मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर भड़के राहुल, बोले-आपकी चुप्पी नारी शक्ति के नारे की सच्चाई

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अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बैन करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। इससे पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी पीएम मोदी से तीखा सवाल किया।

महिलाओं के प्रति कमजोरी और असंवेदनशीलता-राहुल गांधी

दिल्ली में शुक्रवार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुतक्की द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोलाते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री ऐसे भेदभाव पर चुप रहते हैं तो यह पूरे देश की महिलाओं के प्रति कमजोरी और असंवेदनशीलता का संदेश देता है।

आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, मोदी जी, जब आप महिला पत्रकारों को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम से बाहर किए जाने की अनुमति देते हैं तो आप देश की हर महिला को यह बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं। हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। ऐसे भेदभाव पर आपकी चुप्पी ‘नारी शक्ति’ के आपके नारों की खोखलापन उजागर करती है

प्रियंका ने पूछा- महिला पत्रकारों का यह अपमान कैसे होने दिया गया?

इससे पहले प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल के जरिए पीएम मोदी को टैग करते हुए पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया यह स्पष्ट करें कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाने को लेकर आपकी क्या स्थिति है?' उन्होंने आगे लिखा, 'अगर महिलाओं के अधिकारों को लेकर आपकी मान्यता सिर्फ एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक सीमित दिखावा नहीं है, तो फिर हमारे देश में, जहां महिलाएं हमारी रीढ़ हैं, हमारी शान हैं, इतनी योग्य महिला पत्रकारों का यह अपमान कैसे होने दिया गया?

बता दें कि एक दिन पहले ही अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान केवल कुछ चुनिंदा पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था और महिला पत्रकारों को बुलाया नहीं गया था। मुत्ताकी ने इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ विस्तृत बातचीत की थी।

तालिबानी विदेश मंत्री की नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों हटाया गया, प्रियंका ने पीएम मोदी पर बोला हमला

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अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 7 दिनों के भारत पर आए हैं। अफगानी मंत्री ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई, जिसमें महिला पत्रकारों को एंट्री नहीं दी गई। महिला पत्रकारों की ग़ैरमौजूदगी को लेकर भारत की विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी नेता सरकार से इसपर सवाल पूछ रहे हैं।

मुत्ताकी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद यह पहली उच्चस्तरीय बैठक भारत में हुई है। शुक्रवार की शाम मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान के दूतावास में थी। जिसमें महिला पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया था। यह घटना विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी बातचीत के कुछ घंटों बाद हुई। कई महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस से बाहर रखा गया। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के पब्लिक कम्युनिकेशन के निदेशक हाफ़िज ज़िया अहमद ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की जो तस्वीर एक्स पर पोस्ट की है, उसमें साफ दिख रहा है कि कोई महिला पत्रकार नहीं है।

प्रियंका ने पूछा- महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया?

ऐसे में अफगानी मंत्री मुत्तकी की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कृपया यह साफ करें कि भारत आए तालिबान प्रतिनिधि की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया। अगर महिलाओं के अधिकारों को लेकर आपकी बातें सिर्फ चुनाव के समय की दिखावा नहीं हैं, तो देश की कुछ काबिल महिलाओं का यह अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया? यह वही देश है जहां की महिलाएं रीढ़ और शान हैं।

एस जयशंकर पर महुआ मोइत्रा का तीखा हमला

मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर भारत सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी तीखा हमला बोला है। महुआ मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि कैसे सरकार ने तालिबान प्रतिनिधि को भारतीय धरती पर पूरी प्रोटोकॉल के साथ महिलाओं पत्रकारों को बाहर रखकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इजाजत दी।

क्या कह रहा विदेश मंत्रालय?

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की दिल्ली यात्रा के दौरान हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर उठे विवाद पर भारत सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में उसकी कोई भूमिका नहीं थी और यह कार्यक्रम पूरी तरह अफगानिस्तान के दूतावास की तरफ से आयोजित किया गया था। इस बयान के साथ सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार या उसके किसी विभाग का इस प्रेस इंटरैक्शन से कोई संबंध नहीं था।

तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार भारत दौरे पर अफगानी विदेश मंत्री, पाकिस्तान की बढ़ी परेशानी

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तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी आज ही भारत पहुंचे हैं। यह भारत और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देने वाला पहला दौरा है। मुत्ताकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। मुत्ताकी दारूल उलूम देवबंद मदरसे और ताजमहल भी जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से छूट हासिल करने के बाद मुत्ताकी भारत आ रहे हैं। दरअसल, मुत्ताकी संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं।

तालिबान ने अगस्त 2021 में अशरफ गनी की सरकार गिरने के बाद काबुल पर कब्जा कर लिया था। करीब चार वर्ष पूर्व अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद वहां के विदेश मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। यह पहली बार है जब तालिबान शासन के किसी वरिष्ठ मंत्री का भारत दौरा इतने उच्च स्तर पर हो रहा है। इस यात्रा का मकसद भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करना, व्यापार और बुनियादी ढांचे से जुड़ी चुनौतियों पर बात करना और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करना है।

रद्द हो गया था मुत्ताकी का दौरा

मुत्ताकी को पिछले महीने ही नई दिल्ली आना था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ओर से लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण उनका यह दौरा रद्द कर दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने 30 सितंबर को मुत्ताकी को अस्थायी छूट देते हुए 9 से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली आने की अनुमति दी थी।

क्या है मुत्ताकी के दौरे का एजेंडा?

रॉयटर्स और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुत्ताकी न सिर्फ भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से मिलेंगे, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भारतीय कारोबारी संगठनों और भारत में रह रहे अफगान नागरिकों से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात होगी या नहीं, फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बातचीत का एजेंडा कुछ इस तरह हो सकता है:

1. व्यापारिक सहयोग पर चर्चा- दोनों देशों के बीच सूखे मेवों, मसालों और दवाओं के निर्यात-आयात को लेकर नए रास्ते तलाशे जाएंगे।

2. स्वास्थ्य क्षेत्र में साझेदारी- भारत अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता, दवाएं और मेडिकल प्रशिक्षण देने पर सहमत हो सकता है।

3. कांसुलर सेवाएं और वीजा प्रक्रिया- अफगान छात्रों और मरीजों के लिए वीजा में ढील और नई कांसुलर सुविधाओं की बात होगी।

4. दूतावासों का विस्तार- काबुल और नई दिल्ली दोनों में पूरी तरह सक्रिय दूतावास और कांसुलेट बहाल करने पर चर्चा होगी।

5. नए राजदूत की नियुक्ति- तालिबान चाहता है कि भारत में अब उनका नियुक्त प्रतिनिधि ही राजदूत के रूप में काम करे।

6. निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स- तालिबान भारत से पुराने प्रोजेक्ट्स दोबारा शुरू करने और नई निवेश योजनाओं की मांग कर सकता है।

7. सुरक्षा गारंटी- भारत अपने सुरक्षा हितों की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ ठोस आश्वासन मांग सकता है।

भारत-पाक तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा कितना अहम?

भारत-पाक संबंधों में आए हालिया तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा दक्षिण एशिया के सुरक्षा परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है और इस पर सुरक्षा विशेषज्ञों की भी निगाहें हैं। विदेश मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने कहा, मुत्ताकी का दौरा इस वास्तविकता को दर्शाता है, जिसमें कूटनीतिक स्तर पर भारत और तालिबान सरकार के रिश्ते बेहतरी की ओर जा रहे हैं। भारत का हित अफगानिस्तान की स्थिरता में है। भारत अपनी क्षमतानुसार आर्थिक स्तर पर अफगानिस्तान की जरूरतें पूरी कर सकता है।

सोनम वांगचुक को बड़ा झटका, रद्द हुआ NGO का लाइसेंस, विदेशी फंडिंग पर लग गई रोक

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केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। उपद्रवियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय को आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा। सरकार ने इस हिंसा के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। अगले दिन उनके एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया।

सोनम वांगचुक की स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उनके एनजीओ पर विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप है। सीबीआई ने सोनम वांगचुक के एक संस्थान के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू कर दी है।

क्यों हुआ पंजीकरण रद्द?

सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि संस्था के कामकाज में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। सरकारी जांच में सामने आया कि संस्था को स्वीडन के एक दाता से करीब 4.93 लाख रुपये मिले थे, जो युवा जागरूकता कार्यक्रमों पर खर्च होने थे। इन कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और खाद्य सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे। लेकिन सरकार ने इस दान को ‘राष्ट्रीय हित के खिलाफ’ बताया। इसके अलावा 19,600 रुपये और 79,200 रुपये जैसी छोटी रकमों के गलत तरीके से एफसीआरए खाते में दाखिल होने की बात भी नोटिस में दर्ज की गई। इन सब बिंदुओं के आधार पर मंत्रालय ने 10 सितंबर को नोटिस जारी किया था, और जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर संस्था का पंजीकरण रद्द कर दिया।

क्या बोले वांगचुक?

वांगचुक ने इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का दोष उन पर मढ़ा गया है। सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख में दो महीने बाद चुनाव आने वाले हैं, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि पहले जो वादा किया था उसे पूरा करें। इसमें बड़ी आवाज मेरी थी इसलिए उन्होंने मुझे टारगेट किया और डेढ़ महीना पहले मुझे बताया गया कि आपके ऊपर देशद्रोह का एक एफआईआर है। इसके बाद सीबीआई की जांच की बात हुई। 

विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं- वांगचुक

वांगचुक ने कहा, सीबीआई के नोटिस में ये लिखा है कि 2022-24 में आपकी संस्था को विदेशों से फंड मिला, जिसकी अनुमति आपको नहीं है। आपके पास एफसीआरए नहीं है। हमने एफसीआरए नहीं लिया क्योंकि विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं था। संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने हमें फीस अदा की। इसी तरह हमारे आर्टिफिशियल ग्लेशियर को स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी और इटली की एक संस्था से पैसे मिले।

क्या करता है हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख?

सोनम वांगचुक ने 1994 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की. इसका मकसद लद्दाख के युवाओं को स्थानीय जरूरतों और संस्कृति से जोड़ते हुए प्रासंगिक और व्यावहारिक शिक्षा देना था. बाद में इसी सोच के विस्तार के रूप में उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की नींव रखी. SECMOL की नींव 1994 में रखी गई ताकि बच्चे केवल कागजी डिग्री के बोझ तले न दबें बल्कि वास्तविक जीवन कौशल भी सीखें.

HIAL लगभग 2017-18 में आकार लेता है, जिसके पीछे विचार था लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र के लिए ऐसे समाधान खोजना जो पर्यावरण-संवेदनशील हों. इसका स्पष्ट उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों का स्थानीय अनुभवों के आधार पर हल निकालना तय किया गया था

एक दूसरे के और करीब आए भारत-चीन, चीनी विदेश मंत्री का बड़ा बयान, खतरा नहीं साझेदार बनना होगा

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी के बीच भारत और चीन एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। सीमा विवाद के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी इस समय भारत की यात्रा पर हैं। भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत की तीन बड़ी परेशानियों को दूर करने का आश्वासन दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत की उर्वरकों, रेयर अर्थ मैटिरियल और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को पूरा करेगा। सूत्रों के हवाले यह खबर सामने आई है।

एक-दूसरे को प्रतिद्वंदी के तौर पर देखने वाले भारत-चीन के रिश्तों में नया मोड़ आया है। भारत की यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। सोमवार को एस. जयशंकर से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वस्त किया है कि चीन रेयर अर्थ मिनरल, फर्टलाइजर्स और टनल बोरिंग मशीन का समाधान निकालने में भारत की मदद करेगा।सूत्रों के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत की उर्वरक, दुर्लभ मृदा और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों से जुड़ी तीन प्रमुख चिंताओं का समाधान करेगा।

एकजुटता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए- वांग यी

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग की मुलाकात पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि दुनिया में एकतरफा दबाव और धौंस जमाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में चीन और भारत को वैश्विक दृष्टिकोण दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि बड़े देशों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए और व्यापक विकासशील देशों के बीच एकजुटता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

एक-दूसरे को दुश्मन नहीं, साझेदार के तौर पर देखना होगा- वांग यी

भारत-चीन के बीच रिश्तों को लेकर वांग यी ने कहा है कि निश्चित तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात ने चीन-भारत संबंधों को दोबारा शुरू करने में मदद की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने इसे गंभीरता से लिया है और विभिन्न स्तरों पर संवाद और संपर्क धीरे-धीरे बहाल हो रहे हैं। चीनी विदेश मंत्री ने बड़ा संदेश देते हुए कहा है कि चीन और भारत को एक-दूसरे को दुश्मन नहीं, साझेदार के तौर पर देखना होगा। दोनों पक्ष 75 वर्षों के राजनयिक अनुभव और सबक से गंभीरता से सीखें और रणनीतिक दृष्टिकोण विकसित करें। चीन और भारत आपसी विश्वास बनाए रखें और बाहरी हस्तक्षेपों को दूर करें।

एस जयशंकर ने क्या कहा?

इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि बातचीत में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, तीर्थयात्रा, लोगों से लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान शामिल होंगे। विदेश मंत्री ने इस साल जुलाई में अपनी चीन यात्रा के दौरान उठाई गई चिंताओं पर आगे चर्चा की। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया था कि पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन संबंधों के विविध पहलू और आयाम हैं। उन्होंने कहा, इस संदर्भ में यह भी जरूरी है कि प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचा जाए। भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल हमारे बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद हैं। यह पारस्परिक सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को संभालने से ही संभव है।

अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया, मुनीर के यूएम दौरे के बीच एलान

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अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) व उसकी विंग मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) घोषित कर दिया। यह घोषणा पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के दौरान की गई है। ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान सरकार के साथ करीबी बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बता दें कि बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की नाक में दम किया हुआ है। उसने पाकिस्तानी सेना के अलावा अर्धसैनिक बलों और चीनी नागरिकों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ली है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी जानकारी दी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, आज विदेश विभाग बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसके उपनाम मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में नामित कर रहा है। मजीद ब्रिगेड को बीएलए के पिछले विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के साथ एक सहयोगी के रूप में जोड़ रहा है।

क्यों लगा प्रतिबंध?

विदेश विभाग ने कहा कि 2024 में बीएलए ने कराची हवाई अड्डे और ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर के पास हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। 2025 में मार्च में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण के पीछे भी उसका हाथ था। बीएल ने 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। उस घटना में 31 नागरिकों व सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। 2019 में हुए कई हमलों के बाद बीएलए को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित किया गया था। इस साल मार्च में इस अलगाववादी समूह ने क्वेटा से पेशावर जा रही एक ट्रेन को हाईजैक करने की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें दर्जनों यात्री और सैनिक मारे गए थे।

आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता का जिक्र

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, विदेश विभाग द्वारा आज की गई कार्रवाई आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आतंकवादियों को नामित करना इस अभिशाप के विरुद्ध हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। आज की कार्रवाई संशोधित आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार की गई है। संघीय रजिस्टर में प्रकाशन के बाद एफटीओ प्रभावी हो जाते हैं।

Join the Green Revolution on World Biofuel Day

With SSK Bharat’s Bio Stove: Building a Carbon-Negative Future for India

Every year, on August 10th, the world celebrates World Biofuel Day - a day dedicated to inspiring individuals, communities, and organizations to embrace sustainable fuel solutions in our daily lives. This year, as environmental threats intensify, SSK Bharat Management and Media Ltd. invites every citizen, villager, and industrialist to stand with us in a nationwide movement to minimize and neutralize carbon emissions.

Why This Matters Now: Nature’s Warning Signs Are Loud and Clear

Over the past years, India - alongside the rest of the globe - has experienced the mounting burden of environmental problems. The recent unpredictable and deadly downpours in Uttarakhand and Uttarkashi are not mere coincidences. They are urgent reminders of nature’s response to climatic imbalances triggered largely by global warming.

Unpredictable Weather: Intense, localized rainfall, flash floods, and abnormal weather cycles are becoming frequent. The sharp rise in temperature and erratic monsoons are direct reflections of global climate change.

Global Consensus: Governments worldwide, from the United Nations to the Government of India, acknowledge the seriousness of climate change. The Paris Agreement, India’s ambitious targets, and a wave of green initiatives all underscore the same truth: it’s time for everyone to act.

The Carbon Connection: Why Cutting Emissions Is Essential?

A central culprit behind global warming is the excessive release of carbon dioxide (CO₂) - especially from burning fossil fuels like Liquefied Petroleum Gas (LPG):

Heavy Emissions: Burning just 1 kg of LPG emits around 2.5 kg of carbon dioxide into our atmosphere.

Economic Drain: India spends nearly ₹80,000 crore yearly on LPG imports, money that could instead develop our rural and local communities.

Health & Social Toll: Traditional fuels and even some modern alternatives contribute to household air pollution, causing respiratory diseases and lowering productivity.

A New Dawn: SSK Bharat Group’s Bio Stove with Bio Coal-Based Cooking System

We are thrilled to announce, on the auspicious occasion of World Biofuel Day, the launch of our Bio Stove with Bio Coal-Based Cooking System - a revolutionary leap towards clean, affordable, and efficient cooking for every Indian.

Key Features of Our Bio Stove System:

Carbon-Negative or Carbon-Neutral Performance: By design, our stoves drastically reduce or completely offset carbon emissions during use. The innovative use of bio coal, produced from agricultural residues and organic waste, means carbon released is already part of the natural carbon cycle - making it eco-friendly.

No Smoke, No Additional Emissions: Our patented technology ensures that these stoves emit no smoke and do not release harmful gases into your kitchen or the environment. No more coughing, no more blackened walls, just clean flame.

Patented, Reliable, and Made in India: Proudly developed and engineered in India, our system leverages proprietary (patented) innovations to maximize efficiency and longevity.

Economic Savings: Dramatically cut your cooking expenses - bio coal is a low-cost, locally available resource compared to LPG or traditional fuels.

Foreign Exchange Savings: By reducing LPG dependence, India can save thousands of crores of rupees each year, making resources available for health, education, and green infrastructure projects.

Who Benefits? You Do - And So Does India

For Citizens and Households:

Breathe easier with smoke-free kitchens.

Save on monthly fuel bills.

Cook faster with reliable heat output.

For Villagers and Rural Entrepreneurs:

Tap into new business opportunities by producing and supplying local bio coal.

Eliminate health risks associated with traditional chulhas.

Contribute to cleaner air for your entire community.

For Industrialists and Businesses:

Lower operational cooking costs on a large scale.

Meet CSR goals and green compliance targets with visible, impactful action.

Boost India’s self-reliance in energy - Aatmanirbhar Bharat in practice.

Sell Crop Residue and Agriculture By-Product Waste:

While our Bio Stove initiative benefits households and industries, it also opens a powerful new income stream for farmers. By converting agricultural residues and cultivating dedicated Napier Grass into biomass fuel, we can enhance rural prosperity while protecting our planet.

How do Farmers Benefit?

Earn from Farm Biomass Waste – Sell crop residues and agricultural by-products to biomass processing units instead of burning them.

Napier Grass Biomass Farming – Grow high-yield Napier grass as a renewable raw material for bio coal production, earning more than many traditional crops.

Double Income Potential – Combine earnings from regular crops with biomass sales for a significant increase in yearly revenue.

Steady Demand & Support – Long-term procurement by biofuel companies ensures a stable market, supported by government schemes.

Sustainability at the Source – Reduce stubble burning, improve soil health, and create a cleaner rural environment.

Real-World Impact: Success Stories from the Field Trials

Village Transformation: Pilots in rural Maharashtra and Uttar Pradesh have already shown village-wide adoption of the Bio Stove, cutting down smoke emissions and improving child health.

Urban Kitchens: Restaurants using our stoves report cleaner workspaces, happier staff, and cost reductions up to 50% compared to LPG.

Women Empowerment: Women’s groups now lead bio coal production cooperatives, creating livelihoods and local leadership opportunities.

The Environmental Dividend: India Leads the Way

Imagine an India where every meal cooked helps cool the planet, where our ecological footprint is lighter, and where clean, sustainable energy is the norm, not the exception.

By adopting SSK Bharat’s Bio Stove, you join the ranks of pioneers addressing urgent global goals - reducing emissions, building rural prosperity, and preserving our environment for generations.

A Call to Action: Together, Let’s Guard Our Mother Earth!

On World Biofuel Day, we urge every citizen, rural household, and business leader:

Embrace Bio Stoves - make your home or business a beacon of sustainability.

Spread awareness - talk to your neighbours, friends, and the gram panchayat.

Become a partner - join us in distributing and popularising this technology.

Let’s rewrite India’s energy story - one cooktop at a time. Together, we can turn the tide on carbon emissions, conserve our natural wealth, and ensure a safer, cleaner tomorrow for all.

For demonstrations, product inquiries, or to become a part of the Bio Stove movement, contact SSK Bharat Management and Media Ltd. Let’s celebrate World Biofuel Day not just with promises, but with tangible, planet-saving action!

This World Biofuel Day - Let’s Cook for Change.

Contact Number- +91 85917 01264

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चीनी उपराष्ट्रपति से मिले विदेश मंत्री जयशंकर, गलवान घाटी संघर्ष के पांच साल बाद चीन की धरती पर रखा कदम

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिनों की चीन यात्रा पर हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले पाँच वर्षों में अपनी पहली चीन यात्रा पर हैं। जयशंकर के इस दौरे का मकसद 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत और चीन के खराब रिश्तों को सुलझाना है। जयशंकर मंगलवार को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे, और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।

विदेश मंत्री ने सोमवार को चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और विश्वास व्यक्त किया कि दोनों पड़ोसी देश अपने द्विपक्षीय संबंधों में हाल ही में हुए सुधार के सकारात्मक रुख को बनाए रखेंगे। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया, "आज बीजिंग पहुँचने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर प्रसन्नता हुई। चीन की एससीओ अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन व्यक्त किया। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर ध्यान दिया। और विश्वास व्यक्त किया कि मेरी यात्रा के दौरान हुई चर्चाएँ इस सकारात्मक रुख को बनाए रखेंगी।"

भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार का जिक्र किया

चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार का जिक्र किया। दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में जयशंकर ने कहा, भारत और चीन के संबंध अक्टूबर 2023 में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार बेहतर हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 75 साल के राजनयिक संबंध पूरे हो चुके हैं।

जयशंकर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात को जटिल बताया और कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच खुलकर बातचीत बेहद जरूरी है। उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति को बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने को भारत में बेहद सराहा गया है

पिछले पांच सालों में निम्नतर स्तर पर पहुंचा संबंध

15 जून, 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुए संघर्ष ने भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध छह दशक के गिरावट के स्तर पर पहुंच गए। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जिसमें से एक कमांडिंग ऑफिसर भी थे। वहीं चीन ने अपने सैनिकों के हताहत होने की बात तो मानी, लेकिन उनकी असली संख्या नहीं बताई। रिपोर्ट्स के अनुसार भारत से ज्यादा नुकसान चीन की सेना को उठाना पड़ा था।

लखनऊ में विदेशी सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, प्लास्टिक सर्जरी से बदले जा रहे थे चेहरे

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में चल रहे एक विदेशी सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है। एफआरआरओ (Foreigners Regional Registration Office) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त छापेमारी में ओमेक्स हजरतगंज की पांचवीं मंजिल स्थित फ्लैट नंबर 527 से दो विदेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। ये महिलाएं बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में रह रही थीं।

पुलिस पूछताछ में महिलाओं ने खुद को उज़्बेकिस्तान का नागरिक बताया। उन्होंने कबूला कि उनके पास यात्रा संबंधी कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं और वे करीब दो वर्षों से भारत में अवैध रूप से रह रही हैं। महिलाओं ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि लखनऊ के एक नामी डॉक्टर विवेक गुप्ता ने उनकी प्लास्टिक सर्जरी की थी, जिससे उनके चेहरे की पहचान पूरी तरह बदल गई। इस कारण वे विदेशी नहीं लगती थीं और आसानी से भारत में छिपकर रह रही थीं। पूछताछ में यह भी सामने आया कि इन महिलाओं को फ्लैट दिलाने में त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा ने मदद की थी, जो खुद को पत्रकार बताता है। पुलिस को संदेह है कि अर्जुन और डॉक्टर विवेक दोनों इस गिरोह का हिस्सा हैं।

इस रैकेट की मास्टरमाइंड लोयोला नाम की महिला बताई जा रही है, जो उज़्बेकिस्तान की रहने वाली है और वहां की सरकार ने उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया हुआ है। लोयोला अब लखनऊ में अर्जुन राणा से शादी कर यहां छिपकर रह रही थी। पुलिस ने बताया कि पूरे गिरोह के खिलाफ विदेशी अधिनियम व अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और सभी कोणों से जांच जारी है।

मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर भड़के राहुल, बोले-आपकी चुप्पी नारी शक्ति के नारे की सच्चाई

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अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बैन करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। इससे पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी पीएम मोदी से तीखा सवाल किया।

महिलाओं के प्रति कमजोरी और असंवेदनशीलता-राहुल गांधी

दिल्ली में शुक्रवार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुतक्की द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोलाते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री ऐसे भेदभाव पर चुप रहते हैं तो यह पूरे देश की महिलाओं के प्रति कमजोरी और असंवेदनशीलता का संदेश देता है।

आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, मोदी जी, जब आप महिला पत्रकारों को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम से बाहर किए जाने की अनुमति देते हैं तो आप देश की हर महिला को यह बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं। हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। ऐसे भेदभाव पर आपकी चुप्पी ‘नारी शक्ति’ के आपके नारों की खोखलापन उजागर करती है

प्रियंका ने पूछा- महिला पत्रकारों का यह अपमान कैसे होने दिया गया?

इससे पहले प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल के जरिए पीएम मोदी को टैग करते हुए पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया यह स्पष्ट करें कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाने को लेकर आपकी क्या स्थिति है?' उन्होंने आगे लिखा, 'अगर महिलाओं के अधिकारों को लेकर आपकी मान्यता सिर्फ एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक सीमित दिखावा नहीं है, तो फिर हमारे देश में, जहां महिलाएं हमारी रीढ़ हैं, हमारी शान हैं, इतनी योग्य महिला पत्रकारों का यह अपमान कैसे होने दिया गया?

बता दें कि एक दिन पहले ही अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान केवल कुछ चुनिंदा पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था और महिला पत्रकारों को बुलाया नहीं गया था। मुत्ताकी ने इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ विस्तृत बातचीत की थी।

तालिबानी विदेश मंत्री की नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों हटाया गया, प्रियंका ने पीएम मोदी पर बोला हमला

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अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 7 दिनों के भारत पर आए हैं। अफगानी मंत्री ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई, जिसमें महिला पत्रकारों को एंट्री नहीं दी गई। महिला पत्रकारों की ग़ैरमौजूदगी को लेकर भारत की विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी नेता सरकार से इसपर सवाल पूछ रहे हैं।

मुत्ताकी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद यह पहली उच्चस्तरीय बैठक भारत में हुई है। शुक्रवार की शाम मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान के दूतावास में थी। जिसमें महिला पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया था। यह घटना विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी बातचीत के कुछ घंटों बाद हुई। कई महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस से बाहर रखा गया। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के पब्लिक कम्युनिकेशन के निदेशक हाफ़िज ज़िया अहमद ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की जो तस्वीर एक्स पर पोस्ट की है, उसमें साफ दिख रहा है कि कोई महिला पत्रकार नहीं है।

प्रियंका ने पूछा- महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया?

ऐसे में अफगानी मंत्री मुत्तकी की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कृपया यह साफ करें कि भारत आए तालिबान प्रतिनिधि की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया। अगर महिलाओं के अधिकारों को लेकर आपकी बातें सिर्फ चुनाव के समय की दिखावा नहीं हैं, तो देश की कुछ काबिल महिलाओं का यह अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया? यह वही देश है जहां की महिलाएं रीढ़ और शान हैं।

एस जयशंकर पर महुआ मोइत्रा का तीखा हमला

मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर भारत सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी तीखा हमला बोला है। महुआ मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि कैसे सरकार ने तालिबान प्रतिनिधि को भारतीय धरती पर पूरी प्रोटोकॉल के साथ महिलाओं पत्रकारों को बाहर रखकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इजाजत दी।

क्या कह रहा विदेश मंत्रालय?

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की दिल्ली यात्रा के दौरान हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर उठे विवाद पर भारत सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में उसकी कोई भूमिका नहीं थी और यह कार्यक्रम पूरी तरह अफगानिस्तान के दूतावास की तरफ से आयोजित किया गया था। इस बयान के साथ सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार या उसके किसी विभाग का इस प्रेस इंटरैक्शन से कोई संबंध नहीं था।

तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार भारत दौरे पर अफगानी विदेश मंत्री, पाकिस्तान की बढ़ी परेशानी

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तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी आज ही भारत पहुंचे हैं। यह भारत और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देने वाला पहला दौरा है। मुत्ताकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। मुत्ताकी दारूल उलूम देवबंद मदरसे और ताजमहल भी जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से छूट हासिल करने के बाद मुत्ताकी भारत आ रहे हैं। दरअसल, मुत्ताकी संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं।

तालिबान ने अगस्त 2021 में अशरफ गनी की सरकार गिरने के बाद काबुल पर कब्जा कर लिया था। करीब चार वर्ष पूर्व अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद वहां के विदेश मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। यह पहली बार है जब तालिबान शासन के किसी वरिष्ठ मंत्री का भारत दौरा इतने उच्च स्तर पर हो रहा है। इस यात्रा का मकसद भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करना, व्यापार और बुनियादी ढांचे से जुड़ी चुनौतियों पर बात करना और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करना है।

रद्द हो गया था मुत्ताकी का दौरा

मुत्ताकी को पिछले महीने ही नई दिल्ली आना था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ओर से लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण उनका यह दौरा रद्द कर दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने 30 सितंबर को मुत्ताकी को अस्थायी छूट देते हुए 9 से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली आने की अनुमति दी थी।

क्या है मुत्ताकी के दौरे का एजेंडा?

रॉयटर्स और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुत्ताकी न सिर्फ भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से मिलेंगे, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भारतीय कारोबारी संगठनों और भारत में रह रहे अफगान नागरिकों से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात होगी या नहीं, फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बातचीत का एजेंडा कुछ इस तरह हो सकता है:

1. व्यापारिक सहयोग पर चर्चा- दोनों देशों के बीच सूखे मेवों, मसालों और दवाओं के निर्यात-आयात को लेकर नए रास्ते तलाशे जाएंगे।

2. स्वास्थ्य क्षेत्र में साझेदारी- भारत अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता, दवाएं और मेडिकल प्रशिक्षण देने पर सहमत हो सकता है।

3. कांसुलर सेवाएं और वीजा प्रक्रिया- अफगान छात्रों और मरीजों के लिए वीजा में ढील और नई कांसुलर सुविधाओं की बात होगी।

4. दूतावासों का विस्तार- काबुल और नई दिल्ली दोनों में पूरी तरह सक्रिय दूतावास और कांसुलेट बहाल करने पर चर्चा होगी।

5. नए राजदूत की नियुक्ति- तालिबान चाहता है कि भारत में अब उनका नियुक्त प्रतिनिधि ही राजदूत के रूप में काम करे।

6. निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स- तालिबान भारत से पुराने प्रोजेक्ट्स दोबारा शुरू करने और नई निवेश योजनाओं की मांग कर सकता है।

7. सुरक्षा गारंटी- भारत अपने सुरक्षा हितों की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ ठोस आश्वासन मांग सकता है।

भारत-पाक तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा कितना अहम?

भारत-पाक संबंधों में आए हालिया तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा दक्षिण एशिया के सुरक्षा परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है और इस पर सुरक्षा विशेषज्ञों की भी निगाहें हैं। विदेश मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने कहा, मुत्ताकी का दौरा इस वास्तविकता को दर्शाता है, जिसमें कूटनीतिक स्तर पर भारत और तालिबान सरकार के रिश्ते बेहतरी की ओर जा रहे हैं। भारत का हित अफगानिस्तान की स्थिरता में है। भारत अपनी क्षमतानुसार आर्थिक स्तर पर अफगानिस्तान की जरूरतें पूरी कर सकता है।

सोनम वांगचुक को बड़ा झटका, रद्द हुआ NGO का लाइसेंस, विदेशी फंडिंग पर लग गई रोक

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केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। उपद्रवियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय को आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा। सरकार ने इस हिंसा के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। अगले दिन उनके एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया।

सोनम वांगचुक की स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उनके एनजीओ पर विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप है। सीबीआई ने सोनम वांगचुक के एक संस्थान के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू कर दी है।

क्यों हुआ पंजीकरण रद्द?

सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि संस्था के कामकाज में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। सरकारी जांच में सामने आया कि संस्था को स्वीडन के एक दाता से करीब 4.93 लाख रुपये मिले थे, जो युवा जागरूकता कार्यक्रमों पर खर्च होने थे। इन कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और खाद्य सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे। लेकिन सरकार ने इस दान को ‘राष्ट्रीय हित के खिलाफ’ बताया। इसके अलावा 19,600 रुपये और 79,200 रुपये जैसी छोटी रकमों के गलत तरीके से एफसीआरए खाते में दाखिल होने की बात भी नोटिस में दर्ज की गई। इन सब बिंदुओं के आधार पर मंत्रालय ने 10 सितंबर को नोटिस जारी किया था, और जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर संस्था का पंजीकरण रद्द कर दिया।

क्या बोले वांगचुक?

वांगचुक ने इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का दोष उन पर मढ़ा गया है। सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख में दो महीने बाद चुनाव आने वाले हैं, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि पहले जो वादा किया था उसे पूरा करें। इसमें बड़ी आवाज मेरी थी इसलिए उन्होंने मुझे टारगेट किया और डेढ़ महीना पहले मुझे बताया गया कि आपके ऊपर देशद्रोह का एक एफआईआर है। इसके बाद सीबीआई की जांच की बात हुई। 

विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं- वांगचुक

वांगचुक ने कहा, सीबीआई के नोटिस में ये लिखा है कि 2022-24 में आपकी संस्था को विदेशों से फंड मिला, जिसकी अनुमति आपको नहीं है। आपके पास एफसीआरए नहीं है। हमने एफसीआरए नहीं लिया क्योंकि विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं था। संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने हमें फीस अदा की। इसी तरह हमारे आर्टिफिशियल ग्लेशियर को स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी और इटली की एक संस्था से पैसे मिले।

क्या करता है हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख?

सोनम वांगचुक ने 1994 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की. इसका मकसद लद्दाख के युवाओं को स्थानीय जरूरतों और संस्कृति से जोड़ते हुए प्रासंगिक और व्यावहारिक शिक्षा देना था. बाद में इसी सोच के विस्तार के रूप में उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की नींव रखी. SECMOL की नींव 1994 में रखी गई ताकि बच्चे केवल कागजी डिग्री के बोझ तले न दबें बल्कि वास्तविक जीवन कौशल भी सीखें.

HIAL लगभग 2017-18 में आकार लेता है, जिसके पीछे विचार था लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र के लिए ऐसे समाधान खोजना जो पर्यावरण-संवेदनशील हों. इसका स्पष्ट उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों का स्थानीय अनुभवों के आधार पर हल निकालना तय किया गया था

एक दूसरे के और करीब आए भारत-चीन, चीनी विदेश मंत्री का बड़ा बयान, खतरा नहीं साझेदार बनना होगा

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी के बीच भारत और चीन एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। सीमा विवाद के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी इस समय भारत की यात्रा पर हैं। भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत की तीन बड़ी परेशानियों को दूर करने का आश्वासन दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत की उर्वरकों, रेयर अर्थ मैटिरियल और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को पूरा करेगा। सूत्रों के हवाले यह खबर सामने आई है।

एक-दूसरे को प्रतिद्वंदी के तौर पर देखने वाले भारत-चीन के रिश्तों में नया मोड़ आया है। भारत की यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। सोमवार को एस. जयशंकर से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वस्त किया है कि चीन रेयर अर्थ मिनरल, फर्टलाइजर्स और टनल बोरिंग मशीन का समाधान निकालने में भारत की मदद करेगा।सूत्रों के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत की उर्वरक, दुर्लभ मृदा और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों से जुड़ी तीन प्रमुख चिंताओं का समाधान करेगा।

एकजुटता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए- वांग यी

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग की मुलाकात पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि दुनिया में एकतरफा दबाव और धौंस जमाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में चीन और भारत को वैश्विक दृष्टिकोण दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि बड़े देशों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए और व्यापक विकासशील देशों के बीच एकजुटता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

एक-दूसरे को दुश्मन नहीं, साझेदार के तौर पर देखना होगा- वांग यी

भारत-चीन के बीच रिश्तों को लेकर वांग यी ने कहा है कि निश्चित तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात ने चीन-भारत संबंधों को दोबारा शुरू करने में मदद की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने इसे गंभीरता से लिया है और विभिन्न स्तरों पर संवाद और संपर्क धीरे-धीरे बहाल हो रहे हैं। चीनी विदेश मंत्री ने बड़ा संदेश देते हुए कहा है कि चीन और भारत को एक-दूसरे को दुश्मन नहीं, साझेदार के तौर पर देखना होगा। दोनों पक्ष 75 वर्षों के राजनयिक अनुभव और सबक से गंभीरता से सीखें और रणनीतिक दृष्टिकोण विकसित करें। चीन और भारत आपसी विश्वास बनाए रखें और बाहरी हस्तक्षेपों को दूर करें।

एस जयशंकर ने क्या कहा?

इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि बातचीत में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, तीर्थयात्रा, लोगों से लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान शामिल होंगे। विदेश मंत्री ने इस साल जुलाई में अपनी चीन यात्रा के दौरान उठाई गई चिंताओं पर आगे चर्चा की। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया था कि पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन संबंधों के विविध पहलू और आयाम हैं। उन्होंने कहा, इस संदर्भ में यह भी जरूरी है कि प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचा जाए। भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल हमारे बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद हैं। यह पारस्परिक सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को संभालने से ही संभव है।

अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया, मुनीर के यूएम दौरे के बीच एलान

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अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) व उसकी विंग मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) घोषित कर दिया। यह घोषणा पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के दौरान की गई है। ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान सरकार के साथ करीबी बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बता दें कि बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की नाक में दम किया हुआ है। उसने पाकिस्तानी सेना के अलावा अर्धसैनिक बलों और चीनी नागरिकों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ली है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी जानकारी दी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, आज विदेश विभाग बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसके उपनाम मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में नामित कर रहा है। मजीद ब्रिगेड को बीएलए के पिछले विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के साथ एक सहयोगी के रूप में जोड़ रहा है।

क्यों लगा प्रतिबंध?

विदेश विभाग ने कहा कि 2024 में बीएलए ने कराची हवाई अड्डे और ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर के पास हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। 2025 में मार्च में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण के पीछे भी उसका हाथ था। बीएल ने 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। उस घटना में 31 नागरिकों व सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। 2019 में हुए कई हमलों के बाद बीएलए को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित किया गया था। इस साल मार्च में इस अलगाववादी समूह ने क्वेटा से पेशावर जा रही एक ट्रेन को हाईजैक करने की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें दर्जनों यात्री और सैनिक मारे गए थे।

आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता का जिक्र

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, विदेश विभाग द्वारा आज की गई कार्रवाई आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आतंकवादियों को नामित करना इस अभिशाप के विरुद्ध हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। आज की कार्रवाई संशोधित आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार की गई है। संघीय रजिस्टर में प्रकाशन के बाद एफटीओ प्रभावी हो जाते हैं।

Join the Green Revolution on World Biofuel Day

With SSK Bharat’s Bio Stove: Building a Carbon-Negative Future for India

Every year, on August 10th, the world celebrates World Biofuel Day - a day dedicated to inspiring individuals, communities, and organizations to embrace sustainable fuel solutions in our daily lives. This year, as environmental threats intensify, SSK Bharat Management and Media Ltd. invites every citizen, villager, and industrialist to stand with us in a nationwide movement to minimize and neutralize carbon emissions.

Why This Matters Now: Nature’s Warning Signs Are Loud and Clear

Over the past years, India - alongside the rest of the globe - has experienced the mounting burden of environmental problems. The recent unpredictable and deadly downpours in Uttarakhand and Uttarkashi are not mere coincidences. They are urgent reminders of nature’s response to climatic imbalances triggered largely by global warming.

Unpredictable Weather: Intense, localized rainfall, flash floods, and abnormal weather cycles are becoming frequent. The sharp rise in temperature and erratic monsoons are direct reflections of global climate change.

Global Consensus: Governments worldwide, from the United Nations to the Government of India, acknowledge the seriousness of climate change. The Paris Agreement, India’s ambitious targets, and a wave of green initiatives all underscore the same truth: it’s time for everyone to act.

The Carbon Connection: Why Cutting Emissions Is Essential?

A central culprit behind global warming is the excessive release of carbon dioxide (CO₂) - especially from burning fossil fuels like Liquefied Petroleum Gas (LPG):

Heavy Emissions: Burning just 1 kg of LPG emits around 2.5 kg of carbon dioxide into our atmosphere.

Economic Drain: India spends nearly ₹80,000 crore yearly on LPG imports, money that could instead develop our rural and local communities.

Health & Social Toll: Traditional fuels and even some modern alternatives contribute to household air pollution, causing respiratory diseases and lowering productivity.

A New Dawn: SSK Bharat Group’s Bio Stove with Bio Coal-Based Cooking System

We are thrilled to announce, on the auspicious occasion of World Biofuel Day, the launch of our Bio Stove with Bio Coal-Based Cooking System - a revolutionary leap towards clean, affordable, and efficient cooking for every Indian.

Key Features of Our Bio Stove System:

Carbon-Negative or Carbon-Neutral Performance: By design, our stoves drastically reduce or completely offset carbon emissions during use. The innovative use of bio coal, produced from agricultural residues and organic waste, means carbon released is already part of the natural carbon cycle - making it eco-friendly.

No Smoke, No Additional Emissions: Our patented technology ensures that these stoves emit no smoke and do not release harmful gases into your kitchen or the environment. No more coughing, no more blackened walls, just clean flame.

Patented, Reliable, and Made in India: Proudly developed and engineered in India, our system leverages proprietary (patented) innovations to maximize efficiency and longevity.

Economic Savings: Dramatically cut your cooking expenses - bio coal is a low-cost, locally available resource compared to LPG or traditional fuels.

Foreign Exchange Savings: By reducing LPG dependence, India can save thousands of crores of rupees each year, making resources available for health, education, and green infrastructure projects.

Who Benefits? You Do - And So Does India

For Citizens and Households:

Breathe easier with smoke-free kitchens.

Save on monthly fuel bills.

Cook faster with reliable heat output.

For Villagers and Rural Entrepreneurs:

Tap into new business opportunities by producing and supplying local bio coal.

Eliminate health risks associated with traditional chulhas.

Contribute to cleaner air for your entire community.

For Industrialists and Businesses:

Lower operational cooking costs on a large scale.

Meet CSR goals and green compliance targets with visible, impactful action.

Boost India’s self-reliance in energy - Aatmanirbhar Bharat in practice.

Sell Crop Residue and Agriculture By-Product Waste:

While our Bio Stove initiative benefits households and industries, it also opens a powerful new income stream for farmers. By converting agricultural residues and cultivating dedicated Napier Grass into biomass fuel, we can enhance rural prosperity while protecting our planet.

How do Farmers Benefit?

Earn from Farm Biomass Waste – Sell crop residues and agricultural by-products to biomass processing units instead of burning them.

Napier Grass Biomass Farming – Grow high-yield Napier grass as a renewable raw material for bio coal production, earning more than many traditional crops.

Double Income Potential – Combine earnings from regular crops with biomass sales for a significant increase in yearly revenue.

Steady Demand & Support – Long-term procurement by biofuel companies ensures a stable market, supported by government schemes.

Sustainability at the Source – Reduce stubble burning, improve soil health, and create a cleaner rural environment.

Real-World Impact: Success Stories from the Field Trials

Village Transformation: Pilots in rural Maharashtra and Uttar Pradesh have already shown village-wide adoption of the Bio Stove, cutting down smoke emissions and improving child health.

Urban Kitchens: Restaurants using our stoves report cleaner workspaces, happier staff, and cost reductions up to 50% compared to LPG.

Women Empowerment: Women’s groups now lead bio coal production cooperatives, creating livelihoods and local leadership opportunities.

The Environmental Dividend: India Leads the Way

Imagine an India where every meal cooked helps cool the planet, where our ecological footprint is lighter, and where clean, sustainable energy is the norm, not the exception.

By adopting SSK Bharat’s Bio Stove, you join the ranks of pioneers addressing urgent global goals - reducing emissions, building rural prosperity, and preserving our environment for generations.

A Call to Action: Together, Let’s Guard Our Mother Earth!

On World Biofuel Day, we urge every citizen, rural household, and business leader:

Embrace Bio Stoves - make your home or business a beacon of sustainability.

Spread awareness - talk to your neighbours, friends, and the gram panchayat.

Become a partner - join us in distributing and popularising this technology.

Let’s rewrite India’s energy story - one cooktop at a time. Together, we can turn the tide on carbon emissions, conserve our natural wealth, and ensure a safer, cleaner tomorrow for all.

For demonstrations, product inquiries, or to become a part of the Bio Stove movement, contact SSK Bharat Management and Media Ltd. Let’s celebrate World Biofuel Day not just with promises, but with tangible, planet-saving action!

This World Biofuel Day - Let’s Cook for Change.

Contact Number- +91 85917 01264

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At Careers N Options Services Pvt. Ltd. (CNOSPL), under the leadership of our dynamic Managing Director Ms. Stella , we go beyond just consultancy – we become your partner from the moment you dream of studying abroad until you proudly hold your degree in hand.

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चीनी उपराष्ट्रपति से मिले विदेश मंत्री जयशंकर, गलवान घाटी संघर्ष के पांच साल बाद चीन की धरती पर रखा कदम

#foreignministerjaishankarmetchinesevicepresident 

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिनों की चीन यात्रा पर हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले पाँच वर्षों में अपनी पहली चीन यात्रा पर हैं। जयशंकर के इस दौरे का मकसद 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत और चीन के खराब रिश्तों को सुलझाना है। जयशंकर मंगलवार को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे, और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।

विदेश मंत्री ने सोमवार को चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और विश्वास व्यक्त किया कि दोनों पड़ोसी देश अपने द्विपक्षीय संबंधों में हाल ही में हुए सुधार के सकारात्मक रुख को बनाए रखेंगे। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया, "आज बीजिंग पहुँचने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर प्रसन्नता हुई। चीन की एससीओ अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन व्यक्त किया। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर ध्यान दिया। और विश्वास व्यक्त किया कि मेरी यात्रा के दौरान हुई चर्चाएँ इस सकारात्मक रुख को बनाए रखेंगी।"

भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार का जिक्र किया

चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार का जिक्र किया। दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में जयशंकर ने कहा, भारत और चीन के संबंध अक्टूबर 2023 में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार बेहतर हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 75 साल के राजनयिक संबंध पूरे हो चुके हैं।

जयशंकर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात को जटिल बताया और कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच खुलकर बातचीत बेहद जरूरी है। उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति को बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने को भारत में बेहद सराहा गया है

पिछले पांच सालों में निम्नतर स्तर पर पहुंचा संबंध

15 जून, 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुए संघर्ष ने भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध छह दशक के गिरावट के स्तर पर पहुंच गए। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जिसमें से एक कमांडिंग ऑफिसर भी थे। वहीं चीन ने अपने सैनिकों के हताहत होने की बात तो मानी, लेकिन उनकी असली संख्या नहीं बताई। रिपोर्ट्स के अनुसार भारत से ज्यादा नुकसान चीन की सेना को उठाना पड़ा था।

लखनऊ में विदेशी सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, प्लास्टिक सर्जरी से बदले जा रहे थे चेहरे

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में चल रहे एक विदेशी सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है। एफआरआरओ (Foreigners Regional Registration Office) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त छापेमारी में ओमेक्स हजरतगंज की पांचवीं मंजिल स्थित फ्लैट नंबर 527 से दो विदेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। ये महिलाएं बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में रह रही थीं।

पुलिस पूछताछ में महिलाओं ने खुद को उज़्बेकिस्तान का नागरिक बताया। उन्होंने कबूला कि उनके पास यात्रा संबंधी कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं और वे करीब दो वर्षों से भारत में अवैध रूप से रह रही हैं। महिलाओं ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि लखनऊ के एक नामी डॉक्टर विवेक गुप्ता ने उनकी प्लास्टिक सर्जरी की थी, जिससे उनके चेहरे की पहचान पूरी तरह बदल गई। इस कारण वे विदेशी नहीं लगती थीं और आसानी से भारत में छिपकर रह रही थीं। पूछताछ में यह भी सामने आया कि इन महिलाओं को फ्लैट दिलाने में त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा ने मदद की थी, जो खुद को पत्रकार बताता है। पुलिस को संदेह है कि अर्जुन और डॉक्टर विवेक दोनों इस गिरोह का हिस्सा हैं।

इस रैकेट की मास्टरमाइंड लोयोला नाम की महिला बताई जा रही है, जो उज़्बेकिस्तान की रहने वाली है और वहां की सरकार ने उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया हुआ है। लोयोला अब लखनऊ में अर्जुन राणा से शादी कर यहां छिपकर रह रही थी। पुलिस ने बताया कि पूरे गिरोह के खिलाफ विदेशी अधिनियम व अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और सभी कोणों से जांच जारी है।