बौद्ध पर्यटन में उत्तर प्रदेश की बड़ी छलांग, 2024 में बौद्ध स्थलों पर पहुंचे 61 लाख से अधिक श्रद्धालु

थाईलैंड, जापान, श्रीलंका सहित कई देशों के भिक्षु और टूर ऑपरेटर हुए आकर्षित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन, विशेष रूप से बौद्ध परिपथ, के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू रहा है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2024 में प्रदेश के बौद्ध स्थलों पर 61,47,826 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जिनमें 3,53,461 विदेशी और 57,94,365 भारतीय पर्यटक शामिल थे।

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि बौद्ध स्थलों के विकास और प्रचार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए गए ठोस प्रयास अब परिणाम देने लगे हैं। "उत्तर प्रदेश अब वैश्विक धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है," उन्होंने कहा कि सबसे अधिक आगमन इन स्थलों पर हुआ कौशांबी – 24,74,460 श्रद्धालु, कुशीनगर- 22,42,913 श्रद्धालु, सारनाथ- 11,80,157 श्रद्धालु, श्रावस्ती – 1,27,222 श्रद्धालु, कपिलवस्तु- 79,418 श्रद्धालु, संकिसा (फर्रुखाबाद)- 43,656 श्रद्धालु, यह वृद्धि 2022 की तुलना में उल्लेखनीय है, जब केवल 48,498 विदेशी और 21,91,594 भारतीय पर्यटक इन स्थलों पर पहुँचे थे।

बौद्ध देशों को जोड़ने की रणनीति सफल

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने 2023–2025 के दौरान थाईलैंड, श्रीलंका, जापान, मलेशिया, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, भूटान और सिंगापुर जैसे बौद्ध बहुल देशों से टूर ऑपरेटरों, भिक्षुओं और मीडिया प्रतिनिधियों के लिए विशेष फैम ट्रिप्स आयोजित कीं। इन यात्राओं का उद्देश्य प्रदेश के बौद्ध स्थलों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना था, जिसमें काफी हद तक सफलता मिली। मंत्री ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर है, और विदेशी पर्यटकों की आमद भी लगातार बढ़ रही है। तथागत बुद्ध के जीवन और उपदेशों से जुड़ा अधिकांश इतिहास यहीं स्थित है, जिससे यह राज्य बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है।

* पर्यटन के साथ सांस्कृतिक समृद्धि का केंद्र

बढ़ते आंकड़े यह संकेत देते हैं कि उत्तर प्रदेश अब न केवल पर्यटन विकास का केंद्र बनता जा रहा है, बल्कि शांति, श्रद्धा और सांस्कृतिक विरासत के प्रति वैश्विक समुदाय का आकर्षण भी बन रहा है।

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सपा ने बुद्ध फुले और अंबेडकर को अपमानित करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ा : डॉ निर्मल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष एवं सदस्य विधान परिषद डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने भगवान बुद्ध की जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के इस दौर में भी बुद्ध, फुले और बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलकर ही एक विकसित समाज स्थापित किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि धर्म और जाति से हटकर हमेशा मानव कल्याण की बात करने वाले इन महापुरुषों का

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हमेशा अपमान किया है।

वैसे तो अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का इतिहास रहा है कि इन लोगों ने हमेशा समतामूलक समाज स्थापित करने वाले महापुरुषों को अपमानित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा है। डॉ निर्मल ने कहा कि अखिलेश ने तो अपने शासनकाल में इन महापुरुषों का इतिहास मिटाने की कोशिश की और भगवान बुद्ध की मां के नाम से बनाया गया जिला महामाया नगर के साथ पंचशील नगर जिले का नाम बदल दिया। महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम से बने जिले का नाम भी बदल दिया।

अखिलेश यादव संविधान की रक्षा की बात करते हैं और खुद को डॉ अंबेडकर के समकक्ष खड़ा करके बाबा साहब और उनके मानने वाले करोड़ों अनुयायियों का अपमान करने से परहेज नहीं करते। दलित और पिछड़ा समाज सपा प्रमुख के इस छद्म प्रेम को समझ चुका है अब वह उनके बहकावे में कभी नहीं आएगा।

डा निर्मल आज आंबेडकर महासभा में आयोजित बुद्ध जयंती समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद सरोज , अमरनाथ प्रजापति,डा सत्या दोहरे , जयशंकर सहाय, रचना चंद्रा , विनोद खरवार, पीसी चौधरी, रामधर राकेश और बौद्ध भिक्खू प्रज्ञासार आदि ने संबोधित किया।

आतंक के खिलाफ यूपी का ‘ऑपरेशन क्लीन’ : योगी सरकार ने आठ वर्षों में 142 स्लीपिंग मॉड्यूल किए ध्वस्त

* 230 दुर्दांत अपराधी ढेर, टेरर फंडिंग और घुसपैठ पर सर्जिकल स्ट्राइक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश अब आतंकवादियों की पनाहगाह नहीं, बल्कि उनके खात्मे का गढ़ बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रभाव है कि बीते आठ वर्षों में प्रदेश में न सिर्फ आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क को ध्वस्त किया गया, बल्कि अपराध, टेरर फंडिंग, विदेशी घुसपैठ और धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर करारा प्रहार किया गया है।

प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने सुनियोजित रणनीति के तहत आतंकवादी संगठनों से जुड़े 142 स्लीपिंग मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है, जिनमें 131 सक्रिय मॉड्यूल गोपनीय सूचनाएं भेजने व आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए, जबकि एक आतंकी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। साथ ही, टेरर फंडिंग में लिप्त 11 मॉड्यूल को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया।

-- आईएसआईएस, अल-कायदा, सिमी, पीएफआई से जुड़े रहे मॉड्यूल

गिरफ्तार किए गए स्लीपिंग मॉड्यूल्स के तार आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, सिमी, हिजबुल मुजाहिदीन, पीएफआई और नक्सल संगठनों से जुड़े पाए गए। एटीएस की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने इन आतंकी नेटवर्क्स को जड़ से खत्म करने में निर्णायक भूमिका निभाई है।

-- टेरर फंडिंग और फर्जी करेंसी पर भी शिकंजा

एटीएस ने अवैध फंडिंग नेटवर्क पर भी करारा प्रहार करते हुए ₹47.03 लाख की जाली मुद्रा जब्त की और 41 लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग आतंकी गतिविधियों के वित्त पोषण में शामिल थे।

-- विदेशी घुसपैठ पर बड़ा प्रहार: 173 रोहिंग्या-बांग्लादेशी गिरफ्तार

प्रदेश में गैरकानूनी रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों पर भी एटीएस ने सर्जिकल स्ट्राइक की। पिछले आठ वर्षों में 173 विदेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किए गए, जिन पर राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बनने का आरोप था।

-- धर्मांतरण मॉड्यूल पर भी कार्रवाई

20 से अधिक अभियुक्तों को धर्मांतरण रैकेट से जुड़ी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया। साथ ही, राम मंदिर निर्माण के दौरान धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश रचने वाले एक व्यक्ति को भी दबोचा गया।

-- साइबर फ्रॉड और फर्जी सिम गिरोह का पर्दाफाश

एटीएस ने साइबर ठगी और फर्जी पहचान पर सिम खरीदने वाले गिरोह पर भी नकेल कसी। इस दौरान चार चीनी नागरिकों समेत कुल 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो ऑनलाइन ठगी और धोखाधड़ी में लिप्त थे।

पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक इकाइयों के लिए योगी सरकार की नई पहल

-- यीडा क्षेत्र में 55 औद्योगिक भूखंडों पर लगेंगी ग्रीन इंडस्ट्रीज, ई-नीलामी प्रक्रिया जुलाई में होगी पूरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ‘एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था’ के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रही योगी सरकार अब पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी योजना लेकर आई है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को मिशन मानते हुए गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के सेक्टर 29, 32 और 33 में 55 औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की है।

यह योजना विशेष रूप से टॉय पार्क, अपैरल पार्क, फर्नीचर निर्माण, ओडीओपी, हस्तशिल्प और एमएसएमई इकाइयों को भूमि उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें 300 वर्ग मीटर से लेकर 17,020 वर्ग मीटर तक के भूखंड शामिल हैं।

-- ग्रीन इंडस्ट्रीज को प्राथमिकता

इस योजना के तहत केवल उन्हीं औद्योगिक इकाइयों को स्थान मिलेगा जो पर्यावरण के अनुकूल (नॉन-पॉल्यूटिंग) होंगी। इसमें दाल मिल, एक्स-रे मशीन निर्माण, टेलीकॉम उपकरण निर्माण जैसी इकाइयाँ भी पात्र हैं। इससे क्षेत्र में स्वच्छ व हरित औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

-- ई-नीलामी के जरिए पारदर्शी आवंटन

यीडा द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि सभी भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी के माध्यम से पूरी पारदर्शिता के साथ होगा। नीलामी में कम से कम तीन वैध बोलियां अनिवार्य होंगी, वरना प्लॉट आवंटित नहीं किया जाएगा। सिंगल बिड वाले आवेदन स्वतः निरस्त माने जाएंगे और शुल्क वापस कर दिए जाएंगे।

-- योजना से जुड़े विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध

इच्छुक निवेशक और उद्यमी यीडा की आधिकारिक वेबसाइट से विस्तृत ब्रोशर डाउनलोड कर आवेदन प्रक्रिया, पात्रता और प्लॉट विवरण की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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फेक न्यूज पर एक्शन, शाहजहांपुर से जुड़ी अफवाहों में तीन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर FIR

लखनऊ । यूपी के शाहजहांपुर जिले में आतंकी हमले की अफवाह फैलाने वाले तीन सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ यूपी पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर भ्रामक व डर फैलाने वाली पोस्ट के आधार पर कोतवाली शाहजहांपुर में तीन अलग-अलग सोशल मीडिया आईडी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं, एक फेक आईडी के जरिए बदायूं सांसद आदित्य यादव के नाम से भी अफवाह फैलाने की पुष्टि हुई है, जिस पर अलग से अभियोग दर्ज किया गया है।

फर्जी आतंकी हमले की खबर से मचा हड़कंप

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हालात में भारतीय सेना की कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। इसी क्रम में यूपी पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर को एक वीडियो प्राप्त हुई, जिसमें फायरिंग व धमाकों की आवाजें थीं और इसे जनपद शाहजहांपुर का बताकर वायरल किया जा रहा था।पुलिस जांच में सामने आया कि शाहजहांपुर में ऐसी कोई घटना घटी ही नहीं थी। तुरंत उत्तर प्रदेश पुलिस के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से इस खबर का खंडन (फैक्ट चेक) भी जारी किया गया।

तीन सोशल मीडिया अकाउंट्स के विरुद्ध केस दर्ज

डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर 11 मई 2025 को कोतवाली शाहजहांपुर में तीन सोशल मीडिया अकाउंट्स के विरुद्ध भ्रामक सूचना प्रसारित करने और शांति भंग करने की कोशिश के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। ये अकाउंट्स हैं:

Parvinda – (Facebook)

Ankit Kumar – (Instagram)

फेक फेसबुक आईडी: "आदित्य भैया सांसद बदायूं" के नाम से संचालित

फर्जी सांसद आईडी पर बदायूं में अलग मुकदमा

"आदित्य भैया सांसद बदायूं" नाम की आईडी को लेकर यह पाया गया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने सांसद आदित्य यादव के नाम से फर्जी आईडी बनाकर भ्रामक सामग्री प्रसारित की थी। इस संबंध में बदायूं के थाना सिविल लाइंस में एक अलग एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।

पुलिस की अपील-सोशल मीडिया पर न डाले आपत्तिजनक पोस्ट

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी वीडियो, फोटो या सूचना को पोस्ट करने से पहले उसकी पुष्टि अवश्य करें। ऐसे भ्रामक कंटेंट न केवल जनमानस में भय उत्पन्न करते हैं, बल्कि सेना और पुलिस के मनोबल पर भी असर डालते हैं।यूपी पुलिस के फैक्ट चेक सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से किसी भी जानकारी का सत्यापन कराया जा सकता है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ चौबीस घंटे निगरानी की जा रही है। ऐसे में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की तो कार्रवाई होना तय।

दुधवा को इको-टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में तेज कदम, विस्टाडोम ट्रेन से विद्यार्थियों का शैक्षिक भ्रमण

* वन सम्पदा को संरक्षित करते हुए दुधवा को पर्यटन गन्तव्य के रूप में विकसित किया जायेगा : जयवीर सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को इको-टूरिज्म के एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने के प्रयासों में तेजी लाई जा रही है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग की ओर से एक उच्चस्तरीय स्टेकहोल्डर बैठक आयोजित की गई, जिसमें वन विभाग, होटल व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधि, और बेंगलुरु की आईडीईसीके संस्था के विशेषज्ञ शामिल हुए।

बैठक में पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास, और पर्यटक अनुभव को बेहतर बनाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि दुधवा को सतत् पर्यटन और स्थानीय विकास का आदर्श मॉडल बनाया जाए।"

बोर्ड की टीम ने थारू जनजाति, होमस्टे संचालकों और नेचर गाइड्स से भी संवाद कर स्थानीय सहभागिता को और मजबूत किया। इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में एक नवाचारी पहल के तहत, शनिवार को नवयुग कन्या इंटर कॉलेज, लखनऊ और रविवार को डीएवी इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों को विस्टाडोम ट्रेन से दुधवा और कतर्नियाघाट का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। इस दौरान छात्रों ने वन्यजीवों, जैव विविधता, और जंगलों के संरक्षण के महत्व को नज़दीक से जाना।

विद्यार्थियों को बाघ, दलदली क्षेत्र के बारहसिंगा, गैंडा, घड़ियाल, और दुर्लभ पक्षियों की जानकारी दी गई। दुधवा का शांत प्राकृतिक सौंदर्य सभी को मंत्रमुग्ध कर गया।

इस अवसर पर पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा, वन एवं पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, और कई विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे। छात्राओं को इको-टूरिज्म में संभावित करियर विकल्पों के बारे में बताया गया और उन्हें नेचर गाइड्स से संवाद का अवसर भी मिला।

इस संवाद और शैक्षिक कार्यक्रम के माध्यम से ना केवल विद्यार्थियों में पर्यावरण जागरूकता बढ़ी, बल्कि स्थानीय समुदाय की भागीदारी से सतत् पर्यटन को भी बल मिला।

दुधवा को इको-टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में तेज कदम, विस्टाडोम ट्रेन से विद्यार्थियों का शैक्षिक भ्रमण

* वन सम्पदा को संरक्षित करते हुए दुधवा को पर्यटन गन्तव्य के रूप में विकसित किया जायेगा : जयवीर सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को इको-टूरिज्म के एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने के प्रयासों में तेजी लाई जा रही है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग की ओर से एक उच्चस्तरीय स्टेकहोल्डर बैठक आयोजित की गई, जिसमें वन विभाग, होटल व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधि, और बेंगलुरु की आईडीईसीके संस्था के विशेषज्ञ शामिल हुए।

बैठक में पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास, और पर्यटक अनुभव को बेहतर बनाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि दुधवा को सतत् पर्यटन और स्थानीय विकास का आदर्श मॉडल बनाया जाए।"

बोर्ड की टीम ने थारू जनजाति, होमस्टे संचालकों और नेचर गाइड्स से भी संवाद कर स्थानीय सहभागिता को और मजबूत किया। इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में एक नवाचारी पहल के तहत, शनिवार को नवयुग कन्या इंटर कॉलेज, लखनऊ और रविवार को डीएवी इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों को विस्टाडोम ट्रेन से दुधवा और कतर्नियाघाट का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। इस दौरान छात्रों ने वन्यजीवों, जैव विविधता, और जंगलों के संरक्षण के महत्व को नज़दीक से जाना।

विद्यार्थियों को बाघ, दलदली क्षेत्र के बारहसिंगा, गैंडा, घड़ियाल, और दुर्लभ पक्षियों की जानकारी दी गई। दुधवा का शांत प्राकृतिक सौंदर्य सभी को मंत्रमुग्ध कर गया।

इस अवसर पर पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा, वन एवं पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, और कई विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे। छात्राओं को इको-टूरिज्म में संभावित करियर विकल्पों के बारे में बताया गया और उन्हें नेचर गाइड्स से संवाद का अवसर भी मिला।

इस संवाद और शैक्षिक कार्यक्रम के माध्यम से ना केवल विद्यार्थियों में पर्यावरण जागरूकता बढ़ी, बल्कि स्थानीय समुदाय की भागीदारी से सतत् पर्यटन को भी बल मिला।

गंदगी के ढेर और कंपनी की गैरहाजिरी से बेकाबू लखनऊ, पार्षद परेशान

* चेन्नई की कंपनी 'रैमकी' के आने के बाद बिगड़ी सफाई व्यवस्था, मोहल्लों में कूड़े के ढेर, पार्षदों पर जनता का गुस्सा

लखनऊ। राजधानी में सफाई व्यवस्था एक बार फिर से पूरी तरह चरमरा गई है। चेन्नई की जिस नई निजी कंपनी 'रैमकी' को डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी दी गई, उसने कामकाज शुरू करते ही पूरे शहर को गंदगी के हवाले कर दिया है।

लाल बहादुर शास्त्री वार्ड-2 के पार्षद भूपेंद्र शर्मा ने नाराजगी जताते हुए कहा, "जब से इस कंपनी को ठेका मिला है, सफाई की पूरी व्यवस्था पटरी से उतर गई है। डोर-टू-डोर कलेक्शन लगभग बंद हो गया है।" स्थिति यह हो गई है कि शक्तिनगर, नीलगिरी, कन्वेंशन सेंटर, मीना मार्केट, ब्लॉक ऑफिस, आरईएस गोदाम, कुर्मांचल नगर, मानस विहार और पूरे सर्वोदय नगर क्षेत्र में कई दिनों से कूड़ा नहीं उठाया गया है।

पार्षदों पर फूट रहा जनता का गुस्सा

पार्षद भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि जनता रोज सुबह उनके सर्वोदय नगर स्थित कार्यालय पर भीड़ लगाकर नाराजगी जताती है। "लोग अब कूड़ा बोरियों में भरकर रात के अंधेरे में इधर-उधर फेंक रहे हैं, जिससे नालियों और सड़कों के किनारे गंदगी जमा हो रही है। उन्होंने कहा, स्थिति इस हद तक खराब है कि कई इलाकों में बदबू फैलने लगी है और बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है।

कंपनी 'हवा में', प्रशासन मौन

आश्चर्य की बात यह है कि नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से चुप है और नई कंपनी की नाकामी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पार्षदों के अनुसार, रैमकी कंपनी के पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही अनुभव, फिर भी उसे एक बड़ा जिम्मा सौंप दिया गया।

यूपी पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, 11 आईपीएस अधिकारियों के तबादले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रविवार को पुलिस विभाग में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया। सरकार ने 11 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के तबादले करते हुए नई तैनातियां की हैं। यह निर्णय प्रशासनिक कार्यकुशलता और रणनीतिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

तबादला सूची के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

तरुण गाबा, पुलिस आयुक्त प्रयागराज - बनाए गए पुलिस महानिरीक्षक, लखनऊ

जोगेंद्र कुमार - बने पुलिस आयुक्त, प्रयागराज

आशुतोष कुमार- बने अपर पुलिस आयुक्त, कानपुर

उपेंद्र अग्रवाल - बने पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी मुख्यालय

हरीश चंद्र - बनाए गए पुलिस उपमहानिरीक्षक, कानपुर

संजीव त्यागी - बने पुलिस उपमहानिरीक्षक, कारागार

प्रदीप गुप्ता - बने पुलिस उपमहानिरीक्षक, कारागार प्रशासन

हेमत कुटियाल - बने पुलिस उपमहानिरीक्षक, एसएसएफ लखनऊ

रामबदन दन सिंह - बने अपर पुलिस आयुक्त, आगरा

रमेश प्रसाद गुप्ता - बने सेनानायक, पीएसी मुरादाबाद

अमित कुमार - बनाए गए सेनानायक, 35वीं वाहिनी पीएसी, लखनऊ

यह फेरबदल कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और पुलिसिंग में दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

रक्षा मंत्री ने लखनऊ में 300 करोड़ की ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट का किया उद्घाटन

-- 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक : राजनाथ सिंह

लखनऊ। रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटिग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी’ का उद्घाटन किया, जो उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 300 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह अत्याधुनिक सुविधा आत्मनिर्भर भारत के तहत देश की रक्षा निर्माण क्षमताओं को एक नई ऊंचाई देगी।

यह इकाई अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में प्रयोग होने वाली उच्च गुणवत्ता की सामग्रियों का उत्पादन करेगी, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। यह पहल भारत को वैश्विक रक्षा निर्माण हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम है।

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने हाल ही में हुई सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारत की राजनीतिक, सामाजिक और रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर उन आतंकवादी संगठनों पर भारत की जवाबी कार्रवाई है जिन्होंने भारत माता के माथे पर हमला कर अनेक परिवारों का सिंदूर मिटा दिया था। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए अब सीमा पार की ज़मीन भी सुरक्षित नहीं रहेगी।"

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने कभी आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया, लेकिन पाकिस्तान ने भारत के असैन्य क्षेत्रों और उपासना स्थलों पर हमला किया। इसके जवाब में भारतीय सेना ने संयम और साहस का परिचय देते हुए सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमला किया।

उन्होंने यह भी कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नया भारत आतंकवाद के खिलाफ सीमा के दोनों ओर प्रभावी कार्रवाई करेगा।" कार्यक्रम में शारीरिक रूप से उपस्थित न हो पाने के लिए उन्होंने खेद जताया और कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में दिल्ली में रहना आवश्यक था, इसलिए वे ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।

* पाकिस्तानियों से पूछिए ब्रह्मोस की ताकत : योगी

उक्त अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आपने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल के पराक्रम की एक झलक देखी होगी। और अगर नहीं देखी, तो पाकिस्तान के लोगों से पूछिए ब्रह्मोस की ताकत के बारे में।” मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई सीधे युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी। "जब तक आतंकवाद को पूरी तरह से कुचल नहीं दिया जाता, इसका समाधान संभव नहीं है। हमें मिलकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस अभियान से जुड़ना होगा।"