हेमंत सरकार मानवीय संवेदनाओं से दूर, मुख्यमंत्री को जिम्मेदारियों का बोध नहीं.....बाबूलाल मरांडी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सुविधा के अभाव में गुमला की गर्भवती आदिवासी बेटी और उसके बच्चे की गई जान पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
श्री मरांडी ने कहा कि 19 साल की उम्र में गर्भवती सुकरी कुमारी और उसके बच्चे की जान चली गई। कारण - इलाज में देरी, सड़क के अभाव में बेहद गंभीर अवस्था में भी उसे बहंगी में लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा।
कहा कि यह गुमला के झलकापाट गांव की घटना है। ऐसी ही अनेकों घटनाएँ हर रोज़ झारखंड में कहीं न कहीं घटती हैं, अधिकतर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में। हमारी बेटियाँ, बहनें किस दर्द से गुजरती होंगी, यह तो सोच पाना भी कठिन है!
कहा कि ऐसी दुखद स्थिति देखकर भी जिस सरकार को अपनी अकर्मण्यता पर शर्म नहीं आती, उससे क्या अपेक्षा रखी जाए।
कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस घटना पर भी कुछ नहीं बोलेंगे, कुछ नहीं करेंगे।
कहा कि वे आदिवासी हैं, फिर भी हेमंत जी से आदिवासी समाज को उपेक्षा के अलावा और कुछ नहीं मिलने वाला।
कहा क्योंकि उन्हें ज़िम्मेदारी का बोध तो पहले भी नहीं था, परंतु अब तो यह सरकार मानवीय संवेदनाओं से भी रिक्त हो गई है।
कहा ऐसे स्थान जहाँ पहले ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं, जहाँ खाट और बहंगी पर मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ा, उन जगहों को चिन्हित कर आवागमन की सुगम सुविधा की व्यवस्था करनी होगी। हर गर्भवती महिला और बीमार व्यक्ति की इस तरह सरकार की असफलता के कारण हुई मौत, अगर जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को उनके राजनीतिक उद्देश्य पर सोचने को विवश नहीं करती, तो झारखंड का भविष्य खतरे में है।












4 hours ago
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