीरों की लिस्ट में भी काफी नीचे आ गए हैं। फोर्ब्स की रियलटाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी अब इस लिस्ट में फिसलकर 27वें नंबर पर पहुंच गए हैं। एक ही दिन में उनकी नेटवर्थ में 3.3 बिलियन डॉलर की कमी आई है। गुरुवार को उनकी कुल संपत्ति 43.4 बिलियन डॉलर थी।

टॉप-10 में बने हुए हैं मुकेश अंबानी 

फोर्ब्स की रियलटाइम

 बिलियनेयर्स लिस्ट में भारत से सिर्फ मुकेश अंबानी का नाम ही शामिल है। अंबानी अब भी इस लिस्ट में 8वें नंबर पर काबिज हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 83.8 बिलियन डॉलर है। वहीं, इस सूची में टॉप पर फ्रांस के मशहूर बिजनेसमैन बर्नार्ड अर्नाल्ट हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 211.6 बिलियन डॉलर है। वहीं एलन मस्क 194.1 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर हैं।

अडाणी ग्रुप के शेयरों की कीमत 

 

अडाणी एंटरप्राइजेज 1295

अडाणी पोर्ट्स 547

अडाणी ट्रांसमिशन 712

अडाणी टोटल गैस 751

अडाणी विल्मर 362

अडाणी पावर 146

अडाणी ग्रीन एनर्जी 486

ACC 1711

अंबुजा सीमेंट 342

NDTV 189

पंजाब की हिंसा पर राजनीतिक घमासान शुरू, कांग्रेस व भाजपा के नेताओं ने इसे देश की सुरक्षा के खिलाफ बताया, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, यह बड़े खतरे का संकेत

अमृतसर में अजनाला पुलिस थाने पर कब्जा करने की घटना के बाद आप सरकार को विपक्ष ने घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने इस घटना को देश की सुरक्षा के खिलाफ बताया। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने CM भगवंत मान को गृह मंत्रालय संभालने में असफल बताया है। भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अजनाला की घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

कानून व्यवस्था की स्थिति हुई गंभीर 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इससे पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो गयी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इन घटनाओं में एक विशेष पैटर्न था जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं है। पाकिस्तान ऐसी स्थिति को प्रोत्साहित करने और उसका फायदा उठाने के लिए हमेशा तैयार है।

गुरु ग्रंथ साहिब के ले जाने पर सवाल

कैप्टन ने अमृतपाल सिंह का विरोध करते हुए पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के घटना स्थल पर ले जाने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा गुरु ग्रंथ साहिब को विरोध स्थल पर ले जाने की मंशा ठीक नहीं थी।

पुलिस स्टेशन पर कब्जा खतरनाक घटना

कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने अजनाला में पंजाब पुलिस स्टेशन पर कब्जे की घटना को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना कानून-व्यवस्था की स्थिति के पूर्ण पतन को दर्शाता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP सरकार स्थिति को भांपने में नाकामयाब रही तो भयानक परिणाम होंगे।

उत्तरप्रदेश में भोजपुरी लोकगीत गायिका नेहा सिंह राठौर को पहले पुलिस ने दिया नोटिस अब उनके पति हिमांशु की भी चली गई नौकरी

भोजपुरी लोकगीत गायिका नेहा सिंह राठौर को नोटिस मिलने के बाद उनके पति हिमांशु की भी नौकरी चली गई है। गुरुवार शाम को उन्होंने अपने संस्थान को इस्तीफा सौंप दिया है। बात दें कि हिमांशु एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में राइटर का काम करते थे।

एक मीडिया संस्थान क्विंट हिंदी से बातचीत में नेहा सिंह राठौर के पति हिमांशु ने कहा कि, कुछ निजी कारण था। मैं थोड़ा अनियमित भी था वहां पर। पर जैसे ही नोटिस मुझे यहां पर जारी हुआ, वहां से मुझे बुलाकर रिजाइन मांगा गया।

जब उनसे पूछा गया कि संस्थान द्वारा इस्तीफा मांगने के पीछे क्या वजह बताई गई है। इस सवाल के जवाब में कहा कि, अनियमित रहते हो, अच्छा काम नहीं कर रहे हो टाइप। अपनी जिम्मेदारी नहीं पूरी नहीं कर रहे हो। वही जो सब होता है। हिमांशु ने बताया कि उन्होंने गुरुवार शाम को अपना इस्तीफा दे दिया था।

आज देंगे पुलिस की नोटिस का जवाब

वहीं नेहा सिंह राठौर को मिली नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, नोटिस पर आज जवाब देना है। आज तीसरा दिन है। मैं लखनऊ हाई कोर्ट आया हुआ हूं। आज हम जवाब दे देंगे।

बता दें कि नेहा सिंह राठौर को CrPC की धारा 160 के तहत उनके गाने "यूपी में का बा सीजन- 2" के लिए नोटिस थमाया गया है, जिसमें नेहा ने कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां बेटी की हुई जलकर मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर घेरा है।

नोटिस में नेहा पर 7 बिंदुओं पर सवाल किए गए हैं। नेहा पर यह भी आरोप लगाया गया है उनके गाने की वजह से समाज में वैमनस्यता और तनाव फैला है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, अगर वो देश की जगह व्यापार की सोचते तो बिजनेसमैन एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होते, संन्यासी सबके लिए जीता है

 योग गुरु स्वामी रामदेव ने साहित्य आजतक के मंच से कहा कि अगर वो देश की जगह व्यापार की सोचते तो बिजनेसमैन एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होते। बाबा रामदेव ने कहा कि जो ज्ञान मुझे वेदों, पुराणों, रामायण, महाभारत, भगवद्गीता और पूर्वजों से मिला है, उसमें जो अनुसंधान किया और उसे जमीन पर उतारा। अगर इस इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी को पेटेंट कराता तो मैं एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होता।

बाबा रामदेव ने अपने पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने एक बार कहा था कि स्वामी रामदेव का टाइम टाटा बिडला, अडानी, जुकरबर्ग, एलॉन मस्क, बारेन बफेट और बिल गेट्स से ज्यादा महत्वपूर्ण है। वो अपने लिए जीते हैं, लेकिन संन्यासी सबके लिए जीता है। इसलिए उसका समय, ऊर्जा और ज्ञान वो सबके कल्याण के लिए होता है।

...तो मैं एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर होता: योगगुरु

एलॉन मस्क का जिक्र करते हुए योगगुरु ने कहा कि उसने कहा कि ऐसी कार बना दूंगा, आसमान में तुम्हारे लिए जगह आरक्षित कर दूंगा, वो टेक्नोलॉजी की बात करता है, लेकिन जो हमारे पास वेदों, पुराणों, धार्मिक पुस्तकों और पूर्वजों का ज्ञान है, उसमें जो रिसर्च की, उसको भुनाता तो एलॉन मस्क से ज्यादा अमीर स्वामी रामदेव होता, लेकिन हमने विश्व कल्याण के लिए वो ज्ञान दिया।

गंभीर बीमारी वाले मरीजों को ठीक किया: स्वामी रामदेव

बाबा रामदेव ने इसके दावा किया कि हमने कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को आयुर्वेद के जरिए ठीक कर दिखाया। उन्होंने कहा कि मेडिकल माफिया एक तरफ, दूसरे पॉलिटिकल माफिया, रिलीजियस माफिया, इंटलैक्चुअल माफिया, मैंने कभी मीडिया माफिया नहीं कहा, लेकिन चारों ओर माफियागीरी चल रही है, हम सबके लिए लड़ते हैं. पूरा मेडिकल सिस्टम नहीं कर पाया, लेकिन हमने डंके की चोट पर करके दिखाया। शुगर के मरीज ठीक नहीं हो सकते हैं, हमने ऐसा करके दिखाया। 100-200 यूनिट इंसुलिन लेने वाले को छुड़वाया। हमने बीपी, थॉयराइड, लीवर, किडनी ट्रांसप्लांट से बचाया। हमने कैंसर को एक-दो महीने में ठीक करके दिखाया। पूरी दुनिया योग-आयुर्वेद और सनातन को फॉलो करेगी। जीवन जीने का कोई और दूसरा तरीका नहीं है।

 

साहित्य के साथ हुई छेड़छाड़: रामदेव

इससे पहले स्वामी रामदेव ने कहा कि साहित्य के साथ छेड़छाड़ हुई है। इतिहास की पुनर्लेखन की न सही, लेकिन पुनर्व्याख्या की जरूरत है। जिस तरह से भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। इसमें हमने कुछ संघर्ष झेले हैं। उन्होंने कहा कि हम 200 साल से पढ़ते आ रहे हैं कि भारत 1000 साल तक गुलाम रहा, भारत गुलाम नहीं, संघर्षरत रहा। हमने कभी मुगलों या अंग्रेजों की पराधीनता स्वीकार नहीं की।

खालिस्तान की मांग को बौद्धिक दृष्टिकोण से देखा जाए कि इसके क्या होंगे इसके भू-राजनीतिक लाभ?ये क्या बोला 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल ने

#khalistanviewnotanevilandtaboosaidamritpal_singh

वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत तूफान को रिहा कर दिया गया है।ये वही लवप्रीत तूफान है, जिसके कारण गुरूवार को पंजाब में जमकर बवाल मचा।गुरुवार 23 फरवरी को हजारों की संख्या में निहंग सिख थाने को घेर रखा था। मांग थी कि अमृतपाल सिंह के समर्थक लवप्रीत तूफान को रिहा किया जाएगा।लेकिन जब पुलिस ने बात नहीं सुनी तो हाथों में तलवार थाने पर धावा बोल दिया।हाथों में हथियार और तलवार लेकर पुलिस थाने पर कब्जा कर लिया।पुलिस पर पथराव किया गया।अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस कर्मचारियों के साथ बुरी तरह मारपीट भी की।

खालिस्तान रहेगा और कोई भी इसे नहीं दबा सकता-अमृतपाल

अपने बवाल के बल पर पुलिस से साथी की रिहाई करने वाले ये वो लोग हैं जो पंजाब में खालिस्तान की मांग को हवा दें रहे हैं। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा कि खालिस्तान के हमारे उद्देश्य को बुराई और वर्जित के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे बौद्धिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए कि इसके भू-राजनीतिक लाभ क्या हो सकते हैं। यह एक विचारधारा है और विचारधारा कभी मरती नहीं है। हम दिल्ली से कुछ नहीं मांग रहे हैं।

‘वारिस पंजाब दे’ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि खालिस्तान रहेगा और कोई भी इसे नहीं दबा सकता। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रवाद को पवित्र ना मानते हुए स्पष्ट किया कि लोकतंत्र का विचार अलग होना चाहिए।

अमित शाह को दी थी धमकी

इससे पहेल पंजाब के 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने गुरुवार को अमृतसर में जमकर हंगामा किया था। अपने साथी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में खालिस्तानी समर्थकों ने थाने के बाहर तलवारें लहराईं, जिसमें छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीधे तौर पर धमकी भी दी और कहा कि अमित शाह ने कहा था कि वह खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ने नहीं देंगे। तो मैंने कहा भी कहा है कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसी ही गलती की थी और अगर आप भी ऐसा ही करेंगे तो आपको भी उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

क्या है मामला ?

17 फरवरी को अमृतपाल सिंह, उसके छह साथियों और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना अजनाला में पुलिस ने वरिंदर सिंह नाम के युवक के बयान पर मामला दर्ज किया था। वरिंदर सिंह ने आरोप लगाया था कि अमृतपाल और उसके साथियों ने उसका अपहरण किया, मारपीट की और उसके ककारों की बेअदबी की। उसकी धन राशि भी लूट ली। इस मामले में पुलिस ने अमृतपाल के साथियों को पकड़ने के लिए छापमारी शुरू कर दी थी। गुरुवार को अमृतपाल ने पंजाब भर के अपने समर्थकों को थाना अजनाला पहुंचने का आह्वान किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मीडिया पर नहीं लगा सकते रोक, अडानी मामले में रिपोर्टिंग पर पाबंदी की मांग वाली याचिका खारिज

#supreme_court_rejects_plea_to_stop_media_covering_adani_case 

सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप को लेकर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें अदालत का फैसला आने तक अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर मीडिया की रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग की गयी थी।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'हम मीडिया को कोई निषेधाज्ञा जारी नहीं करने जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च के धोखाधड़ी के आरोपों से अडानी समूह के शेयरों में जारी गिरावट पर जनहित याचिकाओं के एक बैच पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिकाकर्ताओं में से एक के सुझाव और जनहित याचिकाओं के एक बैच में फोर्ब्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार कर दिया था। 

यही नहीं, कोर्ट ने 17 फरवरी को शेयर बाजार के लिए रेगुलेटरी उपायों को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों के एक प्रस्तावित पैनल पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। 17 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि अदालत अपने दम पर एक समिति नियुक्त करेगी, क्योंकि सरकार के सीलबंद कवर सुझाव को स्वीकार करने से यह आभास हो सकता है कि यह सरकार की तरफ से नियुक्त की गई समिति है। इसलिए कोर्ट ने सीलबंद कवर में दिए गए सुझाव को भी खारिज कर दिया था।

कांग्रेस में नहीं होगा सीडब्ल्यूसी का चुनाव, पार्टी अध्यक्ष को मिलेगा सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार, अधिवेशन के पहले दिन बड़ा फैसला

#congress_decides_no_elections_for_cwc 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां महाअधिवेशन आयोजित किया गया है। अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए देशभर से कांग्रेस के नेता रायपुर पहुंचे हैं।कार्यक्रम की शुरुआत से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। इसमें 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर खास बातें कहीं गई हैं। 

अधिवेशन के पहले दिन पार्टी ने अहम फैसला ले लिया। पार्टी संचालन समिति की बैठक में यह तय किया गया कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के लिए चुनाव नहीं कराया जाएगा। कांग्रेस की ओर से जानकारी दी गई है कि स्टीयरिंग कमेटी में खुलकर बातचीत हुई। सभी सदस्यों ने अपनी बात रखी। सर्वसम्मति से स्टीयरिंग कमेटी ने यह तय किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार दिया जाए।

खड़गे ने की खुलकर अपनी बात रखने की अपील

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाधिवेशन शुरू होने के बाद शुक्रवार को पार्टी की संचालन समिति के सदस्यों से कहा कि वे कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव के संदर्भ में खुलकर अपनी बात रखें और सामूहिक रूप से फैसला करें। उन्होंने कहा, कार्य समिति के चुनाव के संदर्भ में सब खुलकर अपनी बात रखिए और सामूहिक तौर पर फैसला लीजिए, आप सबकी जो राय बनेगी, वो मेरी और सबकी राय होगी।

तीन नेताओं ने की सीडब्ल्यूसी चुनाव करवाने की मांग

जानकारी के मुताबिक संचालन समिति की बैठक में तीन नेताओं ने सीडब्ल्यूसी चुनाव करवाने की मांग की। इसमें दिग्विजय सिंह, अजय माकन और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल रहे। सिंघवी ने कहा कि अभी कोई दिक्कत है तो 2024 लोक सभा चुनाव के बाद सीडब्ल्यूसी चुनाव कराए जाएं।

खरगे ने क्या कहा?

संचालन समिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये अधिवेशन इस लिहाज से खास है कि आज से करीब 100 साल पहले 1924 में महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे। तब यह महाधिवेशन मेरे गृह राज्य कनार्टक में बेलगांव में हुआ था। उन्होंने कम समय में कांग्रेस को गरीब कमजोर तबकों, गांव देहात और नौजवानों को एक साथ जोड़कर एक आंदोलन बना दिया था। 100 साल बाद उसी संकल्प की जरूरत है। ये उनके प्रति हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

खड़गे ने कहा, कांग्रेस के हर महाधिवेशन में कुछ अहम फैसले हुए हैं। जिससे हमारा संगठन आगे बढ़ा। कुछ अधिवेशन मील के पत्थर बने। राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा से देश भर में जो ऊर्जा भरी और महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मुद्दों पर जिस तरह जागरूकता फैलाई है, उस जोश को हमें बनाए रखना है।

बैठक में मोदी सरकार पर निशाना साधा। खरगे ने कहा, महाधिवेशन विधानसभा चुनावों और उसके बाद 2024 के आम चुनाव की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जो एक बड़ी चुनौती भी है और एक बड़ा अवसर भी है। खरगे ने कहा कि आज देश के सामने कई गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं, लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है, संसदीय संस्थाएं भी गंभीर संकट से जूझ रही हैं।

तिरुवनंतपुरम में एअर इंडिया फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, 182 यात्री थे सवार

#air_india_express_flight_from_calicut_to_dammam_emergency_landing

केरल के कालीकट से सऊदी अरब के दम्मन जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट को तकनीकी खराबी की वजह से डायवर्ट कर दिया गया। फ्लाइट को डायवर्ट किए जाने के बाद तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे पर सुरक्षित लैंडिंग कराई गई।बताया जा रहा है कि कलीकट से दम्माम जा रही एक फ्लाइट को हाइड्रॉलिक फेल होने की वजह से तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट डायवर्ट किया गया, जिसके बाद यहां आपातकाल का एलान कर दिया गया।

विमान में कुल 182 यात्री सवार थे और सभी के सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं।तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि एटीसी के जरिए सूचना मिलने के बाद विमान के आपात लैंडिंग की पूरी तैयारी कर ली गई थी। विमान सुरक्षित तरीके से लैंड किया। उन्होंने कहा कि सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर उड़ान भरने के बाद विमान के पिछले हिस्से में कुछ दिक्कतें आईं थी जिसकी वजह से विमान का हाइड्रोलिक गियर क्षतिग्रस्त हो गया।

एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि कोझिकोड से उड़ान भरने के करीब डेढ़ घंटे बाद विमान की तिरुवनंतपुरम में इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। यात्रियों को दम्माम ले जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही रोका गया है। हादसे को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

*दिल्ली एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के लिए चुनाव जारी, मतदान से पहले बड़ा “खेला”, आप पार्षद बीजेपी में शामिल*

#mcddelhiaapcouncillorpawansehrawatjoins_bjp

दिल्ली एमसीडी में स्थाई समिति के सदस्यों के लिए चुनाव हो रहा है। इससे ठीक पहले हो गया बड़ा खेला हो गया है।दिल्ली नगर निगम में बवाना से पार्षद पवन सेहरासत आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए बीजेपी में शामिल हो गए हैं।उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आप को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने का एलान किया।

आप पर पवन सहरावत ने लगाए बड़े आरोप

आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए पार्षद पवन सहरावत ने बड़ा आरोप लगाया है। सहरावत ने कहा कि आम आदमी पार्टी में हो रहे भ्रष्टाचार की वजह से मैंने पार्टी छोड़ी है।उन्होंने, कहा कि आम आदमी पार्टी में सदन में हंगामा करने को दबाव बनाया जाता रहा है। मेयर डिप्टी और मेयर चुनाव के बाद उनके इशारे पर पार्षदों को हंगामा करने को कहा गया था, जिसकी वजह से मैंने पार्टी छोड़ी है और भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।उन्होंने कहा कि कल सदन में हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है।

केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार देखकर दम घुटने लगा है- सहरावत

पवन सहरावत ने कहा, अरविंद केजरीवाल की सरकार में जो भ्रष्टाचार होते रहे हैं उन्हें देखकर हमारा इस पार्टी में दम घुटने लगा है। चुनाव होने के बाद हमारे ऊपर पूरा दबाव बना रहा कि आप पूरे हाउस में हंगामा मचा कर रखो ताकि अभी चुनाव नहीं हों। मेयर तो हमारा ही बनना है आप पूरा हल्ला मचा कर रखो।

बीजेपी ने किया सहरावत का स्वागत

इधर बीजेपी दिल्ली ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “केजरीवाल को लगा बड़ा झटका, आप की गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार से परेशान, बवाना वार्ड-30 से आम आदमी पार्टी के पार्षद श्री पवन सहरावत ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, बवाना के पूर्व आप पार्षद पवन सहरावत ने कहा कि वह आप की गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं।

रूस-यूक्रेन के बीच एक साल से जारी है जंग, क्यों युद्ध खत्म नहीं कर रहे पुतिन?

#russia_ukraine_war_completes_one_year

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को आज एक साल पूरा हो गया। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल कर जंग की शुरूआत की थी। उस वक्त दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने दावा किया कि रूस चंद दिनों में यूक्रेन पर कब्जा कर लेगा। कईयों ने तो यहां तक कहा कि इसमें मुश्किल से 24 से 48 घंटे का समय लगेगा। लेकिन किसे पता था यूक्रेन, महाशक्तिशाली रूस का एक साल तक सामना कर लेगा।

न तो रूस जीता न ही यूक्रेन ने हार मानी

अब जंग दूसरे साल में प्रवेश कर चुकी है। इसके बावजूद न तो रूस युद्ध जीत पाया और न ही यूक्रेन ने हार मानी। ना ही अभी तक दोनों देशों के बीच किसी भी मुद्दे को लेकर सहमति नहीं बनी है। ऐसे में कह सकते हैं कि जंग अभी लंबा खिंच सकता है। अब सवाल ये है कि रूस के मुकाबले में कहीं भी नहीं आने वाले यूक्रेन के लिए युद्ध को जारी रखना कैसे संभव हो रहा है? 

यूक्रेन के लिए रूस का सामना करना कैसे हुआ आसान?

तो जान लें कि इस युद्ध में अमेरिका समेत दुनिया के कई बड़े देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद के लिए पश्चिमी देश आगे आए। युद्ध के पहले महीने से ही तुर्की को छोड़ नाटो के हर एक देश ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई किए हैं। तुर्की ने युद्ध की शुरुआत के पहले ही यूक्रेन को अपना बायरकटार टीबी-2 ड्रोन बेचा था। इस ड्र्रोन ने रूस को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, लिथुआनिया, लातविया और नॉर्वे ने यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार दिए हैं। अमेरिका ने तो यूक्रेनी सैनिकों को अपने कई वेपन सिस्टम चलाने की ट्रेनिंग भी मुहैया करवाई है। इन्हीं हथियारों के दम पर यूक्रेनी सेना ने रूस को करारी चोट पहुंचाई है।

यूक्रेन पर कब्जा क्यों नहीं कर रहा रूस?

रूस ने भले ही इस युद्ध में काफी नुकसान झेला है, लेकिन वो इतना भी कमजोर नहीं हुआ है कि यूक्रेन पर जीत ना हासिल कर सके। ऐसे में अब सवाल ये बन रहा है कि बीते एक साल से चले रहे युद्ध के बाद भी रूस अपने मंसूबों में सफल नहीं हो सका। दरअसल, रूस का लक्ष्य यूक्रेन पर पूर्ण रूप से कब्जे की है ही नहीं। यूक्रेन पर हमले की शुरूआत करते वक्त ही पुतिन ने साफ शब्दों में कहा था कि उनका लक्ष्य यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस, यूक्रेन से नाजीवादी ताकतों को उखाड़ फेकेंगा और खुद की रक्षा करेगा। रूस का लक्ष्य डोनबास क्षेत्र से यूक्रेनी सेना को खदेड़ना और यूक्रेन में सत्ता परिवर्तन करना है। 

हाथियारों के साथ दिमाग से भी जंग लड़ रहे पुतिन

रूस चाहे तो यूक्रेन के खिलाफ अपनी वायु सेना, थल सेना या नौसेना की पूरी ताकत का इस्तेमाल कर जंग को नतीजों तक पहुंचा सकता है। रूस के पास ऐसी-ऐसी परमाणु मिसाइलें हैं, जो सेंकेंड में युद्ध को खत्म कर सकती हैं। इतना ही नहीं, रूस गैर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर यूक्रेन के शीर्ष नेतृत्व को मार सकता है। इसके बावजूद रूस ऐसा कोई कदम नहीं उठा रहा। जानकारों का मानना है कि पुतिन की चाल यूक्रेन युद्ध की आड़ में नाटो देशों को बर्बाद करने की है। पुतिन नहीं चाहते कि रूस-यूक्रेन युद्ध जल्द से जल्द खत्म हो जाए। ऐसे में वह युद्ध को लंबा खींचने के लिए सैन्य कार्रवाईयों को काफी धीमी रफ्तार से अंजाम दिलवा रहे हैं। पुतिन की चाहत है कि पश्चिमी देश लंबे समय तक यूक्रेन युद्ध में उलझे रहें और अपने संसाधनों का इस्तेमाल करें। इससे इन देशों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा। रूस-यूक्रेन युद्ध से तेल और गैस के दाम में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसका सबसे बड़ा नुकसान यूरोपीय देशों और गरीब विकसित देशों को हुआ है। ऐसे में रूस ओपेक प्लस देशों के साथ मिलकर तेल के उत्पादन को न बढ़ाने का फैसला किया है।