यूपी सरकार ने बदले पांच इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम
* नई पहचान से शिक्षा को मिलेगा नया आयाम
* राज्यपाल की मंजूरी के बाद नए नाम हुए प्रभावी

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के पांच राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम बदल दिए हैं। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब ये कॉलेज नई पहचान और सांस्कृतिक-सामाजिक विरासत के प्रतीकों के नाम से जाने जाएंगे। सरकार का कहना है कि यह पहल न केवल शैक्षणिक संस्थानों की पहचान को मजबूत करेगी, बल्कि विद्यार्थियों को प्रेरणा देने का भी कार्य करेगी।
नए नाम इस प्रकार हैं: प्रयागराज (प्रतापगढ़) स्थित कॉलेज का नाम अब होगा –
"भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर इंजीनियरिंग कॉलेज", मिर्जापुर स्थित कॉलेज का नाम किया गया –"सम्राट अशोक इंजीनियरिंग कॉलेज", बस्ती स्थित कॉलेज का नाम बदलकर किया गया –"भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल इंजीनियरिंग कॉलेज", गोंडा का राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अब जाना जाएगा –"मां पाटेश्वरी देवी इंजीनियरिंग कॉलेज", मैनपुरी स्थित कॉलेज का नया नाम है –"लोकमाता देवी अहिल्या बाई होलकर इंजीनियरिंग कॉलेज"।
सरकार का कहना है कि यह नाम परिवर्तन केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि संस्थानों के शैक्षणिक विकास और मूल्यों के अनुरूप प्रेरणादायक माहौल निर्मित करने की दिशा में एक कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यह परिवर्तन छात्रों को देश की महान विभूतियों से जोड़ने और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का अवसर देगा। शिक्षा विभाग जल्द ही इन कॉलेजों की पहचान के अनुरूप संस्कृतिपरक कार्यक्रमों और प्रेरक पाठ्यक्रमों को भी लागू करने की योजना पर काम कर रहा है।
यूपी पुलिसकर्मी सीखेंगे टेरर फंडिंग पर रोक लगाने की तकनीक
गाजियाबाद स्थित सीडीटीआई में 8 सितंबर से शुरू होंगे विशेष प्रशिक्षण कोर्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मी अब आतंकवाद से जुड़ी फंडिंग को रोकने की तकनीक सीखेंगे। नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, गाजियाबाद में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है।
यह प्रशिक्षण 8 सितंबर से 5 दिसंबर 2025 तक चलेगा, जिसमें बेसिक, इंटरमीडिएट और एडवांस तीन स्तरों के कोर्स शामिल होंगे। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आतंकवाद के वित्तीय नेटवर्क को समझना और प्रभावी तरीके से उस पर रोकथाम करना है।
इन कोर्सों के लिए राज्य पुलिस बलों से सिपाही से लेकर एडिशनल एसपी रैंक तक के अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम मांगे गए हैं। प्रशिक्षण में टेरर फंडिंग के मॉड्यूल, डिजिटल ट्रांजेक्शन की निगरानी, हवाला नेटवर्क की पहचान, क्रिप्टो करेंसी के दुरुपयोग जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मुंबई हमले के बाद आतंकी गतिविधियों में फंडिंग के जरिए बढ़ोत्तरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने एनसीटीसी की स्थापना की थी। अब इस दिशा में पुलिसकर्मियों को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित करने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकी फंडिंग रोकना आतंकवाद से लड़ने की सबसे अहम कड़ी है। इस प्रशिक्षण से यूपी पुलिस की साइबर और इकोनॉमिक क्राइम विंग को नई तकनीकी दक्षता हासिल होगी और आतंकवाद के खिलाफ राज्य की रणनीतिक क्षमता को मजबूती मिलेगी।
श्रावस्ती को वैश्विक बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने को सरकार प्रतिबद्ध : जयवीर सिंह

-- महामंगोल बौद्ध विहार में लगेगी फसाड लाइटिंग, 80 लाख की परियोजना स्वीकृत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार श्रावस्ती को एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में श्रावस्ती स्थित महामंगोल बौद्ध विहार परिसर में फसाड लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है, जिसके लिए 80 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है।
फसाड लाइटिंग की स्थापना से भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा और परिसर की भव्यता अब रात में भी स्पष्ट दिखाई देगी। यह न केवल श्रद्धालुओं बल्कि आम पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बनेगा। पर्यटन विभाग की योजना है कि बौद्ध स्थलों को पर्यटक अनुकूल बनाया जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले आगंतुकों को एक समृद्ध और यादगार अनुभव मिले।
जयवीर सिंह ने बताया कि श्रावस्ती न केवल एक प्राचीन नगर है, बल्कि यह बौद्ध, जैन और सनातन धर्मों की साझा विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। भगवान बुद्ध ने अपने जीवन के सबसे अधिक वर्षावास श्रावस्ती में व्यतीत किए थे, जिससे यह स्थान बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। फसाड लाइटिंग के तहत 360 डिग्री से प्रकाश की ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे परिसर सभी कोणों से भव्य नजर आएगा। त्योहारों और विशेष अवसरों पर थीम आधारित रोशनी की भी योजना है।
2024 में 1.27 लाख पर्यटक श्रावस्ती आए, जिनमें से 6,682 विदेशी थे। विभाग को उम्मीद है कि इन प्रयासों से न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि श्रावस्ती को वैश्विक धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान मिले।
अलीगढ़, हरदोई और बाराबंकी की तीन कम्पनियों को दी जाएगी 169.60 करोड़ की प्रोत्साहन राशि
- औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने विभागीय प्रस्ताव पर दी स्वीकृति

- उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन नीति के तहत कम्पनियों को दी जा रही है प्रोत्साहन राशि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने एवं निवेश व निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किए गए औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत जनपद अलीगढ़, हरदोई और बाराबंकी की तीन कम्पनियों को 169.60 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने शुक्रवार को औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। अब जल्द ही प्रोत्साहन राशि तीनों कंपनियों को प्रदान की जाएगी।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश कर उद्योग बढ़ाने के लिए मेसर्स जेके सीमेंट लीमिटेड अलीगढ़ को 21 करोड़ 39 लाख 13 हजार 970 रूपए, मेसर्स वरूण बेवरेजेज लिमिटेड हरदोई को 66 करोड़ 34 लाख 22 हजार 136 रूपए और मेसर्स एसएलएमजी बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड बाराबंकी को 81 करोड़ 87 लाख 03 हजार 25 रूपए की प्रोत्साहन प्रदान किए जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की। मंत्री नन्दी ने कहा कि इस प्रोत्साहन राशि से उद्योगों को और बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मंत्री नन्दी ने कहा कि 2017 से पहले जहां उत्तर प्रदेश से उद्योग धंधों का पलायन हो रहा था। वहीं योगी सरकार में उत्तर प्रदेश निवेश का प्रमुख केंद्र बन कर उभरा है। जहां निवेशकों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन योजना नीति के तहत विशिष्ट नीतियां घोषित की है। इनके अंतर्गत सब्सिडी, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति एवं व्यवसायों के लिए अन्य वित्तीय प्रोत्साहनों का प्रावधान किया गया है।
नन्दी ने कहा कि उप्र को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के लिए जहां प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं उद्यमियों के लिए सहूलियतों का पिटारा खोल दिया गया है। उद्योगों के साथ ही उद्यमियों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है।
समाज कल्याण विकास संघ का दो दिवसिय अधिवेशन सम्पन्न
सच्चा काम, पक्का काम से बनेगा विकसित भारत : असीम अरुण

लखनऊ। हम जो भी काम करें उसे पूरे मनोयोग से करें। काम सच्चा और पक्का होगा तभी भ्रष्टाचार को दूर किया जा सकता है। सच्चा काम, पक्का काम से ही देश विकसित बनेगा। यह बातें समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण ने शुक्रवार को भागीदारी भवन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विकास संघ के द्विवार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि कहीं।
इस मौके पर संघ द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगों से सम्बंधित मांग पत्र मंत्री को सौंपा गया। संघ पदाधिकारियों की मांगों और समस्याओं को सुनने के बाद समाज कल्याण मंत्री ने मंच से ही कुमार प्रशांत, निदेशक समाज कल्याण को निर्देश दिया कि इनकी मांगों को पूर्ण किया जाये। कर्मियों के कार्य में और कुशलता लाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिलाए जाने का निर्देश भी मंत्री ने दिया। विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन को और जनोपयोगी बनाने की मांग भी संघ द्वारा की गयी, ताकि पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक मिल सके। संघ द्वारा उठाये गए कैडर रिव्यू के मामले पर मंत्री ने गंभीरता से विचार करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। कार्यक्रम में संघ के प्रांतीय अध्यक्ष एस एन यादव, अर्जुन द्विवेदी सहित प्रदेश भर से आए ग्राम विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
समाज कल्याण विकास संघ का दो दिवसिय अधिवेशन सम्पन्न
सच्चा काम, पक्का काम से बनेगा विकसित भारत : असीम अरुण

लखनऊ। हम जो भी काम करें उसे पूरे मनोयोग से करें। काम सच्चा और पक्का होगा तभी भ्रष्टाचार को दूर किया जा सकता है। सच्चा काम, पक्का काम से ही देश विकसित बनेगा। यह बातें समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण ने शुक्रवार को भागीदारी भवन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विकास संघ के द्विवार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि कहीं।
इस मौके पर संघ द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं और मांगों से सम्बंधित मांग पत्र मंत्री को सौंपा गया। संघ पदाधिकारियों की मांगों और समस्याओं को सुनने के बाद समाज कल्याण मंत्री ने मंच से ही कुमार प्रशांत, निदेशक समाज कल्याण को निर्देश दिया कि इनकी मांगों को पूर्ण किया जाये। कर्मियों के कार्य में और कुशलता लाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिलाए जाने का निर्देश भी मंत्री ने दिया। विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन को और जनोपयोगी बनाने की मांग भी संघ द्वारा की गयी, ताकि पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक मिल सके। संघ द्वारा उठाये गए कैडर रिव्यू के मामले पर मंत्री ने गंभीरता से विचार करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। कार्यक्रम में संघ के प्रांतीय अध्यक्ष एस एन यादव, अर्जुन द्विवेदी सहित प्रदेश भर से आए ग्राम विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
लखनऊ : पुलिस की बड़ी कामयाबी, अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़, प्रतिबंधित हिरन की खाल सहित एक आरोपी गिरफ्तार
लखनऊ। जनपद लखनऊ के थाना मलिहाबाद और रहीमाबाद की संयुक्त पुलिस टीम ने अवैध हथियारों की तस्करी और निर्माण में लिप्त एक 68 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी सलाऊद्दीन उर्फ लाला, निवासी मिर्जागंज (निकट पिक्चर हाल, मलिहाबाद), के पास से भारी मात्रा में अवैध असलहे, कारतूस, हथियार निर्माण उपकरण और प्रतिबंधित हिरन की खाल बरामद की गई है।

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपी पिक्चर हाल के पास अवैध असलहे और कारतूस बेचने की तैयारी में है। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने सलाऊद्दीन को मौके से दबोच लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से 8 जिंदा कारतूस (315 बोर) बरामद हुए। सख्ती से पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह अपने घर पर अवैध हथियार बनाता है।

पुलिस ने आरोपी के निवास स्थल और उसके बगल स्थित पुराने सिनेमा हॉल परिसर से तलाशी में जो सामान बरामद किया, वह चौंकाने वाला था। पुलिस ने 3 पिस्टल (.32 बोर), 3 तमंचे (.315 और .22 बोर), 1 रायफल (.22 बोर), 7 एयरगन, और अर्धनिर्मित शस्त्र, साथ ही 68 जिंदा कारतूस (.22 बोर), 30 कारतूस (12 बोर) सहित विभिन्न बोर के कारतूस और खोखे, हथियार बनाने के औजार, बांका, छुरियां, आरी, फरसे और ₹2000 नकद जब्त किए। सबसे हैरान करने वाली बरामदगी हिरन की प्रतिबंधित खाल थी, जिसके चलते आरोपी के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9/51 के तहत अलग से मामला दर्ज किया गया है।
थाना मलिहाबाद में आरोपी के विरुद्ध आर्म्स एक्ट और वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

गिरफ्तार आरोपी:
सलाऊद्दीन उर्फ लाला, पुत्र सहाबुद्दीन, उम्र 68 वर्ष, व्यवसाय - शहद विक्रेता।

गिरफ्तारी टीम में शामिल अधिकारी:
थाना मलिहाबाद व रहीमाबाद की पुलिस टीम जिसमें निरीक्षक सुरेन्द्र मिश्रा, उ.नि. नरेंद्र सिंह, म.उ.नि. राखी वर्मा सहित कुल 11 सदस्य शामिल रहे।
भातखण्डे विश्वविद्यालय की कार्यशाला संपन्न, राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह का लोकार्पण
लखनऊ। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन संगीत एवं कला अभिरुचि कार्यशाला–2025 के समापन समारोह में भाग लिया और पुनर्निर्मित राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह का लोकार्पण किया। उन्होंने इसे कलाकारों के लिए समर्पित करते हुए कहा, “यह प्रेक्षागृह वर्षों तक संगीत, नृत्य और रंगमंच का प्रमुख केंद्र बना रहेगा।”
उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था से सुसज्जित इस मंच के जरिए उभरते कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। उन्होंने भातखंडे कार्यशाला में शामिल 600 प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा, “यह पीढ़ी ही ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से भारत को सांस्कृतिक और आर्थिक महाशक्ति बनाएगी।”
प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग मुकेश कुमार मेश्राम ने घोषणा की कि ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन शिविरों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राज्य का नाम रोशन करने वाले कलाकारों को विशेष रूप से सम्मानित करने की योजना पर काम हो रहा है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह, लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, लेखक डॉ. विद्या विन्दु सिंह, संस्कृति विभाग व विभिन्न विभागों के सचिवगण तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। जयवीर सिंह ने यह भी बताया कि सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत में वाद्य यंत्रों की किट उपलब्ध करा रही है, बुजुर्ग कलाकारों के लिए पेंशन योजना शुरू की गई है और कलाकारों का ऑनलाइन पंजीकरण भी किया जा रहा है।
अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन स्थानांतरण परिणाम घोषित
*  360 अध्यापकों का हुआ ऑनलाइन स्थानांतरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत संस्था प्रधान/प्रवक्ता/सहायक अध्यापक/सहायक अध्यापक (सम्बद्ध प्राइमरी प्रभाग) के ऑनलाइन स्थानांतरण का परिणाम जारी कर दिया गया है। यह जानकारी अपर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा सुरेंद्र कुमार तिवारी ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि यह स्थानांतरण प्रक्रिया शिक्षा निदेशालय एवं एनआईसी के सहयोग से पारदर्शी एवं ऑनलाइन माध्यम से संचालित की गई है।
उन्होंने बताया कि कुल 360 अध्यापकों का सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया गया है। स्थानांतरण आदेश http://secaidedtransfer.upsdc.gov.in पर उपलब्ध हैं। संबंधित शिक्षक अपनी मानव संपदा आईडी और पंजीकृत मोबाइल नंबर की सहायता से उक्त पोर्टल पर लॉगिन कर स्थानांतरण आदेश देख सकते हैं।
अपर निदेशक ने बताया कि स्थानांतरित अध्यापकों को नियमानुसार कार्यमुक्त/कार्यभार ग्रहण कराने हेतु सभी मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत कर दिए गए हैं। यह कार्य शैक्षिक सत्र 2025-26 के तहत निर्धारित समयसीमा में संपादित किया जाएगा।
अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन स्थानांतरण परिणाम घोषित
*  360 अध्यापकों का हुआ ऑनलाइन स्थानांतरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत संस्था प्रधान/प्रवक्ता/सहायक अध्यापक/सहायक अध्यापक (सम्बद्ध प्राइमरी प्रभाग) के ऑनलाइन स्थानांतरण का परिणाम जारी कर दिया गया है। यह जानकारी अपर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा सुरेंद्र कुमार तिवारी ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि यह स्थानांतरण प्रक्रिया शिक्षा निदेशालय एवं एनआईसी के सहयोग से पारदर्शी एवं ऑनलाइन माध्यम से संचालित की गई है।
उन्होंने बताया कि कुल 360 अध्यापकों का सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया गया है। स्थानांतरण आदेश http://secaidedtransfer.upsdc.gov.in पर उपलब्ध हैं। संबंधित शिक्षक अपनी मानव संपदा आईडी और पंजीकृत मोबाइल नंबर की सहायता से उक्त पोर्टल पर लॉगिन कर स्थानांतरण आदेश देख सकते हैं।
अपर निदेशक ने बताया कि स्थानांतरित अध्यापकों को नियमानुसार कार्यमुक्त/कार्यभार ग्रहण कराने हेतु सभी मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत कर दिए गए हैं। यह कार्य शैक्षिक सत्र 2025-26 के तहत निर्धारित समयसीमा में संपादित किया जाएगा।