दूसरे युवक से हुई नजदीकी तो प्रेमी के सिर पर हुआ खून सवार, प्रेमिका और 6 माह की बच्ची का गला रेतकर बेरहमी से की हत्या

डेस्क: · दिल्ली के मजनू का टीला में अपनी पूर्व प्रेमिका और छह महीने की बच्ची की गला रेतकर बेरहमी से हत्या करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। आरोपी की पहचान निखिल के रूप में हुई है, जिसकी उम्र 22 से 25 वर्ष के बीच है। उसे उत्तराखंड के हल्द्वानी से पकड़ा गया, जहां का वह मूल निवासी है। पुलिस ने बताया कि सिविल लाइंस थाने की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और दोनों पीड़ितों को एक कमरे में खून से लथपथ पाया।

मिली जानकारी के अनुसार, तिमारपुर स्थित एक रेस्तरां में काम करने वाले निखिल और पीड़िता के रिश्ते के बारे में दोनों के परिवार वालों को पता था और वे दोनों की शादी कराने की योजना भी बना रहे थे। बताया कि वे लगभग छह साल से रिश्ते में थे। महिला के बड़े भाई-बहनों की शादी के बाद उनके परिवार वाले उनकी शादी कराने की योजना बना रहे थे। लेकिन, निखिल ने पिछले साल से पीड़िता को पीटना शुरू कर दिया था और दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। पीड़िता हाल ही में उसके साथ रिश्ता खत्म करने के बाद अपनी सहेली के घर रहने लगी थी। उसके चले जाने से क्रोधित होकर निखिल पूर्व प्रेमिका के दोस्त के घर गया, जहां वह रह रही थी और मंगलवार दोपहर को उसने महिला और बच्ची की हत्या कर दी।

इसके बाद निखिल ने घर में आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन असफल होने पर वह ​हल्द्वानी​ में अपनी बहन के घर भाग गया। आरोपी ने हत्या में इस्तेमाल चाकू को पानी से साफ किया और अपराध छिपाने के लिए उसे अपने साथ ले गया। पकड़े जाने से बचने के लिए उसने अपना मोबाइल फोन भी अपराध स्थल पर छोड़ दिया ताकि पुलिस उसे पकड़ न सके। महिला के भाई ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं चला कि मामला कैसे बढ़ गया और खबर सुनते ही वे नैनीताल से तुरंत आ गए। उन्होंने कहा कि मेरी मां खबर सुनने के बाद से ही बेसुध हैं। हम पूरी तरह टूट चुके हैं।

पुलिस उपायुक्त राजा बंथिया ने बताया कि महिला को निखिल के साथ कई समस्याएं थी और अक्सर उनके झगड़े होते रहते थे। जिस कारण वह उसे छोड़कर सहेली (शिकायतकर्ता महिला) के परिवार के साथ रहने लगी। घटना के समय, बच्ची की मां (सूचना देने वाली महिला) अपने पति के साथ पांच-वर्षीय अपनी दूसरी बेटी को स्कूल से लाने बाहर गई हुई थी। 

पुलिस सूत्रों के अनुसार, महिला निखिल को छोड़कर चली गई थी, जिससे नाराज होकर उसने (आरोपी ने) कथित तौर पर पीड़िता की हत्या कर दी, जबकि महिला को सहारा देने के कारण उसकी सहेली से बदला लेने के लिए उसकी बेटी को भी मार डाला। दोनों मृतकों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए। महिला का शव उसके परिवार वाले नैनीताल ले गए, जबकि बच्ची को दिल्ली में दफनाया जाएगा।

वेतन न मिलने से नाराज ऋषिकुल-गुरुकुल कर्मचारियों का आंदोलन तेज

* तालाबंदी कर धरने पर बैठे कर्मचारी, कुलपति के अनुरोध को ठुकराया

हरिद्वार ( उत्तराखंड )। वेतन भुगतान में लगातार हो रही देरी के विरोध में ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय विश्वविद्यालय हरिद्वार के कर्मचारियों का आक्रोश बुधवार को फूट पड़ा। कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने तालाबंदी करते हुए धरना प्रदर्शन किया और साफ कहा कि जब तक वेतन उनके खाते में नहीं आ जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

धरने को संबोधित करते हुए डॉ. संजय त्रिपाठी और डॉ. शोभित ने कहा कि वेतन में देरी की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन अब कर्मचारी अस्थायी आश्वासनों से थक चुके हैं। जब तक पूर्ण और स्थाई समाधान नहीं मिलेगा, आंदोलन नहीं रुकेगा। कुलपति और कुल सचिव द्वारा आंदोलन स्थगित करने के अनुरोध को भी कर्मचारियों ने ठुकरा दिया। नर्सिंग अधीक्षक आनंदी शर्मा, सुनीता तिवारी और बीना मठपाल ने कहा कि यदि बजट आ भी जाए, तब भी जब तक स्थाई समाधान नहीं होगा, आंदोलन सांकेतिक रूप में जारी रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर ठोस कार्रवाई की मांग की।

कार्यकारी अध्यक्ष के.एन. भट्ट, प्रदेश महामंत्री के.के. तिवारी और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि बार-बार हड़ताल का सीधा असर रोगियों पर पड़ता है, पर शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें विवश कर रहा है। चार वर्षों से वेतन नियमितीकरण की मांग की जा रही है, लेकिन हर बार सिर्फ वादे मिलते हैं। धरने में बड़ी संख्या में चिकित्सक, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी शामिल रहे। सभी ने एकजुट होकर एलान किया कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस और स्थायी समाधान ही आंदोलन को खत्म करेगा।

ऋषिकेश में गंगा स्नान के दौरान मां-बेटी बहीं, सर्च ऑपरेशन जारी

* एसडीआरएफ और जल पुलिस की संयुक्त टीम तलाश में जुटी, मुरैना (मप्र) की हैं पीड़ित महिलाएं

ऋषिकेश ( उत्तराखंड )। योगनगरी ऋषिकेश के राम तपस्थली ब्रह्मपुरी क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब गंगा स्नान के दौरान मध्य प्रदेश के मुरैना निवासी मां-बेटी गंगा में बह गईं। दोनों महिलाएं कथा सुनने के लिए ऋषिकेश आई थीं और सुबह स्नान के दौरान यह हादसा हुआ।

डूबने वालों की पहचान 18 वर्षीय गौरी उपाध्याय और उसकी माता मनु उपाध्याय के रूप में हुई है। हादसे की सूचना मिलते ही आश्रम के संचालक ने परिजनों के साथ मौके पर पहुंचकर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया। तत्काल प्रभाव से मुनि की रेती थाना पुलिस, एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।

एसडीआरएफ इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण ने बताया कि गंगा का तेज बहाव और पानी की मटमैली स्थिति के चलते खोजबीन में दिक्कतें आ रही हैं। बरसाती नालों के पानी से गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है और दृश्यता बहुत कम हो गई है, जिससे राहत और बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है। बैराज प्रशासन और हरिद्वार की जल पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। गोताखोरों की टीम गंगा में मां-बेटी की तलाश कर रही है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है।

गौरतलब है कि मानसून के दौरान गंगा में बहाव काफी तेज हो जाता है और हर वर्ष इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से गंगा में सावधानीपूर्वक स्नान करने की अपील की है।

चार धाम यात्रा 24 घंटे के लिए स्थगित, भारी बारिश का अलर्ट

देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए चार धाम यात्रा को अगले 24 घंटों के लिए अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिसे गंभीरता से लेते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया है। उन्होंने कहा, "पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग और विकासनगर जैसे प्रमुख पड़ावों पर तीर्थयात्रियों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।"

आयुक्त ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति सामान्य होने तक धैर्य बनाए रखें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। राज्य सरकार लगातार मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन इकाइयों के संपर्क में है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि जून के अंत में पर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा आम बात है, जिससे भूस्खलन और सड़कें बंद होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों को सतर्क रहने और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश भी जारी किए हैं।

तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले मौसम की ताज़ा जानकारी लें और अनावश्यक जोखिम से बचें। यात्रा फिर से शुरू करने की जानकारी जल्द ही प्रशासन द्वारा जारी की जाएगी।

रेखा आर्य ने हल्द्वानी शहर में तीन नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवनों का किया लोकार्पण , रेखा आर्य ने कहा भविष्य निर्माण का केंद्र बनें

डेस्क :– उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने गुरुवार को हल्द्वानी शहर में तीन नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवनों का लोकार्पण किया। कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले समय में भविष्य निर्माण का केंद्र बनें।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र कोई सामान्य भवन नहीं हैं। बल्कि बच्चों को स्वस्थ, शिक्षित और संस्कारी बनाकर उत्तराखंड के भविष्य को संवारने का माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को उचित पोषण और शिक्षा देने की शुरुआती जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही है। अगर बच्चों का बचपन स्वस्थ रहेगा तो प्रदेश को ज्यादा कुशल मानव संसाधन उपलब्ध होगा। मंत्री ने कहा कि हाल ही में 7000 से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मियों और सहायिकाओं की नियुक्ति होने के बाद निश्चित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्य कुशलता में बढ़ोतरी होगी।

मंत्री आर्य ने आंगनबाड़ी कर्मियों और सहायिकाओं से एकल महिला स्वरोजगार योजना के प्रचार पर फोकस करने को कहा। मंत्री ने कहा कि इस योजना के बारे में अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पात्र महिलाओं तक इसकी जानकारी पहुंचाएं। जिससे वह सरकारी सहायता प्राप्त करके अपना रोजगार शुरू कर सकें।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मामले में उत्तराखंड सरकार को राहत नहीं, आज फिर होगी सुनवाई

डेस्क:–त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मामले में उत्तराखंड सरकार को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। गुरुवार को लंबी सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के लिए शुक्रवार की तिथि निर्धारित की है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र की अगुवाई वाली खंडपीठ में पंचायत चुनाव में आरक्षण निर्धारण के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। खंडपीठ पिछले तीन दिन से इस मामले में लगातार सुनवाई कर रही है। गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई।

सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएससी चंद्रशेखर रावत की ओर से आरक्षण रोस्टर के पक्ष में जोरदार बहस की गई और कई दलील दी गई। सरकार की ओर से सीटों का आरक्षण चार्ट भी खंडपीठ के समक्ष पेश किया गया। आरक्षण रोस्टर पर एक बजे से सुनवाई शुरू हुई, लेकिन याचिकाकर्ताओं ने अध्ययन के लिए एक दिन का समय मांगा। जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया और सुनवाई के लिए 27 जून की तिथि निर्धारित कर दी।

दूसरी ओर अधिवक्ता योगेश पचोलिया की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने आरक्षण को लेकर गठित एकल आयोग की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। उच्च न्यायालय में पंचायत चुनाव में आरक्षण तय करने के खिलाफ छह याचिकाएं दायर हैं। अधिकांश याचिकाओं में सरकार की आरक्षण प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 21 जून को चुनाव आयोग की अधिसूचना के साथ शुरू हो गई थी। राज्य चुनाव आयोग की ओर से प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार 10 और 15 जुलाई को दो चरणों में मतदान तथा 19 जून को मतगणना का कार्य होना था, लेकिन अदालत ने आरक्षण नियमावली का हवाला देते हुए गत 23 जून को अंतरिम आदेश पारित कर चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी । इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए एक दिन बाद 24 जून को चुनाव स्थगित करने की घोषणा कर दी थी।

उत्तराखंड : बद्रीनाथ हाईवे पर मिनी बस अलकनंदा में गिरी, 2 की मौत, 10 लापता

उत्तराखंड। उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति की कठिन राहों पर श्रद्धालुओं की बेबसी उजागर हुई है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घोलतीर के पास एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जहां श्रद्धालुओं से भरी एक मिनी बस अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरी।

बस में कुल 19 यात्री सवार थे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार 2 लोगों की मौत हो चुकी है, 7 लोग घायल हुए हैं और 10 लोग अब भी लापता हैं। घायलों को जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में भर्ती कराया गया है।

हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई। इसी दौरान एक मासूम बच्चे की पुकार-‘बद्री विशाल… ये क्या करा?’ ने सभी की आंखें नम कर दीं। यह भावुक क्षण अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोगों का कहना है, “जब श्रद्धा के रास्ते भी हादसों से भरे हों, तो दुआओं का ही सहारा बचता है।” घटना की सूचना मिलते ही पुलिस व एसडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। नदी का तेज बहाव और दुर्गम स्थल बचाव में बड़ी चुनौती बना हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी हादसे की जानकारी दे दी गई है। सरकार की ओर से लगातार राहत व बचाव कार्यों की निगरानी की जा रही है। ईश्वर से प्रार्थना है कि लापता लोग सुरक्षित मिलें और इस हादसे में घायल सभी लोग जल्द स्वस्थ हों। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर अब सवाल फिर से उठने लगे हैं।

उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, आरक्षण नीति पर उठे सवाल

नैनीताल। उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। यह फैसला राज्य सरकार की आरक्षण नीति को लेकर दायर याचिकाओं के आधार पर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 25 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा के साथ ही चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी थी और आचार संहिता भी लागू कर दी गई थी।

हाईकोर्ट ने यह रोक आरक्षण रोटेशन में पारदर्शिता की कमी और अस्पष्टता को आधार बनाते हुए लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक चुनाव प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। यह याचिकाएं बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य द्वारा दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने 9 जून को नई पंचायत चुनाव नियमावली लागू की और 11 जून को आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित कर नया रोटेशन लागू करने का आदेश जारी किया। इसके चलते कई सीटें लगातार चौथी बार भी आरक्षित वर्ग के लिए रखी गई हैं, जिससे सामान्य वर्ग के लोगों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल रहा।

वहीं, राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस विषय में कुछ याचिकाएं हाईकोर्ट की एकलपीठ में भी लंबित हैं। सरकार ने यह भी कहा कि एकलपीठ के समक्ष केवल 11 जून के आदेश को चुनौती दी गई है, जबकि याचिकाकर्ताओं ने 9 जून की नियमावली को भी चुनौती दी है। कोर्ट के इस आदेश से पंचायत चुनाव की समय-सीमा और प्रक्रिया पर अनिश्चितता छा गई है। अब अगली सुनवाई के बाद ही यह तय हो सकेगा कि चुनाव कब और किन नियमों के तहत होंगे।