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विलुप्त प्रजाति उल्लू मलिहाबाद रेंज के घने जंगल में पाया गया


संतोष सिंह

मलिहाबाद/लखनऊ। राजधानी से चंद दूरी पर स्थित मलिहाबाद वन विभाग रेंज अंतर्गत घने जंगल मे मंगलवार को करीब 25 वर्षीय बड़े आकार का उल्लू पाया गया। जबकि अब उल्लू प्रजातियों को देखना भी दूभर हो गया है और एक प्रकार से उल्लू प्रजाति विलुप्त सी हो गई है ।

इस विलुप्त प्रजाति के उल्लू को जनपद लखनऊ रेंज के मलिहाबाद में तैनात वन दरोगा देवेश परांजपे व गुड्डू माली,सनेही एवम उनकी टीम की मलिहाबाद रेंज में सुरक्षित रखने के लिए लगातार अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं और इस 25 वर्षीय उल्लू को उच्च अधिकारियों के अनुसार सुरक्षित स्थान पर संरक्षित किया जाएगा। जिससे विलुप्त प्रजाति उल्लू की देखभाल अच्छे से हो सके इस खास उपलब्धि पर रेंजर मलिहाबाद एस के गुप्ता अधिकारियो से विचार विमर्श किया है।

*टिक्की में डायजीपाम मिलाकर खिलाने वाले आरोपितों को पारा पुलिस ने दबोचा*


लखनऊ। पारा पुलिस ने नशीला पदार्थ खिलाकर पिकप डाला चोरी करके बेचने के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पिकप डाला बेचकर बचे हुए रुपए भी बरामद हुए।

पारा इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह के मुताबिक बीते 19 जनवरी को डाक्टरखेड़ा निवासी राकेश उर्फ भोला का पिकप डाला उन्नाव माखी रायपुर गढ़ी निवासी रामकुमार सिंह बुद्धेश्वर से उन्नाव के लिए पिकप डाला (यूपी32 एलएन 4713) बुक कराया और रास्ते में उन्नाव फरहतपुर मण्डी के पास रामकुमार ने टिक्की में डायजीपाम मिलाकर खिला दिया था। जिससे राकेश बेहोश हो गया था और रामकुमार ने रास्ते में परियर चैकी के पास छोड़ कर पिकप डाला, जरूरी कागजात व जेब में रखे 15 सौ रूपए लेकर भाग गया था।

घटना को लेकर राकेश उर्फ भोला ने रामकुमार सिंह के खिलाफ पारा थाना में मामला दर्ज कराया था। मामले की छानबीन की जा रही थी। छानबीन के दौरान रामकुमार व मलिहाबाद गढ़ी खंजर खाॅ निवासी मुलायम यादव को गिरफ्तार किया गया। जबकि उनका तीसरा साथी हरदोई कछौना निवासी सौरभ राठौर उर्फ बऊवा अभी भी फरार है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई है। वहीं दोनों के पास से पिकप डाला को बेचकर बचे हुए 3450 रुपए भी मिला।

*योगी राज में हर हाथ को हुनर का सपना हो रहा साकार*


लखनऊ। योगी सरकार एक तरफ प्रदेश में बड़े पैमाने पर उद्योग-धंधे स्थापित करने के प्रयास में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ युवाओं के हुनर को निखार कर स्किल्ड मैनपॉवर के रूप में भी तैयार किया जा रहा है। साथ ही स्टार्टअप्स के लिए भी युवाओं को सामर्थ्यवान बनाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष फोकस है। हर हाथ को हुनर प्रदान करने का संकल्प धरातल पर उतरता दिखाई देने लगा है। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 से पहले ही लाखों करोड़ के निवेश प्रस्तावों से योगी सरकार उत्साहित है। सरकार का ध्यान अब इस बात पर भी है कि आने वाले समय में जब प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित हों तब प्रदेश में स्किल्ड मैनपॉवर की कोई कमी ना हो।

युवाओं को किया जा रहा दक्ष

योगी शासन के बीते करीब 6 साल में उत्तर प्रदेश में कौशल विकास मिशन के अंतर्गत अब तक 16.50 लाख युवाओं को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षित किया जा चुका है। रोजगार मेलों के माध्यम से अब तक 2.61 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली योगी सरकार ने इस दौरान 4.62 लाख से ज्यादा युवाओं को बाकायदा हुनरमंद बनाते हुए रोजगार उपलब्ध कराया है। यही नहीं इंडस्ट्री के हिसाब से ट्रेन्ड मैनपॉवर तैयार करने के लिए युवाओं को विभिन्न कंपनियों में प्रशिक्षण दिलाने का कार्य भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदेश में अब तक 38 हजार से अधिक युवाओं को उद्योगों और प्रतिष्ठानों से जोड़कर प्रशिक्षित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट मंशा है कि युवाओं को ना सिर्फ भारत की इंडस्ट्रीज के हिसाब से तैयार किया जाए, बल्कि गल्फ, यूरोप और अमेरिका आदि कंपनियों के ट्रेड के मुताबिक भी उन्हें ट्रेन्ड किया जाए। साथ ही साथ युवा मैनपॉवर विदेशी भाषाओं को भी सीख सकें, इसके लिए कौशल विकास विभाग की ओर से कार्य किये जा रहे हैं।

आईटीआई को किया जा रहा अपग्रेड

योगी सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में 38 नवीन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं (आईटीआई) की स्थापना से हर हाथ को हुनर प्रदान करने का मुख्यमंत्री का संकल्प तेजी से पूरा होता दिख रहा है। यही नहीं प्रदेश के 150 आईटीआई को अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस करने और प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए टाटा के सहयोग से अपग्रेड करने का कार्य भी चल रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश के कारागार बंदियों, महिला संवासिनियों और किशोर सुधार गृह के किशोरों को भी सरकार जुर्म-जरायम की दुनिया से निकालकर हुनरमंद बना रही है।

कुशल कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके इसके लिए सेवामित्र पोर्टल के जरिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का कार्य भी जारी है, जिसमे अबतक 32 हजार से ज्यादा स्किल्ड वर्कर्स को रजिस्टर्ड किया जा चुका है।

स्वरोजगार से जुड़ रहे यूपी के युवा

युवाओं को हुनरमंद बनाने के साथ ही उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। यही वजह है कि स्किल प्राप्त करने और इंडस्ट्री ट्रेनिंग मिलने के बाद ज्यादातर हुनरमंद अपना खुद का रोजगार स्थापित करने लगे हैं। सरकार की ओर से ऋण प्रवाह अभियान के तहत वितरित की गई 37 हजार करोड़ की धनराशि का भी स्वरोजगार को बढ़ावा देने में अहम योगदान है। साथ ही प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 6,66,225 स्किल्ड वर्कर्स को रजिस्टर्ड किया जा चुका है। इसके अलावा रोजगार संगम योजना के अंतर्गत अबतक 22 हजार से भी ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित करने का पूरा हो चुका है।

*डाक विभाग आज से देशभर में सुकन्या समृद्धि योजना खाते के लिए शुरू किया अभियान*

लखनऊ । डाक विभाग ने आज से बेटियों का खाता खुलवाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना अभियान चलाने की घोषणा की है ‌। दो दिवसीय इस अभियान में पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महत्वाकांक्षी योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के तहत बेटियों के सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाते खोले जाएंगे । आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत डाक विभाग द्वारा प्रगति मैदान, नई दिल्ली में राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी 'अमृतपेक्स' का आयोजन 11 से 15 फरवरी तक किया जायेगा। यह जानकारी उत्तर प्रदेश डाक परिमंडल वाराणसी परिक्षेत्र पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव दी ।

दस फरवरी तक खाता खोलने का चलेगा अभियान

उन्होंने बताया कि इस अवसर को यादगार बनाने हेतु 'अमृतपेक्स प्लस' के तहत बालिकाओं के सशक्तिकरण के क्रम में 9 और 10 फरवरी को सुकन्या समृद्धि खाता खोलने का अभियान चलाया जायेगा और आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ के मद्देनजर देश भर में 7.5 लाख बालिकाओं के खाते डाकघरों में खोले जायेंगे। पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 90 हजार और वाराणसी परिक्षेत्र में 9 हजार बेटियों का खाता खोलने का लक्ष्य दिया गया है। लोग नजदीकी डाकघरों में जाकर अपने बेटियों का सुकन्या खाता खुलवा सकते हैं, वहीं डाक विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर शिविरों का भी आयोजन किया जायेगा।

खाता खोलने की तिथि से 15 साल तक ही राशि जमा होती है

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि 10 साल तक की बालिकाओं का मात्र ₹ 250 से डाकघर में खुलने वाला सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुड़ा हुआ है। इसमें ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है। खाता खोलने की तिथि से 15 साल तक ही राशि जमा होती है। बालिका के 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने अथवा 10वीं कक्षा पास कर लेने के बाद जमा राशि का 50 प्रतिशत निकाला जा सकता है। खाते की परिपक्वता अवधि खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष है, तथापि बालिका द्वारा 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद विवाह के समय बंद किया जा सकता है। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बालिकाओं के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी।

15 साल तक मात्र 1 लाख 80 हजार रूपये जमा करने होंगे

बेटी के जन्म पर उसके नाम मासिक 1000 रूपये से सुकन्या समृद्धि खाता खोलने पर 15 साल तक मात्र 1 लाख 80 हजार रूपये जमा करने होंगे। 21 वर्ष की आयु में खाता परिपक्व होने पर बेटी को 5 लाख 10 हजार रूपये मिलेंगे यानी 3 लाख 30 हजार रूपये ब्याज के रूप में प्राप्त होंगे। श्री यादव ने बताया कि खाता खुलवाने के लिए बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, अभिभावक के पते और पहचान का प्रमाण पत्र और अभिभावक की दो फोटो की आवश्यकता होती है। इस खाते में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम राशि 1.50 लाख तक का निवेश किया जा सकता है और जमा धनराशि व अर्जित ब्याज पर आयकर छूट भी है।

*प्रदेश में ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगभग आधा दर्जन जिलों से भूमि उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश*


लखनऊ। प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के आस-पास पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुलभ कराने के उद्देश्य से पीलीभीत, बिजनौर, बलिया, बराइच जनपदों में चिन्हित भूमि के प्रस्ताव शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिये गये हैं।

ईको-टूरिज्म के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए राज्य सरकार इस पर विशेष फोकस कर रही है। इसके लिए ईको-टूरिज्म बोर्ड का गठन करते हुए लगभग 18 विभाग कार्य कर रहे हैं।

यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि कोरोना कालखण्ड के बाद प्रदेश में ईको-पर्यटन की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण स्थल चिहिन्त किये गये हैं। इन स्थलों को वन विभाग तथा अन्य विभागों के सहयोग से विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इन चर्चित पर्यटन स्थलों के समीप निर्माण कार्य के अलावा बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सम्बंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित कराया गया है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि जिले पीलीभीत में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास 5 से 10 एकड़ भूमि का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कराया गया है। इसी प्रकार अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के पास 5 से 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव जिलाधिकारी बिजनौर को दिसम्बर, 2022 में भेजा गया है।

इसी प्रकार कतरनियाघाट वन्य जीव बिहार के निकट 10 से 15 एकड़ भूमि के प्रस्ताव के लिए कहा गया है। सुराहाताल जनपद बलिया से भी 10 से 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव के लिए जिलाधिकारी को 28 दिसम्बर, 2022 को पत्र भेजा गया है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि जनपद महाराजगंज से 15 एकड़ गैर कृषि सीलिंग की भूमि उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। इसी तरह रानीपुर टाइगर रिजर्व के निकट 91.103 हे0 भूमि विभिन्न ग्रामों में चिन्हित की गयी है।

श्री सिंह ने बताया कि जनपद लखीमपुर खीरी दुधवा नेशनल पार्क के निकट 14 हेक्टेयर भूमि क्रय के लिए प्रस्तावित की गयी है। इस भूमि के निरीक्षण की कार्यवाही की जानी है। इसके अतिरिक्त जनपद लखीमपुर खीरी में शारदा बैराज के निकट सिंचाई विभाग की भूमि ईको-टूरिज्म के लिए हस्तांतरित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

*बाइक सवार ने स्कूटी सवार को मारी टक्कर, बाइक सवार की मौत, स्कूटी सवार घायल*


लखनऊ। तालकटोरा के राजाजीपुरम ई ब्लाक मिनी स्टेडियम मोड़ के पास बीती देर रात तेज रफ्तार बाइक सवार अनियंत्रित हो गया और स्कूटी में टक्कर मार दी। टक्कर लगने से स्कूटी के परखच्चे उड़ गए और स्कूटी सवार गंभीर रूप से घायल हो गया। जबकि बाइक सवार युवक की मौके पर मौत हो गई। मौके पर पहॅुची पुुलिस ने घायल स्कूटी सवार को ट्रामासेंटर भिजवाया। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

बाजारखाला के अम्बेडकर नगर भरतपुरी निवासी हरिष्चन्द्र का 18 वर्षीय बेट जय बीती देर रात ठाकुरगंज अमनबिहार अपनी बुआ रानी के घर से तेजी से बाईक चलाकर वापस घर लौट रहा था। रास्ते में राजाजीपुरम ई ब्लाक मिनीस्टेडियम मोड़ के पास बाईक अनियंत्रित हो गई और सामने स्कूटी से जा रहे सपना कालोनी निवासी 36 वर्षीय आषीष अरोड़ा की स्कूटी में टक्कर मार दी।

टक्कर लगने से स्कूटी के परखच्चे उड़ गए और स्कूटी सवार आषीष अरोड़ा लहुलूहान होकर गंभीर रूप से घायल हो गया। जबकि बाईक सवार जय की मौके पर मौत हो गई। वहीं मौके पर पहुॅची पुलिस ने घायल आशीष अरोड़ा को इलाज के लिए ट्रामासेंटर भिजवाया। जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

मृतक जय तालकटोरा इण्डस्ट्रीयल एरिया में इण्डोगाइडेस राइट कम्पनी में नौकरी करता था। मृतक जय के परिवार में पिता हरिष्चन्द्र, मां कमला, भाई वीरू, कृष्णा बहन कोमल, खुषबू, गंगा उर्फ श्यामा हैं। वहीं घायल आषीष के चचेरे भाई संजय ने बताया कि आषीष दवा बदलने के लिए ई ब्लाक जा रहा था।

पीछे से तेज रफ्तार बाईक सवार ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। जिससे आशीष गंभीर रूप से घायल हो गया।

*शासन की सख्ती का दिखने लगा असर, गन्ना मूल्य भुगतान ने पकड़ी रफ्तार गन्ना-किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराना प्रदेश सरकार के एजेण्डे में


लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व एवं. मंत्री, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, लक्ष्मी नारायण चौधरी के मार्गदर्शन में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराने हेतु सतत् प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके तहत शासन एवं गन्ना आयुक्त के स्तर पर सतत् समीक्षा करते हुए प्रदेश की चीनी मिलों को सख्त निर्देश जारी किये गये हैं, जिसका असर अब दिखने लगा है।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश सरकार के फैसलों ने यूपी में गन्ना किसानों और चीनी उद्योग दोनों की सूरत बदल दी है। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग को नई गति देने के साथ ही राज्य सरकार ने प्रत्येक कदम पर गन्ना किसानों को लगातार राहत प्रदान की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान का नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए अब तक लगभग 46 लाख से अधिक गन्ना किसानों को रू.1,95,060 करोड़ का रिकार्ड भुगतान करते हुए यूपी को देश में गन्ना एवं चीनी उत्पादन में नंबर वन पर ला दिया है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में अद्यतन गन्ना मूल्य भुगतान प्रथम बार 72 प्रतिशत से अधिक चल रहा है, जो विगत कई पेराई सत्रों केे सापेक्ष काफी अधिक है। इसी क्रम में यह भी ज्ञातव्य है कि बजाज समूह की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2021-22 में देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष प्रतापपुर, बिलाई, गागनौली एवं बुढ़ाना इकाईयों का भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त पेराई सत्र 2021-22 हेतु बजाज समूह की मिलों का औसत गन्ना मूल्य भुगतान 90 प्रतिशत से अधिक चल रहा है। बजाज समूह की चीनी मिलों का शेष भुगतान फरवरी माह के मध्य तक पूर्ण होना सम्भावित है।

भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने की कवायद में विभाग के अधिकारी दिन-रात मेहनत कर नई योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। इन प्रमुख योजनाओं से गन्ना कृषकों को लाभान्वित किये जाने के दृष्टिगत न्यूनतम 20 प्रतिशत की छूट पर कीटनाशक, जैव उत्पाद एवं कृषि यंत्र वितरित किये जाने के लिए चीनी मिलों को निर्देश निर्गत किये गये हैं। इनमें क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल या समतुल्य कीटनाशक, अंकुश, ट्राइकोडर्मा, आर्गेनिक डिकम्पोजर, हेक्सा स्टाप, रेटून मैनेजमेण्ट डिवाईस, टेªन्च ओपनर, एफ.आई.आर.बी., स्पे्रयर, एम.बी. प्लाऊ, डिस्क प्लाऊ, चिजलर, सबस्वालर, कल्टीवेटर, हैरो, डीपफरो, ट्रैश मल्चर, पावर बीडर आदि कृषि उपयोगी यंत्र सम्मिलित हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने की कड़ी में फार्म मशीनरी बैंक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस योजना के माध्यम से गन्ना किसानों, विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों को गन्ना खेती की लागत कम करने में सुविधा मिली है तथा उनकी आय में भी वृद्धि हुई है। प्रदेश की 146 गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु प्रारम्भिक चरण में 3 फसल अवशेष प्रबन्धन यंत्र यथा-02 मल्चर एवं एक रिवर्सिबल एम.बी. प्लाऊ के क्रय के साथ ही फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना का कार्य पूर्ण हो गया है साथ ही सक्षम 77 गन्ना समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों में ट्रैक्टर को भी सम्मिलित कर लिया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि गन्ने की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने एवं पुरानी गन्ना प्रजातियों के स्थान पर 5 नई अच्छी उत्पादकतायुक्त गन्ना प्रजातियां यथा-को.शा.16233, को.शा.15233 (सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश हेतु मध्य से पकने वाली किस्म), को.लख.14204, को.लख.15204 (पश्चिमी एवं मध्य उत्तर प्रदेश हेतु मध्य देर से पकने वाली किस्म), को.लख.15466 (पूर्वी उत्तर प्रदेश हेतु अगेती किस्म) गन्ना बुवाई के लिए कृषकों को उपलब्ध करायी गयी हैं, जिससे न केवल गन्ना उत्पादकता में वृद्धि होगी वरन् इन सभी 5 किस्मों के लाल सड़न रोग रोधी होने के कारण इन पर लाल सड़न रोग का प्रभाव भी कम होगा। ये किस्में जमाव, व्याॅत, मिल योग्य गन्नों की संख्या, उपज एवं पेड़ी क्षमता तथा गुणवत्ता में भी श्रेष्ठ हैं।

ज्ञातव्य है कि विभागद्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों की जिज्ञासाओं के त्वरित एवं प्रभावी समाधान हेतु गन्ना विकास विभाग के मुख्यालय पर स्थापित कन्ट्रोल रूम टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर अब तक पंजीकृत हुईं शिकायतों में से लगभग समस्त 13,75,701 निस्तारित की गयी हैं। इससे कृषकों के कार्यालयों में आने-जाने में लगने वाले समय एवं पैसे की बचत हुई है तथा उन्हें समस्त सूचनायें घर बैठे सुगमतापूर्वक प्राप्त हो रही हैं।

गन्ना आयुक्त ने यह भी कहा कि किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है एवं प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के आर्थिक हितों के संवर्धन तथा सर्वागीण विकास के लिये कृत संकल्पित है। अवशेष गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान के लिये सरकार द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए कतिपय चीनी मिलों के विरूद्ध 7 वसूली प्रमाण-पत्र निर्गत किये गये हैं।

*वर्ष 2023-24 में आबकारी दुकानों के नवीनीकरण में विभाग का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन*


लखनऊ। नवीनीकरण से अवशेष दुकानों का व्यवस्थापन ई-लाटरी के तीन चरणों में संपादित किया जायेगा। ई-लाटरी का प्रथम चरण- 20 फरवरी, 2023 से 28 फरवरी, 2023 तक, द्वितीय चरण- 06 मार्च, 2023 से 14 मार्च, .2023 तक तथा तृतीय चरण- 21 मार्च, 2023 से 28 मार्च, 2023 तक सम्पन्न होगा।

इस सम्बन्ध में विस्तुत जानकारी देते हुए आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी. ने बताया कि वर्ष 2023-24 की आबकारी नीति में शासन की ओर से फुटकर दुकानों का सर्वप्रथम नवीनीकरण किये जाने का प्राविधान किया गया है।

दुकानों के नवीनीकरण के लिए प्रार्थना-पत्र ऑनलाइन प्रस्तुत करने की अवधि 3 फरवरी, 2023 से 6 फरवरी, 2023 तक थी। इस अवधि में अनुज्ञापियों द्वारा गतवर्षो की तुलना में अधिक उत्साह से प्रतिभाग करते हुये अपनी दुकानों के नवीनीकरण प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये गये।

आबकारी आयुक्त ने बताया कि वर्ष 2023-24 कुल 29522 देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर एवं भांग की दुकानों सहित मॉडल शॉप का व्यवस्थापन किया जाना था, जिनमें से कुल 27497 दुकानों के नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन प्रार्थना-पत्र प्राप्त हुये हैं।

इस प्रकार वर्ष 2023-24 में नवीनीकृत दुकानों का प्रतिशत 93.14 प्राप्त किया गया है जबकि यह प्रतिशत वर्ष 2020-21 में 83.90, वर्ष 2021-22 में 91.5 और वर्ष 2022-23 में 90.63 था। इस प्रकार विभाग द्वारा नवीनीकरण के प्राप्त प्रतिशत में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया है।

*इन्वेंस्टर्स समिट में एकेटीयू के स्टार्टअप पर रहेगी नजर, इनोवेशन हब की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में हुए नवाचार और स्टार्टअप की लगायी जाएगी प्रदर


इन्वेंस्टर्स समिट में एकेटीयू के स्टार्टअप पर रहेगी नजर, इनोवेशन हब की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में हुए नवाचार और स्टार्टअप की लगायी जाएगी प्रदर्शनी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल बनाने के लिए तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन दस से 12 फरवरी तक किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे।

इस दौरान देश विदेश से यूपी में व्यापार को बढ़ावा देने और उद्योग लगाने के लिए नीति निर्माता, नेता, मंत्री, व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल, शिक्षाविद, बड़े व्यापारिक प्रतिस्ठान के मुखिया, कंपनियों के सीईओ आदि शिरकत कर रहे हैं।

इस समिट में डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब की ओर से भी प्रदर्शनी स्टाॅल लगाया जायेगा। जहां माननीय प्रधानमंत्री कुछ स्टार्टअप से मुलाकात भी करेंगे। उन्हें प्रदेश में हो रहे विभिन्न नवाचारों की जानकारी दी जाएगाी। साथ ही समाज पर प्रभाव डालने वाले स्टार्टअप पर उनकी नजर रहेगी।

इसके लिए प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग सुभाष चंद शर्मा ने इनोवेशन हब के स्टार्टअप पर नजर बनाये हुए हैं। साथ ही तैयारियों को भी परखा है। इनोवेशन हब के नेतृत्व में यूपी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सभी 15 तकनीकी इन्क्युबेशन सेंटर उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में भाग ले रहे हैं।

इनोवेशन हब ने केन एक्सपो क्षेत्र, हॉल नंबर 11 में 200 वर्ग मीटर जगह खरीदी है। इनोवेशन हब ने समिट में स्टार्टअप की प्रदर्शनी के लिए 15 इन्क्यूबेटरों से मिले स्टार्टअप का कठिन मूल्यांकन के बाद 50 स्टार्टअप्स को शॉर्टलिस्ट किया है। ये स्टार्टअप खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी, हथकरघा और कपड़ा, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, इलेक्ट्रॉनिक्स वाहन, कृषि और संबद्ध उद्योग, फिल्म और मीडिया, बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन, फार्मास्यूटिकल्स, रसद और भंडारण, और रक्षा और जैसे कई क्षेत्रों से हैं।

वहीं, दूसरे दिन स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए एक सत्र का आयोजन उत्तर प्रदेश स्टार्टअप क्रांति के लिए तैयारी यूपी में अगला बड़ा अवसर विषय पर आयोजित किया जा रहा है। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ट्रेड शो दुनिया भर के विद्वानों और विशेषज्ञों के साथ बैठक के लिए स्टार्टअप्स को एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा।

यह स्टार्टअप इकोसिस्टम के सभी हितधारकों को उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप्स के लिए निवेश की सुविधा और ग्राउंडिंग में पूर्ण समर्थन सुनिश्चित करेगा।

इस दौरान स्टार्टअप्स को दुनिया के प्रमुख नीति निर्माताओं, उद्योग के नेताओं, विचारकों, नियामकों और प्रसिद्ध शिक्षाविदों के साथ बातचीत का भी अवसर मिलेगा।

जिससे वो वैश्विक स्तर पर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं। साथ ही इस मंच के जरिये स्टार्टअप नवीनतम नवाचार, सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रमुख रुझानों का प्रदर्शन कर सकते हैं। भारत और राज्य के साथ वैश्विक निवेशक को जोड़ने और सर्वोत्तम वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा और समझ विकसित करने के लिए उत्पादों और सेवाओं का डेमो भी होगा।

समिट में 20 से अधिक देशों के 10,000 से अधिक प्रतिनिधियों (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) की भागीदारी होगी। समिट में आये मेहमान इस मौके पर उत्तर प्रदेश की कला और शिल्प से भी परिचित होंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप, रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण, ईवी विनिर्माण, भंडारण और रसद, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, पर्यटन में निवेश आकर्षित करने के लिए 25़ नीतियां तैयार करके नीति संचालित शासन के माध्यम से औद्योगिक विकास के लिए एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं।

*यूपी में 1200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जेके सीमेंट*


लखनऊ। योगी सरकार की नीतियों और निवेश के लिए उपयुक्त माहौल के चलते न सिर्फ विदेशी बल्कि देश के अंदर भी बड़ी कंपनियां स्वतः ही निवेश के लिए आगे आ रही हैं। इसी क्रम में अब जेके सीमेंट लिमिटेड ने 1200 करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अंतर्गत कंपनी आगामी 12 महीनों में 500 करोड़ रुपए के निवेश से प्रयागराज में एक यूनिट की स्थापना करेगी। कंपनी यूपी में 700 करोड़ की दो परियोजनाओं पर पहले से ही काम कर रही है।

कंपनी के डिप्टी एमडी और सीईओ 10 से 12 फरवरी के मध्य राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना में आयोजित हो रही उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में भाग लेंगे, ताकि यूपी में कंपनी के विकास के लिए दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया जा सके। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के निर्देश पर जहां विभिन्न देशों के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में गई टीम योगी को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है तो वहीं ऐसे निवेशकों की भी कमी नहीं जो स्वयं प्रदेश में निवेश के लिए बेताब हैं और यूपीजीआईएस का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये निवेशक अब यूपी में निवेश के लिए अपने रोडमैप के साथ सामने आ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश निवेश का पसंदीदा गंतव्य

कंपनी के डिप्टी एमडी और सीईओ माधवकृष्ण सिंघानिया ने कहा कि हम इस गतिशील राज्य का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जिसमें न केवल हमारे लिए भौगोलिक लाभ है, बल्कि यह निवेश और विकास के लिए अवसरों की अधिकता भी प्रस्तुत करता है। व्यवसाय करने में आसानी से लेकर अपने समृद्ध संसाधनों और कुशल कार्यबल के साथ मिलकर एक सहायक व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने तक, उत्तर प्रदेश निश्चित रूप से हमारी विस्तार योजनाओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य है। जेके सीमेंट को प्रयागराज जिले में 2.50 एमटीपीए की क्षमता वाली अपनी तीसरी क्लिंकर ग्राइंडिंग यूनिट की स्थापना की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। इस परियोजना के अगले 12 महीनों में 500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पूरा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही जेके सीमेंट ने पूर्वी भारत में अपनी पहुंच को और मजबूत किया है।

1200 करोड़ का हुआ कुल निवेश

कंपनी ने हाल ही में हमीरपुर (बुंदेलखंड) में अपनी दूसरी ग्रे सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट का उद्घाटन किया है। 400 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश के साथ पिछले साल यूपी सरकार के साथ हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत हमीरपुर में नवनिर्मित इकाई की कुल उत्पादन क्षमता 2 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है और इसने काम करना शुरू कर दिया है। वहीं, अलीगढ़ में चालू की गई पहली ग्रीनफील्ड स्प्लिट सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट लगभग 300 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 1.50 एमटीपीए की क्षमता के साथ स्थापित की गई थी। 1200 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ सभी तीन ग्रीनफील्ड ग्राइंडिंग इकाइयां यूपी में अपनी उपस्थिति में सुधार करने और रोजगार के अवसर पैदा करके समुदायों की आजीविका में सुधार के अलावा प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देंगी।

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए दिए जाएंगे 60 करोड़

कंपनी के संस्थापक एमडी और पूर्व अध्यक्ष यदुपति सिंघानिया के नाम पर एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल स्थापित करने के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। कंपनी ने अपने सीएसआर के हिस्से के रूप में 60 करोड़ रुपए के वित्त पोषण के साथ कानपुर में 'यदुपति सिंघानिया मेमोरियल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल' का समर्थन करने के लिए सहमति व्यक्त की है। यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा जो सभी को शीर्ष चिकित्सा देखभाल प्रदान करेगा।