विधान सभा चुनाव की तैयारी : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी मंत्रियों और नेताओं के साथ की बैठक, कार्ययोजना पर हुई विस्तृत चर्चा

डेस्क : बिहार मे इस साल विधान सभा चुनाव होने है, जिसकी तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गए है। इसी कड़ी में बीते सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग में जदयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। वहीं दूसरे दिन मंगलवार को भाजपा मंत्रियों-नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल, मंत्री डॉ. प्रेम कुमार रेणु देवी, जनक राम आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री आवास में करीब सवा घंटे चली बैठक में आगे की कार्ययोजना पर भी बातें हुईं। साथ ही राज्य में चल रहे विकास कार्यों को गति देने और पिछले 20 वर्ष में राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने पर विशेष चर्चा हुई।

मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद राज्य में व्यापक स्तर पर विकास कार्य हुए हैं। 2005 के पहले राज्य की स्थिति काफी खराब थी। 20 सालों में बिहार में हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव हुए हैं। जनता को 2005 के पहले और आज की स्थिति के बारे में बताना है। वहीं, आगे और कौन-कौन से कार्य करने हैं, इस पर भी बैठक में मंथन हुआ। ताकि, विकसित बिहार के सपनों को धरातल पर उतारा जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की ओर से राज्य को पूरी मदद मिल रही है। प्रगति यात्रा के दौरान जिन 50 हजार करोड़ की योनजाओं की स्वीकृति हुई है, उसको तेजी से पूरा करना है।

पाक से तनाव के बीच तैयारी : पटना समेत देश के 300 जिलों में हवाई हमलों से बचने का अभ्यास आज

डेस्क : बीते अप्रैल माह में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनातनी चल रही है। बीते मंगलवार की देर रात भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित कई आतंकी ठिकानों पर हमला कर उसे ध्वस्त कर दिया है। वहीं आज बुधवार को पूरे देश में युद्ध के दौरान आपात की स्थिति बनने पर उससे बचाव के लिए मॉक ड्रिल किया जाय़ेगा। आज बुधवार को सीमा पर वायुसेना युद्धाभ्यास करेगी। वहीं, शहरों में सायरन बजेंगे और हवाई हमलों से बचाव की मॉक ड्रिल होगी।

बिहार के छह जिलों, राजधानी पटना, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज और बेगूसराय देर शाम करीब दस मिनट के ब्लैक आउट के साथ अचानक बिजली गुल होगी और फिर खतरे का एहसास कराती सायरन की आवाज सड़कों पर गूंजने लगेगी। बेगूसराय जिले में जिला मुख्यालय के अलावा बरौनी शहर में भी माक ड्रिल होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बिहार सरकार ने मंगलवार को मॉक ड्रिल की समीक्षा की।

मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी वाले सायरन संबंधी अभ्यास और हमले की स्थिति में लोगों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही बंकरों आदि की सफाई होगी। परमाणु संयंत्रों, सैन्य ठिकानों, रिफाइनरी और जलविद्युत बांधों जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों वाले नागरिक सुरक्षा जिलों को ड्रिल के लिए चुना गया है।

पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी आकाश कुमार ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए लोगों से घबराने के बजाय सहयोग करने की अपील की है।

डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बुधवार 7 मई को शाम 7:00 बजे से 7:10 तक ब्लैक आउट कर मॉक ड्रिल की जाएगी। अगर किसी के घर में आपातकाल स्थिति है तो लाइट जलाएं लेकिन खिड़की पर मोटा कपड़ा लगाएं। शाम 6 बजकर 58 मिनट में सायरन बजेगा। ये सायरन 2 मिनट बजेगा। सायरन बजने के बाद ब्लैक आउट होगा। दोबारा सायरन 7 बजकर 10 मिनट पर बजेगा।

कुल 80 जगहों पर सायरन बजेगा. सड़क पर गाड़ियो को भी इस दौरान रुककर लाइट ऑफ करना है। एम्बुलेंस को छूट है। मॉक ड्रिल को लेकर पूरी राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। फायर ब्रिगेड, पुलिस, थानों की गाड़ियां और अन्य आपातकालीन सेवाएं सायरन बजाकर लोगों को सूचित करेंगी। इमरजेंसी सेवाओं जैसे एंबुलेंस को इस ब्लैकआउट से छूट दी गई है। प्रशासन ने कहा है कि यह केवल एक रिहर्सल है और नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।

बिहार में बदल रहा मौसम का मिजाज : अप्रैल और मई माह में टूटे गर्मी और बारिश के पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड

डेस्क : बिहार में इस साल मौसम के मिजाज में गजब का बदलाव देखने को मिल रहा है। अप्रैल में बारिश और अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड टूटा तो अब 12 वर्षों बाद मई में एक दिन में 12 वर्षों के बाद मंगलवार को सबसे अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार 6 मई को पटना में 65.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इससे पहले 31 मई, 2013 को 92.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी।

बदलते मौसमी चक्र और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी युक्त हवा के संयुक्त प्रभाव के कारण बिहार में इन दिनों मेघगर्जन, वज्रपात, आंधी और बारिश हो रही है।

मौसम विभाग के पास उपलब्ध 79 वर्षों के रिकॉर्ड के अनुसार, अप्रैल में एक दिन में सबसे अधिक बारिश 11 अप्रैल 2025 को हुई थी। जबकि 19 वर्षों में सबसे ठंडा दिन 28 अप्रैल 2025 को रहा था। इस दिन पटना का अधिकतम तापमान 30 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था। मौसम विभाग के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य का मौसम सामान्य से अलग दिख रहा है। इसी कारण पिछले वर्ष जहां अप्रैल में हीट वेव चल रहे थे, वहीं इस वर्ष अप्रैल और मई में अच्छी खासी बारिश हो रही है। लेकिन यह एक स्थायी पैटर्न नहीं है, हो सकता है अगले बार पुनः हीट वेव जैसे कंडीशन बन जाए।

पूर्व वरीय कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि जहां पर ओला नहीं गिरा है और बारिश हुई है, वहां की फसलों को लाभ हुआ है। गन्ना, मक्का, मूंग, तिल के साथ ही निचले इलाकों में लगी धान की फसलों को लाभ होगा। निचले इलाके में जानकी, बकौल, सुधा वैरायटी के धान विशेष कर गंडक और बागमती के पेट में बसे निचले हिस्से में लगाए जाते हैं।

वज्रपात से 5 लोगों की मौत पर सीएम नीतीश ने जताया गहरा शोक, 4-4 लाख रुपए अनुग्रह अनुदान का किया एलान


डेस्क : बिहार मे पिछले कुछ दिनों से बेमौसम की बारिश के दौरान वज्रपात से हर दिन मौत का तांडव देखा जा रहा है। 

आसमानी बिजली आम लोगों की जिंदगी लीलने पर लगी है। पिछले 24 घंटे के दौरान ही वज्रपात से पटना जिले में 03, गया में 01 और अरवल में 01 व्यक्ति की मौत हुई है। 

इधर पांच लोगों के मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार को गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें।

युद्ध के दौरान सुरक्षा को लेकर कल पटना मे मॉक ड्रिल, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढते तनाव को लेकर पूरे देश मे अलर्ट जारी किया गया हैं। भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में जुटा है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने को कहा है।

कल 7 मई को देश भर के 244 चिह्नित जिलों में बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के आयोजन का निर्देश दिया गया है। जारी निर्देश के तहत राजधानी पटना समेत बिहार के छह जिलों में शाम 7 बजे से 10 मिनट के लिए ब्लैकआउट किया जाएगा। 

पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी आकाश कुमार ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए लोगों से घबराने के बजाय सहयोग करने की अपील की है।

डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बुधवार 7 मई को शाम 7:00 बजे से 7:10 तक ब्लैक आउट कर मॉक ड्रिल की जाएगी। अगर किसी के घर में आपातकाल स्थिति है तो लाइट जलाएं लेकिन खिड़की पर मोटा कपड़ा लगाएं। शाम 6 बजकर 58 मिनट में सायरन बजेगा। ये सायरन 2 मिनट बजेगा। सायरन बजने के बाद ब्लैक आउट होगा। दोबारा सायरन 7 बजकर 10 मिनट पर बजेगा। 

कुल 80 जगहों पर सायरन बजेगा. सड़क पर गाड़ियो को भी इस दौरान रुककर लाइट ऑफ करना है। एम्बुलेंस को छूट है। मॉक ड्रिल को लेकर पूरी राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। फायर ब्रिगेड, पुलिस, थानों की गाड़ियां और अन्य आपातकालीन सेवाएं सायरन बजाकर लोगों को सूचित करेंगी। इमरजेंसी सेवाओं जैसे एंबुलेंस को इस ब्लैकआउट से छूट दी गई है। 

प्रशासन ने कहा है कि यह केवल एक रिहर्सल है और नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। 

बिहार के पटना, पूर्णिया, कटिहार, अररिया , किशनगंज, और बेगूसराय समेत बरौनी में मॉक ड्रिल होगा।

बड़ी खबर : बिहार मे बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों का तबादला, 15 दिनों के अंदर विरमित करने का आदेश जारी

डेस्क : बिहार के पुलिस महकमे से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश मे बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया गया है।

विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने पूरे राज्य के करीब 20 हजार पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया है। सरकार की तरफ से इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है। 

जारी आदेश के अनुसार इन सभी पुलिसकर्मियों को 15 दिन के भीतर विरमित करने का आदेश जारी किया गया है।

सड़क की खुदाई से पहले सूचना नहीं देने वाले विभाग और एजेंसियों पर अब होगी कार्रवाई, इतने लाख रुपये तक लग सकता है जुर्माना



डेस्क : निर्माण के द्वारा सरकारी विभाग और निर्मान एजेंसियों द्वारा सड़क पर खुदाई कर उसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है जिससे लोगों को भारी परेशानी का समना करना पड़ता है। अब सरकार इनपर नकेल कसने जा रही है। सड़क की खुदाई से पहले सूचना नहीं देने वाले विभाग और एजेंसियों पर अब कार्रवाई होगी। इन विभाग और एजेंसियों पर नुकसान के लिए मुआवजे के साथ 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसकी सूचना दूर संचार विभाग ने संबंधित विभागों को दी है। इन्हें सोमवार को नोटिस भी जारी कर दिया गया। 

बता दें कि दूर संचार अधिनियम 2023 के खंड 42(5) के अनुसार दूरसंचार नेटवर्क को कोई नुकसान होता है तो इसके लिए संबंधित विभाग या एजेंसी को इसकी भरपाई करनी है। नुकसान से बचने के लिए दूर संचार विभाग ने सीबीयूडी (कॉल बीफोर यू डिग) एप बनाया है। राज्य सरकार के सहयोग से इस एप को बनाया गया है। इस एप पर कुल 3984 अलग-अलग विभागों और 1302 खुदाई करने वाली एजेंसियां पंजीकृत है। 

राज्य भर में एक साल में 1358 सड़क खोदी गई, इसमें 220 की रिपोर्ट सीबीयूडी एप पर नहीं दी गई। सीबीयूडी एप से खुदाई करने वाले और भूमिगत पहले से डाल चुके तार मालिकों के बीच समन्वय स्थापित करता है। इस एप पर खुदाई करने से पहले इलाका, सड़क की लंबाई, तिथि, समय आदि की जानकारी दी जाती है। एप से प्रस्तावित खुदाई गतिविधियों के लिए समन्वय करना है। इससे ऑप्टिकल फाइबर केबल, जल पाइपलाइन, विद्युत केबल, गैस पाइपलाइन आदि को नुकसान से बचाता है। 

मेट्रो रेल निगम तो अभी तक सीबीयूडी एप से पंजीकृत भी नहीं है। दूर संचार विभाग की ओर से सड़क खुदाई से संबंधित विभाग को बार-बार नोटिस दिया गया है। इसमें कहा गया कि सीबीयूडी एप से पंजीकृत हो। खुदाई के पहले इसकी जानकारी एप पर दे। एप पर जानकारी देने से संबंधित विभाग खुदाई के पहले केबल की जानकारी दे सकेंगे।

पहलगाम आतंकी घटना के बाद बिहार में रेलवे समेत सभी सार्वजनिक स्थलों की बढ़ाई गई सुरक्षा, बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को जारी किया अलर्ट


डेस्क : पहलगाम की घटना के बाद आतंकी संगठनों की हिंसक कार्रवाई की आशंका को देखते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय ने सोमवार शाम सभी जिलों को अलर्ट जारी किया है। रेलवे स्टेशन सहित सार्वजनिक व संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है। होटल-लॉज आदि की नियमित जांच कराने और सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।

एडीजी (विधि व्यवस्था) पंकज दराद ने सभी सीनियर एसपी व रेल एसपी को पत्र भेजकर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रखने को कहा है। एडीजी ने कहा है कि सांप्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील सभी स्थलों पर निगरानी रखते हुए बल तथा दण्डाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करें। पुलिस गश्त बढ़ाएं। सोशल मीडिया पर निगरानी रखें। अफवाह का डीएम-एसपी प्रेस कांफ्रेंस कर अविलंब खंडन करें। आवश्यकता पड़ने पर डीएम इंटरनेट सेवा को निलंबित कर सकते हैं। 

महाबोधि मंदिर, हनुमान मंदिर पटना जंक्शन, पटना-गया और दरभंगा एयरपोर्ट, बरौनी रिफाइनरी, एनटीपीसी बाढ़, गुरु गोविंद साहब गुरुद्वारा आदि की सुरक्षा ऑडिट करते हुए इनकी सुरक्षा बढ़ाएं।

जदयू नेताओं के साथ बैठक में सीएम ने दिए निर्देश, मजबूती से लड़े विधान सभा चुनाव

डेस्क : बिहार मे इस साल विधान सभा चुनाव होने है, जिसकी तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गए है। इसी कड़ी में बीते सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग में जदयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। 

सीएम आवास में हुई इस बैठक में वरिष्ठ नेता संजय झा, ललन सिंह, बिजेन्द्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, लेशी सिंह, अशोक चौधरी, उमेश कुशवाहा, संजय गांधी, ललन सर्राफ, खालिद अनवर आदि मौजूद थे।

बैठक में पूरी मजबूती से चुनाव लड़ने व विरोधियों के हर वार का माकूल जवाब देने की रणनीति बनी। चुनिंदा नेताओं की बैठक में पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव खूब बढ़िया से लड़ना है। लोगों को सरकार के कार्यों के बारे में समझाना है। उन्हें लोगों को जानकारी देने का टास्क सौंपा गया।

जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, तेलंगाना मॉडल अपनाने की दी सलाह


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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पहलगाम के आतंकी हमले के आक्रोश के बीच जातिगत जनगणना के फैसले पर पीएम मोदी को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने 2 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पीएम मोदी को यह पत्र लिखा है।

सभी राजनीतिक दलों से बातचीत का अनुरोध

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मैंने 16 अप्रैल, 2023 को ही आपको जाति जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिखा था, लेकिन अफ़सोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी के नेताओं और आपने कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर जाति जनगणना की मांग को उठाने का विरोध भी किया था, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है। 

खरगे के पास सरकार के लिए सुझाव

खरगे ने कहा कि आपने बिना किसी तरह की डिटेल्ज की घोषणा दी कि अगली जनगणना में जाति जनगणना को एक अलग श्रेणी के रूप में भी शामिल किया जाएगा। ये जनगणना वास्तव में 2021 में होनी थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं। जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन काफी अहम है। जाति की जानकारी को गिनती के उद्देश्य से नहीं बल्कि बड़े सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इकट्ठा किया जाना चाहिए।

तेलंगाना मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव

पीएम मोदी को उन्होंने इस काम के लिए कांग्रेस शासित तेलंगाना में अपनाए गए मॉडल का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया है। खरगे ने अपने पत्र में कहा है कि राज्यों की ओर से पारित आरक्षण को तमिलनाडु की तर्ज पर संविधान की नौंवी अनुसूची में डाला जाए, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म किया जाए और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘जातिगत जनगणना सिर्फ आंकड़े इकट्ठा करने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के बड़े मकसदों को हासिल करने के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना के सवालों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए, जिससे हर जाति के सामाजिक और आर्थिक हालात का सही आकलन हो सके और उनके संवैधानिक अधिकारों को मजबूत किया जा सके।

मल्लिकार्जुन खरगे के 3 महत्वपूर्ण सुझाव

• जनगणना से जुड़े प्रश्नावली का डिजाइन खास होना चाहिए। इसमें पूछे जाने वाले सवालों के लिए तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए।

• सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधी अधिनियमों को संविधान की नई सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इससे जनगणना के नतीजे साफ और स्पष्ट होंगे।

• कांग्रेस का मानना है कि जाति जनगणना जैसी किसी प्रक्रिया को विभाजनकारी नहीं माना जाना चाहिए। क्योंकि पिछड़ों, वंचितों और हाशिये पर खड़े लोगों को उनके अधिकार दिलाने का जरिया बनता है।