संजय सरावगी बने बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, दरभंगा सदर से लगातार 5 बार हैं विधायक

#bjpappointssanjaysarawgiasbiharpradesh_adhyaksh

बिहार बीजेपी में बड़ा बदलाव हुआ है। उत्तर प्रदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिहार संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए संजय सरावगी को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

मिथिलांचल में पार्टी का चर्चित और पुराना चेहरा

निवर्तमान अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के स्थान पर सरावगी की ताजपोशी को पार्टी की सोची-समझी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। संजय सरावगी का संबंध राज्य के मिथिलांचल क्षेत्र (दरभंगा) से है, जिसे बीजेपी ने आने वाले समय में अपने मुख्य फोकस में रखा है। संजय सरावगी दरभंगा शहर के विधायक हैं और इस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। ये इलाका पारंपरिक रूप से अन्य दलों का मजबूत गढ़ रहा है, जिसे भेदने के लिए बीजेपी ने एक मजबूत चेहरा आगे किया है। पार्टी का मानना है कि नए अध्यक्ष के नेतृत्व में मिथिलांचल की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत सुनिश्चित की जा सकती है, जिसका असर आगामी चुनावों में जरूर दिखेगा।

2005 में पहली बार दरभंगा सीट से विधायक चुने गए

संजय सरावगी छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में भी रहे, जो कि बीजेपी का विद्यार्थी संगठन है। संजय ने साल 1995 में बीजेपी की सदस्यता ली। 2003 में उन्होंने दरभंगा नगर निगम से वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। संजय साल 2005 में पहली बार दरभंगा सीट से विधायक चुने गए।

लगातार पांचवीं बार बने विधायक

2005 के बाद 2010, 2015, 2020 और 2025 में भी विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की। 2025 के विधानसभा चुनाव में संजय ने उमेश सहनी को बड़े अंतर से हराया।

दिलीप जायसवाल की जगह पार्टी की कमान

बता दें कि बीजेपी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का फॉर्मूला चलता है। इसके तहत वर्तमान में उद्योग मंत्री बने दिलीप कुमार जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा है। अब बीजेपी ने दिलीप जायसवाल की जगह संजय सरावगी को बिहार बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।

मोदी सरकार मनरेगा की जगह ला रही नया कानून, सांसदों को बांटी गई बिल की कॉपियां*

#parliamentbillvbgramgyojana125dayjobguaranteereplacemgnrega

यूपीए सरकार मनरेगा कानून लेकर आई थी, जिसमें ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिन के रोगार की गारंटी देता है। केंद्र सरकार अब मनरेगा की जगह नया कानून 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' बिल 2025 यानी विकसित भारत-जी राम जी योजना (VB-G RAM G) लाने की तैयारी में है। इसको लेकर सरकार ने लोकसभा सदस्यों को एक बिल का ड्राफ्ट भेजा है।

नए विधेयक में 125 दिनों के रोजगार का प्रावधान

नए विधेयक के तहत ग्रामीण भारत को वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रत्येक ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए तैयार हों, हर वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के रोजगार की वैधानिक गारंटी देने का प्रावधान होगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण, विकास, विभिन्न योजनाओं के आपसी समन्वय और संतृप्ति के जरिए समृद्ध और मजबूत ग्रामीण भारत के निर्माण पर जोर दिया जाएगा।

योजनाओं में मजबूती लाना जरूरी- शिवराज सिंह चौहान

ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल के बारे में बताते हुए कहा कि मनरेगा ने पिछले 20 सालों में ग्रामीण परिवारों को गारंटी वाली मजदूरी वाला रोजगार दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा, सामाजिक सुरक्षा उपायों की व्यापक कवरेज और प्रमुख सरकारी योजनाओं के सैचुरेशन ओरिएंटेड इम्प्लीमेंटेशन से ग्रामीण इलाकों में हुए महत्वपूर्ण सामाजिक आर्थिक बदलावों को देखते हुए इसमें और मजबूती लाना जरूरी हो गया है। मंत्री ने कहा कि जहां मनरेगा का फोकस आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लक्ष्य पर था, वहीं नया बिल कहता है कि इसका मकसद समृद्ध और मज़बूत ग्रामीण भारत के लिए सशक्तिकरण, विकास, तालमेल और सैचुरेशन को बढ़ावा देना है और यह सार्वजनिक कार्यों के ज़रिए सशक्तिकरण, विकास, तालमेल और सैचुरेशन पर जोर देता है, जो मिलकर विकसित भारत नेशनल रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक बनाते हैं।

यूपीए सरकार लाई थी मनरेगा कानून

बता दें, मनरेगा का पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) है। यह अधिनियम यूपीए सरकार की ओर से 2005 में भारतीय संसद में पेश हुआ था। इसका तब मूल नाम NREGA था, जिसे 2009 में महात्मा गांधी के नाम पर MGNREGA कर दिया गया। 1 अप्रैल 2008 तक इसे पूरे देश के सभी जिलों में विस्तारित कर दिया गया, जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों को 100 दिना का गारंटी रोजगार मिला।

दिल्ली शंखनाद महोत्सव: सामरिक नीति पर मंथन और 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक जवाब देने की मांग

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बोले- विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर; ‘रॉ’ के पूर्व अधिकारी ने देश के भीतर के ‘पाकिस्तान’ पर चिंता जताई

नई दिल्ली: 'सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन' और 'सनातन संस्था' द्वारा आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' में 15 दिसंबर 2025 को भारत की सामरिक नीति और सांस्कृतिक उत्थान पर महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।

प्रमुख वक्ताओं के विचार

1. डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता)

'विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर' विषय पर बोलते हुए डॉ. त्रिवेदी ने वैश्विक स्तर पर सनातन मूल्यों की बढ़ती स्वीकृति पर प्रकाश डाला:

वैश्विक स्वीकृति: उन्होंने कहा कि जो लोग कभी सनातन संस्कृति की आलोचना करते थे, वे आज उसके मूल्यों को अपना रहे हैं (जैसे रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती और चाय-कॉफी के बजाय हर्बल टी)।

योग दिवस और कुंभ: उन्होंने बताया कि 177 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का समर्थन किया और यूरोपीय देशों के लाखों नागरिक अब कुंभ मेले में सम्मिलित होने आते हैं।

स्वाभाविक परिवर्तन: उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परिवर्तन बिना किसी पर आक्रमण किए स्वाभाविक रूप से हो रहा है, जो सनातन संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का द्योतक है।

2. 'रणसंवाद – भारत की सामरिक नीति' सत्र

'रॉ' के पूर्व अधिकारी कर्नल आर.एस.एन. सिंह सहित कई सैन्य विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों पर मंथन किया:

कर्नल आर.एस.एन. सिंह (पूर्व ‘रॉ’ अधिकारी):

आंतरिक सुरक्षा: उन्होंने चिंता जताई कि 'हमारे देश में एक अंदरूनी पाकिस्तान भी मौजूद है।'

वैचारिक युद्ध: उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के विरुद्ध 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन देश के भीतर के पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे? उन्होंने 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक उत्तर देने के लिए वैचारिक युद्ध शुरू करने की आवश्यकता बताई।

विंग कमांडर विनायक डावरे:

नैरेटिव की लड़ाई: उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, परंतु हम 'नैरेटिव की लड़ाई' हार गए। उन्होंने भारत को अपनी सफलताओं का सही प्रचार कर देश की छवि मजबूत करने का आह्वान किया।

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) संजय अग्रवाल:

ऐतिहासिक जीत को पहचानें: उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध पर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन 1967 के युद्ध में भारत ने चीन को पराजित किया था, यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

लक्ष्य निर्धारण: उन्होंने कहा कि भारत अपनी शक्ति को पहचाने, इसके लिए ऐसे महोत्सवों की आवश्यकता है, और देश को अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

3. कश्मीरी हिंदू और हिंदूफोबिया पर चिंता

श्री राहुल कौल (अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर):

नरसंहार की उपेक्षा: उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, यह बात सरकारें आज भी मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने पर्यटन से आतंकवाद रुकने के भ्रम में न रहने की सलाह दी और 16 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले विशेष अभियान के लिए देश के सभी हिंदुओं के सहयोग की मांग की।

श्री अशोक श्रीवास्तव (संपादक, दूरदर्शन न्यूज़):

हिंदूफोबिया: उन्होंने कहा कि जब कुछ राजनीतिक नेता हिंदुत्व को डेंगू, मलेरिया, एड्स कहते हैं, तब मीडिया चुप रहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस्लामोफोबिया की चर्चा हो रही है, लेकिन वास्तव में हिंदूफोबिया बहुत बड़े स्तर पर है।

रिपोर्ट: उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार भारत में दिसंबर 2025 के पहले 11 दिनों में केवल हिंदू होने के कारण हिंदुओं को परेशान किए जाने की 104 घटनाएँ हुई हैं।

कांग्रेस की रैली में लगा ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ का नारा, बीजेपी ने सोनिया गांधी से की माफी की मांग

#hugeuproarinparliamentoversloganmodiyourgravewillbe_dug

रविवार को दिल्ली में कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए गए। 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की 'वोट चोर, गद्दी छोड़' रैली आयोजित हुई। इस रैली में कांग्रेस की एक महिला नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी' नारा लगाया। नारेबाजी की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया।

किसी भी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा लोकतंत्र में अस्वीकार्य-नड्डा

पीएम मोदी के कथित अपमान को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि रैली में मोदी के खिलाफ नारे लगाना पार्टी की सोच और राजनीतिक संस्कृति को दर्शाता है। नड्डा ने कहा कि किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा लोकतंत्र में अस्वीकार्य है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।

पार्टी नेतृत्व से माफी की मांग

लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित अपमान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि साल 2014 में एक भाजपा सांसद ने विरोधियों के लिए गलत शब्द का इस्तेमाल किया था। इस पर सख्त एतराज जताते हुए प्रधानमंत्री ने भाजपा नेता को माफी मांगने के लिए कहा और भाजपा नेता ने माफी मांगी। रिजिजू ने कांग्रेस पार्टी की रैली में पीएम मोदी के कथित अपमान का जिक्र करते हुए कहा, 'कल कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री मोदी के लिए कब्र खोदे जाने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि पूरा पार्टी नेतृत्व कार्यक्रम में मौजूद था। उसी दौरान पीएम मोदी की कब्र खोदे जाने जैसे नारे लगाए गए। इससे अधिक शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना इस देश के लिए नहीं हो सकती। कांग्रेस पार्टी ने राजनीति का स्तर गिरा दिया है। पार्टी नेतृत्व को इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए।

नितिन नबीन ने बने बीजेपी के सबसे युवा कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, जाने बीजेपी ने क्या दिया संदेश?

#nitin _

भारतीय जनता पार्टी बिहार के कैबिनेट मंत्री नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष (नेशनल वर्किंग प्रेसिडेंट) नियुक्त किया है। यह फैसला पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा मंजूर किया गया है और वर्तमान राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) अरुण सिंह द्वारा जारी आदेश से यह निर्णय सार्वजनिक किया गया है।

14 जनवरी के बाद नितिन नवीन के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की औपचारिक घोषणा हो सकती है। ऐसे में वो बीजेपी के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। अगले साल जनवरी में जब वे राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे, तब उनकी उम्र केवल साढ़े 45 साल रहेगी। इससे पहले अमित शाह 49 वर्ष की उम्र में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे, जबकि नितिन गडकरी ने 52 साल की उम्र में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला था।

युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का संकेत

नितिन नवीन को फिलहाल जेपी नड्डा की जगह पार्टी की कमान सौंपी गई है। नितिन को इतनी बड़ी जिम्मेदारी यूं ही नहीं सौंपी। नितिन नबीन दिल्ली के जमे-जमाए राजनीतिक गलियारों का हिस्सा बने बिना शीर्ष संगठनात्मक पद संभालने जा रहे हैं। जाहिर है वर्षों से दिल्ली में संगठन से लेकर सरकार में जमें भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल जैसों के बजाए कम उम्र और दिल्ली के बाहर के नेता का चयन मौजूदा पीढ़ी के लिए भी संदेश है कि अब सरकार और संगठन में बड़े बदलाव होंगे और नई पीढ़ी आगे आएगी। यानी 45 वर्ष के नितिन नबीन का यह प्रमोशन युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का संकेत है

नितिन नवीन पर भरोसे की वजह?

अब सवाल उठ रहा है, क्या वे अगले पूर्णकालिक अध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं? नितिन नवीन का बीजेपी में सफर संघर्षपूर्ण और तेजी से ऊपर उठने वाला रहा है। पार्टी ने उन्हें हमेशा महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं जो उनकी संगठनात्मक क्षमता और चुनावी सफलता का प्रमाण हैं। वे दो बार राष्ट्रीय महामंत्री (युवा मोर्चा) रह चुके हैं जहां उन्होंने युवाओं को पार्टी से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। बिहार में वे प्रदेश अध्यक्ष (युवा मोर्चा) के रूप में सक्रिय रहे, जिससे राज्य स्तर पर बीजेपी की युवा शाखा मजबूत हुई। इसके अतिरिक्त वे सिक्किम के प्रभारी और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के प्रभारी के रूप में भी काम कर चुके हैं जहां उन्होंने पूर्वोत्तर और मध्य भारत में पार्टी का विस्तार किया।

दिल्ली-एनसीआर में धुंध और जहरीली हवा की मार, कई इलाकों में 500 पहुंचा AQI

#pollutionhavocinnationalcapital

दिल्ली-एनसीआर लगातार कई दिनों से प्रदूषण की मार झेल रहा है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) के 480 से 500 के पार हुंच गया है। जिससे लोगों का बुरा हाल हो गया है।

गैस चैंबर बनी दिल्ली-एनसीआर

धीमी हवा और खराब मौसम के कारण दिल्ली लगातार तीसरे दिन गंभीर प्रदूषण की चपेट में है, जिससे पूरा शहर गैस चैंबर जैसा बन गया। राजधानी में औसत एक्यूआई 456 दर्ज किया गया, जबकि कई इलाकों में यह 480 से 500 तक पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में भी कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया है।

दिल्ली एनसीआर में GRAP 4 तत्काल प्रभाव से लागू

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने विकराल रूप ले लिया है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में AQI 500 का आंकड़ा पार कर चुका है। इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP का सबसे सख्त चरण यानी स्टेज-4 लागू कर दिया है। ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं।

जिला प्रशासन का स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

इस ‘दमघोंटू’ हवा और जहरीले धुएं की चादर के बीच बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के जिला प्रशासन ने स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों की स्थिति को लेकर अभिभावकों और छात्रों में बनी अनिश्चितता को दूर करते हुए स्पष्ट किया गया कि अब फिजिकल क्लासेस को स्थगित करके ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में पढ़ाई करवाई जाएगी। जहां कक्षा 5वीं तक के छात्रों के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन पढ़ाई का आदेश दिया गया है, वहीं हायर क्लासेस के लिए हाइब्रिड मॉडल लागू किया गया है। यह फैसला लाखों छात्रों को जहरीली हवा के सीधे संपर्क से बचाने के लिए लिया गया है।

राहत के नहीं आसार

दिल्ली में हवा की रफ्तार आमतौर पर दस किलोमीटर प्रति घंटे से कम है। साथ ही ठंड बढ़ने से प्रदूषण के कण ज्यादा देर तक वायुमंडल में बने हुए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अगले तीन-चार दिनों के बीच दिल्ली के लोगों को प्रदूषित हवा से राहत मिलने की संभावना नहीं है।

घने कोहरे से उड़ानों पर असर

दिल्ली एनसीआर में घने कोहरे की मार का असर हवाई उड़ानों पर भी पड़ा है। दिल्ली एयरपोर्ट पर भी कोहरा होने की वजह से फ्लाइट की उड़ानों में देरी हुई है। ज्यादा घने कोहरे में फ्लाइट लैंडिंग में भी समस्या आई है। सुबह 9.30 बजे तक की जानकारी के अनुसार, 40 फ्लाइटें कैंसिल की गई हैं और चार को दूसरे हवाई अड्डों पर डायवर्ट किया गया है। इसको देखते हुए इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया ने एडवाइजरी जारी की है। देश की तीनों बड़ी एयरलाइनों ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि कोहरे के कारण हवाई उड़ानों पर असर पड़ा है। हम मौसम पर नजर बनाए हुए हैं और सुरक्षित हवाई परिचालन के लिहाज से हरसंभव कदम उठा रहे हैं।

केरल निकाय चुनाव परिणाम: तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, जानें पीएम मोदी ने क्या कहा?

#pmnarendramodicongratulateskeralalocalbodyelectionresult

केरल की राजनीति में शनिवार को एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए ने पहली बार तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही भाजपा ने सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाले एलडीएफ के 45 साल पुराने किले को ध्वस्त कर दिया है।

भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए तिरुवनंतपुरम नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरा है, जिसने 101 वार्डों में से 50 पर जीत हासिल की है। इस परिणाम के साथ ही एलडीएफ का 45 साल का शासन समाप्त हो गया है और सत्तारूढ़ गठबंधन को केवल 29 वार्डों में ही जीत मिली है।

पीएम मोदी बोले-केरल की राजनीति का निर्णायक मोड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा-एनडीए को मिले जनादेश पर खुशी जताई है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर इसे केरल की राजनीति का निर्णायक मोड़ बताया।

केरल के लोगों का दिल से आभार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने लिखा, केरल के उन सभी लोगों का मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने राज्य में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा और एनडीए उम्मीदवारों को समर्थन दिया। केरल की जनता अब यूडीएफ और एलडीएफ दोनों से ऊब चुकी है। उन्हें भरोसा है कि सुशासन देने और सभी के लिए अवसरों से भरा विकसित केरल बनाने का काम केवल एनडीए ही कर सकता है।

पीएम मोदी ने जताया कार्यकर्ताओं का आभार

पीएम मोदी ने हैशटैग ‘विकसित तिरुवनंतपुरम’ के साथ कहा, 'हमारी पार्टी इस जीवंत शहर के विकास और लोगों के जीवन की सुगमता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता पार्टी की ताकत हैं और सभी को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा, भाजपा के सभी मेहनती कार्यकर्ताओं का मैं आभारी हूं, जिन्होंने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार परिणाम सुनिश्चित करने के लिए लोगों के बीच जाकर काम किया।”

विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा को संजीवनी

यह जीत इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि वामपंथी दलों का इस निगम पर पिछले साढ़े चार दशकों से एकछत्र राज था। राजधानी में मिली यह कामयाबी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के लिए संजीवनी का काम करेगी। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2010 में भाजपा के पास यहां सिर्फ 6 पार्षद थे। 2015 में यह संख्या बढ़कर 35 हो गई थी, हालांकि 2020 में यह थोड़ी घटकर 34 रह गई थी, लेकिन तब भी पार्टी मुख्य विपक्षी दल बनी रही। इस बार 50 सीटें जीतकर पार्टी ने स्पष्ट बहुमत के करीब पहुंचकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।

कांग्रेस के पूर्व मंत्री का चौंकाने वाला बयान, कहा-पार्टी अपनी जमीन खो दी, पीएम को लेकर कह दी बड़ी बात

#pmdoeseverythingwrongisincorrectsaysexcongressleaderashwani_kumar

पू्र्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने चौंकाने वाला बयान दिया है। अश्विनी कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कांग्रेस के बिना देश में एक असरदार विपक्ष की कल्पना नहीं की जा सकती है। लेकिन पार्टी ने देश में कहीं न कहीं अपनी जमीन खो दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के फिर से खड़ा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसके साथ ही अश्विनी कुमार ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई भी प्रधानमंत्री सबकुछ गलत ही करता है

कांग्रेस को खुद को मजबूत करना एक राष्ट्रीय दायित्व- अश्विनी कुमार

कांग्रेस सरकार में कानून एवं न्याय मंत्री रहे अश्विनी कुमार ने शुक्रवार को अपनी किताब 'Guardians of the Republic' के विमोचन के दौरान कुमार स्वीकार किया कि कांग्रेस पार्टी के बिना कोई मज़बूत विपक्ष नहीं हो सकता है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब पार्टी कहीं न कहीं अपनी पकड़ खो चुकी है।कुमार ने आगे कहा, कांग्रेस के लिए खुद को मजबूत करना अब एक राष्ट्रीय दायित्व बन गया है।

प्रधानमंत्री सब गलत नहीं कर रहे- अश्विनी कुमार

पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, आपको छोटे विचारों की नहीं बल्कि आत्मा की विशालता और दिल की उदारता की जरूरत है। यह नेतृत्व का गुण पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और जवाहरलाल नेहरू में था। कुमार ने कहा, वो यह नहीं मानते हैं कि किसी भी प्रधानमंत्री के किए गए सभी कार्य गलत ही होते हैं। पूर्व मंत्री ने आगे कहा, यह धारणा कि यह सरकार सब कुछ गलत कर रही है या ये प्रधानमंत्री सब गलत कर रहे है, यह सही नहीं है।

कांग्रेस को दे दी नसीहत

कुमार ने कहा कि अगर ईवीएम गलत है तो आप घोषणा कर दें कि हम ईवीएम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे या जहां सरकार बनी है वहां से इस्तीफा दें तब कांग्रेस का नरेटिव मज़बूत होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कई संवैधानिक मुद्दे तो हैं लेकिन कांग्रेस उसको अच्छे तरीके से नहीं उठा पा रही है। कुमार ने कहा कि बिहार के नतीजे बता रहे हैं कि कांग्रेस ने ठीक से मुद्दे नहीं उठाए या तो ये सारे मुद्दे उठाने के लिए वक्त नहीं ठीक था। उन्होंने कहा या आप वो संदेश नहीं जनता को दे पाए।

कोलकाता में मेसी के फैंस का हंगामा, अपने स्टार की एक झलक तक न मिलने से भड़के फैंस

#lionelmessigoatindiatourchaosinkolkataevent

फुटबॉल प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक और यादगार बनने वाला लियोनेल मेसी का कोलकाता दौरा उस वक्त अव्यवस्था और हंगामे में बदल गया, जब सॉल्ट लेक स्थित विवेकानंद युवभारती स्टेडियम के अंदर हालात बेकाबू हो गए।

दुनिया के सबसे लोकप्रिय फुटबॉलर को देखने के लिए हजारों फैंस ने महंगे टिकट खरीदे थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। मेसी का कार्यक्रम में बहुत कम समय के लिए आना और बिना किसी फुटबॉल गतिविधि के लौट जाना फैंस को रास नहीं आया। इसके बाद स्टेडियम में हंगामा हुआ, बोतलें फेंकी गईं और गेट तोड़ने की कोशिशें हुईं। फैंस ने खराब आयोजन और वादों के टूटने का आरोप लगाया।

अपने स्टार की एक झलक भी ना मिलने से भड़के फैंस

लियोनल मेसी G.O.A.T दौरे पर भारत पहुंचे हैं। आज वह कोलकाता पहुंचे और सॉल्ट लेक स्टेडियम का दौरा किया। लैप ऑफ ऑनर के बाद वह स्टेडियम से जल्दी निकल गए। इसके बाद सॉल्ट लेक स्टेडियम में मौजूद फैंस ने जमकर हंगामा किया है। उन्होंने कुर्सियां और बोतलें फेंकी हैं। फैंस का कहना है कि वह अपने स्टार की एक झलक तक नहीं देख पाए जबकि वह टिकट खरीदकर ये कार्यक्रम देखने आए थे।

सिर्फ दस मिनट स्टेडियम में रहे मेसी

गुस्साए फैंस की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। एक प्रशंसक का कहना है, 'बेहद निराशाजनक घटना। वे सिर्फ 10 मिनट के लिए आए। सभी नेता और मंत्री उनके चारों ओर जमा थे। हम कुछ भी नहीं देख पाए। उन्होंने एक भी किक या पेनल्टी नहीं ली। उन्होंने कहा था कि वे शाहरुख खान को भी लाएंगे। लेकिन वे किसी को नहीं लाए। वे 10 मिनट आए और चले गए। इतना पैसा, भावनाएं और समय बर्बाद हो गया। हम कुछ भी नहीं देख पाए...।' वहीं, दूसरे फैन ने कहा, 'मेसी के चारों ओर सिर्फ नेता और अभिनेता ही थे...तो फिर उन्होंने हमें क्यों बुलाया... हमें 12 हजार का टिकट मिला था, लेकिन हम उनका चेहरा तक नहीं देख पाए...।'

हजारों में बिके टिकट

इस इवेंट के टिकट काफी महेंगे थे। किसी ने ये टिकट 10,000 में खरीदे तो किसी ने 12 हजार में। वहीं किसी ने तो 45 हजार रुपये तक में टिकट खरीदे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस इवेंट के टिकट पांच से 45 हजार रुपये तक के थे। इतने पैसे खत्म करने के बाद जब फैंस को मेसी की झलक नहीं देखने को मिली तो वह नाराज हो गए।

संसद पर आतंकी हमले की 24वीं बरसी आज, पीएम मोदी-राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

#24thanniversarytributetomartyrsofparliamentterrorattack

संसद भवन पर हमले की आज 24वीं बरसी है। 2001 में आज ही के दिन आतंकवादियों ने देश की संसद को निशाना बनाया था, जिसमें कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। देश उन वीर सपूतों को याद कर रहा है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों को मंसूबों को नाकामयाब कर दिया।

संसद हमले की 24वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और अन्य सांसदों और इस हमले में शहीद सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि दीं और उनके बलिदान को याद किया।

13 दिसंबर 2001 को हुए संसद हमले की याद में आज संविधान सदन (पुरानी संसद भवन) में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इस दौरान सीआईएसएफ के जवानों ने 'सम्मान गार्ड' दिया, जिसके बाद कुछ मिनट का मौन भी रखा गया। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित समारोह में सभी नेताओं ने फूल चढ़ाकर और श्रद्धांजलि देकर शहीद सुरक्षा कर्मियों के अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित किया। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सबसे पहले श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद पीएम मोदी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भी जवानों की तस्वीरों के पास पुष्प अर्पित किए।

पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के दिन हमारा देश 2001 में संसद पर हुए भयानक हमले में अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को याद करता है। इस संकटपूर्ण समय में उनके साहस, सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा सराहनीय थी। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए आभारी रहेगा।

अमित शाह ने वीरों के साहस को किया स्मरण

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ हमारे सुरक्षाबलों के उस अदम्य शौर्य व साहस को फिर से स्मरण करने का दिन है, जब वर्ष 2001 में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर, हमारे संसद भवन पर हुए कायराना आतंकी हमले को उन्होंने अपने जज्बे से नाकाम किया। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को नमन करता हूं। यह राष्ट्र वीर सेनानियों के त्याग व बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।

राहुल गांधी ने शहीद के बलिदान को किया याद

वहीं, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, संसद भवन पर 2001 में हुए दुस्साहसी आतंकवादी हमले के दौरान देश के सम्मान की रक्षा करने वाले शहीद जवानों को कोटि कोटि नमन और विनम्र श्रद्धांजलि। भारत आपका यह बलिदान हमेशा याद रखेगा और इससे देशप्रेम की प्रेरणा लेता रहेगा।