ट्रंप के टैरिफ पर “लाल-पीले” हो रहे राहुल, थरूर और मनीष तिवारी ने अलापा अगल राग
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भारत के साथ ट्रेड डील फाइनल नहीं होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके बाद ट्रंप ने रूस और भारत की इकोनॉमी को डेड यानी मृत बताया। फिर क्या था भारत में ट्रंप के टैरिफ पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद देश में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के हां में हां मिलाया है और कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है।
शशि थरूर और मनीष तिवारी सरकार के समर्थन में
ट्रंप के टैरिफ वाले एलान के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार से तमाम सवाल किए। इस बीच कांग्रेस के ही नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ने मोदी सरकार को जोरदार समर्थन दिया है। शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। वहीं, मनीष तिवारी ने कहा कि यह सब भारत की स्ट्रेटजिक ऑटोनॉमी का सबूत है, जो नेहरू की गुटनिरपेक्षता से शुरू हुई और अब पीएम मोदी की आत्मनिर्भर भारत वाली सोच का हिस्सा है।
थरूर ने क्या कहा?
संसद परिसर में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण वार्ता है। हम कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जिसके साथ बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ के साथ हमारी बातचीत चल रही है, हमने ब्रिटेन के साथ एक समझौता कर लिया है, और हम अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं। अगर हम अमेरिका में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, तो हमें अमेरिका के बाहर अपने बाजारों में विविधता लानी पड़ सकती है।
अगर अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो पीछे हटना पड़ता है-थरूर
थरूर ने आगे कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अगर अमेरिका अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। यही भारत की ताकत है; हम चीन की तरह पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हमारे पास एक अच्छा और मजबूत घरेलू बाजार है। हमें अपने वार्ताकारों को सर्वोत्तम संभव सौदा खोजने के लिए पूरा समर्थन देना चाहिए। अगर कोई अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो हमें पीछे हटना पड़ सकता है।
मनीष तिवारी ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने इस मामले में एक्स पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा। मनीष तिवारी ने लिखा, डोनाल्ड ट्रंप ने शायद 1947 से चली आ रही भारत की स्ट्रैटजिक ऑटोनॉमी को अब तक की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि दी है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गुटनिरपेक्षता की नीति लागू की, जिसे आज मल्टी-अलाइनमेंट कहा जाता है। फिर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उसे आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ़ाया और आज भारत आत्मनिर्भर कहा जा रहा है। ये वे रणनीतिक सिलसिले हैं जो भारत को दुनिया से अपनी शर्तों पर और अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय हित में जुड़ने की फ्लैक्सिबिलिटी देते हैं। मनीष तिवारी ने लिखा, क्या डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ की धमकी उस स्ट्रैटजिक ऑटोनॉमी को कोई फर्क पहुंचाएगी, जिसे हमने दशकों से और अलग-अलग सरकारों के तहत बनाया है? बिल्कुल नहीं. क्या यह भारत-अमेरिका के व्यापक संबंधों के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है? जवाब है शायद!
कांग्रेस के अन्य नेताओं से अलग राग
बता दें कि शशि थरूर और मनीष तिवारी पहली बार सरकार के समर्थन में बातें नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ करने को लेकर दोनों नेता कई बार कांग्रेस के निशाने पर भी रहे हैं।
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