अखिल भारतीय दुसाध कल्याण परिषद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी बने अशोक प्रसाद भारती

गया जी। अखिल भारतीय दुसाध कल्याण परिषद के बिहार प्रदेश इकाई में संगठनात्मक विस्तार के तहत अशोक प्रसाद भारती को प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी नियुक्ति से संगठन में नई ऊर्जा और मजबूती आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस मनोनयन पर परिषद के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं एवं समाज के लोगों में हर्ष और उत्साह का माहौल है।

अशोक प्रसाद भारती गया जी शहर के अंतर्गत गांव हरियो, पोस्ट एरोड्रामा के निवासी हैं। वे लंबे समय से सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए हैं और दुसाध समाज के उत्थान, शिक्षा, जागरूकता एवं अधिकारों की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। संगठन के प्रति उनकी निष्ठा, कार्यक्षमता और समर्पण को देखते हुए उन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी गई है।

प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी के रूप में अशोक प्रसाद भारती संगठन की नीतियों, कार्यक्रमों एवं समाज से जुड़े मुद्दों को मीडिया और आम जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने का कार्य करेंगे। साथ ही वे संगठन और मीडिया के बीच सेतु का कार्य करते हुए समाज की आवाज को मजबूती प्रदान करेंगे।

उनकी नियुक्ति पर अखिल भारतीय दुसाध कल्याण परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व और सक्रियता से संगठन बिहार में और अधिक सशक्त होगा। समाज के बुद्धिजीवियों और युवाओं ने भी इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे संगठन के लिए एक सकारात्मक कदम बताया है।

नियुक्ति के बाद अशोक प्रसाद भारती ने शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है, उसका वे पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज के अधिकारों, सम्मान और विकास के लिए वे निरंतर संघर्षरत रहेंगे और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने का हर संभव प्रयास करेंगे।

अलाव के लिए 1746 किग्रा से अधिक लकड़ी का किया गया वितरण, ठंड से बचाव के लिए 200 से अधिक स्थलों पर की गई अलाव की व्यवस्था

गया: शीतलहर से बचाव के लिए जिलाधिकारी शशांक शुभंकर के आदेश के आलोक में जिला आपदा प्रबंधन के माध्यम से प्रखंडों/ अंचलों/ नगर निकाय क्षेत्रों के चयन स्थान/ सार्वजनिक स्थान/ चौक चौराहा पर अलाव की व्यवस्था की गई है। इसके तहत 200 से अधिक स्थलों पर संबंधित अंचल अधिकारी के माध्यम से अलाव की व्यवस्था की जा रही है। अलाव के लिए 1746 किग्रा से अधिक लकड़ी का वितरण आज किया गया है। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया है कि समाज के अंतिम पंक्ति में रहने वाले गरीब व्यक्तियों के बीच भी अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करवाये। डीएम ने सभी अनुमण्डल पदाधिकारी एव ज़िला स्तरीय पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि सभी पदाधिकारी नियमित फील्ड में रहते हुए नियमित अलाव जलने संबंधित जांच करते रहे। साथ ही जहां भी असहाय व्यक्ति दिखे उनतक कंबल उपलब्ध भी करवाते रहे। आपदा प्रबंधन विभाग बिहार सरकार द्वारा भी शीतलहर / ठंड से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी किया गया है जिसे सभी आम जनता को जिलाधिकारी ने अपील किया है कि इसे पूरी तरह पालन करें।

जिलाधिकारी ने जिले के आम लोगों को कहा कि जब तक बाहर जाने की जरूरत या आवश्यकता न हो यथासंभव घर के अंदर ही सुरक्षित रहें (विशेषकर वृद्ध एवं बच्चे ) स्थानीय समाचार पत्र, रेडियो या टेलीविजन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें। शरीर में उष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। बंद कमरों में जलती हुई लालटेन, दीया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबंध करना सुनिश्चित करें एवं इसके प्रयोग के बाद अच्छी तरह से बुझा दें। हीटर, ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना न भूलें अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है। यदि घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो शरीर पर समुचित गर्म कपड़ों को पहन कर ही निकलें तथा अपने सिर, चेहरा, हाथ एवं पैर को भी गर्म कपड़े से ढक लें।

ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए औरंगाबाद में स्कूलों के समय में बदलाव

औरंगाबाद। जिले में लगातार गिरते तापमान और ठंड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के समय में अस्थायी संशोधन किया है। बच्चों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए जिला दण्डाधिकारी औरंगाबाद श्रीमती अभिलाषा शर्मा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता–2023 की धारा 163 के अंतर्गत विशेष आदेश जारी किया है।

जारी आदेश के अनुसार औरंगाबाद जिले के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों, निजी कोचिंग संस्थानों, प्री-स्कूल तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों में संचालित सभी कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियाँ पूर्वाह्न 10:00 बजे से पहले तथा अपराह्न 04:30 बजे के बाद प्रतिबंधित रहेंगी। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी शैक्षणिक संस्थान अपनी कक्षाओं का संचालन केवल पूर्वाह्न 10:00 बजे से अपराह्न 04:30 बजे के बीच ही करेंगे, ताकि सुबह और शाम की कड़ाके की ठंड से बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके।

हालांकि, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए संचालित विशेष कक्षाओं को इस प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है, ताकि परीक्षा की तैयारी पर किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि विशेष कक्षाओं के संचालन के दौरान भी विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सभी आवश्यक सावधानियों का पालन अनिवार्य होगा।

यह आदेश दिनांक 20 दिसंबर 2025 से 25 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि के दौरान सभी संबंधित शैक्षणिक संस्थानों को आदेश का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है।

जिला दण्डाधिकारी ने अभिभावकों, विद्यार्थियों एवं विद्यालय प्रबंधन से अपील की है कि वे ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। उन्होंने कहा कि अत्यधिक ठंड बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, इसलिए आवश्यक है कि सभी लोग प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।

प्रशासन ने यह भी सुझाव दिया है कि विद्यालयों में गर्म कपड़ों के उपयोग, स्वच्छता एवं आवश्यक सावधानियों पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय ने सभी संबंधित पक्षों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि बच्चों की सुरक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

अतिक्रमण से जूझ रहा ओबीपुर, ग्रामीणों ने डीएम से लगाई गुहार

औरंगाबाद नबीनगर अंचल के बड़ेम थाना क्षेत्र अंतर्गत ओबीपुर गांव में देवी मंदिर से लेकर नहर तक फैले अतिक्रमण ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सार्वजनिक रास्ते और सरकारी भूमि पर हुए अवैध कब्जे के कारण न सिर्फ आवागमन बाधित हो रहा है, बल्कि धार्मिक, सामाजिक और विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। इस गंभीर समस्या को लेकर ओबीपुर के धीरेन्द्र पाण्डेय ने जिलाधिकारी को आवेदन सौंपते हुए क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि देवी मंदिर से नहर तक का मार्ग वर्षों से सार्वजनिक उपयोग में रहा है। इसी रास्ते से श्रद्धालु कंकेर मंदिर तक पहुंचते थे, किसान अपनी फसल लेकर आते-जाते थे और गांव के बच्चे स्कूल जाते थे। लेकिन हाल के वर्षों में कुछ लोगों द्वारा अवैध निर्माण कर रास्ते को संकीर्ण या पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया गया है। इससे आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है

अतिक्रमण के कारण बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या भी गंभीर हो जाती है। बरसात के पानी की निकासी बाधित होने से नवीनगर बारुण रोड में पानी भर जाता है, जिससे पब्लिक को भारी नुकसान होता है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार स्थानीय स्तर पर शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ता गया।

देवी मंदिर जैसे धार्मिक स्थल तक पहुंच में बाधा उत्पन्न होना ग्रामीणों की आस्था पर भी चोट है। पर्व-त्योहारों के समय भीड़ बढ़ने पर स्थिति और भयावह हो जाती है, जिससे किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को आने-जाने में विशेष परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर देवी मंदिर से नहर तक के क्षेत्र को शीघ्र अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। साथ ही भविष्य में दोबारा अतिक्रमण न हो, इसके लिए स्थायी व्यवस्था की जाए।

ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन इस जनहित के मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेगा और अतिक्रमण हटाकर गांव में सामान्य जीवन बहाल करेगा। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन का रास्ता अपनाने की चेतावनी भी ग्रामीणों ने दी है।

सदर अस्पताल में मरीज के साथ पॉकेटमारी का आरोप, इमरजेंसी वार्ड में हंगामा

औरंगाबाद सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड परिसर में शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक मरीज के साथ कथित रूप से पॉकेटमारी की घटना सामने आई। पीड़ित व्यक्ति ने इलाज के दौरान पॉकेट से 700 रुपये गायब होने का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। घटना के बाद कुछ देर के लिए इमरजेंसी वार्ड का माहौल तनावपूर्ण बना रहा। जानकारी के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति की पहचान माली थाना क्षेत्र निवासी नरेश पासवान के रूप में की गई है। नरेश पासवान इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे थे। उनका कहना है कि इलाज के दौरान जब उन्हें इंजेक्शन दिया जा रहा था, उसी समय उनके पॉकेट में रखे 700 रुपये निकाल लिए गए। पीड़ित ने सीधे तौर

इंजेक्शन देने वाले प्रशिक्षु जीएनएम पर पैसे निकालने का आरोप लगाया। नरेश पासवान ने बताया कि वह अस्पताल में भर्ती होने के दौरान अपने पॉकेट में 700 रुपये रखे हुए थे। इंजेक्शन लगने के बाद जब उन्होंने पैसे देखने चाहे, तो वह गायब थे।

इसके बाद उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया और आरोप लगाया कि इंजेक्शन देने के दौरान ही उनके पैसे निकाल लिए गए हैं। आरोप लगते ही इमरजेंसी वार्ड में मौजूद अन्य मरीजों और उनके परिजनों की भीड़ जुट गई। हालांकि मौके पर मौजूद लोगों और अस्पताल कर्मियों ने पीड़ित को समझाने का प्रयास किया कि संभव है

कहीं और पैसे गिर गए हों या भीड़ के दौरान किसी अन्य व्यक्ति ने पॉकेटमारी की हो। बावजूद इसके नरेश पासवान अपने आरोप पर अड़े रहे और प्रशिक्षु जीएनएम को ही जिम्मेदार ठहराते रहे। वहीं इस मामले में आरोपित प्रशिक्षु स्वास्थ्यकर्मी ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खुद को निर्दोष बताया है। स्वास्थ्यकर्मी का कहना है कि उसके ऊपर झूठा आरोप लगाया जा रहा है।

उसने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। स्वास्थ्यकर्मी ने अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कराने की भी मांग की है। घटना की सूचना अस्पताल प्रशासन को भी दी गई है। प्रशासन की ओर से मामले की जांच कराने और सीसीटीवी फुटेज खंगालने की बात कही जा रही है, ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके और दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जा सके। फिलहाल घटना को लेकर अस्पताल परिसर में चर्चा का माहौल बना हुआ है।

औरंगाबाद में जमीन विवाद में पूर्व राजद विधायक पर हमला, राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल गर्माया

औरंगाबाद। रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में दो दिन पहले जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट और गोलीबारी की घटना ने राजनैतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। इस घटना में राजद नेता माहिद खान को गोली लगी थी। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना स्थित अस्पताल में रेफर किया गया। घटना के तुरंत बाद राजद एमएलसी कारी सुहैब ने पटना जाकर इलाजरत माहिद खान से मुलाकात की और इस घटना को लेकर अपने फेसबुक पेज पर एक बयान जारी किया। अपने बयान में उन्होंने रफीगंज से नव निर्वाचित जदयू विधायक प्रमोद कुमार सिंह पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि माहिद खान पर उनके “गुंडों ने चुनावी रंजिश में हमला किया और सिर पर रॉड से हमला करने के साथ-साथ पैर में गोली मार दी। एमएलसी ने कहा कि यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि बिहार की लोकतांत्रिक व्यवस्था और जनता की आवाज पर वार है। कारी सुहैब ने अपने पोस्ट में लिखा कि नीतीश सरकार के फर्जी सुशासन में हर दिन हत्या, लूट, बलात्कार और डकैती जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि चोरी से बनी सरकार जनता की समस्याओं से बेखबर है और जनता त्रस्त है। उनका यह भी आरोप था कि वर्तमान सरकार आलोचना से घबराकर कानून और व्यवस्था की आड़ में गोलियों और लाठियों का सहारा ले रही है। एमएलसी कारी सुहैब के बयान के बाद जदयू विधायक प्रमोद कुमार सिंह ने शुक्रवार को अपने सत्येंद्र नगर स्थित आवास पर प्रेस वार्ता कर बयान को “निराधार, तथ्यहीन और भ्रामक” बताया। उन्होंने कहा कि माहिद खान भूमाफिया है और उनका गैंग जमीन हड़पने के लिए लाठी और गोली का इस्तेमाल करता है। उन्होंने तेजस्वी यादव से अपील की कि ऐसे लोगों को राजनीतिक संरक्षण न दिया जाए, क्योंकि ये लोग राजद की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं। विधायक ने कहा कि सुशासन की सरकार में ऐसे अपराधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने रफीगंज और मदनपुर के अंचलाधिकारी पर भी आरोप लगाया कि वे भूमाफिया की गतिविधियों में मदद कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विधानसभा में सवाल उठाए जाएंगे और कार्रवाई की मांग की जाएगी। प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि कारी सुहैब का बयान उनके राजनीतिक विरोध को कमजोर करने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने अधिवक्ताओं से मिलकर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने रफीगंज की जनता के आशीर्वाद का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि अपने वादों के अनुसार वे क्षेत्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए पूरी ताकत लगाएँगे। इस प्रेस वार्ता में जदयू के जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार सिंह, युवा जिला अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह उर्फ राजा बाबू, विधायक प्रतिनिधि बिपिन सिंह, अजय पासवान सहित अन्य जदयू नेता उपस्थित रहे।रफीगंज की यह घटना न केवल स्थानीय जमीन विवाद बल्कि राज्य की राजनीति और कानून व्यवस्था पर बढ़ते दबाव की एक मिसाल मानी जा रही है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

शीशों बिगहा मोड़ पर भाई-बहन पर फायरिंग, बाइक लूटकर अपराधी फरार एसपी ने किया निरीक्षण, SIT गठित

औरंगाबाद। ओबरा थाना क्षेत्र के शीशों बिगहा मोड़ के समीप गुरुवार देर शाम घात लगाए बैठे अपराधियों ने घर लौट रहे भाई-बहन पर हमला बोल दिया। बाइक छीनने के प्रयास का विरोध करने पर अपराधियों ने युवक को गोली मार दी, जबकि उसकी बहन के साथ मारपीट कर बाइक लेकर फरार हो गए। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। घायल युवक की पहचान बिहारी बिगहा निवासी विकास कुमार, जबकि घायल बहन की पहचान वंदना कुमारी के रूप में हुई है। बताया जाता है कि वंदना गया में परीक्षा देकर अपने घर लौट रही थी। अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन पर उसका भाई विकास उसे लेने बाइक से गया था। दोनों घर लौट रहे थे, तभी शीशों बिगहा मोड़ के पास पहले से घात लगाए अपराधियों ने उन्हें रोक लिया और लूटपाट शुरू कर दी। विरोध पर अपराधियों ने विकास को गोली मार दी और वंदना के साथ मारपीट कर बाइक लेकर फरार हो गए।

स्थानीय लोगों ने दोनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ओबरा पहुंचाया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें सदर अस्पताल, फिर वहां से गया के मगध मेडिकल कॉलेज एंड गयाजी हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। दोनों का इलाज वहीं चल रहा है।

पुलिस का आधिकारिक बयान

जम्होर थाना क्षेत्र के गौरी–सोनबरसा रोड पर हुई इस घटना को लेकर पुलिस ने बताया कि अपराधियों ने तीन लोगों से एक हजार रुपये और मोबाइल फोन की लूट के दौरान विकास कुमार को गोली मारी। पुलिस के अनुसार घायल की स्थिति फिलहाल सामान्य बताई जा रही है। घटना के संबंध में जम्होर थाना कांड संख्या 281/25 दर्ज किया गया है। कांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर-01 के नेतृत्व में SIT का गठन किया है। SIT तकनीकी इनपुट, CCTV फुटेज और आसूचना के आधार पर अपराधियों की पहचान में जुटी है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी जल्द सुनिश्चित की जाएगी।

एसपी ने किया घटनास्थल का निरीक्षण

घटना की जानकारी मिलते ही एसपी अम्बरीष राहुल ने शुक्रवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को त्वरित उद्भेदन, सक्रिय छापेमारी और अपराधकर्मियों की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिए। क्षेत्र में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर लोगों में भय व्याप्त है, वहीं पुलिस मामले को प्राथमिकता पर लेकर काम कर रही है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

मुख्यमंत्री द्वारा प्रगति यात्रा के दौरान किये गए विभिन्न घोषणाओं के उपलक्ष्य में धरातल पर उतारने के उद्देश्य से जिलाधिकारी द्वारा सभी घोषित घोष

गया: मुख्यमंत्री बिहार द्वारा प्रगति यात्रा के दौरान किये गए विभिन्न घोषणाओं के उपलक्ष्य में धरातल पर उतारने के उद्देश्य से जिलाधिकारी द्वारा लगातार उन सभी घोषित घोषणाओं में किये जा रहे कार्यो का निरीक्षण किया गया ताकि निर्धारित समय मे उनसभी योजनाओं को पूर्ण करवाया जा सके। ज़िलाधिकारी शशांक शुभंकर द्वारा आज निर्माणाधीन गया से कोइलवा मोड़ भाया -परैया-गुरारू होते हुए औरंगाबाद- रफीगंज को जोड़ने वाले पथ का चौड़ीकरण कार्य का निरीक्षण किया। इस योजना का कार्य पथ निर्माण विभाग शेरघाटी द्वारा करवाया जा रहा है। उक्त सड़क के निर्माण की कुल लंबाई 27.44 किलोमीटर है। उक्त सड़क निर्माण में अलग अलग पैच मिलाकर लगभग 10 एकड़ भूमि रैयती है, जिसे भूअर्जन का कार्य किया जा रहा है। इसे निर्माण होने से गया बोधगया, एनएच 22, एसएच 69 के गुरारू, औरंगाबाद के रफीगंज एवं प्रगतिशील आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे से सम्पर्कता बढ़ेगी।

उक्त सड़क का निर्माण कार्य 18 माह में पूर्ण कर ली जाएगी। पूर्व से उक्त सड़क की चौड़ाई 5.50 मीटर था, सड़क बनने से सड़क की चौड़ाई 10 मीटर हो जाएगी। इस पथ के निर्माण होने से इस क्षेत्र के लोंगो को औरंगाबाद, पटना, रांची जाने में सुविधा होगी साथ ही यह पथ प्रगतिशील आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगी जिस से इस क्षेत्र के लोगों को दरभंगा जाने में कम।समय लगेगा। डीएम ने बताया कि इस सड़क के गुजरने में रास्ते मे पड़ने वाले जो भी छोटा बड़ा इंडस्ट्री पड़ेगा, उसके विकास में काफी बल मिलेगी। इस सड़क से जीटी रोड की भी कनेक्टिविटी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण होने से पिछड़े इलाकों को भी विकास की गति बढ़ेगी। उक्त सड़क का निर्माण की प्रारंभिक बिंदु एफसीआई गोदाम से होते हुए लालगंज गांव- उदाबिघा- कष्ठा- झिकटिया- कोशदिहरा- सखवा- सलेमपुर- परैया- इंग्लिश बिगहा- आजग बिगहा- रुकनपुर- गुरारू- मैरवारा- केसरी बिगहा- बथानी- अमवा सिम्बा मोड पर समाप्त होगी। इसी सड़क से इंग्लिश बिगहा गांव में आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे जुड़ेगी।

इसके पश्चात नगर अंचल क्षेत्र के घुटिया में बने पंचायत सरकार भवन एवं जीविका भवन का निरीक्षण किया। डीएम ने कहा कि पंचायत सरकार भवन बन कर पूरी तरह तैयार है, पदाधिकारी एवं कर्मियों को यहां बैठाए। आरटीपीएस काउंटर भी संचालित करवाये, ताकि इस क्षेत्र के ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय नही जाना पड़े। डीएम के कहा कि पंचायत सरकार भवन को पूरी तरह क्रियाशील बनाये, ताकि लोगो को लाभ मिल सके। उन्होंने डीपीएम जीविका को निर्देश दिए हैं कि जीविका भवन को भी फंक्शनल बनाये। इसके पश्चात खेल विभाग बिहार सरकार द्वारा दुर्बे में प्रस्तावित प्रमंडलीय खेल मैदान के लिये भूमि का जायजा लिया। 15 एकड़ की भूमि चिन्हित हुई है, जल्द ही प्रमंडलीय खेल मैदान उक्त स्थल पर बनाये जाएंगे। निरीक्षण में उप विकास आयुक्त, सहायक समाहर्ता, अंचलाधिकारी नगर, प्रखंड विकास पदाधिकारी नगर, कार्यपालक अभियंता अरसीडी शेरघाटी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

बिहार में सताने लगी सर्दी, पछुआ हवा ने बढ़ाई परेशानी, तापमान में तेज गिरावट

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बिहार में ठंड और तेज होती जा रही है। पूरे राज्य में शीतलहर ने दस्तक दे दी है।बिहार में पछुआ हवा के कारण ठंड और बढ़ गई है। 20–25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा चल रही है। जिसके कारण राज्य भर में न्यूनतम तापमान लगातार नीचे जा रहा है, जिससे कड़ाके की ठंड लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, पिछले दो-तीन दिनों में राज्य के कई जिलों में रात का पारा काफी नीचे तक रिकॉर्ड किया गया है। पटना में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और गया में 10.6 डिग्री दर्ज हुआ। प्रशासन ने बच्चों, बुजुर्गों और यात्रियों को विशेष सावधानी बरतने की अपील की है, क्योंकि ये ठंड अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है।

घने कोहरे को लेकर अलर्ट

बिहार मौसम सेवा केंद्र ने 11 दिसंबर तक राज्य के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में घने कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, गोपालगंज, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज जैसे जिलों में घने कोहरे की चेतावनी है, जबकि औरंगाबाद, गया, रोहतास और कैमूर में भी कोहरे का असर दिख सकता है। सबसे कम तापमान सबौर में 8.4 डिग्री दर्ज किया गया है।

48 घंटे तक लगातार जारी रहेंगी पछुआ हवाएं

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 15-20 किमी/घंटा की रफ्तार वाली ठंडी पछुआ हवाएं अगले 48 घंटे तक लगातार जारी रहेंगी। हवाओं और तापमान में गिरावट के कारण सुबह के समय घना कोहरा दिख रहा है। जिससे विजिबिलिटी (दृश्यता) काफी कम हो जा रही है। विजिबिलिटी कई जिलों में 50 मीटर से भी नीचे जाने की आशंका है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित होने की संभावना है।

अगले 3–4 दिनों तक कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 3–4 दिनों में प्रदेश के मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही, अधिकतम तापमान में हल्की कमी आ सकती है, जबकि न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना नहीं जताई गई है। दक्षिण बिहार के कई जिले जैसे बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल और रोहतास में रात का तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। 15 दिसंबर तक पूरे राज्य में मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है और बारिश को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।

जहरीला' है मां का दूध, एम्स और महावीर कैंसर संस्थान की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

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बिहार के छह जिलों में स्तनपान कराने वाली माताओं को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मां के दूध में यूरेनियम (यू-238) की मौजूदगी का दानवा किया जा रहा है। महावीर कैंसर संस्थान, पटना और एम्स नई दिल्ली की संयुक्त स्टडी में यह बात सामने आई है कि राज्य के छह जिलों भोजपुर, समस्तीपुर, मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया और नालंदा में स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध में यूरेनियम पाया गया है।

40 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क की जांच

अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच किए गए इस शोध में बेगूसराय, भोजपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, कटिहार और नालंदा जैसे जिलों से सैंपल लिए गए थे। इन जिलों से 17 से 35 वर्ष की आयु की 40 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया था। इन सभी नमूनों में यूरेनियम यानी U-238 पाया गया है। इस दूध में यूरेनियम की मात्रा 0 से 5.25 जी/एल के बीच दर्ज की गई है।

70% शिशुओं के स्वास्थ्य का जोखिम बढ़ा

इस शोध को महावीर कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र, पटना, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और एम्स, नई दिल्ली के वैज्ञानिकों के एक समूह ने मिलकर किया है। ब्रिटिश जर्नल 'साइंटिफिक रिपोर्ट्स' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अध्ययन में बिहार के स्तन के दूध के नमूनों में 5 पीपीबी (प्रति अरब भाग) तक यूरेनियम पाया गया।अध्ययन के अनुसार, लगभग 70% शिशुओं के स्वास्थ्य का जोखिम बढ़ सकता है। हालांकि यह साफ किया गया है कि इससे कैंसर का खतरा नहीं है यह स्तर अभी स्वीकार्य सीमा से नीचे हैं और घबराने की जरूरत नहीं है।

यूरेनियम भूजल के जरिए शरीर में पहुंच रहा

इस स्टडी का नेतृत्व महावीर कैंसर संस्थान के डॉ. अरुण कुमार ने किया। एम्स नई दिल्ली के डॉ. अशोक शर्मा रिसर्च के सह लेखक रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह यूरेनियम भूजल के जरिए शरीर में पहुंच रहा है, क्योंकि इन जिलों में पानी पहले से ही दूषित बताया जाता रहा है। यह दूषित पानी पीने और भोजन के माध्यम से शरीर में जाता है और फिर माताओं के दूध में पहुंचकर बच्चों के लिए खतरा पैदा करता है।

माताओं को स्तनपान बंद करने की कोई जरूरत नहीं

शोधकर्ताओं ने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि यूरेनियम का स्रोत कौन- सी जगह या गतिविधि है, लेकिन यह तथ्य गंभीर है कि यह सीधे बच्चों तक पहुंच रहा है। एम्स दिल्ली के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. अशोक शर्मा ने कहा, 70% शिशुओं में जोखिम का संकेत जरूर मिला है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसका वास्तविक प्रभाव कम होने की संभावना है। माताओं को स्तनपान बंद करने की कोई जरूरत नहीं है। यह शिशु के पोषण का सबसे सुरक्षित और प्रभावी स्रोत है।

पानी में आर्सेनिक ज्यादा

बिहार के 6 जिलों में लोगों का पीने का पानी और खाने का अनाज धीरे-धीरे जहर में बदलता जा रहा है। स्टडी में टीम ने बिहार के पटना, वैशाली, सारण, भोजपुर, बक्सर और नालंदा जिलों में सर्वे किया। कुल 286 घरों से हैंडपंप के पानी, गेहूं, चावल, बाल और नाखून के नमूने एकत्र किए गए। जांच में लगभग 14% हैंडपंपों के पानी, 44% गेहूं और 3% चावल के नमूनों में आर्सेनिक की मात्रा WHO की तय सीमा से अधिक पाई गई।