*एस जयशंकर पर टीएमसी सांसद का जोरदार हमला, पिता के बयान का जिक्र कर पूछा- क्या विदेश मंत्री को भूलने की बीमारी है?
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विदेश मंत्री एस जयशंकर के हाल में दिए इंटरव्यू पर विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने तीखा पलटवार किया है। टीएमसी सांसद और पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार ने सवाल किया है कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर को भूलने की बीमारी है? ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने जब उन्हें नौकरशाह से मंत्री बनाया तो वो खुश करने में जुटे हुए हैं। जवाहर सरकार ने गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री के खिलाफ जयशंकर की टिप्पणी के जवाब में पलटवार किया है।
टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के पिता के बयान का उल्लेख करते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया है। ट्विटर पर जवाहर सरकार ने लिखा, एस जयशंकर के पिता के सुब्रमण्यम ने कहा था कि गुजरात (2002 के दंगे) में धर्म की हत्या कर दी गई थी। जो निर्दोष नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहे वे अधर्म के दोषी हैं। राम… गुजरात के ‘असुर’ शासकों के खिलाफ अपने धनुष का इस्तेमाल करते। असुर की सेवा करता देख बेटे पर शर्म आती है।
दरअसल, हाल ही में एएनआई से बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री की आलोचना करते हुए कहा है कि इसे रिलीज किए जाने की टाइमिंग एक्सिडेंटल यानी संयोग नहीं है, बल्कि यह दूसरे तरीकों से की जा रही राजनीति है। न्यूज एजेंसी एएनआई से इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया कि उनके पिता डॉ के सुब्रह्मण्यम को 1980 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने सचिव, रक्षा उत्पादन के पद से हटा दिया गया था और राजीव गांधी की अवधि के दौरान उन्हें कैबिनेट सचिव के पद से हटा दिया गया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस इंटरव्यू पर निशाना साधते हुए टीएमसी सांसद ने कहा कि जयशंकर भूलने की बीमारी से पीड़ित थे। जवाहर सरकार ने कहा कि अजीब बात है कि जयशंकर ने कांग्रेस के शासन में ईमानदार रहकर काम किया और बढ़िया जगह पर पोस्टिंग का फायदा उठाया लेकिन अब उनके मन में गांधी परिवार के लिए आक्रोश आ गया है? क्या यह भूलने की बीमारी है या वह विदेश मंत्री के रूप में अपने अभूतपूर्व प्रचार के लिए सिर्फ भाजपा को गले लगा रहे हैं?
एएनआई से बातचीत में डॉ एस जयशंकर ने कहा था कि उन्होंने बीजेपी इसलिए ज्वाइन किया क्योंकि वही एक ऐसी पार्टी है जो भारत के उत्थान और प्रगति के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा था कि विरोध की राजनीति करने में हर्जा नहीं है। लेकिन सवाल यह है कि आप के इस तरह के विरोध से किसका फायदा हो रहा है। कांग्रेस पार्टी बुनियादी तौर पर सवाल उठाए। हालांकि असल मुद्दा तो यह है कि अपने शासन काल में जितनी गल्तियां उनकी तरफ से की गई थी क्या वो उसकी बात करते हैं। कांग्रेस का यही दोहरा चरित्र लोगों को रास नहीं आता है
Feb 22 2023, 19:14