किसानों को मिलेगा मक्का का उचित मूल्य, सरकार ने शुरू की सरकारी खरीद

-- खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के तहत 23 जिलों में खरीदी जा रही उपज

लखनऊ। किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में पहली बार मक्का की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू की है। यह खरीद 15 जून से 31 जुलाई 2025 तक की जाएगी, जिसमें राज्य के 23 जिलों को शामिल किया गया है।

इन जिलों में फिरोजाबाद, मैनपुरी, आगरा, अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस, बुलंदशहर, रामपुर, सम्भल, बदायूं, कानपुर नगर, औरैया, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, अयोध्या, बहराइच, गोंडा, बस्ती और मिर्जापुर शामिल हैं

खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त भूपेन्द्र एस. चौधरी ने जानकारी दी कि सरकार ने मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2225 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए खाद्य विभाग के ई-उपार्जन पोर्टल https://fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

प्रदेश के 22 जिलों में अब तक 131 क्रय केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं, जहां पेयजल, बैठने और तिरपाल आदि की सुविधाएं मौजूद हैं। किसानों को फोन कॉल के माध्यम से जानकारी दी जा रही है और बिक्री के लिए प्रेरित किया जा रहा है। एटा, हाथरस और सम्भल में 23 जून से खरीद प्रारंभ हो चुकी है, जहां अब तक 17 किसानों से कुल 930 क्विंटल मक्का की खरीद हो चुकी है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसानों को भुगतान 48 घंटे के भीतर पीएफएमएस प्रणाली के तहत उनके आधार से लिंक बैंक खातों में भेजा जाएगा। यह कदम किसानों की आर्थिक सुरक्षा और कृषि उत्पादों के लिए स्थायी बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

हाईकोर्ट ने आजम खान की याचिका को सह-आरोपियों से जोड़ा, 3 जुलाई को निर्णायक सुनवाई

* वीडियो साक्ष्य और गवाहों की पुनः गवाही पर जोर, निष्पक्षता पर उठे सवाल

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खान को 2016 के चर्चित बलपूर्वक बेदखली प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट से अहम राहत मिली है। न्यायालय ने उनकी याचिका को सह-आरोपियों की पहले से लंबित याचिका से टैग करते हुए 3 जुलाई 2025 को निर्णायक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

आजम खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनआई जाफरी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद और शशांक तिवारी ने याचिका में पूरे मुकदमे पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि मुख्य अभियोजन गवाहों की दोबारा गवाही और घटनास्थल से जुड़ी महत्वपूर्ण वीडियो फुटेज रिकॉर्ड पर लाए बिना निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है।

हालांकि, न्यायमूर्ति समीत गोपाल की एकल पीठ ने यह कहते हुए अलग से कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया कि सह-आरोपियों की याचिका पर पहले ही ट्रायल पर रोक लगाई जा चुकी है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आजम खान व सह-आरोपी वीरेंद्र गोयल की याचिका को उन्हीं लंबित मामलों से जोड़ा जाए, जिससे समग्र रूप से सुनवाई संभव हो सके।

आजम खान की याचिका, ट्रायल कोर्ट द्वारा 30 मई को पारित उस आदेश को चुनौती देती है जिसमें 12 एफआईआर से जुड़े मुख्य गवाहों— विशेषकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी— को पुनः बुलाने की मांग खारिज की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि फारूकी द्वारा उल्लेखित वीडियोग्राफी से यह सिद्ध हो सकता है कि याचिकाकर्ता घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे, जिससे अभियोजन की पूरी नींव ही कमजोर हो जाती है।

यह मामला रामपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में 2019-20 में दर्ज एफआईआर संख्या 528/2019 से 539/2019 और 556/2019 पर आधारित है, जिन्हें बाद में विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) द्वारा एकल वाद में समाहित कर 8 अगस्त 2024 को चलाया गया।

याचिकाकर्ताओं ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 20 और 21 का उल्लंघन बताते हुए मुकदमा रद्द करने की भी मांग की है। इससे पहले, 11 जून को सह-आरोपी इस्लाम ठेकेदार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को 3 जुलाई तक कोई अंतिम फैसला सुनाने से रोक दिया था।

वन्य जीवन संरक्षण के लिए ‘जूनियर कंज़र्वेशनिस्ट नेचर कैम्प’ का शुभारंभ

लखनऊ। बच्चों में वन्य जीवन और जैव विविधता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘जूनियर कंज़र्वेशनिस्ट नेचर कैम्प’ का शुभारंभ आज नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान, लखनऊ में हुआ। यह शिविर संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित राज्य संग्रहालय व टर्टिल सर्वाइवल एलाइन्स फाउंडेशन, इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

शिविर का उद्घाटन प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की प्रेरणा और प्रमुख सचिव के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम प्रभारी व सहायक निदेशक, राज्य संग्रहालय, सुश्री अल-शाज़ फात्मी ने बच्चों को वन्य जीवन संरक्षण के महत्व पर प्रेरणादायक संबोधन दिया।

शिविर के पहले दिन डॉ. अनुराग व सुश्री श्रीपर्णा दत्ता ने बच्चों को प्राणी उद्यान का भ्रमण कराया। बच्चों को शेर, बाघ, तेन्दुए और मगरमच्छ जैसे जीवों की विशेषताओं, शिकार विधियों और व्यवहार के बारे में जानकारी दी गई। विशेष रूप से टर्टिल और टव्याइज़ के बीच अंतर तथा भारत में पाई जाने वाली प्रजातियों पर प्रकाश डाला गया।

बच्चों को एक शैक्षिक वर्कशीट दी गई जिसमें उन्होंने भ्रमण से संबंधित प्रश्न हल किए और चित्रकारी के माध्यम से अपनी रचनात्मकता दिखाई। आयोजन में शारदा प्रसाद, अनुराग द्विवेदी सहित कई लोगों का योगदान सराहनीय रहा।

यह शिविर 28 जून तक चलेगा और प्रतिभागी विभिन्न पर्यावरणीय संस्थानों का दौरा करेंगे, जिससे उनमें प्रकृति के प्रति प्रेम व उत्तरदायित्व का भाव विकसित होगा।

तकनीक का प्रयोग कर योजना को सरल, सुलभ और अधिक पारदर्शी बना रहा समाज कल्याण

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में निगरानी सख्त किए जाने के निर्देश

आधार के सत्यापन में लापरवाही पर तय होगी अफसरों की जिम्मेदारी

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह हेतु सामूहिक विवाह योजना में आर्थिक सहायता राशि को दोगुना करने के साथ ही इसकी निगरानी भी सख्ती से करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गड़बड़ी रोकने एवं योजना का लाभ पात्रों तक पहुंचाने के लिए तकनीकी का प्रयोग कर योजना को और प्रभावी, सरल एवं पारदर्शी बनाया जा रहा है।

समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि योजना का लाभ पात्र परिवार आसानी से ले सकें। इसके लिए कई स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं।

योजना में आवेदक युगलों को दिए जाने वाले उपहारों की गुणवत्ता और आपूर्ति में पारदर्शिता के लिए अब फर्मों के चयन की प्रक्रिया निदेशालय स्तर से की जाएगी, ताकि जिला स्तर पर किसी तरह की अनियमितता न हो।

बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

अब ऑनलाइन आवेदन से पहले कन्या के आधार सत्यापन में लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही विवाह स्थल पर वर-वधू दोनों की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके। विवाह में दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन आदि के मानक तैयार कर उनका कड़ाई से पालन करवाया जाएगा। पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से अब एक ही स्थान पर 100 या उससे अधिक जोड़ों की शादियों की स्थिति में संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे।

आब्जर्वर की निगरानी में होंगे कार्यक्रम

समारोह में मंडलीय उपनिदेशकों और जिला समाज कल्याण अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। एक जनपद के अधिकारी कार्यक्रम वाले दूसरे जनपद में आब्जर्वर के रूप में नामित कर भेजे जाएंगे। समारोह में किसी भी अनियमितता की स्थिति में ये अधिकारी सीधे निदेशालय या मंडलीय उपनिदेशक को रिपोर्ट करेंगे। गौरतलब है कि आर्थिक रुप से कमजोर परिवार की कन्याओं का विवाह समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत संपन्न करवाया जाता है। योजना के प्रभारी उपनिदेशक श्री आर पी सिंह ने बताया कि इस वर्ष लगभग एक लाख जोड़ों का विवाह समाज कल्याण विभाग द्वारा करवाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

दलित-पिछड़ों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है सरकार : अखिलेश यादव

"अगर पीडीए ने अपनी कथा कहनी शुरू की, तो प्रभुत्ववादियों का किला ढह जाएगा"

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर दलितों, पिछड़ों और वंचित वर्गों को लगातार अपमानित करने और उनका राजनीतिक शोषण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि समाज में हो रही घटनाओं का बीजेपी सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाती है। सरकार निष्पक्ष रहे तो बहुत से लोगों को न्याय मिल सकता है, लेकिन ये सरकार 'हार्टलेस' है।

अखिलेश यादव ने इटावा के बकेवर में पिछड़ी जाति के कथावाचक पर हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब भागवत कथा सब सुन सकते हैं तो सब बोल क्यों नहीं सकते? क्या सिर्फ कुछ प्रभुत्ववादी वर्ग को ही कथा कहने का अधिकार है? उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों को पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) से इतनी नफरत है, तो वे स्पष्ट करें कि इनका चढ़ावा, दान, दक्षिणा भी स्वीकार नहीं करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ कथावाचकों ने इसे व्यवसाय बना लिया है और जब पीडीए के लोग कथा करने लगते हैं, तो इन्हें सहन नहीं होता। अखिलेश ने व्यंग्य करते हुए कहा कि एक वक्त लोग पीडीए के घर गंगाजल से धुलवाते थे, अब उनके सिर मुंडवा रहे हैं। यह सोच वही है जिसने देश के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति को भी अपमानित किया।

सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकारी एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, कहीं विधायक एसडीएम को पीट रहे हैं, कहीं पुलिसकर्मी गरीबों से पैसे वसूल रहे हैं, और सरकार 'नजर उतार' जैसी बातों में उलझी है। उन्होंने मथुरा-वृंदावन में ज़मीन कब्जे के मामलों में बीजेपी नेताओं की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने घोषणा की कि पीड़ित कथावाचकों को समाजवादी पार्टी की ओर से ₹51-₹51 हजार की मदद दी जाएगी। साथ ही, उन्होंने भाजपा को ‘हिस्ट्रीशीटरों की पार्टी’ बताते हुए कहा कि सरकार सिर्फ वर्चस्ववादियों के साथ खड़ी है, लेकिन जिस दिन पीडीए ने अपनी बात कहना शुरू की, उस दिन यह वर्चस्व टूट जाएगा।

सौतेले पिता की हैवानियत: चाकू से गोदकर 19 वर्षीय सिमरन की हत्या, मां भी घायल

लखनऊ। महानगर थाना क्षेत्र की विज्ञानपुरी कॉलोनी में बीती रात एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। एक सौतेले पिता ने 19 वर्षीय बेटी सिमरन की चाकू से गोदकर निर्मम हत्या कर दी। हमले में बीच-बचाव करने आई लड़की की मां भी घायल हो गई।

घटना सोमवार रात करीब पौने आठ बजे की है। मृतका सिमरन अपनी मां रेखा राजपूत के साथ विज्ञानपुरी कॉलोनी में रहती थी और एमिटी विश्वविद्यालय से बीसीए की पढ़ाई कर रही थी। उसके पिता डॉ. जागेश राजपूत का निधन 2014 में हो चुका था। कोविड काल के दौरान रेखा की फेसबुक के माध्यम से मध्य प्रदेश के रीवा निवासी विकास चंद्र पांडेय से पहचान हुई थी, जिसके बाद दोनों ने विवाह कर लिया।

डीसीपी मध्य आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को विकास घर पर ही मौजूद था। सिमरन मोबाइल चला रही थी, जिसे देख विकास ने आपत्ति जताई और टोका। इस पर दोनों के बीच कहासुनी हुई जो अचानक हिंसक हो गई। आरोप है कि विकास ने रसोई से दो चाकू निकाले और सिमरन पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। रेखा बीच-बचाव के लिए आगे बढ़ीं तो उन्हें भी घायल कर दिया।

घटना की सूचना रेखा ने तुरंत 112 नंबर पर दी। मौके पर पहुंची पीआरवी और थाना महानगर पुलिस ने आरोपी विकास को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। शुरुआती जांच में घरेलू कलह को हत्या की वजह बताया जा रहा है।

3.12 करोड़ का गांजा जब्त, सेना के नाम पर हो रही थी तस्करी का खुलासा

लखनऊ । एसटीएफ यूपी को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को लगभग 12.50 कुन्टल गांजा (अन्तर्राष्ट्रीय मूल्य लगभग 3.12 करोड रूपये) के साथ जनपद मऊ से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम जनार्दन पाण्डेय पुत्र जय, निवासी- गंगापुर भुलिया, बेथरा, कादीपुर सुल्तानपुर है। इनके कब्जे से गांजा के अलावा तीन मोबाइल, वाहन पेपर व बिल्टी, एक आधार कार्ड तथा 22,000 नकद बरामद किया है। पूछताछ में पता चला कि फर्जी आर्मी का स्टीकर लगाकर गांजा तस्करी करने का काम कर रहे थे। 

असम राज्य से लखनऊ आ रहा था 12.50 कुंटल गांजा 

एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विगत काफी दिनों से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्करों के सक्रिय होने की सूचनाए प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों द्वारा जानकारी एकत्र की जा रही थी। इसी क्रम में सोमवार को एक एटीएफ की टीम मऊ में भ्रमणशील थी। इस दौरान सूचना प्राप्त हुई कि असम राज्य से एक वाहन में अवैध मादक पदार्थ (गांजा) छिपाकर लखनऊ भेजा जा रहा है। इस एसटीएफ की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से बताए गए स्थान से मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया। 

घरेलू सामान के बीच छिपाकर ले जा रहे थे गांजा 

गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वह असम राज्य से अलग-अलग स्थानों पर अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करता है। छोटू निवासी सुखपुरा, जनपद बलिया ने असम के अलबरा नाम के व्यक्ति से यह गांजा लोड कराया था। लखनऊ पहुंचने पर छोटू मिलता तब यह बताता कि गाड़ी में लोड गांजा कहां पर उतारना है। उक्त गाड़ह में कुछ घरेलू सामानों को पैक करके उस पर सेना के पदाधिकारियों के नाम का पर्ची चिपका देते है साथ ही इसकी फर्जी बिल्टी भी तैयार कर लेते है।

सामान पर आन ड्यूटी आर्मी का लगा देते थे पोस्टर 

जिससे यह प्रतीत हो कि सेना के किसी अधिकारी का ट्रान्फर होने पर उनका सामान भेजा जा रहा है एवं गाड़ी के आगे "आन ड्यूटी आर्मी" का पोस्टर लगा देता है, जिससे गाड़ी को कोई रोकता नहीं है। जबकि वास्तविक रूप से सेना के किसी अधिकारी का कोई सामान इस गाडी में नहीं रहता है। इस काम के लिए इसको प्रति चक्कर 70,000/- रूपये मिलता है। एसटीएफ ने तस्कर से पूछताछ करने के बाद स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है। इस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी एसटीएफ ने तलाश शुरू कर दी है।

संयुक्त प्रवेश परीक्षा-2025 (पॉलीटेक्निक) का परिणाम घोषित, काउन्सिलिंग 27 जून से

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रवेश हेतु आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2025 का परिणाम आज परिषद की आधिकारिक वेबसाइट www.jeecup.admissions.nic.in पर जारी कर दिया गया। परीक्षा परिषद के सचिव संजीव कुमार सिंह ने बताया कि परीक्षा 5 जून से 13 जून के बीच कंप्यूटर आधारित पद्धति से संपन्न हुई थी।

इस परीक्षा में कुल 4,25,993 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 3,31,193 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए। इनमें से 3,31,174 अभ्यर्थी काउंसिलिंग के लिए अर्ह पाए गए हैं। सचिव के अनुसार, इस वर्ष परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या में 8% की वृद्धि दर्ज की गई है।

परिणाम में ग्रुप टॉपर्स:

ग्रुप A: शुभ दीक्षित (झांसी), ग्रुप B: अनुज प्रताप (चन्दौली), ग्रुप C: दशरथ यादव (जौनपुर), ग्रुप D: आशीष तिवारी (अयोध्या), ग्रुप E: तेजवीर सिंह (आगरा), ग्रुप F: अंजिली शर्मा (गोरखपुर), ग्रुप G: हर्ष श्रीवास्तव (बस्ती), ग्रुप H: सत्यपाल पाण्डेय (आजमगढ़), ग्रुप I: अभिनव चौहान (गाजीपुर)।

काउंसिलिंग प्रक्रिया 27 जून से प्रारंभ होकर 14 अगस्त 2025 तक 5 चरणों में चलेगी, जिसमें मुख्य और विशेष दोनों राउंड शामिल हैं। प्रवेश इंजीनियरिंग, फार्मेसी एवं अन्य एक-दो-तीन वर्षीय पाठ्यक्रमों में होगा। प्रदेश की 150 राजकीय/अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं को काउंसिलिंग सहायता केंद्र नामित किया गया है, जहाँ अभ्यर्थी विकल्प भरने, दस्तावेज सत्यापन एवं मार्गदर्शन के लिए जा सकते हैं। विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।

उत्तर प्रदेश के 26 जनपदों में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू, 517 गांव होंगे लाभान्वित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 26 जनपदों को चिन्हित किया है। इन जनपदों के 47 विकास खंडों के अंतर्गत 517 ग्रामों में इस योजना को मिशन मोड में लागू किया जाएगा, ताकि जनजातीय आबादी को सभी प्रमुख सरकारी योजनाओं से संतृप्त किया जा सके।

समाज कल्याण विभाग के अनुसार, इस अभियान में आधार कार्ड, आयुष्मान भारत, पीएम किसान, जनधन खाते, छात्रवृत्ति और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। चिन्हित जनपदों में उनमें अंबेडकरनगर, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रयागराज, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर एवं सोनभद्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2024 को की थी। इसका उद्देश्य देशभर के 63,000 से अधिक जनजातीय बहुल गांवों को सरकारी योजनाओं से जोड़कर विकास की मुख्यधारा में लाना है। इस अभियान में कुल 18 विभागों के 25 प्रमुख हस्तक्षेपों (interventions) को एकीकृत किया गया है।

शामिल विभागों में ग्राम्य विकास, जल जीवन मिशन, ऊर्जा, चिकित्सा स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण, माध्यमिक शिक्षा, आयुष, आईटी, कृषि, मत्स्य, पशुपालन, पंचायती राज, पर्यटन, एमएसएमई एवं वित्त विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन गांवों में सार्वजनिक सेवाओं की पहुंच, अधोसंरचना विकास, रोजगार सृजन और सामाजिक सशक्तिकरण को तेज़ गति से आगे बढ़ाया जाए।

रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक संपन्न, शिकायत निस्तारण में आई तेजी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) की साप्ताहिक समीक्षा बैठक सोमवार को लखनऊ स्थित मुख्यालय में अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में नोएडा कार्यालय के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

बैठक में अध्यक्ष ने विभिन्न बिंदुओं पर गहन समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। समीक्षा में धारा-31 के अंतर्गत दायर शिकायतें, अवमानना याचिकाएं, अपीलों की स्थिति, उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय व ट्रिब्यूनल में चल रहे वाद, तथा महत्वपूर्ण प्रकरणों में पैरवी की स्थिति जैसे विषयों को विस्तार से परखा गया।

इसके अतिरिक्त, रेरा पोर्टल, पंजीकृत परियोजनाओं में आ.सो./सी.सी. अपलोड की स्थिति, मानव संपदा प्रबंधन, तथा निर्माणाधीन मुख्यालय भवन की प्रगति पर भी चर्चा हुई। रेरा एजेंट्स, प्रमोटर्स और शिकायतकर्ताओं के बीच समझौतों तथा रेरा अधिनियम के अनुपालन की स्थिति की भी समीक्षा की गई।

अध्यक्ष भूसरेड्डी ने कहा कि, "रेरा की ओर से प्रमोटरों पर निगरानी और नियमों में समयानुसार बदलाव के कारण शिकायतों में उल्लेखनीय कमी आई है। साथ ही, शिकायतों का निस्तारण भी तेज़ी से किया जा रहा है।"

बैठक में सचिव महेन्द्र वर्मा, प्रमुख सलाहकार अबरार अहमद, तकनीकी सलाहकार संजय तिवारी, वित्त परामर्शदाता सुधांशु त्रिपाठी, संयुक्त सचिव उमाशंकर सिंह, और सहायक निदेशक अमरीश कुमार सहित रेरा के अधिकारी तथा नोएडा कार्यालय से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित रहे।