भारत में बीबीसी दफ्तरों पर आईटी सर्वे को लेकर ब्रिटिश सांसदों ने उठाए सवाल, सरकार ने कहा साथ खड़े हैं
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ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन(बीबीसी) के भारतीय ऑफिस में आयकर विभाग के सर्वे का मामला ब्रिटिश संसद में उठा। यूके सरकार में मंत्री डेविड रटली से जब संसद में विपक्षी सांसदों ने आईटी सर्वे को लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि हम बीबीसी के लिए खड़े हैं। हम इसे फंड देते हैं। हम अपने सहयोगियों, भारत सरकार सहित दुनिया भर में अपने दोस्तों के साथ इसके महत्व को लेकर संवाद करने में सक्षम होना चाहते हैं।
बता दें कि 14 फ़रवरी को बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ़्तरों में आयकर विभाग ने सर्वे शुरू किया था, जो तीन दिनों चला था। ब्रिटेन की सरकार की ओर से अब तक इस मामले में किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इस मामले में लेबर पार्टी के नेता फ़ैबियन हेमिल्टन ने भारत सरकार की इस कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, पिछले हफ़्ते बीबीसी के भारत स्थित दफ़्तरों पर छापा मारा जाना काफ़ी चिंताजनक है, चाहे इसकी आधिकारिक वजह कुछ भी बताई जाए। बीबीसी दुनिया भर में अपनी उच्च गुणवत्ता वाली भरोसेमंद रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है और उसे बिना किसी भय के रिपोर्टिंग करने की आज़ादी होनी चाहिए।
वहीं डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) के सांसद जिम शैनन ने कहा, हमें इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि ये एक धमकाने वाली कार्रवाई थी, जिसे देश के नेता के प्रति आलोचनात्मक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ होने के बाद अंजाम दिया गया है। शैनन ने कहा, क्या मंत्री मुझे और इस सदन को बता सकते हैं कि सरकार इस मामले में भारतीय उच्चायोग को समन करने वाली है या वो अपने समकक्ष के समक्ष ये मुद्दा उठाएँगे?
विपक्षी दलों के सांसदों की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद ब्रितानी सरकार में मंत्री डेविड रटली ने अपनी सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने पहली बार जानकारी दी कि ब्रितानी मंत्रियों ने इस बारे में अपने भारतीय समकक्षों से बात की है।उन्होंने कहा, इस मामले को उठाया गया है और हम लगातार इस मामले पर नज़र रखे हुए हैं।
पिछले हफ्ते बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों में आयकर विभाग का सर्वे लगातार तीन दिन चला था। रिपोर्ट्स के मुताबिक छापेमारी के दौरान आईटी डिपॉर्टमेंट के अधिकारियों ने टैक्सेशन और कंपनी के स्ट्रक्चर जैसे फाइनेंशियल पहलुओं से जुड़े आंकड़े जुटाए थे।
बता दें कि बीबीसी ने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया था, जिसके कुछ हफ़्ते बाद नई दिल्ली और मुंबई स्थित दफ़्तरों की तलाशी ली गई। यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर थी। उस समय भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस डॉक्यूमेंट्री में कई लोगों ने गुजरात दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए थे। केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगैंडा और औपनिवेशिक मानसिकता के साथ भारत-विरोधी बताते हुए भारत में बैन कर दिया था।
Feb 22 2023, 20:54