भाषा विश्वविद्यालय में तकनीकी शिक्षा को नई उड़ान, स्थापित हुई अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं
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-- छात्रों को मिलेगा रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स और स्मार्ट टेक्नोलॉजी पर काम करने का अवसर
लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ ने तकनीकी शिक्षा को नया आयाम देते हुए कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी विभाग में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं। इन प्रयोगशालाओं का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार के समन्वय से वैश्विक स्तर की तकनीकी दक्षता प्रदान करना है।
अब छात्र ‘श्रीनिवास रामानुजन नेटवर्किंग लैब’ में नेटवर्किंग, डेटा ट्रांसमिशन, क्लाउड नेटवर्क और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। वहीं ‘आर्यभट्ट पायथन लैब’ में कोडिंग और एडवांस प्रोग्रामिंग की शिक्षा रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स के माध्यम से दी जा रही है। तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब’ की स्थापना की गई है, जहां छात्र एआई मॉडलिंग, मशीन लर्निंग और स्मार्ट टेक्नोलॉजी आधारित समाधान विकसित कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, ‘विक्रम साराभाई प्रोग्रामिंग लैब’ छात्रों को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की गहराई से समझ प्रदान कर रही है, जबकि ‘रंगास्वामी नरसिम्हन ऑपरेटिंग सिस्टम लैब’ ऑपरेटिंग सिस्टम के जटिल सिद्धांतों को सरल और व्यावहारिक रूप में सिखा रही है। इन सभी प्रयोगशालाओं की संकल्पना और नामकरण की अनुशंसा विभागाध्यक्ष डॉ. सुमन कुमार मिश्र द्वारा की गई, जिसे विश्वविद्यालय की विद्या परिषद ने सर्वसम्मति से अनुमोदित किया।
यह पहल विश्वविद्यालय को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाने के साथ-साथ छात्रों को नवाचार, शोध और भविष्य की तकनीकी चुनौतियों के लिए तैयार कर रही है। यह कदम तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बनकर उभरेगा।
Jun 26 2025, 08:58