लखनऊ में बड़ा हादसा: डबल डेकर बस में आग लगने से 2 बच्चों सहित 5 लोग जिंदा जले

 लखनऊ। मोहनलालगंज कोतवाली क्षेत्र के किसान पथ पर आज तड़के करीब 4 - 40 बजे डबल डेकर बस में लगी भीषण आग में दो बच्चों सहित पांच लोग जिंदा जल गए। कई यात्रियों के झुलसने व चोट लगने की खबर है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से तत्काल मौके पर पहुंचने तथा बचे यात्रियों को उनके गतंव्य स्थान‌ पर भिजवाने के निर्देश दिए हैं।

बताया जा रहा है कि बिहार के सीतामढ़ी से मजदूरों व उनके परिवारों को लेकर ये डबल डेकर बस दिल्ली जा रही थी, इसमें करीब 120 यात्री शामिल थे। बस में आग लगने के समय ज्यादातर यात्री सोए हुए थे। यह भी बताया जा रहा है कि बस में आग लगते ही ड्राइवर व कंडक्टर वहां से भाग गए। बचे हुए यात्रियों ने बस की खिड़कियों के शीशे तोड़कर किसी प्रकार अपनी जान बचाई।आधा दर्जन दमकल वाहनों एवं फायरकर्मियो ने घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद बुझाई आग, तब तक बस पूरी जलकर राख हो चुकी थी। मृतकों में 2 महिलाएं व 2 बच्चे शामिल हैं।

लखनऊ डीएम विशाख अय्यर की बड़ी कार्रवाई: 19 चौराहों पर छापेमारी, 31 लोगों का किया गया रेस्क्यू

भिक्षावृत्ति में बच्चों और महिलाओं को धकेलने वालों पर सख्त कार्रवाई, कई स्थानों पर दर्ज हुई एफआईआर

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में भिक्षावृत्ति के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। डीएम विशाख जी अय्यर के नेतृत्व में शहर के 19 प्रमुख चौराहों पर एक साथ छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान 31 लोगों को रेस्क्यू किया गया और गुडंबा तथा थाना गोल्फ सिटी में एफआईआर दर्ज की गई।

प्रशासन की यह कार्रवाई खासतौर पर उन गिरोहों के खिलाफ थी, जो महिलाओं और बच्चों को भिक्षावृत्ति में झोंकने का काम कर रहे थे। डीएम ने अधिकारियों को ऐसे तत्वों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

ये प्रमुख चौराहे रहे छापेमारी के केंद्र:

चारबाग, हजरतगंज, पॉलिटेक्निक, मुंशी पुलिया, अर्जुनगंज, आलमबाग, गोमतीनगर, व अन्य प्रमुख स्थान। प्रशासन के अनुसार यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा ताकि शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाया जा सके और बच्चों को इस अपराध के दुष्चक्र से बाहर निकालकर शिक्षा और पुनर्वास की ओर अग्रसर किया जा सके।

* समाज कल्याण विभाग व बाल संरक्षण इकाइयों का सहयोग

इस अभियान में समाज कल्याण विभाग, बाल संरक्षण इकाई, और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से भाग लिया। रेस्क्यू किए गए लोगों को सरकारी शेल्टर होम और पुनर्वास केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है।

डीएम विशाख अय्यर ने स्पष्ट किया कि "बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। भिक्षावृत्ति को संगठित अपराध के रूप में देखा जा रहा है और इसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।"

दिव्यांगजनों और पिछड़े वर्गों के लिए योजनाओं में तेजी लाएगी योगी सरकार: नरेंद्र कश्यप

रिक्त पदों पर जल्द होगी नियुक्ति, पेंशन और प्रोत्साहन योजनाओं की सहायता राशि बढ़ाने पर भी विचार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठा रही है। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बुधवार को लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और कई अहम निर्देश जारी किए।

बैठक में मंत्री कश्यप ने जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट एवं डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ में रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार दिव्यांग विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवश्यक सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय से पिछले पाँच वर्षों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने को भी कहा गया।

दिव्यांग योजनाओं में सुधार और विस्तार की दिशा में निर्देश

मंत्री ने दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं — दिव्यांग पेंशन, शादी प्रोत्साहन योजना और दुकान निर्माण योजना — की समीक्षा करते हुए कहा कि इन योजनाओं की सहायता राशि बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, जनजागरूकता, और समयबद्ध लाभ वितरण पर विशेष बल दिया।

उन्होंने निर्देश दिया कि विभागीय रिक्तियों की पूर्ति हेतु भेजे गए अधियाचन पत्रों का नियमित फॉलोअप किया जाए ताकि नियुक्तियों में देरी न हो। साथ ही, कार्मिकों की दक्षता बढ़ाने के लिए नियमित विभागीय कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश भी दिए।

पिछड़ा वर्ग कल्याण पर भी रहेगा विशेष फोकस

बैठक में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए मंत्री कश्यप ने कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इससे जोड़कर उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं।

उन्होंने विभागीय निर्माण कार्यों की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि जो परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, उनका त्वरित संचालन शुरू कराया जाए। साथ ही, संस्थाओं के प्रतिनिधियों से नियमित बैठकें कर सुझाव एवं सहयोग प्राप्त करने पर भी जोर दिया।

सभी योजनाएं संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ संचालित हों

मंत्री नरेंद्र कश्यप ने अंत में अधिकारियों से कहा कि विभाग की सभी योजनाएं संवेदनशीलता, पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ लागू की जाएं ताकि दिव्यांगजन और पिछड़े वर्ग के अधिकतम पात्र लाभार्थी योजनाओं का लाभ उठा सकें।

योगी सरकार का बड़ा कदम: पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बनेंगे 12 ई-वे हब, मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं

299 करोड़ से पूर्वांचल और 126 करोड़ से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर ई-वे हब का निर्माण, यात्रियों को मिलेगी विश्वस्तरीय सेवा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' बनाने की दिशा में योगी सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर कुल 12 ई-वे हब विकसित किए जाएंगे, जो यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं प्रदान करेंगे। इन हब्स का निर्माण 425.43 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को धरातल पर उतारते हुए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। यह परियोजना प्रदेश में यात्रा अनुभव को नई ऊंचाई देने के साथ-साथ सड़क यातायात और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

ई-वे हब का ढांचा और लागत विवरण:

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 8 ई-वे हब बनेंगे, जिन पर 299.18 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 4 ई-वे हब के निर्माण में 126.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

सुल्तानपुर नोड (पूर्वांचल) पर 40.72 करोड़ और बांदा (बुंदेलखंड) में 30.82 करोड़ रुपये की लागत से ई-वे हब बनेंगे।

एयरपोर्ट जैसी होंगी यात्री सुविधाएं:

यूपीडा द्वारा तैयार कार्ययोजना के अनुसार, ये ई-वे हब वातानुकूलित परिसर, आधुनिक टॉयलेट ब्लॉक्स, सेनिटरी नैपकिन वेंडिंग यूनिट्स, सेंसर आधारित वॉशिंग सिस्टम, नर्सिंग रूम, किड्स फ्रेंडली सुविधाएं और दिव्यांगजनों के लिए विशेष संरचना से युक्त होंगे। यहां यात्रियों को यात्रा के दौरान स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का उच्चतम स्तर मिलेगा।

निर्माण और तकनीकी विकास कार्यों में भारी निवेश:

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर:

सिविल वर्क: ₹78.77 करोड़, इलेक्ट्रिकल वर्क: ₹11.90 करोड़, एचवीएसी सिस्टम: ₹69.60 लाख, मेंटेनेंस (5 वर्ष): ₹2.28 करोड़, यूपीपीसीएल कार्य: ₹7.70 करोड़।

* पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर:

सिविल वर्क: ₹169.37 करोड़, इलेक्ट्रिकल वर्क: ₹23.81 करोड़, एचवीएसी सिस्टम: ₹1.39 करोड़, मेंटेनेंस (5 वर्ष): ₹4.86 करोड़, यूपीपीसीएल कार्य: ₹49.86 करोड़।

‘उत्तम प्रदेश’ के लिए ‘उत्तम यात्रा अनुभव’

प्रदेश सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को केवल सड़कों के माध्यम से जोड़ना नहीं, बल्कि विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं के साथ एक संपूर्ण यात्रा अनुभव प्रदान करना है। ई-वे हब परियोजना, राज्य की सांस्कृतिक और औद्योगिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगी।

चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाए दुग्ध समितियों की संख्या : धर्मपाल सिंह

* पराग ब्रांड को बनाएंगे और मजबूत, मार्केटिंग के लिए पेशेवर रणनीति पर काम शुरू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दुग्ध समितियों की संख्या में चरणबद्ध रूप से वृद्धि की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अक्रियाशील समितियों को पुनः सक्रिय किया जाए और पुरानी समितियों को बंद न होने दिया जाए।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पराग ब्रांड के दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाएगा। किसानों और पशुपालकों को उन्नत तकनीकों और दुग्ध उत्पादन विधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही दुग्ध मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए गए।

श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दुग्ध समितियों का नियमित भ्रमण एवं निरीक्षण करें और व्यवस्थाओं की गुणवत्ता पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान तत्काल कर शासन को अवगत कराया जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव (दुग्ध विकास) के. रविन्द्र नायक ने आश्वासन दिया कि मंत्री द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को पराग ब्रांड की मार्केटिंग को लेकर और अधिक गंभीरता व तत्परता से कार्य करने को कहा।

बैठक में पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक वैभव श्रीवास्तव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र सहित शासन के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बरसात से पहले अधूरी परियोजनाएं करें पूरी: जयवीर सिंह

* समीक्षा बैठक में पर्यटन मंत्री का सख्त निर्देश : निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मंगलवार को गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने 2024-25 की स्वीकृत निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और निर्देश दिया कि बरसात से पहले सभी अधूरी परियोजनाएं हर हाल में पूरी की जाएं।

जयवीर सिंह ने स्पष्ट कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग या मानकों की अनदेखी पर कार्यदायी संस्था एवं ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई और वसूली की जाएगी।

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि रामलीला मैदानों की चहारदीवारी बरसात से पहले पूरी की जाए ताकि धार्मिक आयोजनों में कोई बाधा न आए। स्मारकों में लाइट एंड साउंड, फर्नीचर, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएं। निर्माण कार्यों की प्रगति का फील्ड में जाकर निरीक्षण किया जाए और फोटोग्राफी के माध्यम से दस्तावेजीकरण किया जाए। निर्माण ईकोफ्रेंडली और हरियाली युक्त हों- खाली जमीन पर वृक्षारोपण अनिवार्य। डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र, लखनऊ के अधूरे कार्य 31 अक्टूबर तक हर हाल में पूर्ण हों - 6 दिसंबर को मुख्यमंत्री इसका लोकार्पण करेंगे।

प्रमुख परियोजनाएं:

मंत्री ने चित्रकूट, गोरखपुर, मैनपुरी, अमरोहा, रायबरेली, बलिया, कन्नौज, लखनऊ, पीलीभीत सहित 38 प्रमुख परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। वित्तीय स्थिति और कार्य प्रगति के बारे में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया: अब तक 1660 परियोजनाएं 14 कार्यदायी संस्थाओं को सौंपी गई हैं। इनमें से 861 पूर्ण, 713 प्रगति पर और 193 अब भी शुरू नहीं हो सकीं। उन्होंने कहा कि 71 निरस्त परियोजनाओं की जगह नए प्रस्ताव 31 मई तक तैयार किए जाएं। सभी अधूरी परियोजनाएं 31 मई तक हर हाल में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

उपस्थित अधिकारी:

बैठक में विशेष सचिव रवीन्द्र कुमार-1, एमडी यूपीटीडीसी सान्या छाबड़ा, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्र, अपर निदेशक संस्कृति सृष्टि धवन, वित्त नियंत्रक दिलीप गुप्ता, सलाहकार जेपी सिंह, निदेशक अमित अग्निहोत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उप्र : माध्यमिक स्कूलों में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की होगी भर्ती

* तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने माध्यमिक विद्यालयों में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की संविदा पर भर्ती का निर्णय लिया है।

प्राप्त विवरण के अनुसार पहले चरण में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की संविदा पर भर्ती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया शुरू होगी। इस निर्णय के बाद कक्षा 9 से 12 तक कंप्यूटर साइंस को औपचारिक रूप से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह पहल डिजिटल इंडिया और नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप मानी जा रही है।

शासन स्तर पर इस निर्णय को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नीतिगत परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को समान रूप से तकनीकी दक्षता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

शैक्षिक विशेषज्ञों और अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे विद्यार्थियों को भविष्य की नौकरियों और तकनीकी क्षेत्र में बेहतर अवसर मिल सकेंगे।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 83वीं क्षेत्रीय परिषद बैठक संपन्न

-- योजनाओं के प्रचार-प्रसार और अधूरी परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने पर जोर

लखनऊ। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की 83वीं क्षेत्रीय परिषद की बैठक उत्तर प्रदेश सचिवालय के तिलक हॉल में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने की, जो परिषद के अध्यक्ष भी हैं।

बैठक में निगम की उत्तर प्रदेश इकाई की वर्तमान संरचना, लाभार्थियों को दी जा रही सुविधाओं और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। केसी झा, क्षेत्रीय निदेशक एवं परिषद के सदस्य सचिव ने प्रस्तुति के माध्यम से निगम की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।

-- बैठक की मुख्य बातें:

उत्तर प्रदेश के 75 में से 74 जिलों में कर्मचारी राज्य बीमा योजना पूरी तरह लागू हो चुकी है। केवल बांदा जिला अब तक योजना से बाहर है, जहां जल्द ही चिकित्सा सुविधा शुरू की जाएगी। राज्य भर में बीमितों की सुविधा के लिए 109 निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध किया गया है, साथ ही 34 डिस्पेंसरी एवं 3 ईएसआई अस्पताल भी संचालित हैं। "वॉर्ड ऑफ आईपी" योजना पर विशेष जोर दिया गया, जिसके तहत बीमित कर्मचारियों के बच्चों को ईएसआईसी के मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश की सुविधा मिलती है।

मंत्री राजभर ने सभी अस्पतालों एवं औषधालयों का नियमित निरीक्षण कराने, लंबित निर्माण कार्यों को समयसीमा में पूर्ण कराने और योजनाओं के व्यापक प्रचार की आवश्यकता पर बल दिया। उत्तर प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सोसाइटी के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाने और औषधालयों को सुविधाजनक स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए। राजभर ने यह भी आश्वासन दिया कि बांदा जिले में योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।

बैठक में राज्य मंत्री (श्रम) मनोहर लाल "मन्नू" कोरी, प्रमुख सचिव (श्रम) डॉ. एम.के. शनमुगा सुंदरम, विशेष सचिव निलेश कुमार सिंह, परिषद सदस्य डॉ. विजय सिंह चौहान, राधे कृष्ण त्रिपाठी, श्रीकांत अवस्थी, प्रणय सिन्हा, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, संजीव मिश्रा सहित ईएसआईसी के कई अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

सड़क हादसे में डीसीएम चालक व कंडक्टर की मौत

लखनऊ । यूपी की राजधानी के सरोजनी नगर थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में डीसीएम चालक और कंडक्टर की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा तड़के करीब 4 बजे दरोगा खेड़ा के पास कानपुर रोड पर हुआ, जब एक डीसीएम को तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। इसके बाद अज्ञात वाहन चालक वहां से फरार हो गया।

भीषण टक्कर के चलते डीसीएम के उड़ गए परखच्चे

बता दें कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि डीसीएम का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वाहन में सवार चालक राममोहन (निवासी भूखड़ उरदोली गांव, थाना मोहाली, जिला सीतापुर) और कंडक्टर राजू की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के वक्त दोनों डीसीएम से किसान पथ होते हुए काकोरी से मोहनलालगंज की ओर जा रहे थे।

दोनों शव डीसीएम के क्षतिग्रस्त केबिन से बाहर की ओर लटके मिले

स्थानीय लोगों की सूचना पर सरोजनी नगर पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों शव डीसीएम के क्षतिग्रस्त केबिन से बाहर की ओर लटके मिले। पुलिस ने शवों को बाहर निकलवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।पुलिस ने बताया कि घटना में शामिल अज्ञात वाहन की तलाश की जा रही है। मौके से मिले सुरागों और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि टक्कर मारने वाले वाहन का पता लगाया जा सके।

हृदयविदारक हादसे से मृतकों के परिवार में मचा कोहराम

हादसे के कारण कुछ देर तक कानपुर रोड पर यातायात बाधित रहा, जिसे पुलिस ने डीसीएम हटवाकर सामान्य कराया।इस हृदयविदारक हादसे से मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया है। पुलिस ने परिजनों को सूचित कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। ग्रामीण परिवेश से जुड़े दोनों युवक अपनी रोजी-रोटी के लिए लखनऊ में कार्यरत थे।फरार वाहन और उसके चालक की तलाश में पुलिस की टीमें लगाई गई हैं।सीसीटीवी के माध्यम की वाहन की तलाश की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी का कड़ा संदेश-मिलावटखोरी बंद करो, नहीं तो चौराहों पर लगेगी फोटो

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिलावटखोरी और नकली दवाओं के कारोबार पर सख्त रुख अपनाते हुए इसे ‘सामाजिक अपराध’ करार दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “मिलावटखोरों को बख्शा नहीं जाएगा, जरूरत पड़ी तो उनकी तस्वीरें चौराहों पर लगाई जाएंगी।” मुख्यमंत्री मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

यह जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या समझौता अक्षम्य होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि नकली दवा और मिलावटखोरी के नेटवर्क पर निर्णायक कार्रवाई की जाए और दोषियों को सार्वजनिक रूप से चिन्हित किया जाए।

दूध उत्पादों की सघन निगरानी के लिए विशेष टीमें बनाई जाएं

योगी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि दूध, पनीर, घी, मसाले, तेल जैसी दैनिक उपभोग की वस्तुओं की जांच प्राथमिक स्तर पर यानी उत्पादन स्थल पर ही की जाए। साथ ही, दूध उत्पादों की सघन निगरानी के लिए विशेष टीमें बनाई जाएं और पेशेवर रक्तदाताओं पर भी सख्त नियंत्रण हो।

लखनऊ, गोरखपुर व झांसी की प्रयोगशालाएं उच्चीकृत की गई

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। अब राज्य के 12 नए मंडलों में एफएसडीए कार्यालय और जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। लखनऊ, गोरखपुर व झांसी की प्रयोगशालाएं उच्चीकृत की गई हैं, जबकि मेरठ, लखनऊ और वाराणसी में आधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब्स शुरू हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने इनके संचालन के लिए ‘कॉर्पस फंड’ बनाने का भी सुझाव दिया।

नकली दवाओं की रोकथाम के लिए हो कार्रवाई

नकली दवाओं की रोकथाम के लिए योगी ने एफएसडीए और पुलिस विभाग के बीच बेहतर समन्वय पर ज़ोर दिया ताकि प्रवर्तन कार्रवाइयों में तेजी और प्रभावशीलता आ सके। बैठक में बताया गया कि नमूनों की जांच अब पासवर्ड-संरक्षित बारकोड सिस्टम से की जाती है जिससे पारदर्शिता और गोपनीयता बनी रहती है।आम जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ मोबाइल ऐप और टोल-फ्री नंबर 1800-180-5533 जारी किया गया है।

सीएम ने रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती के भी दिय निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी शिकायत को तभी बंद मानें जब शिकायतकर्ता संतुष्ट हो।योगी ने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 1,470 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं जिससे 3,340 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। फुटकर औषधि प्रतिष्ठानों में ही 65,000 से ज्यादा नए रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने एफएसडीए की कार्यक्षमता बढ़ाने और रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती के भी निर्देश दिए।