*उत्तरी लेन के 33 कटपाॅइंट होंगे बंद,हाईवे पर आने वाले 71 गांवों के सामने लगेंगे बैरियर*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। 11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण मास में वाराणसी - प्रयागराज हाईवे का उत्तरी लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित होगा। हाईवे के उत्तरी लेन के 33 कट पाॅइंट बंद किए जाएंगे। संपर्क मार्गों पर 71 जगहों पर बैरियर लगेंगे। जहां 24 घंटे पुलिस की तैनाती होगी। कट पाॅइंट व बैरियर की जिम्मेदारी ए‌न‌ए‌च‌आई और पीडब्ल्यूडी को सौंपी है। श्रावण मास में हर साल हाईवे के उत्तरी लेन को आरक्षित किया जाता है। कांवड़ियों को को परेशानी न हो इसके लिए प्रशासनिक स्तर से भी तैयारियां शुरू कर दी गई है। हाईवे की उत्तरी लेन को कांवड़ियों लेन बनाया जाएगा। प्रयागराज से वाराणसी के बीच भदोही में ऊंच से बाबूसराय तक कट पाॅइंट बंद होंगे। डीएम और एसपी ने ऊंज से लेकर बाबूसराय तक खा निरीक्षक किया। इससे वाहन उत्तरी से दक्षिणी या दक्षिण लेन से उत्तरी लेन पर न आ सकें। इसके अलावा सर्विसलेन पर कट पाॅइंट पर लगी अस्थाई दुकानें भी हटाई जाएंगी। उत्तर लेन पर आने के लिए 71 गांवों का रास्ता खुलता है,उन पर बैरिकेडिंग की जाएगी। हर बैरियर पर पुलिस कर्मियों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा प्रमुख जगहों पर साइनेज इत्यादि लगाएं जाएंगे।

क‌ई गांवों की बढ़ेगी परेशानी

हाईवे किनारे के 71 गांवों की परेशानी बढ़ेगी। इन्हें मुख्य बाजार या फिर अन्य जगहों पर जाने के लिए मार्गों का प्रयोग करना होगा। जिसमें माधोसिंह,घोसिया,नटवा,लालानगर, इटवा,गिराई, माधोरामपुर,ऊंज समेत कई ऐसे गांव हैं। जिन्हें उत्तरी लेन से दक्षिणी लेन पर जाने के लिए पहले फ्लाईओवर के नीचे जाने होगा। इसके बाद वे आगे बढ़ सकेंगे। इससे उनकी कम से कम 30 से 35 किमी की अतिरिक्त दूरी बढ़ेगी।‌

हाईवे के किनारों के मांस की दुकानें होंगी बंद

सावन भर ढाबा,होटल संचालक व कर्मियों की सूची बाहर की दीवार पर चस्पा कराई जाएगी। गांवों से निकलकर हाईवे पर आने वाले वाहनों के लिए बकायदा रुट चार्ट बन रहा है। हाईवे किनारे के मांस की दुकानों से बंद कराया जाएगा। कांवड़ियों के लिए बैठने,आराम करने, पेजयल की सुविधा का इंतजाम किया जा रहा है।

कांवड़ियों को यात्रा में परेशानी न इसकी तैयारी की जा रही है। हाईवे उत्तरी लेन पर पड़ने वाले हर कट पाॅइंट बंद होंगे। गांवों के रास्तों पर बैरिकेडिंग होंगी। मांस की दुकानें बंद होगी। प्रमुख जगहों पर साइनेज लगेंगे।

शैलेश कुमार डीएम भदोही

*दो दिनों में 1.65 मीटर बढ़ा जलस्तर, हर घंटे एक सेमी बढ़ रहीं गंगा*

बढ़ने लगी तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की धड़कनें, पक्के घाट से अभी भी है 30 मीटर दूर

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही ।पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश के बाद जिले में गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। दो दिनों में ही करीब 1.65 मीटर तक गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। इस समय एक सेमी प्रति घंटा के रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। गंगा तेजी से पक्के घाट की तरफ बढ़ रही हैं। हालांकि अब भी पक्के घाट से गंगा की दूरी 30 से 35 मीटर है। तटवर्ती इलाकों में बाढ़ को लेकर पुख्ता तैयारियों का दावा है। जिले की सीतामढ़ी का कोनिया क्षेत्र तीन ओर से गंगा से घिरा हुआ है। गंगा में जलस्तर में वृद्धि होने से तटवर्ती इलाकों में परेशानी होती है। जिले में गंगा के खतरे का निशान 84 मीटर है। हालांकि इस समय गंगा खतरे के निशान से काफी दूर हैं, लेकिन जलस्तर में वृद्धि तेज है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से गंगा तेजी से बढ़ रही हैं। सीतामढ़ी में केंद्रीय जल आयोग का मीटर गेज कार्यालय है। सीतामढ़ी गंगा में गेज लगाए गए हैं। जिससे जल स्तर की सही जानकारी मिलती है। चार दिनों पूर्व गंगा में रेत के टीले दिख रहे थे। वहीं अब पानी ही पानी दिखने लगा है। गंगा के जल स्तर सीतामढ़ी के स्नान घाट के करीब पहुंच गया है। इसको ऐसे कह सकते हैं कि स्नान घाट पर गंगा का पानी डेंजर पॉइंट पर है। इस समय स्नान करने वालों को बेहद सतर्क रहने की आवश्कता है, क्योंकि जरा सी लापरवाही से स्नानार्थी अचानक चार से पांच फीट गहरे पानी में पहुंच सकते हैं।

मेले के कारण घाट पर खूब हो रही है भीड़

जिले के प्रमुख धार्मिक एवं पौराणिक स्थल सीतामढ़ी में नौ दिवसीय लवकुश जन्मोत्सव नवमी मेला चल रहा है। ऐसे में मेले के कारण सीतामढ़ी में खूब भीड़ रही है। इस समय घाटों की तरफ तैनात पुलिस प्रशासन को खास सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। हालांकि गंगा घाट पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ जल पुलिस और गोताखोर की तैनाती है। ऐसे में स्नान करने वाले यात्रियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

दो दिनों में गंगा के जलस्तर ने 1.650 मीटर की वृद्धि हुई है। इस समय गंगा एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहीं हैं। केंद्रीय जल आयोग के मीटर गेज पर सीतामढ़ी में गंगा का जलस्तर 69.940 मीटर दर्ज किया गया। - सुधीर कुमार पाल, एक्सईएन, नहर।

*भदोही में इंडिया कार्पेट एक्सपो की नई तारीख:11-14 अक्टूबर को होगा आयोजन, अंतरराष्ट्रीय स्थिति के चलते बदला कार्यक्रम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सितंबर में भदोही में प्रस्तावित इंडिया कारपेट एक्सपो को एक महीने के लिए टाल दिया गया है। कारपेट एक्सपो पहले 18 से 21 सितंबर तक होना था, लेकिन अब यह 11 से 14 अक्तूबर को प्रस्तावित कर दिया गया है। यह निर्णय भदोही में हुए कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के बोर्ड बैठक में लिया गया। बोर्ड सदस्य ने कहा कि यह फैसला दुनिया में हालात ठीक नहीं होने तथा आयातकों से मिले फीडबैक के आधार पर लिया गया है। बैठक में परिषद के नए बाईलाज के अनुसार चुनाव कराने, कालीन मेले में मुख्यमंत्री को निमंत्रण देने सहित अन्य कई विषयों पर भी चर्चा हुई।

परिषद की प्रशासनिक समिति के सदस्य इम्तीयाज अंसारी ने बताया कि बोर्ड बैठक में चेयरमैन कुलदीप राज वाटल भी सम्मिलित हुए। बैठक में सदस्यों की ओर से आयातकों की ओर आ रहे फीड बैक पर चर्चा की गई। लगभग सभी का मत था कि ईरान-इस्राइल, अमरीका, रूस, यूक्रेन, कतर आदि देशों में हालात ठीक नहीं होने से अधिकतर खरीदार सितंबर में भारत आने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में बोर्ड सदस्यों की सहमति से कालीन मेले को अक्तूबर में आयोजित करने का निर्णय लिया। तय किया कि अब नए सिरे से दुनिया भर के आयातकों को निमंत्रण भेजा जाए साथ ही भारत के निर्यातकों को भी सूचित किया जाए।

बैठक में नए बाइलाज पर विस्तृत चर्चा की गई। तय किया गया कि अक्तूबर में कालीन मेले में आयोजन के बाद परिषद के उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। मार्ट में स्वचालित सीढ़ी लगाने में तेजी लाने के लिए लोगों ने जिलाधिकारी से भी आग्रह किया है। बैठक में परिषद के आय-व्यय समेत अन्य कई बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में परिषद की कार्यकारी निदेशक व सचिव डॉ. स्मिता नागरकोटि के अलावा सदस्यगण संजय गुप्ता, रवि पाटोदिया, पीयूष बरनवाल, असलम महबूब, रोहित गुप्ता, शेख आशिक, शौकत खान, दीपक खन्ना, सूर्यमणि तिवारी, मेहराज यासीन आदि लोग थे।

भदोही में पत्नी की गला काटकर हत्या कर युवक ने की सुसाइड की कोशिश

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है बताया जाता है की चाकू से गले पर हमला कर पति ने पत्नी को मौत के घाट उतारा उसके बाद पति ने खुद सिंदूर पीकर आत्महत्या का प्रयास किया आरोपी पति को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है । घटना सुरियावा थाना क्षेत्र के वारी गांव की है रोहित बिंद नाम के युवक ने अपनी पत्नी के गले पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी है । हत्या के बाद पति ने स्वयं घर में रखा सिंदूर पी लिया जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने पर उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने बताया कि 5 साल पहले रोहित की शादी बसंती नाम की लड़की से हुई थी पुलिस ने कहा की मृतिका के परिजनों का आरोप है कि दहेज के लिए उसकी हत्या की गई है। हालांकि पुलिस मामले में अन्य बिंदुओं पर भी जांच पड़ताल कर रही है पुलिस का कहना है कि परिजनों की तहरीर पर सुरियावां थाने में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और विभिन्न पहलुओं पर पुलिस मामले में जांच कर रही है।

20 लाख की आबादी पर एक ईएनटी विशेषज्ञ,दो अस्पतालों में पद खाली

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले की 20‌ लाख की आबादी पर ईएनटी ( नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ) चिकित्सक केवल एक है। जिला अस्पताल जैसे चिकित्सालय में भी ईएनटी का पद खाली है। मुख्यालय के पास स्थिति सौ शैय्या का भी यही हाल है। 

भदोही के एमबीएस अस्पताल में केवल एक चिकित्सक की तैनाती है। डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को निजी अस्पताल या जिले से बाहर इलाज के लिए जाना होता है। जिले की आबादी 20 लाख के आसपास है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला अस्पताल के साथ सौ शैय्या और भदोही एमबीएस जैसे बड़े अस्पतालों के अलावा छह सीएचसी और 17 पीएच‌एसी है। आज नाक, कान और गला जैसी बीमारियों की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों की तैनाती न होने से परेशानी दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

 जिला अस्पताल और एमबीएस में जहां एक - एक ईएनटी का है। वहीं 100 शैय्या में दो पद से सृजित है‌। भदोही के महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में तैनाती तो है, लेकिन 100 शैय्या और जिला अस्पताल में पद खाली है। जिला अस्पताल में करीब एक साल से ईएनटी का पद खाली है। वहीं सौ शैय्या के संचालन के बाद से अब तक नियुक्ति नहीं हो सकी। विशेषज्ञों के न होने से मरीजों को निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है। निजी अस्पताल न जाने वाले प्रयागराज और वाराणसी जैसे जिलों की ओर रूख करते हैं।

 अकेले जिला अस्पताल में देखा जाए तो हर दिन 30 से 35 मरीज पहुंच इएनटी के पहुंचते हैं। सौ शैय्या अस्पताल के सीएम‌एम डॉ सुनील पासवान ने बताया कि यहां दो पद सृजित है, लेकिन एक भी ईएनटी की तैनाती नहीं है। 

अस्पतालों में रिक्त पदों की सूचना को दी गई। शासन स्तर से ही ईएनटी चिकित्सकों की तैनाती होगी है। नियुक्ति का प्रयास किया जा रहा है। 

डॉ एसके चक सीएमओ भदोही

बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए:जिले में 1387 टीमें गठित, घर-घर जाकर करेंगी जागरूक

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले में बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए संचारी नियंत्रण अभियान शुरू किया गया है। जिलाधिकारी शैलेश कुमार,जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी बाल गोविंद शुक्ला और मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने हरी झंडी दिखाकर अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के लिए जिले में 1387 टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों ने स्वास्थ्य कर्मी,आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रधान शामिल हैं।

टीमें जिले के सभी नगरों और गांवों में जाएंगी। वे लोगों को संक्रामक रोगों से बचाव के उपाय बताएंगी। टीमें जल जमाव की समस्या पर विशेष ध्यान देंगी। जहां जल जमाव मिलेगा, वहां दवा के छिड़काव की व्यवस्था करवाएंगी। विद्यालयों के माध्यम से बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है। इससे वे अपने अभिभावकों को भी जागरूक कर सकेंगे।

*पूर्व सीएम अखिलेश यादव के जन्मदिन पर समाजवादियों ने किया रक्तदान, फल वितरण और पौधरोपण*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जन्मदिन पर मंगलवार को ज्ञानपुर जिला अस्पताल में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया।

पार्टी कार्यकर्ताओं ने बनवासी बस्ती में गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच फल वितरण भी किया। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से बनवासी बस्ती में 52 पौधे लगाए गए। कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से संतोष यादव, शैलेंद्र सिंह मंटू सिंह (जिला उपाध्यक्ष सपा), महेंद्र यादव (पूर्व प्रवक्ता), आनंद सोनकर, गौरव यादव, प्रदीप योगी, डॉक्टर नेबुलाल, दिलीप कनौजिया, अरुण मौर्य, सलाउद्दीन अंसारी, अंजनी सरोज, महेंद्र प्रजापति, केस नारायण, संतलाल, अशोक, सुरेंद्र, आशीष, हिमांशु, अखिलेश यादव, संदीप यादव, छविनाथ यादव, राजकुमार यादव, राहुल यादव, अशफाक, राजन यादव, प्रदीप यादव, दिनेश यादव, उमेश यादव, मुन्ना राम यादव, एडवोकेट उमेश यादव आदि शामिल रहे। पार्टी नेताओं ने अखिलेश यादव के दीर्घायु और स्वास्थ्य की कामना करते हुए समाजवादी विचारधारा को मजबूत करने का संकल्प लिया।

बिना पंजीकरण के कोचिंग संस्थान होंगे बंद

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही जिले में बिना पंजीकरण वाले कोचिंग संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कोचिंग संचालकों को एक जुलाई से पंजीकरण कराने का निर्देश दिया है। जिले में कुल 198 माध्यमिक और इंटर कॉलेज संचालित है। इनमें शिक्षकों की कमी के कारण पठन - पाठन प्रभावित होता है। इसी तरह से छात्र - छात्राएं कोचिंग संस्थानों का सहारा लेते हैं। ज्ञानपुर, गोपीगंज, सुरियावां,चौरी, महाराजगंज, जंगीगंज और भदोही में करीब 500 कोचिंग सेंटर है। इनमें से केवल 15-20 संस्थान ही पंजीकृत हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान के अनुसार, एक जुलाई से कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण शुरू होगा। संचालकों को 15 दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद ब्लॉक स्तर पर टीमें गठित कर कोचिंग सेंटरों की जांच की जाएगी। पंजीकरण न होने कोचिंग संस्थान बंद करा दिए जाएंगे। एक जुलाई से विद्यालयों में नया शैक्षाणिक सत्र शुरू होगा। इससे कोचिंग संस्थानों में विद्याथिर्यों की संख्या बढ़ने की संभावना है। विभाग ने पहले भी क‌ई बार चेतावनी दी थी। लेकिन अधिकतर संचालकों ने पंजीकरण नहीं कराया

*पहले सीएचसी से जिला अस्पताल, फिर काशी प्रयागराज रेफर होते हैं दुघर्टनाओं के 60% केस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में संसाधन, तो चिकित्सकों की कमी के कारण पहले सीएचसी से जिला अस्पताल और फिर यहां से बनारस और प्रयागराज मरीज रेफर कर दिए जा रहे हैं। इसमें दुर्घटना के 660 और प्रसव के 25 फीसदी मरीज शामिल हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को जिला अस्पताल रेफर किया जाता है। जिला अस्पताल रेफर होने आने वाले दुर्घटना के 60 और प्रसव के 25 फीसदी केस रेफर होते हैं। गंभीर होने पर उन्हें सीधे वाराणसी बीएचयू ट्रॉमा सेंटर, स्वरुपरानी प्रयागराज रेफर कर दिया जाता है। 90 फीसदी मरीज वाराणसी और 10 फीसदी प्रयागराज जाते हैं। रेफर में सबसे अधिक संख्या दुर्घटना में घायल मरीजों की है। जिले में तीन बड़े अस्पताल है। जिसमें महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल, सरपतहां का सौ शय्या और भदोही का एमबीएस अस्पताल है। इसके अलावा छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुरियावां, भदोही, भानीपुर, डीघ, औराई, गोपीगंज है। यहां औसतन 3500 से 4000 की ओपीडी प्रतिदिन होती है। वहीं 250 से 300 की इमरजेंसी केस होते हैं। इसमें रोजाना औसतन एक से दो मरीज जिला अस्पताल रेफर होते हैं। गोपीगंज सीएचसी से हर महीने 125 से 135 मरीज रेफर होते हैं। वहीं अन्य सीएचसी पर यह संख्या 20 से 25 है। सीएचसी से जिला अस्पताल आने वाले मरीजों में 60 फीसदी दुर्घटना में घायल, 25 फीसदी प्रसव पीड़िता तो 15 फीसदी गंभीर मरीजों के होते हैं। सीएचसी के डॉक्टर सीधे मरीज को बीएचयू, प्रयागराज रेफर नहीं कर सकते हैं। उन्हें पहले जिला अस्पताल भेजते हैं। यहां से मरीज को रेफर किया जाता है। सुरियावां, भानीपुर में आर्थों के डॉक्टर न होने के कारण मरीज जिला अस्पताल भेज दिए जाते हैं। वहीं डीघ, भदोही में संसाधनों का अभाव है।

हर महीने 55 से 65 मरीज, वाराणसी रेफर

जिला अस्पताल से हर महीने करीब 55 से 60 मरीज, तो भदोही एमबीएस 25 से 30 मरीज वाराणसी रेफर होते हैं। आर्थो, ट्राॅमा, सर में गंभीर चोट के मरीज रेफर होते हैं। कारण यह है कि विशेषज्ञ डॉक्टर का न होना है। एमबीएस में आर्थों के डॉक्टर नहीं है। वहीं जिला अस्पताल में तीन आर्थों के डॉक्टर हैं। एमबीएस में अप्रैल में 45, मई में 29 और 26 जून तक 20 मरीज रेफर किए गए। इसी तरह जिला अस्पताल में 26 मई से 26 जून तक 55 मरीज रेफर किए गए। अधिकतर दुर्घटना में घायल मरीज है। सीएचसी भदोही के अधीक्षक डाॅ. समीर उपाध्याय ने बताया कि कई बार मरीज के परिजन भय के मारे रेफर कराने पर जोर देते हैं। आईसीयू की व्यवस्था नहीं है।

कहां से कितने मरीज रेफर

जिला अस्पताल - 55

भदोही एमबीएस - 30

गोपीगंज - 135

सुरियावां - 25

डीघ - 30

भानीपुर - 15

केस 1- दो महीने पूर्व जिला अस्पताल से एक प्रसव पीड़िता का ऑपरेशन किया गया। गंभीर केस होने पर उसे वाराणसी रेफर कर दिया गया। गोपीगंज पहुंचते पहुंचते ही पीड़िता की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया।

केस 2 - चार दिन पहले

वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर दो ट्रेलर भिड़ गए। इससे चालक केबिन में फंस गया। गंभीर अवस्था में उसे गोपीगंज सीएचसी लाया गया। जहां चिकित्सक उसे सीधे वाराणसी के बजाय जिला अस्पताल रेफर किए। यहां आने के बाद उसे वाराणसी रेफर किया गया।

पहले की अपेक्षा अब रेफर केस में कमी आई है। मरीजों का सुमुचित उपचार स्वास्थ्य केंद्र पर विशेषज्ञ कर रहे हैं। केवल गंभीर मरीजों को ही रेफर किया जाता है

डॉ. एसके चक, सीएमओ, भदोही।

सरकारी अस्पतालों में दलालों पर कार्रवाई:बिचौलियों का प्रवेश बंद, जांच और दवाओं की मनमानी पर रोक

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में दलालों और बिचौलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों से आ रही शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी सरकारी अस्पतालों में बिचौलियों और दलालों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके लिए अस्पतालों में विशेष पोस्टर लगाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ऐसे लोगों पर नजर रख रही है जो मरीजों से अवैध वसूली करते हैं। पहले मरीजों को बाहर की दवाएं और जांच कराने के लिए मजबूर किया जाता था।

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के बाद अब दलालों का अस्पताल में आना-जाना बंद हो गया है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार, पहले ये दलाल अस्पतालों में पूरी तरह हावी थे।‌उच्च शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी अस्पताल अधीक्षकों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई बिचौलिया या दलाल अस्पताल में पाया जाता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।