उप्र : माध्यमिक स्कूलों में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की होगी भर्ती

* तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने माध्यमिक विद्यालयों में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की संविदा पर भर्ती का निर्णय लिया है।

प्राप्त विवरण के अनुसार पहले चरण में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की संविदा पर भर्ती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया शुरू होगी। इस निर्णय के बाद कक्षा 9 से 12 तक कंप्यूटर साइंस को औपचारिक रूप से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह पहल डिजिटल इंडिया और नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप मानी जा रही है।

शासन स्तर पर इस निर्णय को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नीतिगत परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को समान रूप से तकनीकी दक्षता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

शैक्षिक विशेषज्ञों और अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे विद्यार्थियों को भविष्य की नौकरियों और तकनीकी क्षेत्र में बेहतर अवसर मिल सकेंगे।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 83वीं क्षेत्रीय परिषद बैठक संपन्न

-- योजनाओं के प्रचार-प्रसार और अधूरी परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने पर जोर

लखनऊ। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की 83वीं क्षेत्रीय परिषद की बैठक उत्तर प्रदेश सचिवालय के तिलक हॉल में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने की, जो परिषद के अध्यक्ष भी हैं।

बैठक में निगम की उत्तर प्रदेश इकाई की वर्तमान संरचना, लाभार्थियों को दी जा रही सुविधाओं और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। केसी झा, क्षेत्रीय निदेशक एवं परिषद के सदस्य सचिव ने प्रस्तुति के माध्यम से निगम की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।

-- बैठक की मुख्य बातें:

उत्तर प्रदेश के 75 में से 74 जिलों में कर्मचारी राज्य बीमा योजना पूरी तरह लागू हो चुकी है। केवल बांदा जिला अब तक योजना से बाहर है, जहां जल्द ही चिकित्सा सुविधा शुरू की जाएगी। राज्य भर में बीमितों की सुविधा के लिए 109 निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध किया गया है, साथ ही 34 डिस्पेंसरी एवं 3 ईएसआई अस्पताल भी संचालित हैं। "वॉर्ड ऑफ आईपी" योजना पर विशेष जोर दिया गया, जिसके तहत बीमित कर्मचारियों के बच्चों को ईएसआईसी के मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश की सुविधा मिलती है।

मंत्री राजभर ने सभी अस्पतालों एवं औषधालयों का नियमित निरीक्षण कराने, लंबित निर्माण कार्यों को समयसीमा में पूर्ण कराने और योजनाओं के व्यापक प्रचार की आवश्यकता पर बल दिया। उत्तर प्रदेश कर्मचारी राज्य बीमा सोसाइटी के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाने और औषधालयों को सुविधाजनक स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए। राजभर ने यह भी आश्वासन दिया कि बांदा जिले में योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।

बैठक में राज्य मंत्री (श्रम) मनोहर लाल "मन्नू" कोरी, प्रमुख सचिव (श्रम) डॉ. एम.के. शनमुगा सुंदरम, विशेष सचिव निलेश कुमार सिंह, परिषद सदस्य डॉ. विजय सिंह चौहान, राधे कृष्ण त्रिपाठी, श्रीकांत अवस्थी, प्रणय सिन्हा, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, संजीव मिश्रा सहित ईएसआईसी के कई अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

सड़क हादसे में डीसीएम चालक व कंडक्टर की मौत

लखनऊ । यूपी की राजधानी के सरोजनी नगर थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में डीसीएम चालक और कंडक्टर की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा तड़के करीब 4 बजे दरोगा खेड़ा के पास कानपुर रोड पर हुआ, जब एक डीसीएम को तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी। इसके बाद अज्ञात वाहन चालक वहां से फरार हो गया।

भीषण टक्कर के चलते डीसीएम के उड़ गए परखच्चे

बता दें कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि डीसीएम का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वाहन में सवार चालक राममोहन (निवासी भूखड़ उरदोली गांव, थाना मोहाली, जिला सीतापुर) और कंडक्टर राजू की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के वक्त दोनों डीसीएम से किसान पथ होते हुए काकोरी से मोहनलालगंज की ओर जा रहे थे।

दोनों शव डीसीएम के क्षतिग्रस्त केबिन से बाहर की ओर लटके मिले

स्थानीय लोगों की सूचना पर सरोजनी नगर पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों शव डीसीएम के क्षतिग्रस्त केबिन से बाहर की ओर लटके मिले। पुलिस ने शवों को बाहर निकलवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।पुलिस ने बताया कि घटना में शामिल अज्ञात वाहन की तलाश की जा रही है। मौके से मिले सुरागों और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि टक्कर मारने वाले वाहन का पता लगाया जा सके।

हृदयविदारक हादसे से मृतकों के परिवार में मचा कोहराम

हादसे के कारण कुछ देर तक कानपुर रोड पर यातायात बाधित रहा, जिसे पुलिस ने डीसीएम हटवाकर सामान्य कराया।इस हृदयविदारक हादसे से मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया है। पुलिस ने परिजनों को सूचित कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। ग्रामीण परिवेश से जुड़े दोनों युवक अपनी रोजी-रोटी के लिए लखनऊ में कार्यरत थे।फरार वाहन और उसके चालक की तलाश में पुलिस की टीमें लगाई गई हैं।सीसीटीवी के माध्यम की वाहन की तलाश की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी का कड़ा संदेश-मिलावटखोरी बंद करो, नहीं तो चौराहों पर लगेगी फोटो

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिलावटखोरी और नकली दवाओं के कारोबार पर सख्त रुख अपनाते हुए इसे ‘सामाजिक अपराध’ करार दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “मिलावटखोरों को बख्शा नहीं जाएगा, जरूरत पड़ी तो उनकी तस्वीरें चौराहों पर लगाई जाएंगी।” मुख्यमंत्री मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

यह जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या समझौता अक्षम्य होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि नकली दवा और मिलावटखोरी के नेटवर्क पर निर्णायक कार्रवाई की जाए और दोषियों को सार्वजनिक रूप से चिन्हित किया जाए।

दूध उत्पादों की सघन निगरानी के लिए विशेष टीमें बनाई जाएं

योगी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि दूध, पनीर, घी, मसाले, तेल जैसी दैनिक उपभोग की वस्तुओं की जांच प्राथमिक स्तर पर यानी उत्पादन स्थल पर ही की जाए। साथ ही, दूध उत्पादों की सघन निगरानी के लिए विशेष टीमें बनाई जाएं और पेशेवर रक्तदाताओं पर भी सख्त नियंत्रण हो।

लखनऊ, गोरखपुर व झांसी की प्रयोगशालाएं उच्चीकृत की गई

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। अब राज्य के 12 नए मंडलों में एफएसडीए कार्यालय और जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। लखनऊ, गोरखपुर व झांसी की प्रयोगशालाएं उच्चीकृत की गई हैं, जबकि मेरठ, लखनऊ और वाराणसी में आधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब्स शुरू हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने इनके संचालन के लिए ‘कॉर्पस फंड’ बनाने का भी सुझाव दिया।

नकली दवाओं की रोकथाम के लिए हो कार्रवाई

नकली दवाओं की रोकथाम के लिए योगी ने एफएसडीए और पुलिस विभाग के बीच बेहतर समन्वय पर ज़ोर दिया ताकि प्रवर्तन कार्रवाइयों में तेजी और प्रभावशीलता आ सके। बैठक में बताया गया कि नमूनों की जांच अब पासवर्ड-संरक्षित बारकोड सिस्टम से की जाती है जिससे पारदर्शिता और गोपनीयता बनी रहती है।आम जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ मोबाइल ऐप और टोल-फ्री नंबर 1800-180-5533 जारी किया गया है।

सीएम ने रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती के भी दिय निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी शिकायत को तभी बंद मानें जब शिकायतकर्ता संतुष्ट हो।योगी ने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 1,470 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं जिससे 3,340 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। फुटकर औषधि प्रतिष्ठानों में ही 65,000 से ज्यादा नए रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने एफएसडीए की कार्यक्षमता बढ़ाने और रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती के भी निर्देश दिए।

'हम छेड़ेंगे नहीं, लेकिन अगर कोई हमें छेड़ेगा तो उसे छोड़ेंगे भी नहीं', तिरंगा यात्रा में बोले मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ। 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता का जश्न मनाने के उद्देश्य से देशभर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तिरंगा यात्रा निकाल रही है। इसी कड़ी में बुधवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भाजपा की ओर से आयोजित 'भारत शौर्य तिरंगा यात्रा' का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के लिए देश की तीनों सेनाओं के बहादुर जवानों को बधाई दी। उन्होंन कहा कि इस ऑपरेशन के माध्यम से हमारे बहादुर जवानों ने दुनिया को संदेश दिया है कि हम किसी को छेड़ेंगे नहीं, लेकिन अगर कोई छेड़ेगा तो फिर उसको छोड़ेंगे भी नहीं। उन्होंने कहा कि भारत की तरफ जो अंगुली उठाएगा, उसके जनाजे में कोई रोने वाला भी नहीं मिलेगा।

पाकिस्तान को विफल राष्ट्र बताते हुए योगी ने कहा कि दुनिया ने पाकिस्तान व उसके आकाओं के बेशर्मी भरे उस चेहरे को भी देखा, जिसमें आतंकियों के जनाजे में वहां के नेता व सैन्य अधिकारी भी शामिल हुए। यह चीजें दिखाती हैं कि पाकिस्तान एक विफल राष्ट्र है और 70-75 वर्षों में उसने केवल आतंकवाद के बीज बोए हैं। पाकिस्तान ने अपनी विफलता की कहानी दुनिया को बताई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक दिन पाकिस्तान को निगल लेगा।

मुख्यमंत्री योगी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए हम राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ काम करें। जब सभी भारतवासी एकजुट होकर लगेंगे तब दुनिया की कोई भी ताकत देश के सामने टिकेगी नहीं। योगी ने कहा कि तिरंगा भारत की आन, बान और शान का प्रतीक है। तिरंगा भारत के शौर्य व पराक्रम का प्रतीक है। तिरंगा के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करने के लिए, सेना के जवानों के प्रति सर्वोच्च सम्मान देने के लिए और प्रधानमंंत्री के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए यात्रा निकाली जा रही है।तिरंगा यात्रा सीएम आवास से शुरू होकर 1090 चौराहे तक निकाली गई। यात्रा में कई स्कूलों के बच्चे भी शामिल हुए।

सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी व भ्रामक पोस्ट करने वालों पर यूपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 40 अकाउंट चिन्हित, 25 गिरफ्तार

लखनऊ । भारतीय सेना की हालिया कार्रवाई और वर्तमान संवेदनशील माहौल के मद्देनज़र सोशल मीडिया पर फैल रही राष्ट्रविरोधी व भ्रामक जानकारियों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने ऐसे मामलों पर तत्काल और सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैंडल्स किया जा रहा चिन्हित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, भारतीय सेना की छवि धूमिल करने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैंडल्स को चिन्हित कर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। आदेशों के अनुपालन में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश के पर्यवेक्षण में पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर की एक विशेष टीम को सक्रिय किया गया है।

40 अकाउंट चिन्हित, 25 गिरफ्तार, सभी हैंडल ब्लॉक की प्रक्रिया जारी

यह टीम सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर भ्रामक, झूठी और राष्ट्रविरोधी पोस्ट करने वालों की 24 घंटे निगरानी कर रही है। अब तक इस अभियान में 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, इन सभी अकाउंट्स को ब्लॉक कराने की प्रक्रिया साइबर क्राइम मुख्यालय के माध्यम से की जा रही है।

इस प्रकार के कंटेंट पर हो रही कार्रवाई

इन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भ्रामक वीडियो, राष्ट्रविरोधी पोस्ट, फर्जी आईडी के जरिए अफवाह, सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले संदेश, धार्मिक विद्वेष फैलाने वाले कमेंट और उकसाने वाले कंटेंट पोस्ट किए गए थे। इनमें कुछ अकाउंट्स ने नेताओं या सरकारी संस्थानों के नाम से फेक प्रोफाइल बनाकर भ्रम फैलाया।

चिन्हित सोशल मीडिया अकाउंट्स में शामिल

love_youzindagi_002 (Instagram), ROZAN ALI (Instagram), Sajid Ali (Facebook), Ankit Kumar (Instagram), Parvinda (Facebook), आदित्य भैया सांसद बदायूं (Facebook – फेक आईडी), sadiq999d (Instagram), Krish Yadav (Instagram), Shran Choudhary (Instagram), PRAGYA SHIVA VERMA (Instagram), sonamsingh94068 (Instagram), writerabhi_47 (Instagram), up_83_aps (Instagram), Rinki Singh (Instagram), Aamir Khan 2693 (YouTube), Guddu Baig (Facebook), Jamat Ali (Facebook), Sartaj Malik (Facebook), Mohd Riyaz (Facebook), Vicky Khan (Facebook), Q͢u͢r͢e͢s͢h͢i͢ s͢a͢a͢b͢ (Instagram),

Saddam Hassan (Facebook), Ali Ahmadidreshi (Facebook), Shanu Khan (Facebook), Jishan Quresi (Facebook), Chhota Imran Khan (Facebook), Sajjad Mo (Facebook), Pushpendra Choudhary (Facebook), Afsar Ali Ghosi (Facebook), rihanalvishab (Instagram), Shadab Khan FB (Facebook), Kamil Khan (Facebook), Moed Khan (Facebook), Akeel Khan (Facebook), ali.baba_295 (Instagram), Anish Khan (Facebook), Mohd Zaid (Instagram), Rahis Ahmad (Instagram), Sajid Khan (Facebook), हबीबुल्ला अंसारी (Facebook)

डीजीपी ने जारी की चेतावनी

डीजीपी प्रशांत कुमार ने आम नागरिकों से अपील की है कि वर्तमान संवेदनशील स्थिति को देखते हुए बिना तथ्य सत्यापित किए कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा न करें। भ्रामक या उकसाने वाली पोस्ट शेयर करना एक दंडनीय अपराध है। यदि किसी भी वीडियो, फोटो या समाचार को लेकर संदेह हो तो वह उत्तर प्रदेश पुलिस के फैक्ट चेक X (ट्विटर) अकाउंट के माध्यम से सत्यापित कराया जा सकता है।

सोशल मीडिया की लगातार हो रही मॉनिटरिंग

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सोशल मीडिया के सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म्स की 24x7 निगरानी की जा रही है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति अफवाह फैलाने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने या सेना की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसके विरुद्ध आईटी एक्ट व भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गुमशुदा पति को खोज लायी पुलिस, बुज़ुर्ग महिला की आंखों में खुशी के आंसू

लखनऊ । यूपी की राजधानी के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में एक सराहनीय मानवीय पहल करते हुए पुलिस ने एक बुज़ुर्ग महिला को उसके बिछड़े पति से मिलाकर न सिर्फ उसकी चिंता दूर की, बल्कि उसके चेहरे पर फिर से मुस्कान लौटा दी। चलने-फिरने में असमर्थ इस बुज़ुर्ग महिला का 4 मई को पति लापता हो गया था। महिला के पास न कोई संतान है और न ही कोई दूसरा सहारा।

महिला की शिकायत पर सक्रिय हुई पुलिस 

महिला की शिकायत पर ठाकुरगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक श्रीकांत राय ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत गुमशुदगी दर्ज कराई और तलाश के लिए एक विशेष टीम गठित की। क्षेत्र में लगे CCTV कैमरों की जांच, चश्मदीदों से पूछताछ और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक स्तर पर खोजबीन शुरू की गई।

काफी तलाश के बाद बुजुर्ग को पुलिस ने किया बरामद 

जानकारी के लिए बता दें कि टीम में शामिल उप निरीक्षक मारूफ आलम, बसंत लाल यादव और सिपाही तारा सिंह बघेल की मेहनत रंग लाई और आखिरकार पुलिस को बुजुर्ग व्यक्ति का सुराग मिल गया। पुलिस ने उन्हें सकुशल बरामद कर लिया और सीधे बुजुर्ग महिला के घर पहुंचकर उन्हें सौंपा। चूंकि महिला पति के चले जाने के बाद काफी परेशान थी, उसका और कोई सहारा नहीं था। पुलिस ने उसका सराहा मिलाकर सराहनीय कार्य किया। 

पति को सही-सलामत देखकर महिला की आंखें भर आईं 

पति को सही-सलामत देखकर महिला की आंखें भर आईं और उन्होंने ठाकुरगंज पुलिस की इस संवेदनशील कार्रवाई के लिए आभार जताया। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस टीम की तत्परता और संवेदनशीलता की खुले दिल से सराहना की।यह घटना न सिर्फ पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि मानवीय संवेदना के साथ किया गया हर प्रयास समाज में विश्वास और उम्मीद की किरण जगाता है। पुलिस के इस सराहनीय कदम के बारे में जो भी जाना वह सराहना करना नहीं भूला।

प्राणी उद्यानों में बर्ड फ्लू से सुरक्षा के लिए उच्चतम सतर्कता बरती जाए : योगी

मुख्यमंत्री का निर्देश: कर्मचारियों को पीपीई किट और प्रशिक्षण सुनिश्चित किया और बाड़ों की ड्यूटी रिस्क के अनुसार तय हो

लखनऊ। प्रदेश में H5 एवियन इंफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण की आशंका को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज संबंधित अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के समस्त प्राणी उद्यानों, पक्षी विहारों, नेशनल पार्कों, वेटलैंड क्षेत्रों और गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित पशु-पक्षियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइनों के अनुरूप सभी आवश्यक कदम तत्परता से उठाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि प्राणी उद्यान परिसरों को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाए और आवश्यकतानुसार ब्लो टॉर्चिंग की प्रक्रिया भी अपनाई जाए। सभी वन्य जीवों एवं पक्षियों की जांच की जाए, और उनके आहार की गहन जांच के उपरांत ही उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों को एवियन इंफ्लुएंजा से संबंधित विस्तृत जानकारी दी जाए तथा उन्हें पीपीई किट सहित आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। बाड़ों में नियुक्त कर्मचारियों की ड्यूटी इस जोखिम के स्तर को ध्यान में रखते हुए तय की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पोल्ट्री फार्मों की मानकों के अनुरूप विशेष निगरानी की जाए और पोल्ट्री उत्पादों के आवागमन पर सतत नियंत्रण रखा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि H5 एवियन इंफ्लुएंजा के मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों की भी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गहन समीक्षा की जाए ताकि संक्रमण की कोई भी कड़ी मानव समाज तक न पहुंच पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्यपालन एवं डेयरी विभाग, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) आदि से लगातार संपर्क बनाकर सुझाव लिए जाएं और आवश्यकतानुसार क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि जिला प्रशासन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के बीच समन्वय को सशक्त बनाया जाए ताकि सभी निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित हो सके।

उप्र: शारदा बैराज और चंदन चौकी को वेलनेस और वाइल्डलाइफ टूरिज्म हब बनाने की योजना

-- ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मॉडल पर करेगा विकास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी जिले में स्थित शारदा बैराज और चंदन चौकी को एक प्रमुख एकोमोडेशन और वेलनेस पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत, यहां व्यावसायिक आवासीय सुविधाएं, वेलनेस सेंटर, और अन्य टूरिज्म से जुड़ी गतिविधियां शुरू की जाएंगी, ताकि यह स्थान वाइल्डलाइफ और वेलनेस टूरिज्म का केंद्र बन सके। यह जानकारी पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने इस महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है। योजना के तहत बनने वाला आवास कम से कम थ्री स्टार श्रेणी के होटल के समकक्ष होगा, जो आगंतुकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित होगी, जहां सरकार उपलब्धता के आधार पर भूमि उपलब्ध कराएगी।

उन्होंने यह भी कहा, "हम लखीमपुर खीरी के पर्यटन क्षमता को पूरी तरह से सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शारदा बैराज को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के इस कदम से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश को वैश्विक वेलनेस टूरिज्म मानचित्र पर भी स्थापित करेगा।"

योजना का उद्देश्य:

शारदा बैराज को एक शांत और सुरम्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना, जो वाइल्डलाइफ और वेलनेस का अद्वितीय मिश्रण होगा।

देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करना।

स्थानीय संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना।

रोजगार के अवसर सृजित करना और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देना।

यह परियोजना राज्य सरकार की रणनीतिक पहल को दर्शाती है, जिसमें स्थानीय सहभागिता और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में नवाचार और वृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश: 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में EWS को नहीं मिलेगा आरक्षण

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को आरक्षण देने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि EWS को इस भर्ती में आरक्षण नहीं मिलेगा, हालांकि, उसने माना कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के समय उत्तर प्रदेश में EWS आरक्षण लागू था।

कोर्ट का फैसला:

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, "यूपी में EWS आरक्षण लागू होने के बावजूद, इस भर्ती प्रक्रिया में इसे लागू करना व्यावहारिक और न्यायसंगत नहीं होगा।" कोर्ट ने यह भी माना कि सभी 69 हजार पदों पर भर्ती हो चुकी है और चयनित उम्मीदवार वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। ऐसे में यदि EWS आरक्षण के तहत नई सूची बनाकर भर्ती की जाती, तो यह प्रक्रिया न केवल व्यावहारिक बल्कि न्यायसंगत भी नहीं होती।

न्यायिक स्थिति:

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भर्ती के बाद चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति को चुनौती नहीं दी गई। इसका मतलब है कि पहले से नियुक्त अभ्यर्थियों को हटाकर नई सूची तैयार करना उचित नहीं होगा, क्योंकि उनकी नियुक्ति पहले से ही सुनिश्चित हो चुकी है।