हीटवेव अलर्ट: IMA गाज़ियाबाद ने जारी की चिकित्सा एडवाइजरी, सभी नागरिकों से सतर्कता बरतने की अपील
विभु मिश्रा
गाज़ियाबाद। जैसे-जैसे तापमान नए रिकॉर्ड तोड़ रहा है, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), गाज़ियाबाद ने भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सा सलाह (Advisory) जारी की है। नगरवासियों से अपील की गई है कि वे इस चेतावनी को गंभीरता से लें और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए इन निर्देशों का पालन करें। IMA के अनुसार, हीटवेव की स्थिति में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि हर नागरिक खुद को हाइड्रेटेड रखे, तेज धूप से बचे और शरीर का तापमान संतुलित बनाए रखे। एडवाइजरी में कहा गया है
1. डिहाइड्रेशन से बचें। दिनभर बार-बार पानी पीते रहें, चाहे प्यास न भी लगे। नींबू पानी, नारियल पानी, ओआरएस और घर के बने ठंडे पेय लेते रहें। कॉफी और शराब से बचें क्योंकि ये शरीरको और अधिक पानी विहीन कर देती हैं।
2. हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें। बाहर निकलते समय सिर को टोपी या कपड़े से ढकें। धूप से आंखों की सुरक्षा के लिए सनग्लास लगाएं। त्वचा को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने के लिए एसपीएफ 30+ सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
3. सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे के बीच धूप में निकलने से बचें। इस दौरान भारी कसरत, दौड़ या खुले में काम न करें। घर में ठंडा वातावरण बनाएं, पंखा, कूलर या क्रॉस-वेंटिलेशन का सहारा लें। नहाएं या शरीर पर ठंडा पानी डालते रहें ताकि शरीर का तापमान सामान्य रहे।
4. पहचानें हीटवेव के लक्षण-
हीट एक्सर्शन: अत्यधिक पसीना, कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी।
हीट स्ट्रोक: पसीना न आना, तेज बुखार, भ्रम या बेहोशी। यह आपातकालीन स्थिति है। ऐसे किसी भी लक्षण की स्थिति में तुरंत पास के अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। IMA ने अपील की है कि "हीटवेव को हल्के में न लें। यह केवल मौसम का बदलाव नहीं, एक गंभीर स्वास्थ्य संकट है। सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।" नगर प्रशासन और स्वास्थ्य संगठनों ने भी IMA की इस एडवाइजरी को साझा करते हुए नागरिकों से जिम्मेदारी दिखाने की अपील की है।
ना नाम, ना इनाम... फिर भी हर वक्त खड़े रहते हैं RNEx के ये नायक
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। जब दुनिया 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मना रही है, तब गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में कुछ ऐसे लोग हैं, जो इस दिन को जश्न नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी की तरह जीते हैं। न कोई मंच, न कोई मैडल, बस ज़रूरत के वक्त हाज़िर रहने का वादा और इंसानियत के लिए धड़कता दिल। ये हैं RNEx रक्तदान महादान ग्रुप के सैकड़ों सच्चे हीरो, जो हर दिन किसी अनजान को ज़िंदगी लौटाते हैं – चुपचाप, बेआवाज़। ये कहानी है एक सोच की, जो जन्मी थी संकट में, लेकिन बनी उम्मीद की मिसाल। दिसंबर 2020 में जब कोरोना का कहर हर ओर था, अस्पतालों में बेड नहीं, ऑक्सीजन नहीं, और खून के लिए चीख-पुकार थी तब एक नौजवान दीपांशु मित्तल ने आगे बढ़कर वो किया जो सिस्टम नहीं कर सका। एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया नाम रखा RNEx रक्तदान महादान। मकसद सिर्फ एक: ज़रूरतमंद को सही वक्त पर रक्तदाता से जोड़ना।आज ये ग्रुप 800 से ज्यादा ऐसे लोगों का परिवार बन चुका है, जो दिन-रात किसी भी वक़्त खून देने को तैयार रहते हैं। कोई छात्र है, कोई ऑफिस कर्मचारी, कोई व्यापारी, कोई गृहिणी लेकिन एक कॉल आते ही सबका काम सिर्फ एक किसी की सांसों को बचाना। रक्तदान को इन लोगों ने सिर्फ एक सेवा नहीं, एक संस्कार बना दिया है। कुछ लोग 20 से ज्यादा बार खून दे चुके हैं और हर 3 महीने इसे अपनी आदत बना चुके हैं। इस ग्रुप का एक नंबर है 9015095151, जहां हर वक्त कोई न कोई जाग रहा होता है, किसी ज़रूरतमंद की कॉल सुनने के लिए। बच्चों के कैंसर से लेकर सड़क दुर्घटनाओं तक, मां के डिलीवरी केस से लेकर बुज़ुर्गों की सर्जरी तक RNEx की टीम हर बार वक्त से पहले पहुंचकर उम्मीद लेकर खड़ी मिलती है। इस विश्व रक्तदाता दिवस पर अगर कोई असली सलामी के हकदार हैं, तो वो हैं ये राजनगर एक्सटेंशन के ख़ामोश फ़रिश्ते, जिन्होंने दूसरों की धड़कनों को अपनी आदत बना लिया है।


गाजियाबाद में कला का उत्सव: सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा - 'कला समाज को जोड़ती और प्रेरित करती है'
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। शहर में चल रही बाल चित्रकला प्रदर्शनी के तीसरे दिन रंग-बिरंगे चित्रों ने दर्शकों, खासकर छात्र-छात्राओं का मन मोह लिया। चारु कैसल फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस 'चारु कैसल अंतर्राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी' में बच्चों की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता देखते ही बन रही थी। प्रदर्शनी का दौरा करने पहुंचे राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने इस पहल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, "इस तरह की गतिविधियां एक औद्योगिक शहर की जिंदगी में रंग भरने का काम करती हैं। हमारे बच्चों में इतनी प्रतिभा और रचनात्मकता देखकर बेहद खुशी हो रही है। कला वह माध्यम है जो समाज को जोड़ती और प्रेरित करती है।" अग्रवाल ने फाउंडेशन के आयोजक कपूर वीर भान को अपना पूरा सहयोग देने का वादा किया और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस आयोजन के लिए बधाई भी दी। आयोजकों ने भी सांसद महोदय को अपने आगामी अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बारे में बताया और उन्हें आश्वस्त किया कि उनके मार्गदर्शन में भविष्य में भी गाजियाबाद में ऐसे कई अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बच्चों की कल्पनाशीलता का प्रदर्शन प्रदर्शनी में पर्यावरण संरक्षण, अंतरिक्ष यात्रा, सांस्कृतिक विरासत जैसे महत्वपूर्ण विषयों से लेकर बच्चों के भावनात्मक और अमूर्त विचारों तक, विविध विषयों पर बनाए गए चित्र प्रदर्शित किए गए थे। बच्चों की अद्भुत कल्पनाशीलता और कला कौशल ने सभी आगंतुकों को खासा प्रभावित किया। शिक्षकों ने भी किया स्वागत छात्रों के साथ आए शिक्षकों ने भी इस मंच की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी। यह प्रदर्शनी चारु कैसल फाउंडेशन (गाजियाबाद) द्वारा सीऑफ इंडिया (यूनेस्को की सहयोगी संस्था) और नगर निगम गाजियाबाद के सहयोग से आयोजित की जा रही है। फाउंडेशन के महासचिव पवन कपूर ने बताया कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता और कला के प्रति रुचि को प्रोत्साहित करना है। यह प्रदर्शनी 30 मई तक शाम 6 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी। कला के प्रति इस तरह के आयोजनों से समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।
रंगीन सपनों का संगम: गाजियाबाद में उमड़ी कला की अद्भुत छटा!

विभु मिश्रा
गाजियाबाद।  संजय नगर फ्लाईओवर के नीचे इन दिनों रंगों और कल्पनाओं का एक ऐसा महासागर उमड़ा है, जो हर दर्शक का मन मोह रहा है। 'चारु कैसल इंटरनेशनल चिल्ड्रन आर्ट एग्जीबिशन' में भारत सहित दुनिया के कोने-कोने के युवा कलाकारों की 1000 से भी ज़्यादा दिल छू लेने वाली पेंटिंग्स और कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं। सोमवार से शुरू हुई यह प्रदर्शनी 30 मई 2025 तक चलेगी। यहां दर्शाई गई पेंटिंग्स बच्चों और  युवाओं की रचनात्मकता और दुनिया को देखने के उनके अनूठे दृष्टिकोण को बखूबी दर्शाती है।


कला, संस्कृति और एकता का मंच
चारु कैसल फाउंडेशन, गाजियाबाद द्वारा नगर निगम गाजियाबाद और सीआईओएफएफ इंडिया (यूनेस्को का आधिकारिक साझेदार) के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शनी में पोलैंड, मलेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया, रूस, किर्गिस्तान, कोरिया, लातविया, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, रोमानिया और दुबई जैसे कई देशों के बच्चों की कलाकृतियाँ शामिल हैं। शहरी दृश्यों से लेकर ग्रामीण जीवन तक, हर पेंटिंग में एक कहानी है, जो विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और भविष्य की आशाओं को चित्रित करती है।


कला एक सार्वभौमिक भाषा है: कपूर वी. भान
फाउंडेशन के चेयरमैन कपूर वी. भान ने इस प्रदर्शनी को "कला एक सार्वभौमिक भाषा है" का एक सशक्त संदेश बताया। उन्होंने कहा कि यह बेहद प्रेरणादायक है कि कैसे विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए बच्चे शांति, एकता और आनंद जैसे साझा मूल्यों को अपनी कला के माध्यम से व्यक्त करते हैं। फाउंडेशन द्वारा आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों की वॉटर कलर्स, ऑयल पेंटिंग्स, क्रेयॉन्स और मिक्स मीडिया जैसे विभिन्न माध्यमों में की गई कला काफ़ी अनूठी रही है। आने वाले चार दिनों में 2000 से अधिक पेंटिंग्स का प्रदर्शन किया जाएगा, जो निश्चित रूप से कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देंगी।
यूनेस्को के उद्देश्यों को मिलता है बढ़ावा: पवन कपूर
प्रदर्शनी के जनरल सेक्रेटरी पवन कपूर ने ऐसी गतिविधियों को दुनिया की विविध संस्कृतियों को एक मंच पर लाने का एक अद्भुत प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि ये पहलें युवाओं को शामिल कर उनके कार्यों को बढ़ावा देते हुए यूनेस्को के संस्कृति और कला के प्रचार के उद्देश्य को पूर्ण समर्थन देती हैं। इस अनूठी प्रदर्शनी में प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क है, जिससे गाजियाबाद के लोग ही नहीं, बल्कि दूर-दराज से आने वाले कला प्रेमी भी इस अद्भुत कला संगम का हिस्सा बन सकें।






सेना के शौर्य को नमन, सैकड़ों ट्रैक्टरों संग गांवों में निकली भव्य 'तिरंगा यात्रा'
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। पाकिस्तान की नापाक हरकत के जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई साहसिक कार्रवाई 'सिंदूर कार्यक्रम' के सम्मान में, गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में भी देशभक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा। दर्जनों गांवों के सैकड़ों उत्साहित ग्रामीणों ने सेना के पराक्रम को सलाम करते हुए एक विशाल तिरंगा यात्रा में भाग लिया।  इस भव्य यात्रा का आयोजन क्षेत्रीय विधायक अजीतपाल त्यागी और ब्लॉक राजपुर के प्रमुख राहुल चौधरी उर्फ डैनी के संयुक्त नेतृत्व में किया गया। मथुरापुर गांव के सामने पाइपलाइन रोड से विधायक अजीतपाल और प्रमुख राहुल ने संयुक्त रूप से तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस यात्रा में पाइपलाइन क्षेत्र के अनेक ग्रामीणों ने अपने ट्रैक्टरों के साथ, युवाओं ने मोटरसाइकिलों पर और कुछ जेसीबी के साथ पूरे जोश और उत्साह के साथ हिस्सा लिया। सैनिकों के अदम्य साहस को नमन करते हुए और उनके पराक्रम की सराहना करते हुए ग्रामीणों ने जमकर देशप्रेम का प्रदर्शन किया। यह यात्रा ग्रामीण एकता और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम बन गई। इस तिरंगा यात्रा में प्रमुख रूप से कृष्ण त्यागी, ग्राम मकरेडा के ग्राम प्रधान कृष्ण देव आर्य, भिक्कनपुर के पूर्व प्रधान मिंटू, विकास संघर्ष समिति के सचिव सलेक भैया, मथुरापुर से दक्ष नागर, के अलावा मथुरापुर, बहादुरपुर, शमशेर, अटोर नंगला, भोवापुर, भिक्कनपुर आदि गांवों के ग्रामीण उत्साहपूर्वक शामिल हुए। इस यात्रा ने ग्रामीण अंचल में भी देशभक्ति की एक नई लहर पैदा कर दी।
महापौर सुनीता दयाल ने कविनगर ज़ोन में 18 करोड़ के विकास कार्यों का किया शिलान्यास
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। महापौर सुनीता दयाल की सक्रिय कार्यशैली एक बार फिर चर्चा में है। कभी जमीन से कब्जा हटवाने तो कभी बाहरी कूड़े पर रोक लगाने वाली महापौर अब शहर को विकास की नई राह पर ले जा रही हैं। इसी कड़ी में आज कविनगर ज़ोन के कई वार्डों में कुल लगभग 18 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया गया। महापौर ने हर वार्ड में 1-1 करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि थोड़ी असुविधा के बाद जब काम पूरा होगा, तो क्षेत्र की सूरत बदल जाएगी। साथ ही ठेकेदार अगर घटिया सामग्री लगाए या लापरवाही करे, तो तुरंत सूचना दी जाए। गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। कार्यक्रम में पार्षद अमित त्यागी, शशि सिंह, मनु डबास, सुमन चौधरी, पिंकी, साहब सिंह सिरोही, ललित शर्मा, पूर्व पार्षद अर्चना सिंह, मंडल अध्यक्ष राहुल, राजू चौधरी, राहुल शर्मा, कौस्तुभ शर्मा, गजेन्द्र शर्मा, राजीव डागर, त्रिलोक चौधरी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

शिलान्यास किए गए प्रमुख कार्य:

वार्ड 18: शास्त्री नगर से राजपुर फ्लाईओवर तक सड़क निर्माण – 1.49 करोड़

वार्ड 47: शास्त्री नगर चौक से हापुड़ रोड तक सड़क – 2.23 करोड़

वार्ड 62: डी डी पी एस स्कूल से गौर होम चौक तक सड़क – 2.26 करोड़

वार्ड 62: सीएनजी पंप से पीएनबी बैंक तक सड़क – 2.77 करोड़

वार्ड 62: गली नं. 10 में नाली और सड़क – 36 लाख

वार्ड 16: गढ़ी गाँव, वरदान हॉस्पिटल रोड – 2.47 करोड़

वार्ड 46: दुहाई औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सड़क – 3 करोड़

वार्ड 67: संजय नगर पी ब्लॉक में नाला निर्माण – 1.09 करोड़

वार्ड 53: अंबेडकर स्कूल से बाल्मिकी बस्ती होते हुए सीसी रोड – 2.17 करोड़ महापौर ने यह भी बताया कि जल्द ही अन्य ज़ोन में भी करोड़ों रुपये के शिलान्यास होंगे और शहर के हर कोने में चौमुखी विकास नजर आएगा।

जागरूकता शिविर में GST के गिनाए फायदे, व्यापारियों से की समय पर कर जमा करने की अपील
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। राज्य कर विभाग, गाजियाबाद खंड 17 की ओर से शनिवार को तुराब नगर बाजार में GST जागरूकता शिविर लगाया गया। इस शिविर में व्यापारियों को GST पंजीयन के फायदे, सरल रिटर्न प्रक्रिया, और सरकार द्वारा मिलने वाली सुरक्षा सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई।
शिविर में संयुक्त आयुक्त शिशिर कुमार और उपायुक्त जे.पी. मौर्या ने व्यापारियों को बताया कि GST पंजीयन से न सिर्फ व्यापार को पहचान मिलती है, बल्कि कई सरकारी लाभ भी मिलते हैं। उन्होंने बताया -
- सालाना 1.5 करोड़ तक का व्यापार करने वाले व्यापारी समाधान योजना के तहत सिर्फ 1% टैक्स भरकर तिमाही रिटर्न से अपना काम सरल बना सकते हैं।
- वहीं 5 करोड़ तक का टर्नओवर वाले व्यापारी भी तिमाही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
- GST पंजीयन के बाद व्यापारी को 10 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है, जिसका कोई प्रीमियम नहीं देना होता। असमय मृत्यु होने पर व्यापारी के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि सरकार देती है। श्री मौर्या ने यह भी कहा कि पंजीकृत व्यापारी दुकान पर फर्म का नाम और GST नंबर वाला बोर्ड जरूर लगाएं। उन्होंने बताया कि सिर्फ कुछ महीनों तक व्यापार करने वालों के लिए अस्थाई GST पंजीयन की सुविधा भी उपलब्ध है, जो घर बैठे ऑनलाइन लिया जा सकता है।

शिविर में तुराब नगर व्यापार मंडल के प्रमुख व्यापारी भी शामिल हुए, जिनमें चेयरमैन रजनीश बंसल, संजय गोयल (गद्दे वाले), महामंत्री सुशील सेठी, बंटी, सचिन शर्मा, अशोक गोयल, और धर्मपाल शर्मा मौजूद रहे।
विभाग ने व्यापारियों से समय पर टैक्स भरने और पंजीकरण करवाने की अपील करते हुए कहा कि यह न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि व्यापार की सुरक्षा और सम्मान का भी हिस्सा है।
यशोदा मेडिसिटी में मनाया गया सेवा, करुणा और संकल्प का उत्सव 'नर्स दिवस'
विभु मिश्रा
गाज़ियाबाद। यशोदा मेडिसिटी, इंदिरापुरम में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर आज एक भावनात्मक और प्रेरक समारोह का आयोजन किया गया। यह दिन समर्पित रहा उन नर्सों के नाम, जो हर दिन मरीजों की देखभाल में न केवल सेवा करती हैं, बल्कि अपने धैर्य, करुणा और समर्पण से स्वास्थ्य सेवा को जीवंत बनाती हैं। कार्यक्रम के दौरान नर्सिंग स्टाफ ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं और उत्कृष्ट कार्य करने वाली नर्सों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुनील कुमार शर्मा, सांसद अतुल गर्ग, विश्व हिंदू परिषद के महासचिव मिलिंद परांडे, और गाज़ियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन मौजूद रहे।
इस मौके पर यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स की प्रबंध निदेशक डॉ. उपासना अरोड़ा ने कहा - नर्सें केवल मेडिकल प्रोफेशन का हिस्सा नहीं, बल्कि इंसानियत की मिसाल हैं। उनका अनुशासन, करुणा और सेवा भाव हर मरीज को इलाज से ज्यादा एक अपनापन देता है। यशोदा परिवार उनकी मेहनत और भावनात्मक योगदान को सच्चे सम्मान के साथ सलाम करता है। अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. पी. एन. अरोड़ा ने कहा कि नर्सें ही हैं जो हर आपात स्थिति में सबसे पहले सामने आती हैं। उनकी नज़ाकत के पीछे एक जबरदस्त मानसिक और भावनात्मक ताकत होती है, जो हर रोगी को नयी उम्मीद देती है। उनकी भूमिका सिर्फ पेशेवर नहीं, बल्कि मानवीय है।
यशोदा मेडिसिटी ने इस आयोजन के जरिए यह संदेश दिया कि स्वास्थ्य सेवा केवल दवाओं और मशीनों से नहीं चलती, असल ताकत उन नर्सों की संवेदनशीलता और समर्पण में होती है, जो हर परिस्थिति में मरीजों के साथ डटकर खड़ी रहती हैं।
सोती रही पुलिस, अस्पताल से फरार हो गया मुठभेड़ में घायल 25 हजार का इनामी बदमाश
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। संजय नगर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल से बुधवार सुबह एक बड़ा सुरक्षा चूक का मामला सामने आया, जब मुठभेड़ में घायल और 25,000 रुपये का इनामी बदमाश अरकश पुत्र रियाजुद्दीन पुलिस की निगरानी में होने के बावजूद फरार हो गया। इस घटना ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार को मुरादनगर पुलिस ने अरकश को एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था, जिसमें उसके पैर में गोली लगी थी। घायल अवस्था में उसे संजय नगर के संयुक्त जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। फरारी की घटना बुधवार सुबह जब पुलिसकर्मी जागे, तो उन्होंने पाया कि अरकश अपने बेड पर नहीं है। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत मधुबन बापूधाम थाना प्रभारी को इस घटना की सूचना दी। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस समय बदमाश फरार हुआ, उस समय उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी सो रहे थे। इसके अलावा, अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी भी 24 घंटे तैनात रहते हैं, फिर भी यह चूक कैसे हुई, यह जांच का विषय है। घटना के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। संजय नगर और राजनगर क्षेत्र की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है ताकि बदमाश के भागने के मार्ग का पता चल सके। पुलिस ने अरकश की तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की हैं और अस्पताल प्रशासन तथा सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

यह पहली बार नहीं है जब अस्पताल से बदमाश फरार हुआ हो। इससे पहले भी जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती एक बदमाश बाथरूम की खिड़की से फरार हो गया था, जिसे पुलिस ने पांच घंटे बाद पकड़ लिया था। इन घटनाओं से साफ है कि पुलिस और अस्पताल प्रशासन को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है। इस घटना ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बंदरों की बढ़ती समस्या पर सरकारों से मांगा जवाब
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बंदरों की बढ़ती संख्या और इससे हो रही परेशानियों को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार, यूपी सरकार और स्थानीय निकायों को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने पूछा है कि इस समस्या से निपटने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और आगे क्या योजना है। कोर्ट ने सभी से 10 जुलाई तक जवाब मांगा है। यह याचिका गाजियाबाद के भाजपा नेता विनीत शर्मा और बीटेक छात्रा प्राजक्ता सिंगल ने दाखिल की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने कोर्ट को बताया कि बंदरों की संख्या बहुत बढ़ गई है। इससे आम लोगों को रोज़ परेशानी हो रही है। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और स्कूलों के छात्र सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। आकाश वशिष्ठ ने कहा कि बंदरों को खाने को कुछ नहीं मिल रहा, जिससे वे भूखे और परेशान हैं। वे इंसानों के इलाकों में आकर खाना छीनते हैं और लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई बंदर घायल भी हो जाते हैं और उनके इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने बताया कि पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया को इस मुद्दे पर काम करना चाहिए था, लेकिन उसके पास अभी तक कोई योजना नहीं है। नगर निगम और नगर पालिकाओं की भी जिम्मेदारी है कि वे लोगों को सुरक्षित रखें और बंदरों की समस्या को कम करें। याचिका में मांग की गई है कि एक ठोस योजना बनाई जाए, जिसमें घायल बंदरों के इलाज के लिए अस्पताल हों, उन्हें जंगल में बसाने की व्यवस्था हो, खाने की सुविधा हो और एक 24 घंटे काम करने वाली शिकायत हेल्पलाइन शुरू की जाए। कोर्ट ने जिन संस्थाओं को नोटिस भेजा है, उनमें पर्यावरण मंत्रालय, यूपी सरकार, पशु कल्याण बोर्ड, गाजियाबाद जिला प्रशासन, नगर निगम और कई नगर पालिकाएं शामिल हैं। अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी, तब सभी को अपने जवाब देने होंगे।