*आठ साल बाद भी 27 ग्राम पंचायतों ने नहीं दिया डेढ़ करोड़ का ब्यौरा, नोटिस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। ग्रामीण विकास के बजट में 1.49 करोड़ के घोटाले में 27 पूर्व प्रधानों और सचिवों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऑडिट के करीब आठ साल बाद भी महत्वपूर्ण अभिलेख प्रस्तुत न करने वाले तत्कालीन ग्राम प्रधानों और सचिवों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी शुरू हो गई है। पंचायत राज विभाग ने 27 गांवों के पूर्व प्रधानों और सचिवों को अंतिम नोटिस जारी किया है। 15 दिन के अंदर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित के खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी। जिले में 546 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायतों को विकास के लिए केंद्र और राज्य से सीधे बजट मिलता है। बजट खर्च करने का अधिकार ग्राम पंचायतों के पास होता है। राज्य वित्त और 15वें वित्त के मद में मिले बजट में ग्राम प्रधान और सचिवों की मिलीभगत से घपले के कई मामले सामने आए हैं। पंचायतों की ओर से खर्च किए गए बजट की समय-समय पर ऑडिट भी होती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समिति पंचायत की ओर से जिले की सभी ग्राम पंचायतों की ऑडिट कराई गई थी। ऑडिट रिपोर्ट में मनरेगा, राज्य वित्त और 15वें वित्त के बजट में जिले की 41 ग्राम पंचायतों में दो करोड़ 49 लाख रुपये के घोटाले का जिक्र था। ग्राम पंचायतें उस समय ऑडिट टीम के सामने जरूरी अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर पाई थीं। 2023 में पंचायती राज विभाग ने संबंधित ग्राम पंचायतों को कई बार नोटिस भेजा। सख्ती पर 41 में से 14 ग्राम पंचायतों ने अभिलेख प्रस्तुत कर दिया। अब तक 27 ग्राम पंचायतों ने डेढ़ करोड़ रुपये का ब्योरा नहीं दिया है। विभाग इन ग्राम पंचायतों के तत्कालीन प्रधानों और सचिवों को अंतिम नोटिस जारी कर अभिलेख प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। तय तिथि पर जरूरी अभिलेख न मिलने पर संबंधित पूर्व प्रधान और सचिवों पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

इन गांवों में मिली थी गड़बड़ी

ज्ञानपुर। 2016-17 की ऑडिट में डीघ ब्लॉक के कलनुआं, तुलसीपट्टी, डीघ, मरसड़ा, कुलमनपुर, तुलसीकला, धनतुलसी, सुरियावां के बरमोहनी, अर्जुनपुर, भानुपुर, जमुनीपुर अठगवां, विशुनपुर, महजूदा, बहरैची, सरायछत्रशाह, औराई के डेरवां, कैयरमऊ, भदोही के नगुआं, गोविंदपुर, डुडवा धरमपुरी, पल्हैयां, महरभा, सोनहर, कुरैया, सनकडीह, ज्ञानपुर के कांवल, भिदिउरा, सिंहपुर, गिरधरपुर, धनापुर, मदनपुर, होलपुर, जखांव, अभोली के बौरीबोझ, करकनपुर, बवईं, नीबी, आनंदडीह, बीरापुर और कुढ़वा में गड़बड़ी मिली थीं।


बोले अधिकारी

वित्तीय वर्ष 2016-17 में ग्राम पंचायतों में खर्च किए गए बजट की ऑडिट कराई गई थी। रिपोर्ट में 41 ग्राम पंचायतों में करीब ढाई करोड़ की गड़बड़ी सामने आई थी। रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन ग्राम प्रधानों और सचिवों को कई बार नोटिस भेजा गया। 14 ग्राम पंचायतों ने अभिलेख प्रस्तुत कर दिया। अभी तक डेढ़ करोड़ रुपये का ब्योरा नहीं मिला है। 27 ग्राम पंचायतों को 15 दिन का समय दिया गया है। उक्त समय पर न प्रस्तुत करने पर संबंधित पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। - संजय मिश्रा, जिला पंचायत राज अधिकारी।
*बंगाल में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन:कलेक्ट्रेट पर हिंदू संगठनों ने सौंपा ज्ञापन, राष्ट्रपति शासन की मांग*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर हिंदू धार्मिक व सार्वजनिक स्थल सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, लूट और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। कई हिंदू कार्यकर्ता लापता हैं, जिनका कोई पता नहीं चल रहा है।प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्थिति इतनी भयावह है कि हिंदू परिवार वहां से पलायन कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन में सत्य प्रकाश, आनंद केसरी, कमलेश यादव, रंजीत गुप्ता, दुर्गेश सिंह, सर्वेश कुमार, संदीप कुमार, शिवकुमार यादव, धर्मराज गुप्ता और अनिल गिरी सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
*एक साल से सिर्फ पत्राचार, नहीं हटे खंभे, 12 सड़कों का निर्माण रुका* *खंभे हटाने के लिए बिजली निगम को पत्र दिया गया लेकिन नहीं हुई कोई कार्रवाई*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में 112 करोड़ की 12 सड़कों का निर्माण बिजली निगम के खंभों कारण पूरा नहीं हो पा रहा है। इन खंभों से सड़क निर्माण में बाधा आ रही है। इसमें लोक निर्माण की एक और पीएमजीएसवाई की 11 सड़कें शामिल हैं। लगभग एक साल से पत्राचार चल रहा है लेकिन अभी तक खंभे नहीं हटे और सड़क का निर्माण अधूरा है। जिले में ढाई हजार किमी सड़कों का जाल फैला है। लोक निर्माण, पीएमजीएसवाई, जिला पंचायत और मंडी समिति उनकी निगरानी करती हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में शासन ने लोक निर्माण विभाग की आठ से 10 सड़कें स्वीकृत की हैं। इसमें गोपीगंज-चील्ह, ज्ञानपुर-भदोही, सुरियावां- पाली समेत अन्य मार्ग शामिल है। सभी सड़कों को चौड़ा किया जाना है। इसी तरह 2023 में पीएमजीएसवाई में 87 करोड़ की 11 सड़कें स्वीकृत की गईं। कागजी प्रक्रिया पूर्ण करने पर करीब एक साल बाद पीएमजीएसवाई की सड़कें बननी शुरू हुई, लेकिन सड़कों के किनारे लगे खंभे न हटने से कार्य प्रभावित होने लगा है। लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) की ओर से 2024 के फरवरी- मार्च में सड़कों के बीच में पढ़ने वाले खंभों को हटाने के लिए बिजली निगम को पत्र दिया गया था लेकिन खंभों को हटाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे सड़कों को निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है। इसी तरह करीब 25 करोड़ की लागत से बनने वाली ज्ञानपुर से होकर नथईपुर से अकोढ़ा मार्ग भी कई स्थानों पर अधूरी ही रह गई है। यह सड़क 2024 में ही पूरी होनी थी, लेकिन अब तक अधूरी ही है। पिछले दिनों कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। एक्सईएन प्रज्ञा पर्मिता ने भी उच्चाधिकारियों को सड़क निर्माण में हो रही देरी के पीछे खंभे न हटने को बताया। लेकिन यह लटका हुआ है।


खंभा हटाने के लिए बिजली निगम को पत्र लिखा गया है। उसके हटाने पर आने वाले खर्च का स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर निगम को दिया जाएगा। यतींद्र केसरवानी,ए‌ई पीएमजीएसवाई
*6459 पति-पत्नी ले रहे सम्मान निधि,अब होगी रिकवरी* *सत्यापन के लिए लगाई गई टीमें,3229 का सूची से हटेगा नाम*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में गड़बड़ी सामने आई है। जिले में 6459 पति-पत्नी योजना का लाभ लेते पाए गए। फैमिली आईडी, फार्मर रजिस्ट्री बनाने के दौरान ऐसे दंपती पकड़ में आए हैं। निदेशालय से सूची आने के बाद कृषि विभाग सत्यापन करा रहा है। 2024 किसानों का सत्यापन भी हो चुका है। 6459 में 3229 को निधि के पोर्टल से हटा दिया जाएगा। 30 अप्रैल तक सत्यापन पूर्ण होने पर मई में इनको रिकवरी नोटिस दिया जाएगा। जिले में हैं 46 हजार लाभार्थी जिले में कुल दो लाख 46 हजार पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं। एक लाख 95 हजार को योजना की 19वीं किस्त भी मिल चुकी है। जिले में फॉर्मर रजिस्ट्री बनाने का कार्य चल रहा है। इसमें उनकी खेती संग परिवार और पता आदि का लेखा-जोखा रहेगा। फॉर्मर आईडी और आधार से शासन स्तर पर जिले के 6459 पति-पत्नी की सूची तैयार की गई है, जिनके द्वारा किसान सम्मान निधि का दोहरा लाभ लिया जा रहा है। कृषि निदेशालय से दंपतियों की भेजी गई सूची का परीक्षण करने के लिए विभाग सत्यापन कराने में लगा है। दो हजार घरों में पहुंचकर किया जा चुका है सत्यापन अब तक दो हजार से अधिक किसानों के घर पहुंचकर सत्यापन किया जा चुका है। जांच में पति और पत्नी दोनों किसान सम्मान निधि लेते पाए गए तो एक सदस्य की सम्मान निधि रोकने के साथ वसूली भी होगी। इसके लिए उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। इसमें पत्नी की सम्मान निधि जारी रह सकती है और पति की रोकी जाएगी। बता दें कि दो साल पूर्व ढाई हजार आयकरदाता भी योजना का लाभ लेते मिले थे। जिन पर डेढ़ करोड़ की रिकवरी आई थी। इसमें 50 लाख के करीब पैसा विभाग ने वसूल लिया, लेकिन अन्य से अभी नहीं हो पाई। दो से लेकर आठ किस्तों का लिया लाभ जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले दंपतियों में कोई दो तो किसी ने आठ किस्तों का लाभ ले लिया है। उप निदेशक कृषि डॉ. अश्वनी सिंह ने बताया कि सत्यापन में अभी तक जो स्थिति सामने आई है उसमें कुछ ही दंपती ऐसे हैं जिन्होंने 15 किस्तों का लाभ लिया। दो से तीन किस्त लेने वालों की संख्या अधिक है।


क्या कहते हैं अधिकारी 6459 पति-पत्नी सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। इसमें 3229 की निधि रोक दी गई है। ऐसे लोगों के घर पर टीमें जाकर सत्यापन कर रही है। 30 अप्रैल तक सत्यापन पूर्ण करना है। उसके बाद रिकवरी नोटिस जारी की जाएगी। -डॉ. अश्वनी सिंह, उप निदेशक कृषि
*गर्मी में आसमान छूने लगे हैं फलों के दाम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गर्मी के दिनों में गर्मी शुरू होते ही फल के दाम आसमान छूने लगे हैं। गर्मी में बीमार पड़ रहे लोगों का प्लेटलेट्स कम होने लगा है। बीमारी से पीड़ित लोगों को भी फल संग जूस पीने की चिकित्सक सलाह दे रहे हैं। ऐसे में फलों के दाम में अचानक वृद्धि होने से आम आदमी का बजट बिगड़ने लगा है।
*अप्रैल आधा से अधिक बीता,नही खुला प्याऊ*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। आहिस्ता - आहिस्ता गर्मी अपने शवाब पर पहुंच गई है। सुबह,शाम दिन,रात गर्मी एवं उमस ने आम आदमी को जहां बेहाल कर दिया है, वहीं दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा जा रहा है। मौसम की मार का सबसे अधिक असर बैंकों में रुपया निकालने के लिए आने वालों पर सर्वाधिक देखा जा रहा है। बता दें कि सुरक्षा में लगे पुलिस भी प्यास लगने पर परेशान देखे जा रहे हैं। ऐसे में पानी के लिए हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ रहा है।
*स्वास्थ्य मेले का सीएमओ ने किया औचक निरीक्षण:दुर्गागंज केंद्र में स्टाफ मौजूद मिला, पौधरोपण का दिया निर्देश*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। दुर्गागंज के अभोली ब्लॉक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सभी स्टाफ मौजूद पाया गया। सीएमओ ने एएन‌एम , फार्मासिस्ट और अधीक्षक को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियमित कार्यों के साथ - साथ ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए स्वास्थ्य केंद्र परिसर में पौधरोपण किया जाए। इससे आने वाले समय में गर्मी से राहत मिल सकेगी। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गागंज के अधीक्षक डॉ शुभांकर श्रीवास्तव, दर्पण मिश्रा,इंद्र भूषण पांडेय, संजय श्रीवास्तव,मीनू वर्मा और सुनीता सहित अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।
*भदोही में अवैध होर्डिंग-बैनर हटाने का अभियान:आंधी-तूफान से बचाव के लिए नगरीय निकायों ने खंभों से हटाए सभी प्रचार सामग्री*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही में विंध्याचल मंडल आयुक्त और जिलाधिकारी के निर्देश पर एक बड़ी कार्रवाई की गई। रविवार को जिले के सभी नगरीय निकायों में अवैध होर्डिंग और बैनर्स को हटाने का अभियान चलाया गया। नगरीय क्षेत्रों में बिजली विभाग, दूरसंचार विभाग और नगर पालिका परिषद के खंभों पर क‌ई नेताओं और संस्थाओं ने अपनी प्रचार सामग्री लगा रखी थी। यह सभी होर्डिंग और बैनर्स बिना किसी शुल्क के लगाए गए थे, जो पूरी तरह से अवैध था। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए यह कार्रवाई की गई। इस समय तेज हवाओं और आंधी-तूफान की आशंका है। ऐसे में यह होर्डिंग और बैनर्स उड़कर लोगों के लिए खतरा बन सकते थे। अधिकारियों ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी नगरीय को अवैध और अव्यवस्थित तरीके से लगे होर्डिंग-बैनर हटाने के निर्देश दिए। इस अभियान के तहत बिजली, दूरसंचार और नगर निकायों के खंभों से सभी प्रचार सामग्री को हटा दिया गया।
*चाैबीस शिक्षकों के भरोसे 2100 विद्यार्थियों की पढ़ाई*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के सबसे पुराने विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षकों की कमी है। नया शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई।विद्यालय में 74 पदों के बजाय मात्र 24 शिक्षक ही 2100 बच्चों को पढ़ा रहे हैं। हर साल शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से शिक्षकों की संख्या लगातार घट रही है। शिक्षकों की कमी के चलते पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। वीएनजीआईसी में भौतिक विज्ञान, बायोलाॅजी, अंग्रेजी, समाज शास्त्र, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र और इतिहास के शिक्षक ही नहीं हैं। भौतिक विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए विद्यालय स्तर पर मानदेय पर शिक्षक की व्यवस्था की गई है। अन्य विषयों को दूसरे शिक्षक पढ़ाते हैं। विद्यार्थी सेल्फ स्टडी कर कोर्स पूरा करते हैं। प्रधानाचार्य आलोक तिवारी ने कहा कि शिक्षकों की कमी से विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया दिया गया है। शिक्षकों की कमी कारण विद्यालय में संयुक्त कक्षाएं चलाई जाती हैं। कुछ शिक्षकों को मानदेय पर रखा गया है। तीन साल से पत्र लिखा जा रहा है। अभी तक नए शिक्षकों की विद्यालय में तैनाती नहीं हो हुई है।
*163 जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराकर उगाया जाएगा चारा*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गोशालाओं में पशुओं के हर चारे की समस्या के समाधान के लिए गांव की अतिक्रमित जमीनों को खाली कराया जाएगा। गोचर-चारागाह योजना के तहत इन जमीनों पर हरे चारे की खेती की जाएगी। सीडीओ डॉ. शिवाकांत शुक्ला ने 163 गांवों में अतिक्रमित भूमि को खाली कराकर पशुपालन विभाग को खेती के लिए सौंपने का निर्देश दिया है। जिले की तीन स्थायी और 28 अस्थायी गोशालाओं में करीब 7400 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। गोशालाओं में संरक्षित गोवंशों के भरण पोषण को लेकर विभागीय स्तर से प्रयास किए जाते रहे हैं। विभाग सक्षम लोगों से भूसा दान करने की अपील करता है। वहीं शासन की ओर से मिलने वाली धनराशि से गोवंशों के भरण पोषण का कार्य करता है। विभाग अब पशुओं के 12 महीने तक भरण पोषण के लिए विभाग हरे चारे का भी इंतजाम करने जा रहा है। इसके लिए गांवों में अतिक्रमण किए गए बंजर जमीनों को तलाशा जा रहा है। सीडीओ ने तीनों तहसीलों के एसडीएम के ऐसे जमीनों को चिह्नित कर खाली कराने का निर्देश दिया है। जिसके बाद तीनों तहसील में 163 जमीन चिह्नित किए गए हैं। इसके बाद इन जमीनों पर गोवंश संचालक हरे चारे की खेती करेंगे। इस समय रामकपुरा, बहुतरा खुर्द, पीपरीस, नारेपार समेत 20 से 25 गांवों हरे चारे की खेती की जाती है।