/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png StreetBuzz s:tension_again_in_manipur
मणिपुर में फिर क्यों भड़की हिंसा? पांच जिलों में निषेधाज्ञा और इंटरनेट बंद

#tension_again_in_manipur 

मणिपुर में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हैं। मैतेई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी है। जिसके बाद इंफाल में लोग सड़कों पर उतर आए हैं।इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। जिसके बाद पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं और एक जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। बता दे कि मई 2023 से हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में बीते कुछ दिनों से शांति थी, लेकिन अब फिर से हालात बिगड़ गए हैं।

इंफाल क्षेत्र में शनिवार को मैतेई समूह के पांच अरमबाई टेंगोल स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी की अफवाह के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया। पीटीआई के मुताबिक मैतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल के नेता कनन सिंह की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों ने क्वाकेथेल और उरीपोक में सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर जलाए। उन्होंने मैतेई नेता की रिहाई की मांग की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई।

क्वाकेथेल में कई राउंड फायरिंग हुई। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने तुलिहाल में इंफाल हवाई अड्डे के गेट का घेराव भी किया। वे हवाई अड्डे के साथ सड़कों पर उतर आए और गिरफ़्तार नेता को राज्य से बाहर ले जाने की कोशिश का विरोध करने के लिए मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। इसके अलावा संगठन के सदस्यों ने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया।

राज्य में अशांति के बाद प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया गया। इस आदेश के मुताबिक राज्य के 5 जिलों में इंटरनेट बंद और एक जिले कर्फ्यू लगाया गया। इसके साथ ही वीपीएन भी बंद किया गया है। इन जिलों में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, विष्णुपुर और काकचिंग शामिल हैं। प्रशासन की तरफ जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जानमाल की संभावित हानि, संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति बनाने के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक पोस्ट होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने आदेश में कहा कि यह फैसला अफवाहों को रोकने के लिए लिया है। ऐसा न करने से राज्य में झूठी अफवाहों के कारण हिंसा का डर है, जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान हो सकता है।

हम युद्ध के बीच में नहीं पड़ेंगे', भारत-पाकिस्तान तनाव पर बोले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस

#usvicepresidentjdvanceonindiapaktension

भारत और पाकिस्तान के बीच का संघर्ष युद्ध की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। सीमा पर दोनों तरफ से हमले जारी रहे। पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की, जिसे पहले से मुस्तैद भारतीय सेना ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। इस बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बड़ा बयान दिया है। वेंस ने कहा है कि अमेरिका युद्ध के बीच में नहीं पड़ेगा। वह भारत पाकिस्तान को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं-वेंस

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा है कि अमेरिका ऐसे किसी युद्ध में शामिल नहीं होगा, जो मूल रूप से हमारा काम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान को नियंत्रित नहीं कर सकता, लेकिन वह दोनों परमाणु शक्तियों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

कहीं दो परमाणु शक्तियां आपस में टकरा न जाएं-वेंस

वेंस ने इस बात पर चिंता जताई कि कहीं दो परमाणु शक्तियां आपस में टकरा न जाएं, जिससे कि किसी बड़े संघर्ष को जन्म मिले। वेंस से जब इस बारे में पूछा गया कि ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को लेकर कितना चिंतित है। इस पर उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो का हवाला दिया और कहा कि अमेरिका चाहता है कि तनाव जल्द से जल्द कम हो जाए।

भारत-पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात, टेंशन के बीच मॉक ड्रिल कल

#indiapakistanwarlikesituationtensionmock_drill

पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। इस बीच भारत सरकार ने राज्यों को युद्ध की स्थिति को लेकर मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। इससे जंग की आशंका और बढ़ गई है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे नए खतरों के मद्देनजर सभी राज्यों से सात मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई यानी बुधवार को मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। मकसद यह है कि अगर युद्ध या ऐसे इमरजेंसी हालात बनें तो अपने देश के नागरिकों को बचाया जा सके। गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने अपने निर्देशों में हमला होने की स्थिति में पांच पॉइंट पर जोर दिया है। इस मॉक ड्रिल में लोगों को जागरूक किया जाएगा कि हवाई हमला होने पर क्या करें।

क्यों हो रही यह मॉक ड्रिल?

सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, नागरिकों को किसी भी हमले की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है। अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ब्लैकआउट के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अपडेट करना और उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है। मॉक ड्रिल में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है।

54 साल पहले हुआ था मॉक ड्रिल

इससे पहले भारत सरकार ने राज्यों से ठीक 54 साल पहले 1971 में मॉक ड्रिल करने के कहा था। 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध आधिकारिक तौर पर तीन दिसंबर को शुरू हुआ था और 16 दिसंबर को खत्म हुआ था। पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने ढाका में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. लेकिन उस युद्ध से काफी पहले कई महीनों से तनाव बढ़ रहा था।

मॉक ड्रिल्स की शुरुआत युद्ध से कुछ दिन पहले हुई थी। तमाम मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह मॉक ड्रिल युद्ध से दो-चार दिन पहले शुरू हुई और युद्ध की समाप्ति तक चली थी। इस दौरान देश भर में सिविल डिफेंस की तैयारियां की गईं। इस ड्रिल का मकसद जनता को युद्ध की स्थिति लेकर जागरूक करना था।

वक्फ बिल की राह में रोड़ा बनेगी टीडीपी? जानें संसद सत्र से पहले कैसे बढ़ी भाजपा की टेंशन

#waqfamendmentbillmuslimtdptensionto_bjp

केन्द्र सरकार वक्फ़ संशोधन बिल योजना लाने की तैयारी में है। संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार मुख्य रूप से वक्फ विधेयक को पारित करने का पूरा प्रयास करेगी।संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो सकता है। हालांकि, इससे पहले केन्द्र की बीजेपी की अगुवाई वाली नरेन्द्र मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल, संसद के शीतकाली सत्र से पहले एनडीए के घटक दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। टीडीपी के नेता और आंध्र पदेश इकाई के उपाध्यक्ष नवाब जान का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सबको मिलकर वक्फ संशोधन विधेयक को पारित होने से रोकना चाहिए।

चंद्रबाबू नायडू के कहने पर जेपीसी का गठन?

टीडीपी के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह बिल मुसलमानों के दिलों में दर्द पैदा कर रहा है। उनका कहना है कि चंद्रबाबू नायडू के कहने पर ही वक्फ संशोधन बिल को लेकर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) का गठन किया गया है। नवाब जान ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के अनुसार इस बिल को लेकर सभी का राय मशवि‍रा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस मुद्दे पर राय मशविरा चल रहा है और चंद्रबाबू नायडू ने सभी से सर्वे करने का आग्रह किया है। उनका मानना है कि यह आवश्यक है कि इस विषय पर सभी पक्षों की बात सुनी जाए।

“नायडू के शासन में मुसलमानों को बहुत लाभ मिले”

नवाब जान ने कहा कि, चंद्रबाबू हमेशा कहते रहे हैं कि उनकी दो आंखें हैं- एक हिंदू और एक मुस्लिम। एक आंख को नुकसान पहुंचाने से पूरे शरीर पर असर पड़ता है और हमें विकास के पथ पर आगे बढ़ते समय इसे ध्यान में रखना चाहिए। नवाब जान ने ये भी कहा कि देश की आजादी के बाद से नायडू के शासन में मुसलमानों को जो लाभ मिले वे अभूतपूर्व हैं।

बता दें कि रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में संविधान बचाओ सम्मेलन किया था। इसमें नवाब ने लोगों से वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को संसद में पारित होने से रोकने के लिए एकजुट होने की अपील की।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने क्या कहा?

टीडीपी उपाध्यक्ष के बयान के बाद से इस विधेयक के पारित होने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वहीं, जमीयत ने टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार से इस मामले में मुसलमानों की भावनाओं पर ध्यान देने की गुजारिश की है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा- अगर वक्फ बिल पास होता है तो टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार जिम्मेदारी से नहीं बच पाएंगे, क्योंकि केंद्र सरकार इनकी बैसाखी पर ही चल रही है।

मदनी ने कहा कि सांप्रदायिक नीतियों के कारण ही भाजपा को लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिला। मुस्लिम बाहर से नहीं आए हैं, बल्कि इस देश के मूल निवासी हैं। अगर हिंदू गुर्जर, जाट हैं तो मुस्लिम भी गुर्जर और जाट हैं तथा कश्मीर में तो मुस्लिम भी ब्राह्मण हैं। जमीयत ने कहा कि एनडीए में शामिल जो दल धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं, उन्हें इस खतरनाक कानून का समर्थन करने से खुद को दूर रखना चाहिए।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।
मणिपुर में फिर क्यों भड़की हिंसा? पांच जिलों में निषेधाज्ञा और इंटरनेट बंद

#tension_again_in_manipur 

मणिपुर में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हैं। मैतेई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी है। जिसके बाद इंफाल में लोग सड़कों पर उतर आए हैं।इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। जिसके बाद पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं और एक जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। बता दे कि मई 2023 से हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में बीते कुछ दिनों से शांति थी, लेकिन अब फिर से हालात बिगड़ गए हैं।

इंफाल क्षेत्र में शनिवार को मैतेई समूह के पांच अरमबाई टेंगोल स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी की अफवाह के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया। पीटीआई के मुताबिक मैतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल के नेता कनन सिंह की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों ने क्वाकेथेल और उरीपोक में सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर जलाए। उन्होंने मैतेई नेता की रिहाई की मांग की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई।

क्वाकेथेल में कई राउंड फायरिंग हुई। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने तुलिहाल में इंफाल हवाई अड्डे के गेट का घेराव भी किया। वे हवाई अड्डे के साथ सड़कों पर उतर आए और गिरफ़्तार नेता को राज्य से बाहर ले जाने की कोशिश का विरोध करने के लिए मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। इसके अलावा संगठन के सदस्यों ने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया।

राज्य में अशांति के बाद प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया गया। इस आदेश के मुताबिक राज्य के 5 जिलों में इंटरनेट बंद और एक जिले कर्फ्यू लगाया गया। इसके साथ ही वीपीएन भी बंद किया गया है। इन जिलों में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, विष्णुपुर और काकचिंग शामिल हैं। प्रशासन की तरफ जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जानमाल की संभावित हानि, संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति बनाने के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक पोस्ट होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने आदेश में कहा कि यह फैसला अफवाहों को रोकने के लिए लिया है। ऐसा न करने से राज्य में झूठी अफवाहों के कारण हिंसा का डर है, जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान हो सकता है।

हम युद्ध के बीच में नहीं पड़ेंगे', भारत-पाकिस्तान तनाव पर बोले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस

#usvicepresidentjdvanceonindiapaktension

भारत और पाकिस्तान के बीच का संघर्ष युद्ध की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। सीमा पर दोनों तरफ से हमले जारी रहे। पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की, जिसे पहले से मुस्तैद भारतीय सेना ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। इस बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बड़ा बयान दिया है। वेंस ने कहा है कि अमेरिका युद्ध के बीच में नहीं पड़ेगा। वह भारत पाकिस्तान को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं-वेंस

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा है कि अमेरिका ऐसे किसी युद्ध में शामिल नहीं होगा, जो मूल रूप से हमारा काम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान को नियंत्रित नहीं कर सकता, लेकिन वह दोनों परमाणु शक्तियों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

कहीं दो परमाणु शक्तियां आपस में टकरा न जाएं-वेंस

वेंस ने इस बात पर चिंता जताई कि कहीं दो परमाणु शक्तियां आपस में टकरा न जाएं, जिससे कि किसी बड़े संघर्ष को जन्म मिले। वेंस से जब इस बारे में पूछा गया कि ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को लेकर कितना चिंतित है। इस पर उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो का हवाला दिया और कहा कि अमेरिका चाहता है कि तनाव जल्द से जल्द कम हो जाए।

भारत-पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात, टेंशन के बीच मॉक ड्रिल कल

#indiapakistanwarlikesituationtensionmock_drill

पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। इस बीच भारत सरकार ने राज्यों को युद्ध की स्थिति को लेकर मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। इससे जंग की आशंका और बढ़ गई है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे नए खतरों के मद्देनजर सभी राज्यों से सात मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई यानी बुधवार को मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। मकसद यह है कि अगर युद्ध या ऐसे इमरजेंसी हालात बनें तो अपने देश के नागरिकों को बचाया जा सके। गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने अपने निर्देशों में हमला होने की स्थिति में पांच पॉइंट पर जोर दिया है। इस मॉक ड्रिल में लोगों को जागरूक किया जाएगा कि हवाई हमला होने पर क्या करें।

क्यों हो रही यह मॉक ड्रिल?

सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, नागरिकों को किसी भी हमले की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है। अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ब्लैकआउट के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अपडेट करना और उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है। मॉक ड्रिल में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है।

54 साल पहले हुआ था मॉक ड्रिल

इससे पहले भारत सरकार ने राज्यों से ठीक 54 साल पहले 1971 में मॉक ड्रिल करने के कहा था। 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध आधिकारिक तौर पर तीन दिसंबर को शुरू हुआ था और 16 दिसंबर को खत्म हुआ था। पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने ढाका में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. लेकिन उस युद्ध से काफी पहले कई महीनों से तनाव बढ़ रहा था।

मॉक ड्रिल्स की शुरुआत युद्ध से कुछ दिन पहले हुई थी। तमाम मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह मॉक ड्रिल युद्ध से दो-चार दिन पहले शुरू हुई और युद्ध की समाप्ति तक चली थी। इस दौरान देश भर में सिविल डिफेंस की तैयारियां की गईं। इस ड्रिल का मकसद जनता को युद्ध की स्थिति लेकर जागरूक करना था।

वक्फ बिल की राह में रोड़ा बनेगी टीडीपी? जानें संसद सत्र से पहले कैसे बढ़ी भाजपा की टेंशन

#waqfamendmentbillmuslimtdptensionto_bjp

केन्द्र सरकार वक्फ़ संशोधन बिल योजना लाने की तैयारी में है। संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार मुख्य रूप से वक्फ विधेयक को पारित करने का पूरा प्रयास करेगी।संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो सकता है। हालांकि, इससे पहले केन्द्र की बीजेपी की अगुवाई वाली नरेन्द्र मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल, संसद के शीतकाली सत्र से पहले एनडीए के घटक दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। टीडीपी के नेता और आंध्र पदेश इकाई के उपाध्यक्ष नवाब जान का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सबको मिलकर वक्फ संशोधन विधेयक को पारित होने से रोकना चाहिए।

चंद्रबाबू नायडू के कहने पर जेपीसी का गठन?

टीडीपी के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह बिल मुसलमानों के दिलों में दर्द पैदा कर रहा है। उनका कहना है कि चंद्रबाबू नायडू के कहने पर ही वक्फ संशोधन बिल को लेकर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) का गठन किया गया है। नवाब जान ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के अनुसार इस बिल को लेकर सभी का राय मशवि‍रा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस मुद्दे पर राय मशविरा चल रहा है और चंद्रबाबू नायडू ने सभी से सर्वे करने का आग्रह किया है। उनका मानना है कि यह आवश्यक है कि इस विषय पर सभी पक्षों की बात सुनी जाए।

“नायडू के शासन में मुसलमानों को बहुत लाभ मिले”

नवाब जान ने कहा कि, चंद्रबाबू हमेशा कहते रहे हैं कि उनकी दो आंखें हैं- एक हिंदू और एक मुस्लिम। एक आंख को नुकसान पहुंचाने से पूरे शरीर पर असर पड़ता है और हमें विकास के पथ पर आगे बढ़ते समय इसे ध्यान में रखना चाहिए। नवाब जान ने ये भी कहा कि देश की आजादी के बाद से नायडू के शासन में मुसलमानों को जो लाभ मिले वे अभूतपूर्व हैं।

बता दें कि रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में संविधान बचाओ सम्मेलन किया था। इसमें नवाब ने लोगों से वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को संसद में पारित होने से रोकने के लिए एकजुट होने की अपील की।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने क्या कहा?

टीडीपी उपाध्यक्ष के बयान के बाद से इस विधेयक के पारित होने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वहीं, जमीयत ने टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार से इस मामले में मुसलमानों की भावनाओं पर ध्यान देने की गुजारिश की है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा- अगर वक्फ बिल पास होता है तो टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार जिम्मेदारी से नहीं बच पाएंगे, क्योंकि केंद्र सरकार इनकी बैसाखी पर ही चल रही है।

मदनी ने कहा कि सांप्रदायिक नीतियों के कारण ही भाजपा को लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिला। मुस्लिम बाहर से नहीं आए हैं, बल्कि इस देश के मूल निवासी हैं। अगर हिंदू गुर्जर, जाट हैं तो मुस्लिम भी गुर्जर और जाट हैं तथा कश्मीर में तो मुस्लिम भी ब्राह्मण हैं। जमीयत ने कहा कि एनडीए में शामिल जो दल धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं, उन्हें इस खतरनाक कानून का समर्थन करने से खुद को दूर रखना चाहिए।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।