जिलाधिकारी ने की महिला कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा
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गोण्डा। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने महिला कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया कि बालहित में सभी सजग रहें, किसी भी प्रकार से बालहित प्रभावित न हो। उन्होंने बालगृह (बालिका), बालगृह (शिशु), विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण व बालगृह (शिशु) के प्रतिनिधि को निर्देशित किया कि संस्था में आवासित बच्चों को आवश्यक रूप से शिक्षा से जोड़ा जाय, जो भी बालिकाएं संस्था से पुनर्वासित हों, उनका फालोअप करते रहें।
उन्होंने निर्देश दिया कि जितने भी बच्चे संस्था में आवासित हों, उन्हे किताबें अवश्य मुहैया करायी जाय। जिलाधिकारी ने चाइल्ड हेल्पलाइन को निर्देशित किया कि बच्चों का काउसिलिंग करते रहें। श्रम प्रवर्तन अधिकारी को निर्देशित किया कि बाल श्रम रोकथाम को लेकर अनवरत अभियान चलाते रहें। इसके उपरान्त उन्होने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों की बैठक, बाल विवाह, चाइल्ड हेल्पलाइन (डी.सी.पी.यू. व रेलवे), बाल श्रम उन्मूलन की समीक्षा, राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड व सामान्य), स्पान्सरशिप (प्रवर्तकता कार्यक्रम), वन स्टाप सेंटर, हब फॉर इम्पावरमेंट आफ वूमेन, शक्ति सदन, एन.सी.पी.सी.आर. संयुक्त कार्ययोजना, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न, उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की समीक्षा की।
इस दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश चौधरी, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गौरव स्वर्णकार, सीडब्लूसी अध्यक्ष प्रेमशंकरलाल श्रीवास्तव, यात्रीकर अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येन्द्र सिंह, अनुपमा श्रीवास्तव, अखलाक अहमद, चन्द्रमोहन वर्मा, शिवेन्द्र श्रीवास्तव, मनोज कुमार, जितेन्द्र मिश्रा, राजकुमार आर्य, पंकज राव आदि मौजूद रहे।
Apr 30 2025, 18:43