/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:foreign
सीजफायर बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी को क्यों किया जा ट्रोल, समर्थन में उतरे ओवैसी-अखिलेश

#foreignsecretaryvikrammisrionline_trolling

भारत-पाकिस्‍तान तनाव के बीच भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखने वाले विदेश सचिव विक्रम मिसरी की कुछ लोग सोशल मीडिया पर आलोचना कर रहे हैं। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की आवाज बनकर सामने आए। इन तीनों अधिकारियों ने बीते दिनों लगातार प्रेस ब्रीफिंग कर सेना के पराक्रम से भरी कार्रवाई की जानकारी दुनिया को दी थी। लेकिन सीजफायर की घोषणा के बाद मिसरी लोगों के निशाने पर आ गए।

ट्रोलिंग के बाद अकाउंट किया प्रोटेक्टेड

10 मई को भारत पाकिस्‍तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद कई यूजर्स उनके पोस्‍ट्स पर ऑनलाइन एब्‍यूज कर रहे थे। यहां तक कि उनके परिवार के साथ उनकी पुरानी तस्‍वीरें शेयर हो रही थीं जिसके साथ उनकी बेटी का मोबाइल नंबर और कई तरह के कमेंट्स किए जा रहे थे। इसके बाद उन्‍होंने अपना अकाउंट सिक्‍योर कर लिया। इसका मतलब है कि केवल वेरिफाइड यूजर्स ही उनका अकाउंट देख सकते हैं, या उनके पोस्‍ट्स पर कोई कमेंट कर सकते हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने की निंदा

सीजफायर का ऐलान करने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के खिलाफ की गई ट्रोलिंग और उनकी बेटियों पर किए गए कमेंट के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने बयान में कहा कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के परिवार, खासकर उनकी बेटी के खिलाफ किए गए निंदनीय ऑनलाइन दुर्व्यवहार की राष्ट्रीय महिला आयोग कड़े शब्दों में निंदा करता है। विदेश सचिव की बेटी की व्यक्तिगत संपर्क जानकारी शेयर करना गंभीर रूप से गैर-जिम्मेदाराना काम है। यह गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन है, जो उनकी सुरक्षा को खतरे में डालता है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने बयान में आगे कहा कि जैसे देश के वरिष्ठतम सिविल सेवकों के परिवार के सदस्यों पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी अक्षम्य हैं। हम सभी से शालीनता, सभ्यता और संयमित व्यवहार का आग्रह करते हैं। आइए, हम इससे ऊपर उठें।

मिस्री के बचाव में उतारे ओवैसी-अखिलेश

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विक्रम मिसरी के पक्ष में बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘विक्रम मिस्री एक सभ्य, ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं, जो भारत की सेवा में जुटे हैं। उन्हें सरकार के फैसलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए

वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्रोलिंग की निंदा करते हुए लिखा, ऐसे बयान उन ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिराते हैं, जो देश के लिए दिन-रात काम करते हैं। सरकार का निर्णय व्यक्तिगत अधिकारियों का नहीं होता। जो असामाजिक तत्व अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

विक्रम देश के 35वें विदेश सचिव हैं

साल 2024 में विक्रम मिसरी ने देश के 35वें विदेश सचिव के रूम में कार्यभार संभाला था। इनमें पहले विनय मोहन क्वातरा विदेश सचिव के रूप में काम कर रहे थे। जनवरी 2022 से 2024 तक विक्रम मिसरी भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी NSA के डिप्टी का काम कर रहे थे। 2019 से 2021 तक वो चीन में भारतीय एम्बैसडर रहे। वो इंदर कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए प्राइवेट सेक्रेटरी रह चुके हैं। इसके अलावा वो स्पेन और म्यांमार में भी भारत के एम्बैसडर रहे हैं

तनाव बढ़ाने का इरादा नहीं, लेकिन अब हमला हुआ तो बहुत मजबूती से देंगे जवाब, एस जयशंकर की चेतावनी

#jaishankartalktoiranforeign_minister

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत दुनियाभर में अपने संदेश को मजबूती से रख रहा है। भारत ने विश्व पटल पर एक बार फिर से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में की गई कार्रवाई एकदम सटीक है। आज विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची के साथ दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने कहा कि आप ऐसे समय में भारत आ रहे हैं जब हमने 22 अप्रैल को भारतीय संघ शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में हुए एक विशेष रूप से बर्बर हमले का जवाब दिया है। इस हमले ने हमें 7 मई को सीमा पार आतंकवादी ठिकाने पर हमला करके जवाब देने के लिए मजबूर किया।

बहुत कड़ा और निर्णायक जवाब की चेतावनी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास से द्विपक्षीय बैठक में कहा कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई सोची-समझी और सीमित थी। उसका इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है, लेकिन अगर भारत पर कोई सैन्य हमला होता है, तो उसका जवाब बहुत कड़ा और निर्णायक होगा। उन्होंने कहा- एक पड़ोसी और अहम साझेदार होने के नाते ईरान को हालात को लेकर स्पष्ट और सही जानकारी होना जरूरी है, ताकि किसी तरह की गलतफहमी न हो।

चीन तक भी पहुंचाई बात

इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चीन से भी अपने इरादे साफ कर चुका है। जयशंकर ने चीन को कहा था कि पाकिस्तान अगर जवाबी कार्रवाई करेगा तो भारत इसका मुंहतोड़ जवाब देगा। जयशंकर ने बुधवार को आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दोहराया था। जयशंकर ने एक्स' पर लिखा था कि दुनिया को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए।

भारत से डरा पाक तो ड्रैगन की शरण में आया, चीनी राजदूत से मिले विदेश मंत्री इशाक डार

#pakforeignministermeetschinese_ambassador

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान खौफ में जी रहा है। पहलगाम में 26 लोगों की निर्मम हत्या के बाद पूरा भारत गुस्से में है। जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद कई बड़े फैसले लिए है। पाकिस्तान इससे बौखलाया हुआ है। वहीं पाकिस्तान भारत की तरफ से किसी बड़ी कार्रवाई का डर भी सता रहा है। इसी बीच पाकिस्तान ड्रैगन की शरण में आया है। चीन के राजदूत जियांग जेडोंग ने आज पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार से मुलाकात की।

सदाबहार दोस्त को दी हालात की जानकारी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के राजदूत जियांग जेड ने इस्लामाबाद में मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने क्षेत्रीय तनाव की जानकारी चीन को दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक्स अकाउंट से जारी बयान में कहा गया है कि "चीन के राजदूत जियांग जेड ने आज उप प्रधानमंत्री/विदेश मंत्री सीनेटर मोहम्मद इशाक डार से मुलाकात की। पाकिस्तान और चीन के बीच हर मौसम में रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि करते हुए दोनों पक्षों ने उभरते क्षेत्रीय हालात पर विचारों का आदान-प्रदान किया और नजदीकी कम्युनिकेशन और समन्वय बनाए रखने पर सहमति जताई।

चीन ने की थी आतंकी हमले की निंदा

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चीन ने अपनी प्रतिक्रिया में आतंकी हमले की निंदा तो की थी दी है। नई दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में इस बर्बर आतंकी हमले की निंदा की है। लेकिन चीन का यह बयान आतंकी हमले के एक दिन बाद आया था और इससे भी दिलचस्प बात यह थी कि इस पर पाकिस्तान और चीन की प्रतिक्रिया एक साथ आई थी। वहीं अब इस्लामाबाद में चीन और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच मुलाकात हुई है।

क्यों खौफ में पाकिस्तान?

ये मुलाकात ऐसे समय हुई है जब भारत ने पाकिस्तान के लिए सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। भारत ने सिंधु जल समझौते को सस्पेंड कर दिया और फिर देश से सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश वापस जाने का आदेश दिया। इसके साथ ही भारत ने सख्त ऐक्शन लेते हुए अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को भी बंद करने का फैसला लिया है। भारत में पाकिस्तान के दूतावास को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। भारत के इस ऐक्शन से पाकिस्तान बौखला गया है और बार-बार चेतावनी दे रहा है। तमाम देशों ने पहलगाम हमले के बाद भारत का साथ दिया है। ऐसे में पाकिस्तान अब चीन के पास मदद की गुहार लगाने पहुंचा है।

पाकिस्तान के लिए चीन काफी अहम

भारत के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के लिए चीन बेहद जरूरी खिलाड़ी साबित हो सकता है। हथियार देने से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वह पाकिस्तान का पक्ष ले सकता है, क्योंकि चीन के पास संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर है। इसलिए इसकी पाकिस्तान से करीबी भारत के लिए चिंता बढ़ा सकती है।

*Mohanbagan's young brigade to stop the Kerala storm*

Sports 

 Kalinga Super Cup 

 Khabar kolkata sports Desk : Junior footballers do not get the chance that way. As a result, you can not prove yourself. This time, the opportunity to satisfy the excitement is Dhiraj Singh, Raj Basfor, Sandeep Malik, Amandeep and a young footballer. In the quarter -finals of the Super Cup, Mohanbagan's team Bhubaneswar went on Thursday to play against Blastus. The only foreign Portugal is Nuno Miguel.

करीब आ रहे भारत के दो ‘दुश्मन’, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच 15 साल बाद फिर वार्ता शुरू

#pakistan_bangladesh_foreign_secretaries_meet

बांग्लादेश से शेख हसीना शासन के पतन के बाद पाकिस्तान से इसकी नजदीकी तेजी से बढ़ रही है। अब करीब 15 साल बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के टॉप डिप्लोमैट्स एक ही टेबल पर आमने-सामने बैठने वाले है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच गुरुवार 17 अप्रैल को ढाका में विदेश सचिव स्तर की विदेश कार्यालय परामर्श आयोजित होने जा रही है। इसके लिए पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच इस्लामाबाद के प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को ढाका पहुंच चुकीं हैं।

दोनों देशों के बीच आखिरी फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन की बैठक 2010 में हुई थी। बांग्लादेश की तरफ से विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन राज्य अतिथि गृह पद्मा में होने वाली इस बैठक का नेतृत्व करेंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि बैठक के लिए कोई खास एजेंडा तय नहीं किया है, लेकिन चर्चा के दौरान आपसी हितों के सभी क्षेत्रों को शामिल किए जाने की संभावना है। अधिकारी ने बताया कि इतने लंबे समय के बाद हो रही वार्ता में पहले से विषयों को प्राथमिकता देना मुश्किल है, लेकिन वार्ता व्यापक होगी।

ये मीटिंग ऐसे वक्त में होने जा रही है जब भारत बांग्लादेश के रिश्ते पहले जैसे मजबूत नहीं रहे हैं। अब डेढ़ दशक बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान ऐसा कुछ करने जा रहे हैं, जो भारत की टेंशन बढ़ाएगा। पाकिस्तान और बांग्लादेश अपने रिश्तों को नई दिशा देने की तैयारी में हैं। चर्चा है कि इस दौरे के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार भी ढाका आ सकते हैं जो कि 2012 के बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पहला बांग्लादेश दौरा होगा।

विदेश सचिव स्तर की बैठक के अलावा पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार इस महीने के अंत में ढाका का दौरा करने वाले हैं। 2012 के बाद यह किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली बांग्लादेश यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, हम अभी तारीख तय कर रहे हैं, लेकिन यात्रा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है।

टैरिफ वॉर के बीच एस जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच हुई बातचीत, क्या मिलेगी राहत?

#s_jaishankar_called_the_us_foreign_minister

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 100 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की है। जिसके बाद से दुनियाभर के बाजारों में इसका जोरदार असर देखा जा रहा है। ट्रंप के जवाबी टैरिफ लगाए जाने को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से बात की है। एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच फोन पर बातचीत हुई।

जयशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उन्होंने और रुबियो ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने की अहमियत पर बात की। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि इस व्यापार समझौते को जल्दी से अंतिम रूप दिया जाए। जयशंकर ने कहा, हमने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की जल्द समाप्ति पर बात की है। मुझे उम्मीद है कि हम इस दिशा में जल्द आगे बढ़ेंगे।उन्होंने यह भी कहा कि वह रुबियो के साथ संपर्क में बने रहेंगे। 

जयशंकर और रुबियो के बीच यह बातचीत उस दिन हुई जब ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने और संभावित व्यापार युद्ध की आशंका के चलते वैश्विक बाजार में गिरावट दर्ज की गई। यह अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (भारत पर 26%) लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी।

बता दें कि चीन और कुछ अन्य देशों के उलट भारत ने रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया है और इसके बजाय ऐसा व्यापार समझौता करने का रास्ता चुना है जो दोनों देशों के हितों और संवेदनशीलताओं को साध सके। चल रही बातचीत का मुख्य फोकस बाजार तक पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन के एकीकरण को मजबूत करने पर है।

ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत उन सभी देशों और साझेदारों पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो अमेरिका से आयातित सामान पर टैरिफ लगा रहे हैं। इस फैसले के पीछे ट्रंप प्रशासन का मकसद व्यापार घाटे को कम करना और निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है। भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो पहले से लागू शुल्क के ज्यादा होगा।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

#amitshahloksabhaimmigrationandforeign_bills

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

1 साल में पकड़ाई 49.37 करोड़ की नशीली दवाएं : छत्तीसगढ़ में SAFEMA के तहत हुई पहली कार्रवाई, अपराधियों की 5.56 करोड़ की अवैध संपत्ति कुर्क

रायपुर-  पुलिस मुख्यालय में नारकोटिक्स पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव ने आज जिलों के एन्टी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स (ANTF) के नोडल अधिकारियों की वर्चुअली बैठक ली. इस बैठक में मादक पदार्थों की जब्ती, अपराधियों की गिरफ्तारी और अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई को लेकर अहम निर्देश दिए गए।

1329 मामले दर्ज, 49.37 करोड़ की नशीली दवाओं की जब्ती

आईजी अजय यादव ने बैठक में बताया कि वर्ष 2024 में 1329 प्रकरण दर्ज किए गए, जिसमें गांजा (24631.3 किलो), ब्राउन शुगर (335.4 ग्राम), अफीम (1.36 किलो) सहित अन्य नशीली दवाएं जब्त की गईं, जिनकी कुल कीमत लगभग 49.37 करोड़ रुपये आंकी गई. इस दौरान 2149 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. वर्ष 2025 के फरवरी तक 192 प्रकरणों में 340 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. 

SAFEMA के तहत पहली बार बड़ी कार्रवाई

राज्य में पहली बार SAFEMA (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act) के तहत 5.56 करोड़ की अवैध संपत्ति कुर्क की गई. पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत 83 आरोपियों के खिलाफ निरोध आदेश जारी कर उन्हें जेल भेजा गया, वहीं 211 प्रकरणों में जब्त वाहनों को राजसात करने की कार्रवाई की जा रही है.

नशा कारोबारियों की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई के निर्देश

आईजी यादव ने बड़ी जब्ती के मामलों में वित्तीय जांच और एंड-टू-एंड इन्वेस्टिगेशन किए जाने के निर्देश दिए हैं. नशा कारोबारियों की अवैध संपत्ति को SAFEMA के तहत जब्त करने के लिए अधिक से अधिक मामले तैयार कर सक्षम प्राधिकारी को भेजा जाए.

नशामुक्ति अभियान को बढ़ावा

नोडल अधिकारियों को नशामुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करने और “मानस हेल्पलाइन” (टोल फ्री नंबर 1933) व “नशामुक्त भारत अभियान” के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए. बैठक में सीआईडी एएसपी पूजा अग्रवाल सहित सभी जिलों के एएनटीएफ अधिकारी उपस्थित रहे.

फॉरेनर एक्ट के तहत दर्ज हुआ अपराध, चोरी की घटना को अंजाम देने वाले 2 बांग्लादेशी समेत अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर गिरफ्तार…

महासमुंद- पुलिस ने नाक में दम करके रखने वाले चोरों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. जिले में अलग-अलग जगह कुल 9 चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें 2 बांग्लादेशी और एक अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर और एक सहयोगी शामिल है. फॉरेनर एक्ट Foreigners Act) 1946 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मुख्य आरोपी मिलन मंडल और उसका साथी मो. शफीक शेख उर्फ बाबू शेख चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए बर्तन बेचने के बहाने घरों की रेकी करते थे. पुलिस ने बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के रहने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही चोरी का माल खपाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल (निवासी पश्चिम बंगाल) को भी गिरफ्तार किया गया है.

आरोपियों से चोरी का माल खरीदने वाले सोनार जयदेव करमाकर को भी जेल भेज दिया गया है. जांच में सामने आया कि मिलन मंडल और मो. शफीक शेख ने बांग्लादेश की अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा रखा था.

पुलिस ने आरोपियों को ऐसे पकड़ाजनवरी में बसना थाना क्षेत्र में दिनेश अग्रवाल के घर में चोरी हुई थी, जिसमें करीब 5 लाख रुपये की ज्वेलरी और नकदी चोरी हो गई थी. इसके बाद फरवरी में सांकरा थाना क्षेत्र में देवनाथ पटेल के घर भी 4.43 लाख रुपये की चोरी हुई.

दोनों मामलों में चोरी का पैटर्न एक जैसा था, जिससे पुलिस को अंदेशा हुआ कि दोनों घटनाओं में एक ही गिरोह शामिल हो सकता है. इसके बाद सांकरा, बसना थाना और साइबर सेल की टीम ने CCTV फुटेज, मोबाइल टावर डंप और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया गया.

2003 से लगातार भारत आ रहा था मुख्य आरोपी

मिलन मंडल वर्ष 2003 से अब तक 10 बार बांग्लादेश से भारत आ चुका है. वह अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल के जरिए भारत में अवैध रूप से घुसा था. अफसर मंडल लोगों को अवैध तरीके से बांग्लादेश से भारत लाने और भारत से बांग्लादेश भेजने का काम करता था. वह चोरी से मिली रकम और माल को हवाला के जरिए बांग्लादेश में अपनी पत्नी के पास भेजता था. आरोपी मिलन मंडल ने पूछताछ में बताया कि वह चोरी के माल को अफसर मंडल के जरिए पश्चिम बंगाल में जयदेव करमाकर को बेचता था. चोरी की रकम और सोने के गहनों की बिक्री से 18.10 लाख रुपये बांग्लादेश भेजे गए थे. पैसा भेजने के लिए गणेश बर्मन नामक व्यक्ति महिला एजेंटों का इस्तेमाल करता था, जो सीमा पर खेती के लिए जाने वाली महिलाओं के जरिए कपड़ों में छिपाकर रकम पार कराते थे.

पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हीरा, सोना और चांदी के आभूषण कुल कीमती 58,52,000 रुपए, नगद राशि 7,000 रुपए, मोटर सायकल कीमती 46,000 रुपए जब्त किया गया है.  

गिरफ्तार आरोपी

01. मिलन मण्डल पिता मुजम्मिल मण्डल, उम्र 40 साल निवासी ग्राम पार्वतीपुर जिला दिनाजपुर राज्य रंगपुर, बांग्लादेश हाल पता बध्व मुजम्मल मण्डल मुधोल रोड़ अवति गली जामखण्डी जिला बागलकोट, कनार्टक.

02. अफसर मंडल पिता सुप्पूर महमूद मंडल उम्र 70 वर्ष सा. मध्य कृष्णरामपुर, शाहपुकुर थाना कुमारगंज, जिला दक्षिण दिनाजपुर, पं. बंगाल.

03. जयदेव करमाकर पिता मनिन्द्रनाथ करमाकर उम्र 54 वर्ष ग्राम डांगाहाट थाना कुमारगंज, जिला दक्षिण दिनाजपुर, पं. बंगाल.

04. मो० शफीक शेख उर्फ बाबू शेख पिता मो० इदरिश सेख उर्फ आमिर शेख उम्र 43 वर्ष निवासी पार्वतीपुर जिला दक्षिण दिनाजपुर राज्य रंगपुर, बांग्लादेश हाल पता वार्ड न० 28. दात्रि मस्जिद के पारा, दरबार गली बीजापुर विजयापुरा कर्नाटक अन्य पता माल्दा रेलवे स्टेशन के पास ग्राम भोजपुर थाना इंग्लिश बाजार जिला माल्दा पं बंगाल.

(

पीएम मोदी के विदेश दौरों पर कितना खर्च? खरगे ने पूछा सवाल तो सरकार ने दिया जवाब

#pmmodiforeignvisitsexpenditure

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर विदेश दौरों पर जाते रहते हैं। अभी हाल ही में पीएम मोदी ने मॉरिशन का दौरा किया था, उससे पहले अमेरिका भी गए थे। मई 2022 से दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 38 विदेश यात्राएं कर चुके हैं। पीएम मोदी के विदेश दौरे को लेकर विपक्ष हमेशा से सवाल उठता रहा है। एक बार फिर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम की विदेश यात्राओं पर भारतीय दूतावासों द्वारा किए गए कुल खर्च और यात्रा-वार खर्च का ब्योरा मांगा था। जवाब में विदेश राज्य मंत्री पबित्र मार्गेरिटा ने सरकार का आधिकारिक ब्यौरा पेश कर दिया है।

खरगे ने सरकार से पूछा था कि पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं की व्यवस्था पर भारतीय दूतावासों द्वारा कुल कितना खर्च किया गया है। उन्होंने होटल व्यवस्था, सामुदायिक स्वागत, परिवहन व्यवस्था और अन्य विविध व्यय जैसे प्रमुख मदों के अंतर्गत किए गए यात्रा-वार व्यय का विवरण भी मांगा।

38 विदेश यात्राओं पर करीब ₹258 करोड़ खर्च

इसके जवाब में मार्गेरिटा ने प्रधानमंत्री द्वारा 2022, 2023 और 2024 में किए गए विदेश यात्राओं पर देश-वार खर्च के आंकड़ों को सारणीबद्ध रूप में पेश किया। उनकी इन यात्राओं में आधिकारिक, उनके साथ जाने वाले सुरक्षा और मीडिया प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। मई 2022 से दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 38 विदेश यात्राओं पर करीब ₹258 करोड़ खर्च हुए। इन 38 देशों के दौरों में अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, रूस, इटली, पोलैंड, ब्राजील, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र और दक्षिण अफ्रीका जैसे प्रमुख देश शामिल थे।

सबसे महंगा दौरा अमेरिका का

सरकार की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक, पीएम मोदी का सबसे महंगा दौरा जून 2023 में अमेरिका का था।आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा पर 22 करोड़ 89 लाख 68 हजार 509 रुपये का खर्च हुआ था, जबकि सितंबर 2024 में इसी देश की यात्रा पर 15 करोड़ 33 लाख 76 हजार 348 रुपये खर्च हुए थे।

नेपाल दौरे पर सबसे कम खर्च

मई 2023 में प्रधानमंत्री की जापान यात्रा से संबंधित आंकड़ों के अनुसार उस पर 17 करोड़ 19 लाख 33 हजार 356 रुपये खर्च हुए थे, जबकि मई 2022 में नेपाल यात्रा पर 80,01,483 रुपये खर्च हुए थे।2024 में, उन्होंने पोलैंड दौरे पर ₹10,10,18,686 खर्च हुए थे, तो वहीं यूक्रेन में ₹2,52,01,169, रूस में ₹5,34,71,726, इटली में ₹14,36,55,289, ब्राज़ील यात्रा पर ₹5,51,86,592 और गुयाना दौरे पर ₹5,45,91,495 रुपये खर्च किए गए।

2014 से पहले के कुछ आंकड़े भी साझा किए

मंत्री ने अपने जवाब में 2014 से पहले के वर्षों के कुछ आंकड़े भी साझा किए। उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर खर्च 10 करोड़ 74 लाख 27 हडार 363 रुपये (अमेरिका, 2011); 9,95,76,890 रुपये (रूस, 2013), 8,33,49,463 रुपये (फ्रांस, 2011) और 6,02,23,484 रुपये (जर्मनी, 2013) था। उन्होंने कहा, ‘‘ये आंकड़े मुद्रास्फीति या मुद्रा में उतार-चढ़ाव के समायोजन के बिना वास्तविक व्यय को दर्शाते हैं।’’

सीजफायर बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी को क्यों किया जा ट्रोल, समर्थन में उतरे ओवैसी-अखिलेश

#foreignsecretaryvikrammisrionline_trolling

भारत-पाकिस्‍तान तनाव के बीच भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखने वाले विदेश सचिव विक्रम मिसरी की कुछ लोग सोशल मीडिया पर आलोचना कर रहे हैं। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की आवाज बनकर सामने आए। इन तीनों अधिकारियों ने बीते दिनों लगातार प्रेस ब्रीफिंग कर सेना के पराक्रम से भरी कार्रवाई की जानकारी दुनिया को दी थी। लेकिन सीजफायर की घोषणा के बाद मिसरी लोगों के निशाने पर आ गए।

ट्रोलिंग के बाद अकाउंट किया प्रोटेक्टेड

10 मई को भारत पाकिस्‍तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद कई यूजर्स उनके पोस्‍ट्स पर ऑनलाइन एब्‍यूज कर रहे थे। यहां तक कि उनके परिवार के साथ उनकी पुरानी तस्‍वीरें शेयर हो रही थीं जिसके साथ उनकी बेटी का मोबाइल नंबर और कई तरह के कमेंट्स किए जा रहे थे। इसके बाद उन्‍होंने अपना अकाउंट सिक्‍योर कर लिया। इसका मतलब है कि केवल वेरिफाइड यूजर्स ही उनका अकाउंट देख सकते हैं, या उनके पोस्‍ट्स पर कोई कमेंट कर सकते हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने की निंदा

सीजफायर का ऐलान करने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के खिलाफ की गई ट्रोलिंग और उनकी बेटियों पर किए गए कमेंट के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने बयान में कहा कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के परिवार, खासकर उनकी बेटी के खिलाफ किए गए निंदनीय ऑनलाइन दुर्व्यवहार की राष्ट्रीय महिला आयोग कड़े शब्दों में निंदा करता है। विदेश सचिव की बेटी की व्यक्तिगत संपर्क जानकारी शेयर करना गंभीर रूप से गैर-जिम्मेदाराना काम है। यह गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन है, जो उनकी सुरक्षा को खतरे में डालता है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने बयान में आगे कहा कि जैसे देश के वरिष्ठतम सिविल सेवकों के परिवार के सदस्यों पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी अक्षम्य हैं। हम सभी से शालीनता, सभ्यता और संयमित व्यवहार का आग्रह करते हैं। आइए, हम इससे ऊपर उठें।

मिस्री के बचाव में उतारे ओवैसी-अखिलेश

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विक्रम मिसरी के पक्ष में बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘विक्रम मिस्री एक सभ्य, ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं, जो भारत की सेवा में जुटे हैं। उन्हें सरकार के फैसलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए

वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्रोलिंग की निंदा करते हुए लिखा, ऐसे बयान उन ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिराते हैं, जो देश के लिए दिन-रात काम करते हैं। सरकार का निर्णय व्यक्तिगत अधिकारियों का नहीं होता। जो असामाजिक तत्व अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

विक्रम देश के 35वें विदेश सचिव हैं

साल 2024 में विक्रम मिसरी ने देश के 35वें विदेश सचिव के रूम में कार्यभार संभाला था। इनमें पहले विनय मोहन क्वातरा विदेश सचिव के रूप में काम कर रहे थे। जनवरी 2022 से 2024 तक विक्रम मिसरी भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी NSA के डिप्टी का काम कर रहे थे। 2019 से 2021 तक वो चीन में भारतीय एम्बैसडर रहे। वो इंदर कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए प्राइवेट सेक्रेटरी रह चुके हैं। इसके अलावा वो स्पेन और म्यांमार में भी भारत के एम्बैसडर रहे हैं

तनाव बढ़ाने का इरादा नहीं, लेकिन अब हमला हुआ तो बहुत मजबूती से देंगे जवाब, एस जयशंकर की चेतावनी

#jaishankartalktoiranforeign_minister

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत दुनियाभर में अपने संदेश को मजबूती से रख रहा है। भारत ने विश्व पटल पर एक बार फिर से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में की गई कार्रवाई एकदम सटीक है। आज विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची के साथ दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने कहा कि आप ऐसे समय में भारत आ रहे हैं जब हमने 22 अप्रैल को भारतीय संघ शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में हुए एक विशेष रूप से बर्बर हमले का जवाब दिया है। इस हमले ने हमें 7 मई को सीमा पार आतंकवादी ठिकाने पर हमला करके जवाब देने के लिए मजबूर किया।

बहुत कड़ा और निर्णायक जवाब की चेतावनी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास से द्विपक्षीय बैठक में कहा कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई सोची-समझी और सीमित थी। उसका इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है, लेकिन अगर भारत पर कोई सैन्य हमला होता है, तो उसका जवाब बहुत कड़ा और निर्णायक होगा। उन्होंने कहा- एक पड़ोसी और अहम साझेदार होने के नाते ईरान को हालात को लेकर स्पष्ट और सही जानकारी होना जरूरी है, ताकि किसी तरह की गलतफहमी न हो।

चीन तक भी पहुंचाई बात

इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चीन से भी अपने इरादे साफ कर चुका है। जयशंकर ने चीन को कहा था कि पाकिस्तान अगर जवाबी कार्रवाई करेगा तो भारत इसका मुंहतोड़ जवाब देगा। जयशंकर ने बुधवार को आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दोहराया था। जयशंकर ने एक्स' पर लिखा था कि दुनिया को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए।

भारत से डरा पाक तो ड्रैगन की शरण में आया, चीनी राजदूत से मिले विदेश मंत्री इशाक डार

#pakforeignministermeetschinese_ambassador

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान खौफ में जी रहा है। पहलगाम में 26 लोगों की निर्मम हत्या के बाद पूरा भारत गुस्से में है। जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद कई बड़े फैसले लिए है। पाकिस्तान इससे बौखलाया हुआ है। वहीं पाकिस्तान भारत की तरफ से किसी बड़ी कार्रवाई का डर भी सता रहा है। इसी बीच पाकिस्तान ड्रैगन की शरण में आया है। चीन के राजदूत जियांग जेडोंग ने आज पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार से मुलाकात की।

सदाबहार दोस्त को दी हालात की जानकारी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के राजदूत जियांग जेड ने इस्लामाबाद में मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने क्षेत्रीय तनाव की जानकारी चीन को दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक्स अकाउंट से जारी बयान में कहा गया है कि "चीन के राजदूत जियांग जेड ने आज उप प्रधानमंत्री/विदेश मंत्री सीनेटर मोहम्मद इशाक डार से मुलाकात की। पाकिस्तान और चीन के बीच हर मौसम में रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि करते हुए दोनों पक्षों ने उभरते क्षेत्रीय हालात पर विचारों का आदान-प्रदान किया और नजदीकी कम्युनिकेशन और समन्वय बनाए रखने पर सहमति जताई।

चीन ने की थी आतंकी हमले की निंदा

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चीन ने अपनी प्रतिक्रिया में आतंकी हमले की निंदा तो की थी दी है। नई दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में इस बर्बर आतंकी हमले की निंदा की है। लेकिन चीन का यह बयान आतंकी हमले के एक दिन बाद आया था और इससे भी दिलचस्प बात यह थी कि इस पर पाकिस्तान और चीन की प्रतिक्रिया एक साथ आई थी। वहीं अब इस्लामाबाद में चीन और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच मुलाकात हुई है।

क्यों खौफ में पाकिस्तान?

ये मुलाकात ऐसे समय हुई है जब भारत ने पाकिस्तान के लिए सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। भारत ने सिंधु जल समझौते को सस्पेंड कर दिया और फिर देश से सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश वापस जाने का आदेश दिया। इसके साथ ही भारत ने सख्त ऐक्शन लेते हुए अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को भी बंद करने का फैसला लिया है। भारत में पाकिस्तान के दूतावास को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। भारत के इस ऐक्शन से पाकिस्तान बौखला गया है और बार-बार चेतावनी दे रहा है। तमाम देशों ने पहलगाम हमले के बाद भारत का साथ दिया है। ऐसे में पाकिस्तान अब चीन के पास मदद की गुहार लगाने पहुंचा है।

पाकिस्तान के लिए चीन काफी अहम

भारत के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के लिए चीन बेहद जरूरी खिलाड़ी साबित हो सकता है। हथियार देने से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वह पाकिस्तान का पक्ष ले सकता है, क्योंकि चीन के पास संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर है। इसलिए इसकी पाकिस्तान से करीबी भारत के लिए चिंता बढ़ा सकती है।

*Mohanbagan's young brigade to stop the Kerala storm*

Sports 

 Kalinga Super Cup 

 Khabar kolkata sports Desk : Junior footballers do not get the chance that way. As a result, you can not prove yourself. This time, the opportunity to satisfy the excitement is Dhiraj Singh, Raj Basfor, Sandeep Malik, Amandeep and a young footballer. In the quarter -finals of the Super Cup, Mohanbagan's team Bhubaneswar went on Thursday to play against Blastus. The only foreign Portugal is Nuno Miguel.

करीब आ रहे भारत के दो ‘दुश्मन’, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच 15 साल बाद फिर वार्ता शुरू

#pakistan_bangladesh_foreign_secretaries_meet

बांग्लादेश से शेख हसीना शासन के पतन के बाद पाकिस्तान से इसकी नजदीकी तेजी से बढ़ रही है। अब करीब 15 साल बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के टॉप डिप्लोमैट्स एक ही टेबल पर आमने-सामने बैठने वाले है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच गुरुवार 17 अप्रैल को ढाका में विदेश सचिव स्तर की विदेश कार्यालय परामर्श आयोजित होने जा रही है। इसके लिए पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच इस्लामाबाद के प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को ढाका पहुंच चुकीं हैं।

दोनों देशों के बीच आखिरी फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन की बैठक 2010 में हुई थी। बांग्लादेश की तरफ से विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन राज्य अतिथि गृह पद्मा में होने वाली इस बैठक का नेतृत्व करेंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि बैठक के लिए कोई खास एजेंडा तय नहीं किया है, लेकिन चर्चा के दौरान आपसी हितों के सभी क्षेत्रों को शामिल किए जाने की संभावना है। अधिकारी ने बताया कि इतने लंबे समय के बाद हो रही वार्ता में पहले से विषयों को प्राथमिकता देना मुश्किल है, लेकिन वार्ता व्यापक होगी।

ये मीटिंग ऐसे वक्त में होने जा रही है जब भारत बांग्लादेश के रिश्ते पहले जैसे मजबूत नहीं रहे हैं। अब डेढ़ दशक बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान ऐसा कुछ करने जा रहे हैं, जो भारत की टेंशन बढ़ाएगा। पाकिस्तान और बांग्लादेश अपने रिश्तों को नई दिशा देने की तैयारी में हैं। चर्चा है कि इस दौरे के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार भी ढाका आ सकते हैं जो कि 2012 के बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पहला बांग्लादेश दौरा होगा।

विदेश सचिव स्तर की बैठक के अलावा पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार इस महीने के अंत में ढाका का दौरा करने वाले हैं। 2012 के बाद यह किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली बांग्लादेश यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, हम अभी तारीख तय कर रहे हैं, लेकिन यात्रा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है।

टैरिफ वॉर के बीच एस जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच हुई बातचीत, क्या मिलेगी राहत?

#s_jaishankar_called_the_us_foreign_minister

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 100 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की है। जिसके बाद से दुनियाभर के बाजारों में इसका जोरदार असर देखा जा रहा है। ट्रंप के जवाबी टैरिफ लगाए जाने को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से बात की है। एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच फोन पर बातचीत हुई।

जयशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उन्होंने और रुबियो ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने की अहमियत पर बात की। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि इस व्यापार समझौते को जल्दी से अंतिम रूप दिया जाए। जयशंकर ने कहा, हमने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की जल्द समाप्ति पर बात की है। मुझे उम्मीद है कि हम इस दिशा में जल्द आगे बढ़ेंगे।उन्होंने यह भी कहा कि वह रुबियो के साथ संपर्क में बने रहेंगे। 

जयशंकर और रुबियो के बीच यह बातचीत उस दिन हुई जब ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने और संभावित व्यापार युद्ध की आशंका के चलते वैश्विक बाजार में गिरावट दर्ज की गई। यह अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (भारत पर 26%) लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी।

बता दें कि चीन और कुछ अन्य देशों के उलट भारत ने रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया है और इसके बजाय ऐसा व्यापार समझौता करने का रास्ता चुना है जो दोनों देशों के हितों और संवेदनशीलताओं को साध सके। चल रही बातचीत का मुख्य फोकस बाजार तक पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन के एकीकरण को मजबूत करने पर है।

ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत उन सभी देशों और साझेदारों पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो अमेरिका से आयातित सामान पर टैरिफ लगा रहे हैं। इस फैसले के पीछे ट्रंप प्रशासन का मकसद व्यापार घाटे को कम करना और निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है। भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो पहले से लागू शुल्क के ज्यादा होगा।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

#amitshahloksabhaimmigrationandforeign_bills

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

1 साल में पकड़ाई 49.37 करोड़ की नशीली दवाएं : छत्तीसगढ़ में SAFEMA के तहत हुई पहली कार्रवाई, अपराधियों की 5.56 करोड़ की अवैध संपत्ति कुर्क

रायपुर-  पुलिस मुख्यालय में नारकोटिक्स पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव ने आज जिलों के एन्टी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स (ANTF) के नोडल अधिकारियों की वर्चुअली बैठक ली. इस बैठक में मादक पदार्थों की जब्ती, अपराधियों की गिरफ्तारी और अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई को लेकर अहम निर्देश दिए गए।

1329 मामले दर्ज, 49.37 करोड़ की नशीली दवाओं की जब्ती

आईजी अजय यादव ने बैठक में बताया कि वर्ष 2024 में 1329 प्रकरण दर्ज किए गए, जिसमें गांजा (24631.3 किलो), ब्राउन शुगर (335.4 ग्राम), अफीम (1.36 किलो) सहित अन्य नशीली दवाएं जब्त की गईं, जिनकी कुल कीमत लगभग 49.37 करोड़ रुपये आंकी गई. इस दौरान 2149 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. वर्ष 2025 के फरवरी तक 192 प्रकरणों में 340 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. 

SAFEMA के तहत पहली बार बड़ी कार्रवाई

राज्य में पहली बार SAFEMA (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act) के तहत 5.56 करोड़ की अवैध संपत्ति कुर्क की गई. पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत 83 आरोपियों के खिलाफ निरोध आदेश जारी कर उन्हें जेल भेजा गया, वहीं 211 प्रकरणों में जब्त वाहनों को राजसात करने की कार्रवाई की जा रही है.

नशा कारोबारियों की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई के निर्देश

आईजी यादव ने बड़ी जब्ती के मामलों में वित्तीय जांच और एंड-टू-एंड इन्वेस्टिगेशन किए जाने के निर्देश दिए हैं. नशा कारोबारियों की अवैध संपत्ति को SAFEMA के तहत जब्त करने के लिए अधिक से अधिक मामले तैयार कर सक्षम प्राधिकारी को भेजा जाए.

नशामुक्ति अभियान को बढ़ावा

नोडल अधिकारियों को नशामुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करने और “मानस हेल्पलाइन” (टोल फ्री नंबर 1933) व “नशामुक्त भारत अभियान” के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए. बैठक में सीआईडी एएसपी पूजा अग्रवाल सहित सभी जिलों के एएनटीएफ अधिकारी उपस्थित रहे.

फॉरेनर एक्ट के तहत दर्ज हुआ अपराध, चोरी की घटना को अंजाम देने वाले 2 बांग्लादेशी समेत अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर गिरफ्तार…

महासमुंद- पुलिस ने नाक में दम करके रखने वाले चोरों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. जिले में अलग-अलग जगह कुल 9 चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें 2 बांग्लादेशी और एक अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर और एक सहयोगी शामिल है. फॉरेनर एक्ट Foreigners Act) 1946 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मुख्य आरोपी मिलन मंडल और उसका साथी मो. शफीक शेख उर्फ बाबू शेख चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए बर्तन बेचने के बहाने घरों की रेकी करते थे. पुलिस ने बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के रहने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही चोरी का माल खपाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल (निवासी पश्चिम बंगाल) को भी गिरफ्तार किया गया है.

आरोपियों से चोरी का माल खरीदने वाले सोनार जयदेव करमाकर को भी जेल भेज दिया गया है. जांच में सामने आया कि मिलन मंडल और मो. शफीक शेख ने बांग्लादेश की अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा रखा था.

पुलिस ने आरोपियों को ऐसे पकड़ाजनवरी में बसना थाना क्षेत्र में दिनेश अग्रवाल के घर में चोरी हुई थी, जिसमें करीब 5 लाख रुपये की ज्वेलरी और नकदी चोरी हो गई थी. इसके बाद फरवरी में सांकरा थाना क्षेत्र में देवनाथ पटेल के घर भी 4.43 लाख रुपये की चोरी हुई.

दोनों मामलों में चोरी का पैटर्न एक जैसा था, जिससे पुलिस को अंदेशा हुआ कि दोनों घटनाओं में एक ही गिरोह शामिल हो सकता है. इसके बाद सांकरा, बसना थाना और साइबर सेल की टीम ने CCTV फुटेज, मोबाइल टावर डंप और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया गया.

2003 से लगातार भारत आ रहा था मुख्य आरोपी

मिलन मंडल वर्ष 2003 से अब तक 10 बार बांग्लादेश से भारत आ चुका है. वह अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल के जरिए भारत में अवैध रूप से घुसा था. अफसर मंडल लोगों को अवैध तरीके से बांग्लादेश से भारत लाने और भारत से बांग्लादेश भेजने का काम करता था. वह चोरी से मिली रकम और माल को हवाला के जरिए बांग्लादेश में अपनी पत्नी के पास भेजता था. आरोपी मिलन मंडल ने पूछताछ में बताया कि वह चोरी के माल को अफसर मंडल के जरिए पश्चिम बंगाल में जयदेव करमाकर को बेचता था. चोरी की रकम और सोने के गहनों की बिक्री से 18.10 लाख रुपये बांग्लादेश भेजे गए थे. पैसा भेजने के लिए गणेश बर्मन नामक व्यक्ति महिला एजेंटों का इस्तेमाल करता था, जो सीमा पर खेती के लिए जाने वाली महिलाओं के जरिए कपड़ों में छिपाकर रकम पार कराते थे.

पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हीरा, सोना और चांदी के आभूषण कुल कीमती 58,52,000 रुपए, नगद राशि 7,000 रुपए, मोटर सायकल कीमती 46,000 रुपए जब्त किया गया है.  

गिरफ्तार आरोपी

01. मिलन मण्डल पिता मुजम्मिल मण्डल, उम्र 40 साल निवासी ग्राम पार्वतीपुर जिला दिनाजपुर राज्य रंगपुर, बांग्लादेश हाल पता बध्व मुजम्मल मण्डल मुधोल रोड़ अवति गली जामखण्डी जिला बागलकोट, कनार्टक.

02. अफसर मंडल पिता सुप्पूर महमूद मंडल उम्र 70 वर्ष सा. मध्य कृष्णरामपुर, शाहपुकुर थाना कुमारगंज, जिला दक्षिण दिनाजपुर, पं. बंगाल.

03. जयदेव करमाकर पिता मनिन्द्रनाथ करमाकर उम्र 54 वर्ष ग्राम डांगाहाट थाना कुमारगंज, जिला दक्षिण दिनाजपुर, पं. बंगाल.

04. मो० शफीक शेख उर्फ बाबू शेख पिता मो० इदरिश सेख उर्फ आमिर शेख उम्र 43 वर्ष निवासी पार्वतीपुर जिला दक्षिण दिनाजपुर राज्य रंगपुर, बांग्लादेश हाल पता वार्ड न० 28. दात्रि मस्जिद के पारा, दरबार गली बीजापुर विजयापुरा कर्नाटक अन्य पता माल्दा रेलवे स्टेशन के पास ग्राम भोजपुर थाना इंग्लिश बाजार जिला माल्दा पं बंगाल.

(

पीएम मोदी के विदेश दौरों पर कितना खर्च? खरगे ने पूछा सवाल तो सरकार ने दिया जवाब

#pmmodiforeignvisitsexpenditure

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर विदेश दौरों पर जाते रहते हैं। अभी हाल ही में पीएम मोदी ने मॉरिशन का दौरा किया था, उससे पहले अमेरिका भी गए थे। मई 2022 से दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 38 विदेश यात्राएं कर चुके हैं। पीएम मोदी के विदेश दौरे को लेकर विपक्ष हमेशा से सवाल उठता रहा है। एक बार फिर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम की विदेश यात्राओं पर भारतीय दूतावासों द्वारा किए गए कुल खर्च और यात्रा-वार खर्च का ब्योरा मांगा था। जवाब में विदेश राज्य मंत्री पबित्र मार्गेरिटा ने सरकार का आधिकारिक ब्यौरा पेश कर दिया है।

खरगे ने सरकार से पूछा था कि पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं की व्यवस्था पर भारतीय दूतावासों द्वारा कुल कितना खर्च किया गया है। उन्होंने होटल व्यवस्था, सामुदायिक स्वागत, परिवहन व्यवस्था और अन्य विविध व्यय जैसे प्रमुख मदों के अंतर्गत किए गए यात्रा-वार व्यय का विवरण भी मांगा।

38 विदेश यात्राओं पर करीब ₹258 करोड़ खर्च

इसके जवाब में मार्गेरिटा ने प्रधानमंत्री द्वारा 2022, 2023 और 2024 में किए गए विदेश यात्राओं पर देश-वार खर्च के आंकड़ों को सारणीबद्ध रूप में पेश किया। उनकी इन यात्राओं में आधिकारिक, उनके साथ जाने वाले सुरक्षा और मीडिया प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। मई 2022 से दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 38 विदेश यात्राओं पर करीब ₹258 करोड़ खर्च हुए। इन 38 देशों के दौरों में अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, रूस, इटली, पोलैंड, ब्राजील, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र और दक्षिण अफ्रीका जैसे प्रमुख देश शामिल थे।

सबसे महंगा दौरा अमेरिका का

सरकार की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक, पीएम मोदी का सबसे महंगा दौरा जून 2023 में अमेरिका का था।आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा पर 22 करोड़ 89 लाख 68 हजार 509 रुपये का खर्च हुआ था, जबकि सितंबर 2024 में इसी देश की यात्रा पर 15 करोड़ 33 लाख 76 हजार 348 रुपये खर्च हुए थे।

नेपाल दौरे पर सबसे कम खर्च

मई 2023 में प्रधानमंत्री की जापान यात्रा से संबंधित आंकड़ों के अनुसार उस पर 17 करोड़ 19 लाख 33 हजार 356 रुपये खर्च हुए थे, जबकि मई 2022 में नेपाल यात्रा पर 80,01,483 रुपये खर्च हुए थे।2024 में, उन्होंने पोलैंड दौरे पर ₹10,10,18,686 खर्च हुए थे, तो वहीं यूक्रेन में ₹2,52,01,169, रूस में ₹5,34,71,726, इटली में ₹14,36,55,289, ब्राज़ील यात्रा पर ₹5,51,86,592 और गुयाना दौरे पर ₹5,45,91,495 रुपये खर्च किए गए।

2014 से पहले के कुछ आंकड़े भी साझा किए

मंत्री ने अपने जवाब में 2014 से पहले के वर्षों के कुछ आंकड़े भी साझा किए। उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर खर्च 10 करोड़ 74 लाख 27 हडार 363 रुपये (अमेरिका, 2011); 9,95,76,890 रुपये (रूस, 2013), 8,33,49,463 रुपये (फ्रांस, 2011) और 6,02,23,484 रुपये (जर्मनी, 2013) था। उन्होंने कहा, ‘‘ये आंकड़े मुद्रास्फीति या मुद्रा में उतार-चढ़ाव के समायोजन के बिना वास्तविक व्यय को दर्शाते हैं।’’