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Apr 26 2024, 19:13

संदेशखाली में सीबीआई और एनएसजी ने चलाया सर्च ऑपरेशन, हथियार-गोला बारूद बरामद*
#cbi_raid_in_sandeshkhali_found_foreign_made_guns_arms_ammunitions
पश्चिम बंगाल के उत्तर बंगाल की तीन सीटों पर दूसरे चरण पर मतदान के बीच उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से बड़ी संख्या में आग्नेयास्त्र और विस्फोटक बरामद किया गया है।केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने संदेशखाली में निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के एक रिश्तेदार के आवास पर छापेमारी में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए। सीबीआई के बाद एनएसजी कमांडो भी संदेशखाली पहुंचे और सर्च अभियान चलाया। यह सर्चिंग 5 जनवरी को शाहजहां शेख के घर दबिश देने गई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमले से जुड़ी है। ईडी की टीम 5 जनवरी को राशन घोटाला मामले में शाहजहां के ठिकानों पर रेड करने गई थी। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई को शाहजहां के रिश्तेदार हफीजुल खान के आवास पर हथियारों और देसी बमों के जखीरे के बारे में सूचना मिली। हफीजुल सत्तारूढ़ दल से निर्वाचित पंचायत सदस्य भी हैं। सूचना मिलने के तुरंत बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों के साथ सीबीआई की एक टीम ने मछली पालन फार्म के भीतर स्थित आवास पर छापामार कार्रवाई शुरू की। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन माहौल बिगाड़ने के लिए वहां हथियार, विस्फोटक और देसी बम रखे गए थे। सूत्रों ने कहा, शाहजहां की गिरफ्तारी और संदेशखाली में विभिन्न केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों और सीएपीएफ कर्मियों की बढ़ती आवाजाही के बाद, हथियारों को जमा करने के लिए जिम्मेदार लोग उन्हें हटा नहीं सके। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। अपने आदेश में कहा कि सीबीआई कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी। संदेशखाली की महिलाओं ने 8 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था। मामले में 3 आरोपी शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार न्यायिक हिरासत में हैं।

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Apr 24 2024, 13:36

*विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की जमकर ली क्लास, बोले-उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी*
#foreign_minister_s_jashankar_slams_on_foreign_media देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरणों में होने वाले इस लोकसभा चुनाव पर देश के साथ ही दुनिया की भी नजरे हैं। भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के साथ ही विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है। भारत के चुनावों को लेकर लगातार लेख सामने आ रहे हैं। वहीं, भारत में बीषण गर्मी के बीच हो रही चुनाव को लेकर भी विदेशी मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। विदेशी मीडिया का मानना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के चुनाव और पश्चिमी मीडिया को लेकर बेबाक टिप्पणी की है। जयशंकर मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पश्चिमी मीडिया से काफी बार हमारी लोकतंत्र की आलोचना करते हुए सुना है। यह ऐसा इसलिए नहीं है कि उनके पास जानकारी की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी भी हैं। *गर्मी में चुनाव कराने के सवाल पर करारा जवाब* पश्चिमी मीडिया के एक लेख में पूछा गया कि भारत में इतनी तेज गर्मी में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने अब वह लेख पढ़ा और मैं कहना चाहता हूं कि सुनो, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान, सबसे अच्छे समय में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है।' उन्होंने आगे कहा कि ये ऐसे खेल हैं जो हमारे साथ खेले जा रहे हैं। *भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है-एस जयशंकर* विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है। विदेशी लोगों को लगता है कि हमसे परामर्श किए बिना ये कैसे तय होगा कि भारत में कौन शासन करेगा? जयशंकर ने कहा कि हमें इस प्रकार की आलोचनाओं और रिपोर्टों के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है। क्योंकि ये लोग हर चीज पर सवाल उठाने वाले हैं। *अब मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे-एस जयशंकर* जयशंकर ने कहा कि ये लोग चुनाव आयोग, चुनाव प्रणाली, ईवीएम और यहां तक कि मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम उनकी पोल खोलें और ऐसा करने के लिए हमारे आत्मविश्वास की कमी नहीं है। जयशंकर ने आगे कहा कि पश्चिमी मीडिया को एक और शिकायत है कि भाजपा बहुत अनुचित है। इसके साथ उनके अनुसार हमारा यह सोचना भी गलत है कि भाजपा बहुत बड़ी जीत हासिल करने जा रही है।

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Apr 24 2024, 13:35

विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की जमकर ली क्लास, बोले-उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी

#foreignministersjashankarslamsonforeign_media 

देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरणों में होने वाले इस लोकसभा चुनाव पर देश के साथ ही दुनिया की भी नजरे हैं। भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के साथ ही विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है। भारत के चुनावों को लेकर लगातार लेख सामने आ रहे हैं। वहीं, भारत में बीषण गर्मी के बीच हो रही चुनाव को लेकर भी विदेशी मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। विदेशी मीडिया का मानना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के चुनाव और पश्चिमी मीडिया को लेकर बेबाक टिप्पणी की है।

जयशंकर मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पश्चिमी मीडिया से काफी बार हमारी लोकतंत्र की आलोचना करते हुए सुना है। यह ऐसा इसलिए नहीं है कि उनके पास जानकारी की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी भी हैं।

गर्मी में चुनाव कराने के सवाल पर करारा जवाब

पश्चिमी मीडिया के एक लेख में पूछा गया कि भारत में इतनी तेज गर्मी में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने अब वह लेख पढ़ा और मैं कहना चाहता हूं कि सुनो, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान, सबसे अच्छे समय में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है।' उन्होंने आगे कहा कि ये ऐसे खेल हैं जो हमारे साथ खेले जा रहे हैं।

भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है-एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है। विदेशी लोगों को लगता है कि हमसे परामर्श किए बिना ये कैसे तय होगा कि भारत में कौन शासन करेगा? जयशंकर ने कहा कि हमें इस प्रकार की आलोचनाओं और रिपोर्टों के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है। क्योंकि ये लोग हर चीज पर सवाल उठाने वाले हैं।

अब मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे-एस जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि ये लोग चुनाव आयोग, चुनाव प्रणाली, ईवीएम और यहां तक कि मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम उनकी पोल खोलें और ऐसा करने के लिए हमारे आत्मविश्वास की कमी नहीं है। जयशंकर ने आगे कहा कि पश्चिमी मीडिया को एक और शिकायत है कि भाजपा बहुत अनुचित है। इसके साथ उनके अनुसार हमारा यह सोचना भी गलत है कि भाजपा बहुत बड़ी जीत हासिल करने जा रही है।

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Apr 15 2024, 10:11

भारत ने ईरान से की 17 भारतीयों की रिहाई की मांग, जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री से बात

#foreign_minister_jaishankar_spoke_with_iran_foreign_minister_release_of_17_indians

ईरान ने सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर हमले के जवाब मे इजराइल पर 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया।हालांकि, ईरानी हवाई हमले इजराइल पर ज्यादा प्रभाव डालने या कोई नुकसान पहुंचाने में विफल रहे। दरअसल, इजराइल एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें हवा में नष्ट कर दिया। अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इजरायल हमले का बदला लेगा? क्या ईरान के खिलाफ इजरायल कार्रवाई करेगा? मिडिल ईस्ट में इस बढ़ते तनाव के बीच भारत ने गंभीर चिंता व्यक्त की और दोनों देशों से संयम बरतने व हिंसा से पीछे हटने का आह्वान किया। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को ईरान के विदेश मंत्री एच. अमीराब्दोल्लाहियन से फोन पर भी बात की। इस दौरान उन्होंने, एमएससी एरीज के 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया।

दरअसल, ईरान ने एक अप्रैल को दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजराइली एयर स्ट्राइक में दो जनरल सहित ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के सात कर्मियों के मारे जाने की घटना के जवाब में शनिवार देर रात इजराइल पर सैंकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दाग दीं। वहीं, ईरान की सेना ने शनिवार को होर्मुज जलडमरूमध्य के पास इजराइल से जुड़े एक मालवाहक जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था। जहाज पर चालक दल के 17 भारतीय सदस्य सवार थे। पुर्तगाली झंडे वाले जहाज एमएससी एरीज पर सवार भारतीयों की रिहायी सुनिश्चित करने के लिए भारत ईरान के संपर्क में है।

ईरान के विदेश मंत्री से बातचीत के बाद एस. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा कि ईरानी विदेश मंत्री से बात की। एमएससी एरीज के चालक दल के 17 भारतीय सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया। एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज से अभी-अभी बातचीत हुई। मैंने शनिवार के घटनाक्रम पर अपनी चिंता साझा की। साथ ही व्यापक क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की और संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की। भारत ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए तत्काल तनाव कम करने की अपील की। भारत ने कहा कि क्षेत्र में उसके दूतावास भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती दुश्मनी से काफी चिंतित हैं। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, "ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालात बिगड़ने से हम गंभीर तौर पर चिंतित हैं। इससे पूरे क्षेत्र में शांति व स्थिरता के लिए खतरा हो गया है। हम तनाव को शीघ्रता से कम करने, संयम बनाकर रखने, हिंसा को छोड़ने और कूटनीति की राह अपनाने की अपील करते हैं। हम पूरी स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। उस क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय से लगातार संपर्क बना कर रखे हुए हैं। यह बहुत ही जरूरी है कि इस क्षेत्र में सुरक्षा व स्थिरता को बना कर रखा जाए।"

एस. जयशंकर की ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान के साथ बातचीत के बाद ईरान ने 17 भारतीयों की रिहाई को लकेर बयान जारी किया है। ईरान ने कहा है कि वह भारत सरकार के प्रतिनिधियों को एमएससी एरीज के 17 भारतीय दल के सदस्यों से मिलने की अनुमति देगा।

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Apr 01 2024, 11:48

कच्चातिवु द्वीप को लेकर गरमाई देश की सियासत, क्या समझौते में श्रीलंका को दे दिया गया था द्वीप, जानें पूरा मामला

#katchatheevu_issue_foreign_minister_jaishankar_blames_congress_giving_to_sri_lanka

लोकसभा चुनाव को लेकर देश का पारा चढ़ा हुआ है। पार्टियां एक दूसरे पर वार करने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहती। हर पार्टी को चुनाव में नए मुद्दे की तलाश है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उछाल दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने रविवार को कच्चातिवु द्वीप को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था। इसके बाद से इस द्वीप को लेकर सियासत तेज हो गई है। वहीं, आज यानी सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता को जानने का हक है कि कच्छतीवु को लेकर आखिर क्या हुआ था?

सबसे पहले जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने रविवार को कच्चातिवु द्वीप को लेकर क्या कुछ कहा।पीएम मोदी ने रविवार (31 मार्च) को अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर इसके बारे में लिखा और कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कितनी बेरहमी से कांग्रेस ने कच्चातिवु को श्रीलंका को दे दिया। पीएम मोदी ने भी कच्चातिवु पर बोलते हुए कांग्रेस और डीएमके पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि बयानबाजी के अलावा, द्रमुक ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया है। कच्चातिवु पर उभरते नए विवरणों ने डीएमके के दोहरे मानकों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कांग्रेस और डीएमके पारिवारिक इकाइयां हैं। वे केवल इस बात की परवाह करते हैं कि उनके अपने बेटे और बेटियां बढ़ें। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चातीवु पर उनकी कठोरता ने हमारे गरीब मछुआरों और विशेष रूप से मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है।

पीएम मोदी के बाद आज विदेश मंत्री जयशंकर ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया। जयशंकर ने 1974 में हुए उस समझौते की बात दोहराते हुए कहा कि उस साल भारत और श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ था। दोनों देशों ने उसपर हस्ताक्षर किए थे। उसके बाद कांग्रेस की तब की सरकार ने एक समुद्री सीमा खींची और समुद्री सीमा खींचने में कच्चातिवु को सीमा के श्रीलंकाई पक्ष पर रखा गया। जयशंकर ने आगे कहा कि हम जानते हैं कि यह किसने किया, यह नहीं पता कि इसे किसने छुपाया। हमारा मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई।

जयशंकर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले 20 वर्षों में, 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिया गया है और इसी समयकाल में 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को श्रीलंका ने जब्त किया। पिछले पांच वर्षों में कच्चातिवु मुद्दा और मछुआरे का मुद्दा संसद में विभिन्न दलों द्वारा बार-बार उठाया गया है। यह संसद के सवालों, बहसों और सलाहकार समिति में सामने आया है। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुझे कई बार पत्र लिखा है और मेरा रिकॉर्ड बताता है कि मौजूदा मुख्यमंत्री को मैं इस मुद्दे पर 21 बार जवाब दे चुका हूं। यह एक जीवंत मुद्दा है जिस पर संसद और तमिलनाडु हलकों में बहुत बहस हुई है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पत्राचार का विषय रहा है।

क्या है कच्चातिवु द्वीप का इतिहास

कच्चातिवू द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुआ था। यह कभी 17वीं शताब्दी में मदुरई के राजा रामानद के अधीन था। ब्रिटिश शासनकाल में यह द्वीप मद्रास प्रेसीडेंसी के पास आया। 1921 में श्रीलंका और भारत दोनों ने मछली पकड़ने के लिए भूमि पर दावा किया और विवाद अनसुलझा रहा। आजादी के बाद इसे भारत का हिस्सा माना गया।

साल 1974 में 26 जून को कोलंबो और 28 जून को दिल्ली में दोनों देशों के बीच इस द्वीप के बारे में बातचीत हुई। इन्हीं दो बैठकों में कुछ शर्तों के साथ इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया गया। तब शर्त यह रखी गई कि भारतीय मछुआरे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप का इस्तेमाल कर सकेंगे और द्वीप में बने चर्च में भारत के लोगों को बिना वीजा के जाने की अनुमति होगी। समझौतों ने भारत और श्रीलंका की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा चिह्नित कर दी। हालांकि इस समझौते का तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने तीखा विरोध किया था।

साल 1974 में 26 जून को कोलंबो और 28 जून को दिल्ली में दोनों देशों के बीच इस द्वीप के बारे में बातचीत हुई। इन्हीं दो बैठकों में कुछ शर्तों के साथ इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया गया। तब शर्त यह रखी गई कि भारतीय मछुआरे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप का इस्तेमाल कर सकेंगे और द्वीप में बने चर्च में भारत के लोगों को बिना वीजा के जाने की अनुमति होगी। समझौतों ने भारत और श्रीलंका की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा चिह्नित कर दी। 

मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा

साल 2008 में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने कच्चातिवु द्वीप को लेकर हुए समझौते को अमान्य घोषित करने की मांग की। याचिका में कहा गया कि इस द्वीप को गिफ्ट में श्रीलंका को दे देना असंवैधानिक है। इसे लेकर तमिलनाडु की सियासत हमेशा से गर्म रही है। इसी मुद्दे को लेकर लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम मोदी ने फिर से कांग्रेस को निशाने पर लिया है।

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Mar 05 2024, 16:06

रूस के विदेश मंत्री ने की एस जयशंकर की प्रशंसा, जानें क्या है वजह

#russian_foreign_minister_sergei_lavrov_praised_jaishankar

यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस की पश्चिमी देशों ने चौतरफा हमले किए। अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध भी लगाए। हालांकि, इस दौरान भारत ने तटस्थ रहते हुए रूस के साथ बेहतर संबंध बनाए रखा। भारत ने हमेशा युद्ध की आलोचना की लेकिन रूस पर सीधे तौर पर कभी अंगुली नहीं उठाई। वहीं, रूस ने कई मौकों पर भारत की प्रशंसा की है। रूस और यूक्रेन की जंग के दौरान पुतिन ने भारत को अपना पारंपरिक दोस्त बताया था और पीएम मोदी की तारीफ की थी। इस बीच रूस ने भारती की प्रशंसा की है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जयशंकर की तारीफ करते हुए कहा कि एस जयशंकर ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर पश्चिमी देशों के सवाल का क़ायदे से जवाब दिया था।

रूस के सोच्ची शहर में आयोजित विश्व युवा मंच को संबोधित करने के दौरान सर्गेई लावरोव ने एस जयशंकर की तारीफ करते हुए उनके पिछले बयान को याद किया। यहां उनसे रूस से भारत की तेल खरीद के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने एस जयशंकर के शब्दों को याद किया, जिन्होंने यूरोपीय लोगों को दूसरों को व्याख्यान देने से पहले खुद को देखने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, "मेरे मित्र, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, एक बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि उन्होंने रूस से इतना अधिक तेल क्यों खरीदना शुरू कर दिया। उन्होंने उनको अपने काम से काम रखने की सलाह दी और याद दिलाया कि पश्चिम ने कितना तेल खरीदना शुरू कर दिया है। भारत ने लगातारक रूसी संघ से तेल खरीदना जारी रखा है। यह उनकी हमारे लिए सोच दिखाता है।"

सर्गेई लावरोव ने इस दौरान भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक साझेदारी पर भी बात की।उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध के दौरान सोवियत संघ ने भारत की मदद की थी. तब पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था और भारत ने इस खेमे में शामिल होने से इनकार कर दिया था। रूसी विदेश मंत्री भारत के साथ सोवियत यूनियन और बाद में रूस के साथ बढ़ते सहयोग का हवाला देते हुए कहा, ''जब पश्चिम के देश भारत में आधुनिक हथियार भेजने के लिए सोचते तक नहीं थे तब सोवियत यूनियन और बाद में रूस ने न केवल आधुनिक हथियारों की आपूर्ति की, बल्कि हाईटेक मिसाइल का संयुक्त उत्पादन भी शुरू किया। मिसाल के तौर पर ब्रह्मोस मिसाइल। इसी का नतीजा है कि हम मुश्किल वक़्त में भी हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। हम इसे कभी भूल नहीं पाते हैं और भारतीयों में भी यह ख़ूबी है।

बता दें कि भारत अभी रूस के कच्चे तेल के बड़े ख़रीदारों में से एक है। फ़रवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब से रूसी तेल का आयात भारत बढ़ाता गया। 2022 के अक्तूबर में तो रूस भारत में सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया था। इससे पहले सऊदी अरब और इराक़ भारत के बड़े तेल आपूर्तिकर्ता देश थे। अप्रैल 2022 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जयशंकर तब अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के साथ वॉशिंगटन में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। एक पत्रकार ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा था, ''आप भारत के तेल ख़रीदने से चिंतित हैं लेकिन यूरोप जितना तेल एक दोपहर में ख़रीदता है, उतना भारत एक महीने में भी नहीं ख़रीदता है।''

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Jan 19 2024, 11:26

विवाद के बीच मालदीव के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, जानें किस मुद्दों पर हुई बात?

#s_jaishankar_meet_with_maldives_foreign_minister

भारत और मालदीव के बीच इन दिनों रिश्ते तल्ख बने हुए हैं। बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की। यह मुलाकात गुरुवार को यूगांडा के कंपाला में हुई। दोनों नेता कंपाला में गुट निरपेक्ष सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हुए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर लिखा कि दोनों के बीच खुलकर बातचीत हुई। 

एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष से मुलाकात को लेकर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया। बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, आज कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर से मुलाकात हुई। भारत-मालदीव संबंधों पर खुलकर बातचीत हुई। एनएएम से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी से भी मुलाकात की और गाजा में जारी संघर्ष पर उनके आकलन और अंतर्दृष्टि’ की सराहना की. मंत्री ने कहा कि उन्होंने अंगोला के विदेश मंत्री टेटे एंटोनियो के साथ अच्छी मुलाकात की जिसमें उन्होंने भारत-अंगोला और भारत-अफ्रीका सहयोग के विस्तार पर चर्चा की।

मालदीव के विदेश मंत्री ने भी किंया पोस्ट

वहीं, एस जयशंकर के साथ हुई इस भेंट को लेकर मालदीव के विदेश मंत्री ने भी एक पोस्ट किया। उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि एनएएम शिखर सम्मेलन के दौरान एस जयशंकर से मिलना खुशी की बात थी। इस मुलाकात के दौरान हमने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के साथ-साथ मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और सार्क और एनएएम के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर विचारों का आदान-प्रदान किया। मालदीव के मंत्री ने आगे लिखा कि हम अपने सहयोग को और मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इस बैठक की एक तस्वीर भी पोस्ट की है।

भारत और मालदीव के बीच इस मुद्दे पर हुआ था विवाद

बीते दिनों पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ करते हुए भारतीयों को लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई। इस बीच मालदीव सरकार के तीन नेताओं ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई। इस पर मालदीव ने अपने उन तीनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद ही मालदीव के राष्ट्रपति ने भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने की डेडलाइन तय कर दी थी।

WestBengalBangla

Jan 17 2024, 11:22

*New surprise in East Bengal, women's league stage in the red-yellow jersey is this beautiful?*

Sports News

KKNB : Sanjida has been playing football since he was only 10 years old. She is the daughter of Mymensingh, Bangladesh. From primary school to the stage of football. This time Sanjida is going to be one of the hopes of the red-yellow army. Sanjidai is going to be the first foreign female footballer in Kolkata Maidan.

In Bengal, there is no fuss about girls' football in that sense. This time, East Bengal is eager to bring girls' football to everyone's attention.Mashal Bahini is going to change the team with professionalism with equal importance. East Bengal has signed Bangladeshi footballer Sanjida Akhtar for the current season. This time, this 22-year-old girl will play in the red-yellow jersey.

Photo Courtesy: Social Media

WestBengalBangla

Jan 14 2024, 11:24

*The unwritten slogan in East Bengal today is, 'I will not score goals'*

Sports News

KKNB: East Bengal started their Kalinga Super Cup campaign with a win. East Bengal defeated Hyderabad FC by 3-2 in the first match. There was also panic in this victory. Scoring a goal after going ahead. East Bengal remained under pressure until the last minute. At the last whistle, relief returned. Hyderabad FCO ISL team. However, they fielded a team without foreigners. And a desperate fight with the Indian players. A pair of goals by Clayton Silver and a late goal by Saul Crespo clinched the win.In the Kalinga Super Cup today, East Bengal's opponent is I League club Srinidhi Deccan. East Bengal scored three goals in the last match but conceded two goals. As a result, it is not the huge profit that has been won. The only positive side for East Bengal is that they are unbeaten in their last seven matches. In several of these matches, they advanced and lost or drew. Carles Kuadrat can't recover from this goal-scoring disease.

Pic Courtesy by: X

WestBengalBangla

Jan 09 2024, 22:36

*Mohun Bagan started the Kalinga Super Cup with a win*

Sports News

Khabar kolkata News bureau: Mohun Bagan started the Kalinga Super Cup with a win. They beat I League club Srinidhi Deccan by 2-1. Srinidhi is third in the I-League points table. They also have good quality foreigners in their team. Srinidhi Deccan continued to try desperately to stop Mohun Bagan.

Not only that, in the 17th minute, Mohun Bagan was under pressure from Romabia's long-range shot. There was no danger in the Green Maroon camp on that journey. Tulunga hit a strong shot from midfield in the 21st minute.Mohun Bagan goalkeeper Arsh Anwar could have been in danger if the shot was on goal. 10-man Mohun Bagan left the field with three points in the end.

Pic Courtesy by: X

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Apr 26 2024, 19:13

संदेशखाली में सीबीआई और एनएसजी ने चलाया सर्च ऑपरेशन, हथियार-गोला बारूद बरामद*
#cbi_raid_in_sandeshkhali_found_foreign_made_guns_arms_ammunitions
पश्चिम बंगाल के उत्तर बंगाल की तीन सीटों पर दूसरे चरण पर मतदान के बीच उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से बड़ी संख्या में आग्नेयास्त्र और विस्फोटक बरामद किया गया है।केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने संदेशखाली में निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के एक रिश्तेदार के आवास पर छापेमारी में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए। सीबीआई के बाद एनएसजी कमांडो भी संदेशखाली पहुंचे और सर्च अभियान चलाया। यह सर्चिंग 5 जनवरी को शाहजहां शेख के घर दबिश देने गई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमले से जुड़ी है। ईडी की टीम 5 जनवरी को राशन घोटाला मामले में शाहजहां के ठिकानों पर रेड करने गई थी। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई को शाहजहां के रिश्तेदार हफीजुल खान के आवास पर हथियारों और देसी बमों के जखीरे के बारे में सूचना मिली। हफीजुल सत्तारूढ़ दल से निर्वाचित पंचायत सदस्य भी हैं। सूचना मिलने के तुरंत बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों के साथ सीबीआई की एक टीम ने मछली पालन फार्म के भीतर स्थित आवास पर छापामार कार्रवाई शुरू की। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन माहौल बिगाड़ने के लिए वहां हथियार, विस्फोटक और देसी बम रखे गए थे। सूत्रों ने कहा, शाहजहां की गिरफ्तारी और संदेशखाली में विभिन्न केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों और सीएपीएफ कर्मियों की बढ़ती आवाजाही के बाद, हथियारों को जमा करने के लिए जिम्मेदार लोग उन्हें हटा नहीं सके। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। अपने आदेश में कहा कि सीबीआई कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी। संदेशखाली की महिलाओं ने 8 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था। मामले में 3 आरोपी शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार न्यायिक हिरासत में हैं।

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Apr 24 2024, 13:36

*विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की जमकर ली क्लास, बोले-उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी*
#foreign_minister_s_jashankar_slams_on_foreign_media देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरणों में होने वाले इस लोकसभा चुनाव पर देश के साथ ही दुनिया की भी नजरे हैं। भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के साथ ही विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है। भारत के चुनावों को लेकर लगातार लेख सामने आ रहे हैं। वहीं, भारत में बीषण गर्मी के बीच हो रही चुनाव को लेकर भी विदेशी मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। विदेशी मीडिया का मानना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के चुनाव और पश्चिमी मीडिया को लेकर बेबाक टिप्पणी की है। जयशंकर मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पश्चिमी मीडिया से काफी बार हमारी लोकतंत्र की आलोचना करते हुए सुना है। यह ऐसा इसलिए नहीं है कि उनके पास जानकारी की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी भी हैं। *गर्मी में चुनाव कराने के सवाल पर करारा जवाब* पश्चिमी मीडिया के एक लेख में पूछा गया कि भारत में इतनी तेज गर्मी में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने अब वह लेख पढ़ा और मैं कहना चाहता हूं कि सुनो, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान, सबसे अच्छे समय में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है।' उन्होंने आगे कहा कि ये ऐसे खेल हैं जो हमारे साथ खेले जा रहे हैं। *भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है-एस जयशंकर* विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है। विदेशी लोगों को लगता है कि हमसे परामर्श किए बिना ये कैसे तय होगा कि भारत में कौन शासन करेगा? जयशंकर ने कहा कि हमें इस प्रकार की आलोचनाओं और रिपोर्टों के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है। क्योंकि ये लोग हर चीज पर सवाल उठाने वाले हैं। *अब मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे-एस जयशंकर* जयशंकर ने कहा कि ये लोग चुनाव आयोग, चुनाव प्रणाली, ईवीएम और यहां तक कि मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम उनकी पोल खोलें और ऐसा करने के लिए हमारे आत्मविश्वास की कमी नहीं है। जयशंकर ने आगे कहा कि पश्चिमी मीडिया को एक और शिकायत है कि भाजपा बहुत अनुचित है। इसके साथ उनके अनुसार हमारा यह सोचना भी गलत है कि भाजपा बहुत बड़ी जीत हासिल करने जा रही है।

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Apr 24 2024, 13:35

विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की जमकर ली क्लास, बोले-उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी

#foreignministersjashankarslamsonforeign_media 

देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरणों में होने वाले इस लोकसभा चुनाव पर देश के साथ ही दुनिया की भी नजरे हैं। भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के साथ ही विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है। भारत के चुनावों को लेकर लगातार लेख सामने आ रहे हैं। वहीं, भारत में बीषण गर्मी के बीच हो रही चुनाव को लेकर भी विदेशी मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। विदेशी मीडिया का मानना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के चुनाव और पश्चिमी मीडिया को लेकर बेबाक टिप्पणी की है।

जयशंकर मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पश्चिमी मीडिया से काफी बार हमारी लोकतंत्र की आलोचना करते हुए सुना है। यह ऐसा इसलिए नहीं है कि उनके पास जानकारी की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी भी हैं।

गर्मी में चुनाव कराने के सवाल पर करारा जवाब

पश्चिमी मीडिया के एक लेख में पूछा गया कि भारत में इतनी तेज गर्मी में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने अब वह लेख पढ़ा और मैं कहना चाहता हूं कि सुनो, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान, सबसे अच्छे समय में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है।' उन्होंने आगे कहा कि ये ऐसे खेल हैं जो हमारे साथ खेले जा रहे हैं।

भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है-एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है। विदेशी लोगों को लगता है कि हमसे परामर्श किए बिना ये कैसे तय होगा कि भारत में कौन शासन करेगा? जयशंकर ने कहा कि हमें इस प्रकार की आलोचनाओं और रिपोर्टों के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है। क्योंकि ये लोग हर चीज पर सवाल उठाने वाले हैं।

अब मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे-एस जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि ये लोग चुनाव आयोग, चुनाव प्रणाली, ईवीएम और यहां तक कि मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम उनकी पोल खोलें और ऐसा करने के लिए हमारे आत्मविश्वास की कमी नहीं है। जयशंकर ने आगे कहा कि पश्चिमी मीडिया को एक और शिकायत है कि भाजपा बहुत अनुचित है। इसके साथ उनके अनुसार हमारा यह सोचना भी गलत है कि भाजपा बहुत बड़ी जीत हासिल करने जा रही है।

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Apr 15 2024, 10:11

भारत ने ईरान से की 17 भारतीयों की रिहाई की मांग, जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री से बात

#foreign_minister_jaishankar_spoke_with_iran_foreign_minister_release_of_17_indians

ईरान ने सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर हमले के जवाब मे इजराइल पर 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया।हालांकि, ईरानी हवाई हमले इजराइल पर ज्यादा प्रभाव डालने या कोई नुकसान पहुंचाने में विफल रहे। दरअसल, इजराइल एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें हवा में नष्ट कर दिया। अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इजरायल हमले का बदला लेगा? क्या ईरान के खिलाफ इजरायल कार्रवाई करेगा? मिडिल ईस्ट में इस बढ़ते तनाव के बीच भारत ने गंभीर चिंता व्यक्त की और दोनों देशों से संयम बरतने व हिंसा से पीछे हटने का आह्वान किया। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को ईरान के विदेश मंत्री एच. अमीराब्दोल्लाहियन से फोन पर भी बात की। इस दौरान उन्होंने, एमएससी एरीज के 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया।

दरअसल, ईरान ने एक अप्रैल को दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजराइली एयर स्ट्राइक में दो जनरल सहित ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के सात कर्मियों के मारे जाने की घटना के जवाब में शनिवार देर रात इजराइल पर सैंकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दाग दीं। वहीं, ईरान की सेना ने शनिवार को होर्मुज जलडमरूमध्य के पास इजराइल से जुड़े एक मालवाहक जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था। जहाज पर चालक दल के 17 भारतीय सदस्य सवार थे। पुर्तगाली झंडे वाले जहाज एमएससी एरीज पर सवार भारतीयों की रिहायी सुनिश्चित करने के लिए भारत ईरान के संपर्क में है।

ईरान के विदेश मंत्री से बातचीत के बाद एस. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा कि ईरानी विदेश मंत्री से बात की। एमएससी एरीज के चालक दल के 17 भारतीय सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया। एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज से अभी-अभी बातचीत हुई। मैंने शनिवार के घटनाक्रम पर अपनी चिंता साझा की। साथ ही व्यापक क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की और संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की। भारत ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए तत्काल तनाव कम करने की अपील की। भारत ने कहा कि क्षेत्र में उसके दूतावास भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती दुश्मनी से काफी चिंतित हैं। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, "ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालात बिगड़ने से हम गंभीर तौर पर चिंतित हैं। इससे पूरे क्षेत्र में शांति व स्थिरता के लिए खतरा हो गया है। हम तनाव को शीघ्रता से कम करने, संयम बनाकर रखने, हिंसा को छोड़ने और कूटनीति की राह अपनाने की अपील करते हैं। हम पूरी स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। उस क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय से लगातार संपर्क बना कर रखे हुए हैं। यह बहुत ही जरूरी है कि इस क्षेत्र में सुरक्षा व स्थिरता को बना कर रखा जाए।"

एस. जयशंकर की ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान के साथ बातचीत के बाद ईरान ने 17 भारतीयों की रिहाई को लकेर बयान जारी किया है। ईरान ने कहा है कि वह भारत सरकार के प्रतिनिधियों को एमएससी एरीज के 17 भारतीय दल के सदस्यों से मिलने की अनुमति देगा।

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Apr 01 2024, 11:48

कच्चातिवु द्वीप को लेकर गरमाई देश की सियासत, क्या समझौते में श्रीलंका को दे दिया गया था द्वीप, जानें पूरा मामला

#katchatheevu_issue_foreign_minister_jaishankar_blames_congress_giving_to_sri_lanka

लोकसभा चुनाव को लेकर देश का पारा चढ़ा हुआ है। पार्टियां एक दूसरे पर वार करने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहती। हर पार्टी को चुनाव में नए मुद्दे की तलाश है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उछाल दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने रविवार को कच्चातिवु द्वीप को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था। इसके बाद से इस द्वीप को लेकर सियासत तेज हो गई है। वहीं, आज यानी सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता को जानने का हक है कि कच्छतीवु को लेकर आखिर क्या हुआ था?

सबसे पहले जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने रविवार को कच्चातिवु द्वीप को लेकर क्या कुछ कहा।पीएम मोदी ने रविवार (31 मार्च) को अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर इसके बारे में लिखा और कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कितनी बेरहमी से कांग्रेस ने कच्चातिवु को श्रीलंका को दे दिया। पीएम मोदी ने भी कच्चातिवु पर बोलते हुए कांग्रेस और डीएमके पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि बयानबाजी के अलावा, द्रमुक ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया है। कच्चातिवु पर उभरते नए विवरणों ने डीएमके के दोहरे मानकों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कांग्रेस और डीएमके पारिवारिक इकाइयां हैं। वे केवल इस बात की परवाह करते हैं कि उनके अपने बेटे और बेटियां बढ़ें। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चातीवु पर उनकी कठोरता ने हमारे गरीब मछुआरों और विशेष रूप से मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है।

पीएम मोदी के बाद आज विदेश मंत्री जयशंकर ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया। जयशंकर ने 1974 में हुए उस समझौते की बात दोहराते हुए कहा कि उस साल भारत और श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ था। दोनों देशों ने उसपर हस्ताक्षर किए थे। उसके बाद कांग्रेस की तब की सरकार ने एक समुद्री सीमा खींची और समुद्री सीमा खींचने में कच्चातिवु को सीमा के श्रीलंकाई पक्ष पर रखा गया। जयशंकर ने आगे कहा कि हम जानते हैं कि यह किसने किया, यह नहीं पता कि इसे किसने छुपाया। हमारा मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई।

जयशंकर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले 20 वर्षों में, 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिया गया है और इसी समयकाल में 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को श्रीलंका ने जब्त किया। पिछले पांच वर्षों में कच्चातिवु मुद्दा और मछुआरे का मुद्दा संसद में विभिन्न दलों द्वारा बार-बार उठाया गया है। यह संसद के सवालों, बहसों और सलाहकार समिति में सामने आया है। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुझे कई बार पत्र लिखा है और मेरा रिकॉर्ड बताता है कि मौजूदा मुख्यमंत्री को मैं इस मुद्दे पर 21 बार जवाब दे चुका हूं। यह एक जीवंत मुद्दा है जिस पर संसद और तमिलनाडु हलकों में बहुत बहस हुई है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पत्राचार का विषय रहा है।

क्या है कच्चातिवु द्वीप का इतिहास

कच्चातिवू द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुआ था। यह कभी 17वीं शताब्दी में मदुरई के राजा रामानद के अधीन था। ब्रिटिश शासनकाल में यह द्वीप मद्रास प्रेसीडेंसी के पास आया। 1921 में श्रीलंका और भारत दोनों ने मछली पकड़ने के लिए भूमि पर दावा किया और विवाद अनसुलझा रहा। आजादी के बाद इसे भारत का हिस्सा माना गया।

साल 1974 में 26 जून को कोलंबो और 28 जून को दिल्ली में दोनों देशों के बीच इस द्वीप के बारे में बातचीत हुई। इन्हीं दो बैठकों में कुछ शर्तों के साथ इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया गया। तब शर्त यह रखी गई कि भारतीय मछुआरे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप का इस्तेमाल कर सकेंगे और द्वीप में बने चर्च में भारत के लोगों को बिना वीजा के जाने की अनुमति होगी। समझौतों ने भारत और श्रीलंका की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा चिह्नित कर दी। हालांकि इस समझौते का तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने तीखा विरोध किया था।

साल 1974 में 26 जून को कोलंबो और 28 जून को दिल्ली में दोनों देशों के बीच इस द्वीप के बारे में बातचीत हुई। इन्हीं दो बैठकों में कुछ शर्तों के साथ इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया गया। तब शर्त यह रखी गई कि भारतीय मछुआरे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप का इस्तेमाल कर सकेंगे और द्वीप में बने चर्च में भारत के लोगों को बिना वीजा के जाने की अनुमति होगी। समझौतों ने भारत और श्रीलंका की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा चिह्नित कर दी। 

मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा

साल 2008 में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने कच्चातिवु द्वीप को लेकर हुए समझौते को अमान्य घोषित करने की मांग की। याचिका में कहा गया कि इस द्वीप को गिफ्ट में श्रीलंका को दे देना असंवैधानिक है। इसे लेकर तमिलनाडु की सियासत हमेशा से गर्म रही है। इसी मुद्दे को लेकर लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम मोदी ने फिर से कांग्रेस को निशाने पर लिया है।

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Mar 05 2024, 16:06

रूस के विदेश मंत्री ने की एस जयशंकर की प्रशंसा, जानें क्या है वजह

#russian_foreign_minister_sergei_lavrov_praised_jaishankar

यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस की पश्चिमी देशों ने चौतरफा हमले किए। अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध भी लगाए। हालांकि, इस दौरान भारत ने तटस्थ रहते हुए रूस के साथ बेहतर संबंध बनाए रखा। भारत ने हमेशा युद्ध की आलोचना की लेकिन रूस पर सीधे तौर पर कभी अंगुली नहीं उठाई। वहीं, रूस ने कई मौकों पर भारत की प्रशंसा की है। रूस और यूक्रेन की जंग के दौरान पुतिन ने भारत को अपना पारंपरिक दोस्त बताया था और पीएम मोदी की तारीफ की थी। इस बीच रूस ने भारती की प्रशंसा की है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जयशंकर की तारीफ करते हुए कहा कि एस जयशंकर ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर पश्चिमी देशों के सवाल का क़ायदे से जवाब दिया था।

रूस के सोच्ची शहर में आयोजित विश्व युवा मंच को संबोधित करने के दौरान सर्गेई लावरोव ने एस जयशंकर की तारीफ करते हुए उनके पिछले बयान को याद किया। यहां उनसे रूस से भारत की तेल खरीद के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने एस जयशंकर के शब्दों को याद किया, जिन्होंने यूरोपीय लोगों को दूसरों को व्याख्यान देने से पहले खुद को देखने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, "मेरे मित्र, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, एक बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि उन्होंने रूस से इतना अधिक तेल क्यों खरीदना शुरू कर दिया। उन्होंने उनको अपने काम से काम रखने की सलाह दी और याद दिलाया कि पश्चिम ने कितना तेल खरीदना शुरू कर दिया है। भारत ने लगातारक रूसी संघ से तेल खरीदना जारी रखा है। यह उनकी हमारे लिए सोच दिखाता है।"

सर्गेई लावरोव ने इस दौरान भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक साझेदारी पर भी बात की।उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध के दौरान सोवियत संघ ने भारत की मदद की थी. तब पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था और भारत ने इस खेमे में शामिल होने से इनकार कर दिया था। रूसी विदेश मंत्री भारत के साथ सोवियत यूनियन और बाद में रूस के साथ बढ़ते सहयोग का हवाला देते हुए कहा, ''जब पश्चिम के देश भारत में आधुनिक हथियार भेजने के लिए सोचते तक नहीं थे तब सोवियत यूनियन और बाद में रूस ने न केवल आधुनिक हथियारों की आपूर्ति की, बल्कि हाईटेक मिसाइल का संयुक्त उत्पादन भी शुरू किया। मिसाल के तौर पर ब्रह्मोस मिसाइल। इसी का नतीजा है कि हम मुश्किल वक़्त में भी हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। हम इसे कभी भूल नहीं पाते हैं और भारतीयों में भी यह ख़ूबी है।

बता दें कि भारत अभी रूस के कच्चे तेल के बड़े ख़रीदारों में से एक है। फ़रवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब से रूसी तेल का आयात भारत बढ़ाता गया। 2022 के अक्तूबर में तो रूस भारत में सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया था। इससे पहले सऊदी अरब और इराक़ भारत के बड़े तेल आपूर्तिकर्ता देश थे। अप्रैल 2022 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जयशंकर तब अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के साथ वॉशिंगटन में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। एक पत्रकार ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा था, ''आप भारत के तेल ख़रीदने से चिंतित हैं लेकिन यूरोप जितना तेल एक दोपहर में ख़रीदता है, उतना भारत एक महीने में भी नहीं ख़रीदता है।''

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Jan 19 2024, 11:26

विवाद के बीच मालदीव के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, जानें किस मुद्दों पर हुई बात?

#s_jaishankar_meet_with_maldives_foreign_minister

भारत और मालदीव के बीच इन दिनों रिश्ते तल्ख बने हुए हैं। बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की। यह मुलाकात गुरुवार को यूगांडा के कंपाला में हुई। दोनों नेता कंपाला में गुट निरपेक्ष सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हुए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर लिखा कि दोनों के बीच खुलकर बातचीत हुई। 

एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष से मुलाकात को लेकर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया। बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, आज कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर से मुलाकात हुई। भारत-मालदीव संबंधों पर खुलकर बातचीत हुई। एनएएम से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी से भी मुलाकात की और गाजा में जारी संघर्ष पर उनके आकलन और अंतर्दृष्टि’ की सराहना की. मंत्री ने कहा कि उन्होंने अंगोला के विदेश मंत्री टेटे एंटोनियो के साथ अच्छी मुलाकात की जिसमें उन्होंने भारत-अंगोला और भारत-अफ्रीका सहयोग के विस्तार पर चर्चा की।

मालदीव के विदेश मंत्री ने भी किंया पोस्ट

वहीं, एस जयशंकर के साथ हुई इस भेंट को लेकर मालदीव के विदेश मंत्री ने भी एक पोस्ट किया। उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि एनएएम शिखर सम्मेलन के दौरान एस जयशंकर से मिलना खुशी की बात थी। इस मुलाकात के दौरान हमने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के साथ-साथ मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और सार्क और एनएएम के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर विचारों का आदान-प्रदान किया। मालदीव के मंत्री ने आगे लिखा कि हम अपने सहयोग को और मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इस बैठक की एक तस्वीर भी पोस्ट की है।

भारत और मालदीव के बीच इस मुद्दे पर हुआ था विवाद

बीते दिनों पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ करते हुए भारतीयों को लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई। इस बीच मालदीव सरकार के तीन नेताओं ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई। इस पर मालदीव ने अपने उन तीनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद ही मालदीव के राष्ट्रपति ने भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने की डेडलाइन तय कर दी थी।

WestBengalBangla

Jan 17 2024, 11:22

*New surprise in East Bengal, women's league stage in the red-yellow jersey is this beautiful?*

Sports News

KKNB : Sanjida has been playing football since he was only 10 years old. She is the daughter of Mymensingh, Bangladesh. From primary school to the stage of football. This time Sanjida is going to be one of the hopes of the red-yellow army. Sanjidai is going to be the first foreign female footballer in Kolkata Maidan.

In Bengal, there is no fuss about girls' football in that sense. This time, East Bengal is eager to bring girls' football to everyone's attention.Mashal Bahini is going to change the team with professionalism with equal importance. East Bengal has signed Bangladeshi footballer Sanjida Akhtar for the current season. This time, this 22-year-old girl will play in the red-yellow jersey.

Photo Courtesy: Social Media

WestBengalBangla

Jan 14 2024, 11:24

*The unwritten slogan in East Bengal today is, 'I will not score goals'*

Sports News

KKNB: East Bengal started their Kalinga Super Cup campaign with a win. East Bengal defeated Hyderabad FC by 3-2 in the first match. There was also panic in this victory. Scoring a goal after going ahead. East Bengal remained under pressure until the last minute. At the last whistle, relief returned. Hyderabad FCO ISL team. However, they fielded a team without foreigners. And a desperate fight with the Indian players. A pair of goals by Clayton Silver and a late goal by Saul Crespo clinched the win.In the Kalinga Super Cup today, East Bengal's opponent is I League club Srinidhi Deccan. East Bengal scored three goals in the last match but conceded two goals. As a result, it is not the huge profit that has been won. The only positive side for East Bengal is that they are unbeaten in their last seven matches. In several of these matches, they advanced and lost or drew. Carles Kuadrat can't recover from this goal-scoring disease.

Pic Courtesy by: X

WestBengalBangla

Jan 09 2024, 22:36

*Mohun Bagan started the Kalinga Super Cup with a win*

Sports News

Khabar kolkata News bureau: Mohun Bagan started the Kalinga Super Cup with a win. They beat I League club Srinidhi Deccan by 2-1. Srinidhi is third in the I-League points table. They also have good quality foreigners in their team. Srinidhi Deccan continued to try desperately to stop Mohun Bagan.

Not only that, in the 17th minute, Mohun Bagan was under pressure from Romabia's long-range shot. There was no danger in the Green Maroon camp on that journey. Tulunga hit a strong shot from midfield in the 21st minute.Mohun Bagan goalkeeper Arsh Anwar could have been in danger if the shot was on goal. 10-man Mohun Bagan left the field with three points in the end.

Pic Courtesy by: X