"वन ट्रिलियन इकोनॉमी" लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश: भूमि प्रबंधन बना आधारशिला

शहरी भूमि रिकॉर्ड के लिए ‘नक्शा’ पायलट कार्यक्रम में प्रदेश के 10 नगर निकाय चयनित
लखनऊ । उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में भूमि प्रबंधन को आधार मानते हुए भारत सरकार द्वारा संचालित डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम और शहरी भूमि रिकॉर्ड तैयार करने की पहल ‘नक्शा’ कार्यक्रम की समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव मनोज जोशी तथा उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने भाग लिया।
राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की तरह शहरी भू-अभिलेखों को भी डिजिटल व पारदर्शी बनाने पर कार्य तेज किया जा रहा है। सभी गाटों को भू-आधारित यूनिक आईडी प्रदान की जा रही है, जिसमें स्वामित्व, आकार और जियो-लोकेशन की जानकारी समाहित रहेगी। इससे न केवल संपत्ति कराधान और आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी, बल्कि रियल एस्टेट लेन-देन को भी सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
वर्तमान में राज्य में खतौनी, नक्शा, खसरा आदि अभिलेख ऑनलाइन उपलब्ध हैं और भूमि विवादों के निस्तारण हेतु राजस्व न्यायालयों की कम्प्यूटरीकृत प्रणाली चालू है। जल्द ही आधार सीडिंग पूरी होने पर व्यक्ति सिंगल क्लिक में राज्य भर में अपने नाम दर्ज सभी भूमि विवरण देख सकेगा।
शहरी क्षेत्रों में 'नक्शा' कार्यक्रम की शुरुआत
भारत सरकार के ‘नक्शा’ पायलट कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश के 10 नगर निकाय चुने गए हैं:
टांडा (अम्बेडकरनगर), नवाबगंज (बाराबंकी), अनूपशहर (बुलंदशहर),
चित्रकूटधाम (चित्रकूट), गोरखपुर (गोरखपुर), हरदोई (हरदोई), झांसी (झांसी), चुनार (मिर्जापुर), पूरनपुर (पीलीभीत), तिलहर (शाहजहाँपुर)।
इन नगरों में अत्याधुनिक ड्रोन एवं जियो-रिफरेंस तकनीकों से भूमि सर्वेक्षण किया जा रहा है जिससे सटीक, GIS-एकीकृत भूमि रिकॉर्ड तैयार होंगे। इससे शहरी क्षेत्रों में स्वामित्व की स्पष्टता, लेन-देन में पारदर्शिता, विवादों में कमी और न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी।
शहरी नियोजन और निवेश को मिलेगा बल
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शहरी भूमि रिकॉर्ड के डिजिटल होने से नगरपालिका राजस्व में वृद्धि, आपदा प्रबंधन, अवसंरचना विकास और निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। अनुमान है कि वर्ष 2031 तक उत्तर प्रदेश की लगभग 40% जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी, ऐसे में शहरी भूमि प्रबंधन की यह पहल अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
बैठक में भारत सरकार के संयुक्त सचिव कुनाल सत्यार्थी सहित उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (राजस्व), स्टांप एवं निबंधन विभाग, राजस्व परिषद के अधिकारी तथा चयनित नगर निकायों के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यान्वयन में आ रही व्यावहारिक चुनौतियों पर भी विचार किया गया।
Jun 10 2025, 17:56