*मुशर्रफ को लेकर किए गए ट्विट पर घिरे शशि थरूर, बीजेपी ने कहा 'पाकिस्तान परस्त' तो मिला ये जवाब*
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किसी की मृत्यु हो जाए, तो उसके लिए “भला इंसान था” वाली कहावत हमारे देश में प्रचलित है। अब ये बात अलग है कि उस “भले इंसान” ने अपने जीते जी दूसरे के लिए कितने गड्ढ़े खोदे हों। अब हमारे देश में इन दिनों किसी की मौत पर ऐसी ही भलमनसाहत दिखाने पर सियासत छिड़ गई है।
दरअसल, रविवार को दुबई से पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के निधन की खबर आई। जाहिर सी बात हैं, पड़ोसी थे तो भारत में भी उन्हें याद किया जाने लगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी उन्हें याद किया। थरूर ने ट्विटर पर कहा, पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुर्लभ बीमारी से निधन हो गया। कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे मुशर्रफ 2002-2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे। मैं उन दिनों संयुक्त राष्ट्र में हर साल उनसे मिला और उन्हें अपनी रणनीतिक सोच में स्मार्ट, आकर्षक और स्पष्ट पाया।
देश को करगिल का जख्म देने वाले शख्स को कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा शांति के लिए असली ताकत बताने पर भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। मुशर्रफ को शशि थरूर की ओर से दी गई श्रद्धांजली भाजपा को नागवार गुजरी है। उसने कांग्रेस पर 'पाकिस्तान परस्त' होने का आरोप लगाया।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने थरूर के ट्वीट को टैग करते हुए कहा था, परवेज मुशर्रफ करगिल युद्ध के साजिशकर्ता, तानाशाह, जघन्य अपराधों के आरोपी थे। उन्होंने तालिबान और ओसामा को ‘भाई' और ‘नायक' माना था और जिन्होंने अपने ही सैनिकों के शवों को वापस लेने से इनकार कर दिया था, कांग्रेस द्वारा उनकी प्रशंसा की जा रही है! आश्चर्य हो रहा है? कांग्रेस की पाकिस्तान परस्ती फिर सामने आई है। उन्होंने कहा, एक समय मुशर्रफ ने राहुल गांधी को सज्जन व्यक्ति बताते हुए उनकी प्रशंसा की थी, शायद इसी कारण कांग्रेस को मुशर्रफ प्रिय है।
बीजेपी की ओर से हो रही कड़ी आलोचना का जवाब देते हुए थरूर ने एक ट्वीट में कहा, मैं ऐसे भारत में पला-बढ़ा हूं, जहां लोगों के मरने पर आपसे उम्मीद की जाती है कि आप उनके बारे में भली बातें करें। परवेज़ मुशर्रफ़ कट्टर दुश्मन थे, कारगिल के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन उन्होंने अपने हित में, 2002-7 में भारत के साथ शांति के लिए काम किया। वह कोई मित्र नहीं थे, लेकिन उन्होंने शांति में रणनीतिक लाभ देखा, जैसा कि हमने किया।
भाजपा के वार का पलटवार करते हुए थरूर ने ट्वीट किया और लिखा, अगर मुशर्रफ भारत के लिए अभिशाप थे, तो 2003 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उसके साथ युद्ध विराम पर बातचीत क्यों की और 2004 में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर क्यों किए? क्या उन्हें तब एक विश्वसनीय शांति साथी के रूप में नहीं देखा गया था?
Feb 06 2023, 15:49