लखाईडीह: नशामुक्ति, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के पथ पर अग्रसर एक प्रेरणादायक गाँव
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झारखंड के सुदूर आदिवासी बहुल गाँव लखाईडीह ने प्रधान कान्हूराम टुडू के दूरदर्शी नेतृत्व में विकास की एक अनूठी गाथा लिखी है। कभी नशीले पदार्थों के गिरफ्त में जकड़ा यह गाँव आज न केवल नशामुक्त हो चुका है, बल्कि शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक समृद्धि के क्षेत्र में भी एक मिसाल बनकर उभरा है। कान्हूराम टुडू के अथक प्रयासों ने इस गाँव की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे यह अन्य समुदायों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
लखाईडीह की विकास यात्रा का केंद्रीय बिंदु गाँव के पुरुषों को नशे की लत से मुक्ति दिलाना रहा। प्रधान टुडू ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए प्रभावी रणनीतियाँ अपनाईं। इसके सकारात्मक परिणाम स्वरूप, 1322 ग्रामीणों का यह गाँव आज पूरी तरह से नशामुक्त है। इस सफलता से उत्साहित होकर, कान्हूराम टुडू ने अपने इस अभियान को पड़ोसी राज्यों पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सीमावर्ती गाँवों तक विस्तारित किया है, जहाँ उन्होंने लगभग 1238 गाँवों के लाखों आदिवासियों को नशा मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नशामुक्ति के साथ-साथ, कान्हूराम टुडू ने गाँव में शिक्षा के महत्व को भी स्थापित किया। उनके प्रयासों से गाँव में एक मध्य विद्यालय और एक सरकारी आवासीय विद्यालय सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, जहाँ पूर्वी सिंहभूम जिले के दूर-दराज के लगभग 160 छात्र-छात्राएँ शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा के प्रसार ने गाँव के बच्चों के भविष्य को नई दिशा दी है।
पर्यावरण संरक्षण लखाईडीह के विकास मॉडल का एक अभिन्न अंग है। घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा यह गाँव अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। प्रधान टुडू के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जंगल की रक्षा के लिए टोलियाँ बनाई हैं और प्लास्टिक के उपयोग को त्यागकर पारंपरिक पीतल-कांसा के बर्तन या साल-सखुआ के पत्तों से बनी वस्तुओं का उपयोग करते हैं। यह पहल पर्यावरण के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
आर्थिक रूप से भी लखाईडीह ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। कृषि को बढ़ावा देने के प्रयासों के कारण, गाँव के 74 परिवार आज धान और सब्जी की खेती से सालाना लगभग दो लाख रुपये तक की आय अर्जित कर रहे हैं। आधारभूत संरचना के विकास में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। दुर्गम पहाड़ी रास्तों के बावजूद, गाँव तक पहुँचने के लिए आरसीसी सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी और अन्य सुविधाओं तक ग्रामीणों की पहुँच सुगम हो सकेगी। इस कार्य में आईएएस अधिकारियों का सहयोग भी सराहनीय रहा है।
प्रधान कान्हूराम टुडू की उपलब्धियाँ अद्वितीय हैं। उन्होंने न केवल अपने गाँव को एक नई पहचान दी है, बल्कि एक व्यापक समुदाय को सकारात्मक बदलाव की राह दिखाई है। तकनीक का उपयोग करते हुए ऑनलाइन बैठकों और जनजागरण अभियानों के माध्यम से उन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों तक अपने संदेश को पहुँचाया है। उनके गुरु बनाव मुर्मू से मिली प्रेरणा ने उन्हें इस नेक कार्य के लिए आजीवन समर्पित कर दिया है। लखाईडीह आज विकास, प्रेरणा और सामुदायिक नेतृत्व का एक जीवंत उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि दृढ़ संकल्प और सामूहिक प्रयास से किसी भी दुर्गम लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
May 13 2025, 18:33