पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
पीएसी स्थापना दिवस 2025: मुख्यमंत्री योगी ने 78 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को किया नमन, उत्कृष्ट जवानों को किया सम्मानित
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को महानगर स्थित 35वीं वाहिनी पीएसी मुख्यालय में आयोजित पीएसी स्थापना दिवस समारोह–2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट सेवा एवं अनुकरणीय कार्य करने वाले अधिकारियों और जवानों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि पीएसी की 78 वर्षों की यात्रा अनुशासन, त्याग और समर्पण का गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने पीएसी के जवानों को बधाई देते हुए कहा कि देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने, आपदा प्रबंधन, पर्व-त्योहारों, चुनावों और संवेदनशील परिस्थितियों में पीएसी ने अग्रिम मोर्चे पर रहकर उत्कृष्ट योगदान दिया है। सीएम योगी ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले और जुलाई 2005 में श्रीराम जन्मभूमि परिसर पर आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि पीएसी, सीआरपीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों ने मिलकर आतंकियों को ढेर कर देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई।उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित कर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। पीएसी को अत्याधुनिक हथियार, दंगा नियंत्रण उपकरण और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है। साथ ही प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भी व्यापक सुधार किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 8 वर्षों में यूपी पुलिस बल में 2.19 लाख कार्मिकों की भर्ती की गई है, जिसमें कम से कम 20 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया गया। वर्तमान में यूपी पुलिस में 44 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी सेवाएं दे रही हैं। पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता में कई गुना वृद्धि हुई है और पुराने जर्जर भवनों की जगह आधुनिक हाईराइज भवन बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 7 जनपदों में कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है। मॉडर्न पुलिसिंग, साइबर थाना, साइबर सेल और फॉरेंसिक साइंस ईकोसिस्टम यूपी पुलिस की नई पहचान बन चुकी है। लखनऊ स्थित यूपी फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट देश के अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश में 12 आधुनिक एफएसएल लैब बनकर तैयार हो चुकी हैं।मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि मिशन शक्ति 5.0 के तहत महिला सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन और सशक्तिकरण को नई दिशा दी जा रही है। पहली बार प्रदेश में तीन नई महिला पीएसी वाहिनियों—लखनऊ: वीरांगना ऊदा देवी,गोरखपुर: झलकारी बाई,बदायूं: अवंती बाई का गठन किया गया है। इसके अलावा जालौन, मीरजापुर और बलरामपुर में नई महिला वाहिनियों की स्थापना की प्रक्रिया भी जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बढ़ते आत्मविश्वास के पीछे कानून का राज है। बेहतर कानून व्यवस्था से सुशासन आता है, जिससे निवेश बढ़ता है और युवाओं का भविष्य सुरक्षित होता है। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद उत्तर प्रदेश की बदली हुई छवि पूरे देश के सामने है और निवेशक प्रदेश में आने के लिए उत्साहित हैं।कार्यक्रम में डीजीपी राजीव कृष्ण, अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी डी. रामकृष्ण स्वर्णकार समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं बड़ी संख्या में पीएसी के जवान उपस्थित रहे।
घोड़ी पे चढ़के आना के हीरो प्रबुद्ध और हीरोइन शिवानी को देखने उमड़ी भीड़
लखनऊ। बुद्धा क्रिएशन ऑफ़ इंडियन सिनेमा के बैनर तले बन रही फ़िल्म घोड़ी पे चढ़के आना की शूटिंग पिछले एक हफ़्ते से लखनऊ के खूबसूरत लोकेशनों पर चल रही है और इस फ़िल्म के हीरो प्रबुद्ध और हीरोइन शिवानी कुमारी को देखने के लिए भारी तादाद में भीड़ जमा हो रही है उसके बावजूद भी शूटिंग बहुत ही शांति से हो रही है। इसकी शूटिंग बख्शी तालाब, मढ़वाना गांव, महिपतपुर, व्हाइट हाउस, रूमी गेट, घंटा घर, कुड़िया घाट, हज़रत गंज मार्केट, गोमती नगर, सहारा प्लाजा, पत्रकारपुरम जैसे स्थानों पर हो चुकी है तथा लखनऊ के विभिन्न स्थानों पर चल रही है ।गौरतलब है कि इस फ़िल्म की शूटिंग जिला गौतम बुद्ध नगर के जेवर, डूढेहरा गाँव में भी 15 दिन हो चुकी है। इस फ़िल्म के निर्देशक कैलाश मासूम ने बताया की वो ज़ेवर के मूल रूप से रहने वाले हैं और 25 साल से मुंबई के बॉलीवुड में काम कर रहे हैं, वो फ़िल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं! घोड़ी पे चढ़के आना एक कॉमेडी फ़िल्म तो है ही पारिवारिक फ़िल्म भी है, इसमें फ़ैमिली ड्रामा और सामाजिक संदेश भी नज़र आयेगा ! इस फ़िल्म के निर्माता दासबाबू जयसवाल, कैमरामैन रेबुइल एज़ाज़, कार्यकारी निर्मात्री पल्लवी सिंह हाड़ा, लाइन प्रोडूसर संतोष वर्मा और डांस डायरेक्टर मुदस्सर ख़ान हैं! प्रबुद्ध और शिवानी के अलावा इस फ़िल्म में अभिनेता राजपाल यादव, पंकज झा, अरुण बख्शी, राकेश बेदी, राजेश शर्मा, बृजेन्द्र काला, गोविंद पांडेय, मुश्ताक़ ख़ान, सिद्धार्थ भारद्वाज, रवि साहा, सतेंद्र सोनी, कर्मवीर चौधरी, योगेश त्रिपाठी आदि भी महत्वपूर्ण भूमिका में नज़र आएँगे! निर्देशक कैलाश मासूम ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी का सपना पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश को बॉलीवुडमय बनाने का महाराजजी का सपना जरूर पूरा करेंगे! ज़ेवर में पहली बार शूटिंग भी हमने शुरू की ताकि बॉलीवुड का ध्यान नई फ़िल्म सिटी की ओर अभी से आकर्षित हो सके! यह फ़िल्म अगली साल अप्रैल, मई तक रिलीज़ होगी।
गोरखपुर व लखनऊ में नशा तस्करी पर करारा प्रहार, करोड़ों की हेरोइन व गांजा बरामद,दो अलग-अलग अभियानों में तीन सक्रिय तस्कर गिरफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने बड़ी सफलता हासिल की है। एएनटीएफ थाना/यूनिट गोरखपुर और एएनटीएफ ऑपरेशनल यूनिट लखनऊ ने अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई करते हुए तीन सक्रिय तस्करों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में हेरोइन और गांजा बरामद किया है। बरामद मादक पदार्थों की कुल अनुमानित कीमत करीब 1 करोड़ 35 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध तथा पुलिस महानिरीक्षक एएनटीएफ लखनऊ के निर्देशन में एएनटीएफ थाना/यूनिट गोरखपुर ने अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले दो सक्रिय तस्करों को गिरफ्तार किया। छेदी यादव पुत्र पलकधारी, निवासी चकरा अव्वल, थाना राजघाट, जनपद गोरखपुर (उम्र करीब 28 वर्ष),अरुण सिंह पुत्र लालजी सिंह, निवासी चरनलाल चौक, दुर्गा बाड़ी रोड, थाना कोतवाली, जनपद गोरखपुर (उम्र करीब 29 वर्ष) है। पुलिस ने इनके कब्जे से 530 ग्राम अवैध हेरोइन, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये, टीवीएस जूपिटर स्कूटी, दो एंड्रॉयड मोबाइल फोन और 700 रुपये नकद बरामद किए हैं।यह कार्रवाई एकला मंदिर, गोरखपुर-वाराणसी रोड, थाना गीडा क्षेत्र में की गई। इस संबंध में थाना गीडा, जनपद गोरखपुर परएनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि वे यह हेरोइन जनपद बाराबंकी के टीकरा उसमा जैतपुर क्षेत्र से लाकर अन्य लोगों को बेचने जा रहे थे। पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य तस्करों की तलाश में जुट गई है।वहीं दूसरी कार्रवाई में एएनटीएफ ऑपरेशनल यूनिट लखनऊ ने अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक सक्रिय तस्कर को गिरफ्तार किया।अनिकेत मौर्या पुत्र अतुल मौर्या, निवासी जिगना पूरे देव, थाना जगतपुर, जनपद रायबरेली के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके कब्जे से 49.050 किलोग्राम अवैध गांजा, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 25 लाख रुपये, एक चार पहिया वाहन, दो एंड्रॉयड मोबाइल फोन और 450 रुपये नकद बरामद किए हैं।यह गिरफ्तारी 15 दिसंबर 2025 को ग्राम निगोहा नगराम रोड से मीरखनगर जाने वाली सड़क, थाना निगोहा, लखनऊ दक्षिणी (कमिश्नरेट लखनऊ) क्षेत्र में की गई। इस संबंध में थाना निगोहा परएनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।पूछताछ में अभियुक्त ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से गांजे की खरीद-फरोख्त में लिप्त था और अधिक मुनाफे के लालच में तस्करी करने लगा। वह गांजे की डिलीवरी देने जा रहा था, तभी एएनटीएफ टीम ने उसे पकड़ लिया।गोरखपुर और लखनऊ में हुई इन दोनों कार्रवाइयों में एएनटीएफ की टीमों के साथ स्थानीय थाना पुलिस का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन गिरफ्तारियों से नशा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को झटका लगा है और आगे भी इस तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
बस्ती: सड़क हादसे में चार की मौत, 10 घायल,राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर एक ट्रक और बस में हुई भिड़ंत ,बस में करीब 60 लोग सवार थे


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद बस्ती में कोतवाली क्षेत्र राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर सोमवार देर रात को एक ट्रक और बस की टक्कर हो गई। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हैं।घटना की सूचना पाकर पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) संजीव त्यागी, जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना, पुलिस अधीक्षक अभिनंदन और एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। डीआईजी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कोतवाली थाना क्षेत्र में हरदिया के पास सोमवार रात 11 बजे हुआ हैं। दरअसल, सोमवार को संतकबीर नगर से एक प्राइवेट बस यात्रियों को लेकर अजमेर शरीफ के उर्स में शामिल होने जा रही थी। बस में करीब 60 लोग सवार थे।बस जैसे ही हरदिया के पास पहुंची, सामने से आ रहे ट्रक से उसकी टक्कर हो गई। हादसे के बाद दोनों वाहनों का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर चिपक गया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस फोर्स ने तुरन्त रेस्क्यू शुरू किया। घायलों को बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा। हादसे में चार लोगों की मौत हुई हैं। इनकी पहचान बस्ती निवासी अब्दुल्ला (60), मुख्तार अली (75), बस चालक संदीप पांडेय (32) और ट्रक चालक शिवराज सिंह के रूप में हुई है। 10 लोग घायल हुए हैं।जिलाधिकारी ने बताया कि घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए अस्पताल प्रशासन को आदेश दिए। शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। घटना के संबंध में पुलिस जांच कर रही हैं। प्रशासन ने परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
उन्नाव में भीषण सड़क हादसा: एक्सप्रेसवे पर कोहरे में पलटी कार, चार लोगों की मौत

लखनऊ । उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर लखनऊ की तरफ जा रही कार वाहन से टकराने के बाद डिवाइडर में टकराकर पलट गई। हादसे में कार सवार चार लोगों की मौत हो गई। सभी गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले थे, एक की पहचान अभी नहीं हो सकी है। आगरा से लखनऊ की तरफ जा रही कार मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे बांगरमऊ क्षेत्र में एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर पहुंची थी कि घना कोहरा होने से किसी वाहन की टक्कर से करीब 500 मीटर दूर तक डिवाइडर से टकराई और कई बार पलटी खाकर चकनाचूर हो गई। हादसे में कार सवार सभी चार लोगों की मौत हो गई।पुलिस और यूपीडा की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। मृतकों की पहचान अशोक अग्रवाल (57) पुत्र संतोष अग्रवाल, आकाश अग्रवाल (35) वर्ष पुत्र विनोद अग्रवाल, अभिनव अग्रवाल (20 ) वर्ष पुत्र सतीश अग्रवाल निवासीगण कस्बा व थाना मोदीनगर जनपद गाजियाबाद के रूप में हुई है। कोतवाली प्रभारी अखिलेश पांडेय ने बताया कि चौथे मृतक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। परिजनों से संपर्क का प्रयास किया जा रहा है।
मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसा, सात बसों और तीन कारों में लगी आग, छह यात्रियों की मौत और 25 झुलसे

मथुरा/लखनऊ । दिल्ली–आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार तड़के ऐसा मंज़र देखने को मिला, जिसने हर किसी को दहला दिया। घने कोहरे की चादर में अचानक चीख-पुकार गूंजी, तेज धमाकों के साथ आग की लपटें उठीं और कुछ ही पलों में एक्सप्रेस-वे चलती बसों का श्मशान बन गया। सात बसें और तीन कारें आपस में टकराईं और देखते ही देखते सभी वाहन आग की भट्टी में तब्दील हो गए। 40 से अधिक यात्री झुलसकर अस्पतालों में भर्ती हादसा इतना भीषण था कि कई यात्री बसों से निकल भी नहीं पाए। आग की लपटों में घिरे यात्रियों की चीखें दूर तक सुनाई देती रहीं। अब तक 6 लोगों की दर्दनाक मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 40 से अधिक यात्री झुलसकर अस्पतालों में भर्ती हैं। कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पहले एक वाहन टकराया, फिर पलभर में एक के बाद एक कई बसें चपेट में आती चली गईं। कोहरे के कारण दृश्यता शून्य थी। टक्कर के बाद तेज धमाका हुआ और बसों में आग भड़क उठी। अधिकतर बसें यात्रियों से खचाखच भरी थीं। कई दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं एक यात्री ने बताया, “मैं गहरी नींद में था, अचानक जोरदार धमाका हुआ। आंख खुलते ही चारों तरफ आग थी, लोग जलते हुए बाहर भाग रहे थे, चीखें गूंज रही थीं।सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। कई दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। डीएम और एसएसपी श्लोक कुमार खुद मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य की कमान संभाली। झुलसे यात्रियों को आनन-फानन में जिला अस्पताल भेजा गया। मुख्यमंत्री योगी ने हादसे को लिया संज्ञान एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि घने कोहरे के कारण यह भीषण हादसा हुआ। राहत एवं बचाव कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। एहतियातन एक्सप्रेस-वे के प्रभावित हिस्से में यातायात अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।मुख्यमंत्री ने हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के सख्त निर्देश दिए हैं।फिलहाल यमुना एक्सप्रेस-वे पर सन्नाटा पसरा है, लेकिन जली हुई बसें और बिखरा मलबा उस खौफनाक रात की गवाही दे रहा है, जब चंद सेकेंड में सफर मौत के सफर में बदल गया।
सीएम योगी ने ‘जनता दर्शन’ में सुनी फरियादियों की समस्याएं, अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने नियमित ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए फरियादियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से उनके प्रार्थना पत्र स्वयं प्राप्त किए और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर शिकायत का समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी

जनता दर्शन के दौरान एक पीएसी के सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी। मुख्यमंत्री ने उसका प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारी को सौंपते हुए मामले के उचित व शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों से जुड़े कर्मियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।

धान खरीद में लापरवाही पर सख्त रुख

शाहजहांपुर से आए एक किसान ने धान खरीद केंद्रों पर हो रही लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री से की। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वे क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि धान लेकर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

प्रयागराज के मामलों पर भी संज्ञान

जनता दर्शन में प्रयागराज से भी कई फरियादी अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संबंधित मामलों में प्रयागराज के जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का गहन परीक्षण कर शीघ्र समाधान कराया जाए, ताकि आमजन का सरकार पर विश्वास और मजबूत हो।

“हर जरूरतमंद की सेवा सरकार का लक्ष्य”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जरूरतमंद की सेवा ही सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से ही जनता की सेवा, सुरक्षा और सम्मान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। बीते साढ़े आठ वर्षों से जनता की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन में आए लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी हर समस्या का उचित और प्रभावी निस्तारण कराया जाएगा और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बच्चों से मिले मुख्यमंत्री, दिया आशीर्वाद

जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिभावकों के साथ आए बच्चों से भी आत्मीय मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से उनके नाम पूछे, उन्हें चॉकलेट दी और मन लगाकर पढ़ाई करने की सीख दी। मुख्यमंत्री ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद भी दिया।
देश के प्रति सरदार पटेल की सेवाएं व योगदान बना चिरस्मरणीय अध्याय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आधुनिक भारत के शिल्पकार और भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को स्मरण किया।
सीएम योगी ने सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरदार पटेल का यशस्वी नेतृत्व देश को और लंबे समय तक मिल सकता था, लेकिन 15 दिसंबर 1950 को उनका नश्वर शरीर जवाब दे गया। यह देश का दुर्भाग्य रहा, लेकिन उनकी स्मृतियां, सेवाएं और योगदान आज भी राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भारत उन्हें आधुनिक भारत के शिल्पी के रूप में सदैव स्मरण करता रहेगा।
किसान परिवार से राष्ट्रनिर्माता बनने तक का सफर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद गांव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। कठिन परिश्रम के बल पर उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनका उद्देश्य केवल आजीविका अर्जित करना या विदेशी हुकूमत की नौकरी करना नहीं था, बल्कि अपनी प्रतिभा और ऊर्जा को भारत माता की सेवा में समर्पित करना था।
कई बार जेल की यातनाएं सहीं
उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और कई बार जेल की यातनाएं सहीं, लेकिन कभी भी आंदोलन से विचलित नहीं हुए। आजादी के समय उन्होंने भारत के विभाजन का पुरजोर विरोध किया और राष्ट्रीय एकता के लिए दृढ़ संकल्प के साथ खड़े रहे।
567 रियासतों का एकीकरण सरदार पटेल की ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती 567 रियासतों को एक सूत्र में पिरोना थी। अंग्रेजों द्वारा लागू की गई ‘टू नेशन थ्योरी’ के तहत देसी रियासतों को यह विकल्प दिया गया था कि वे भारत, पाकिस्तान या स्वतंत्र अस्तित्व चुन सकती हैं। अधिकांश रियासतें भारत में शामिल हो गईं, लेकिन जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम भारत गणराज्य में शामिल होने को तैयार नहीं थे।

हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया

सरदार पटेल की अद्भुत सूझबूझ और निर्णायक नेतृत्व के कारण रक्तहीन क्रांति के माध्यम से जूनागढ़ और हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया गया। परिणामस्वरूप नवाब और निजाम को देश छोड़कर भागना पड़ा। यह भारत की एकता और अखंडता की दिशा में ऐतिहासिक कदम था।
कश्मीर मुद्दे पर भी रखा दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर आजादी के समय असमंजस की स्थिति बनी रही। उन्होंने कहा कि उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथों में कश्मीर का विषय था, जिसके कारण यह क्षेत्र लंबे समय तक विवादों में उलझा रहा और देश को उग्रवाद व अलगाववाद का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी है, जिन्होंने लौहपुरुष सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए धारा 370 समाप्त कर ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के संकल्प को मजबूत किया और कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया।
प्रशासनिक ढांचे और सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार में योगदान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार, देश के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और भारतीय प्रशासनिक सेवा को वर्तमान स्वरूप देने में अहम भूमिका निभाई। राष्ट्रहित में लिए गए उनके निर्णय आज भी शासन-प्रशासन के लिए मार्गदर्शक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहपुरुष सरदार पटेल का जीवन हर भारतवासी के लिए प्रेरणा है और देश सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा।
कई वरिष्ठ नेता रहे उपस्थित
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सरदार पटेल स्मृति समारोह समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल, महासचिव शशांक वर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
डॉ. रामविलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ । श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ पीठाधीश्वर डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि डॉ. राम विलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विश्व हिन्दू परिषद के अग्रणी नेता, पूर्व सांसद एवं पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।

उनका निधन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। धर्म, समाज और राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा को समर्पित उनका त्यागपूर्ण जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शिष्यों एवं अनुयायियों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।-