नहीं सुधरने वाला पाकिस्तान! लंदन में पाक अधिकारी की बेशर्मी, भारतीयों को किया गला काटने का इशारा

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पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में पूरे देश में उबाल है। इस आक्रोश का असर विदेशों में भी दिख रहा है। पहलगाम हमले की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है, लेकिन इससे अगर किसी को फर्क नहीं पड़ता है तो वो है पाकिस्तान। वैश्विक मंच पर हो रही बेइज्जती के बाद भी पाकिस्तान ने बेशर्मी की हदें पार दी है। शुक्रवार को लंदन में बड़ी संख्या में भारतीय और भारतीय मूल के लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने भारतीयों की तरफ आपत्तिजनक इशारा किया।

पाक अधिकारी की शर्मनाक हरकत

पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी कर्नल तैमूर राहत ने ऐसी शर्मनाक हरकत की कि हर तरफ इसकी आलोचना हो रही है। पाकिस्तानी अधिकारी ने भारतीयों की तरफ गला काटने का इशारा किया। इतना ही नहीं इस दौरान उसने अभिनंदन वर्धमान की चाय के साथ एक तस्वीर भी हाथ में ली हुई थी, जिसे वह बार-बार दिखा रहा था। उसकी इस बेशर्म हरकत को वहां मौजूद किसी शख्स ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। अब यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

भारतीयों के प्रदर्शन के दौरान तेज संगीत बजाया

एक तरफ पहलगाम में मासूम पर्यटकों की निर्मम हत्या से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में गम का माहौल है। वहीं लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने बेशर्मी की हद पार करते हुए भारतीयों के प्रदर्शन के दौरान तेज संगीत बजाया। ऐसा लगा कि पाकिस्तानी उच्चायोग पहलगाम हमले का जश्न मना रहा है। कई प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान की इस हरकत पर नाराजगी भी जताई। भारतीयों के समर्थन में बड़ी संख्या में यहूदी भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला वैसा ही है, जैसे इस्राइल पर 7 अक्तूबर 2023 को हमला हुआ था। दोनों जगह निर्दोष नागरिकों को मारा गया।

लंदन में पहलगाम हमले के विरोध में प्रदर्शन

बता दें कि पहलगाम हमले के विरोध में ब्रिटिश हिंदुओं ने शुक्रवार को लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर और प्लेकार्ड पकड़े हुए थे और प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे और पहलगाम पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए और पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया।

वक्फ कानून के विरोध में दिल्ली में आज प्रदर्शन, देश भर से जुटे मुस्लिम संगठन


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वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम संगठन अब पूरी तरह से आर-पार के मूड में हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में मुस्लिम संगठन एकजुट होकर वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली में आज मुस्लिम संगठन वक्फ कानून के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन होने वाला हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में देश के तमाम मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि आज मंगलवार को दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाएंगे।

मुस्लिम संगठन वक्फ कानून में बदलावों का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है। इसी को लेकर आज दिल्ली में 'वक्फ बचाव अभियान' का आयोजन किया जा रहा है। 'वक्फ बचाव अभियान' के तहत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां' (वक्फ की हिफाजत) नाम से आयोजन हो रहा है। इसमें जमात-ए-इस्लामी हिंद जैसे कई बड़े मुस्लिम संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि जुटेंगे।

कांग्रेस-सपा समेत कई पार्टियां होंगी शामिल

तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले विरोध प्रदर्शन में देशभर के मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों के शामिल होने के साथ-साथ सियासी और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग शिरकत करेंगे। दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में मुस्लिमों का सबसे बड़ा जुटाव है, जिसमें मुसलमानों की सबसे बड़ी मिल्ली तंजीम एकजुट हो रही है। सोमवार को जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में कानून के खिलाफ अभियान को सपोर्ट करने की गुजारिश की है। वहीं, विपक्ष के नेता असदुद्दीन ओवैसी, आरजेडी सांसद मनोज झा, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी शामिल हो सकते हैं।

शाह बानो मामले जैसा जन आंदोलन बनाया जाएगा

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 'वक्फ बचाव अभियान' का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू हुआ, जो 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो पीएम मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी। वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और दूसरे अन्य मु्स्लिम संगठन ने उसी तरह का तेवर अपना रखा है, जैसे शाहबानो के मामले में किया था। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे शाह बानो मामले (1985) की तरह व्यापक जन आंदोलन बनाने की बात कही है, जो शहरों से लेकर गांवों तक फैलेगा।

नेपाल में ऐसा क्या हुआ भड़क गई हिंसा? सड़कों पर उतर आए लोग, काठमांडू में सेना तैनात

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नेपाल में शुक्रवार को राजशाही समर्थकों ने एक बड़ा प्रदर्शन किया था। इस दौरान काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में एक पत्रकार समेत दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं।झड़प के बाद हालात खराब हो गए हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू में सेना को बुलाया गया है और कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।

नेपाल में साल 2008 में खत्म हुई राजशाही को फिर से बहाल करने की मांग करते हुए पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने आयोजित किया था जिसे नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का समर्थन प्राप्त है और यह पार्टी देश में राजशाही स्थापित करने की मांग कर रही है। राजशाही की वापसी की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व नवराज सुवेदी कर रहे हैं। वे राज संस्था पुनर्स्थापना आंदोलन से जुड़े हैं। आंदोलनकारियों का दावा है कि संवैधानिक राजशाही हिंदू राष्ट्र की बहाली ही देश की समस्याओं का समाधान है।

शुक्रवार को नेपाल में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हुई है, जिनमें से एक प्रदर्शनकारी और एक पत्रकार शामिल है। हिंसा इस कदर नियंत्रण से बाहर हो गई थी कि हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा और सेना की तैनाती करनी पड़ी। हिंसा के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को 17 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें राजशाही समर्थक राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के उपाध्यक्ष रबिंद्र मिश्रा, महासचिव धवल शमशेर राना, राजशाही समर्थक कार्यकर्ता स्वागत नेपाल और संतोष तमांग आदि शामिल हैं। इन लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप है। कई नेताओं को नजरबंद किया गया है। अब तक हिंसा के मामले में कुल 51 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। पूर्व पीएम ने ज्ञानेंद्र शाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शनिवार की सुबह हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान वे सोशलिस्ट फ्रंट के कार्यालय भी पहुंचे, जिसे हिंसा के दौरान नुकसान पहुंचाया गया।

पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि 'अब ये पूरी तरह से साफ हो गया है कि इस सब के पीछे ज्ञानेंद्र शाह हैं। ज्ञानेंद्र शाह की नीयत सही नहीं है। ये पहले भी देखा गया और अब भी देखा जा रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार कड़ी कार्रवाई करे। घटना की पूरी जांच हो और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। ज्ञानेंद्र शाह को अब पूरी आजादी नहीं दी जा सकती। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और नेपाल सरकार को इस मुद्दे पर गंभीर होने की जरूरत है।

दरअसल, राजनीतिक अस्थिरता के बीच नेपाल में राजशाही को बहाल किए जाने को लेकर कुछ समय से सरगर्मी तेज़ हुई है। बीते कुछ दिनों में कई ऐसी रैलियां और प्रदर्शन हुए जिसमें राजशाही को फिर से स्थापित किए जाने की मांग की गई। हाल ही में नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की सक्रियता भी देखी गई है।

इस महीने 5 मार्च को काठमांडू में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने एक बाइक रैली की थी, जिनमें नेपाल के राष्ट्रध्वज के साथ लोग शामिल हुए। छह मार्च को पोखरा में ज्ञानेंद्र ने पूर्व राजा वीरेंद्र की मूर्ति का अनावरण किया गया और इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने राजशाही व्यवस्था वाला राष्ट्रगान गाया। ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह नेपाल में लोकतंत्र आने के बाद से इस तरह सार्वजनिक रूप से न के बराबर दिखते थे। कुछ खास मौकों पर बहुत ही औपचारिक बयान जारी करते थे।

वहीं, नौ मार्च को वह पोखरा से काठमांडू पहुंचे, जहां हजारों लोगों की भीड़ उनके स्वागत में इकट्ठा हुई थी। इसी भीड़ में एक व्यक्ति, ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लेकर खड़ा था।

वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड प्रदर्शन, किस-किस ने दिया समर्थन, जानें कौन क्या बोला?*

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ आज मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को वापस लेने की मांग की है। प्रदर्शन कारियों ने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों को लूटने की कोशिश कर रही है। साथ ही जेपीसी पर विपक्ष के विचारों पर भी विचार नहीं करने का भी आरोप लगाया। इस विरोध प्रदर्शन में सांसद असदुद्दीन ओवैसी और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत विपक्ष के तमाम नेता शामिल हुए।

अबू तालिब का पीएम मोदी पर तंज

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अबू तालिब रहमानी ने कहा कि हम यहां लड़ने, धमकाने, या समुदाय को ललकारने नहीं बल्कि अपने हकों के लिए आए हैं। अगर शाकाहारी पत्नी मांसाहारी पति के साथ रह सकती है तो देश में हिंदू मुसलमान साथ क्यों नहीं रह सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम कहते हैं बचपन में ईद पर खाना नहीं बनता है। हम आज भी शाकाहारी खाना भेज सकते हैं। आपकी मोहब्बत का दरवाजा बंद हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि जेपीसी ने बड़ी नाइंसाफी से काम लिया है। स्टेकहोल्डर को छोड़कर जो स्टेकहोल्डर नहीं हैं, उनसे बात कर रहे हैं। कहीं आप श्रीलंका ना चले जाए। आपको बांग्लादेश की हसीना अच्छी लगती है देश का हुसैन अच्छा नहीं लगता है।

महमूद मदनी के गंभीर आरोप

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने भी इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, यह सिर्फ मुसलमानों का मामला नहीं है, बल्कि संविधान का मामला है। हमारे घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, मस्जिदों और मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। वक्फ के जरिए संविधान पर भी बुलडोजर चलाने की कोशिश हो रही है।

मदनी ने आगे कहा, हमें हर हाल में इसकी मुखालफत करनी होगी। यह सिर्फ मुसलमानों की लड़ाई नहीं है, बल्कि सभी समुदायों को एकजुट होना होगा। बहुसंख्यक राज्य बनाने की कोशिश की जा रही है, हमें इसके खिलाफ खड़ा होना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हर लड़ाई के लिए कुर्बानी की जरूरत होती है और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। केवल सड़कों पर प्रदर्शन से काम नहीं चलेगा, इसके लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़नी होगी।

ओवैसी का सरकार पर तीखा हमला

वहीं, प्रदर्शन में सामिल असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि फसाद कराने के लिए लाया गया है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि ‘मोदी सरकार वक्फ संपत्तियों को लूटने और देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। ओवैसी ने यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस विधेयक पर आगे की रणनीति तय करेगा और संसद में इसका विरोध किया जाएगा।

महुआ मोइत्रा ने क् कहा

जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, जब अयोध्या के राम मंदिर बोर्ड में किसी मुस्लिम को शामिल नहीं किया जा सकता। तो वक्फ बोर्ड में हिंदू को कैसे शामिल किया जा सकता है? ये मुस्लिमों की संपत्ति को छिनने के लिए है। उन्होंने आगे कहा, जो बातें 30 साल पहले बंद कमरों में होती थीं, वे अब खुले मंचों से कही जा रही हैं। देश में जो हालात बनाए जा रहे हैं, वैसा ही जर्मनी में भी हुआ था।

वक्फ की जमीनों को उद्योगपति को देना चाहती सरकार -इमरान प्रतापगढ़ी

जंतर-मंतर पर वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सरकार को समझना होगा कि बहुत विरोध हो रहा है, यह अच्छी बात है कि संगठन लोकतांत्रिक तरीके से उस तानाशाही का विरोध कर रहे हैं, जिसे सरकार थोपने की कोशिश कर रही है। क्या वे वक्फ की जमीनों को लूटकर अपने उद्योगपति दोस्तों को देना चाहते हैं? अगर वे जेपीसी सदस्यों की राय नहीं सुनने वाले थे तो उन्होंने जेपीसी क्यों बनाई।

वक्फ विधेयक के खिलाफ आज प्रदर्शन, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को मिला कांग्रेस समेत कई दलों का साथ

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वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर आज जंतर मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का धरना प्रदर्शन है। वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ धरने में विभिन्न मुस्लिम संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ ही विपक्ष के कई सांसदों को आमंत्रित किया गया है। इस धरने में कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी समेत कई दल शामिल हो रहे हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई संगठनों का मानना है कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव स्वायत्तता के लिए खतरा है। वक्फ बिल बोर्ड की वित्तीय और प्रशासनिक स्वतंत्रता पर असर डालेगा। इसलिए पूरे देश में विरोध किया जा रहा है।

नायडू-नीतीश को भी निमंत्रण

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ जंतर मंतर पर होने वाला प्रदर्शन में सभी दलों, संगठनों और समुदाय के लोगों को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। बोर्ड के प्रतिनिधियों ने जनवरी और फरवरी में तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात कर उनसे सहयोग मांगा था, लेकिन ये दोनों दल फिलहाल इस विषय पर सरकार के साथ नजर आ रहे हैं। आयोजकों ने साफ किया कि विरोध प्रदर्शन का मकसद किसी सरकार या पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि समुदाय के हक की रक्षा करना है।

सदन में भी हंगामे के आसार

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर भी सदन में हंगामा हो सकता है। विपक्षी दल इसको लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है। वहीं, सरकार हर हाल में इस बिल को पास कराना चाहती है। हाल ही में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि सरकार वक्फ संशोधन बिल को जल्द पारित कराना चाहती है। क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दे सुलझेंगे। संसद की संयुक्त समिति ने विपक्ष के भारी विरोध के बीच इस बिल पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश की थी। इसलिए सरकार के लिए वक्फ संशोधन बिल को जल्द पारित कराना प्राथमिकता है।

पहले 13 मार्च को होना था प्रदर्शन

पर्सनल लॉ बोर्ड पहले 13 मार्च को धरना देने वाला था, लेकिन उस दिन संसद के संभावित अवकाश के चलते कई सांसदों ने अपनी उपस्थिति को लेकर असर्मथता जताई, जिसके बाद उसने कार्यक्रम में बदलाव किया। बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि वक्फ संशोधन बिल अवकाफ को हड़पने की एक सोची समझी साजिश है, जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। मिल्लत-ए-इस्लामिया वक्फ संशोधन बिल को खारिज करता है।

नेपाल की छात्रा की आत्महत्या को लेकर भुवनेश्वर के KIIT में विरोध प्रदर्शन, संदिग्ध को हिरासत में लिया गया

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KIIT Bhubneshwar

नेपाल की 20 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रा का शव रविवार शाम को उसके छात्रावास के कमरे में पंखे से लटका हुआ पाए जाने के बाद सोमवार को भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन हुआ।

KIIT विश्वविद्यालय (मान्य) के सैकड़ों छात्रों ने सोमवार सुबह कॉलेज के सामने मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया और आरोप लगाया कि अधिकारियों ने एक महीने पहले मृतक छात्रा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। भुवनेश्वर के डीसीपी पिनाक मिश्रा ने कहा कि कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने में भूमिका निभाने वाले आरोपी लड़के अदविक श्रीवास्तव को हिरासत में लिया गया है। छात्रों ने आरोप लगाया कि पीड़िता को अदविक श्रीवास्तव कई महीनों से परेशान कर रहा था और विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग को मामले की सूचना देने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली।

घटना के बाद विश्वविद्यालय के नेपाली छात्रों ने गहन जांच की मांग की और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की। तनाव बढ़ने पर केआईआईटी विश्वविद्यालय ने एक नोटिस जारी कर सभी नेपाली छात्रों को परिसर खाली करने को कहा। बयान में कहा गया, "नेपाल के सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विश्वविद्यालय बंद है। 

उन्हें आज यानी 17 फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर खाली करने का निर्देश दिया जाता है।" 

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए केआईआईटी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ज्ञान रंजन मोहंती ने कहा कि पीड़िता आरोपी के साथ रिलेशनशिप में थी। मोहंती ने कहा, "वह हॉस्टल में रह रही थी और अपने पार्टनर के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण उसने यह कदम उठाया। उसके कमरे को सील कर दिया गया है और परिवार के सदस्यों को सूचित कर दिया गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।" पुलिस ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने की शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर कथित तौर पर आरोपी और पीड़िता के बीच बातचीत की एक ऑडियो क्लिप सामने आई है। क्लिप में एक युवक को एक लड़की को गाली देते और परेशान करते हुए सुना जा सकता है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विश्वविद्यालय ने नेपाली छात्रों से तुरंत हॉस्टल खाली करने और घर लौटने को कहा। विश्वविद्यालय ने कहा, "स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेपाली छात्रों को उनके संबंधित घरों को भेज दिया गया है। फिलहाल स्थिति शांत है।" नेपाली छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी यात्रा व्यवस्था के अपने घरों की ओर जाने के लिए मजबूर किया गया। 

नेपाल के एक छात्र ने दावा किया, "हमें कोई ट्रेन टिकट या कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। हमें बस हॉस्टल की बसों में भर दिया गया, कटक रेलवे स्टेशन भेज दिया गया और जल्द से जल्द अपने घरों के लिए निकल जाने का आदेश दिया गया। स्टाफ के सदस्य हॉस्टल में घुस गए, हमें खाली करने के लिए मजबूर किया और जो लोग जल्दी से खाली नहीं कर रहे थे, उन्हें पीटा भी।"

श्रीलंका की नौसेना ने भारतीय मछुआरों पर बरसाईं गोलियां, भारत ने जताई नाराजगी
0#india_strongly_protests_sri_lankan_navy_firing_on_fishermen श्रीलंकाई नौसेना ने डेल्फ्ट द्वीप के पास से गुजर रहे भारतीय मछुआरों को पकड़ने के लिए गोलियां चलाई। इस दौरान श्रीलंकाई नौसेना ने 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ा है। भारत ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भारत ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है। भारत में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।

विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, आज सुबह डेल्फ्ट द्वीप के नजदीक 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना की ओर से गोलीबारी की घटना की सूचना मिली। मछली पकड़ने वाली नाव पर सवार 13 मछुआरों में से दो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनका इलाज जाफना टीचिंग अस्पताल में चल रहा है। तीन अन्य मछुआरों को मामूली चोटें आईं हैं। उनका भी इलाज किया जा रहा है। जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने घायल मछुआरों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की है।

बयान में आगे कहा गया, नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को आज सुबह विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। कोलंबो में हमारे उच्चायोग ने भी इस मामले को श्रीलंका सरकार के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है। भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से जुड़े मुद्दों को मानवीय और मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसमें आजीविका संबंधी चिंताओं को भी ध्यान में रखा गया है। किसी भी परिस्थिति में बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

वहीं, पुदुचेरी सरकार के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सरकार 13 गिरफ्तार मछुआरों और उनकी मशीनीकृत नौका को छुड़वाने के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग करेगी। गिरफ्तार किए गए मछुआरों के नामों का पता लगाया जा रहा हैं। पुडुचेरी के मत्स्य पालन मंत्री के. लक्ष्मीनारायणन ने दावा किया कि नौका सहित मछुआरों की रिहाई के लिए सरकार विदेश मंत्री से संपर्क में है। ये मछुआरे कुछ दिन पहले मछली पकड़ने निकले थे।
संसद में प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की, बीजेपी के 2 सांसद घायल, राहुल ने मारा धक्का?

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संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा हो रहा है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों दलों के सांसदों के बीच मकर द्वार पर धक्कामुक्की की खबर आई। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर में चोट देखी गई। इस दौरान भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें आरएमएल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सारंगी का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, आज संसद के मुख्य द्वार में भाजपा-एनडीए सांसदों का प्रदर्शन चल रहा था, राहुल गांधी और उनके सांसदों ने जबरदस्ती घुसकर अपना जो शारीरिक प्रदर्शन किया है, वो बहुत गलत है। संसद कोई शारीरिक ताकत दिखाने का प्लैटफ़ॉर्म नहीं है। राहुल गांधी ने भाजपा के 2 सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को जोर से धक्का दिया। राहुल गांधी ने जो धक्का-मुक्की की है, मैं उसका खंडन करता हूं। मैं राहुल गांधी से सवाल करना चाहता हूं कि अगर सब लोग अपनी ताकत दिखाकर मारपीट करने लग जाएंगे, तो संसद कैसे चलेगा? यह लोकतंत्र का मंदिर है, हमारे दोनों सांसद गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।

इन आरोपों पर अब राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया आ गई है।लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था तो भाजपा सासंद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे। मुझे धमका रहे थे, तो यह हुआ है। यह संसद का प्रवेश द्वार है और हमारा अंदर जाने का अधिकार है। मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं।

दरअसल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में मार्च निकाला। जवाब में भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ की राजनीति का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान संसद भवन के मकर द्वार पर दोनों दलों के सांसद आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच धक्का-मुक्की की भी नौबत आई

अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल
#amit_shah_ambedkar_remarks_congress_protest_opposition
* संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है। गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं। अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..." वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।
अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल

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संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है।

गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं।

अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..."

वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।

नहीं सुधरने वाला पाकिस्तान! लंदन में पाक अधिकारी की बेशर्मी, भारतीयों को किया गला काटने का इशारा

#pakistanofficialthroatslittinggestureatindian_protesters

पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में पूरे देश में उबाल है। इस आक्रोश का असर विदेशों में भी दिख रहा है। पहलगाम हमले की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है, लेकिन इससे अगर किसी को फर्क नहीं पड़ता है तो वो है पाकिस्तान। वैश्विक मंच पर हो रही बेइज्जती के बाद भी पाकिस्तान ने बेशर्मी की हदें पार दी है। शुक्रवार को लंदन में बड़ी संख्या में भारतीय और भारतीय मूल के लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने भारतीयों की तरफ आपत्तिजनक इशारा किया।

पाक अधिकारी की शर्मनाक हरकत

पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी कर्नल तैमूर राहत ने ऐसी शर्मनाक हरकत की कि हर तरफ इसकी आलोचना हो रही है। पाकिस्तानी अधिकारी ने भारतीयों की तरफ गला काटने का इशारा किया। इतना ही नहीं इस दौरान उसने अभिनंदन वर्धमान की चाय के साथ एक तस्वीर भी हाथ में ली हुई थी, जिसे वह बार-बार दिखा रहा था। उसकी इस बेशर्म हरकत को वहां मौजूद किसी शख्स ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। अब यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

भारतीयों के प्रदर्शन के दौरान तेज संगीत बजाया

एक तरफ पहलगाम में मासूम पर्यटकों की निर्मम हत्या से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में गम का माहौल है। वहीं लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने बेशर्मी की हद पार करते हुए भारतीयों के प्रदर्शन के दौरान तेज संगीत बजाया। ऐसा लगा कि पाकिस्तानी उच्चायोग पहलगाम हमले का जश्न मना रहा है। कई प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान की इस हरकत पर नाराजगी भी जताई। भारतीयों के समर्थन में बड़ी संख्या में यहूदी भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला वैसा ही है, जैसे इस्राइल पर 7 अक्तूबर 2023 को हमला हुआ था। दोनों जगह निर्दोष नागरिकों को मारा गया।

लंदन में पहलगाम हमले के विरोध में प्रदर्शन

बता दें कि पहलगाम हमले के विरोध में ब्रिटिश हिंदुओं ने शुक्रवार को लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर और प्लेकार्ड पकड़े हुए थे और प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे और पहलगाम पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए और पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया।

वक्फ कानून के विरोध में दिल्ली में आज प्रदर्शन, देश भर से जुटे मुस्लिम संगठन


#waqfactprotestmuslimorganisationl

वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम संगठन अब पूरी तरह से आर-पार के मूड में हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में मुस्लिम संगठन एकजुट होकर वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली में आज मुस्लिम संगठन वक्फ कानून के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन होने वाला हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में देश के तमाम मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि आज मंगलवार को दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाएंगे।

मुस्लिम संगठन वक्फ कानून में बदलावों का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है। इसी को लेकर आज दिल्ली में 'वक्फ बचाव अभियान' का आयोजन किया जा रहा है। 'वक्फ बचाव अभियान' के तहत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां' (वक्फ की हिफाजत) नाम से आयोजन हो रहा है। इसमें जमात-ए-इस्लामी हिंद जैसे कई बड़े मुस्लिम संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि जुटेंगे।

कांग्रेस-सपा समेत कई पार्टियां होंगी शामिल

तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले विरोध प्रदर्शन में देशभर के मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों के शामिल होने के साथ-साथ सियासी और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग शिरकत करेंगे। दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में मुस्लिमों का सबसे बड़ा जुटाव है, जिसमें मुसलमानों की सबसे बड़ी मिल्ली तंजीम एकजुट हो रही है। सोमवार को जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में कानून के खिलाफ अभियान को सपोर्ट करने की गुजारिश की है। वहीं, विपक्ष के नेता असदुद्दीन ओवैसी, आरजेडी सांसद मनोज झा, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी शामिल हो सकते हैं।

शाह बानो मामले जैसा जन आंदोलन बनाया जाएगा

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 'वक्फ बचाव अभियान' का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू हुआ, जो 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो पीएम मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी। वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और दूसरे अन्य मु्स्लिम संगठन ने उसी तरह का तेवर अपना रखा है, जैसे शाहबानो के मामले में किया था। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे शाह बानो मामले (1985) की तरह व्यापक जन आंदोलन बनाने की बात कही है, जो शहरों से लेकर गांवों तक फैलेगा।

नेपाल में ऐसा क्या हुआ भड़क गई हिंसा? सड़कों पर उतर आए लोग, काठमांडू में सेना तैनात

#nepal_monarchy_protests_becomes_violent

नेपाल में शुक्रवार को राजशाही समर्थकों ने एक बड़ा प्रदर्शन किया था। इस दौरान काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में एक पत्रकार समेत दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं।झड़प के बाद हालात खराब हो गए हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू में सेना को बुलाया गया है और कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।

नेपाल में साल 2008 में खत्म हुई राजशाही को फिर से बहाल करने की मांग करते हुए पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने आयोजित किया था जिसे नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का समर्थन प्राप्त है और यह पार्टी देश में राजशाही स्थापित करने की मांग कर रही है। राजशाही की वापसी की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व नवराज सुवेदी कर रहे हैं। वे राज संस्था पुनर्स्थापना आंदोलन से जुड़े हैं। आंदोलनकारियों का दावा है कि संवैधानिक राजशाही हिंदू राष्ट्र की बहाली ही देश की समस्याओं का समाधान है।

शुक्रवार को नेपाल में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हुई है, जिनमें से एक प्रदर्शनकारी और एक पत्रकार शामिल है। हिंसा इस कदर नियंत्रण से बाहर हो गई थी कि हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा और सेना की तैनाती करनी पड़ी। हिंसा के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को 17 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें राजशाही समर्थक राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के उपाध्यक्ष रबिंद्र मिश्रा, महासचिव धवल शमशेर राना, राजशाही समर्थक कार्यकर्ता स्वागत नेपाल और संतोष तमांग आदि शामिल हैं। इन लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप है। कई नेताओं को नजरबंद किया गया है। अब तक हिंसा के मामले में कुल 51 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। पूर्व पीएम ने ज्ञानेंद्र शाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शनिवार की सुबह हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान वे सोशलिस्ट फ्रंट के कार्यालय भी पहुंचे, जिसे हिंसा के दौरान नुकसान पहुंचाया गया।

पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि 'अब ये पूरी तरह से साफ हो गया है कि इस सब के पीछे ज्ञानेंद्र शाह हैं। ज्ञानेंद्र शाह की नीयत सही नहीं है। ये पहले भी देखा गया और अब भी देखा जा रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार कड़ी कार्रवाई करे। घटना की पूरी जांच हो और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। ज्ञानेंद्र शाह को अब पूरी आजादी नहीं दी जा सकती। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और नेपाल सरकार को इस मुद्दे पर गंभीर होने की जरूरत है।

दरअसल, राजनीतिक अस्थिरता के बीच नेपाल में राजशाही को बहाल किए जाने को लेकर कुछ समय से सरगर्मी तेज़ हुई है। बीते कुछ दिनों में कई ऐसी रैलियां और प्रदर्शन हुए जिसमें राजशाही को फिर से स्थापित किए जाने की मांग की गई। हाल ही में नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की सक्रियता भी देखी गई है।

इस महीने 5 मार्च को काठमांडू में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने एक बाइक रैली की थी, जिनमें नेपाल के राष्ट्रध्वज के साथ लोग शामिल हुए। छह मार्च को पोखरा में ज्ञानेंद्र ने पूर्व राजा वीरेंद्र की मूर्ति का अनावरण किया गया और इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने राजशाही व्यवस्था वाला राष्ट्रगान गाया। ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह नेपाल में लोकतंत्र आने के बाद से इस तरह सार्वजनिक रूप से न के बराबर दिखते थे। कुछ खास मौकों पर बहुत ही औपचारिक बयान जारी करते थे।

वहीं, नौ मार्च को वह पोखरा से काठमांडू पहुंचे, जहां हजारों लोगों की भीड़ उनके स्वागत में इकट्ठा हुई थी। इसी भीड़ में एक व्यक्ति, ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लेकर खड़ा था।

वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड प्रदर्शन, किस-किस ने दिया समर्थन, जानें कौन क्या बोला?*

#waqfbillprotestjantarmantar

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ आज मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को वापस लेने की मांग की है। प्रदर्शन कारियों ने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों को लूटने की कोशिश कर रही है। साथ ही जेपीसी पर विपक्ष के विचारों पर भी विचार नहीं करने का भी आरोप लगाया। इस विरोध प्रदर्शन में सांसद असदुद्दीन ओवैसी और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत विपक्ष के तमाम नेता शामिल हुए।

अबू तालिब का पीएम मोदी पर तंज

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अबू तालिब रहमानी ने कहा कि हम यहां लड़ने, धमकाने, या समुदाय को ललकारने नहीं बल्कि अपने हकों के लिए आए हैं। अगर शाकाहारी पत्नी मांसाहारी पति के साथ रह सकती है तो देश में हिंदू मुसलमान साथ क्यों नहीं रह सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम कहते हैं बचपन में ईद पर खाना नहीं बनता है। हम आज भी शाकाहारी खाना भेज सकते हैं। आपकी मोहब्बत का दरवाजा बंद हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि जेपीसी ने बड़ी नाइंसाफी से काम लिया है। स्टेकहोल्डर को छोड़कर जो स्टेकहोल्डर नहीं हैं, उनसे बात कर रहे हैं। कहीं आप श्रीलंका ना चले जाए। आपको बांग्लादेश की हसीना अच्छी लगती है देश का हुसैन अच्छा नहीं लगता है।

महमूद मदनी के गंभीर आरोप

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने भी इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, यह सिर्फ मुसलमानों का मामला नहीं है, बल्कि संविधान का मामला है। हमारे घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, मस्जिदों और मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। वक्फ के जरिए संविधान पर भी बुलडोजर चलाने की कोशिश हो रही है।

मदनी ने आगे कहा, हमें हर हाल में इसकी मुखालफत करनी होगी। यह सिर्फ मुसलमानों की लड़ाई नहीं है, बल्कि सभी समुदायों को एकजुट होना होगा। बहुसंख्यक राज्य बनाने की कोशिश की जा रही है, हमें इसके खिलाफ खड़ा होना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हर लड़ाई के लिए कुर्बानी की जरूरत होती है और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। केवल सड़कों पर प्रदर्शन से काम नहीं चलेगा, इसके लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़नी होगी।

ओवैसी का सरकार पर तीखा हमला

वहीं, प्रदर्शन में सामिल असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि फसाद कराने के लिए लाया गया है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि ‘मोदी सरकार वक्फ संपत्तियों को लूटने और देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। ओवैसी ने यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस विधेयक पर आगे की रणनीति तय करेगा और संसद में इसका विरोध किया जाएगा।

महुआ मोइत्रा ने क् कहा

जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, जब अयोध्या के राम मंदिर बोर्ड में किसी मुस्लिम को शामिल नहीं किया जा सकता। तो वक्फ बोर्ड में हिंदू को कैसे शामिल किया जा सकता है? ये मुस्लिमों की संपत्ति को छिनने के लिए है। उन्होंने आगे कहा, जो बातें 30 साल पहले बंद कमरों में होती थीं, वे अब खुले मंचों से कही जा रही हैं। देश में जो हालात बनाए जा रहे हैं, वैसा ही जर्मनी में भी हुआ था।

वक्फ की जमीनों को उद्योगपति को देना चाहती सरकार -इमरान प्रतापगढ़ी

जंतर-मंतर पर वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सरकार को समझना होगा कि बहुत विरोध हो रहा है, यह अच्छी बात है कि संगठन लोकतांत्रिक तरीके से उस तानाशाही का विरोध कर रहे हैं, जिसे सरकार थोपने की कोशिश कर रही है। क्या वे वक्फ की जमीनों को लूटकर अपने उद्योगपति दोस्तों को देना चाहते हैं? अगर वे जेपीसी सदस्यों की राय नहीं सुनने वाले थे तो उन्होंने जेपीसी क्यों बनाई।

वक्फ विधेयक के खिलाफ आज प्रदर्शन, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को मिला कांग्रेस समेत कई दलों का साथ

#protestwaqfamendment_bill

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर आज जंतर मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का धरना प्रदर्शन है। वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ धरने में विभिन्न मुस्लिम संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ ही विपक्ष के कई सांसदों को आमंत्रित किया गया है। इस धरने में कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी समेत कई दल शामिल हो रहे हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई संगठनों का मानना है कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव स्वायत्तता के लिए खतरा है। वक्फ बिल बोर्ड की वित्तीय और प्रशासनिक स्वतंत्रता पर असर डालेगा। इसलिए पूरे देश में विरोध किया जा रहा है।

नायडू-नीतीश को भी निमंत्रण

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ जंतर मंतर पर होने वाला प्रदर्शन में सभी दलों, संगठनों और समुदाय के लोगों को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। बोर्ड के प्रतिनिधियों ने जनवरी और फरवरी में तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात कर उनसे सहयोग मांगा था, लेकिन ये दोनों दल फिलहाल इस विषय पर सरकार के साथ नजर आ रहे हैं। आयोजकों ने साफ किया कि विरोध प्रदर्शन का मकसद किसी सरकार या पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि समुदाय के हक की रक्षा करना है।

सदन में भी हंगामे के आसार

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर भी सदन में हंगामा हो सकता है। विपक्षी दल इसको लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है। वहीं, सरकार हर हाल में इस बिल को पास कराना चाहती है। हाल ही में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि सरकार वक्फ संशोधन बिल को जल्द पारित कराना चाहती है। क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दे सुलझेंगे। संसद की संयुक्त समिति ने विपक्ष के भारी विरोध के बीच इस बिल पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश की थी। इसलिए सरकार के लिए वक्फ संशोधन बिल को जल्द पारित कराना प्राथमिकता है।

पहले 13 मार्च को होना था प्रदर्शन

पर्सनल लॉ बोर्ड पहले 13 मार्च को धरना देने वाला था, लेकिन उस दिन संसद के संभावित अवकाश के चलते कई सांसदों ने अपनी उपस्थिति को लेकर असर्मथता जताई, जिसके बाद उसने कार्यक्रम में बदलाव किया। बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि वक्फ संशोधन बिल अवकाफ को हड़पने की एक सोची समझी साजिश है, जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। मिल्लत-ए-इस्लामिया वक्फ संशोधन बिल को खारिज करता है।

नेपाल की छात्रा की आत्महत्या को लेकर भुवनेश्वर के KIIT में विरोध प्रदर्शन, संदिग्ध को हिरासत में लिया गया

#kiit_bhubneshwar_faces_protests_as_a_nepali_student_commits_suicide

KIIT Bhubneshwar

नेपाल की 20 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रा का शव रविवार शाम को उसके छात्रावास के कमरे में पंखे से लटका हुआ पाए जाने के बाद सोमवार को भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन हुआ।

KIIT विश्वविद्यालय (मान्य) के सैकड़ों छात्रों ने सोमवार सुबह कॉलेज के सामने मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया और आरोप लगाया कि अधिकारियों ने एक महीने पहले मृतक छात्रा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। भुवनेश्वर के डीसीपी पिनाक मिश्रा ने कहा कि कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने में भूमिका निभाने वाले आरोपी लड़के अदविक श्रीवास्तव को हिरासत में लिया गया है। छात्रों ने आरोप लगाया कि पीड़िता को अदविक श्रीवास्तव कई महीनों से परेशान कर रहा था और विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग को मामले की सूचना देने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली।

घटना के बाद विश्वविद्यालय के नेपाली छात्रों ने गहन जांच की मांग की और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की। तनाव बढ़ने पर केआईआईटी विश्वविद्यालय ने एक नोटिस जारी कर सभी नेपाली छात्रों को परिसर खाली करने को कहा। बयान में कहा गया, "नेपाल के सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विश्वविद्यालय बंद है। 

उन्हें आज यानी 17 फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर खाली करने का निर्देश दिया जाता है।" 

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए केआईआईटी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ज्ञान रंजन मोहंती ने कहा कि पीड़िता आरोपी के साथ रिलेशनशिप में थी। मोहंती ने कहा, "वह हॉस्टल में रह रही थी और अपने पार्टनर के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण उसने यह कदम उठाया। उसके कमरे को सील कर दिया गया है और परिवार के सदस्यों को सूचित कर दिया गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।" पुलिस ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने की शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर कथित तौर पर आरोपी और पीड़िता के बीच बातचीत की एक ऑडियो क्लिप सामने आई है। क्लिप में एक युवक को एक लड़की को गाली देते और परेशान करते हुए सुना जा सकता है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विश्वविद्यालय ने नेपाली छात्रों से तुरंत हॉस्टल खाली करने और घर लौटने को कहा। विश्वविद्यालय ने कहा, "स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेपाली छात्रों को उनके संबंधित घरों को भेज दिया गया है। फिलहाल स्थिति शांत है।" नेपाली छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी यात्रा व्यवस्था के अपने घरों की ओर जाने के लिए मजबूर किया गया। 

नेपाल के एक छात्र ने दावा किया, "हमें कोई ट्रेन टिकट या कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। हमें बस हॉस्टल की बसों में भर दिया गया, कटक रेलवे स्टेशन भेज दिया गया और जल्द से जल्द अपने घरों के लिए निकल जाने का आदेश दिया गया। स्टाफ के सदस्य हॉस्टल में घुस गए, हमें खाली करने के लिए मजबूर किया और जो लोग जल्दी से खाली नहीं कर रहे थे, उन्हें पीटा भी।"

श्रीलंका की नौसेना ने भारतीय मछुआरों पर बरसाईं गोलियां, भारत ने जताई नाराजगी
0#india_strongly_protests_sri_lankan_navy_firing_on_fishermen श्रीलंकाई नौसेना ने डेल्फ्ट द्वीप के पास से गुजर रहे भारतीय मछुआरों को पकड़ने के लिए गोलियां चलाई। इस दौरान श्रीलंकाई नौसेना ने 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ा है। भारत ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भारत ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है। भारत में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।

विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, आज सुबह डेल्फ्ट द्वीप के नजदीक 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना की ओर से गोलीबारी की घटना की सूचना मिली। मछली पकड़ने वाली नाव पर सवार 13 मछुआरों में से दो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनका इलाज जाफना टीचिंग अस्पताल में चल रहा है। तीन अन्य मछुआरों को मामूली चोटें आईं हैं। उनका भी इलाज किया जा रहा है। जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने घायल मछुआरों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की है।

बयान में आगे कहा गया, नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को आज सुबह विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। कोलंबो में हमारे उच्चायोग ने भी इस मामले को श्रीलंका सरकार के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है। भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से जुड़े मुद्दों को मानवीय और मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसमें आजीविका संबंधी चिंताओं को भी ध्यान में रखा गया है। किसी भी परिस्थिति में बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

वहीं, पुदुचेरी सरकार के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सरकार 13 गिरफ्तार मछुआरों और उनकी मशीनीकृत नौका को छुड़वाने के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग करेगी। गिरफ्तार किए गए मछुआरों के नामों का पता लगाया जा रहा हैं। पुडुचेरी के मत्स्य पालन मंत्री के. लक्ष्मीनारायणन ने दावा किया कि नौका सहित मछुआरों की रिहाई के लिए सरकार विदेश मंत्री से संपर्क में है। ये मछुआरे कुछ दिन पहले मछली पकड़ने निकले थे।
संसद में प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की, बीजेपी के 2 सांसद घायल, राहुल ने मारा धक्का?

#parliament_opposition_protest_bjp_mp_injured

संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा हो रहा है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों दलों के सांसदों के बीच मकर द्वार पर धक्कामुक्की की खबर आई। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर में चोट देखी गई। इस दौरान भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें आरएमएल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सारंगी का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, आज संसद के मुख्य द्वार में भाजपा-एनडीए सांसदों का प्रदर्शन चल रहा था, राहुल गांधी और उनके सांसदों ने जबरदस्ती घुसकर अपना जो शारीरिक प्रदर्शन किया है, वो बहुत गलत है। संसद कोई शारीरिक ताकत दिखाने का प्लैटफ़ॉर्म नहीं है। राहुल गांधी ने भाजपा के 2 सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को जोर से धक्का दिया। राहुल गांधी ने जो धक्का-मुक्की की है, मैं उसका खंडन करता हूं। मैं राहुल गांधी से सवाल करना चाहता हूं कि अगर सब लोग अपनी ताकत दिखाकर मारपीट करने लग जाएंगे, तो संसद कैसे चलेगा? यह लोकतंत्र का मंदिर है, हमारे दोनों सांसद गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।

इन आरोपों पर अब राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया आ गई है।लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था तो भाजपा सासंद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे। मुझे धमका रहे थे, तो यह हुआ है। यह संसद का प्रवेश द्वार है और हमारा अंदर जाने का अधिकार है। मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं।

दरअसल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में मार्च निकाला। जवाब में भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ की राजनीति का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान संसद भवन के मकर द्वार पर दोनों दलों के सांसद आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच धक्का-मुक्की की भी नौबत आई

अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल
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* संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है। गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं। अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..." वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।
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संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है।

गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं।

अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..."

वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।