रामनाम की धुन पर नाचते गाते पहले पड़ाव कोरौना को पहुंचे परिक्रमार्थी
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विवेक शास्त्रीनैमिषारण्य
अट्ठासी हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य तीर्थ से शनिवार को ब्रह्ममुहूर्त में आदिशक्ति माँ ललिता देवी और बाबा भूतेश्वर नाथ के आशीर्वाद लेकर परिक्रमार्थी कोरौना के लिए श्रीगणेश किया । हाईटेक रथ, पीनस, पालकी, लग्जरी कारों, हाथी, घोड़ों पर सवार साधु संत और पैदल परिक्रमार्थियों का रेला पहले पड़ाव के लिए निकल पड़ा ।परिक्रमा में व्यास पीठाधीश अनिल शास्त्री, परिक्रमा समिति अध्यक्ष पहला महंत नारायण दास, परिक्रमा समिति सचिव बनगढ़ महंत संतोष दास खाकी, स्वामी वीरेंद्रानंद पुरी, विमल मिश्र समेत कई संत रथों पर सवार हो परिक्रमा में शामिल हुए । डंके के नाद को सुन परिक्रमार्थी संत, महंत सबसे पहले चक्रतीर्थ पहुंचे । चक्रतीर्थ पर प्रधान पुजारी राजनारायण पांडेय ने साधु संतों को तीर्थ का पूजन कराया । परिक्रमार्थी चक्रतीर्थ स्थित भगवान राम द्वारा पूजित सिद्धिविनायक गणेश को लड्डुओं का भोग लगाकर एवं ललिता देवी का आशीर्वाद लेकर परिक्रमा के लिए प्रथम पड़ाव कोरौना को कूच कर गए । परिक्रमार्थी ललिता देवी चौराहे से भैरमपुर मार्ग से परसपुर, अरबगंज, औरंगाबाद, कमईपुर, कुनेरा तीर्थ सहित विभिन्न ग्रामीण इलाकों से होते हुए दोपहर तक अपने गंतव्य तक पहुंच गए ।
"ऋषियों और देवताओं के तप से ऊर्जावान रहती है नैमिष की भूमि"
नैमिषारण्य तीर्थ सतयुग का तीर्थ है, ब्रह्मा, विष्णु, एवं महेश के द्वारा सेवित भूमि है । आदिशक्ति माँ ललिता देवी, महर्षि वेदव्यास, महर्षि सूत जी एवं शौनकादि अट्ठासी हजार ऋषियों ने अपने तप से यहाँ की ऊर्जा को जाग्रत किया है । यहाँ के सभी तीर्थों का पुण्य लेने के लिए दूर दूर से आ रहे परिक्रमार्थी अपने त्रिविध तापों को नष्ट करने के लिए पैदल पथगमन करेंगे । तीरथ वर नैमिष विख्याता, अति पुनीत साधक सिद्धि दाता । रामचरित मानस की इस चौपाई से गोस्वामी तुलसी दास ने नैमिष की महत्ता को बहुत ही सुंदर तरीके से बताया है । साधकों को सिद्धि देने वाले तीर्थ नैमिषारण्य में जब राम नाम के उद्घोषों से परिक्रमा शुरू होगी तब भक्तिमय नजारा देखते ही बनेगा ।
"रथ पर सवार संतों का पुष्पवर्षा और माल्यार्पण कर किया गया स्वागत"
रथ पर सवार साधु संतों का ललिता देवी मंदिर चौराहा स्थित प्रवेश द्वार पर नगर पालिका के द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया । नैमिष मिश्रिख नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि बबलू सिंह, एसडीएम अनिल रस्तोगी, सीओ दीपक सिंह, एसएचओ पंकज तिवारी ने साधु संतों का स्वागत किया गया । वेदव्यास धाम आश्रम से तीन रथ परिक्रमा के लिए निकले । रंग बिरंगी झालरों और लाइटों से सजे इन रथों की चमक अलग नजर आ रही थी । पहले रथ में लोक कल्याण के लिए देहदान करने वाले महर्षि दधीचि का विग्रह, दूसरे रथ में वेदों का विस्तार करने वाले पुराणों के रचयिता वेदव्यास तथा तीसरे रथ में राम दरबार का दर्शन श्रद्धालुओं को होगा । महर्षि दधीचि के रथ पर व्यास पीठाधीश अनिल कुमार शास्त्री बिराजमान होकर परिक्रमा कर रहे हैं ।
Mar 07 2025, 10:33