*एक लाख यूनिट की नहीं हुई ई-केवाईसी, रुकेगा राशन* *ई- केवाईसी न होने पर राशन कार्ड से कटेगा नाम, नहीं मिलेगा राशन*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में ई केवाईसी नहीं कराने से एक लाख यूनिट का राशन मई माह में नहीं मिलेगा। करीब आठ महीने बाद भी शत प्रतिशत कार्डधारकों की ईकेवाईसी नहीं हो पाई है। 30 अप्रैल तक शासन ने अंतिम तिथि तय की गई है। ऐसे में दो दिनों के अंदर सभी की ईकेवाईसी करना मुश्किल है। ऐसे में लोगों का नाम राशन कार्ड से कट सकता है। जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था के तहत दो नगर पालिका और पांच नगर पंचायत सहित सात नगरीय क्षेत्र व 546 ग्राम पंचायतों में दो लाख 98 हजार उपभोक्ताओं के राशन कार्ड बनाए गए हैं। इसमें 12 लाख नौ हजार 500 लोगों (यूनिट) को पांच-पांच किलो खाद्यान्न प्रति माह प्राप्त होता है। इनमें तमाम राशन कार्ड धारक ऐसे हैं, जो अपने परिवार के मृत सदस्यों तो विवाहित बेटियों तक के हिस्से का राशन ले रहे हैं। ऐसे लोगों का नाम व अपात्र लाभार्थियों का नाम राशन कार्ड से हटाने को शुरू कराए गए सत्यापन कार्य के तहत राशन कार्ड में जितने नाम हैं, सभी का ई-केवाईसी कराने का कार्य शुरू किया गया था। करीब आठ माह पहले शुरू हुए ई-केवाईसी के कार्य में 12,09500 लाभार्थियों में से करीब एक लाख से अधिक यूनिट का ई-केवाईसी नहीं हो सका है। हालांकि शासन स्तर से ई-केवाईसी कराने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया है। ऐसे में जिन्होंने ई-केवाइसी नहीं कराया है, उनके लिए महज दो दिन का समय शेष रह गया है। जिला पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि ई-केवाईसी का कार्य चल रहा है। जिनकी केवाईसी नहीं हुई है। उनकी सूची भी कोटेदारों के पास उपलब्ध है। ऐसे लोग अपने कोटे की दुकान पर पहुंचकर ई-केवाईसी करा सकते हैं।
*समय सीमा खत्म, इसके बाद भी 100 परियोजनाएं अधूरी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत चलने वाली परियोजनाएं कार्यदायी संस्था और ठेकेदारों की लापरवाही की वजह से तय समय से डेढ़ साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई हैं। इससे गर्मी में लोगों की शुद्ध पानी मिलने की आस भी टूट गई। करोड़ो रुपये खर्च होने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। हैंडपंप आदि भी लगाए गए हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में आर्सेनिक, आयरन और फ्लोराइड की मात्रा पानी में बढ़ने से लोगों को तमाम तरह की बीमारियां भी होने लगी हैं। ऐसे में लोगों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की। इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों में आबादी के हिसाब से पेयजल टंकियां स्थापित कर घर-घर पानी पहुंचाना है। पहले चरण में साल 2021 में 82 परियोजनाएं स्वीकृत हुईं। तीन चरण में अब तक 988 गांवों का चयन हुआ। कार्यदायी संस्था वेलस्पन और जी इंफ्रा की उदासीनता और ठेकेदारों की लापरवाही से परियोजनाओं की हालत ठीक नहीं है। कहीं पाइपलाइन बिछाई गई तो टंकी नहीं बनी। कहीं टंकी बनी तो पाइप नहीं पहुंच सकी। इससे 100 से अधिक परियोजनाएं पूरी नहीं हो सकी। ये परियोजनाएं जनवरी 2024 में ही पूरी होनी थीं, लेकिन करीब 15 महीने बाद भी ये अधूरी हैं। जल जीवन मिशन की परियोजनाओं की माॅनीटरिंग की जा रही है।



कार्यदायी संस्थाओं को नोटिस भी जारी किया गया है। सभी परियोजनाओं को पूर्ण करने का समय दिया गया है। डॉ शिवाकांत द्विवेदी सीडीओ
*सौ शय्या अस्पताल में 12 लाख रुपये से लगेगा सोलर पैनल*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मुख्यालय मार्ग सरपतहां स्थित सौ शय्या अस्पताल में 64 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया जाएगा। शासन से इसकी स्वीकृति मिल गई है। इसकी अनुमानित लागत करीब 10-12 लाख रुपये हैं। सौ शय्या अस्पताल में धीरे-धीरे सुविधाओं का विस्तार होने लगा है। लैब, सीटी स्कैन के संचालन के बाद यहां मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई। अस्पताल में पहले जहां 150 की ओपीडी थी। अब ओपीडी की संख्या 200 के पार पहुंच गई है। मरीज की जांच पड़ताल कर खून जांच के बाद चिकित्सक मरीज को दवा देते हैं। यहां बिजली गुल होते ही अंधेरा छा जाता है, लेकिन सोलर पैनल लगने के बाद अंधेरा नहीं होगा। 24 घंटे अस्पताल रोशन रहेगा। पैनल से एक्सरे, लैब भी संचालित होगा।सीएमएस डॉ. एसके पासवान, ने बताया कि शासन स्तर से ही कार्यदायी संस्था को पैनल लगाने के लिए निर्देशित किया गया है। 64 किलोवाट का पैनल लगेगा। संवाद
*भदोह में लाॅन्ग टर्म वीजा पर रह रहीं दो पाकिस्तानी महिलाएं*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश के बाद से ही देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों में खलबली मची है। भदोही जनपद में भी दो पाकिस्तानी महिलाएं लाॅन्ग टर्म वीजा पर रह रही हैं। हालांकि अब तक उन्हें भारतीय नागरिका नहीं मिल सकी है। पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि भदोही नगर के घमहापुर में 2009 में साजिय पत्नी जाहिद हुसैन व 1990 में खालिदा बानो पत्नी मोहम्मद इलियास खां निवासी मोहल्ला पश्चिम तरफ चकदीवानगान शादी के बाद से अपने पतियों साथ रह रही हैं। दोनों महिलाओं को भारत सरकार की ओर से लाॅग टर्म वीजा मिला है। हालांकि अभी उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। एसपी ने यह भी बताया कि दोनों काफी समय से दोनों लाॅन्ग टर्म वीजा के तहत देश में रह रही हैं। ऐसे में देश छोड़ने के आदेश के दायरे में वे नहीं शामिल हैं।
*10 हजार सीटें, 21 हजार विद्यार्थी, स्नातक में दाखिले के लिए होगी मारामारी*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। यूपी बोर्ड का रिजल्ट जारी हो चुका है। अब छात्र-छात्राओं ने स्नातक में प्रवेश के लिए तैयारी शुरू कर दी है। स्नातक, आईटीआई और पॉलिटेक्निक को मिलाकर कुल करीब 10 हजार सीटें है, जबकि इंटर में 21 हजार 611 छात्र-छात्राओं ने सफलता हासिल किया है। सीट और उत्तीर्ण छात्र अनुपात में करीब 11 हजार से अधिक का अंतर होने से एक बार फिर एडमिशन के लिए छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़नी तय है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षाफल जारी किया गया। इंटर उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राएं अब उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ाएंगे। बोर्ड परीक्षा में शामिल करीब 25 हजार परीक्षार्थियों में 21 हजार 611 उत्तीर्ण हो गए। जून से ही स्नातक में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वैसे जिले में तीन राजकीय और 25 वित्तविहीन डिग्री कॉलेज हैं। इसमें कुल साढ़े नो हजार के करीब सीटें हैं, जबकि आटीआई और पॉलिटेक्निक को मिलाकर यह संख्या करीब 10 हजार तक पहुंचती है। ज्ञानपुर, भदोही और औराई के तीनों राजकीय महाविद्यालयों में छात्र-छात्राएं प्रवेश के लिए अधिक दिलचस्पी दिखाते हैं। जिससे मेरिट वालों को तो प्रवेश मिल जाएगा, लेकिन कम अंक वाले छात्रों को प्रयागराज के जिलों में जाना पड़ेगा। तकनीकी शिक्षा के लिहाज से भी उम्मीद से कम सीटें होने से भी परेशानी बढ़ेगी। जिले में काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, केशव प्रसाद मिश्र राजकीय महिला महाविद्यालय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में ही सबसे अधिक सीटें है।

कला वर्ग में राहत, विज्ञान में होती है दिक्कत


ज्ञानपुर। जिले के सबसे प्राचीन और बड़े महाविद्यालय में शामिल काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्नातक की सबसे अधिक 1600 से सीटें है। इसमें सबसे अधिक बीए में 780, बीएससी बायो और मैथ में 320 और 340 और वाणिज्य में 250 के करीब सीटें है। यहां पर हर साल जून-जुलाई में प्रवेश शुरू हो जाता है। मेरिट से विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। विज्ञान, गणित और वाणिज्य संकाय की सीटें सबसे पहले ही भर जाती हैं जबकि कला वर्ग में कुछ हद तक राहत मिलती है।
*आठ साल बाद भी 27 ग्राम पंचायतों ने नहीं दिया डेढ़ करोड़ का ब्यौरा, नोटिस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। ग्रामीण विकास के बजट में 1.49 करोड़ के घोटाले में 27 पूर्व प्रधानों और सचिवों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऑडिट के करीब आठ साल बाद भी महत्वपूर्ण अभिलेख प्रस्तुत न करने वाले तत्कालीन ग्राम प्रधानों और सचिवों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी शुरू हो गई है। पंचायत राज विभाग ने 27 गांवों के पूर्व प्रधानों और सचिवों को अंतिम नोटिस जारी किया है। 15 दिन के अंदर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित के खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी। जिले में 546 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायतों को विकास के लिए केंद्र और राज्य से सीधे बजट मिलता है। बजट खर्च करने का अधिकार ग्राम पंचायतों के पास होता है। राज्य वित्त और 15वें वित्त के मद में मिले बजट में ग्राम प्रधान और सचिवों की मिलीभगत से घपले के कई मामले सामने आए हैं। पंचायतों की ओर से खर्च किए गए बजट की समय-समय पर ऑडिट भी होती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समिति पंचायत की ओर से जिले की सभी ग्राम पंचायतों की ऑडिट कराई गई थी। ऑडिट रिपोर्ट में मनरेगा, राज्य वित्त और 15वें वित्त के बजट में जिले की 41 ग्राम पंचायतों में दो करोड़ 49 लाख रुपये के घोटाले का जिक्र था। ग्राम पंचायतें उस समय ऑडिट टीम के सामने जरूरी अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर पाई थीं। 2023 में पंचायती राज विभाग ने संबंधित ग्राम पंचायतों को कई बार नोटिस भेजा। सख्ती पर 41 में से 14 ग्राम पंचायतों ने अभिलेख प्रस्तुत कर दिया। अब तक 27 ग्राम पंचायतों ने डेढ़ करोड़ रुपये का ब्योरा नहीं दिया है। विभाग इन ग्राम पंचायतों के तत्कालीन प्रधानों और सचिवों को अंतिम नोटिस जारी कर अभिलेख प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। तय तिथि पर जरूरी अभिलेख न मिलने पर संबंधित पूर्व प्रधान और सचिवों पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

इन गांवों में मिली थी गड़बड़ी

ज्ञानपुर। 2016-17 की ऑडिट में डीघ ब्लॉक के कलनुआं, तुलसीपट्टी, डीघ, मरसड़ा, कुलमनपुर, तुलसीकला, धनतुलसी, सुरियावां के बरमोहनी, अर्जुनपुर, भानुपुर, जमुनीपुर अठगवां, विशुनपुर, महजूदा, बहरैची, सरायछत्रशाह, औराई के डेरवां, कैयरमऊ, भदोही के नगुआं, गोविंदपुर, डुडवा धरमपुरी, पल्हैयां, महरभा, सोनहर, कुरैया, सनकडीह, ज्ञानपुर के कांवल, भिदिउरा, सिंहपुर, गिरधरपुर, धनापुर, मदनपुर, होलपुर, जखांव, अभोली के बौरीबोझ, करकनपुर, बवईं, नीबी, आनंदडीह, बीरापुर और कुढ़वा में गड़बड़ी मिली थीं।


बोले अधिकारी

वित्तीय वर्ष 2016-17 में ग्राम पंचायतों में खर्च किए गए बजट की ऑडिट कराई गई थी। रिपोर्ट में 41 ग्राम पंचायतों में करीब ढाई करोड़ की गड़बड़ी सामने आई थी। रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन ग्राम प्रधानों और सचिवों को कई बार नोटिस भेजा गया। 14 ग्राम पंचायतों ने अभिलेख प्रस्तुत कर दिया। अभी तक डेढ़ करोड़ रुपये का ब्योरा नहीं मिला है। 27 ग्राम पंचायतों को 15 दिन का समय दिया गया है। उक्त समय पर न प्रस्तुत करने पर संबंधित पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। - संजय मिश्रा, जिला पंचायत राज अधिकारी।
*बंगाल में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन:कलेक्ट्रेट पर हिंदू संगठनों ने सौंपा ज्ञापन, राष्ट्रपति शासन की मांग*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर हिंदू धार्मिक व सार्वजनिक स्थल सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, लूट और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। कई हिंदू कार्यकर्ता लापता हैं, जिनका कोई पता नहीं चल रहा है।प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्थिति इतनी भयावह है कि हिंदू परिवार वहां से पलायन कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन में सत्य प्रकाश, आनंद केसरी, कमलेश यादव, रंजीत गुप्ता, दुर्गेश सिंह, सर्वेश कुमार, संदीप कुमार, शिवकुमार यादव, धर्मराज गुप्ता और अनिल गिरी सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
*एक साल से सिर्फ पत्राचार, नहीं हटे खंभे, 12 सड़कों का निर्माण रुका* *खंभे हटाने के लिए बिजली निगम को पत्र दिया गया लेकिन नहीं हुई कोई कार्रवाई*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में 112 करोड़ की 12 सड़कों का निर्माण बिजली निगम के खंभों कारण पूरा नहीं हो पा रहा है। इन खंभों से सड़क निर्माण में बाधा आ रही है। इसमें लोक निर्माण की एक और पीएमजीएसवाई की 11 सड़कें शामिल हैं। लगभग एक साल से पत्राचार चल रहा है लेकिन अभी तक खंभे नहीं हटे और सड़क का निर्माण अधूरा है। जिले में ढाई हजार किमी सड़कों का जाल फैला है। लोक निर्माण, पीएमजीएसवाई, जिला पंचायत और मंडी समिति उनकी निगरानी करती हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में शासन ने लोक निर्माण विभाग की आठ से 10 सड़कें स्वीकृत की हैं। इसमें गोपीगंज-चील्ह, ज्ञानपुर-भदोही, सुरियावां- पाली समेत अन्य मार्ग शामिल है। सभी सड़कों को चौड़ा किया जाना है। इसी तरह 2023 में पीएमजीएसवाई में 87 करोड़ की 11 सड़कें स्वीकृत की गईं। कागजी प्रक्रिया पूर्ण करने पर करीब एक साल बाद पीएमजीएसवाई की सड़कें बननी शुरू हुई, लेकिन सड़कों के किनारे लगे खंभे न हटने से कार्य प्रभावित होने लगा है। लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) की ओर से 2024 के फरवरी- मार्च में सड़कों के बीच में पढ़ने वाले खंभों को हटाने के लिए बिजली निगम को पत्र दिया गया था लेकिन खंभों को हटाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे सड़कों को निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है। इसी तरह करीब 25 करोड़ की लागत से बनने वाली ज्ञानपुर से होकर नथईपुर से अकोढ़ा मार्ग भी कई स्थानों पर अधूरी ही रह गई है। यह सड़क 2024 में ही पूरी होनी थी, लेकिन अब तक अधूरी ही है। पिछले दिनों कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। एक्सईएन प्रज्ञा पर्मिता ने भी उच्चाधिकारियों को सड़क निर्माण में हो रही देरी के पीछे खंभे न हटने को बताया। लेकिन यह लटका हुआ है।


खंभा हटाने के लिए बिजली निगम को पत्र लिखा गया है। उसके हटाने पर आने वाले खर्च का स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर निगम को दिया जाएगा। यतींद्र केसरवानी,ए‌ई पीएमजीएसवाई
*6459 पति-पत्नी ले रहे सम्मान निधि,अब होगी रिकवरी* *सत्यापन के लिए लगाई गई टीमें,3229 का सूची से हटेगा नाम*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में गड़बड़ी सामने आई है। जिले में 6459 पति-पत्नी योजना का लाभ लेते पाए गए। फैमिली आईडी, फार्मर रजिस्ट्री बनाने के दौरान ऐसे दंपती पकड़ में आए हैं। निदेशालय से सूची आने के बाद कृषि विभाग सत्यापन करा रहा है। 2024 किसानों का सत्यापन भी हो चुका है। 6459 में 3229 को निधि के पोर्टल से हटा दिया जाएगा। 30 अप्रैल तक सत्यापन पूर्ण होने पर मई में इनको रिकवरी नोटिस दिया जाएगा। जिले में हैं 46 हजार लाभार्थी जिले में कुल दो लाख 46 हजार पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं। एक लाख 95 हजार को योजना की 19वीं किस्त भी मिल चुकी है। जिले में फॉर्मर रजिस्ट्री बनाने का कार्य चल रहा है। इसमें उनकी खेती संग परिवार और पता आदि का लेखा-जोखा रहेगा। फॉर्मर आईडी और आधार से शासन स्तर पर जिले के 6459 पति-पत्नी की सूची तैयार की गई है, जिनके द्वारा किसान सम्मान निधि का दोहरा लाभ लिया जा रहा है। कृषि निदेशालय से दंपतियों की भेजी गई सूची का परीक्षण करने के लिए विभाग सत्यापन कराने में लगा है। दो हजार घरों में पहुंचकर किया जा चुका है सत्यापन अब तक दो हजार से अधिक किसानों के घर पहुंचकर सत्यापन किया जा चुका है। जांच में पति और पत्नी दोनों किसान सम्मान निधि लेते पाए गए तो एक सदस्य की सम्मान निधि रोकने के साथ वसूली भी होगी। इसके लिए उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। इसमें पत्नी की सम्मान निधि जारी रह सकती है और पति की रोकी जाएगी। बता दें कि दो साल पूर्व ढाई हजार आयकरदाता भी योजना का लाभ लेते मिले थे। जिन पर डेढ़ करोड़ की रिकवरी आई थी। इसमें 50 लाख के करीब पैसा विभाग ने वसूल लिया, लेकिन अन्य से अभी नहीं हो पाई। दो से लेकर आठ किस्तों का लिया लाभ जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले दंपतियों में कोई दो तो किसी ने आठ किस्तों का लाभ ले लिया है। उप निदेशक कृषि डॉ. अश्वनी सिंह ने बताया कि सत्यापन में अभी तक जो स्थिति सामने आई है उसमें कुछ ही दंपती ऐसे हैं जिन्होंने 15 किस्तों का लाभ लिया। दो से तीन किस्त लेने वालों की संख्या अधिक है।


क्या कहते हैं अधिकारी 6459 पति-पत्नी सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। इसमें 3229 की निधि रोक दी गई है। ऐसे लोगों के घर पर टीमें जाकर सत्यापन कर रही है। 30 अप्रैल तक सत्यापन पूर्ण करना है। उसके बाद रिकवरी नोटिस जारी की जाएगी। -डॉ. अश्वनी सिंह, उप निदेशक कृषि
*गर्मी में आसमान छूने लगे हैं फलों के दाम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गर्मी के दिनों में गर्मी शुरू होते ही फल के दाम आसमान छूने लगे हैं। गर्मी में बीमार पड़ रहे लोगों का प्लेटलेट्स कम होने लगा है। बीमारी से पीड़ित लोगों को भी फल संग जूस पीने की चिकित्सक सलाह दे रहे हैं। ऐसे में फलों के दाम में अचानक वृद्धि होने से आम आदमी का बजट बिगड़ने लगा है।