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खरगे ने पीएम मोदी पर कसा तंज, बोले- खुद की तारीफ करना बंद करें, चुनाव प्रचार से दूर रहने की भी सलाह

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'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर कांग्रेस लगातार इस मिशन को लेकर सरकार पर हमलावर है। एक बार फिर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से संसद का तत्काल विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने कहा कि देश को गुमराह किया जा रहा है, इसलिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। खरगे ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के सिंगापुर में दिए इंटरव्यू के बाद यह मांग की गई है।

पीएम मोदी को चुनाव प्रचार से बचने की सलाह

बेंगलुरु में खरगे ने कहा, मैं उनके (मोदी के) सभी बयानों पर प्रतिक्रिया देना पसंद नहीं करता। लेकिन मेरा उनसे बस इतना अनुरोध है कि सत्ता में बैठे लोगों को कभी-कभी अपना मुंह बंद रखना चाहिए। खरगे ने प्रधानमंत्री के हालिया सार्वजनिक बयानों और राजनीतिक गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए सुझाव दिया कि पीएम मोदी को अस्थायी तौर पर चुनाव प्रचार से दूर हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा, पीएम मोदी को खुद को चुनावों से अलग कर लेना चाहिए और देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें देश में जो कुछ भी हुआ है, उसे समझकर बोलना चाहिए।

पीएम मोदी से आत्म-प्रशंसा छोड़ने का आग्रह

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी कटाक्ष किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना को पूरी छूट दे दी गई है। उन्होंने कहा, जब पीएम मोदी ने कहा है कि उन्होंने सशस्त्र बलों को पूरा अधिकार दे दिया है, तो फिर वे यह दावा क्यों कर रहे हैं कि वह उन्होंने किया? खुद की बड़ाई करना अच्छी बात नहीं है। संवेदनशील समय में राजनीतिक संयम की आवश्यकता पर बल देते हुए खरगे ने कहा, हम कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि स्थिति सामान्य नहीं है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर देश के सभी नेताओं को चुप रहना चाहिए-खरगे

खड़गे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर सभी नेताओं को बोलने से पहले सोच समझकर बोलना चाहिए। खरगे ने कहा, हमें कब क्या बोलना है, यह पता होना चाहिए। राष्ट्रीय मामलों में एकता होनी चाहिए और हमारा ध्यान विरोधियों को हराने पर होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर देश के सभी नेताओं को चुप रहना चाहिए। इसके बारे में बोलने से पहले यह समझना बेहतर है कि क्या हुआ है।

दरअसल, सीडीएस चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग कार्यक्रम में ब्लूमबर्ग को इंटरव्यू में दिया। पाकिस्तान के भारतीय जेट को मार गिराने के दावों के सवाल पर उन्होंने कहा कि असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे?

ऑपरेशन सिंदूर तो बहुत छोटा युद्ध है...' कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम को घेरा

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक विपक्ष पाकिस्तान को उसकी हरकत के लिए मुहंतोड़ जवाब देने के लिए केंद्र सरकार का साथ दे रहा था। अब दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। जिस ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को तबाह कर दिया, सेना के उसी मिशन पर सवाल उठ रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को छोटा सा युद्ध बताया है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘बस एक छोटी-सी जंग’ बताते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले ही खतरे की आशंका थी। उन्होंने कहा, 17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पीएम मोदी इसलिए नहीं गए क्योंकि खबर थी कि वहां गड़बड़ हो सकती है। आपने (मोदी) पर्यटकों को जाने से मना क्यों नहीं किया? पहलगाम में मोदी सरकार ने पर्यटकों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई।

खरगे ने पीएम मोदी को घेरा

कर्नाटक में समर्पण संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया, मुझे जानकारी मिली है कि हमले से तीन दिन पहले मोदी जी को एक खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी और इसीलिए मोदी जी ने कश्मीर का अपना दौरा रद्द कर दिया। जब एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आपकी सुरक्षा के लिए वहां जाना उचित नहीं है, तो आपने लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी सुरक्षा, खुफिया, स्थानीय पुलिस और सीमा बल को सूचित क्यों नहीं किया?

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिनका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें एयर बेस, रडार साइट्स, और कमांड सेंटर शामिल हैं।

पीएम मोदी को थी पहलगाम हमले की जानकारी, इसीलिए जम्मू-कश्मीर दौरा रद्द किया? खरगे का बड़ा दावा


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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पहलगाम हमले को लेकर बड़ा दावा किया है। झारखंड की राजधानी रांची में खरगे ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की खुफिया रिपोर्ट मिली थी, जिसके बाद ही उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश का अपना दौरा रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री को एक खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी। इसलिए उन्होंने कश्मीर जाने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। मैंने यह बात एक अखबार में भी पढ़ी।

खरगे की सवालों की बौछार

झारखंड की राजधानी रांची में 'संविधान बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि खुफिया जानकारी में खामी थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा केंद्र को पहलगाम हमले में जानमाल के नुकसान के लिए जवाबदेह नहीं होना चाहिए? उन्होंने कहा कि जब सरकार ने खुफिया विफलता स्वीकार कर ली है? देश में जो कुछ भी हो रहा है सब आपके सामने है। 22 अप्रैल को देश में भयंकर आतंकी हमला हुआ। 26 लोगों की मौत हुई और सरकार ने माना कि ये इंटेलिजेंस फेल्योर है और इसे सुधारने की बात कही। खरगे ने कहा कि जब ये मालूम है आपको तो आपने अच्छी व्यवस्था क्यों नहीं की?

उसकी जिम्मेदारी आपको ही लेनी चाहिए-खरगे

खरगे ने कहा कि जब इंटेलिजेंस लोग आपकी रक्षा के लिए ऐसा कहते हैं कि वहां आपका जाना मुनासिब नहीं है तो आप वही बात अपने इंटेलिजेंस के लोगों को, सिक्योरिटी, पुलिस, बॉर्डर फोर्स को क्यों नहीं बताई? खरगे ने कहा मैं सवाल पूछता हूं कि आपने अपना प्रोग्राम तो कैंसिल कर दिया लेकिन जो पर्यटक वहां ज्यादा मात्रा में गए थे, उनकी रक्षा के लिए भी आप अच्छी सेक्योरिटी भेज सकते थे। जब आप चूक को मान रहे हैं तो इतने लोग जो इस घटना में मर गए हैं उसकी जिम्मेदारी भी आपको ही लेनी चाहिए।

पाकिस्तान के खिलाफ सरकार की लड़ाई में कांग्रेस साथ-खरगे

खरगे आगे ने कहा कि जिन लोगों की मौत हो रही है उनकी तरफ आपका ध्यान नहीं है आप बस कांग्रेस सरकार को गालियां देते रहते हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ सरकार की लड़ाई में कांग्रेस का पूरा समर्थन हम देने के लिए तैयार हैं, क्योंकि ये देश का मामला है।

जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, तेलंगाना मॉडल अपनाने की दी सलाह


#khargenewdemandtopmmodioncastecensus

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पहलगाम के आतंकी हमले के आक्रोश के बीच जातिगत जनगणना के फैसले पर पीएम मोदी को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने 2 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पीएम मोदी को यह पत्र लिखा है।

सभी राजनीतिक दलों से बातचीत का अनुरोध

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मैंने 16 अप्रैल, 2023 को ही आपको जाति जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिखा था, लेकिन अफ़सोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी के नेताओं और आपने कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर जाति जनगणना की मांग को उठाने का विरोध भी किया था, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है। 

खरगे के पास सरकार के लिए सुझाव

खरगे ने कहा कि आपने बिना किसी तरह की डिटेल्ज की घोषणा दी कि अगली जनगणना में जाति जनगणना को एक अलग श्रेणी के रूप में भी शामिल किया जाएगा। ये जनगणना वास्तव में 2021 में होनी थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं। जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन काफी अहम है। जाति की जानकारी को गिनती के उद्देश्य से नहीं बल्कि बड़े सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए।

तेलंगाना मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव

पीएम मोदी को उन्होंने इस काम के लिए कांग्रेस शासित तेलंगाना में अपनाए गए मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया है। खरगे ने अपने पत्र में कहा है कि राज्यों की ओर से पारित आरक्षण को तमिलनाडु की तर्ज पर संविधान की नौंवी अनुसूची में डाला जाए, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म किया जाए और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े इकट्ठा करने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के बड़े मकसदों को हासिल करने के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना के सवालों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए, जिससे हर जाति के सामाजिक और आर्थिक हालात का सही आकलन हो सके और उनके संवैधानिक अधिकारों को मजबूत किया जा सके।

मल्लिकार्जुन खरगे के 3 महत्वपूर्ण सुझाव

• जनगणना से जुड़े प्रश्नावली का डिजाइन खास होना चाहिए। इसमें पूछे जाने वाले सवालों के लिए तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए।

• सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधी अधिनियमों को संविधान की नई सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इससे जनगणना के नतीजे साफ और स्पष्ट होंगे।

• कांग्रेस का मानना है कि जाति जनगणना जैसी किसी प्रक्रिया को विभाजनकारी नहीं माना जाना चाहिए। क्योंकि पिछड़ों, वंचितों और हाशिये पर खड़े लोगों को उनके अधिकार दिलाने का जरिया बनता है।

जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, तेलंगाना मॉडल अपनाने की दी सलाह


#khargenewdemandtopmmodioncastecensus

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पहलगाम के आतंकी हमले के आक्रोश के बीच जातिगत जनगणना के फैसले पर पीएम मोदी को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने 2 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पीएम मोदी को यह पत्र लिखा है।

सभी राजनीतिक दलों से बातचीत का अनुरोध

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मैंने 16 अप्रैल, 2023 को ही आपको जाति जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिखा था, लेकिन अफ़सोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी के नेताओं और आपने कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर जाति जनगणना की मांग को उठाने का विरोध भी किया था, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है। 

खरगे के पास सरकार के लिए सुझाव

खरगे ने कहा कि आपने बिना किसी तरह की डिटेल्ज की घोषणा दी कि अगली जनगणना में जाति जनगणना को एक अलग श्रेणी के रूप में भी शामिल किया जाएगा। ये जनगणना वास्तव में 2021 में होनी थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं। जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन काफी अहम है। जाति की जानकारी को गिनती के उद्देश्य से नहीं बल्कि बड़े सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए।

तेलंगाना मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव

पीएम मोदी को उन्होंने इस काम के लिए कांग्रेस शासित तेलंगाना में अपनाए गए मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया है। खरगे ने अपने पत्र में कहा है कि राज्यों की ओर से पारित आरक्षण को तमिलनाडु की तर्ज पर संविधान की नौंवी अनुसूची में डाला जाए, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म किया जाए और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े इकट्ठा करने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के बड़े मकसदों को हासिल करने के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना के सवालों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए, जिससे हर जाति के सामाजिक और आर्थिक हालात का सही आकलन हो सके और उनके संवैधानिक अधिकारों को मजबूत किया जा सके।

मल्लिकार्जुन खरगे के 3 महत्वपूर्ण सुझाव

• जनगणना से जुड़े प्रश्नावली का डिजाइन खास होना चाहिए। इसमें पूछे जाने वाले सवालों के लिए तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए।

• सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधी अधिनियमों को संविधान की नई सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इससे जनगणना के नतीजे साफ और स्पष्ट होंगे।

• कांग्रेस का मानना है कि जाति जनगणना जैसी किसी प्रक्रिया को विभाजनकारी नहीं माना जाना चाहिए। क्योंकि पिछड़ों, वंचितों और हाशिये पर खड़े लोगों को उनके अधिकार दिलाने का जरिया बनता है।

आरजेडी-कांग्रेस में सीएम कैंडिडेड पर बनेगी बात? दिल्ली में राहुल गांधी और खरगे से मिले तेजस्वी यादव


#tejaswi_yadav_meeting_with_rahul_gandhi_mallikarjun_kharge

इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले राजनीतिक दल सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं। कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुवाई वाले महागठबंधन के साथ लड़ने के लिए तैयार है। हालांकि, सीट शेयरिंग और सीएम चेहरे को लेकर गठबंधन के बीच कशमकश बनी हुई है। इसी बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को दिल्ली में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों दलों के शीर्ष नेता मौजूद रहे। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के अलावा अन्य नेता मौजूद रहे। वहीं आरजेडी की तरफ से तेजस्वी यादव के अलावा राज्यसभा सांसद मनोज झा, संजय यादव समेत अन्य नेता मौजूद रहे।

माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई। तेजस्वी यादव की राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग के बाद उन से सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया। जिस पर तेजस्वी यादव ने कहा, आपलोग चिंतित मत होईए. हम लोग आपस में बैठ कर यह तय कर लेंगे।

तेजस्वी यादव ने जहां इस बात की जानकारी नहीं दी कि पार्टी मीटिंग में तेजस्वी यादव का चेहरा सीएम के लिए तय किया गया या नहीं। वहीं, उन्होंने इस बात को बार-बार कहा कि हम लोगों की पूरी तैयारी है। हम सब मिलकर बिहार को आगे लेकर जाएंगे। बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया. हम लोग मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।

दरअसल, बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खींचतान मची है। आरजेडी जहां लगातार तेजस्वी यादव को गठबंधन का मुख्यमंत्री प्रत्याशी बता रहा है वहीं कांग्रेस के कई नेता कह चुके हैं कि सीएम का फेस चुनाव रिजल्ट आने के बाद तय होगा।  

हाल के दिनों को देखा जाए तो कांग्रेस के नेताओं की ओर से महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर टिप्पणी की जा रही है। चाहे बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार हों, बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु हों या फिर कन्हैया कुमार, कोई खुलकर यह नहीं कह रहा है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम फेस हैं। इतना ही नहीं जब हाल ही में सचिन पायलट आए तो उन्होंने भी सीधे तेजस्वी को सीएम फेस नहीं बताया। कांग्रेस के कई नेताओं ने तो प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार को ही सीएम बनाने की मांग कर दी।

बता दें कि लंबे समय बाद बिहार में कांग्रेस कन्हैया कुमार और कृष्णा अल्लावरु के जरिए अपने संगठन को मजबूत करने के प्रयास में दिख रही है। कन्हैया कुमार ने जहां 27 दिनों की पलायन रोको यात्रा की है और कृष्णा भी लगातार संगठन के नेताओं से मिल रहे हैं। इसके अलावा दलित नेता राजेश राम को बिहार कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया है।

आपने बाबा साहेब के किन सिद्धांतों को अपनाया है”, पीएम के आरोप पर खरगे का पलटवार

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आज पूरा देश संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की जयंती मना रहा है। इस बीच बाबा साहेब को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर अंबेडक का अपमान करने का आरोप लगाया। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम के आरोपों पर पलटवार किया है। खरगे ने भाजपा पर कांग्रेस और नेहरू परिवार के खिलाफ लगातार बोलने का आरोप लगाया और पूछा कि उन्होंने बाबा साहेब के किन सिद्धांतों को अपनाया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि मोदी सरकार सिर्फ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का नाम लेती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के लोग आंबेडकर के विरोधी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बाबा जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा, बीजेपी ने बाबा साहेब के एक भी सिद्धांत को नहीं माना है। वे (बीजेपी) केवल कांग्रेस, नेहरू जी और अब तक हमने जो कुछ भी किया है, उसके खिलाफ बोलते हैं, लेकिन, मैं पूछता हूं कि उन्होंने अब तक क्या किया है और बाबा साहब के कौन से सिद्धांतों को अपनाया है?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा के वैचारिक पूर्वज बाबासाहेब को चुनाव में हराने के लिए जिम्मेदार थे। खड़गे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग बाबासाहेब के शत्रु हैं। उन्होंने दावा किया कि आंबेडकर को चुनाव में हराने के लिए विनायक दामोदर सावरकर और कम्युनिस्ट नेता एस ए डांगे जिम्मेदार थे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिन्होंने संविधान की प्रति को जलाया, उनके शिष्य आज सत्ता में हैं।

इससे पहले हरियाणा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वक्फ बिल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस ने संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना लिया। आपातकाल के दौरान सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान की भावना की हत्या कर दी गई। संविधान धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की बात करता है, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नीयत कभी किसी का भला करने की नहीं रही। कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति ने मुस्लिम समुदाय को कोई फायदा नहीं पहुंचाया, बल्कि उन्हें नुकसान ही पहुंचाया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस मुसमानों की हितैषी है, तो मुसलमान को पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती।

राज्यसभा में अनुराग ठाकुर पर बरसे खरगे, बोले- आरोप साबित करें तो इस्तीफा दे दूंगा

#mallikarjunkhargecongressanuragthakur

वक्फ बिल पर संसद में “संग्राम” जारी है। लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में वक्फ बिल पेश होने जा रहा है। उससे पहले सदन मे जोरदार हंगामा देखा गया। कांग्रेस ने लोकसभा में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर लगाए गए गंभीर आरोपों को निराधार बताया और सदन के नेता से स्पष्टीकरण की मांग की। वहीं, मल्लिकार्जुन खरगे अनुराग ठाकुर के वक्फ की जमीन हड़पने के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा, ये बीजेपी वाले जो आरोप लगा रहे हैं, साबित कर दें, मैं झुकूंगा नहीं। अगर आरोप साबित होते हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।

राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को निचले सदन में वक्फ विधेयक पर बहस के दौरान की गई अपनी मानहानिकारक टिप्पणी वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। खरगे ने कहा, लेकिन नुकसान हो चुका है। उन्होंने इस मुद्दे पर अनुराग ठाकुर के साथ-साथ राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा से भी माफी की मांग की।

अनुराग ठाकुर के आरोपों को बताया झूठा और निराधार

मल्लिकार्जुन खरगे ने कल अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में मुझ पर पूरी तरह से झूठे और निराधार आरोप लगाए। जब मेरे साथियों ने उन्हें चुनौती दी तो वह अपनी मानहानिकारक टिप्पणी वापस लेने के लिए मजबूर हो गए। लेकिन नुकसान हो चुका है। टिप्पणी वापस लेने के बावजूद, यह मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाया रहा। बीजेपी के लोग मुझे डराना चाहते हैं, मैं बिल्कुल झुकूंगा नहीं, मैनें 1 इंच जमीन आज तक किसी की नहीं ली।

खरगे ने आरोपों को साबित करने को कहा

खरगे ने कहा कि अनुराग ठाकुर की ओर से मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों से मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। खरगे ने अनुराग ठाकुर से उनके खिलाफ लगाए गए 'बेबुनियाद' आरोपों को साबित करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर आप अपने दावों को साबित नहीं कर सकते तो आपको संसद में आने का कोई अधिकार नहीं है। आप इस्तीफा दे दीजिए। इसके साथ ही अगर भाजपा सांसद आरोप साबित कर देते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे।

मेरी जिंदगी संघर्षों और लड़ाइयों से भरी-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मैं एक मजदूर का बेटा हूं। मेरी जिंदगी हमेशा एक खुली किताब रही है। यह संघर्षों और लड़ाइयों से भरी रही है, लेकिन मैंने जिंदगी में हमेशा उच्चतम मूल्यों को बरकरार रखा है। खरगे ने अनुराग ठाकुर के आरोपों को झूठा और निराधार बताते हुए माफी की मांग की।

अनुराग ठाकुर ने क्या कहा था?

इससे पहले भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ विधेयक के विरोध को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि विधेयक कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए बनी वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने दलों पर अपना राजनीतिक साम्राज्य बनाने के लिए इनके दोहन का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इन जमीनों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने के बजाय कांग्रेस ने अपने चुनावी फायदे के लिए इन्हें वोट बैंक एटीएम में बदल दिया।

कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर राज्यसभा में हंगामा, रिजिजू-नड्डा ने कांग्रेस को सुनाया, खड़गे ने दिया जवाब

#kirenrijijukhargerajyasabhakarnatakamuslimreservationcontroversy

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में सोमवार में खूब हंगामा देखा गया। मुस्लिम आरक्षण को लेकर कांग्रेस नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बयान पर बीजेपी खूब आगबबूला है। राज्यसभा में सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण से जुड़ा मुद्दा उठाया। सदन में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर एक के बाद एक आरोप लगाए। जिनका कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाब दिया। खरगे के जवाब के बाद भी हंगामा जारी रहा। इसके बाद कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

खड़गे से पार्टी का रुख़ स्पष्ट करने की मांग

रिजिजू ने राज्यसभा में इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे से पार्टी का रुख़ स्पष्ट करने की मांग की। रिजिजू ने यह मांग कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के उस बयान का हवाला देते हुए की थी, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करने की बात कही थी।

किरेन रिजिजू ने कहा, कांग्रेस के एक वरिष्ठ और जिम्मेदार नेता, जो एक संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने एक बयान दिया कि वो भारत के संविधान में बदलाव करना चाहते हैं ताकि कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय को सार्वजनिक अनुबंधों में आरक्षण दिया जा सके। हम इस बयान को हल्के में नहीं ले सकते हैं। इस तरह का बयान किसी साधारण नेता ने दिया होता, तो हम सदन के बाहर भी जवाब दे सकते थे। मगर, यह बयान एक ऐसे व्यक्ति की ओर से आया है, जो एक संवैधानिक पद पर हैं।

रिजिजू ने कहा, उन्होंने साफ-साफ यह कहा है कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम समुदाय को आरक्षण मुहैया करवाएगी और उसके लिए वो भारत के संविधान में बदलाव करेंगे। यह अत्यंत गंभीर बात है। यह वो मामला है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

कांग्रेस संविधान को टुकड़े-टुकड़े कर रही-नड्डा

वहीं, सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस संविधान को टुकड़े-टुकड़े कर रही है। डॉ आंबेडकर ने भारतीय संविधान बनाते समय स्पष्ट रूप से कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। यह भारत के संविधान का एक स्वीकृत सिद्धांत है। कर्नाटक सरकार ने अल्पसंख्यकों को सार्वजनिक अनुबंधों में चार प्रतिशत आरक्षण दिया है। इस पर उन्होंने खरगे से बयान देने की मांग की।

खड़गे ने दिया आरोपों का जवाब

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि भारत के संविधान को बचाने का काम केवल कांग्रेस ने किया है। उन्होंने ये भी कहा कि संविधान को बदलने की कोई संभावना नहीं है और यह सब अफवाहें फैलाने का प्रयास हैं। हम ही वे लोग हैं जिन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की थी और भाजपा वाले वे लोग हैं जो भारत तोड़ो में विश्वास करते हैं। उन्होंने आगे बोलने की कोशिश की लेकिन भाजपा सांसदों की नारेबाजी के कारण बार-बार उनकी बात बाधित हुई। खरगे ने कहा कि हम भारतीय संविधान के रक्षक हैं।

खड़गे ने राज्यसभा में क्या कह दिया कि हो गया बवाल, बाद में मांगनी पड़ी माफी?


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संसद में बजट सत्र की कार्यवाही का दूसरा चरण शुरू हो गया है। ये चरण दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा। मंगलवार को भी कार्यवाही के दौरान हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक बात पर जबरदस्त हंगामा हुआ। ये हंगामा तब शुरू हुआ जब शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हुई। खड़गे ने डिप्टी स्पीकर हरिवंश की ओर बात करते हुए ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर दिया, जिस पर बीजेपी भड़क गई। बीजेपी ने सदन में हंगामा करते हुए माफी की मांग की। इसके बाद खड़गे ने डिप्टी स्पीकर से माफी भी मांगी।

दरअसलस, सदन में नई शिक्षा नीति पर चर्चा हो रही थी। इस पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बोलना चाह रहे थे। तभी उपसभापति ने उन्हें रोका। कारण कि वह सुबह एक बार बोल चुके थे। डिप्टी स्पीकर ने कहा, सुबह आपको बोलने का मौका मिला था। डिप्टी स्पीकर की इस बात पर खरगे ने कहा कि तब शिक्षा मंत्री नहीं आए थेष इसके बाद उपसभापति ने उसने बैठने के लिए कहा तो वो भड़क गए। उपसभापति हरिवंश कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को बोलने का मौका देना चाहते थे। मगर तभी माहौल ऐसा बना कि मल्लिकार्जुन खरगे आग बबूला हो गए। 

...हम ठीक से ठोकेंगे”

मल्लिकार्जुन खरगे अपनी सीट से उठे और बोलने लगे। उपसभापति के रोकने पर उन्होंने डिक्टेटरशिप का आरोप लगा दिया। उन्होंने सीधे चेयर की ओर इशारा कर कहा कि डिक्टेटरशिप हो गया है। मुझे बोलना है। हम बोलने के लिए तैयारी भी किए हैं। और आपको क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे। इस पर उपसभापति ने आपत्ति जताई। सत्ता पक्ष के सांसद विरोध करने लगे। पूरा सदन हंगामे से गूंज उठा।

खरगे ने डिप्टी स्पीकर से मांगी माफी

जेपी नड्डा ने बयान की निंदा की और कहा कि नेता विपक्ष तजुर्बेकार हैं लेकिन जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वो निंदनीय है। इसके लिए वो माफी मांगेंष इस पर अपनी गलती मानते हुए खरगे ने कहा, उपसभापति जी, मैं माफी मांगता हूं। मैंने ये शब्द आपके लिए नहीं बोला था। मैंने कहा था कि सरकार की पॉलिसी को ठोकेंगे। अगर आपको ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।

खरगे ने पीएम मोदी पर कसा तंज, बोले- खुद की तारीफ करना बंद करें, चुनाव प्रचार से दूर रहने की भी सलाह

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'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर कांग्रेस लगातार इस मिशन को लेकर सरकार पर हमलावर है। एक बार फिर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से संसद का तत्काल विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने कहा कि देश को गुमराह किया जा रहा है, इसलिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। खरगे ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के सिंगापुर में दिए इंटरव्यू के बाद यह मांग की गई है।

पीएम मोदी को चुनाव प्रचार से बचने की सलाह

बेंगलुरु में खरगे ने कहा, मैं उनके (मोदी के) सभी बयानों पर प्रतिक्रिया देना पसंद नहीं करता। लेकिन मेरा उनसे बस इतना अनुरोध है कि सत्ता में बैठे लोगों को कभी-कभी अपना मुंह बंद रखना चाहिए। खरगे ने प्रधानमंत्री के हालिया सार्वजनिक बयानों और राजनीतिक गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए सुझाव दिया कि पीएम मोदी को अस्थायी तौर पर चुनाव प्रचार से दूर हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा, पीएम मोदी को खुद को चुनावों से अलग कर लेना चाहिए और देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें देश में जो कुछ भी हुआ है, उसे समझकर बोलना चाहिए।

पीएम मोदी से आत्म-प्रशंसा छोड़ने का आग्रह

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी कटाक्ष किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना को पूरी छूट दे दी गई है। उन्होंने कहा, जब पीएम मोदी ने कहा है कि उन्होंने सशस्त्र बलों को पूरा अधिकार दे दिया है, तो फिर वे यह दावा क्यों कर रहे हैं कि वह उन्होंने किया? खुद की बड़ाई करना अच्छी बात नहीं है। संवेदनशील समय में राजनीतिक संयम की आवश्यकता पर बल देते हुए खरगे ने कहा, हम कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि स्थिति सामान्य नहीं है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर देश के सभी नेताओं को चुप रहना चाहिए-खरगे

खड़गे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर सभी नेताओं को बोलने से पहले सोच समझकर बोलना चाहिए। खरगे ने कहा, हमें कब क्या बोलना है, यह पता होना चाहिए। राष्ट्रीय मामलों में एकता होनी चाहिए और हमारा ध्यान विरोधियों को हराने पर होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर देश के सभी नेताओं को चुप रहना चाहिए। इसके बारे में बोलने से पहले यह समझना बेहतर है कि क्या हुआ है।

दरअसल, सीडीएस चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग कार्यक्रम में ब्लूमबर्ग को इंटरव्यू में दिया। पाकिस्तान के भारतीय जेट को मार गिराने के दावों के सवाल पर उन्होंने कहा कि असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे?

ऑपरेशन सिंदूर तो बहुत छोटा युद्ध है...' कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम को घेरा

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक विपक्ष पाकिस्तान को उसकी हरकत के लिए मुहंतोड़ जवाब देने के लिए केंद्र सरकार का साथ दे रहा था। अब दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। जिस ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को तबाह कर दिया, सेना के उसी मिशन पर सवाल उठ रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को छोटा सा युद्ध बताया है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘बस एक छोटी-सी जंग’ बताते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले ही खतरे की आशंका थी। उन्होंने कहा, 17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पीएम मोदी इसलिए नहीं गए क्योंकि खबर थी कि वहां गड़बड़ हो सकती है। आपने (मोदी) पर्यटकों को जाने से मना क्यों नहीं किया? पहलगाम में मोदी सरकार ने पर्यटकों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई।

खरगे ने पीएम मोदी को घेरा

कर्नाटक में समर्पण संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया, मुझे जानकारी मिली है कि हमले से तीन दिन पहले मोदी जी को एक खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी और इसीलिए मोदी जी ने कश्मीर का अपना दौरा रद्द कर दिया। जब एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आपकी सुरक्षा के लिए वहां जाना उचित नहीं है, तो आपने लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी सुरक्षा, खुफिया, स्थानीय पुलिस और सीमा बल को सूचित क्यों नहीं किया?

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिनका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें एयर बेस, रडार साइट्स, और कमांड सेंटर शामिल हैं।

पीएम मोदी को थी पहलगाम हमले की जानकारी, इसीलिए जम्मू-कश्मीर दौरा रद्द किया? खरगे का बड़ा दावा


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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पहलगाम हमले को लेकर बड़ा दावा किया है। झारखंड की राजधानी रांची में खरगे ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की खुफिया रिपोर्ट मिली थी, जिसके बाद ही उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश का अपना दौरा रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री को एक खुफिया रिपोर्ट भेजी गई थी। इसलिए उन्होंने कश्मीर जाने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। मैंने यह बात एक अखबार में भी पढ़ी।

खरगे की सवालों की बौछार

झारखंड की राजधानी रांची में 'संविधान बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि खुफिया जानकारी में खामी थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा केंद्र को पहलगाम हमले में जानमाल के नुकसान के लिए जवाबदेह नहीं होना चाहिए? उन्होंने कहा कि जब सरकार ने खुफिया विफलता स्वीकार कर ली है? देश में जो कुछ भी हो रहा है सब आपके सामने है। 22 अप्रैल को देश में भयंकर आतंकी हमला हुआ। 26 लोगों की मौत हुई और सरकार ने माना कि ये इंटेलिजेंस फेल्योर है और इसे सुधारने की बात कही। खरगे ने कहा कि जब ये मालूम है आपको तो आपने अच्छी व्यवस्था क्यों नहीं की?

उसकी जिम्मेदारी आपको ही लेनी चाहिए-खरगे

खरगे ने कहा कि जब इंटेलिजेंस लोग आपकी रक्षा के लिए ऐसा कहते हैं कि वहां आपका जाना मुनासिब नहीं है तो आप वही बात अपने इंटेलिजेंस के लोगों को, सिक्योरिटी, पुलिस, बॉर्डर फोर्स को क्यों नहीं बताई? खरगे ने कहा मैं सवाल पूछता हूं कि आपने अपना प्रोग्राम तो कैंसिल कर दिया लेकिन जो पर्यटक वहां ज्यादा मात्रा में गए थे, उनकी रक्षा के लिए भी आप अच्छी सेक्योरिटी भेज सकते थे। जब आप चूक को मान रहे हैं तो इतने लोग जो इस घटना में मर गए हैं उसकी जिम्मेदारी भी आपको ही लेनी चाहिए।

पाकिस्तान के खिलाफ सरकार की लड़ाई में कांग्रेस साथ-खरगे

खरगे आगे ने कहा कि जिन लोगों की मौत हो रही है उनकी तरफ आपका ध्यान नहीं है आप बस कांग्रेस सरकार को गालियां देते रहते हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ सरकार की लड़ाई में कांग्रेस का पूरा समर्थन हम देने के लिए तैयार हैं, क्योंकि ये देश का मामला है।

जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, तेलंगाना मॉडल अपनाने की दी सलाह


#khargenewdemandtopmmodioncastecensus

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पहलगाम के आतंकी हमले के आक्रोश के बीच जातिगत जनगणना के फैसले पर पीएम मोदी को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने 2 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पीएम मोदी को यह पत्र लिखा है।

सभी राजनीतिक दलों से बातचीत का अनुरोध

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मैंने 16 अप्रैल, 2023 को ही आपको जाति जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिखा था, लेकिन अफ़सोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी के नेताओं और आपने कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर जाति जनगणना की मांग को उठाने का विरोध भी किया था, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है। 

खरगे के पास सरकार के लिए सुझाव

खरगे ने कहा कि आपने बिना किसी तरह की डिटेल्ज की घोषणा दी कि अगली जनगणना में जाति जनगणना को एक अलग श्रेणी के रूप में भी शामिल किया जाएगा। ये जनगणना वास्तव में 2021 में होनी थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं। जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन काफी अहम है। जाति की जानकारी को गिनती के उद्देश्य से नहीं बल्कि बड़े सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए।

तेलंगाना मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव

पीएम मोदी को उन्होंने इस काम के लिए कांग्रेस शासित तेलंगाना में अपनाए गए मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया है। खरगे ने अपने पत्र में कहा है कि राज्यों की ओर से पारित आरक्षण को तमिलनाडु की तर्ज पर संविधान की नौंवी अनुसूची में डाला जाए, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म किया जाए और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े इकट्ठा करने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के बड़े मकसदों को हासिल करने के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना के सवालों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए, जिससे हर जाति के सामाजिक और आर्थिक हालात का सही आकलन हो सके और उनके संवैधानिक अधिकारों को मजबूत किया जा सके।

मल्लिकार्जुन खरगे के 3 महत्वपूर्ण सुझाव

• जनगणना से जुड़े प्रश्नावली का डिजाइन खास होना चाहिए। इसमें पूछे जाने वाले सवालों के लिए तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए।

• सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधी अधिनियमों को संविधान की नई सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इससे जनगणना के नतीजे साफ और स्पष्ट होंगे।

• कांग्रेस का मानना है कि जाति जनगणना जैसी किसी प्रक्रिया को विभाजनकारी नहीं माना जाना चाहिए। क्योंकि पिछड़ों, वंचितों और हाशिये पर खड़े लोगों को उनके अधिकार दिलाने का जरिया बनता है।

जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, तेलंगाना मॉडल अपनाने की दी सलाह


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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पहलगाम के आतंकी हमले के आक्रोश के बीच जातिगत जनगणना के फैसले पर पीएम मोदी को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने 2 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पीएम मोदी को यह पत्र लिखा है।

सभी राजनीतिक दलों से बातचीत का अनुरोध

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मैंने 16 अप्रैल, 2023 को ही आपको जाति जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिखा था, लेकिन अफ़सोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी के नेताओं और आपने कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर जाति जनगणना की मांग को उठाने का विरोध भी किया था, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है। 

खरगे के पास सरकार के लिए सुझाव

खरगे ने कहा कि आपने बिना किसी तरह की डिटेल्ज की घोषणा दी कि अगली जनगणना में जाति जनगणना को एक अलग श्रेणी के रूप में भी शामिल किया जाएगा। ये जनगणना वास्तव में 2021 में होनी थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं। जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन काफी अहम है। जाति की जानकारी को गिनती के उद्देश्य से नहीं बल्कि बड़े सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए।

तेलंगाना मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव

पीएम मोदी को उन्होंने इस काम के लिए कांग्रेस शासित तेलंगाना में अपनाए गए मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया है। खरगे ने अपने पत्र में कहा है कि राज्यों की ओर से पारित आरक्षण को तमिलनाडु की तर्ज पर संविधान की नौंवी अनुसूची में डाला जाए, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म किया जाए और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े इकट्ठा करने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के बड़े मकसदों को हासिल करने के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना के सवालों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए, जिससे हर जाति के सामाजिक और आर्थिक हालात का सही आकलन हो सके और उनके संवैधानिक अधिकारों को मजबूत किया जा सके।

मल्लिकार्जुन खरगे के 3 महत्वपूर्ण सुझाव

• जनगणना से जुड़े प्रश्नावली का डिजाइन खास होना चाहिए। इसमें पूछे जाने वाले सवालों के लिए तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए।

• सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधी अधिनियमों को संविधान की नई सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इससे जनगणना के नतीजे साफ और स्पष्ट होंगे।

• कांग्रेस का मानना है कि जाति जनगणना जैसी किसी प्रक्रिया को विभाजनकारी नहीं माना जाना चाहिए। क्योंकि पिछड़ों, वंचितों और हाशिये पर खड़े लोगों को उनके अधिकार दिलाने का जरिया बनता है।

आरजेडी-कांग्रेस में सीएम कैंडिडेड पर बनेगी बात? दिल्ली में राहुल गांधी और खरगे से मिले तेजस्वी यादव


#tejaswi_yadav_meeting_with_rahul_gandhi_mallikarjun_kharge

इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले राजनीतिक दल सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं। कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुवाई वाले महागठबंधन के साथ लड़ने के लिए तैयार है। हालांकि, सीट शेयरिंग और सीएम चेहरे को लेकर गठबंधन के बीच कशमकश बनी हुई है। इसी बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को दिल्ली में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों दलों के शीर्ष नेता मौजूद रहे। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के अलावा अन्य नेता मौजूद रहे। वहीं आरजेडी की तरफ से तेजस्वी यादव के अलावा राज्यसभा सांसद मनोज झा, संजय यादव समेत अन्य नेता मौजूद रहे।

माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई। तेजस्वी यादव की राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग के बाद उन से सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया। जिस पर तेजस्वी यादव ने कहा, आपलोग चिंतित मत होईए. हम लोग आपस में बैठ कर यह तय कर लेंगे।

तेजस्वी यादव ने जहां इस बात की जानकारी नहीं दी कि पार्टी मीटिंग में तेजस्वी यादव का चेहरा सीएम के लिए तय किया गया या नहीं। वहीं, उन्होंने इस बात को बार-बार कहा कि हम लोगों की पूरी तैयारी है। हम सब मिलकर बिहार को आगे लेकर जाएंगे। बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया. हम लोग मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।

दरअसल, बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर खींचतान मची है। आरजेडी जहां लगातार तेजस्वी यादव को गठबंधन का मुख्यमंत्री प्रत्याशी बता रहा है वहीं कांग्रेस के कई नेता कह चुके हैं कि सीएम का फेस चुनाव रिजल्ट आने के बाद तय होगा।  

हाल के दिनों को देखा जाए तो कांग्रेस के नेताओं की ओर से महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर टिप्पणी की जा रही है। चाहे बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार हों, बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु हों या फिर कन्हैया कुमार, कोई खुलकर यह नहीं कह रहा है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम फेस हैं। इतना ही नहीं जब हाल ही में सचिन पायलट आए तो उन्होंने भी सीधे तेजस्वी को सीएम फेस नहीं बताया। कांग्रेस के कई नेताओं ने तो प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार को ही सीएम बनाने की मांग कर दी।

बता दें कि लंबे समय बाद बिहार में कांग्रेस कन्हैया कुमार और कृष्णा अल्लावरु के जरिए अपने संगठन को मजबूत करने के प्रयास में दिख रही है। कन्हैया कुमार ने जहां 27 दिनों की पलायन रोको यात्रा की है और कृष्णा भी लगातार संगठन के नेताओं से मिल रहे हैं। इसके अलावा दलित नेता राजेश राम को बिहार कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया है।

आपने बाबा साहेब के किन सिद्धांतों को अपनाया है”, पीएम के आरोप पर खरगे का पलटवार

#kharge_hits_back_at_pm_modi

आज पूरा देश संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की जयंती मना रहा है। इस बीच बाबा साहेब को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर अंबेडक का अपमान करने का आरोप लगाया। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम के आरोपों पर पलटवार किया है। खरगे ने भाजपा पर कांग्रेस और नेहरू परिवार के खिलाफ लगातार बोलने का आरोप लगाया और पूछा कि उन्होंने बाबा साहेब के किन सिद्धांतों को अपनाया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि मोदी सरकार सिर्फ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का नाम लेती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के लोग आंबेडकर के विरोधी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बाबा जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा, बीजेपी ने बाबा साहेब के एक भी सिद्धांत को नहीं माना है। वे (बीजेपी) केवल कांग्रेस, नेहरू जी और अब तक हमने जो कुछ भी किया है, उसके खिलाफ बोलते हैं, लेकिन, मैं पूछता हूं कि उन्होंने अब तक क्या किया है और बाबा साहब के कौन से सिद्धांतों को अपनाया है?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा के वैचारिक पूर्वज बाबासाहेब को चुनाव में हराने के लिए जिम्मेदार थे। खड़गे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग बाबासाहेब के शत्रु हैं। उन्होंने दावा किया कि आंबेडकर को चुनाव में हराने के लिए विनायक दामोदर सावरकर और कम्युनिस्ट नेता एस ए डांगे जिम्मेदार थे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिन्होंने संविधान की प्रति को जलाया, उनके शिष्य आज सत्ता में हैं।

इससे पहले हरियाणा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वक्फ बिल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस ने संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना लिया। आपातकाल के दौरान सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान की भावना की हत्या कर दी गई। संविधान धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की बात करता है, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नीयत कभी किसी का भला करने की नहीं रही। कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति ने मुस्लिम समुदाय को कोई फायदा नहीं पहुंचाया, बल्कि उन्हें नुकसान ही पहुंचाया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस मुसमानों की हितैषी है, तो मुसलमान को पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती।

राज्यसभा में अनुराग ठाकुर पर बरसे खरगे, बोले- आरोप साबित करें तो इस्तीफा दे दूंगा

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वक्फ बिल पर संसद में “संग्राम” जारी है। लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में वक्फ बिल पेश होने जा रहा है। उससे पहले सदन मे जोरदार हंगामा देखा गया। कांग्रेस ने लोकसभा में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर लगाए गए गंभीर आरोपों को निराधार बताया और सदन के नेता से स्पष्टीकरण की मांग की। वहीं, मल्लिकार्जुन खरगे अनुराग ठाकुर के वक्फ की जमीन हड़पने के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा, ये बीजेपी वाले जो आरोप लगा रहे हैं, साबित कर दें, मैं झुकूंगा नहीं। अगर आरोप साबित होते हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।

राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को निचले सदन में वक्फ विधेयक पर बहस के दौरान की गई अपनी मानहानिकारक टिप्पणी वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। खरगे ने कहा, लेकिन नुकसान हो चुका है। उन्होंने इस मुद्दे पर अनुराग ठाकुर के साथ-साथ राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा से भी माफी की मांग की।

अनुराग ठाकुर के आरोपों को बताया झूठा और निराधार

मल्लिकार्जुन खरगे ने कल अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में मुझ पर पूरी तरह से झूठे और निराधार आरोप लगाए। जब मेरे साथियों ने उन्हें चुनौती दी तो वह अपनी मानहानिकारक टिप्पणी वापस लेने के लिए मजबूर हो गए। लेकिन नुकसान हो चुका है। टिप्पणी वापस लेने के बावजूद, यह मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाया रहा। बीजेपी के लोग मुझे डराना चाहते हैं, मैं बिल्कुल झुकूंगा नहीं, मैनें 1 इंच जमीन आज तक किसी की नहीं ली।

खरगे ने आरोपों को साबित करने को कहा

खरगे ने कहा कि अनुराग ठाकुर की ओर से मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों से मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। खरगे ने अनुराग ठाकुर से उनके खिलाफ लगाए गए 'बेबुनियाद' आरोपों को साबित करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर आप अपने दावों को साबित नहीं कर सकते तो आपको संसद में आने का कोई अधिकार नहीं है। आप इस्तीफा दे दीजिए। इसके साथ ही अगर भाजपा सांसद आरोप साबित कर देते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे।

मेरी जिंदगी संघर्षों और लड़ाइयों से भरी-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मैं एक मजदूर का बेटा हूं। मेरी जिंदगी हमेशा एक खुली किताब रही है। यह संघर्षों और लड़ाइयों से भरी रही है, लेकिन मैंने जिंदगी में हमेशा उच्चतम मूल्यों को बरकरार रखा है। खरगे ने अनुराग ठाकुर के आरोपों को झूठा और निराधार बताते हुए माफी की मांग की।

अनुराग ठाकुर ने क्या कहा था?

इससे पहले भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ विधेयक के विरोध को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि विधेयक कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए बनी वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने दलों पर अपना राजनीतिक साम्राज्य बनाने के लिए इनके दोहन का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इन जमीनों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने के बजाय कांग्रेस ने अपने चुनावी फायदे के लिए इन्हें वोट बैंक एटीएम में बदल दिया।

कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर राज्यसभा में हंगामा, रिजिजू-नड्डा ने कांग्रेस को सुनाया, खड़गे ने दिया जवाब

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संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में सोमवार में खूब हंगामा देखा गया। मुस्लिम आरक्षण को लेकर कांग्रेस नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बयान पर बीजेपी खूब आगबबूला है। राज्यसभा में सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण से जुड़ा मुद्दा उठाया। सदन में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर एक के बाद एक आरोप लगाए। जिनका कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाब दिया। खरगे के जवाब के बाद भी हंगामा जारी रहा। इसके बाद कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

खड़गे से पार्टी का रुख़ स्पष्ट करने की मांग

रिजिजू ने राज्यसभा में इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे से पार्टी का रुख़ स्पष्ट करने की मांग की। रिजिजू ने यह मांग कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के उस बयान का हवाला देते हुए की थी, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करने की बात कही थी।

किरेन रिजिजू ने कहा, कांग्रेस के एक वरिष्ठ और जिम्मेदार नेता, जो एक संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने एक बयान दिया कि वो भारत के संविधान में बदलाव करना चाहते हैं ताकि कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय को सार्वजनिक अनुबंधों में आरक्षण दिया जा सके। हम इस बयान को हल्के में नहीं ले सकते हैं। इस तरह का बयान किसी साधारण नेता ने दिया होता, तो हम सदन के बाहर भी जवाब दे सकते थे। मगर, यह बयान एक ऐसे व्यक्ति की ओर से आया है, जो एक संवैधानिक पद पर हैं।

रिजिजू ने कहा, उन्होंने साफ-साफ यह कहा है कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम समुदाय को आरक्षण मुहैया करवाएगी और उसके लिए वो भारत के संविधान में बदलाव करेंगे। यह अत्यंत गंभीर बात है। यह वो मामला है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

कांग्रेस संविधान को टुकड़े-टुकड़े कर रही-नड्डा

वहीं, सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस संविधान को टुकड़े-टुकड़े कर रही है। डॉ आंबेडकर ने भारतीय संविधान बनाते समय स्पष्ट रूप से कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। यह भारत के संविधान का एक स्वीकृत सिद्धांत है। कर्नाटक सरकार ने अल्पसंख्यकों को सार्वजनिक अनुबंधों में चार प्रतिशत आरक्षण दिया है। इस पर उन्होंने खरगे से बयान देने की मांग की।

खड़गे ने दिया आरोपों का जवाब

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि भारत के संविधान को बचाने का काम केवल कांग्रेस ने किया है। उन्होंने ये भी कहा कि संविधान को बदलने की कोई संभावना नहीं है और यह सब अफवाहें फैलाने का प्रयास हैं। हम ही वे लोग हैं जिन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की थी और भाजपा वाले वे लोग हैं जो भारत तोड़ो में विश्वास करते हैं। उन्होंने आगे बोलने की कोशिश की लेकिन भाजपा सांसदों की नारेबाजी के कारण बार-बार उनकी बात बाधित हुई। खरगे ने कहा कि हम भारतीय संविधान के रक्षक हैं।

खड़गे ने राज्यसभा में क्या कह दिया कि हो गया बवाल, बाद में मांगनी पड़ी माफी?


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संसद में बजट सत्र की कार्यवाही का दूसरा चरण शुरू हो गया है। ये चरण दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा। मंगलवार को भी कार्यवाही के दौरान हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक बात पर जबरदस्त हंगामा हुआ। ये हंगामा तब शुरू हुआ जब शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हुई। खड़गे ने डिप्टी स्पीकर हरिवंश की ओर बात करते हुए ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर दिया, जिस पर बीजेपी भड़क गई। बीजेपी ने सदन में हंगामा करते हुए माफी की मांग की। इसके बाद खड़गे ने डिप्टी स्पीकर से माफी भी मांगी।

दरअसलस, सदन में नई शिक्षा नीति पर चर्चा हो रही थी। इस पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बोलना चाह रहे थे। तभी उपसभापति ने उन्हें रोका। कारण कि वह सुबह एक बार बोल चुके थे। डिप्टी स्पीकर ने कहा, सुबह आपको बोलने का मौका मिला था। डिप्टी स्पीकर की इस बात पर खरगे ने कहा कि तब शिक्षा मंत्री नहीं आए थेष इसके बाद उपसभापति ने उसने बैठने के लिए कहा तो वो भड़क गए। उपसभापति हरिवंश कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को बोलने का मौका देना चाहते थे। मगर तभी माहौल ऐसा बना कि मल्लिकार्जुन खरगे आग बबूला हो गए। 

...हम ठीक से ठोकेंगे”

मल्लिकार्जुन खरगे अपनी सीट से उठे और बोलने लगे। उपसभापति के रोकने पर उन्होंने डिक्टेटरशिप का आरोप लगा दिया। उन्होंने सीधे चेयर की ओर इशारा कर कहा कि डिक्टेटरशिप हो गया है। मुझे बोलना है। हम बोलने के लिए तैयारी भी किए हैं। और आपको क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे। इस पर उपसभापति ने आपत्ति जताई। सत्ता पक्ष के सांसद विरोध करने लगे। पूरा सदन हंगामे से गूंज उठा।

खरगे ने डिप्टी स्पीकर से मांगी माफी

जेपी नड्डा ने बयान की निंदा की और कहा कि नेता विपक्ष तजुर्बेकार हैं लेकिन जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वो निंदनीय है। इसके लिए वो माफी मांगेंष इस पर अपनी गलती मानते हुए खरगे ने कहा, उपसभापति जी, मैं माफी मांगता हूं। मैंने ये शब्द आपके लिए नहीं बोला था। मैंने कहा था कि सरकार की पॉलिसी को ठोकेंगे। अगर आपको ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।