जनपद में घर बैठे हो रही है गेहूं की खरीद,मोबाइल पर्चेज प्रणाली बनी किसानों के लिए वरदान

गोंडा। इस वर्ष गेहूं खरीद व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने "मोबाइल पर्चेज प्रणाली" की शुरुआत की है, जो जनपद गोंडा में सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। इस व्यवस्था के तहत अब किसानों को गेहूं बेचने के लिए क्रय केंद्र तक आने की आवश्यकता नहीं है—सरकारी एजेंसियां किसानों के घर पहुंचकर गेहूं की खरीद कर रही हैं।

जनपद गोंडा में इस नवाचार को किसानों की ओर से अत्यंत सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। अभी तक जनपद में कुल 57,132 कुंतल गेहूं की खरीद हो चुकी है, जिसमें से 60 प्रतिशत खरीद मोबाइल पर्चेज प्रणाली के माध्यम से की गई है।जिला खाद्य विपणन अधिकारी प्रज्ञा मिश्रा ने बताया कि गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी स्वयं किसानों के घर जाकर गेहूं की तौल कर रहे हैं और पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया भी वहीं पूरी की जा रही है। मोबाइल पर्चेज प्रणाली के अंतर्गत भुगतान सत्यापन-मुक्त है, और अधिकतम 48 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खाते में धनराशि स्थानांतरित कर दी जाती है।

जनपद में कुल 113 गेहूं क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, किंतु मोबाइल पर्चेज व्यवस्था के चलते किसानों की केंद्रों पर निर्भरता कम हुई है और उन्हें लंबी कतारों, परिवहन लागत एवं समय की बर्बादी से मुक्ति मिली है।

यह गेहूं खरीदी अभियान 15 जून 2025 तक संचालित किया जाएगा, जिससे शेष किसानों को भी इस सुविधा का लाभ लेने का पर्याप्त अवसर मिल सकेगा।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा, “हमारे लिए हर किसान का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। शासन की इस पहल से अब किसानों को लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है। हम उनके दरवाजे तक पहुंचकर गेहूं की खरीद कर रहे हैं, जिससे उन्हें न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि उन्हें पारदर्शिता और शीघ्र भुगतान की सुविधा भी मिल रही है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि 15 जून तक इस प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।”

जिलाधिकारी ने की महिला कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा

गोण्डा। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने महिला कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया कि बालहित में सभी सजग रहें, किसी भी प्रकार से बालहित प्रभावित न हो। उन्होंने बालगृह (बालिका), बालगृह (शिशु), विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण व बालगृह (शिशु) के प्रतिनिधि को निर्देशित किया कि संस्था में आवासित बच्चों को आवश्यक रूप से शिक्षा से जोड़ा जाय, जो भी बालिकाएं संस्था से पुनर्वासित हों, उनका फालोअप करते रहें।

उन्होंने निर्देश दिया कि जितने भी बच्चे संस्था में आवासित हों, उन्हे किताबें अवश्य मुहैया करायी जाय। जिलाधिकारी ने चाइल्ड हेल्पलाइन को निर्देशित किया कि बच्चों का काउसिलिंग करते रहें। श्रम प्रवर्तन अधिकारी को निर्देशित किया कि बाल श्रम रोकथाम को लेकर अनवरत अभियान चलाते रहें। इसके उपरान्त उन्होने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों की बैठक, बाल विवाह, चाइल्ड हेल्पलाइन (डी.सी.पी.यू. व रेलवे), बाल श्रम उन्मूलन की समीक्षा, राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड व सामान्य), स्पान्सरशिप (प्रवर्तकता कार्यक्रम), वन स्टाप सेंटर, हब फॉर इम्पावरमेंट आफ वूमेन, शक्ति सदन, एन.सी.पी.सी.आर. संयुक्त कार्ययोजना, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न, उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की समीक्षा की।

इस दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश चौधरी, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गौरव स्वर्णकार, सीडब्लूसी अध्यक्ष प्रेमशंकरलाल श्रीवास्तव, यात्रीकर अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येन्द्र सिंह, अनुपमा श्रीवास्तव, अखलाक अहमद, चन्द्रमोहन वर्मा, शिवेन्द्र श्रीवास्तव, मनोज कुमार, जितेन्द्र मिश्रा, राजकुमार आर्य, पंकज राव आदि मौजूद रहे।

शुद्ध पेयजल व्यवस्था में लापरवाही पर जिलाधिकारी का त्वरित संज्ञान, स्वास्थ्य विभाग को दिए निर्देश

गोंडा | जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था में लापरवाही की शिकायतों का जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने त्वरित संज्ञान लिया। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी, गोण्डा को निर्देशित किया कि वे स्वयं सभी स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था हो।

जिलाधिकारी ने कहा कि जहां पेयजल की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है, वहां तत्काल कार्रवाई की जाए और रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत की जाए। नेहा शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन जनसामान्य की मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर संकल्पित है और इस प्रकार की अव्यवस्था को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डीएम ने कहा कि यदि जनहित से जुड़े मामलों में कोई लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बाबू ईश्वर शरण अस्पताल:

जिलाधिकारी ने बाबू ईश्वर शरण अस्पताल प्रशासन को तीन दिन के भीतर पेयजल की व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में मरीजों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही, डीएम ने अधिकारियों को वाटर कूलर की मरम्मत शीघ्र कराने और वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।

महिला चिकित्सालय:

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि अस्पताल परिसर में पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, खराब हैंडपंपों को नगर पालिका परिषद के साथ समन्वय करके जल्द ठीक कराया जाए। जिलाधिकारी ने इस पर अविलंब कार्रवाई करने की हिदायत दी।

एक सप्ताह में पांचवीं कार्रवाई, प्रशासन की सख्ती जारी

गोंडा । जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर अवैध खनन के विरुद्ध लगातार सघन अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में बीती रात्रि खनन विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा खोड़ारे थाना क्षेत्र अन्तर्गत फरेहना (गिन्नी नगर के पास) में अवैध मिट्टी खनन के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गई।कार्रवाई का नेतृत्व खनन अधिकारी डॉ. अभय रंजन द्वारा किया गया। पुलिस लाइन से पुलिस बल के साथ डॉ. रंजन देर रात मनकापुर, मसकनवां एवं बभनान होते हुए खोड़ारे थाना पहुंचे। रात्रि लगभग 12:30 बजे थाने से लगभग पांच किलोमीटर दूर फरेहना क्षेत्र में टीम द्वारा दो वाहनों को खनन करते हुए मौके पर पकड़ा गया।

मौके से एक ट्रैक्टर-ट्राली तथा एक लोडर जब्त किया गया। साथ ही दो चालक—हकीमुल्लाह एवं दिलीप कुमार—को भी मौके पर पाया गया। खनन अधिकारी डॉ. अभय रंजन ने बताया कि जब्त वाहनों को विधिक प्रक्रिया के तहत थाने के सुपुर्द कर दिया गया है। आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि बीते एक सप्ताह के भीतर खनन विभाग द्वारा यह पांचवीं बड़ी कार्रवाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अवैध खनन के विरुद्ध जिला प्रशासन की जीरो टॉलरेंस नीति प्रभावी रूप से लागू की जा रही है। जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में ही स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जनपद में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जनपद में खनन से संबंधित समस्त गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जा रही है एवं भविष्य में भी इस प्रकार की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।

*माकपा के पूर्व जिला सचिव कॉमरेड अब्दुल गनी का निधन, वामपंथी आंदोलन के लिए अपूरणनीय क्षति*

गोंडा। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी) जिला कमेटी गोण्डा बलरामपुर के पूर्व जिला मंत्री कॉमरेड अब्दुल गनी जी (92 ) का निधन रात 2 बजे हो गया । उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सीपीआईएम के जिला कमेटी सचिव कॉमरेड कौशलेंद्र पांडेय ने बताया कि कॉमरेड अब्दुल गनी सीपीआईएम जिला कमेटी गोण्डा बलरामपुर के जिला सचिव 1997 से 2013 तक रहे। उनका जीवन गरीबों किसानों और मजदूरों कर्मचारियों के संघर्षों को आगे बढ़ाने में लगा रहा। उन्होंने सिंचाई विभाग में ट्यूबबेल ऑपरेटर की नौकरी करते हुए राज्य कर्मचारियों के हितों के लिए बहुत संघर्ष किया तथा नौकरी से रिटायर होने के बाद सीपीआईएम की सदस्यता ली और पार्टी के जिला सचिव चुने गए। कॉमरेड अब्दुल गनी के नेतृत्व में 2012 में गोंडा लखनऊ मार्ग के बीच टूटे हुए बालपुर पुल के निर्माण के लिए 48 दिन तक चले अनवरत अनशन पार्टी द्वारा किया गया जिसमें तत्कालीन प्रदेश सरकार को बाध्य होकर बालपुर पुल का निर्माण शुरू करना पड़ा।

सीपीआईएम जिला कमेटी गोण्डा बलरामपुर अपने पूर्व जिला मंत्री के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता है। जिला कमेटी सदस्यों स्वामीनाथ , केपी पांडेय , मोहर्रम अली, ए के सिंह, अमित शुक्ला , रामकृपाल, रॉबी गांगुली, रवींद्र सिंह, इस्लाम, डॉ शुकुरुल्ला, सत्यनारायण तिवारी, दीनानाथ त्रिपाठी, निजामुद्दीन खान, अहमद अली ईश्वर शरण शुक्ला आदि ने शोक जताते हुए वामपंथी आंदोलन के लिए अपूर्णीय क्षति बताया।

बाल विवाह सामाजिक कुरीति: डीएम

गोण्डा। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है। बाल विवाह बच्‍चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है जिससे उनपर हिंसा, शोषण तथा यौन शोषण का खतरा बना रहता है। बाल विवाह से लड़कियों और लड़कों दोनों पर असर डालता है। उक्त बातें जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कही। उन्होने कहा कि किसी लड़की की 18 वर्ष या लड़के की शादी 21 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह कानूनी अपराध है, जिसमें जेल व जुर्माना अथवा दोनो हो सकता है। उन्होने कहा कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह होने की संभावना अधिक होती है।

ऐसे में कहीं भी कोई भी बाल विवाह हो रहा है, तो उसकी सूचना पुलिस हेल्पलाइन-112, चाइल्ड हेल्पलाइन-1098, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर के मो0नं0-7518305491, नजदीकी थाना/पुलिस चौकी, जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय/जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय पर दी जा सकती है। जिलाधिकारी ने आमजन से अपील किया है कि वे सभी इस अभियान में सहयोग प्रदान करें। सभी के सहयोग से ही जनपद को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सकता है। उन्होने कहा कि जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशन में उनकी पूरी टीम बाल विवाह को मुक्त बनाने के लिए तैयार है। किसी भी सूचना पर तत्काल कार्यवाही की जायेगी।

डीएम ने की बेसिक शिक्षा विभाग से संबंधित टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक

गोण्डा। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक की। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम विद्यालयों को निपुण करने की प्रगति की समीक्षा की समीक्षा में उन्होंने सभी अधिकारियों को खड़े निर्देश दिए हैं कि अधिक से अधिक विद्यालयों को निपुण करें। उन्होंने विभाग के सभी 19 पैरामीटर पर समय से कार्यों का सम्पादन कराया जाय।

डीएम ने अतिरिक्त कक्ष निर्माण, मिड डे मील, विद्यालयों में विद्युतीकरण, बीआरसी की मरम्मत और ऑपरेशन कायाकल्प के 19 पैरामीटर की समीक्षा की। उन्होंने जिला और ब्लॉक टास्क फोर्स के अधिकारियों को निर्धारित निरीक्षण लक्ष्य पूरा करने की भी बात कही।जिलाधिकारी ने कहा कि निपुण भारत मिशन में प्रदर्शन के अनुसार अधिकारियों की सूची बनाई जाए, ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके। इसके अलावा, कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया गया कि विद्यालयों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए और गुणवत्ता से समझौता न किया जाए।

बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित निर्माण कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए हैं कि जितने भी विद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, उन सभी विद्यालयों की फोटोग्राफ के साथ सूची बनाकर एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि जितने भी विद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, उन सभी विद्यालयों में समय से विद्युत से संबंधित सभी कार्य पूर्ण करके विभाग को सूचित करें।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, जिला विकास अधिकारी सुशील कुमार श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक डीआरडीए चंद्रशेखर, प्राचार्य डायट, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, डीएसओ, खण्डशिक्षा अधिकारीगण सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

एग्रीजंक्शन/वन स्टॉपशॉप की स्थापना कर प्रदेश के कृषि स्नातक हो रहे हैं आत्मनिर्भर

गोंडा। किसानों के हितलाभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि में प्रशिक्षित युवाओं की सेवाओं का उपयोग करने हेतु प्रदेश में यू०पी० एग्रीजंक्शन योजना संचालित की जा रही है। इस प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वालम्बन योजना का उद्देश्य किसानों को उनके फसल उत्पादों के लिए कृषि केन्द्र (एग्रीजंक्शन) के बैनर तले समस्त सुविधायें ष्वन स्टाफ शॉपष् के माध्यम से कृषि स्नातकों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। उत्तर प्रदेश कृषि केन्द्र योजना के अन्तर्गत कृषि स्नातक युवको को लाइसेंस निर्गत करते हुए कृषि केन्द्र की स्थापना कराई जा रही है। इन केन्द्रो से एक छत के नीचे किसानों को कई सुविधाये प्रदान की जा रही हैं।

जिनमें मृदा परीक्षण सुविधा तथा उपयोग हेतु संस्तुतियां उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक, जैव उर्वरक, माइक्रोन्यूट्रियन्ट्स, वर्मी कम्पोस्ट तथा जैव कीटनाशको सहित समस्त कृषि निवेशों की आपूर्ति लघु कृषियंत्रों को किराये पर उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था, प्रसार सेवाये तथा प्रक्षेत्र निर्देशन भी किया जाता है। उक्त के अतिरिक्त कृषि केन्द्रों द्वारा कृषि उपकरणों की मरम्मत तथा अनुरक्षण पशु आहार, कृषि प्रसंस्कृति कृषि उत्पादों का विक्रय, मौसम/विपणन व अन्य सम्बन्धित सूचनाओं के लिए सूचना विज्ञापन का स्थापना कराया गया है।

राज्य सरकार द्वारा कृषि प्रशिक्षित उद्यमियों को कई सुविधायें प्रदान की जाती है। कृषि व्यवसाय गतिविधियों के लिए लाइसेन्स प्राप्त करने में सहायता तथा लाइसेन्स फीस के व्यय की प्रतिपूर्ति भी कराया जाता है। इस उदेश्य के लिए बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता तथा 04 प्रतिशत की दर से व्याज अनुदान की व्यवस्था भी की जाती है। यह अनुदान बैंक की बैंक इन्डेड सब्सिडी के रूप में रखा जाता है तथा वर्ष की समाप्ति पर ऋणी के खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है एक वर्ष तक के लिए परिसर के किराये के 50 प्रतिशत की धनराशि जो रूपया 1000/-से अधिक न हो स्वतन्त्र कृषि केन्द्र व्यवसाय की स्थापना हेतु कृषि व्यवसाइयों को प्रशिक्षण प्रदान कराना, लघु कृषि यंत्रों को अनुदानित दर पर किराये पर उपलब्ध कराने के लिए भी एग्रीजंक्शन कार्य करते है।

प्रदेश के सभी विकास खण्डों एवं तहसील मुख्यालयों पर स्थापित ष्वन स्टाफ शाप्सष् पर किसान गुणवतापूर्ण कृषि निवेश एवं कृषि प्रक्षेत्र निर्देशन प्राप्त कर रहे हैं। इसी के साथ युवा कृषि स्नातक स्वयं स्वरोजगार के लिए सक्ष्म हो रहें है। प्रदेश में हजारो एग्रीजंक्शन की स्थापना करते हुए किसानों को श्वन स्टाप शॉपश् से कृषि सम्बन्धी समस्त सुविधाये दी जा रही है साथ ही प्रदेश के बेरोजगार कृषि स्नातको को रोजगार भी मिल रहा है और वे आत्मनिर्भर हो रहे है। प्रदेश में 05 हजार से अधिक एग्रीजंक्शन की स्थापना कराई जा चुकी है।

प्रदेश के कृषक उत्पादक संगठनों के गठन, प्रोत्साहन एवं सुदृढीकरण हेतु प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 कृषक उत्पादन संगठन (एफ0पी0ओ0) नीति 2020 बनाई है। इस नीति के अन्तर्गत प्रदेश के कृषकों विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों को संगठित करके कम लागत में गुणवत्तायुक्त कृषि निवेशों की व्यवस्था व उपयुक्त नवीनतम तकनीकी को अपनाकर उच्च उत्पादन, उत्पादों के मूल्य संवर्धन एवं बेहतर मूल्य प्राप्त करने हेतु समुचित विपणन व्यवस्था कर कृषकों की आय में सत्त वृद्धि करना है। प्रदेश में अबतक लगभग 3500 एफ0पी0ओ0 का गठन किया गया है।

जनभागीदारी और OSR से बदल रही है गोंडा की तस्वीर, स्वच्छता में नई पहल

गोंडा | जनपद में स्वच्छता और सतत विकास की दिशा में इन दिनों एक व्यापक और प्रभावी अभियान जारी है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल पर शुरू किया गया “स्वच्छ गांव, समृद्ध गोंडा – निगरानी अभियान” ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता और सहभागिता को एक नई दिशा दे रहा है।

अभियान की सबसे खास बात यह है कि अब तक 51 ग्राम पंचायतों को QR कोड आधारित ई-रिक्शा सेवा से जोड़ा जा चुका है, जिसके माध्यम से ग्रामीण ग्राम पंचायत के OSR खातों में अब तक ₹21,760 का योगदान कर चुके हैं। यह नवाचार ग्राम स्तर पर वित्तीय पारदर्शिता और सहभागिता का एक नया मॉडल बनता जा रहा है।

अभियान के तहत 7 अप्रैल से प्रतिदिन सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम पंचायतों में चल रहे स्वच्छता कार्यों की लाइव निगरानी की जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी एवं विकासखंड स्तरीय टीमें भी प्रतिदिन इस प्रक्रिया में सम्मिलित हो रही हैं।

अब तक 272 ग्राम पंचायतों में नाली व झाड़ी सफाई, संस्थागत स्वच्छता, एंटी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग और ई-रिक्शा से कूड़ा संग्रहण जैसे कार्य सक्रियता से किए जा चुके हैं। साथ ही 51 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, जनसेवा केंद्र और कूड़ा प्रबंधन केंद्रों का निरीक्षण भी किया गया है।

अभियान में बेलसर, कर्नलगंज, हलधरमऊ और इटियाथोक ब्लॉकों का प्रदर्शन विशेष रूप से सराहनीय रहा है। वहीं कुछ क्षेत्रों में लापरवाही सामने आने पर संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर आवश्यक चेतावनी दी गई है।

डीएम नेहा शर्मा और सीडीओ अंकिता जैन की सघन निगरानी और कदम-दर-कदम फील्ड संवाद के चलते यह अभियान अब एक सरकारी कार्यक्रम से आगे बढ़कर जन सहयोग से संचालित स्वच्छता आंदोलन बनता जा रहा है।

*गोण्डा में बिना एचएसआरपी वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई तेज, 12 वाहन जब्त*

गोण्डा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देशन में जनपद में बिना एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) व अपंजीकृत वाहनों के विरुद्ध सघन प्रवर्तन अभियान लगातार जारी है। इसी क्रम में यात्री कर अधिकारी श्री शैलेंद्र तिवारी एवं उनकी टीम ने आज जनपद के विभिन्न स्थलों पर चेकिंग अभियान चलाया और 12 ऐसे वाहनों के विरुद्ध चालान व निरुद्ध करने की कार्रवाई की, जो बिना मानक पंजीयन प्लेट या पंजीकरण के पाए गए।

इससे पहले वर्ष 2024-25 में अब तक 489 वाहनों के विरुद्ध बिना एचएसआरपी अथवा अधोमानक पंजीयन प्लेट के कारण चालान/निरुद्ध करने की कार्यवाही की जा चुकी है। साथ ही 61 ऐसे वाहन, जो बिना पंजीयन अथवा बिना पंजीयन प्लेट के संचालित हो रहे थे, उनके विरुद्ध भी विधिक कार्रवाई की गई है।

माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा ई-रिक्शा को लेकर दिए गए विशेष निर्देशों के क्रम में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक चल रहे विशेष अभियान के तहत अब तक कुल 34 अपंजीकृत ई-रिक्शाओं के विरुद्ध प्रवर्तन कार्रवाई की गई है, जिनमें आज की कार्रवाई के 12 वाहन भी सम्मिलित हैं।

परिवहन विभाग, गोण्डा द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि फिटनेस प्रमाणन जैसे विभागीय कार्य केवल उन्हीं वाहनों का किया जा रहा है जिनमें एचएसआरपी प्लेट लगी हो, और पिछले वित्तीय वर्ष में 3895 वाहनों का फिटनेस इसी शर्त पर किया गया।

परिवहन विभाग द्वारा जनपद में मानक युक्त और पंजीकृत वाहनों की व्यवस्था को सुनिश्चित करने हेतु यह प्रवर्तन अभियान सतत रूप से जारी रहेगा। नागरिकों से अपेक्षा की गई है कि वे समय से एचएसआरपी लगवाएं और नियमों का अनुपालन कर प्रशासन को सहयोग प्रदान करें।