पार्टी को जोड़ने में असफल होती कांग्रेस, अब देश के पहले गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के परपोते सीआर केसवन का इस्तीफा
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में “भारत जोड़ो यात्रा” संपन्न की है। राहुल गांधी ही नहीं पूरी पार्टी इस यात्रा के बाद से काफी उत्साहित दिख रही है। हालांकिस पार्टी में टूट का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वो अब भी नहीं थमा है। कांग्रेस अपनों को डो कर रख पाने में फेल होती दिख रही है। दरअसल, अब भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के परपोते सीआर केसवन ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित करते हुए अपना त्यागपत्र ट्विटर पर शेयर किया।
सीआर केसवन ने क्यों छोड़ी कांग्रेस?
सीआर केसवन ने अपनी चिट्टी में लिखा कहा कि वह अब खुद को पार्टी से नहीं जोड़ पा रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया और भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने से भी परहेज किया। केसवन ने लिखा, 'मुझे यह कहते हुए वास्तव में दुख हो रहा है कि पिछले कुछ समय से मुझे पार्टी में वे नैतिक मूल्य नजर नहीं आ रहे, जिन्होंने मुझे पार्टी के लिए समर्पण के साथ दो दशकों से काम करने के लिए प्रेरित किया था। मैं अब यह नहीं कह सकता कि मैं पार्टी की किस बात से सहमत हूं। यही कारण है कि मैंने कोई बड़ी जिम्मेदारी भी नहीं ली।
किसी पार्टी से बातचीत से किया इनकार
उन्होंने लिखा कि मेरे लिए एक नया रास्ता तय करने का समय है और इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मैंने तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में अपना इस्तीफा भी उपयुक्त प्राधिकारी को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे किसी और पार्टी में जाने की अटकलें होंगी लेकिन मैंने किसी से बात नहीं की है और ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा। मैं एक राजनीतिक मंच के माध्यम से अपने देश की सेवा करने के लिए नेकनीयती से प्रयास करूंगा, यह एक ऐसा मंच होगा जहां मैं सार्वजनिक जीवन की अखंडता और आदर्शों को दृढ़ता से बनाए रख सकता हूं।
कहा-जो दोस्ती कायम की है जो बनी रहेगी
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को संबोधित करते हुए अपने इस्तीफे में सीआर केसवन ने लिखा है कि विदेश में सफल कैरियर को पीछे छोड़कर मैं अपने देश की सेवा करने के लिए भारत लौटा था। इसके बाद पार्टी की विचारधारा को देखते हुए मैंनें 2001 में कांग्रेस में शामिल हो गया। इसके बाद की यात्रा चुनौतीपूर्ण और आकर्षक थी। मुझे श्रीपेरंबुदूर में राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान के उपाध्यक्ष [राज्य मंत्री के पद पर], प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य, भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और राष्ट्रीय मीडिया के रूप में सेवा करने का अवसर मिला।सरकार और संगठन में वर्षों से मुझे सौंपी गई सभी जिम्मेदारियों के लिए मैं ईमानदारी से पार्टी और सोनिया गांधी को धन्यवाद देता हूं। मैंने यहां दोस्ती कायम की है जो बनी रहेगी।
Feb 23 2023, 11:37