प्रदेश में एआई प्रज्ञा से शासकीय कार्यों में आएगी क्रांति

* एआई प्रज्ञा कार्यक्रम के अंतर्गत सचिवालय अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डिजिटल तकनीक में दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए "ए.आई. प्रज्ञा" (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम फॉर रिसोर्स, अवेयरनेस, ग्रोथ एंड यूथ एडवांसमेंट) कार्यक्रम के तहत आज प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस, उत्तर प्रदेश समिति द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग अमित कुमार घोष द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उपकरणों के माध्यम से शासकीय कार्यप्रणाली को अधिक सशक्त, पारदर्शी एवं दक्ष बनाया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सुरक्षित व उत्तरदायी उपयोग की ओर प्रेरित किया।

इस प्रशिक्षण में अधिकारियों को ए.आई. उपकरणों के दैनिक जीवन एवं औद्योगिक क्षेत्रों में प्रयोग, चैट जी.पी.टी. की समझ, प्रभावी संवाद लेखन, जी.पी.टी. प्रॉम्प्ट्स का कुशल उपयोग, दस्तावेजों का एक भाषा से दूसरी भाषा में रूपांतरण (जैसे को-पायलट जैसे औजारों के माध्यम से), डिजिटल एवं सूचना सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, साइबर अपराधों (फिशिंग, साइबर स्टॉकिंग, उत्पीड़न, मैलवेयर आदि) की पहचान और रोकथाम, तथा भारत में लागू प्रमुख साइबर क़ानूनों से अवगत कराया गया।

कार्यक्रम में विशेष सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग एवं राज्य समन्वयक, सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस श्रीमती नेहा जैन ने अवगत कराया कि सचिवालय के अनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी, निजी सचिव एवं अपर निजी सचिव को पूर्व में प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है और वर्तमान में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को इस विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

प्रमुख सचिव श्री घोष ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभावी उपयोग करते हुए अधिकारी अपनी कार्य क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं और शासकीय कार्यों का निष्पादन कम समय में अधिक दक्षता से कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ए.आई. उपकरणों के प्रयोग में गोपनीयता और साइबर सुरक्षा संबंधी नियमों का कड़ाई से पालन आवश्यक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से आगामी वर्षों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और यह तकनीक प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग अमित कुमार घोष, विशेष सचिव सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग एवं राज्य समन्वयक श्रीमती नेहा जैन सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।

छात्रवृत्तियों को सुलभ और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम, मंत्रियों ने किया मंथन

समाज कल्याण विभाग बना नोडल, तकनीक आधारित पोर्टल और नई नीतियों पर हुआ विस्तार से विचार

लखनऊ। राज्य सरकार द्वारा छात्रवृत्तियों को अधिक सुलभ, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए मंगलवार को गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागों के मंत्रीगण एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयोजित इस बैठक में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं की समीक्षा की गई और इन्हें और बेहतर बनाने के उपायों पर मंथन हुआ। हाल ही में छात्रवृत्ति संबंधी सभी योजनाओं का नोडल विभाग समाज कल्याण विभाग को बनाया गया है, जिसने इस दिशा में एक 6 सदस्यीय ट्रांसफॉर्मेशन टीम का गठन किया था। इस टीम ने आज अपनी प्रस्तुति दी।

- प्रमुख मंत्रियों की उपस्थिति

बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे: ओमप्रकाश राजभर, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री

नरेंद्र कश्यप, पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)असीम अरुण, समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दानिश आज़ाद, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री

तीनों विभागों के प्रमुख सचिव, निदेशक, और तकनीकी टीम के सदस्य भी बैठक में मौजूद रहे।

- छात्रवृत्ति से जुड़ी समस्याओं पर खुलकर चर्चा

प्रस्तुतीकरण में असीम अरुण ने बताया कि छात्रवृत्ति प्राप्त करने में विद्यार्थियों और विभागों को कई तकनीकी और प्रक्रियागत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इन चुनौतियों को दूर करने के लिए संभावित समाधानों को साझा किया।

- लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय:

छात्रवृत्ति पोर्टल पूरे वर्ष खुला रहेगा, ताकि विद्यार्थी कभी भी आवेदन कर सकें।

तीनों विभागों के निदेशकों की संयुक्त टीम बनाई जाएगी, जो नियमित रूप से बैठक कर समस्याओं का समाधान करेगी।

सेमेस्टर आधारित छात्रवृत्ति प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे वार्षिक देरी और गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा।

तकनीकी कारणों से छात्रवृत्ति रुके तो छात्रों को अवसर दिया जाएगा, ताकि वे इससे वंचित न रहें।

नवीन तकनीक आधारित पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा, जिसमें नोटिफिकेशन सुविधा भी होगी।

सभी वर्गों के लिए समान नीति प्रक्रिया लागू की जाएगी।

फर्जी छात्रों को रोकने के लिए फेस रिकॉग्निशन आधारित उपस्थिति प्रणाली लाई जाएगी।

* बजट की कोई कमी नहीं होगी – इस बिंदु पर भी स्पष्ट सहमति बनी।

इस मंथन से साफ है कि राज्य सरकार छात्रवृत्ति को आधुनिक, पारदर्शी और छात्र हितैषी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। तकनीकी नवाचारों, संयुक्त प्रयासों और नीतिगत सुधारों के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे और शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसरों को बढ़ावा मिले।

उप्र राज्य संग्रहालय द्वारा ग्रीष्मकालीन कार्यशाला आयोजित

लखनऊ। राज्य संग्रहालय लखनऊ द्वारा ग्रीष्मकालीन कार्यशालाओं के अंतर्गत आज 20 मई को लखनऊ पब्लिक स्कूल, वृंदावन योजना, सेक्टर-9 के संयुक्त तत्वावधान में 12 दिवसीय टेराकोटा म्यूरल्स एवं मूर्ति कला कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में लखनऊ पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला 31 मई, 2025 तक प्रत्येक दिवस में प्रातः 8ः00 से 11ः00 बजे तक आयोजित होगी।

भारतीय सेना के शौर्य को समर्पित तिरंगा यात्रा : पश्चिम विधानसभा से परशुराम चौराहा तक देशभक्ति का जुलूस

* नीरज सिंह और आनंद द्विवेदी ने दिखाई झंडी, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को किया नमन

लखनऊ। भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान को समर्पित करते हुए आज पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा एमआईएस चौराहा से प्रारंभ होकर परशुराम चौराहा तक निकाली गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ युवा नेता नीरज सिंह और महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने तिरंगा यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया।

तिरंगा यात्रा में सेंट जोसेफ स्कूल के बैंड, दीन दयाल डिग्री कॉलेज के एनसीसी छात्र, भूतपूर्व सैनिक, सिविल डिफेंस, परिवार, विश्व हिंदू परिषद, व्यापार मंडल, और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भाग लेकर देशभक्ति का संदेश दिया।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को किया गया नमन

कार्यक्रम के समापन पर नीरज सिंह ने भारतीय सेना के "ऑपरेशन सिंदूर" की ऐतिहासिक सफलता, वीर सैनिकों के अदम्य साहस, बलिदान और राष्ट्र के प्रति समर्पण को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह तिरंगा यात्रा हर भारतवासी को गौरव और आत्मविश्वास से भर देती है।

जन-जन तक पहुंचे वीरता की गाथा

महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने कहा कि देशभर में तिरंगा यात्राओं के माध्यम से भारतीय सैनिकों की शौर्यगाथा को हर जन तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सैनिकों से प्रेरणा लें और देश सेवा में आगे आएं।

जनता और संगठनों का आभार

पश्चिम विधानसभा के उपविजेता अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने तिरंगा यात्रा को सफल बनाने के लिए स्थानीय जनता, सामाजिक संगठनों, और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

प्रमुख उपस्थितजन

इस मौके पर अनेक गणमान्य नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जिनमें शामिल हैं: दीप प्रकाश सिंह (मंडल अध्यक्ष), विमल चौधरी, सोमेन्द्र पाण्डेय, संदीप तिवारी, डॉ. यू.एन. पाण्डेय, सतेन्द्र सिंह, चंद्र प्रकाश अवस्थी, मयंक वाजपेयी, राहुल शुक्ला, पार्षद कौमुदी त्रिपाठी, गौरी सवारियाँ, रोशनी रावत, रेखा सिंह, रीता रॉय, कमलेश देवी, अजय दीक्षिती, विनोद यादव, अनूप कमल सक्सेना, शिव कुमार यादव (गुड्डू), धर्मेंद्र सिंह, मनीष रस्तोगी आदि।

बड़े मंगल पर रविंद्र गार्डन अलीगंज में आयोजित भंडारे में शामिल हुए वित्त मंत्री, भक्त जनों को बांटा प्रसाद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना मंगलवार को लखनऊ स्थित रविन्द्र गार्डेन में ज्येष्ठ माह के द्वितीय बड़े मंगल के पावन अवसर पर आयोजित प्रसाद वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की मंगलकामना की। उन्होंने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। श्री खन्ना ने कहा कि हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित बड़े मंगल का दिन उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से राजधानी लखनऊ में एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बड़ा मंगल उत्तर भारतीय लोक आस्था का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। लखनऊ की धरती पर यह पर्व सामाजिक समरसता, सहयोग और श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है।

श्री खन्ना ने इस अवसर पर कहा कि हनुमान जी समाज को शक्ति, भक्ति और सेवा का संदेश देते हैं। हम सबको उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और अपनी आस्था को सेवा में बदलना चाहिए। जब हम एक-दूसरे की मदद करेंगे, तभी सच्चे अर्थों में धर्म की विजय होगी और मानवता का कल्याण होगा।

ज्येष्ठ महीने के इस दूसरे बड़े मंगल के अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, हजरतगंज में पूजा अर्चन कर भंडारे का शुभारंभ किया। राजधानी लखनऊ में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में जगह-जगह भंडारे का आयोजन हुआ। हर तरफ हनुमान जी के नाम के गुणगान वाले भजन सुनाई पड़ रहे थे , साथ ही जय सियाराम के जयकारें लग रहे थे।

सीएम युवा उद्यमी योजना बनी आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नई पहचान, 40 हजार से अधिक युवाओं को मिला ऋण

-- बिना ब्याज व गारंटी के 5 लाख तक का ऋण, महिलाओं और पिछड़े वर्गों को मिल रहा विशेष प्रोत्साहन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के संकल्प को मूर्त रूप देते हुए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी (सीएम युवा) योजना के माध्यम से प्रदेश को उद्यमिता का मॉडल राज्य बना दिया है। इस योजना के तहत युवाओं को बिना ब्याज और बिना गारंटी के 5 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

अब तक योजना के तहत 53,649 युवाओं के ऋण आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं, जिनमें से 39,835 युवाओं को ऋण वितरित किया जा चुका है। यह योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भर भारत के विजन को गति दे रही है और पूरे देश में एक मॉडल के रूप में देखी जा रही है।

10 लाख युवाओं को स्वरोजगार का लक्ष्य

"हर कदम उद्यमिता की ओर, हर युवा आत्मनिर्भरता की ओर" के मिशन के साथ शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। 16 मई 2025 तक इस योजना के अंतर्गत कुल 2,44,045 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1,10,105 आवेदन बैंकों को अग्रेषित किए गए।

महिलाओं और पिछड़े वर्गों को मिल रही खास प्राथमिकता

इस योजना की खास बात यह है कि यह समावेशी विकास को बढ़ावा देती है। ऋण प्राप्त करने वालों में लगभग 30% महिलाएं हैं, जबकि 48.5% लाभार्थी ओबीसी वर्ग से हैं। साथ ही 15% अनुसूचित जाति और 2.5% अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को भी इसका लाभ मिला है।

मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र में हो रहा निवेश

युवा इस योजना के तहत प्राप्त धनराशि का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में कर रहे हैं। 36% से अधिक ऋण का उपयोग मैन्युफैक्चरिंग जैसे फर्नीचर निर्माण, आटा चक्की, डेयरी आदि में किया गया है, जबकि 64% लाभार्थियों ने सेवा क्षेत्र जैसे टेंट हाउस, मोबाइल रिपेयरिंग, प्रिंटिंग प्रेस, फिटनेस सेंटर में निवेश किया है।

टॉप-5 जिलों में कानपुर नगर सबसे आगे

ऋण वितरण में कानपुर नगर सबसे आगे है, जहां 1339 युवाओं को योजना का लाभ मिला है। इसके बाद बरेली (1032), आगरा (1016), महाराजगंज (988), और वाराणसी (961) टॉप-5 जिलों में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। सरकार का लक्ष्य न केवल रोजगार देना है, बल्कि युवाओं को स्वयं का उद्यम खड़ा करने वाला लीडर बनाना है।

लखनऊ: भिखारियों को रेस्क्यू करने गई टीम पर हमला, अफवाह बन गई हमले की वजह

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र स्थित बंगला बाजार चौराहे पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब भिखारियों को रेस्क्यू करने पहुंची सरकारी टीम पर हमला कर दिया गया।

टीम जैसे ही भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को छुड़ाने पहुंची, तभी बच्चा चोरी की अफवाह फैला दी गई। भीड़ ने कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटना शुरू कर दिया। घटना में एक महिला ने सरकारी कर्मचारियों पर चप्पलें बरसाईं, और स्थिति इतनी बेकाबू हो गई कि कर्मचारी जान बचाकर सड़क पर भागते नजर आए।

घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस के अनुसार, इस मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। फिलहाल, हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है।

मुख्य बिंदु:

घटना स्थल: बंगला बाजार चौराहा, आशियाना, लखनऊ

अभियान का उद्देश्य: भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों को बचाना

कारण: बच्चा चोरी की झूठी अफवाह फैलाना

परिणाम: सरकारी टीम पर हमला, मारपीट, महिला द्वारा चप्पल से हमला

* पुलिस कार्रवाई: 3 केस दर्ज, जांच जारी

लखनऊ के HCBL को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द, RBI की एक महीने में दूसरी बड़ी कार्रवाई

लखनऊ। रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया ने लखनऊ स्थित HCBL को-ऑपरेटिव बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह एक महीने के भीतर दूसरी बार है जब केंद्रीय बैंक ने किसी सहकारी बैंक पर सख्त कदम उठाया है। खबर सुनने के बाद से ग्राहकों में भगदड़ मची हुई है।

RBI ने स्पष्ट किया है कि HCBL बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और भविष्य में आय की संभावनाएं भी नगण्य हैं, इसलिए बैंक को चलाना जनहित में नहीं है। इसी के चलते बैंक 19 मई, 2025 से अपना सारा बैंकिंग कारोबार बंद कर देगा।

केंद्रीय बैंक ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वे बैंक को बंद करने की प्रक्रिया शुरू करें और एक लिक्विडेटर नियुक्त करें। इसके साथ ही बैंक को तुरंत प्रभाव से जमा राशि स्वीकार करने या लौटाने जैसे सभी बैंकिंग कार्यों को बंद करने का आदेश दे दिया गया है।

RBI ने यह भी जानकारी दी कि बैंक के लाइसेंस रद्द होने के बावजूद जमाकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की ओर से प्रत्येक जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर मिलेगा। बैंक के लगभग 98.69% जमाकर्ता अपनी पूरी जमा राशि DICGC से प्राप्त कर सकेंगे।

RBI के अनुसार, 31 जनवरी, 2025 तक DICGC पहले ही ₹21.24 करोड़ का भुगतान कर चुका है। इससे पहले 16 अप्रैल, 2025 को RBI ने अहमदाबाद के कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस भी इसी कारण से रद्द किया था—अपर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं न होना। यह लगातार दूसरी बार है जब RBI ने सहकारी बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और जमाकर्ताओं के हित में कठोर कदम उठाया है।

नशे में झगड़ा बना हत्या की वजह, छोटे भाई ने किया सगे भाई का कत्ल

लखनऊ ।गोमतीनगर में सोमवार देर रात नशे में विवाद के बाद छोटे भाई ने बड़े भाई बाबूलाल की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी। बाबूलाल नशे की हालत में घर आकर गाली-गलौज कर रहा था और मां-बहन से मारपीट करने लगा। छोटे भाई सनी ने विरोध किया, तो दोनों में झगड़ा बढ़ गया। सनी ने गुस्से में आकर बाबूलाल पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

नशा करने को लेकर हुआ पहले विवाद

घटना गोमतीनगर के विनीत खंड इलाके की है, जहां रहने वाला बाबूलाल नशे का आदी था। पुलिस के अनुसार, सोमवार रात को वह नशे की हालत में घर पहुंचा और बहन व मां के साथ गाली-गलौज करने लगा। विरोध करने पर उसने घर में झगड़ा शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद छोटा भाई सनी, जो कि बेंगलुरु में नौकरी करता है और इन दिनों छुट्टियों पर घर आया था, इस व्यवहार का विरोध करने लगा। इसी बीच दोनों भाइयों के बीच कहासुनी बढ़ गई और सनी ने गुस्से में आकर धारदार हथियार से बाबूलाल पर हमला कर दिया।

फॉरेसिंक टीम ने पहुंचकर जुटाए साक्ष्य

हमले में बाबूलाल गंभीर रूप से घायल हो गया और लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। परिजनों ने जब तक कुछ समझा, उसकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी। घर से चीख-पुकार सुनकर पड़ोसियों की भीड़ जमा हो गई। फौरन पुलिस को सूचना दी गई।घटना की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए।

बाबूलाल आये दिन शराब पीकर घर में करता था हंगामा

गोमतीनगर थाना प्रभारी के अनुसार, बाबूलाल शराब पीकर अक्सर घर में हंगामा करता था। पुलिस ने आरोपी सनी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह मामला घरेलू कलह का लग रहा है।फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है और हत्या में प्रयुक्त हथियार को बरामद कर लिया गया है। परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

धूप में झुलसते ‘ड्यूटी के योद्धा’, जब सिस्टम ने किया नजरअंदाज़

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी में पारा 43 डिग्री के पार पहुंच चुका है। दोपहर का सूरज आग उगल रहा है, सड़कों पर धूल और गर्म हवाओं की मार है, लेकिन इन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी चौराहों पर मोर्चा संभाले खड़े हैं। आम लोगों के लिए महज़ ट्रैफिक पुलिसकर्मी, लेकिन असल में ये 'तपते चौराहों के सिपाही' हैं, जिनकी ड्यूटी शरीर ही नहीं, मानसिक संतुलन की भी परीक्षा लेती है।

धूप से झुलसते शरीर पर भी ड्यूटी पहले

जानकारी के लिए बता दें कि गर्मियों में सबसे कठिन ड्यूटी अगर किसी की मानी जाती है, तो वह ट्रैफिक पुलिसकर्मी की है। इन दिनों लखनऊ के हजरतगंज, भूतनाथ, चारबाग, पालीटेक्निक, चिनहट, हजरतगंज और कपूरथला जैसे प्रमुख चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी दिन के 6-8 घंटे सड़कों पर खड़े रहकर यातायात व्यवस्था को संभालते हैं। गर्मी इतनी भीषण है कि एक जगह खड़े रहना भी मुश्किल हो जाए, लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मी बार-बार पानी पीने, छांव में खड़े होने या आराम करने के बजाय, लोगों को सुरक्षित रास्ता देने में जुटे रहते हैं।

विभाग ने क्या की है गर्मी से सुरक्षा की क्या व्यवस्था, हकीकत में क्या

विभागीय अधिकारी का दावा है कि गर्मी को देखते हुए पुलिसकर्मियों को छाते, कैप, गमछा और ORS घोल जरूर दिए गए हैं। कुछ स्थानों पर ट्रैफिक बूथ या टीन शेड भी हैं, लेकिन अधिकतर चौराहों पर ये सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं। कई जवान अपने स्तर पर पानी की बोतल, गीले कपड़े और पाउडर लेकर आते हैं ताकि लू से बचाव हो सके। जबकि इस मामले में जब ट्रैफिक सिपाहियों से बात की गई तो बताया कि यह दावा केवल हवा हवाई है। पीने के लिए ठंडा पानी तो मिलता नहीं है। कहीं कहीं कहने के लिए एकाध छाते मुहैया करा दिये गये है। बूथों पर ट्रफिक सिपाहियों के आराम करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

छुट्टी की योजना ज़मीन पर नहीं आई

योगी सरकार ने गर्मियों में पुलिसकर्मियों को छुट्टी देने की बात कही थी, लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के अनुसार अभी तक इसका कोई सीधा लाभ नहीं मिला है। स्टाफ की भारी कमी और चौकियों की जरूरत के चलते अवकाश मिलना लगभग असंभव होता है। कई कर्मियों ने बताया कि "हमें तो महीने में एक या दो छुट्टियाँ भी मुश्किल से मिलती हैं।"ट्रैफिक सिपाही का कहना है कि यह रूल पुलिसकर्मियों पर लागू होता होगा, यातायात विभाग में ऐसा कुछ नहीं है।

ट्रैफिक सिपाहियों के आराम की व्यवस्था बूथों पर उपलब्ध नहीं

एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी औसतन 8 की ड्यूटी करता है, जिसमें दोपहर की सबसे भीषण गर्मी वाले घंटे भी शामिल रहते हैं। ट्रैफिक का सबसे अधिक दबाव सुबह 9 से 11 और शाम 5 से 8 बजे के बीच होता है। इन घंटों में बिना रुके, बिना बैठे काम करना पड़ता है। ऐसे में कड़ी धूप में खड़ा होने के बाद जब उन्हें कुछ देर आराम करने का मौका मिले तो बूथ के अंदर ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जो कि राजधानी के अस्सी प्रतिशत ट्रैफिक बूथों पर अाराम करने के लिए सुविधा जनक कोई इंतजाम नहीं है। जबकि इस भीषण गर्मी में उनके लिए यह आराम करने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस पर कई ट्रैफिक सिपाहियों से बात की गई तो उनका यही कहना है कि बूथों पर सुविधा का इंतजाम राम भरोसे चल रही है।

लोगों की नोंकझोंक और एंगर मैनेजमेंट

बता दें कि चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी न केवल मौसम से जूझते हैं, बल्कि लोगों की बदतमीज़ी और झुंझलाहट से भी। चालान कटने पर कई बार बहसबाजी होती है। प्रशासन की ओर से इस तनाव को कम करने के लिए कोई विशेष काउंसलिंग या एंगर मैनेजमेंट ट्रेनिंग नहीं दी जाती। हालांकि, कुछ सीनियर अधिकारी व्यक्तिगत रूप से सहयोग करते हैं, पर वह काफी नहीं है। क्योंकि इन सारी समस्याओं से अकेले ट्रैफिक का जिम्मा संभालने वालों को ही भुगतना पड़ता है।

कैसी होती है एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी की दिनचर्या?

सुबह 7-8 बजे रिपोर्टिंग होती है। इसके बाद ड्यूटी स्थल पर तैनाती। लंच ब्रेक अक्सर नहीं मिल पाता या बेहद सीमित होता है। कई बार एक जगह से दूसरी जगह ड्यूटी बदलती है। गर्मियों में सबसे बड़ी चुनौती पानी पीने, टॉयलेट जाने और बैठने की होती है। "कई बार लगता है कि बस अब चक्कर आ जाएगा, लेकिन मजबूरी है, खड़ा रहना पड़ता है," एक सिपाही ने बताया कि बूथों पर पीने के लिए ठंडा पानी तो सही से मिल नहीं पाता है, ऐसे में अन्य व्यवस्था की बात करना तो दूर है। एक ट्रैफिक सिपाही ने कहना रहा कि दिन में धूप और जब थोड़ा बहुत फुर्सत मिलती है तो आराम के लिए उन्हें टीन से बना बूथ मिलता है, उसमें भी उन्हें तपना पड़ता है। आराम करने के लिए ज्यादातर बूथों पर कोई इंतजाम नहीं है। जबकि बूथों पर इसकी सुविधा होनी चाहिए।

पुलिसवालों को लेकर आम सोच पर क्या कहते हैं पुलिसकर्मी?

बहुत से लोग ट्रैफिक पुलिस को केवल चालान काटने वाला मानते हैं। इस पर खुद पुलिसकर्मी कहते हैं —"हमें चालान काटना पसंद नहीं, लेकिन नियम तोड़ने वालों को सबक सिखाना ज़रूरी है। लोग हमें दोष देते हैं, लेकिन कोई यह नहीं देखता कि हम किस हालात में काम कर रहे हैं। डीसीपी अपराध एवं मीडिया सेल प्रभारी कमलेश दीक्षित ने बताया कि -"हमारा मुख्य काम ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाना है, लेकिन जब लोग हेलमेट, सीट बेल्ट जैसे नियम नहीं मानते, तो कार्रवाई करनी ही पड़ती है।"

ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लेकर आम लोगों की राय

इंदिरा नगर निवासी अजय तिवारी व चिनहट निवासी वीजेंद्र वर्मा का कहना है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सिर्फ नियम लागू करना नहीं है, यह धैर्य, मानसिक दृढ़ता और त्याग की परीक्षा है। ऐसे में न केवल सरकार को बल्कि समाज को भी इन कर्मियों के प्रति सोच बदलनी होगी। अगर वे ठान लें कि उन्हें नियमों का पालन करना है, तो शायद एक दिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को सिर्फ चालान काटने वाला नहीं, बल्कि ‘सड़क सुरक्षा का प्रहरी’ माना जाएगा। उन्होंने कहा कि आज सड़क हादसे बढ़ते जा रहे है। जबकि यातायात नियम का पालन करने से हादसों को कम किया जा सकता है।