आतंक का हर संगठन जान चुका है हमारी बहनों, बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है-पीएम मोदी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, वैज्ञानिकों को हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन करता हूं। उनकी वीरता, साहस और पराक्रम को आज ये पराक्रम समर्पित करता हूं।

आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए सेनाओं को पूरी छूट दी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई दी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की कोशिश भी थी।

छुट्टियां मना रहे निर्दोष नागरिकों को धर्म पूछकर उनके परिवार, उनके बच्चों के सामने बेरहमी से मार डाला यह आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। यह देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से यह पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद पूरा देश, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में आतंक के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी है। आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों, बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।

आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ नाम नहीं है ये देश के कोटि कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ऑपरेशन न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात 7 मई के मध्य में पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर उनके ट्रेनिंग सेंटर पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है राष्ट्र सर्वोपरि होता है तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं। परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं। जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने एक प्रकार से ग्लोबल टेरिरिज्म की यूनिवर्सिटी रही। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे 9-11 हो या लंदन में बम हमला हो या भारत में दशकों से जो बड़े बड़े आतंकी हमले हुए हों उन सबके तार कहीं न कहीं इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं।

अमेरिका-चीन में 'सीजफायर', टैरिफ पर ट्रंप और जिनपिंग में बनी बात

#trumpjinpingceasefiretariffwar

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच दुनिया के दो और ताकतवर देशों के बीच का गतिरोध कम होता दिख रहा है। यहां बात हो रही है- अमेरिका और चीन की। दरअसल, अमेरिका और चीन में आखिरकार ‘व्यापार युद्ध’ को कम करने के लिए सहमति बन गई है। वाशिंगटन और बीजिंग दोनों ने रेसिप्रोकल टैरिफ को कम करने के लिए एक समझौते पर सहमति व्यक्त की है। दोनों देश अलगे 90 दिनों के लिए एक-दूसरे पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को 115% कम करेंगे।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने कहा है कि चीन से आने वाले ज्यादातर सामान पर टैरिफ 145% से घटाकर 30% कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था 14 मई से लागू होगी और शुरुआत में 90 दिन के लिए रहेगी। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच स्विट्जरलैंड के जेनेवा में दो दिन तक बैठक चली थी। चीन ने कहा है कि वह अमेरिकी सामान पर पहले लगाए गए 91% के अतिरिक्त टैक्स को भी हटा देगा। दोनों देशों के बीच हुई इस डील से उन उद्योगों को राहत मिलेगा जो टैरिफ की वजह से बहुत परेशान थे।

दुनियाभर के बाजारों में उछाल

अमेरिका और चीन के ट्रेड वॉर पर इस ‘सीजफायर’ से दुनिया में खुशी की लहर देखी जा सकती है। इस ऐलान के बाद हांगकांग के शेयर मार्केट इंडेक्स हेंगशेंग में 3 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में भी तेजी का रुख रहा है। भारत में भी सोमवार को शेयर बाजारों में काफी तेज गति देखी गई। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव में कमी आने, सीमा पर सीजफायर होने से जहां बाजार को ताकत मिली। वहीं चीन और अमेरिका की डील से ग्लोबल ट्रेड मार्केट पर छाए संकट के बादल छंटने से बाजार को उम्मीद मिली और उसने दमभर कर उछाल मारा। अमेरिका और चीन के बीच छिड़े ट्रेड वॉर से ग्लोबल सप्लाई चेन को लेकर एक बड़ा संकट पैदा हो गया था। इसकी वजह से दोनों देशों के बीच होने वाला करीब 600 अरब डॉलर (करीब 50,969 अरब रुपये) का ट्रेड रुक गया था।

यूएस-चीन के बीच कम हो सकता है तनाव कम

चूंकि अमेरिका ने अबतक चीन से आने वाले सामानों पर 145% का टैरिफ लगा रखा था, वो अब 90 दिनों के लिए कम होकर 30% ही रह जाएगा। वहीं चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125% का टैरिफ लगा रखा था जो कम होकर केवल 10% पर आ जाएगा। टैरिफ में यह कमी चीन की तरफ से आर्थिक तनाव को कम करने और अमेरिका के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने की कोशिश है। इस घोषणा से पता चलता है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम हो सकता है। पिछले कुछ महीनों से दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर काफी तनातनी चल रही थी।

क्या हैं किराना हिल्स, जहां पाकिस्‍तान रखता है परमाणु बम, क्या भारत ने वहां किया एयर स्ट्राइक?

#kiranahillswasnotattacked_india

भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है। भारत के सशस्त्र बल लगातार इससे जुड़े सबूत भी पेश कर रहे हैं। इस बीच भारत ने साफ कर दिया है कि उसने किसी भी परमाणु स्थल पर हमला नहीं किया है। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए एयर मार्शल एके भारती ने कहा, हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया। उन्होंने सोशल मीडिया और वैश्विक मीडिया में इस बात को लेकर लगाए जा रहे सभी अनुमानों, रिपोर्ट्स और अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है।

किराना हिल्स के बारे में बताने के लिए धन्यवाद- एके भारती

एयर ऑपरेशन के महानिदेशक, एयर मार्शल एके भारती ने सोमवार को पुष्टि की कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में किराना हिल्स में परमाणु सुविधा को निशाना नहीं बनाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए भारती ने कहा, हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं। हमें इसके बारे में पता नहीं था… हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, चाहे वहां कुछ भी हो।

किराना हिल्स पर हमले की थी चर्चा

बता दें कि सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि भारत ने पाकिस्तान के किराना हिल्स पर हमला किया है, जो सरगोधा एयर बेस के करीब है और शायद यहां "परमाणु हथियारों का भंडारण किया जाता है"। रिपोर्ट्स में लगातार दावे किए जा रहे थे कि क्या भारतीय सेना ने पाकिस्तान के "परमाणु भंडारण" स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश की है। ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया को जब भारतीय अधिकारी संबोधित कर रहे थे, उस दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या भारत ने पाकिस्तान के परमाणु भंडारण स्थल पर हमला करने की कोशिश की है।

परमाणु आपदा के खतरे को देखते हुए एक्शन में आए ट्रंप

सीएनएन से लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स तक की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शुरुआत में संघर्ष को नियंत्रण में रखने की बात कर रहा ट्रंप प्रशासन एकाएक परमाणु आपदा के खतरे को देखते हुए एक्शन में आया और लगातार बढ़ते संघर्ष को रुकवाने में बड़ी भूमिका निभाई।

आज रात आठ बजे पीएम मोदी देश को संबोधित करेंगे, भारत-पाकिस्तान तनाव पर कर सकते हैं बात

#pm_narendra_modi_address_to_nation

भारत-पाक तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी का यह पहला संबोधन होगा। पहलगाम हमले के बाद जब से पाकिस्तान के खिलाफ तनातनी की शुरुआत हुई, तब से पीएम मोदी लगातार सक्रिय हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद वह लगातार बैंठकें कर रहे थे। वह लगातार सेना प्रमुखों, सीडीएस, एनएसए से ऑपरेशन का जायजा ले रहे थे।माना जा रहा है पीएम मोदी पिछले करीब एक सप्ताह के घटनाक्रम पर देश को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ सीजफायर समझौता लागू के बाद दोनों देशों की सीमाओं पर हालात कैसे हैं? सीजफायर के बाद फिलहाल पाकिस्तान का रुख कैसा है? सैनिकों को क्या दिशानिर्देश दिए गए हैं? आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ है? ऐसे तमाम सवालों पर भारतीय सेना के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी दी। तीनों सेनाओं के सैन्य महानिदेशक स्तर के अधिकारी- लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयरमार्शल एके भारती और वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने सेना के तैयारियों की जानकारी दी। तीनों ने एक स्वर में बताया कि भारत के पास एक प्रभावी, विस्तारित वायु रक्षा तंत्र है जो सभी खतरों से निपट सकता है।

बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद 7 मई की रात भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इन ठिकानों में रहने वाले कई आतंकी भी मारे गए थे। भारत के एक्शन के बाद पाकिस्तान ने पलटवार करने की कोशिश की थी, जिसमें उसने ड्रोन हमले के साथ-साथ सीमावर्ती इलाकों में भारी फायरिंग की थी। पाकिस्तान ने भारत के आम नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था।पाकिस्तान की कायरतापूर्ण हरकत के बाद भारत ने भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। भारत ने पाकिस्तान के नूर खान, सहित कई एयरबेस पर हमला किया था।

भय बिनु होइ न प्रीति...भारतीय सेना का पाकिस्तान को सख्त संदेश

#meaningoframcharitmanasmessageto_pak

भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर भले हो गया है, लेकिन नियंत्रण रेखा पर हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच तीनों सेना के अभियान महानिदेशक यानी DGMO, DGAO, DGNO ने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच आज लगातार दूसरे दिन भारतीय सेना के महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग की।

पाकिस्तान को क्या संदेश

पहले दिन की प्रेस वार्ता में शिव तांडव स्तोत्र से आगाज के बाद आज की ब्रीफिंग की शुरुआत रामधारी सिंह दिनकर की कविता से हुई, जिसकी लाइन ‘याचना नहीं अब रण होगा’ है। दिनकर की कृष्ण की चेतावनी कविता के अंशों का इस्तेमाल कर भारतीय सेना दहशतगर्दों के पनाहगाह पड़ोसी देश पाकिस्तान को क्या संदेश देना चाह रही है? इस सवाल पर एयरमार्शल एके भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि समझदार को इशारा काफी है। एयरमार्शल भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि जब राम समुद्र तट पर उपासना और प्रार्थना कर रहे थे वहां तुलसीदास ने लिखा है-- विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीत बोले राम सकोप तब.. भय बिनु होहीं न प्रीत।

‘पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया’

इस दौरान एयर मार्शल एके भारती, एयर ऑपरेशन ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ है। इसलिए हमने 7 मई की रात उन्हें ही टारगेट किया। इसमें पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ दिया। उनकी एक्शन के बाद हमने जवाबी कार्रवाई की। जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि रविवार को हमने विस्तार से बताया था कि भारत ने किस तरह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कार्रवाई की थी। हमने स्पष्ट किया था कि हमने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को नहीं। हालांकि, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।

‘अफसोस पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा’

DG AO एके भारती ने बताया कि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर है। पाकिस्तान के सभी ड्रोन को स्वदेशी काउंटर ड्रोन सिस्टम से गिराया गया। हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ थी। इसलिए 7 मई को हमने केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया था पर अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा। इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना ली। इसके बाद हमने जवाबी कार्रवाई की, इसमें उसका जो भी नुकसान हुआ इसके लिए वो खुद इसके लिए जिम्मेदार था। हमारी एयर डिफेंस सिस्टिम दीवार की तरह खड़ी थी और इसको भेदना दुश्मन के लिए असंभव था।

‘हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर’

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की एयर डिफेंस कार्रवाई को हमें एक संदर्भ में समझने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों के कैरेक्टर में बदलाव आ रहा था, अब हमारी सेना के साथ-साथ निर्दोष लोगों पर भी हमला हो रहा था। 2024 में शिवखोड़ी मंदिर की ओर जाने वाले तीर्थयात्री और इस साल अप्रैल में पहलगाम में मासूम पर्यटक। पहलगाम तक उनका पाप का घड़ा भर चुका था... क्योंकि आतंकियों पर हमारे सटीक हमले LOC और IB को पार किए बना किए गए थे, हमें पूरा अंदेशा था कि पाकिस्तान का हमला भी सीमा पार से ही होगा, इसलिए हमने एयर डिफेंस की तैयारी की थी। जब 9-10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने हमारे एयर फील्ड और लॉजिस्टिक इंस्टॉलेशन पर हमला किया, तो वे इस मजबूत एयर डिफेंस ग्रिड के सामने विफल हुए। एके भारती ने बताया कि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर है। पाकिस्तान के सभी ड्रोन को स्वदेशी काउंटर ड्रोन सिस्टम से गिराया गया।

सीजफायर बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी को क्यों किया जा ट्रोल, समर्थन में उतरे ओवैसी-अखिलेश

#foreignsecretaryvikrammisrionline_trolling

भारत-पाकिस्‍तान तनाव के बीच भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखने वाले विदेश सचिव विक्रम मिसरी की कुछ लोग सोशल मीडिया पर आलोचना कर रहे हैं। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की आवाज बनकर सामने आए। इन तीनों अधिकारियों ने बीते दिनों लगातार प्रेस ब्रीफिंग कर सेना के पराक्रम से भरी कार्रवाई की जानकारी दुनिया को दी थी। लेकिन सीजफायर की घोषणा के बाद मिसरी लोगों के निशाने पर आ गए।

ट्रोलिंग के बाद अकाउंट किया प्रोटेक्टेड

10 मई को भारत पाकिस्‍तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद कई यूजर्स उनके पोस्‍ट्स पर ऑनलाइन एब्‍यूज कर रहे थे। यहां तक कि उनके परिवार के साथ उनकी पुरानी तस्‍वीरें शेयर हो रही थीं जिसके साथ उनकी बेटी का मोबाइल नंबर और कई तरह के कमेंट्स किए जा रहे थे। इसके बाद उन्‍होंने अपना अकाउंट सिक्‍योर कर लिया। इसका मतलब है कि केवल वेरिफाइड यूजर्स ही उनका अकाउंट देख सकते हैं, या उनके पोस्‍ट्स पर कोई कमेंट कर सकते हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने की निंदा

सीजफायर का ऐलान करने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के खिलाफ की गई ट्रोलिंग और उनकी बेटियों पर किए गए कमेंट के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने बयान में कहा कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के परिवार, खासकर उनकी बेटी के खिलाफ किए गए निंदनीय ऑनलाइन दुर्व्यवहार की राष्ट्रीय महिला आयोग कड़े शब्दों में निंदा करता है। विदेश सचिव की बेटी की व्यक्तिगत संपर्क जानकारी शेयर करना गंभीर रूप से गैर-जिम्मेदाराना काम है। यह गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन है, जो उनकी सुरक्षा को खतरे में डालता है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने बयान में आगे कहा कि जैसे देश के वरिष्ठतम सिविल सेवकों के परिवार के सदस्यों पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी अक्षम्य हैं। हम सभी से शालीनता, सभ्यता और संयमित व्यवहार का आग्रह करते हैं। आइए, हम इससे ऊपर उठें।

मिस्री के बचाव में उतारे ओवैसी-अखिलेश

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विक्रम मिसरी के पक्ष में बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘विक्रम मिस्री एक सभ्य, ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं, जो भारत की सेवा में जुटे हैं। उन्हें सरकार के फैसलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए

वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्रोलिंग की निंदा करते हुए लिखा, ऐसे बयान उन ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिराते हैं, जो देश के लिए दिन-रात काम करते हैं। सरकार का निर्णय व्यक्तिगत अधिकारियों का नहीं होता। जो असामाजिक तत्व अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

विक्रम देश के 35वें विदेश सचिव हैं

साल 2024 में विक्रम मिसरी ने देश के 35वें विदेश सचिव के रूम में कार्यभार संभाला था। इनमें पहले विनय मोहन क्वातरा विदेश सचिव के रूप में काम कर रहे थे। जनवरी 2022 से 2024 तक विक्रम मिसरी भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी NSA के डिप्टी का काम कर रहे थे। 2019 से 2021 तक वो चीन में भारतीय एम्बैसडर रहे। वो इंदर कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए प्राइवेट सेक्रेटरी रह चुके हैं। इसके अलावा वो स्पेन और म्यांमार में भी भारत के एम्बैसडर रहे हैं

युद्ध बॉलीवुड फिल्मों जैसा नहीं”, पाकिस्तान के सीथ सीजफायर के बीच ऐसा क्यों बोले पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे

#warisnotbollywoodmoviegeneralmanojmukundnaravane

पाकिस्तान और भारत के बीच सीजफायर पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बड़ा बयान दिया है। रिटायर्ड जनरल मनोज नरवणे ने उन लोगों की आलोचना की है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम पर सवाल उठा रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर लड़ाई छेड़ने की वकालत कर रहे हैं। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध कोई रोमांटिक बॉलीवुड फिल्म नहीं है।

सीजफायर पर सवाल उठा रहे लोगों को जवाब

पुणे के इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के डायमंड जुबली समारोह में उन्होंने कहा कि यह सैन्य कार्रवाई को रोकने का ऐलान किया है, सीजफायर नहीं। हमें इंतज़ार करना होगा और देखना होगा कि आने वाले दिनों और हफ़्तों में क्या होता है। जनरल नरवणे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर गलत हरकतें करने से रोकने का कड़ा संदेश दिया है। अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आता है तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

युद्ध रोमांटिक नहीं है, यह गंभीर मामला- जनरल नरवणे

जनरल नरवणे ने कहा कि पिछले हफ्ते हालात बहुत तनावपूर्ण थे। इसकी शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर से हुई। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी कैंपों और उनके ठिकानों पर हमला किया। इसके बाद चार दिनों तक ज़मीन और आसमान में ज़ोरदार लड़ाई हुई। आखिर में सैन्य कार्रवाई रोकने का ऐलान किया गया। उन्होंने कहा कि वॉर तुम्हारी बॉलीवुड फिल्म नहीं है, युद्ध रोमांटिक नहीं है, यह गंभीर मामला है। युद्ध में बच्चे अपने माता-पिता को खो देते हैं।

युद्ध का सदमा पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है- जनरल नरवणे

नरवणे ने कहा कि जिन लोगों ने लड़ाई में अपनों को खोया है, उसका सदमा अब पीढ़ी दर पीढ़ी रहेगा। एक पीटीएसडी (पोस्ट ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) नामक समस्या के चलते पीड़ित लोग 20 साल बाद भी घबराहट और चिंता का शिकार रहते हैं। ऐसे लोगों को कई बार मनोचिकित्सक की मदद लेनी पड़ती है। युद्ध या हिंसा सबसे आखिरी उपाय होना चाहिए। यही वजह है कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह दौर युद्ध का दौर नहीं है। हालांकि कुछ बेवकूफ लोगों द्वारा हमारे ऊपर लड़ाई थोपी जाएगी, लेकिन हमें इसका जश्न नहीं मनाना चाहिए।

युद्ध मेरी पहली पसंद नहीं- जनरल नरवणे

अभी भी लोग सोच रहे हैं कि बड़े पैमाने पर लड़ाई होनी चाहिए। जनरल नरवणे ने कहा कि युद्ध एक महंगा सौदा है, जिसमें लाखों डॉलर के सैन्य उपकरण बर्बाद हो जाते हैं। युद्ध के बाद फिर से सब कुछ बनाने में बहुत पैसा खर्च होता है। यह एक बड़ा आर्थिक बोझ होता है। उन्होंने यह भी कहा कि झगडे से बचने के लिए रक्षा और सेना में निवेश करना ज़रूरी है। एक सैनिक होने के नाते अगर मुझे आदेश मिलेगा तो मैं लड़ाई लड़ूंगा, लेकिन यह मेरी पहली पसंद नहीं होगी।' उन्होंने कहा कि उनकी पहली पसंद कूटनीति है, जिसमें बातचीत के जरिए मसलों को निपटाया जाता है ताकि युद्ध की जरूरत ही न पड़े।

विराट कोहली ने की टेस्ट से संन्यास की घोषणा, कहा- टेस्ट में सीखे सबक जीवनभर याद रहेंगे

#viratkohliretiresfromtest_cricket

विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। पिछले कुछ दिनों से इसको लेकर काफी चर्चा हो रही थी कि वो आगे खेलेंगे या इस फॉर्मेट को अलविदा कह देंगे। चयनकर्ताओँ द्वारा उनको इंग्लैंड दौरे को देखते हुए फैसले पर विचार करने तक की बात सामने आई थी लेकिन 12 मई 2025 को विराट कोहली ने आधिकारिक तौर पर टेस्ट को अलविदा कर दिया।उनका टेस्ट करियर 14 साल का रहा।

इंस्टाग्राम पर लिखा खास नोट

विराट कोहली ने इंस्टाग्राम पर टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास की जानकारी देते हुए लिखा कि टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू जर्सी पहने हुए 14 साल हो चुके हैं। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि ये फॉर्मेट मुझे किस सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा।

सफेद जर्सी में खेलना मेरे लिए बहुत ही खास और निजी अनुभव है। परिश्रम, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता, लेकिन यह हमेशा आपके साथ रहते हैं।

जब मैं इस फॉरमेट से दूर जा रहा हूं, तो यह आसान नहीं है, लेकिन यह फिलहाल सही लगता है। मैंने इसमें अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा दिया है।

मैं खेल के लिए, मैदान पर खेलने वाले लोगों के लिए और हर उस व्यक्ति के लिए आभारी हूं, जिसने मुझे इस सफर में आगे बढ़ाया। मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा।' उन्होंने आगे अपनी जर्सी का नंबर '269' लिखा और लिखा 'साइनिंग ऑफ'।

पिछली सीरीज में 25 से कम था औसत

विराट कोहली ने 10 मई को बीसीसीआई से कहा था कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना चाहता हूं। बीसीसीआई ने कोहली को अपने फैसले पर फिर विचार करने को कहा था। 11 मई को बोर्ड के एक अधिकारी ने उनसे बात भी की थी।

बता दें कि दिसंबर/जनवरी में ऑस्ट्रेलिया में हुई बॉर्डर- गावस्कर सीरीज में विराट का प्रदर्शन बेहतर नहीं था। उन्होंने इस सीरीज में 23.75 की औसत से रन बनाए थे। वहीं 8 में से 7 बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर आउट हुए। BGT में कोहली ने 9 पारियों में 190 रन बनाए। इनमें एक शतक शामिल था।

विराट कोहली का टेस्ट करियर

विराट कोहली ने अपने 14 साल के करियर में 123 टेस्ट खेले, जिसकी 210 पारियों में उन्होंने 9230 रन 46.85 की औसत से बनाए। मतलब विराट कोहली अपने 10000 टेस्ट रन के सपने से 770 रन दूर रहे। विराट कोहली के टेस्ट शतकों और अर्धशतकों की संख्या लगभग बराबर रही। उन्होंने टेस्ट में 30 शतक और 31 अर्धशतक लगाए हैं।

हमारे सैनिक ही नहीं इसरो की 10 आंखों भी कर रहीं थीं देश की निगरानी, पाकिस्तान से विवाद के बीच इसरो चीफ का बयान

#isrochairman10satellitessurveillanceattackon_pak

पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाया। आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान पर भारतीय सेना कहर बनकर टूटी। भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।भारत की ओर से जारी ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए सटीक हमलों में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया। भारत की इस कार्वाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया, जिसका जवाब भारतीय एयरफोर्स ने बखूबी दिया और उसके एयरबेस को नुकसान पहुंचाया। साथ ही साथ रडार सिस्टम को भी ध्वस्त कर दिया। सेना के इस एक्शन को पूरा देश सराह रहा है। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख वी नारायणन का बड़ा बयान सामने आया है।

‘आप सभी हमारे पड़ोसियों के बारे में जानते हैं’

इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक उद्देश्य से 10 सेटेलाइट चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी हमारे पड़ोसियों के बारे में जानते हैं। ऐसे में हमें देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सैटेलाइट्स की मदद लेनी पड़ती है। हम 7000 किलोमीटर का इलाका कवर कर रहे हैं। साथ ही पूरे उत्तर पूर्व पर भी लगातार निगरानी की जा रही है और बिना सैटेलाइट्स और ड्रोन की मदद ली जा रही है।

‘सैटेलाइट और ड्रोन बहुत कुछ हासिल नहीं कर सकते’

अगरतला में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा, अगर हम अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो हमें अपने उपग्रहों के माध्यम से सेवा करनी होगी। हमें अपने 7,000 किलोमीटर के समुद्री इलाकों की निगरानी करनी है। सैटेलाइट और ड्रोन तकनीक के बिना हम बहुत कुछ हासिल नहीं कर सकते।

9 आतंकी ठिकाने में 100 से दहशतगर्द ढेर

बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें सवाई नल्ला, सरजाल, मुरीदके, कोटली, कोटली गुलपुर, महमूना जोया, भीमबर और बहावलपुर शामिल हैं। इन ठिकानों में चार पाकिस्तान में और पांच पीओके में थे। प्रमुख स्थलों में बहावलपुर, जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा और मुरीदके शामिल थे। वहीं, भारत की ओर से जारी ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए सटीक हमलों में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया। जिसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर हमला कर दिया। हालांकि, से करारा जवाब दिया गया।

19 दिनों में एलओसी पर पहली बार न फायरिंग-न गोलाबारी, शांतिपूर्ण रात बीती, सेना ने दी ये जानकारी

#firsttimein19daysitwasapeaceful_night

जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में बीती रात रात काफी हद तक शांतिपूर्ण रही। भारत पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए संघर्ष विराम का असर एक दिन बाद 11 मई को देखने को मिला है। इस दौरान कोई भी नई घटना नहीं घटी है। इस बारे में भारतीय सेना की तरफ से जानकारी दी गई है। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद तनाव बढ़ने के कारण चार दिनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच हुई भीषण गोलीबारी के बाद शनिवार शाम को दोनों देशों ने संघर्ष विराम समझौते पर सहमति जताई थी।

हालात सामान्य हो रहे

भारत पाकिस्तान के बीच लगभग 18 दिन भारी तनाव देखने को मिला। 23 अप्रैल से 6 मई तक नियंत्रण रेखा से लगे कई सेक्टरों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं, जो 7 से 11 मई के बीच भारी गोलाबारी और हवाई हमलों तक बढ़ गईं थी। पुंछ के सुरनकोट में सामान्य स्थिति हो गई है, यह एक सीमावर्ती इलाका है जो हाल ही में भारी गोलाबारी और संघर्ष विराम के उल्लंघनों की मार झेलने के बाद काफी हद तक नुकसान पहुंचा था।

10 मई को सीजफायर के ऐलान के बाद अब हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर और इंटरनेशनल बॉर्डर से लगे अन्य इलाकों में बीती रात शांतिपूर्ण रही है। पिछले कई दिनों बाद ऐसा हुआ जब किसी तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है। भारतीय सेना की तरफ से ये जानकारी सामने आई है।

19 दिन बाद शांति वाली रात

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से ही पूरे इलाके में तनाव देखने को मिल रहा था। हर रोज किसी न किसी क्षेत्र में गोलीबारी या फिर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिश की जा रही थी। सेना की मानें तो पिछले करीब 19 दिन बाद इतनी शांति वाली रात निकली है। जब किसी भी तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है।