केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से मिले विकास पांडेय

नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री माननीय चिराग पासवान से नई दिल्ली में विकास पांडेय, प्रधान महासचिव, पूर्वांचल,उत्तरप्रदेश , लोक जनशक्ति पार्टी ने शिष्टाचार भेंट की । इस अवसर पर उन्हें बिहार में पार्टी को मिली ऐतिहासिक विजय तथा बिहार मंत्रिमंडल में शामिल होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की गईं। मुलाकात के दौरान खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र (फूड प्रोसेसिंग सेक्टर) में निवेश, रोजगार सृजन और किसानों को होने वाले लाभों पर विस्तृत एवं सकारात्मक चर्चा हुई। साथ ही वर्ष 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर संगठनात्मक मजबूती, जनसंपर्क और रणनीतिक रणनीतियों पर भी सार्थक संवाद हुआ। इस अवसर पर यह भी कहा गया कि चिराग पासवान का ओजस्वी नेतृत्व और स्पष्ट मार्गदर्शन पार्टी के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करता है। उनके नेतृत्व में पार्टी विकास, सामाजिक न्याय और जनहित के संकल्प के साथ निरंतर आगे बढ़ रही है।
नाम बदलने की सनक समझ नहीं आती…” मनरेगा की जगह “विकसित भारत जी राम जी” वाले नाम पर भड़कीं प्रियंका

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लोकसभा में मंगलवार को मनरेगा की जगह ग्रामीण रोजगार की गारंटी के लिए लाया जा रहा विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025 पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बिल पेश किया है। इस नए बिल में सरकार मनरेगा में कई अहम बदलाव करने जा रही है जिसमें मजदूरों के काम को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन किए जाने का प्रावधान है।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) पर कहा, इस विधेयक में बदलाव करने पर अपनी आपत्ति दर्ज करना चाहती हूं। MGNREGA पिछले 20 वार्षों से ग्रामीण भारत को रोजगार देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सक्षम रहा है। यह कितना क्रांतिकारी कानून है कि जब इसे बनाया गया तो सदन के सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी सहमती दी थी। इसके द्वारा 100 दिन का रोजगार देश के गरीब से गरीब लोगों को मिलता आया है। यह बिल उस अधिकार को कमज़ोर करेगा।

बिना चर्चा और बिना सदन की सलाह के बिल पेश करने पर आपत्ति

कांग्रेस नेता ने कहा, मुझे नाम बदलने की यह सनक समझ नहीं आती। इसमें खर्चा बहुत होता है इसलिए मुझे समझ नहीं आता कि वे बेवजह ऐसा क्यों कर रहे हैं। बिना चर्चा के और बिना सदन की सलाह लिए इस तरह जल्दी-जल्दी में विधेयक को पास नहीं कराना चाहिए। ये विधेयक वापस लिया जाना चाहिए, इसके बदले में सरकार को एक नया विधेयक पेस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भले ही मेरे परिवार के नहीं थे लेकिन मेरे परिवार जैसे ही हैं और पूरे देश की यही भावना है। इसे गहन चर्चा और जांच पड़ताल के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए। और कोई भी विधेयक किसी की निजी महत्वकांक्षा, पूर्वाग्रह और सनक के आधार पर पेश नहीं होना चाहिए।

केंद्र का नियंत्रण बढ़ाया जा रहा-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा कि मनरेगा में 90 प्रतिशत अनुदान केंद्र से आता था, इस विधेयक के तहत अब ज्यादातर प्रदेशों में यह 60 प्रतिशत आएगा। इससे प्रदेशों की अर्थव्यवस्था पर बहुत भार पड़ेगा खासतौर से उन राज्यों के लिए जो पहले से ही केंद्र से जीएसटी के बकाए के इंतजार में है। इस विधेयक द्वारा केंद्र का नियंत्रण बढ़ाया जा रहा है और जिम्मेदारी घटाई जा रही है।

ग्राम पंचायत का अधिकार छीना जा रहा-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी आगे कहा कि ने दिनों की संख्या तो बढ़ा दी है लेकिन मज़दूरी नहीं बढ़ाई है। पहले ग्राम पंचायत तय करती थी कि मनरेगा का काम कहां और किस तरह का होगा, लेकिन यह बिल कहता है कि केंद्र सरकार तय करेगी कि फंड कहां और कब देना है, इसलिए ग्राम पंचायत का अधिकार छीना जा रहा है। हमें यह बिल हर तरह से गलत लगता है।

नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार को बड़ी राहत, कोर्ट का ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार

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नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। सोनिया और राहुल पर एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के अंतर्गत आने वाली 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को हड़पने का आरोप था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत दायर यह शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि यह मामला किसी एफआईआर पर आधारित नहीं, बल्कि एक निजी शिकायत से जुड़ा है। कानून के तहत ऐसी स्थिति में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर संज्ञान लेना उचित नहीं है।

कोर्ट ने क्या कहा?

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून की धारा 3 के तहत परिभाषित और धारा 4 के तहत दंडनीय मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की जांच और अभियोजन, तब तक कायम नहीं रह सकता जब तक संबंधित अपराध पर एफआईआर दर्ज न हो या वह अपराध कानून की अनुसूची में शामिल न हो। इसी आधार पर अदालत ने ईडी की शिकायत को खारिज कर दिया।

कोर्ट की अहम टिप्पणी

कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि अब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है, इसलिए ईडी द्वारा आरोपों के गुण-दोष (मेरिट्स) पर दी गई दलीलों पर फैसला करना फिलहाल जल्दबाजी और अनुचित होगा। अदालत ने साफ कहा, 'धारा 3 के तहत परिभाषित और धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध का संज्ञान लेने से इनकार किया जाता है। शिकायत खारिज की जाती है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा- सत्य की जीत

कोर्ट के फैसले को कांग्रेस नेताओं ने इसे सत्य की जीत करार दे दिया। कांग्रेस अपने आधिकारिक एक्स खाते से एक पोस्ट में लिखा, सत्य की जीत हुई है। (नरेंद्र) मोदी सरकार की बदनीयत और गैरकानूनी तरीके से की गई कार्रवाई पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। माननीय अदालत ने यंग इंडियन मामले में कांग्रेस नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को अवैध और दुर्भावना से ग्रसित पाया है। कोर्ट ने फैसला दिया है कि ईडी का मामला क्षेत्राधिकार से बाहर है, उसके पास कोई प्राथमिकी नहीं है जिसके बिना कोई मामला ही नहीं बनता।

राहलु-सोनिया गांधी पर क्या है आरोप?

देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी एजेएल का गठन किया था। भले ही एजेएल के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड एक नॉन-प्रॉफिट कंपनी है, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। आरोप यह लगाए गए कि इस कंपनी के जरिए एजेएल का कर्ज महज 50 लाख रुपये में अपने नाम कर लिया गया और बदले में एजेएल की करीब 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया गया। यही आरोप आगे चलकर राजनीतिक विवाद और कानूनी लड़ाई का आधार बने।

यमुना एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा, 7 बसों और 2 कारों में टक्कर के बाद लगी आग, छह की मौत

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मथुरा में दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह करीब 4:30 बजे कोहरे की वजह से 7 बसें और 3 छोटी गाड़ियां आपस में भिड़ गईं। आगरा से नोएडा की ओर जा रही लेन पर तेज रफ्तार में चल रहे कई वाहन आपस में टकरा गए। टक्कर के बाद सात बसों और दो–तीन कारों में भीषण आग लग गई। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

मथुरा यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के चलते 11 वाहन आपस में टकराए। 5 बसों सहित 7 वाहनों में भीषण आग लग गई। जिला प्रशाशन ने हादसे में 4 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है। हादसे में 25 लोगों के घायल होने के बात सामने आई है। गंभीर घायलों को आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज और अन्य घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कोहरा के कारण आपस में टकराई गाड़ियां

यमुना एक्सप्रेसवे पर यह दर्दनाक हादसा बलदेव थाना क्षेत्र के गांव खड़ेहरा के पास माइल स्टोन संख्या 125 पर हुआ। बताया गया कि हादसे के वक्त इलाके में घना कोहरा छाया हुआ था और दृश्यता लगभग शून्य थी। आगे चल रहे वाहनों को न देख पाने के कारण पीछे से आ रहे वाहन एक-दूसरे से टकराते चले गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुछ ही क्षणों में वाहनों में आग भड़क उठी।

मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख की मदद

प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मथुरा हादसे पर संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को लगाई लताड़, बताया आतंकवाद का वैश्विक केंद्र

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लीडर फॉर पीस पर खुली बहस में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारत के जवाब से भरी सभा में पाकिस्तान की खूब फजीहत हुई। भारत ने जहां पाकिस्तान को आतंक का ग्लोबल सेंटर बताया वहीं कश्मीर और लद्दाख को भारत का अविभाज्य अंग करार दिया। इतना ही सिंधु समझौते पर भी भारत ने खुलकर कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पर आतंक को अपना समर्थन देना बंद नहीं करेगा तब तक यह संधि बहाल नहीं होगी।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत का अभिन्न अंग बताया

संयुक्त राष्ट्र में आयोजित ‘लीडर फॉर पीस’ डिबेट में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश परवथनेनी ने पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। हरीश पी ने सोमवार को खुली बहस के दौरान कहा, मैं आज पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा दिए गए बयान का जिक्र कर रहा हूं। भारत दोहराना चाहता है कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं। वे थे, हैं और हमेशा रहेंगे।

संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग करने का आरोप

पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और कहा कि 'एक सेवारत गैर-स्थायी सुरक्षा परिषद सदस्य से अपनी जिम्मेदारियों और दायित्वों को पूरा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती, जो अपने विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सभी बैठकों और मंचों पर इस जुनून को बढ़ावा देना चाहता है।

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर कड़ा प्रहार

भारत ने सिंधु जल संधि का भी जिक्र करते हुए पाकिस्तान की पोल खोली। भारतीय राजदूत ने कहा कि भारत ने 65 साल पहले इस संधि पर अच्छे विश्वास और दोस्ती की भावना से हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पाकिस्तान ने इस दौरान भारत पर तीन युद्ध थोपे और हजारों आतंकी हमले कराए। उन्होंने बताया कि पिछले चार दशकों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण हजारों भारतीयों की जान गई।

पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र

भारतीय राजदूत ने अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले में धर्म के आधार पर चुन-चुनकर 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि यह हमला पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने के रवैये का ताजा उदाहरण है। इसी पृष्ठभूमि में भारत ने फैसला किया है कि सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखा जाएगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद समेत हर तरह के आतंकवाद को विश्वसनीय और स्थायी रूप से समाप्त नहीं करता।

इमरान खान को जेल में डालने पर साधा निशाना

भारत ने पाकिस्तान की घरेलू राजनीतिक स्थिति पर निशाना साधा और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डालने की आलोचना की। भारतीय दूत ने कहा, पाकिस्तान का अपने लोगों की मर्जी का सम्मान करने का एक अनोखा तरीका है- एक प्रधानमंत्री को जेल में डालकर, सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी पर बैन लगातार और अपनी सेना को 27वें संशोधन के जरिए संवैधानिक तख्तापलट करने देकर और अपने रक्षा बलों के प्रमुख को जिंदगी भर की छूट देकर।

संजय सरावगी बने बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, दरभंगा सदर से लगातार 5 बार हैं विधायक

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बिहार बीजेपी में बड़ा बदलाव हुआ है। उत्तर प्रदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिहार संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए संजय सरावगी को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

मिथिलांचल में पार्टी का चर्चित और पुराना चेहरा

निवर्तमान अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के स्थान पर सरावगी की ताजपोशी को पार्टी की सोची-समझी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। संजय सरावगी का संबंध राज्य के मिथिलांचल क्षेत्र (दरभंगा) से है, जिसे बीजेपी ने आने वाले समय में अपने मुख्य फोकस में रखा है। संजय सरावगी दरभंगा शहर के विधायक हैं और इस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। ये इलाका पारंपरिक रूप से अन्य दलों का मजबूत गढ़ रहा है, जिसे भेदने के लिए बीजेपी ने एक मजबूत चेहरा आगे किया है। पार्टी का मानना है कि नए अध्यक्ष के नेतृत्व में मिथिलांचल की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत सुनिश्चित की जा सकती है, जिसका असर आगामी चुनावों में जरूर दिखेगा।

2005 में पहली बार दरभंगा सीट से विधायक चुने गए

संजय सरावगी छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में भी रहे, जो कि बीजेपी का विद्यार्थी संगठन है। संजय ने साल 1995 में बीजेपी की सदस्यता ली। 2003 में उन्होंने दरभंगा नगर निगम से वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। संजय साल 2005 में पहली बार दरभंगा सीट से विधायक चुने गए।

लगातार पांचवीं बार बने विधायक

2005 के बाद 2010, 2015, 2020 और 2025 में भी विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की। 2025 के विधानसभा चुनाव में संजय ने उमेश सहनी को बड़े अंतर से हराया।

दिलीप जायसवाल की जगह पार्टी की कमान

बता दें कि बीजेपी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का फॉर्मूला चलता है। इसके तहत वर्तमान में उद्योग मंत्री बने दिलीप कुमार जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा है। अब बीजेपी ने दिलीप जायसवाल की जगह संजय सरावगी को बिहार बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।

मोदी सरकार मनरेगा की जगह ला रही नया कानून, सांसदों को बांटी गई बिल की कॉपियां*

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यूपीए सरकार मनरेगा कानून लेकर आई थी, जिसमें ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिन के रोगार की गारंटी देता है। केंद्र सरकार अब मनरेगा की जगह नया कानून 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' बिल 2025 यानी विकसित भारत-जी राम जी योजना (VB-G RAM G) लाने की तैयारी में है। इसको लेकर सरकार ने लोकसभा सदस्यों को एक बिल का ड्राफ्ट भेजा है।

नए विधेयक में 125 दिनों के रोजगार का प्रावधान

नए विधेयक के तहत ग्रामीण भारत को वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रत्येक ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए तैयार हों, हर वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के रोजगार की वैधानिक गारंटी देने का प्रावधान होगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण, विकास, विभिन्न योजनाओं के आपसी समन्वय और संतृप्ति के जरिए समृद्ध और मजबूत ग्रामीण भारत के निर्माण पर जोर दिया जाएगा।

योजनाओं में मजबूती लाना जरूरी- शिवराज सिंह चौहान

ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल के बारे में बताते हुए कहा कि मनरेगा ने पिछले 20 सालों में ग्रामीण परिवारों को गारंटी वाली मजदूरी वाला रोजगार दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा, सामाजिक सुरक्षा उपायों की व्यापक कवरेज और प्रमुख सरकारी योजनाओं के सैचुरेशन ओरिएंटेड इम्प्लीमेंटेशन से ग्रामीण इलाकों में हुए महत्वपूर्ण सामाजिक आर्थिक बदलावों को देखते हुए इसमें और मजबूती लाना जरूरी हो गया है। मंत्री ने कहा कि जहां मनरेगा का फोकस आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लक्ष्य पर था, वहीं नया बिल कहता है कि इसका मकसद समृद्ध और मज़बूत ग्रामीण भारत के लिए सशक्तिकरण, विकास, तालमेल और सैचुरेशन को बढ़ावा देना है और यह सार्वजनिक कार्यों के ज़रिए सशक्तिकरण, विकास, तालमेल और सैचुरेशन पर जोर देता है, जो मिलकर विकसित भारत नेशनल रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक बनाते हैं।

यूपीए सरकार लाई थी मनरेगा कानून

बता दें, मनरेगा का पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) है। यह अधिनियम यूपीए सरकार की ओर से 2005 में भारतीय संसद में पेश हुआ था। इसका तब मूल नाम NREGA था, जिसे 2009 में महात्मा गांधी के नाम पर MGNREGA कर दिया गया। 1 अप्रैल 2008 तक इसे पूरे देश के सभी जिलों में विस्तारित कर दिया गया, जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों को 100 दिना का गारंटी रोजगार मिला।

दिल्ली शंखनाद महोत्सव: सामरिक नीति पर मंथन और 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक जवाब देने की मांग

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बोले- विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर; ‘रॉ’ के पूर्व अधिकारी ने देश के भीतर के ‘पाकिस्तान’ पर चिंता जताई

नई दिल्ली: 'सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन' और 'सनातन संस्था' द्वारा आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' में 15 दिसंबर 2025 को भारत की सामरिक नीति और सांस्कृतिक उत्थान पर महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।

प्रमुख वक्ताओं के विचार

1. डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता)

'विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर' विषय पर बोलते हुए डॉ. त्रिवेदी ने वैश्विक स्तर पर सनातन मूल्यों की बढ़ती स्वीकृति पर प्रकाश डाला:

वैश्विक स्वीकृति: उन्होंने कहा कि जो लोग कभी सनातन संस्कृति की आलोचना करते थे, वे आज उसके मूल्यों को अपना रहे हैं (जैसे रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती और चाय-कॉफी के बजाय हर्बल टी)।

योग दिवस और कुंभ: उन्होंने बताया कि 177 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का समर्थन किया और यूरोपीय देशों के लाखों नागरिक अब कुंभ मेले में सम्मिलित होने आते हैं।

स्वाभाविक परिवर्तन: उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परिवर्तन बिना किसी पर आक्रमण किए स्वाभाविक रूप से हो रहा है, जो सनातन संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का द्योतक है।

2. 'रणसंवाद – भारत की सामरिक नीति' सत्र

'रॉ' के पूर्व अधिकारी कर्नल आर.एस.एन. सिंह सहित कई सैन्य विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों पर मंथन किया:

कर्नल आर.एस.एन. सिंह (पूर्व ‘रॉ’ अधिकारी):

आंतरिक सुरक्षा: उन्होंने चिंता जताई कि 'हमारे देश में एक अंदरूनी पाकिस्तान भी मौजूद है।'

वैचारिक युद्ध: उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के विरुद्ध 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन देश के भीतर के पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे? उन्होंने 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक उत्तर देने के लिए वैचारिक युद्ध शुरू करने की आवश्यकता बताई।

विंग कमांडर विनायक डावरे:

नैरेटिव की लड़ाई: उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, परंतु हम 'नैरेटिव की लड़ाई' हार गए। उन्होंने भारत को अपनी सफलताओं का सही प्रचार कर देश की छवि मजबूत करने का आह्वान किया।

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) संजय अग्रवाल:

ऐतिहासिक जीत को पहचानें: उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध पर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन 1967 के युद्ध में भारत ने चीन को पराजित किया था, यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

लक्ष्य निर्धारण: उन्होंने कहा कि भारत अपनी शक्ति को पहचाने, इसके लिए ऐसे महोत्सवों की आवश्यकता है, और देश को अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

3. कश्मीरी हिंदू और हिंदूफोबिया पर चिंता

श्री राहुल कौल (अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर):

नरसंहार की उपेक्षा: उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, यह बात सरकारें आज भी मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने पर्यटन से आतंकवाद रुकने के भ्रम में न रहने की सलाह दी और 16 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले विशेष अभियान के लिए देश के सभी हिंदुओं के सहयोग की मांग की।

श्री अशोक श्रीवास्तव (संपादक, दूरदर्शन न्यूज़):

हिंदूफोबिया: उन्होंने कहा कि जब कुछ राजनीतिक नेता हिंदुत्व को डेंगू, मलेरिया, एड्स कहते हैं, तब मीडिया चुप रहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस्लामोफोबिया की चर्चा हो रही है, लेकिन वास्तव में हिंदूफोबिया बहुत बड़े स्तर पर है।

रिपोर्ट: उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार भारत में दिसंबर 2025 के पहले 11 दिनों में केवल हिंदू होने के कारण हिंदुओं को परेशान किए जाने की 104 घटनाएँ हुई हैं।

कांग्रेस की रैली में लगा ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ का नारा, बीजेपी ने सोनिया गांधी से की माफी की मांग

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रविवार को दिल्ली में कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए गए। 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की 'वोट चोर, गद्दी छोड़' रैली आयोजित हुई। इस रैली में कांग्रेस की एक महिला नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी' नारा लगाया। नारेबाजी की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया।

किसी भी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा लोकतंत्र में अस्वीकार्य-नड्डा

पीएम मोदी के कथित अपमान को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि रैली में मोदी के खिलाफ नारे लगाना पार्टी की सोच और राजनीतिक संस्कृति को दर्शाता है। नड्डा ने कहा कि किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा लोकतंत्र में अस्वीकार्य है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।

पार्टी नेतृत्व से माफी की मांग

लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित अपमान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि साल 2014 में एक भाजपा सांसद ने विरोधियों के लिए गलत शब्द का इस्तेमाल किया था। इस पर सख्त एतराज जताते हुए प्रधानमंत्री ने भाजपा नेता को माफी मांगने के लिए कहा और भाजपा नेता ने माफी मांगी। रिजिजू ने कांग्रेस पार्टी की रैली में पीएम मोदी के कथित अपमान का जिक्र करते हुए कहा, 'कल कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री मोदी के लिए कब्र खोदे जाने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि पूरा पार्टी नेतृत्व कार्यक्रम में मौजूद था। उसी दौरान पीएम मोदी की कब्र खोदे जाने जैसे नारे लगाए गए। इससे अधिक शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना इस देश के लिए नहीं हो सकती। कांग्रेस पार्टी ने राजनीति का स्तर गिरा दिया है। पार्टी नेतृत्व को इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए।

नितिन नबीन ने बने बीजेपी के सबसे युवा कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, जाने बीजेपी ने क्या दिया संदेश?

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भारतीय जनता पार्टी बिहार के कैबिनेट मंत्री नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष (नेशनल वर्किंग प्रेसिडेंट) नियुक्त किया है। यह फैसला पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा मंजूर किया गया है और वर्तमान राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) अरुण सिंह द्वारा जारी आदेश से यह निर्णय सार्वजनिक किया गया है।

14 जनवरी के बाद नितिन नवीन के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की औपचारिक घोषणा हो सकती है। ऐसे में वो बीजेपी के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। अगले साल जनवरी में जब वे राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे, तब उनकी उम्र केवल साढ़े 45 साल रहेगी। इससे पहले अमित शाह 49 वर्ष की उम्र में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे, जबकि नितिन गडकरी ने 52 साल की उम्र में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला था।

युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का संकेत

नितिन नवीन को फिलहाल जेपी नड्डा की जगह पार्टी की कमान सौंपी गई है। नितिन को इतनी बड़ी जिम्मेदारी यूं ही नहीं सौंपी। नितिन नबीन दिल्ली के जमे-जमाए राजनीतिक गलियारों का हिस्सा बने बिना शीर्ष संगठनात्मक पद संभालने जा रहे हैं। जाहिर है वर्षों से दिल्ली में संगठन से लेकर सरकार में जमें भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल जैसों के बजाए कम उम्र और दिल्ली के बाहर के नेता का चयन मौजूदा पीढ़ी के लिए भी संदेश है कि अब सरकार और संगठन में बड़े बदलाव होंगे और नई पीढ़ी आगे आएगी। यानी 45 वर्ष के नितिन नबीन का यह प्रमोशन युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का संकेत है

नितिन नवीन पर भरोसे की वजह?

अब सवाल उठ रहा है, क्या वे अगले पूर्णकालिक अध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं? नितिन नवीन का बीजेपी में सफर संघर्षपूर्ण और तेजी से ऊपर उठने वाला रहा है। पार्टी ने उन्हें हमेशा महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं जो उनकी संगठनात्मक क्षमता और चुनावी सफलता का प्रमाण हैं। वे दो बार राष्ट्रीय महामंत्री (युवा मोर्चा) रह चुके हैं जहां उन्होंने युवाओं को पार्टी से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। बिहार में वे प्रदेश अध्यक्ष (युवा मोर्चा) के रूप में सक्रिय रहे, जिससे राज्य स्तर पर बीजेपी की युवा शाखा मजबूत हुई। इसके अतिरिक्त वे सिक्किम के प्रभारी और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के प्रभारी के रूप में भी काम कर चुके हैं जहां उन्होंने पूर्वोत्तर और मध्य भारत में पार्टी का विस्तार किया।