एल विक्टोरिया गौरी की जज के तौर नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, जाने क्या है मामला?
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जजों की नियुक्ति यानी कलीजियम सिस्टम पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट में तनातनी के बीच नया मामला गरमा गया है। ऐडवोकेट एलसी विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का जज नियुक्त करने पर विवाद पैदा हो गया है। दरअसलल वकील लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी आज मद्रास हाई कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगी। वहीं दूसरी तरफ उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। ये सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी आर गवई की बेंच करेगी।
सुप्रीम कोर्ट गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 फरवरी को सुनवाई करने पर राजी हुआ था। हालांकि, मामले का फिर से उल्लेख किए जाने पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने मंगलवार को इस पर सुनवाई करने का फैसला किया।मद्रास हाईकोर्ट के कुछ वकीलों की ओर से दायर याचिका का दोबारा उल्लेख वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के सामने किया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी देते हुए गौरी की मद्रास हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप से नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। ऐसे में इस मामले की त्वरित सुनवाई की जाए।
याचिका में मुस्लिम-ईसाई समुदाय के खिलाफ दिए गए बयानों का जिक्र
ऐडवोकेट एलसी विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का जज नियुक्त के फैसले के विरोध में याचिका सुप्रीम कोर्ट मे दायर की गई है। जिसमें उन्हें शपथ लेने से रोकने की मांग हो रही है। दरअसल मद्रास हाईकोर्ट के कुछ वकीलों ने अपनी अर्जी में कहा है कि विक्टोरिया इस पद के योग्य नहीं हैं।सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में मुस्लिम-ईसाई समुदाय के खिलाफ दिए गए बयानों का जिक्र किया गया है। मद्रास हाई कोर्ट के तीन वकीलों ने याचिका दाखिल की है।
बीजेपी से क्या है कनेक्शन ?
याचिका में वकीलों ने कहा कि विक्टोरिया गौरी की राजनीतिक पृष्ठभूमि है, जिन्होंने राजनीतिक दलों के सदस्यों के रूप में भी काम किया है। उनका कहना है कि गौरी भाजपा की महिला मोर्चा की महासचिव रह चुकी हैं। साथ ही कहा गया है कि इस तरह की नियुक्तियां न्यायपालिका को कमजोर कर सकती हैं। वकीलों का मानना है कि गौरी के विचार संवैधानिक मूल्यों से काफी अलग हैं। उन्होंने गौरी की धार्मिक कट्टरता को लेकर आपत्ति दर्ज की है। साथ ही कहा है कि गौरी हाई कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में अयोग्य हैं।
Feb 07 2023, 11:35