*जलसा शोहदा ए इस्लाम मदरसा के सदर मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी की अध्यक्षता में पहली मुहर्रम*
सुल्तानपुर अंजुमन खुद्दाम ए सहाबा व मदरसा जामिया इस्लामिया के वैनर तले दस दिवसीय कार्यक्रम जलसा शोहदा ए इस्लाम मदरसा के सदर मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी की अध्यक्षता में पहली मुहर्रम से लगातार चल रहा है। जिसमें इस्लामिक शिक्षाविद और उलेमा दूर - दूर से आते है इस्लाम के बारे तथ्यात्मक जानकारी साझा करते है।
जलसे में इस्लाम दीन के लिए जद्दोजहद करने और जंग में शहादत पाने वाले शहीदों का जिक्र होता है।छठवीं मुहर्रम को देर रात मौलाना मुहम्मद मकबूल कासमी ने कहा कि मुसलमानों के सबसे बड़े दुश्मन मुशरिक और यहूदी है।यह बात अल्लाह ने कुरआन में फरमाया है।मौलाना ने खिलाफत के हुक्म की व्याख्या करते हुए पैगम्बर के उत्तराधिकारियों के बारे विस्तार से आगंतुकों को बताया। जौनपुर से आए मुख्य अतिथि मौलाना मुहम्मद आसिफ ने जलसा शुहादा-ए-इस्लाम के बारे में कहा कि यह जलसा आम जलसा जैसा नहीं है, बल्कि दस दिन का पाठ है जिसमें अलग-अलग पाठ होते हैं। इसलिए हमें अपने व्यस्त कार्यक्रमों को एक तरफ रखकर इन जलसों में शामिल होने की कोशिश करनी चाहिए और अपने दिलों को शुद्ध और शांत करना जारी रखना चाहिए।
मौलाना ने कहा कि शहादत एक प्रशंसनीय और वांछनीय चीज है। अगर ऐसा न होता तो पैगंबर साहब इसकी इच्छा क्यों करते? मौलाना ने अपना भाषण जारी रखते हुए कहा कि जो राष्ट्र शहादत पर रोता और शोक मनाता है, वह कभी शहीद पैदा नहीं कर सकता और कयामत के दिन तक इसी तरह रोता और शोक मनाता रहेगा!!! मौलाना ने सैय्यद अल-शुहादा हज़रत हमज़ा (रजी अल्लाहु अन्हों) की जीवनी का वर्णन करते हुए कहा कि वह बहुत ही सुंदर और आकर्षक व्यक्ति थे, एक महान तीरंदाज, शिकार के शौकीन, बहादुर, साहसी और दयालु व्यक्ति थे। पैगंबर (PBUH) को कभी इतना दुख नहीं हुआ जितना उन्हें उनकी शहादत पर हुआ। हज़रत हम्ज़ा; अल्लाह के पैगंबर (PBUH) के चाचा होने के अलावा, वह पैगंबर (PBUH) की मां हज़रत अमीना की चचेरी बहन के बेटे भी थे। इसी तरह मौलाना ने हज़रत हमज़ा (र.अ.) के ईमान स्वीकार करने की घटना का भी ज़िक्र किया! मौलाना ने पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) के प्रिय नवासे हजरत हुसैन (र.अ.) के हालात पर व्यापक प्रकाश डाला। मौलाना ने कहा कि हजरत हुसैन रजी अल्लाहु अन्हों शक्ल, सूरत और चरित्र में पैगंबर (स.अ.व.) के बिल्कुल मुफीद थे। जब अल्लाह के पैगंबर इस दुनिया से चले गए तो उनकी उम्र चार या पांच साल थी। सहाबा उन्हें अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यार करते थे, इस संबंध में मौलाना ने कुछ हदीसों का भी जिक्र किया। अंत में मौलाना ने हज़रत हुसैन (र.अ.) की शहादत का वाकया भी बयान किया कि कूफ़ा के लोगों ने उन्हें कूफ़ा आने के लिए लगभग 12,000 पत्र भेजे, जिसमें कहा गया कि "आप कूफ़ा आ जाइए क्योंकि हम अपने ख़लीफ़ा को ख़लीफ़ा नहीं मानते, लेकिन हम आपको ख़लीफ़ा मानेंगे।" कई प्रमुख साथियों ने उन्हें मना किया। रास्ते में उनकी मुलाक़ात फरज़ादक नामक एक मशहूर शायर से भी हुई, जो कूफ़ा से आ रहा था। जब हज़रत हुसैन ने फरज़ादक से वहाँ के हालात के बारे में पूछा तो फरज़ादक ने कहा, "तलवारें तुम्हारे खिलाफ़ हैं और उनके दिल तुम्हारे साथ हैं, इसलिए तुम्हें मदीना लौट जाना चाहिए।" हालाँकि, हज़रत मुस्लिम बिन अक़ील के परिवार के आग्रह पर उन्होंने आगे बढ़ने का फ़ैसला किया। आख़िरकार मुहर्रम की 10 तारीख़ को वह त्रासदी घटी, जिसके कारण आशूरा का दिन ख़ास तौर पर जाना जाता है। मौलाना ने समय की कमी के कारण कर्बला की घटनाओं का संक्षेप में उल्लेख किया तथा प्रार्थना के साथ सत्र का समापन किया। जलसे का संचालन मौलाना मुहम्मद ओसामा कासमी ने किया।जलसे तमाम उलेमा और सैकड़ों श्रोता दर्शक मौजूद रहे।

सुल्तानपुर अंजुमन खुद्दाम ए सहाबा व मदरसा जामिया इस्लामिया के वैनर तले दस दिवसीय कार्यक्रम जलसा शोहदा ए इस्लाम मदरसा के सदर मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी की अध्यक्षता में पहली मुहर्रम से लगातार चल रहा है। जिसमें इस्लामिक शिक्षाविद और उलेमा दूर - दूर से आते है इस्लाम के बारे तथ्यात्मक जानकारी साझा करते है।
जलसे में इस्लाम दीन के लिए जद्दोजहद करने और जंग में शहादत पाने वाले शहीदों का जिक्र होता है।छठवीं मुहर्रम को देर रात मौलाना मुहम्मद मकबूल कासमी ने कहा कि मुसलमानों के सबसे बड़े दुश्मन मुशरिक और यहूदी है।यह बात अल्लाह ने कुरआन में फरमाया है।मौलाना ने खिलाफत के हुक्म की व्याख्या करते हुए पैगम्बर के उत्तराधिकारियों के बारे विस्तार से आगंतुकों को बताया। जौनपुर से आए मुख्य अतिथि मौलाना मुहम्मद आसिफ ने जलसा शुहादा-ए-इस्लाम के बारे में कहा कि यह जलसा आम जलसा जैसा नहीं है, बल्कि दस दिन का पाठ है जिसमें अलग-अलग पाठ होते हैं। इसलिए हमें अपने व्यस्त कार्यक्रमों को एक तरफ रखकर इन जलसों में शामिल होने की कोशिश करनी चाहिए और अपने दिलों को शुद्ध और शांत करना जारी रखना चाहिए।
मौलाना ने कहा कि शहादत एक प्रशंसनीय और वांछनीय चीज है। अगर ऐसा न होता तो पैगंबर साहब इसकी इच्छा क्यों करते? मौलाना ने अपना भाषण जारी रखते हुए कहा कि जो राष्ट्र शहादत पर रोता और शोक मनाता है, वह कभी शहीद पैदा नहीं कर सकता और कयामत के दिन तक इसी तरह रोता और शोक मनाता रहेगा!!! मौलाना ने सैय्यद अल-शुहादा हज़रत हमज़ा (रजी अल्लाहु अन्हों) की जीवनी का वर्णन करते हुए कहा कि वह बहुत ही सुंदर और आकर्षक व्यक्ति थे, एक महान तीरंदाज, शिकार के शौकीन, बहादुर, साहसी और दयालु व्यक्ति थे। पैगंबर (PBUH) को कभी इतना दुख नहीं हुआ जितना उन्हें उनकी शहादत पर हुआ। हज़रत हम्ज़ा; अल्लाह के पैगंबर (PBUH) के चाचा होने के अलावा, वह पैगंबर (PBUH) की मां हज़रत अमीना की चचेरी बहन के बेटे भी थे। इसी तरह मौलाना ने हज़रत हमज़ा (र.अ.) के ईमान स्वीकार करने की घटना का भी ज़िक्र किया! मौलाना ने पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) के प्रिय नवासे हजरत हुसैन (र.अ.) के हालात पर व्यापक प्रकाश डाला। मौलाना ने कहा कि हजरत हुसैन रजी अल्लाहु अन्हों शक्ल, सूरत और चरित्र में पैगंबर (स.अ.व.) के बिल्कुल मुफीद थे। जब अल्लाह के पैगंबर इस दुनिया से चले गए तो उनकी उम्र चार या पांच साल थी। सहाबा उन्हें अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यार करते थे, इस संबंध में मौलाना ने कुछ हदीसों का भी जिक्र किया। अंत में मौलाना ने हज़रत हुसैन (र.अ.) की शहादत का वाकया भी बयान किया कि कूफ़ा के लोगों ने उन्हें कूफ़ा आने के लिए लगभग 12,000 पत्र भेजे, जिसमें कहा गया कि "आप कूफ़ा आ जाइए क्योंकि हम अपने ख़लीफ़ा को ख़लीफ़ा नहीं मानते, लेकिन हम आपको ख़लीफ़ा मानेंगे।" कई प्रमुख साथियों ने उन्हें मना किया। रास्ते में उनकी मुलाक़ात फरज़ादक नामक एक मशहूर शायर से भी हुई, जो कूफ़ा से आ रहा था। जब हज़रत हुसैन ने फरज़ादक से वहाँ के हालात के बारे में पूछा तो फरज़ादक ने कहा, "तलवारें तुम्हारे खिलाफ़ हैं और उनके दिल तुम्हारे साथ हैं, इसलिए तुम्हें मदीना लौट जाना चाहिए।" हालाँकि, हज़रत मुस्लिम बिन अक़ील के परिवार के आग्रह पर उन्होंने आगे बढ़ने का फ़ैसला किया। आख़िरकार मुहर्रम की 10 तारीख़ को वह त्रासदी घटी, जिसके कारण आशूरा का दिन ख़ास तौर पर जाना जाता है। मौलाना ने समय की कमी के कारण कर्बला की घटनाओं का संक्षेप में उल्लेख किया तथा प्रार्थना के साथ सत्र का समापन किया। जलसे का संचालन मौलाना मुहम्मद ओसामा कासमी ने किया।जलसे तमाम उलेमा और सैकड़ों श्रोता दर्शक मौजूद रहे।

*कांग्रेसियों ने किया जोरदार प्रदर्शन राज्यपाल को सौंपा मांग पत्र*
सुल्तानपुर के रहने वाले एक सपा कार्यकर्ता ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते सैफई महोत्सव के दौरान होर्डिंग लगाते समय करंट को चपेट में आया युवक को मुवाबजे के रूप में फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। 2004 से लेकर अब तक वो कभी मुख्यमंत्री कार्यालय तो कभी सपा कार्यालय के चक्कर लगा रहा है, लेकिन आज तक मिला तो केवल आश्वासन।
कहानी पूरी बताएंगे और इत्मीनान से बताएंगे और दिखाएंगे कि जो अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं के हर सुख दुख में साथ खड़े रहने का वायदा करते हैं,आखिर सुल्तानपुर का ये सपा कार्यकर्ता क्यों उन्हीं पर आरोप लगा रहा है।
दरअसल सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थानाक्षेत्र के सुरौली गांव का रहने वाला मोहम्मद अली 90 के ही दशक में किशोरावस्था में लखनऊ चला गया था। वहां मोटर मैकेनिक का कार्य करने के साथ साथ गाना भी गाया करता था। इसी दरम्यान सपा के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा की निगाह मोहम्मद अली पर पड़ी और उन्होंने इसे तत्कालीन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह से मिलवा दिया। मुलायम सिंह ने अली को अपने आवास पर रखवा लिया और छोटा मोटा कार्य करवाने लगे। वहीं 2003 में तीसरी बार मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मोहम्मद अली को 2004 में सचिवालय में अस्थाई रूप से इंट्री ऑपरेटर की नौकरी दिलवा दी। तब से वहां वो कार्य करने लगा।
उसी के कुछ दिनों बाद दिसंबर माह में सैफई महोत्सव का आयोजन होना था, लिहाजा अधिकारियों ने सभी अस्थाई नौकरी करने वालों की मौखिक रूप से ड्यूटी सैफई में लगा दी गई। मोहम्मद अली की माने तो तैयारियों के दौरान वो और उसके साथी होर्डिंग लगा रहे थे, इसी दौरान इनकी होर्डिंग का लोहा ऊपर जा रहे बिजली की तार की चपेट में आ गया,जिसमें दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि इसे गंभीरावस्था में इलाज के लिए लखनऊ लाया गया। यहां भी तबियत बिगड़ी तो दिल्ली एम्स भेजा गया और वहां के बाद इसे बेहतर इलाज के लिए मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी बड़े नेता का फर्ज निभाते हुए तत्काल मुख्यमंत्री राहत कोष से मोहम्मद अली के खाते में 15 लाख 5 हजार रूपये इलाज के लिए भेजे, लेकिन मौके पर न मिलने पर चेक वापस कर दिया गया और आज तक वो पैसा मोहम्मद अली के खाते में नहीं पहुंचा।
बीच बीच में कुछ सपा के वरिष्ठ ने नेता मिलने आते तो सपा सुप्रीमो से मदद के लिए सहानभूति पत्र जरूर थमा देते। वहीं इलाज के लिए हिंदुजा हॉस्पिटल में अली करीब एक दशक तक वेंटिलेटर पर ही रहा, जिसके बाद इनकी पत्नी ने अपने गहने और पिता ने इलाज के लिए अपनी जमीन तक बेच डाली। सन 2016 में जब मोहम्मद अली हिंदुजा हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ तो उसकी माली हालत बेहद खराब हो चुकी थी, लिहाजा वो पुनः मुलायम सिंह के पास पहुंचा,उस समय सूबे के अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। मुलायम सिंह यादव ने तत्काल अखिलेश को निर्देशित किया और इलाज में लगे 15 लाख 5 हजार रूपये देने को कहा।
अखिलेश ने आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से आए अखिलेश यादव के पत्रानुसार 19 मई 2016 को निदेशक लखनऊ को प्रेषित भी की गई लेकिन उसके बाद भी उसे पैसे नहीं मिले। अली ने इसको लेकर कई बार अखिलेश यादव से मुलाकात भी की लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक कोई धनराशि नहीं मिली। लगातार अली पार्टी कार्यालय जाता और तमाम नेताओं और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात भी करता लेकिन कुछ हासिल न हुआ। पैसे देने के बजाय 2021 में मोहम्मद अली को सुल्तानपुर कार्यकारिणी में जिला सचिव का पद दे दिया गया। वहीं 16 जनवरी 2022 को अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली को आश्वासन भी दिया कि 2022 के विधानसभा चुनाव उपरांत पार्टी फंड से देने का आश्वासन दिया था। लेकिन चुनाव हारने के बाद अखिलेश अपना वायदा भूल गए।
*20 वर्षों से केवल मिलता रहा मो अली को आश्वासन*
इधर अली के माता पिता भी गुजर गए। करंट लगने के चलते वो कुछ काम भी नहीं कर पाता,तीन बेटियों में से एक का निकाह हो गया है जबकि दो बेटियों की इसपर जिम्मेदारी भी है। पत्नी ही इधर उधर कुछ काम करके किसी तरह जीवन यापन कर रही है। वही पीड़ित मो अली को अब केवल बाबा से उम्मीदें है!
सुल्तानपुर में आज अयोध्या मंडल के पहले मिली इंडोर स्टेडियम की आधारशिला रखी गई। इस दौरान सुल्तानपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने पूजा पाठ कर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। इस स्टेडियम के बन जाने से सुल्तानपुर के साथ साथ आस पास के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा और वे अपनी प्रतिभा निखार सकेंगे।
दरअसल पिछले काफी दिनों से सुल्तानपुर में मिनी इंडोर स्टेडियम की मांग की जा रही थी, जिसपर विधायक सुल्तानपुर एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने जिले से लेकर शासन तक पैरवी की। उसी का परिणाम रहा कि आज ये सपना साकार हो रहा है। नगर के राजकीय इंटर कालेज मैदान पर आज इसकी आधारशिला रखी गई। विधायक विनोद सिंह सहित तमाम शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों कर्मचारियों के साथ साथ कई नेता और कार्यकर्ता इसके साक्षी बने।
करीब 4 करोड़ 51 लाख की लागत से बनने वाले इस मिनी इंडोर स्टेडियम को बनाने का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड कार्यदाई संस्था को दिया गया है।
विधायक विनोद सिंह की माने तो अयोध्या मंडल का ये पहला मिनी इंडोर स्टेडियम है और इसके बन जाने से सुल्तानपुर सहित आस पास के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा और अपने खेल प्रतिभा को निखार सकेंगे। बाइट -विनोद सिंह विधायक सुल्तानपुर एवं पूर्व मंत्री
सुलतानपुर,जिलाधिकारी कुमार हर्ष व मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक द्वारा संयुक्त रूप से राज्य योजनान्तर्गत निर्माणाधीन कृष्ण प्रणामी मन्दिर, वि0ख0 बल्दीराय के पर्यटन विकास/सौदर्यींकरण कार्य का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा कार्य की प्रगति, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता परीक्षण आदि का अवलोकन कर जायजा लिया गया।
उक्त परियोजना कार्यदायी संस्था यू0पी0पी0सी0एल0 द्वारा कराया जा रहा है, जिसकी कुल निर्माण लागत रू. 1.07 करोड़ है, जिसके अन्तर्गत यात्री निवास, टॉयलेट ब्लाक, बाउण्ड्रीवाल प्लास्टर, इण्टरलाकिंग व कोटास्टोन का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। निरीक्षण के दौरान यात्री हॉल व टॉयलेट ब्लाक का निर्माण कार्य प्रगति पर पाया गया। इण्टरलाकिंग व कोटास्टोन का कार्य कराया जाना है।
जिलाधिकारी द्वारा कार्य की धीमी प्रगति के बारे में सम्बन्धित को निर्देशित करते हुए कहा गया कि कार्य में प्रगति लाते हुए कार्य को गुणवत्तापूर्ण व ससमय कराना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी बल्दीराय मंजुल मयंक, तहसीलदार भी उपस्थित रहे।
सुल्तानपुर/नगर पालिका की सफाई कर्मी दिन-रात झाड़ू मार कर शहर और गलियों को साफ करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं,तो वहीं शहर के कुछ दुकानदार ऐसे हैं जो सुबह उठते ही दुकान के अंदर की गंदगी और कचरे को बाहर सड़क पर लाकर शहर की सड़क गन्दा कर रहे। इस गैर जिम्मेदाराना हरकत पर न तो इनपर कार्रवाई हो रही न ही चालान।
आपको बता दें कि देर रात जब शहर की सड़क पर सन्नाटा हो जाता है तब नगर पालिका के सफाई कर्मी झाड़ू मारने और कूड़ा उठाने का काम करते हैं,लेकिन कुछ अराजक तत्व ऐसे हैं जो घरों और दुकानों के अंदर का कूड़ा निकलकर पॉलिथीन में भरकर और झाड़ू मारते हुए रोड पर जमा कर देते हैं।
इतना ही नही छतों से कूड़े की बमबारी का नजारा भी आते जाते राजगीरों को देखते हैं। कई बार तो बेजुबाँ मवेशी भी निवाले की खोज में इन पॉलिथीन को खा ले रहे हैं जिससे नगर पालिका का कार्य कर्मचारी तो प्रभावित हो ही रहा है साथ-साथ शहर की सड़क पर घूम रहे मवेशी भी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। लेकिन ऐसे लापरवाह जनता हो तो शहर और गांव की दशा आप जान सकते हैं।
*अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल*
इस मौके पर वरिष्ठ जिला महामंत्री अंबरीश मिश्रा ने डॉ सलिल श्रीवास्तव से मेडिकल कॉलेज की सुव्यवस्थित चिकित्सा व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए उनका साधुवाद किया, इसी क्रम में युवा नगर अध्यक्ष भोला सोनी ने डॉ ऐ के सिंह के द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान की सराहना करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष विजय प्रधान जी सर्राफा व्यवसाई कोषाध्यक्ष अमर चंद शाहू,जिला मंत्री शिव नाथ यादव, जिला मंत्री चांद भाई व जिला प्रभारी प्रवीण भालोठिया जी नगर अध्यक्ष मनीष कसौधन जी कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी जी जिला युवा के अध्यक्ष आकाश जयसवाल जी युवा नगर मंत्री शिवपूजन जी अमरचंद साहू जी आदि कार्यकर्ताओं ने सम्मान समारोह में सहभागिता दिखाई
सुल्तानपुर,हर रास्ते पर जाया जा सकता है, कुछ भी करके दिखलाया जा सकता है,अगर ठान लिया है कुछ करने का,तो हर मंजिल को पाया जा सकता है....
वरिष्ठ पदाधिकारी संत कुमार प्रधान के नेतृत्व में गए हुए 19 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंदिर परिसर के अगल-बगल भी जाकर लोगों को स्वच्छता का महत्व बताया,पहलगाम हादसे व ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस कार्यक्रम का एक मकसद लोगों को आतंकवाद का डट के मुकाबला करने को प्रेरित करना भी था।
प्रतिनिधि मण्डल में सन्तकुमार प्रधान,डॉ.कुवंर दिनकर प्रताप सिंह,संदीप कुमार सिंह,नितीश सिंह,निखिल कुमार सिंह,रणवीर सिंह,आनन्द वत्स,दिव्यांश,प्रान्जल, शिवांश,महिला मण्डल से नीतू सिंह,प्रेमलता सिंह,पूजा सिंह,अमृता,पूजा सिंह,अंजली सिंह,सिद्धी,शिखरआर्या,वेदांत आदि शामिल रहे।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्वशासीय चिकित्सा महाविद्यालय में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सुल्तानपुर के संयुक्त तत्वावधान में भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सीएमओ सुल्तानपुर डॉ भारत भूषण ने सुल्तानपुर में चिकित्सकों को स्वास्थ्य प्रशासन के साथ सहयोग के लिए आवाहन किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सलिल श्रीवास्तव ने स्वास्थ सेवाओं के बदलते परिवेश में HMIS ( ऑनलाइन प्प्रिस्क्रिप्शन) को अपनाने के बारे में जानकारी दी। IMA अध्यक्ष डॉ ए के सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और डॉ बी सी रॉय के महान और बहुमुखी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ आशीष ने चिकित्सकों के स्वास्थ को ठीक रखने के कुछ आसान नुस्खे बताए। डॉ जे पी सिंह ने चिकित्सक और चिकित्सकीय संगठनों में एकता के विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि एकता से ही चिकित्सक अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
इस अवसर पर IMA के सचिव डॉ अंकुर सेठ ने सुल्तानपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ वी एम के सिन्हा, डॉ इंदिरा सिंहा और डॉ ए सिंह को उनकी सेवा के लिए सम्मानित किया गया। जिला पुरुष चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ आर के मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। 1 जुलाई CA दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में सुल्तानपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट संतोष सिंह, अनुपम सिंह, सुनील शर्मा, और पीयूष टंडन को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में लगभग 250 चिकित्सक और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रबुद्ध जनों ने प्रतिभाग किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ पवन ने किया।
Jul 04 2025, 12:07
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