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*डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता की मौत, नर्सिंग होम में इससे पहले भी हो चुकी घटना*


फर्रुखाबाद- नगर के कृष्णा हॉस्पिटल में डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता ने दम तोड़ दिया। इससे पूर्व भी हॉस्पिटल में दो प्रसूताओं की मौत हो चुकी है। नगर के पुलिया पुल गालिब पर स्थित कृष्णा हॉस्पिटल में रविवार को डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता और गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।

हॉस्पिटल में पहले भी दो प्रसूताओं की मौत हो चुकी है और तीमारदारों के विरोध बाद अस्पताल को सील कर दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की उदासीनता के चलते अस्पताल फिर संचालित हो गया। प्रसूता के परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया, तो मौके पर पहुंची चौकी पुलिस ने पीड़ित को सांत्वना देने के बजाय परिजनों को धमका कर चले जाने को कहा। प्रसूता की मौत होने के बाद परिजनों की पिटाई करने के बाद मोबाइल तोड़ दिया।

थाना शमशाबाद के ग्राम हंसापुर गौराई निवासी इक्लाख उर्फ सोनू की 22 वर्षीय पत्नी राबिया को प्रसव पीड़ा के बाद सीएससी कायमगंज लाया गया। वहां दलाली करने वाली स्टाफ नर्सों ने कहा कि यहां ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। मरीज की हालत को देखते हुए कृष्णा हॉस्पिटल ले जाओ। ससुर इकराम रात में प्रसूता को लेकर कृष्णा हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर ने पहले 36 हजार और बाद में 26 हजार रुपए जमा करने को कहा। इसरार ने डॉक्टर से कहा कि डेढ़ वर्ष पूर्व बहू के ऑपरेशन में 22 हजार रुपए लिए थे अब 23 हजार ले लो। डॉक्टर ने 23 हजार रुपए जमा कराकर प्रसूता का ऑपरेशन करने के लिए बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया।

रात में ही डॉक्टर प्रसूता को स्ट्रेचर पर लिटा कर बाहर निकले। डॉक्टर ने परिजनों से कहा इसे लोहिया अस्पताल ले जाओ। परिजनों ने कारण स पूछा तो डॉक्टर ने कहा कि आप लोगों ने महिला को खाना बहुत खिला दिया है। जिस कारण बेहोश हो गई है। इकराम व मृतका के भाई मुजम्मिल का कहना था कि जब उन्होंने राबिया को देखा तो उसकी सांस नहीं चल रही थी, नब्ज भी गायब थी। परिजनों ने राबिया के मर जाने की आशंका पर उसे ले जाने से मना कर दिया। उन्होंने मौत के लिए डॉक्टर को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गुस्साए डॉक्टर ने परिजनों को गाली देते हुए कहा कि महिला को लेकर यहां से भाग जाओ नहीं तो धक्के देकर बाहर निकल देंगे। गुस्साए मुजम्मिल ने डॉक्टर का गिरेबान पकड़ लिया तभी अस्पताल के कर्मचारी उसे पीटने लगे। जब इकराम ने मुजम्मिल को बचाने का प्रयास किया तो उनकी भी पिटाई की गई। पिटाई के दौरान मृतका का पति इक्खलाक मोबाइल से घटना का वीडियो बनाने लगा। तो डॉक्टर ने उसका मोबाइल फोन छीन कर तोड़ दिया।

डॉक्टर की सूचना पर चौकी पुलिस के अस्पताल पहुंचने पर प्रसूता के परिजनों को घमकाया और गाली गलौज करते हुए कहा कि तुम लोग गुंडागर्दी कर लूटपाट कर रहे हो। सभी को बंद कर देंगे। पुलिस की इस हरकत से परिजन भयभीत हो गए। पुलिस के दबाव में परिजन प्रसूता के शव को घर ले जाने को मजबूर हो गए। प्रसूता का सीएचसी में ऑपरेशन कर किया जाता तो उसकी मौत नहीं हुई होती। सीएचसी में निजी अस्पताल के दलाल की बजाय से यह घटना घटी है। यदि अस्पताल में आने वाले मरीजों को आशाओं के माध्यम से निजी अस्पताल में भर्ती करवाकर कमीशन खोरी की जाती हैं। पुलिस निजी अस्पताल के कारनामे पर पर्दा डालने और पीड़ितों को धमकाने के लिए रुपयों की वसूली होती है। इस कारण पीड़ित प्रसूता या मरीज मौत के आगोश में पहुंच जाते हैं इस प्रकरण में मृतका के परिवार वालों को न्याय मिलना चाहिए।

*संत रविदास जयंती पर हुई विचार गोष्ठी*


फर्रुखाबाद l प्रगतिशील फोरम द्वारा संत रविदास जयंती पर विचार गोष्ठी मोहल्ला सधवाड़ा में संपन्न हुई । प्रो रामबाबू मिश्रा रत्नेश ने अपने विचार इस प्रकार प्रकट किए ।कर्म योगी संत रविदास ने सनातन धर्म समाज की विसंगतियों ,कुरीतियों और पाखंड पर कठोर प्रहार किए लेकिन आज के दिशाहीन तत्वों की तरह न तो उन्होंने क्रोध में अपने कपड़े फाड़े और न विरोध में धर्म ग्रंथ जलाए।

वे एकेश्वरवादी संत थे तथा कर्म प्रधान भक्ति को सामाजिक समरसता का राज मार्ग मानते थे ।गीतकार पवन बाथम ने संत रविदास के विषय में अपने विचार प्रकट करते हुए कहाअपने जीते जी जिन्हें श्रद्धा मिली अपार ।जाति पांति में संत को मत बांधो तुम यार ।।हंसा मिश्रा ने कहा कि कुलीनता के दर्द को ललकार कर संत रविदास ने उपेक्षित वर्ग का स्वाभिमान जगाया_ सब ईश्वर के पुत्र हैं सब में दिव्य प्रकाश ।

कोई ऊंच न नीच है बता गए रविदास ।

डॉ सुनीत सिद्धार्थ ने कहा कि सामाजिक विषमता के दौर में आज भारतीय समाज को एक अदद संत रविदास की जरूरत है खंडित कर पाखंड को फैला दिया प्रकाश,

मानवतावादी हुए सजग संत रविदास, गोष्ठी में जेपी दुबे ,मनीष गौड़ ,वी एस तिवारी, शायर अब्दुल वहाब बहार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

*माघी पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी*


फर्रुखाबाद l माघी पूर्णिमा को सुबह से ही हर हर गंगे, और गंगा मैया जय के उदघोष के साथ लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर मनौती मांगी और पूजा अर्चना की ।

श्रद्धालुओं ने गंगा के पांचाल घाट पर बैठने वाले पुरोहितों सहित गरीबों में दान किया l गंगा पुल पर आने जाने वाले वाहनों पर पुलिस की कड़ी निगरानी के चलते जाम तो लगता रहा लेकिन पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी l गंगा घाट पर नहाने वाले श्रद्धालुओं को बेरी कटिंग के आगे ना जाने के निर्देश सुरक्षाकर्मी देते रहे l

पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के निर्देशन मे माघी पूर्णिमा पर स्नान करने आये श्रृद्धालुओं की सुरक्षा व शान्ति व्यवस्था के दृष्टिगत प्रभारी निरीक्षक मेला श्री रामनगरिया द्वार मय फोर्स पैदल गस्त किया गया तथा सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।