युवतियों को फ्री में शराब परोसने वालों की खैर नहीं : एसएसपी ने होटलों, बार और क्लब संचालकों को दिए सख्त निर्देश

रायपुर- राजधानी में नशा परोसने वाले होटलों, बार और क्लब संचालकों के पुलिस ने कान खड़े कर दिए हैं. रायपुर पुलिस के अधिकारियों ने सख्त लहजे में क्लब, होटल और बार संचालकों को चेतावनी दी है. रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह ने कहा, शहर में नशे की पार्टियों पर कड़ाई से रोक लगाई जाए. पुलिस के नियम कायदे और कानूनों का पूरा पालन किया जाए. उन्होंने होटल और क्लबों की पार्टियां रात्रि 12 बजे तक बंद करने के निर्देश दिए.

एसएसपी ने कहा, बुधवार रात युवतियों को फ्री में शराब न परोसी जाए. क्लबों में आने वाले हिस्ट्रीशीटरों की एंट्री बेन करे और विवादित तत्वों पर कड़ी निगरानी की जाए. होटलों में अवैध हथियारों की चेकिंग की जाए, संदिग्ध गतिविधि लगने पर पुलिस को तत्काल जानकारी दी जाए. ऐसी गलती पाए जाने पर क्लब और होटल संचालकों के ख़िलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, शहर में नशे की पार्टियों में होने वाले विवाद और शहर के माहौल बिगड़ने की शिकायत मिलने के बाद एसएसपी रायपुर डॉ. लाल उमेंद सिंह ने आज सिविल लाइन स्थित सी-4 में बड़ी बैठक बुलाई थी. इस बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम संदीप मित्तल, विवेक शुक्ला, डीएसपी क्राईम संजय सिंह समेत शहर के सभी होटल, बार, कैफे और क्लबों के सैकड़ों संचालक मौजूद रहे. पुलिस अफसरों ने सभी कैफे और क्लब संचालकों को दो टूक कहा, अवैध रूप से शराब न परोसी जाए. अवैध गतिविधि में संलिप्त होटलों और कैफे संचालकों की लंबी लिस्ट तैयार है. ऐसी शिकायत मिलने पर तत्काल पुलिस कार्रवाई की जाएगी.

वेडनस डे गर्ल्स नाइट का ट्रेंड

महानगरों के क्लबों में वेडनस डे मिड वीकेंड के नाम पर गर्ल्स नाईट आयोजित की जाती है. इन आयोजनों में लड़कियों को मुफ्त एंट्री, ड्रिंक्स, और फ़ूड में बड़े कॉम्बो ऑफर दिए जाते हैं. इसी तरह रायपुर शहर के होटलों और क्लबों में बुधवार की शाम गर्ल्स नाईट चल रहा है. क्लबों में होटलों में और कैफे में युवतियों को आकर्षित करने तरह-तरह के ऑफर्स दिए जाते हैं. इसके चलते बड़ी संख्या में क्लबों में युवतियों की भीड़ होती है. इन ऑफरों में फ़्री एंट्री, टकीला शॉट्स, कॉम्प्लीमेंट्री कॉकटेल्स के नाम पर नशा परोसा जाता है. महिलाओं की बढ़ती संख्या को देख युवक और पुरुष बड़ी तादाद में क्लबों में पहुँचते हैं, जो देर रात तक संचालित की जाती है. क्लबों के बाद पर्सनल विला या होटलों के हॉल में आफ्टर पार्टी संचालित की जाती है, जिसे पूरे तरीके से अवैध माना जाता है. देर रात तक शराब पिलाना, सुबह तक पार्टी चलाई जाती हैं.

क्लबों की पार्टी में विवादित माहौल

इतना ही नहीं ऐसे आयोजनों पर अनगिनत विवाद भी सामने आते रहे हैं. इस तरह के विवाद शहर में बड़ी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं. क्लबों में ज्यादातर मामलों में नशे और वर्चस्व की लड़ाई कारण बनते हैं. बीते दिनों वीआईपी रोड के हाईपर क्लब में हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर और सटोरिए विक्की अग्रवाल के बीच विवाद में गोली चल गई थी. नवा रायपुर के आईपी क्लब में दो पक्षों में जमकर विवाद हुआ था. छेरीखेड़ी स्थित होटल और क्लब में वर्चस्व की लड़ाई के बीच दो पक्षों में जमकर मारपीट का मामला सामने आया था. विधानसभा स्थित क्लब में मारपीट की घटना होते आई है. होटल ऑन द रॉक्स और जूक जैसी जगहों पर लगातार विवाद सामने आया है. अभी हाल ही में रोहित तोमर और उसके बाउंसरों ने कारोबारी को वीआईपी रोड स्थित होटल में जमकर पीटा था. महादेव घाट इलाके में युवतियों की मारपीट की घटना सामने आई थी. वो युवतियां भी हाईपर क्लब से पार्टी कर लौट रही थी.

होटल, क्लब और बार संचालकों को सख्त चेतावनी दी गई है : एसएसपी

रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह ने बताया कि होटल, कैफे, क्लब और बार संचालकों की बैठक बुलाई गई थी. सभी को नियमों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. क्लब में होने वाली पार्टियों की जानकरी पुलिस तक देने के निर्देश दिए गए हैं. बुधवार रात फ्री शराब परोसने वाले लोगों को तत्काल इसे बंद करने की सख्त हिदायत दी गई है. ऐसे किसी भी होटल या क्लबों में अवैध नशा, शराब या संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

युक्तियुक्तकरण से जशपुर के ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की फिर से जली लौ, शिक्षकों की पदस्थापना से स्कूलों में लौटी रौनक

रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और स्कूलों में शिक्षक उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश भर में चलाए जा रहे युक्तियुक्तकरण अभियान के सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में क्रियान्वित इस अभियान से खासकर आदिवासी बहुल और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में शिक्षा के क्षेत्र में नई उम्मीद जगी है।

फरसाबहार विकासखंड के दो ऐसे प्राथमिक विद्यालय रैगारमुंडा और मुण्डाडीह, जो वर्षों से शिक्षक विहीन थे, अब यहां युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत 2-2 नियमित शिक्षकों पदस्थ हो चुके हैं। रैगारमुंडा शाला, जो कि स्वयं मुख्यमंत्री श्री साय के विधानसभा क्षेत्र कुनकुरी में स्थित है, में दो शिक्षकों की नियुक्ति से गांव में शिक्षा के प्रति वातावरण पूरी तरह से बदल गया है। पूर्व में विद्यालय केवल व्यवस्था अनुसार शिक्षकों के भरोसे चल रहा था, और बच्चों की उपस्थिति नगण्य थी। अब यहां के पालकों में नया विश्वास जगा है और वे पुनः अपने बच्चों का नामांकन स्थानीय शाला में कराने के लिए आगे आ रहे हैं।

इसी प्रकार मुण्डाडीह के प्राथमिक विद्यालय में लंबे समय से शिक्षक न होने के कारण शिक्षण कार्य लगभग ठप था। गांव के लोग आशंकित थे कि कहीं उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय न हो जाए। किंतु अब नियमित शिक्षकों की पदस्थापना से विद्यालय में फिर से पढ़ाई हो सकेगी। विद्यालय की शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और ग्रामवासियों ने शिक्षकों के आगमन पर उनका आत्मीय स्वागत किया और शासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

ग्रामवासी शांति चौहान, जिनकी बेटी कक्षा पाँचवीं में पढ़ती है, भावुक होकर बताती हैं किअब हम निश्चिंत हैं कि हमारे बच्चे भी पढ़-लिखकर कुछ बन पाएंगे। शिक्षक आ गए हैं, ये हमारे लिए बहुत बड़ा तोहफा है।

इस सकारात्मक बदलाव पर माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता देना हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। मैं स्वयं देख रहा था कि कई विद्यालय शिक्षक विहीन स्थिति में थे, विशेष रूप से सुदूर अंचलों में। इसलिए हमने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू किया। यह सुनिश्चित किया गया कि जहां-जहां जरूरत है, वहां शिक्षकों की तैनाती हो। जशपुर के फरसाबहार क्षेत्र में जो सकारात्मक बदलाव आ रहा है, वह इस नीति की सफलता का प्रमाण है। यह केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में किया गया प्रयास है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि सरकार की कोशिश है कि अगले शैक्षणिक सत्र तक प्रदेश के सभी प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में आवश्यक शिक्षक उपलब्ध हों। शिक्षकों की उपस्थिति से बच्चों को अब नियमित मार्गदर्शन मिलेगा, शैक्षणिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा और समूचे अंचल में शिक्षा के प्रति जागरूकता की नई लहर दौड़ पड़ी है।

इस प्रकार, जशपुर जिले के रैगारमुंडा और मुण्डाडीह जैसे गांवों में युक्तियुक्तकरण की यह पहल न केवल शिक्षा को बल दे रही है, बल्कि ग्रामीण समाज में सरकार के प्रति विश्वास और सहभागिता का आधार भी मज़बूत कर रही है। यह छत्तीसगढ़ सरकार के संकल्प—“सब पढ़ें, सब बढ़ें” की दिशा में एक सार्थक कदम है।

भारतमाला घोटाला: अधिग्रहित भूमि को लेकर नए सिरे से दावा-आपत्ति

रायपुर- भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरिडोर में भू-अर्जन मुआवजा राशि घोटाला सामने आने के बाद अब दुर्ग व राजनांदगांव जिले में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान में हुई अनियमितता के संबंध में भी नए सिरे दावा-आपत्ति व शिकायतें मंगाई गई हैं.

दुर्ग संभाग के आयुक्त के मुताबिक दुर्ग जिले में अनुविभागीय अधिकारी दुर्ग व पाटन के अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि की सूची की जानकारी कार्यालय कलेक्टर दुर्ग की वेबसाइट में तथा राजनांदगांव जिले में अनुविभागीय अधिकारी राजनांदगांव के अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि की सूची की जानकारी कार्यालय कलेक्टर राजनांदगांव की वेबसाइट में प्रकाशित कर दी गई है. इस संबंध में यदि कोई शिकायत व दावा-आपत्ति प्रस्तुत करना चाहते हैं तो संभागायुक्त कार्यालय दुर्ग और संबंधित कलेक्टर दुर्ग व राजनांदगांव को 15 दिवस के भीतर प्रस्तुत कर सकते हैं. दुर्ग-रायपुर बायपास के लिए भूअर्जन भारतमाला परियोजना के अंतर्गत दुर्ग-रायपुर सिक्स फोरलेन बायपास सड़क निर्माण के लिए राजनांदगांव तहसील के 2, दुर्ग के 12, पाटन के 13, अभनपुर के 16 और आरंग तहसील के 8 गांवों में भू-अर्जन किया गया है. किसानों का आरोप है कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजा निर्धारण की प्रक्रिया में नियम-कानूनों की व्यापक अनदेखी की गई है.

शासन ने मांगी है रिपोर्ट

गौरतलब है कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम सिक्सलेन कॉरिडोर में करीब सवा तीन सौ करोड़ रुपए का मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में मुआवजा वितरण की जांच चल रही है. सभी संभागायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गई थी और वेबसाइट में उसे अपलोड करने कहा गया था. यह मामला जांच के लिए ईओडब्ल्यू-एसीबी को सौंपा गया है.

यहां शिकायतों की जांच

राष्ट्रीय राजमार्ग भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित सड़क राज्य के रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर व जांजगीर-चांपा जिले से होकर गुजर रही है. शिकायतों की जांच में भूअर्जन की कार्यवाही में अनियमितता पाई गई है. जांच के लिए पांच बिंदु दिए गए हैं.

सुपारी फैक्ट्री में छापेमारी, डेढ़ करोड़ का माल जब्त

दुर्ग- जिले में हो रहे अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए दुर्ग कलेक्टर के निर्देश पर आज फूड सेफ्टी विभाग की टीम कोनारी गांव के इस फैक्ट्री में पहुंची। कोमल फूड प्रोडक्ट फैक्ट्री सागर जुमनानी द्वारा संचालित की जा रही थी।

विभाग के अधिकारियो को इस बात की सूचना मिली थी कि, प्रतिबंधित जर्दा युक्त गुटखे के लिए इस जगह बड़े पैमाने पर सुपारी को कांटा जा रहा है। दो दिन पहले भी टीम ने इस फैक्ट्री में दबिश देकर सुपारी का सैंपल नमूना लेकर परीक्षण के लिए रायपुर भेजा था।

इसके बाद आज खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आधी ने छापामार कार्यवाही की। फैक्ट्री से 1050 बोरीयो में 52 हजार 500 किलो कच्ची खड़ी सुपारी और 247 बोरीयो में से12 हजार 350 किलो कटी सुपारी को जप्त किया है। जप्त सुपारी की कुल कीमत एक करोड़ 54 लाख नौ हजार पांच सौ बताई गई है। साथ ही फैक्ट्री को सील बंद किया गया है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की मुलाकात

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाक़ात की।

दोनों नेताओं के बीच छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास, केंद्र–राज्य समन्वय और युवाओं को प्रोत्साहित करने संबंधी विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनके अनुभव से देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी लाभ मिलेगा। श्री शुक्ला ने राज्य में खेल अधोसंरचना को मजबूत करने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही पर की गई कार्रवाई, SP ने आरक्षक को किया निलंबित

जांजगीर-चांपा- जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले एक आरक्षक पर पुलिस अधीक्षक ने कड़ी कार्रवाई की है। रक्षित केंद्र जांजगीर में पदस्थ आरक्षक राहुल दास महंत को पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, आरक्षक की ड्यूटी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 02, खोखरा में बतौर पेपर गार्ड लगी थी। लेकिन वहां उन्होंने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती, जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया। इस अनुशासनहीनता को नजरअंदाज न करते हुए SP ने तत्काल सस्पेंशन का आदेश जारी कर दिया।

पुलिस विभाग में लंबे समय से अनुशासन को लेकर सख्ती बरती जा रही है। ड्यूटी में लापरवाही, खासकर परीक्षा जैसे संवेदनशील मामलों में, अब सीधे निलंबन की कार्रवाई का रूप ले रही है। इस निर्णय को विभागीय अनुशासन की दिशा में एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय ने स्पष्ट संकेत दिया है कि विभाग में कर्तव्यहीनता और लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे मामला परीक्षा ड्यूटी का हो या किसी अन्य सरकारी जिम्मेदारी का, हर अधिकारी और कर्मचारी से पूर्ण निष्ठा और जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है।

इस कार्रवाई से पुलिस विभाग के अन्य कर्मियों को भी सख्त संदेश गया है कि अगर ड्यूटी में कोताही की गई, तो निलंबन जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे।

भांजे ने की मामा की हत्या करने की कोशिश, चाकू मारकर फरार

भिलाई- छत्तीसगढ़ में चाकूबाजी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां आए दिन अपराधी किसी न किसी बात को लेकर चाकूबाजी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आए दिन हो रही चाकूबाजी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। लोग घर से निकलने से पहले भी सोच रहे हैं। आए दिन हो रही चाकूबाजी के बीच दुर्ग जिले के भिलाई में चाकूबाजी की वारदात को अंजाम दिया गया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। मिली

जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला भिलाई के छावनी थाना क्षेत्र का है। यहां प्रॉपटी विवाद के चलते भांजे ने अपने मामा पर चाकू से वार कर दिया। इस हमले में शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस वार डाट के बाद से आरोपी भांजा फरार है। छावनी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में जुट गई है

बोधघाट परियोजना फिर सुर्खियों में, दिल्ली दौरे के दौरान सीएस साय ने पीएम मोदी से की चर्चा

रायपुर- बोधघाट परियोजना को लेकर एक बार फिर चर्चा में है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस परियोजना के संबंध में अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की. मुख्यमंत्री साय ने मीडिया से चर्चा में प्रधानमंत्री से परियोजना को लेकर हुआ बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि इससे 4 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली दौरे से लौटने के बाद मीडिया से चर्चा में प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात की जानकारी देते हुए बताया कि बोधघाट के साथ रिवर इंटर – लिंकिंग परियोजना पर भी बात की है. इस परियोजना से लगभग 3 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान उन्हें छत्तीसगढ़ की बदली हुई तस्वीर साझा किया. नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं, इससे प्रधानमंत्री को अवगत कराया.

वहीं ख़रीफ़ सीजन से पहले DAP की कमी को लेकर सीएम साय ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय समस्या है. राज्य ही नहीं, पूरे देश में DAP की कमी है. DAP की जगह किसानों अन्य विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा.


जाति जनगणना पर कांग्रेस के बयान पर सीएम साय ने निशाना साधते हुए कहा कि लंबे समय से कांग्रेस जनगणना की बात करती रही, लेकिन जनगणना करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई. हमने घोषणा भी की है, और जनगणना भी होगी.

RSS के कार्यक्रम से लौटे आदिवासी नेता अरविंद नेताम कहा- पहले डलिस्टिंग के विरोध में थे लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने इसके लिए हमने सहमति दी है

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और संघ की कार्यशैली की सराहना की.

नेताम ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, जिससे उन्हें संघ को करीब से समझने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी खुली और सार्थक बातचीत हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. विशेष रूप से, संघ और आदिवासी समाज के बीच वैचारिक दूरियों को कम करने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ.

नेताम ने RSS से आग्रह किया कि आदिवासी समाज में एकजुटता की कमी को दूर करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के दौरान लाए गए उदारीकरण ने आदिवासी समाज के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी. जब देश में सारी आशाएं खत्म हो जाती हैं, तो संघ ही एकमात्र स्थान बचता है जो मदद कर सकता है.”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहता रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं. हालांकि, उनके दबाव के बाद अब संघ ने ‘आदिवासी’ शब्द का उपयोग शुरू किया है. नेताम ने बताया कि पहले वे डीलिस्टिंग (अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने) के खिलाफ थे, लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने के लिए उन्होंने इस मुद्दे पर सहमति जताई है.

आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के मुद्दे को भी नेताम ने संघ के सामने रखा. उन्होंने कहा, “अगर समाज का अस्तित्व खतरे में है, तो जो भी इस पर मदद करेगा, हम उससे सहायता लेंगे.”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने बस्तर में शांति व्यवस्था, विभिन्न योजनाओं एवं उपलब्धियों पर चर्चा की। इसके साथ ही हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित सुशासन तिहार की प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बस्तर का चेहरा बदल रहा है, जो कभी बंदूक और बारूदी सुरंगों के लिए जाना जाता था, आज वहाँ मोबाइल टावर खड़े हो रहे हैं, जो सिर्फ संचार का माध्यम नहीं बल्कि विकास और विश्वास के प्रतीक बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। इन सुरक्षा चौकियों के आसपास गांवों में न केवल पुलिस की उपस्थिति से सुरक्षा की भावना बनी है, बल्कि इन इलाकों में अब नेटवर्क भी पहुंच गया है। सरकार ने अब तक कुल 671 मोबाइल टावर चालू कर दिए हैं, जिनमें से 365 टावरों में 4G सेवा उपलब्ध है। यह न सिर्फ तकनीकी बदलाव है, बल्कि यह संकेत है कि अब आदिवासी क्षेत्रों में संचार क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बस्तर में सिर्फ मोबाइल टावर नहीं लग रहे हैं, बल्कि ये टावर इस बात का सबूत हैं कि वहां के बच्चे और युवा भी अब डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं। पहले जहां बच्चों को पढ़ाई या नौकरी की तैयारी के लिए शहर जाना पड़ता था, अब वही काम वे अपने गांव में मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए ऑनलाइन कर पा रहे हैं। अब बस्तर का युवा भी स्मार्टफोन से अपनी दुनिया खुद बना रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया सुरक्षा कैंपों के इर्द-गिर्द बसते गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुँच रही हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत चिन्हित 146 ग्रामों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 तरह की सरकारी योजनाएं एक साथ क्रियान्वित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया सुशासन तिहार के तहत अब तक सैकड़ों समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां सांसद से लेकर विधायक तक गांव गांव पहुंचकर जनता की शिकायतों का समाधान किया। इन शिविरों में ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन, स्वास्थ्य परीक्षण, स्कूल प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर दिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए की जा रही योजनाओं और नवाचारों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल संकट से निपटने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, और जनभागीदारी से लेकर तकनीकी उपायों तक, हर स्तर पर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बारिश के दिन कम हो गए हैं — पहले जहाँ लगभग 100 दिन बारिश होती थी, अब सिर्फ़ 65 दिन ही होती है। तकनीक के तहत गांव-गांव में पानी बचाने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जहां पहले पानी बरसकर बह जाता था, अब उसे रोकने और जमा करने की कोशिश हो रही है। इस काम में आधुनिक तकनीक जैसे GIS मैपिंग और ‘जलदूत’ नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह पता चलता है कि कहां कितनी ज़रूरत है।

सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में महिलाएं बड़ी भागीदारी निभा रही हैं। महिला समूह तालाबों की सफाई, गहराई बढ़ाने, और पुराने जल स्रोतों को फिर से जीवित करने में आगे आ रही हैं। इस साझेदारी से गांवों में पानी की कमी दूर हो रही है और लोगों को अपने इलाके में ही साफ और पर्याप्त पानी मिल रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को नालंदा परिसर की जानकारी भी दी, जो देश की पहली 24x7 हाईब्रिड सार्वजनिक लाइब्रेरी है। 18 करोड़ की लागत से बनी इस सुविधा में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन और सौर ऊर्जा आधारित व्यवस्था है। अब तक 11,000 से अधिक छात्र लाभांवित हो चुके हैं, जिनमें 300 से अधिक छात्र यूपीएससी और सीजी पीएससी में सफलता पाई है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ मॉडल की भी जानकारी दी, जिसमें वंचित व आदिवासी बच्चों को आईआईटी, नीट, क्लैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। अब तक 1508 छात्र चुनिंदा राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों की सराहना की और छत्तीसगढ़ के विकास में केंद्र सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।