दस्तक अभियान से जागा बलिया: मंत्री से लेकर प्रधान तक जुटे गांव-गांव साफ-सफाई और जागरूकता में
ओमप्रकाश वर्मा नगरा बलिया!
नवानगर और बिशनपुर विकास खंडों में संचारी रोगों को लेकर दस्तक अभियान की शुरुआत जोरदार ढंग से हुई। इस अभियान के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर ग्रामीणों को जागरूक करने, सफाई व्यवस्था सुधारने और बीमारियों से बचाव के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया। नगरा क्षेत्र के ताड़ी बड़ागांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर दस्तक अभियान का शुभारंभ भारतीय जनता पार्टी के जिला मंत्री आलोक शुक्ला ने किया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की कि प्रत्येक घर तक जाकर लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक करें, साथ ही मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के उपायों की जानकारी दें। इसी कड़ी में तारी बड़ा गांव ग्रामसभा में सचिव संजय सिंह और ग्राम प्रधान किरण देवी के नेतृत्व में पूरे गांव में विशेष सफाई अभियान चलाया गया। नालियों की सफाई, जलजमाव को हटाना और कूड़े के निष्पादन को प्राथमिकता दी गई, ताकि मच्छरों का प्रकोप न बढ़े। ग्रामीणों ने भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बिशनपुर विकास खंड के मलिकपुर गांव में भी संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर लोगों को साफ-सफाई के महत्व की जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार खुले में पानी जमा होने से मच्छर पनपते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इधर, नवानगर विकास खंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बधुरी में दस्तक और संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री राजधानी सिंह ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंदन सिंह विसेन ने की। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि स्वास्थ्य विभाग, ग्राम पंचायत और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयास से ही गांवों को बीमारियों से मुक्त किया जा सकता है। मंत्री राजधानी सिंह ने ग्रामीणों से अपील की कि वे साफ-सफाई को आदत में शामिल करें और घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। उन्होंने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे प्रतिदिन घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच और जागरूकता अभियान को सफल बनाएं। इस दौरान डॉक्टर चंदन सिंह विसेन ने भी बताया कि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बुखार, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण दिखते ही तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें और स्वयं इलाज करने की कोशिश न करें। दस्तक अभियान के दौरान बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए चित्रकला प्रतियोगिता भी कराई गई। स्कूलों में पोस्टर और स्लोगन के माध्यम से संदेश दिया गया कि स्वच्छता है असली दवाई, रोगों से देती छुटकारा सच्ची सवाई। अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने मच्छरदानी, क्लोरीन टैबलेट्स, ओआरएस और जरूरी दवाएं भी वितरित कीं। इसके साथ ही हर गांव में सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर-बैनर लगाए गए, जिनमें साफ-सफाई, पानी उबालकर पीने और हाथ धोने जैसी आदतों को अपनाने का आह्वान किया गया। स्वास्थ्य विभाग की यह पहल न केवल बीमारियों को रोकने का कार्य कर रही है, बल्कि ग्रामीणों के मन में जागरूकता की अलख भी जगा रही है। पूरे जिले में यह अभियान जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान ग्राम प्रधान, सचिव, स्वास्थ्यकर्मी, आशा बहुएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने गांव को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया। जैसे-जैसे दस्तक अभियान आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ग्रामीण इलाकों में भी यह संदेश गूंज रहा है“रोकथाम बेहतर है इलाज से, दस्तक दो बीमारी से निजात के लिए।
Jul 06 2025, 19:37