संवेदीकरण विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न: खाद्य एवं नापतौल विभाग के अधिकारी हुए शामिल
रायपुर- भारतीय मानक ब्यूरो, रायपुर द्वारा संवेदीकरण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने की। कार्यशाला में विभाग से जुड़े खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा नापतौल विभाग के अधिकारियों ने सहभागिता दर्ज की।
भारतीय मानक ब्यूरो, रायपुर शाखा कार्यालय के निदेशक एवं प्रमुख एस. के. गुप्ता ने सचिव महोदया को प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों एवं स्वरूप की विस्तृत जानकारी दी। इसके पश्चात रायपुर शाखा कार्यालय के संयुक्त निदेशक फालेन्द्र कुमार ने पावर प्वाइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से भारतीय मानक ब्यूरो की विभिन्न गतिविधियों का परिचय दिया।
प्रस्तुतीकरण में विशेष रूप से मानक निर्धारण की प्रक्रिया, समितियों की संरचना, ड्राफ्ट मानकों पर सुझाव और टिप्पणियों का आमंत्रण, तथा सार्वजनिक भागीदारी हेतु वाइड सर्कुलेशन ड्राफ्ट की जानकारी दी गई।
कार्यशाला में आईएसआई मार्क योजना, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए सीआरएस योजना जैसे विभिन्न प्रमाणन कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही आईएसआई मार्क एवं सीआरएस मार्क वाले उत्पादों के लिए अनिवार्य प्रमाणन आदेशों तथा उनकी पहचान की विधियों पर प्रकाश डाला गया।
"Know Your Standards" फीचर के माध्यम से बीआईएस वेबसाइट पर मानक खोजने और डाउनलोड करने की प्रक्रिया को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही विभागीय क्रय प्रक्रियाओं में टेंडर तैयार करते समय क्यूसीओ (Quality Control Order) के अनुपालन एवं प्रमाणन निरीक्षण की प्रक्रिया को भी विस्तार से समझाया गया।
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि टेंडर प्रक्रिया हेतु उत्पाद परीक्षण के लिए राज्य में किन-किन प्रमाणित प्रयोगशालाओं की सुविधा उपलब्ध है।
सोने एवं चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्क एवं एचयूआईडी (HUID) संख्या की सत्यता जांचने की प्रक्रिया, अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश, हॉलमार्किंग केंद्रों की उपलब्धता, हॉलमार्किंग की प्रक्रिया तथा उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन जांच सुविधा की जानकारी भी प्रदान की गई।
कार्यशाला में मानकों के संग्रह का प्रदर्शन किया गया और "Standards Watch" की उपयोगिता से अवगत कराया गया। साथ ही शैक्षिक क्षेत्र में स्टैंडर्ड्स क्लब एवं एमओयू पार्टनरशिप मॉडल के माध्यम से बीआईएस की शैक्षणिक सहभागिता पर भी जानकारी दी गई।
कार्यशाला के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित हुआ, जिसमें उपस्थित अधिकारियों के प्रश्नों का समाधान कर संतोषजनक उत्तर प्रदान किए गए।
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हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि “प्रदेशभर में सड़कें खस्ताहाल हैं और शासन अब भी उदासीन है। यह स्थिति बेहद पीड़ाजनक है।” कोर्ट ने पहले से ही आवारा मवेशियों और सड़कों की दुर्दशा के चलते हो रहे सड़क हादसों को लेकर स्वतः संज्ञान लिया हुआ है। इस संबंध में दाखिल कई जनहित याचिकाओं की गुरुवार को संयुक्त सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता को कोर्ट में तलब किया गया। कोर्ट ने दो टूक कहा, “सड़कों की हालत बेहद खराब है, फिर भी शासन की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही।”राज्य शासन की ओर से कहा गया कि सभी निर्माण कार्यों की स्थिति पर विस्तृत जानकारी शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त तय की है।