*रामराज यात्रा सुल्तानपुर पहुंची,श्रृंगेश्वर से चलकर अयोध्या में होगी समाप्त,पर्यावरण दृष्टिकोण से कई स्थानों पर किया वृक्षारोपण*
सुल्तानपुर,राम राज यात्रा श्रृंगेश्वर से चलकर सुल्तानपुर पहुंची। यह यात्रा अयोध्या में समाप्त होगी। सोमवार शाम को यह यात्रा सीताकुंड धाम पहुंची, जहां गोमती मित्रों और गायत्री परिवार ने इसका स्वागत किया। मंगलवार सुबह यात्रा अयोध्या के लिए प्रस्थान कर गई। सीताकुंड से निकलने के बाद अयोध्या मार्ग पर जगह-जगह इसका स्वागत किया गया। इस यात्रा में प्रभु श्री राम की चरण पादुका रखी गई है। आयोजकों ने बताया कि यात्रा का समापन अयोध्या में होगा। डॉ. सुधाकर सिंह ने बताया कि राम रज यात्रा का उद्देश्य पूरे देश में राम रज की चर्चा फैलाना है। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की संकल्पना और भरत जी द्वारा खड़ाऊ लेकर आने से अयोध्या में राम राज्य की स्थापना का उल्लेख किया। डॉ. सिंह के अनुसार, यह यात्रा पर्यावरण, जीव और जल संरक्षण के साथ-साथ व्यवस्था के संरक्षण तथा समाज में संस्कारों को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ जारी है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से देश भर के लोगों से गोमती घाट पर गोमती मित्र मंडल द्वारा डॉ. सुधाकर सिंह के नेतृत्व में बनाए गए दिव्य स्थान को देखने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर अधिवक्ता मदन सिंह, प्रभाकर सक्सेना और गोमती मित्र मंडल की टीम के साथ यात्रियों की उपस्थिति में हरिशंकरी का रोपण किया गया। इसमें पीपल, पाकड़ और बरगद के पौधे लगाए गए। बाइट -मदन सिंह एडवोकेट
*कमला नेहरू संस्थान में रोवर रेंजर्स का प्रशिक्षण शिविर,5 दिवसीय कार्यक्रम में जीवन जीने की कला सिखा रहे ट्रेनर*
सुल्तानपुर,कमला नेहरू संस्थान में रोवर रेंजर्स का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 17 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें युवाओं को जीवन जीने की कला और आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रोवर रेंजर्स की संयोजक सुनीता राय ने बताया कि इस कैंप में भारत स्काउट गाइड संस्था के सदस्य प्रशिक्षक के रूप में शामिल हैं। ये प्रशिक्षक सुल्तानपुर और अयोध्या से आए हैं, जो छात्रों को विभिन्न कौशल सिखा रहे हैं। सुनीता राय के अनुसार, इस प्रशिक्षण के प्रत्यक्ष लाभों में राज्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले रोवर रेंजर्स को सरकारी सेवाओं में भारांक मिलना शामिल है, जैसा कि एनसीसी और एनएसएस के छात्रों को मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि अप्रत्यक्ष रूप से यह कैंप युवा शक्ति को देश, समाज और स्वयं के लिए उपयोगी बनाने का सबसे बड़ा सार्थक लाभ प्रदान करता है। इसमें सहयोग की भावना, मिलजुल कर रहने और 'सेवा धर्म' जैसे मूल्यों पर आधारित गीत व शिक्षाएं दी जाती हैं। महेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि यह ट्रेनिंग बच्चों को खेल-खेल में जीवन जीने की कला सिखाती है। इसमें विषम परिस्थितियों, जैसे आग, बाढ़ या भूकंप जैसी आपदाओं में खुद को बचाने और दूसरों की मदद करने के तरीके सिखाए जाते हैं। प्रशिक्षण पूरा करने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र दिए जाते हैं। जिन पर 15 अंकों का वेटेज मिलता है। इसमें मुख्य रूप से राज्य पुरस्कार और राष्ट्रपति पुरस्कार जैसे दो महत्वपूर्ण अवार्ड शामिल हैं। बाइट -सुनीता राय,रोवर रेंजर्स की संयोजक
*मिशन शक्ति सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है- हंसमति*
सुल्तानपुर,राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत मिशन शक्ति 5 का शुभारंभ मुख्य अतिथि महिला थाना प्रभारी हंसमति, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ डी के त्रिपाठी ,उप प्राचार्य प्रो निशा सिंह एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ विभा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि हंसमति ने अपने वक्तव्य में कहा कि मिशन शक्ति सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे महिलाओं की सुरक्षा समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इसका मूल उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलंबन दिलाना है ताकि बे हिंसा ,शोषण और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ मजबूती से खड़ी हो सके। मिशन शक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य है कि महिलाओं का सशक्त होना न केवल संवैधानिक कर्तव्य है बल्कि विकास और समाज की समग्र उन्नत के लिए भी अनिवार्य हैं । महाविद्यालय की उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह ने अपने उद्बोधन में मिशन शक्ति को नवरात्रि की शैलपुत्री एवं अन्य देवियों को जोड़ते हुए विस्तार से बताया । साथ ही कहा कि मिशन शक्ति 05 के दो महत्वपूर्ण घटक हैं संबल और समर्थ मिशन शक्ति के चरणों में ऑपरेशन गरुड़ ,ऑपरेशन ऑपरेशन मजनू ऑपरेशन बचपन ,नशा मुक्ति अपने संरक्षण एवं ऑपरेशन ईगल आदि का संचालन किया गया है। साथ ही साथ सरकार की तरफ से विविध हेल्पलाइन नंबर 1090, 1076, 112, 181, 198, 112 ,108 आदि संचालित है। इन सब का उपयोग करके आप संकट की घड़ी में अपने को सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति प्रकाश ने किया। कार्यक्रम में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव, डॉ वीरेंद्र गुप्ता एवं डॉ विभा सिंह के साथ महाविद्यालय की छात्राओं ने उपस्थिति होकर मिशन शक्ति की जमकारी ली।
*गनपत सहाय महाविद्यालय की छात्रा दिव्यांशी ने गोल्ड मेडल प्राप्त कर बढ़ाया महाविद्यालय का गौरव*
सुल्तानपुर,डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय,अयोध्या द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में गनपत सहाय महाविद्यालय सुल्तानपुर की छात्रा दिव्यांशी श्रीवास्तव को बी.एस.सी. (बायो ग्रुप) में विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय जी के द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।उक्त अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी और विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल बिजेंद्र सिंह की उपस्थिति रही। दिव्यांशी की इस उपलब्धि पर महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ. ओम प्रकाश पाण्डेय 'बजरंगी और महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.(डॉ.) अंग्रेज सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्रा को आशीर्वाद रूपी शुभकामनाएं दी और उज्जवल भविष्य की कामना की। दिव्यांशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता- पिता एवं गुरुजनों को दिया जिनके कुशल मार्गदर्शन और उत्कृष्ट शिक्षण कार्य से यह संभव हो पाया।
*गनपत सहाय महाविद्यालय की छात्रा दिव्यांशी ने गोल्ड मेडल प्राप्त कर बढ़ाया महाविद्यालय का गौरव*
सुल्तानपुर,डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय,अयोध्या द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में गनपत सहाय महाविद्यालय सुल्तानपुर की छात्रा दिव्यांशी श्रीवास्तव को बी.एस.सी. (बायो ग्रुप) में विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री माननीय योगेंद्र उपाध्याय जी के द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।उक्त अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी और विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल बिजेंद्र सिंह की उपस्थिति रही। दिव्यांशी की इस उपलब्धि पर महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ. ओम प्रकाश पाण्डेय 'बजरंगी और महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.(डॉ.) अंग्रेज सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्रा को आशीर्वाद रूपी शुभकामनाएं दी और उज्जवल भविष्य की कामना की। दिव्यांशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता- पिता एवं गुरुजनों को दिया जिनके कुशल मार्गदर्शन और उत्कृष्ट शिक्षण कार्य से यह संभव हो पाया।
*गनपत सहाय महाविद्यालय की छात्रा दिव्यांशी ने गोल्ड मेडल प्राप्त कर बढ़ाया महाविद्यालय का गौरव*
सुल्तानपुर,डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय,अयोध्या द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में गनपत सहाय महाविद्यालय सुल्तानपुर की छात्रा दिव्यांशी श्रीवास्तव को बी.एस.सी. (बायो ग्रुप) में विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल माननीय श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी और उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री माननीय योगेंद्र उपाध्याय जी के द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।उक्त अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री माननीय श्रीमती रजनी तिवारी जी और विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय कर्नल बिजेंद्र सिंह की उपस्थिति रही। दिव्यांशी की इस उपलब्धि पर महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ. ओम प्रकाश पाण्डेय 'बजरंगी और महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.(डॉ.) अंग्रेज सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्रा को आशीर्वाद रूपी शुभकामनाएं दी और उज्जवल भविष्य की कामना की। दिव्यांशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता- पिता एवं गुरुजनों को दिया जिनके कुशल मार्गदर्शन और उत्कृष्ट शिक्षण कार्य से यह संभव हो पाया।
*जीवन में राम जैसा स्वामी और हनुमान जी जैसी भक्ति हो-रामभद्राचार्य जी*
*वाल्मीकि रामायण में चतुर्थ दिवस भक्त और भगवान का भावपूर्ण वर्णन सुन भाव विभोर हुए भक्त*

विजेथुआ महोत्सव मेँ चल रही वाल्मीकि रामायण के चतुर्थ दिवस व्यासपीठ से स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि “यदि श्रीराम जैसा मर्यादा वादी स्वामी नहीं बन सकते तो हनुमानजी जैसा मर्यादा वादी सेवक बनने का प्रयास करें।” उन्होंने कहा कि मर्यादा ही मनुष्य को महान बनाती है। श्रीराम ने अपने जीवन के प्रत्येक क्षण में धर्म और मर्यादा का पालन किया, इसलिए वे आज भी आदर्श स्वामी माने जाते हैं। स्वामी जी ने कहा कि हनुमानजी ने सेवक होकर भी मर्यादा की ऐसी मिसाल पेश की, जो युगों-युगों तक प्रेरणा देती रहेगी। उन्होंने अपने समर्पण और निष्ठा से यह सिद्ध किया कि सेवा का अर्थ केवल आज्ञापालन नहीं, बल्कि पूर्ण मर्यादा में रहकर कर्तव्य निभाना है। स्वामी जी ने कहा कि “नेता बनना बड़ी बात नहीं, मर्यादा में रहकर सेवा करना ही सबसे बड़ी साधना है। उन्होंने आगे कहा कि आज समाज में अव्यवस्था का कारण मर्यादा का क्षय है। जब व्यक्ति अपने आचरण में अनुशासन और सेवा भाव लाता है, तभी समाज में संतुलन और सद्भाव होता है। कथा स्थल पर हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। पूरा वातावरण “जय श्रीराम” और “हनुमानजी महाराज की जय” के जयघोष से गूंज उठा। स्वामी जी ने अंत में कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति श्रीराम की मर्यादा और हनुमानजी की निष्ठा को अपने जीवन में उतार ले, तो समाज में प्रेम, शांति और आदर्श जीवन की स्थापना निश्चित है। कथा से पूर्व कथा विजेथुआ महोत्सव के आयोजक सत्यपथ फाउंडेशन के संरक्षक विवेक तिवारी ने सपत्नीक व्यास पीठ की पूजा अर्चना कर श्रद्धालुओं के प्रति आभार जताया। वाल्मीकि रामायण में अतिथि क्षेत्रीय सँगठन मन्त्री बिहार, झारखंड नागेंद्र जी, पूर्व मन्त्री व एम.एल.सी. अशोक कटारिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, पूर्व डीजीपी आरपी सिँह, अमेठी से आए समाजसेवी रोहित सिँह, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी,जिला विकास अधिकारी सुल्तानपुर गजेंद्र तिवारी डीसी मनरेगा अजीत कुमार सिंह प्रमोद कुमार पांडेय अंकित राय डा रत्नेश तिवारी, डा. गिरजेश तिवारी, डा. जेपी दूबे, प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश मिश्र, राम विनय सिँह, महेंद्र मिश्र, रितेश दूबे, अम्बरीश मिश्र, दीपक सिँह, अरविंद पाँडे य, जगदम्बा प्रसाद उपाध्याय, विक्की वर्मा, सत्यम तिवारी, विपिन शुक्ला, विजय उपाध्याय, रितेश उपाध्याय, कृष्ण कुमार चौबे, दीपक पाँडेय, रामूश्यामू उपाध्याय, शशांक पाँडेय, सत्येंद्र मिश्र, सत्यप्रकाश यादव, डा. सन्त भारती सहित तमाम संभ्रांत लोग मौजूद रहे। कथा के दौरान सीता की कथा सुना रहे जगतगुरु ने गद्दोपुर निवासी डेढ साल की बेटी को गोदी में लेकर उसका नामकरण मिथिला कर दिया। जैसे ही वह बिटिया पाँडाल मे गयी महिलाएं उसका चरण छूने के लिए होड लगाने लगी। महोत्सव आयोजक विवेक तिवारी धर्मपत्नी वन्दना तिवारी ने बिटिया को दक्षिणा देकर उसकी माता को सौँप दिया।
*जीवन में राम जैसा स्वामी और हनुमान जी जैसी भक्ति हो-रामभद्राचार्य जी*
*वाल्मीकि रामायण में चतुर्थ दिवस भक्त और भगवान का भावपूर्ण वर्णन सुन भाव विभोर हुए भक्त*

विजेथुआ महोत्सव मेँ चल रही वाल्मीकि रामायण के चतुर्थ दिवस व्यासपीठ से स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि “यदि श्रीराम जैसा मर्यादा वादी स्वामी नहीं बन सकते तो हनुमानजी जैसा मर्यादा वादी सेवक बनने का प्रयास करें।” उन्होंने कहा कि मर्यादा ही मनुष्य को महान बनाती है। श्रीराम ने अपने जीवन के प्रत्येक क्षण में धर्म और मर्यादा का पालन किया, इसलिए वे आज भी आदर्श स्वामी माने जाते हैं। स्वामी जी ने कहा कि हनुमानजी ने सेवक होकर भी मर्यादा की ऐसी मिसाल पेश की, जो युगों-युगों तक प्रेरणा देती रहेगी। उन्होंने अपने समर्पण और निष्ठा से यह सिद्ध किया कि सेवा का अर्थ केवल आज्ञापालन नहीं, बल्कि पूर्ण मर्यादा में रहकर कर्तव्य निभाना है। स्वामी जी ने कहा कि “नेता बनना बड़ी बात नहीं, मर्यादा में रहकर सेवा करना ही सबसे बड़ी साधना है। उन्होंने आगे कहा कि आज समाज में अव्यवस्था का कारण मर्यादा का क्षय है। जब व्यक्ति अपने आचरण में अनुशासन और सेवा भाव लाता है, तभी समाज में संतुलन और सद्भाव होता है। कथा स्थल पर हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। पूरा वातावरण “जय श्रीराम” और “हनुमानजी महाराज की जय” के जयघोष से गूंज उठा। स्वामी जी ने अंत में कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति श्रीराम की मर्यादा और हनुमानजी की निष्ठा को अपने जीवन में उतार ले, तो समाज में प्रेम, शांति और आदर्श जीवन की स्थापना निश्चित है। कथा से पूर्व कथा विजेथुआ महोत्सव के आयोजक सत्यपथ फाउंडेशन के संरक्षक विवेक तिवारी ने सपत्नीक व्यास पीठ की पूजा अर्चना कर श्रद्धालुओं के प्रति आभार जताया। वाल्मीकि रामायण में अतिथि क्षेत्रीय सँगठन मन्त्री बिहार, झारखंड नागेंद्र जी, पूर्व मन्त्री व एम.एल.सी. अशोक कटारिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, पूर्व डीजीपी आरपी सिँह, अमेठी से आए समाजसेवी रोहित सिँह, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी,जिला विकास अधिकारी सुल्तानपुर गजेंद्र तिवारी डीसी मनरेगा अजीत कुमार सिंह प्रमोद कुमार पांडेय अंकित राय डा रत्नेश तिवारी, डा. गिरजेश तिवारी, डा. जेपी दूबे, प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश मिश्र, राम विनय सिँह, महेंद्र मिश्र, रितेश दूबे, अम्बरीश मिश्र, दीपक सिँह, अरविंद पाँडे य, जगदम्बा प्रसाद उपाध्याय, विक्की वर्मा, सत्यम तिवारी, विपिन शुक्ला, विजय उपाध्याय, रितेश उपाध्याय, कृष्ण कुमार चौबे, दीपक पाँडेय, रामूश्यामू उपाध्याय, शशांक पाँडेय, सत्येंद्र मिश्र, सत्यप्रकाश यादव, डा. सन्त भारती सहित तमाम संभ्रांत लोग मौजूद रहे। कथा के दौरान सीता की कथा सुना रहे जगतगुरु ने गद्दोपुर निवासी डेढ साल की बेटी को गोदी में लेकर उसका नामकरण मिथिला कर दिया। जैसे ही वह बिटिया पाँडाल मे गयी महिलाएं उसका चरण छूने के लिए होड लगाने लगी। महोत्सव आयोजक विवेक तिवारी धर्मपत्नी वन्दना तिवारी ने बिटिया को दक्षिणा देकर उसकी माता को सौँप दिया।
*जीव प्रेमियों से पूर्व सांसद मेनका संजय गांधी ने की मदद की अपील*
*बीते वर्षों से सक्रिय एसपीसीए के लिए संसाधन जुटाने पर दिया बल* सुल्तानपुर,असहाय पशुओं की मदद के लिए पूर्व सांसद ने जिले के प्रमुख जीवप्रेमियों से अपील की है।उन्होंने समाजसेवियों,चिकित्सकों, व्यापारियों और वालेन्टियरों से कहा है कि जब मैं सुलतानपुर से आपकी सांसद थी, तब मैंने आपकी मदद से मनुष्यों और जानवरों दोनों की सहायता करने का पूरा प्रयास किया। पूर्व केबिनेट मंत्री व जिले की पूर्व सांसद मेनका संजय गांधी ने कहा कि इन्हीं कार्यों में से एक था पशु अस्पताल बनाना,जिसे एसपीसीए (SPCA) कहा जाता है।यह अस्पताल सरकार द्वारा नहीं बल्कि सबके सहयोग और योगदान से बनाया गया था।यह अस्पताल अब एक वर्ष से चल रहा है। इसमें स्वयंसेवक हैं और इसने अनेक जिंदगियों को बचाया गया है।उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार इस अस्पताल के लिए बजट होना चाहिए,साथ ही एक एम्बुलेंस और जिले भर में सदस्य होने चाहिए जिससे गायों की तस्करी रोकी जा सके और बीमार जानवरों का इलाज हो सके। लेकिन अभी तक डीएम ने इसे लागू नहीं किया है। इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम सुलतानपुर को करुणा का स्थान बनाएं। मैं अत्यंत आभारी रहूँगी यदि आप अस्पताल की सहायता के लिए धन,दवाइयों, उपकरण या भोजन का दान कर सकें। श्रीमती गाँधी ने कहा कि जो भी आप वहन कर सकते हैं, स्वागत योग्य है। हममें से प्रत्येक के पास जीवन बचाने की शक्ति है। मैंने समाज के प्रति आपके समर्पण और ईमानदारी को देखा है। अब मैं जानवरों की ओर से आपसे मदद माँग रही हूँ।पूर्व सांसद द्वारा जारी इस पत्र पर एसपीसीए की मॉनिटरिंग कर रहे प्रदीप यादव ने बताया कि सुल्तानपुर में एसपीसीए के वालेंटियर जल्द ही सक्रिय समाजसेवियों से मुलाकात कर असहाय जीवों के लिए एसपीसीए के संदर्भ में मुलाकात कर जन सहयोग लेंगे।
*वारिस शाह का मनाया जा रहा उर्स,देशभर से पहुंच रहे जायरीन, गंगा-जमुनी तहजीब का दिखेगा संगम,पांच दिन चलेगा मेला*
सुल्तानपुर के अयोध्या-प्रयागराज बाईपास पर स्थित कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के नकराही में देवा वाले की दरगाह पर वारिस शाह का उर्स शुरू हो गया है। दुर्गा पूजा के बाद मनाए जाने वाले इस पांच दिवसीय उर्स में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु जियारत के लिए पहुंच रहे हैं। यहां एक बड़ा मेला भी लगता है,जिसमें तीन दिनों तक हजारों लोगों के लिए तीन वक्त लंगर की व्यवस्था की जाती है। इस उर्स की एक खासियत यह है कि लंगर में सेवादार खुद जायरीन होते हैं। आयोजकों का कहना है कि सारा काम स्वतः ही हो जाता है और भीड़ को भी एक अदृश्य शक्ति नियंत्रित करती है। नेकराही के इस उर्स और मेले की तैयारी 15 दिन पहले से शुरू हो जाती है। दशहरा समाप्त होते ही उर्स का आगाज हो जाता है। दरगाह पर हर धर्म के लोग अपनी अकीदत और आस्था के साथ माथा टेकने आते हैं। यहां के सज्जादा नशीन बाबा आजाद शाह वारसी ने बताया कि वारिस पनाह का उर्स 1947 से लगातार आयोजित हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यहां छत्तीस धर्मों के लोग आते हैं, जो इसे एक 'छत्तीस वेणी' का रूप देता है। आजाद शाह ने सुरक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हजारों लोगों की सुरक्षा के लिए लोग एक-दूसरे का साथ देते हैं, जिससे पुलिस की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। यह वारिस पनाह की शान है कि आने वाले सभी लोगों को तीन वक्त का लंगर बैठाकर खिलाया जाता है। खादिम आजाद वारसी ने बताया कि मोहर्रम में भी वारिस अली शाह का उर्स होता है, क्योंकि इसी महीने में उन्होंने पर्दा किया था। हालांकि, मोहर्रम के उर्स में कव्वाली नहीं होती, बल्कि 'याद-ए-हुसैन' मनाई जाती है और दो दिन का लंगर चलता है। उन्होंने बताया कि यहां मौला-ए-कायनात की महफिल, मिलाद शरीफ और परचम कुशाई जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। मौला हुसैन के नाम से गागर निकाला जाता है, और सुबह में कुल वारिस पनाह का आयोजन होता है। बाइट - ख़ादिम वारसी