ऑपरेशन सिंदूर’ में मारा गया रऊफ अजहर, कंधार विमान हाइजैक सरगना की मौत पर अमेरीका-इजराइल क्यों खुश
#americathankindiawipesoutabdulrauf

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने कहा था आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। 15 दिन बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के ऑपरेशन सिंदूर में लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया। जिसमें खूंखार आतंकी जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर भी शामिल था। रऊफ अजहर, जैश सरगना मसूद अजहर का छोटा भाई था और वर्तमान में जैश का सारा आतंक यही देखता था। रऊफ अजहर 1999 में हुए कंधार प्लेन हाईजैक का मास्टरमाइंड था।
रऊफ की मौत पर केवल भारत में जश्न नहीं है, बल्कि इजरायल और अमेरिका भी इस मौत से खुश है। यहां तक की अमेरिकी-इजराइली लोग भारत को बधाई देने लगे हैं। एसे में सवाल ये है कि अब्दुल रऊफ अजहर की मौत पर इजरायल और अमेरिका की खुशी की वजह क्या है?
रऊफ अजहर की मौत पर इजरायल और अमेरिका क्यों खुश?
दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर अमेरिका और इजरायल दोनों का कट्टर दुश्मन था। इसकी वजह ये है कि रऊफ अजहर कंधार विमान हाइजैकिंग के अलावा अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में भी शामिल था। 2002 में अमेरिकी-यहूदी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या कर दी गई थी। ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया, बल्कि 23 साल पुराने उस जख्म को भी न्याय दिलाया, जो दुनियाभर के लोगों के जेहन में था।
अमेरिका ने किया भारत का समर्थन
जैसे ही अब्दुल रऊफ अजहर की नौत की खबर आई अमेरिका के पूर्व राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि रहे जालमे खलीलजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के दौरान क्रूर आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर को मार गिराया है। यह वही शख्स है जिसने 2002 में यहूदी पत्रकार डेनियल पर्ल का सिर कलम कर हत्या कर दी थी। आज इंसाफ हुआ है। थैक्यू इंडिया।
लोग भारत को दे रहे बधाई
पर्ल की दोस्त और पत्रकार असरा नोमानी ने एक्स पर लिखा, मेरा दोस्त डैनी पर्ल 2001 में बहावलपुर गया था, सिर्फ नोटबुक और पेन के साथ। उसने वहां के आतंकी ठिकानों की सच्चाई उजागर की। वो कोई जोखिम लेने वाला नहीं था, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसकी जान खतरे में है। अमेरिकी कार्यकर्ता एमी मेक ने भी अजहर की मौत पर खुशी जताई। उन्होंने लिखा, भारत ने पर्ल की हत्या का बदला ले लिया। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के गढ़ को ध्वस्त किया। पश्चिमी देशों को भारत से सीखना चाहिए कि इस्लामिक आतंक से कैसे निपटा जाता है।
कौन थे डैनियल पर्ल?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डैनियल पर्ल वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार थे. जनवरी 2002 में कराची में उनका अपहरण हुआ, जब वे पाकिस्तान की सेना और आतंकियों के बीच संबंधों की जांच कर रहे थे. एक महीने बाद उनकी बर्बर हत्या का वीडियो सामने आया था, जिसके बाद पूरी दुनिया सन्न रह गई थी. पर्ल की हत्या का मास्टरमाइंड था उमर सईद शेख, जिसे 1999 में इंडियन एयरलाइंस के फ्लाइट IC-814 के अपहरण के बाद रिहा किया गया था. इस अपहरण के पीछे भी अब्दुल रऊफ अजहर का हाथ था. जिसे कंधार कांड के नाम से भी जाना जाता है.
6 hours ago