झांसी के राधा कृष्ण एवं मनकामेश्वर मंदिर के पर्यटन विकास पर 58 लाख रु0 खर्च होंगे : जयवीर सिंह
लखनऊ । बुंदेलखंड का झांसी जनपद विविधताओं से भरा हुआ है। वीरों की धरती झांसी धार्मिक पर्यटन में भी विशेष स्थान रखता है। जनपद के टौरिया नरसिंह राव क्षेत्र स्थित प्राचीन श्री श्री 1008 राधा कृष्ण एवं मनकामेश्वर मंदिर स्वयं में अनूठा है। श्री श्री 1008 राधा कृष्ण मंदिर को प्रेम की प्रतिमूर्ति के रूप में पूजा जाता है। उप्र पर्यटन विभाग मंदिर का पर्यटन विकास करने जा रही है, जिसके लिए धनराशि स्वीकृत हुई है।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया, धार्मिक पर्यटन में प्रदेश नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। झांसी का श्री श्री 1008 राधा कृष्ण एवं मनकामेश्वर मंदिर अपनी ऐतिहासिकता और विशिष्ट धार्मिक पहचान की वजह से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस परियोजना के तहत स्थल के सौंदर्यीकरण, सुविधाओं के विकास, आगंतुकों के लिए आवश्यक संरचनाओं सहित अन्य कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, मूलभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छता, बैठने की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था तथा सड़कों के सुदृढ़ीकरण आदि पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

श्री सिंह ने बताया कि झांसी जिले के ऐतिहासिक टौरिया नरसिंह राव क्षेत्र स्थित प्राचीन स्थल के पर्यटन विकास का कार्य शीघ्र ही आरंभ होने जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर कुल 57.95 लाख रुपए की लागत आएगी। मंदिर में भक्तों को भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के दर्शन होते हैं। अपने आराध्य के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दराज के इलाकों से आते हैं। यहाँ प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक झांसी आते हैं। पर्यटकों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की होती है जो मंदिर दर्शन को अवश्य जाते हैं। जन्माष्टमी सहित अन्य अवसरों पर प्राचीन श्री श्री 1008 राधा कृष्ण मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। इसी तरह, मनकामेश्वर मंदिर का भी पर्यटन विकास होने जा रहा है। पर्यटक, रेल और सड़क मार्ग के जरिए आसानी से इन स्थलों तक पहुंच सकते हैं।
दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नगर निकायों की दुकानों में मिलेगा आरक्षण
दिव्यांगजनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में योगी सरकार का महत्वपूर्ण कदम

नगर निगम और सूडा को निर्देश, पुनर्वास योजना के तहत दिव्यांगजनों को मिलेगा दुकान संचालन का अवसर

निर्धारित आरक्षण नीति के तहत किया जाएगा दुकानों और कीऑस्कों का आवंटन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने नगर निगमों और नगर पंचायतों में बनने वाली दुकानों और कीऑस्कों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत नगर निगम और सूडा (राज्य शहरी विकास प्राधिकरण) को निर्देश दिए गए हैं कि वे पुनर्वास योजना के तहत दुकानों का आवंटन प्राथमिकता से दिव्यांगजनों को करें।

प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने मंगलवार को विधानसभा में अपने कार्यालय में नगर निगम और सूडा के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दुकानों और कीऑस्कों का आवंटन निर्धारित आरक्षण नीति के तहत किया जाए और इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर पात्र दिव्यांगजनों तक जानकारी पहुंचाई जाए।


मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बैठक में जोर देकर कहा कि नगर निगम और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग संयुक्त रूप से एक नई योजना का प्रस्ताव तैयार करें, जिसके तहत शहरों में दिव्यांगजनों के लिए विशेष रूप से दुकानें बनाई जाएं और उन्हें संचालन का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का  निर्देश है कि दिव्यांगजनों को न केवल शिक्षित किया जाए, बल्कि उन्हें स्वावलंबी और आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया जाए।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में दुकान निर्माण एवं संचालन योजना के तहत 1318 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 199 दिव्यांगजनों को 19.90 लाख रुपये व्यय कर लाभान्वित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, जनपद स्तर पर 766 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी समीक्षा कर शीघ्र ही आवंटन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
ओमैक्स न्यू हज़रतगंज बना अराजकता का केंद्र, होम स्टे व्यवसायी पर जानलेवा हमला

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के पॉश इलाकों में गिने जाने वाले ओमैक्स न्यू हज़रतगंज की साख इन दिनों लगातार गिरती जा रही है। यह प्रतिष्ठित रिहायशी परिसर अब गुंडागर्दी, नशाखोरी और असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। ताजा मामला गत दिवस का है, जब परिसर में होम स्टे व्यवसाय से जुड़े अर्पित शुक्ल पर जानलेवा हमला किया गया।

सूत्रों के अनुसार, अर्पित शुक्ल को दीपांशु नामक युवक ने एक बुकिंग को लेकर कॉल किया। आपसी बातचीत और बुकिंग के विवाद के चलते जब अर्पित अपने मैनेजर प्रिंस झा के साथ मौके पर पहुँचे, तो पहले से मौजूद दीपांशु, विवेक, आयुष, अमन, योगेश, वैभव और अन्य युवकों ने उन पर अचानक हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमलावर नशे की हालत में थे और उन्होंने प्रिंस झा की बेरहमी से पिटाई की।

इस घटना ने परिसर में रह रहे निवासियों और व्यापारियों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों का कहना है कि ओमैक्स की प्रशासनिक लापरवाही के चलते असामाजिक तत्वों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। खास बात यह है कि घटना को कई दिन बीत चुके हैं, फिर भी अभी तक हमलावरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए मजबूत किया जाए। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो ओमैक्स न्यू हज़रतगंज की पहचान एक सुरक्षित परिसर की जगह, अराजकता के गढ़ के रूप में हो जाएगी।
अनफिट स्कूल वाहनों पर होगी सख्त कार्रवाई

* 01 से 15 जुलाई तक पूरे प्रदेश में चलेगा विशेष अभियान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए परिवहन विभाग ने अनफिट स्कूल वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। 1 जुलाई से 15 जुलाई तक पूरे उत्तर प्रदेश में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें स्कूल वाहनों की फिटनेस की जांच की जाएगी। इस अभियान के अंतर्गत अनफिट पाए गए वाहनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

परिवहन विभाग के अनुसार, यदि कोई स्कूल वाहन तकनीकी रूप से असुरक्षित पाया जाता है, तो न केवल वाहन मालिक बल्कि संबंधित स्कूल प्रशासन पर भी कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) की टीमें प्रदेशभर में स्कूलों और सड़कों पर औचक निरीक्षण करेंगी। जांच के दौरान वाहनों की ब्रेकिंग सिस्टम, टायर, एलपीजी/सीएनजी फिटिंग, फर्स्ट एड बॉक्स, फायर सेफ्टी उपकरण, ओवरलोडिंग आदि की विशेष रूप से जांच की जाएगी।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में सामने आए सड़क हादसों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सके।

परिवहन विभाग ने सभी स्कूल प्रबंधनों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने वाहनों की समय पर फिटनेस जांच कराएं और आवश्यक सुधार कार्य समय रहते पूरा करें। इस अभियान का उद्देश्य न केवल नियमों का पालन कराना है, बल्कि बच्चों को एक सुरक्षित परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करना भी है।

कौशल विकास को मिलेगी नई उड़ान, 62 और आईटीआई में बनेंगी टाटा टेक्नोलॉजीज की वर्कशॉप

* मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप बढ़ेगा युवाओं को रोजगार देने का रास्ता लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश में युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। प्रदेश सरकार ने टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (TTL) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया है, जिसके तहत अब 62 नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में आधुनिक वर्कशॉप स्थापित की जाएंगी। इससे पहले 149 आईटीआई में वर्कशॉप की स्थापना हो चुकी है, जहां प्रशिक्षण कार्य प्रगति पर है। यह पहल न केवल युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाएगी, बल्कि उन्हें मारुति सुजुकी, महिंद्रा, टाटा मोटर्स, विप्रो, इनफोसिस, रिलायंस जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी। व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि 5 उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना भी की जा रही है, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता और रोजगार क्षमता में उल्लेखनीय सुधार आएगा। प्रदेश में कुल 334 आईटीआई कार्यरत हैं, जिनमें से 76 पीपीपी मोड पर संचालित हैं। इनके अतिरिक्त, निजी क्षेत्र में 3,230 संस्थान युवाओं को 118 से अधिक ट्रेडों में प्रशिक्षण दे रहे हैं। आईटीआई के माध्यम से न केवल रोजगार के अवसर सुलभ हैं, बल्कि स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार की मुद्रा योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री का विशेष जोर स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन पर है। इसके लिए रेलवे, सेना, नौसेना, पीडब्लूडी, सिंचाई विभाग, बीएचईएल, एचएएल, ओएनजीसी, एनटीपीसी जैसी संस्थाओं में भी अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए विशेष आईटीआई भी संचालित हैं। महिलाओं के लिए 12 विशिष्ट आईटीआई और 47 महिला शाखाएं हैं, जबकि 43 अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में और 84 एससी/एसटी के लिए विशेष संस्थान कार्यरत हैं।
महिलाओं के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी" विषयक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा 30 जून 2025 को "परिवार कल्याण विभाग की ओर से प्रदेश की महिलाओं के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी" विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही, जिसकी अध्यक्षता आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान द्वारा की गई।

कार्यशाला का औपचारिक शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के माध्यम से किया गया, जिसमें आयोग की माननीय अध्यक्ष के साथ-साथ माननीय सदस्यगण तथा परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. शालू गुप्ता ने सहभागिता की। कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ. शालू गुप्ता ने प्रदेश में महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं कल्याण से संबंधित प्रमुख योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इनमें जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK), किशोरी सुरक्षा योजना, मैन्स्ट्रुअल हाइजीन कार्यक्रम (राज्य सरकार योजना), नियमित टीकाकरण अभियान, 102 राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा, परिवार नियोजन कार्यक्रम सहित कई अन्य महिला और बाल स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं सम्मिलित रहीं। डॉ. गुप्ता ने न केवल योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की, बल्कि उनके जमीनी क्रियान्वयन, लाभान्वित लक्षित समूहों एवं विभागीय समन्वय की भी संक्षिप्त व्याख्या की।

अध्यक्ष व आयोग के पदाधिकारियों ने कार्यशाला के दौरान यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया कि इन योजनाओं की जानकारी प्रदेश की हर महिला तक पहुँचाना आयोग की प्राथमिकता है। आगामी जनसुनवाई कार्यक्रमों व जागरूकता चौपालों में इन योजनाओं को प्रभावी रूप से प्रचारित करने पर विशेष बल दिया गया, जिससे ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों की महिलाएं भी इन सुविधाओं का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकें।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में राज्य महिला आयोग की मासिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान सहित सभी पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में विगत माह मिशन-शक्ति 4.0 के अंतर्गत विभिन्न जिलों में आयोजित महिला जनसुनवाई एवं निरीक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त आगामी माह में प्रस्तावित कार्यक्रमों की कार्ययोजना पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि आयोग द्वारा संचालित गतिविधियाँ न केवल महिला कल्याण की दिशा में प्रभावशाली सिद्ध हों, बल्कि उन्हें त्वरित रूप से न्याय व सहयोग भी प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की माननीय अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान के साथ-साथ सदस्यगण सुनीता श्रीवास्तव, अंजू प्रजापति, पूनम द्विवेदी, अनीता गुप्ता, अनुपमा सिंह लोधी, सुजीता कुमारी, मीना कुमारी, नीलम प्रभात, गीता बिन्द, गीता विश्वकर्मा, पुष्पा पाण्डेय, डॉ. प्रियंका मौर्य, मीनाक्षी भराला, ऋतु शाही, सुनीता सैनी, एकता सिंह, अर्चना पटेल, श्रीमती जनक नंदिनी, प्रतिभा कुशवाह, रेनू गौड़, अवनी सिंह, सपना कश्यप, संगीता जैन सहित परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. शालू गुप्ता एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

पांच महीनों से नहीं हो पायी डीआईओएस (द्वितीय) की नियुक्ति
- डीआईओएस (द्वितीय) के ना होने से बाबूओं की है मौज

- बालिका विद्यालयों के मामले में हो रहे हैं उल्टे सीधे फैसले
लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले 5 महीने से जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) की नियुक्ति नहीं हो पाई है, इसका सीधा असर राजधानी के 50 ऐडेड बालिका विद्यालयों और राजकीय के भी करीब 25 विद्यालयों पर असर पड़ रहा है। हाल यह है कि जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) के ना होने से सारा काम जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम) राकेश कुमार पांडे और उनके बाबूओं की टीम देख रही है, ऐसे में बाबूओं की मौज है। बालिका विद्यालय से जुड़े मामलों की फाइलें अपने हिसाब से बढ़ाई जा रही है, जिसके चलते उल्टे सीधे फैसले हो रहे हैं।

प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में भले ही बालिकाएं सबसे ऊपर हों लेकिन मध्यमिक शिक्षा विभाग पर इसका कोई असर नहीं दिखता। राजधानी में जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) की नियुक्ति पिछले 5 महीनों से नहीं हो पा रही है। जनवरी-2025 में जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) रहे रावेन्द्र सिंह बघेल के सेवानिवृत होने के बाद से बालिका विद्यालय के 50 स्कूलों का काम भी जिला विद्यालय निरीक्षक प्रथम राकेश कुमार पांडे ही संभाल रहे हैं। राकेश कुमार पांडे के पास पहले से ही बालक विद्यालयों के 50 और राज्य के भी करीब 20-25 स्कूल है। इसके अलावा भी सरकारी व अन्य काम भी उनके जिम्मे है। हाल यह है कि हजरतगंज स्थित बिशुन नारायण इंटर कॉलेज की बिल्डिंग जर्जर होने की वजह से 10 महीने पहले ही ढहा दी गई, लेकिन यहां कागजों पर पढ़ाई अभी तक चल रही है कल एक जुलाई से यहां पर फिर से पढ़ाई शुरू होनी है तेज बारिश है, लेकिन उसके बावजूद यहां के ना तो टीचर शिफ्ट किया जा रहे हैं न ही बच्चे, लेकिन कागजों पर स्कूल चल रहा है। ठीक ऐसे ही हुसैनगंज स्थित चुटकी भंडार गर्ल्स इंटर कॉलेज का भी हाल है, यहां की बिल्डिंग भी पूरी तरह से जर्जर है लेकिन मैनेजर से मिली भगत के चलते राकेश कुमार पांडे का जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय स्कूल को बनाए रखने में गर्व का अनुभव कर रहा है। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में भले ही बालिकाएं सबसे ऊपर हो लेकिन राकेश कुमार पांडे के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की प्राथमिकता में स्कूल के मैनेजर ही हैं। बिना बिल्डिंग के चाहे वह बिशुन नारायण इंटर कॉलेज हो या जर्ज़र बिल्डिंग वाला चुटकी भंडार गर्ल्स इंटर कॉलेज। मजेदार बात यह भी है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग पिछले 5 महीने से जिला विद्यालय निरीक्षक की नियुक्ति नहीं कर पा रहा है या तो विभाग से काबिल अफसर खत्म हो गए हैं या फिर यहां के अधिकारी शासन तक सही बात नहीं पहुंचा रहे हैं कि ज्यादा काम होने के कारण नए जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) की जरूरत कितनी है।
आम महोत्सव-2025: 04 से 06 जुलाई तक अवध शिल्पग्राम, लखनऊ में होगा आयोजन

* किसानों, स्टार्टअप्स व उद्यमियों को मिलेगा साझा मंच

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का बहुप्रतीक्षित आम महोत्सव-2025 आगामी 04 से 06 जुलाई तक लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में आयोजित किया जाएगा। इस तीन दिवसीय महोत्सव में आम की विशिष्ट किस्मों और उससे जुड़े उत्पादों का व्यापक प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रदेश के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सोमवार को महोत्सव स्थल का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आम की अनोखी प्रजातियों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों के आम लाने-ले जाने की समुचित व्यवस्था हो, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मंत्री ने बताया कि महोत्सव के दौरान विशेष तकनीकी सत्रों का आयोजन होगा, जिसमें विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान अपने अनुभव साझा करेंगे। इन सत्रों में आधुनिक बागवानी तकनीक, प्रसंस्करण, और निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी, जिससे किसान कम लागत में बेहतर उत्पादन कर सकें।

कार्यक्रम में आम व्यंजन प्रतियोगिता, बागवानी नवाचार स्टॉल, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। उद्यान मंत्री ने निर्देश दिए कि इस बार महोत्सव को पिछले वर्षों की अपेक्षा और बेहतर व तकनीकी रूप से उन्नत रूप में प्रस्तुत किया जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बी.एल. मीणा, निदेशक बी.पी. राम, एवं संयुक्त निदेशक सर्वेश कुमार व राजीव वर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

यह महोत्सव किसानों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों को एक सम्मानजनक व प्रेरक मंच प्रदान करेगा, जो उन्हें सरकारी योजनाओं व तकनीकी नवाचारों से भी जोड़ेगा।
महिलाओं के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी विषयक कार्यशाला सम्पन्न
योजनाओं की जानकारी प्रदेश की हर महिला तक पहुँचाना आयोग की प्राथमिकता

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा सोमवार को “परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश की महिलाओं के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी“ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही, जिसकी अध्यक्षता आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान द्वारा की गई। कार्यशाला का औपचारिक शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के माध्यम से किया गया, जिसमें आयोग की अध्यक्ष के साथ-साथ सदस्यगण तथा परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. शालू गुप्ता ने सहभागिता की।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ. शालू गुप्ता ने प्रदेश में महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं कल्याण से संबंधित प्रमुख योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इनमें जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम , किशोरी सुरक्षा योजना, मैन्स्ट्रुअल हाइजीन कार्यक्रम (राज्य सरकार योजना), नियमित टीकाकरण अभियान, 102 राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा, परिवार नियोजन कार्यक्रम सहित कई अन्य महिला और बाल स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं सम्मिलित रहीं। डॉ. गुप्ता ने न केवल योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की, बल्कि उनके जमीनी क्रियान्वयन, लाभान्वित लक्षित समूहों एवं विभागीय समन्वय की भी संक्षिप्त व्याख्या की।

अध्यक्ष व आयोग के पदाधिकारियों ने कार्यशाला के दौरान यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया कि इन योजनाओं की जानकारी प्रदेश की हर महिला तक पहुँचाना आयोग की प्राथमिकता है। आगामी जनसुनवाई कार्यक्रमों व जागरूकता चौपालों में इन योजनाओं को प्रभावी रूप से प्रचारित करने पर विशेष बल दिया गया, जिससे ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों की महिलाएं भी इन सुविधाओं का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकें।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में राज्य महिला आयोग की मासिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आयोग की माननीय अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान सहित सभी पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में विगत माह मिशन-शक्ति 4.0 के अंतर्गत विभिन्न जिलों में आयोजित महिला जनसुनवाई एवं निरीक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त आगामी माह में प्रस्तावित कार्यक्रमों की कार्ययोजना पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि आयोग द्वारा संचालित गतिविधियाँ न केवल महिला कल्याण की दिशा में प्रभावशाली सिद्ध हों, बल्कि उन्हें त्वरित रूप से न्याय व सहयोग भी प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान के साथ-साथ सदस्यगण श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, श्रीमती अंजू प्रजापति, श्रीमती पूनम द्विवेदी, श्रीमती अनीता गुप्ता, श्रीमती अनुपमा सिंह लोधी, श्रीमती सुजीता कुमारी, श्रीमती मीना कुमारी, श्रीमती नीलम प्रभात, श्रीमती गीता बिन्द, श्रीमती गीता विश्वकर्मा, श्रीमती पुष्पा पाण्डेय, डॉ. प्रियंका मौर्य, श्रीमती मीनाक्षी भराला, श्रीमती ऋतु शाही, श्रीमती सुनीता सैनी, श्रीमती एकता सिंह, श्रीमती अर्चना पटेल, श्रीमती जनक नंदिनी, श्रीमती प्रतिभा कुशवाह, श्रीमती रेनू गौड़, श्रीमती अवनी सिंह, श्रीमती सपना कश्यप, श्रीमती संगीता जैन सहित परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. शालू गुप्ता एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
मऊ की मुस्कान बनेगी अब मऊ की पहचान
* * गुंडागर्दी नहीं, अब मेधा और हुनर से जानी जाएगी मऊ: मंत्री ए.के. शर्मा

मऊ/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने मऊ जनपद के घोसी क्षेत्र में आयोजित एक भव्य प्रतिभा सम्मान समारोह में भाग लिया और जिले के 24 विद्यालयों के 176 मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं साइकिल प्रदान कर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन मझवारा मोड़ स्थित परिषदीय जूनियर हाई स्कूल में किया गया।

सम्मानित विद्यार्थियों में 56 छात्र एवं 120 छात्राएं शामिल थीं, जिनमें 103 हाई स्कूल और 73 इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं थे। इस अवसर पर ‘मऊ की मुस्कान’ अभियान के तहत मंत्री ने मऊ को एक शांत, शिक्षित और प्रगतिशील पहचान दिलाने के अपने संकल्प को दोहराया।

श्री शर्मा ने कहा, मऊ की पहचान अब माफिया, गुंडों और हथियारों से नहीं, बल्कि मेधा, गुण और हुनर से होगी। मेरा सपना है कि मऊ मुस्कराए — और उसी दिशा में हम कार्य कर रहे हैं।"

इस सम्मान समारोह का आयोजन अवादा फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। हाई स्कूल 2025 के टॉप 10 छात्रों में शुभम सिंह (प्रथम), सूरज मौर्य एवं नैंसी जायसवाल (द्वितीय), आंसू चौहान, सुकृति यादव, और सान्या राय (तृतीय) रहे। इंटरमीडिएट में नीरज पासवान (प्रथम), आंचल मौर्य (द्वितीय), सुधीर (तृतीय), रोली पाठक, गुंजन यादव, एवं गौरव प्रजापति सम्मानित हुए।

अपने संबोधन में मंत्री ने यह भी कहा: भारत अब अभाव नहीं, प्रभाव वाला देश बन रहा है। हमारे बच्चे गूगल-माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। यही बच्चे भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे।"

मंत्री ने विद्यार्थियों को जीवन में सफलता हेतु संघर्ष, संस्कार, और सकारात्मक सोच का पाठ पढ़ाया और कहा कि ग्रामीण अंचल में प्रतिभा की कमी नहीं है, उन्हें सिर्फ सही अवसर मिलने चाहिए।


कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष रामाश्रय मौर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, नगर पंचायत अध्यक्ष मुन्ना गुप्ता, सहकारी बैंक अध्यक्ष अखिलेश तिवारी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष प्रवीण गुप्ता, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों, तथा अवादा फाउंडेशन के प्रतिनिधि सोम प्रकाश बंसल सहित हजारों लोग उपस्थित रहे।