अब “डिजिटल स्ट्राइक”, भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट सस्पेंड, पहलगाम अटैक के बाद एक और एक्शन

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पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन में हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट की देश में पहुंच को रोक दिया है यानी पाकिस्तान सरकार का एक्स हैंडल भारत में नहीं दिखेगा और ना ही उसके कोई पोस्ट नजर आएंगे। हालांकि पाकिस्तान और भारत के बाहर अन्य देशों में यह अकाउंट एक्टिव दिखेगा। इसे भारत की तरफ से “डिजिटल स्ट्राइक” माना जा रहा है।

इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में भारत ने पाकिस्न पर पांच कड़े प्रहार किए है।

सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है और अटारी चौकी को बंद किए जाने का फैसला लिया। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

इस बीच सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे।सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय बुधवार को लिया गया और राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विभिन्न दलों से संपर्क किया। राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डालने वाली किसी भी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जैसा कि 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद या 2020 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान देखा गया था। इससे संकट के समय में राष्ट्रीय एकता की तस्वीर पेश होती है और विपक्षी नेताओं को सरकार तक अपने विचार पहुंचाने और आधिकारिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

सिंधु सर्जिकल स्ट्राइक", अब पानी की बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान!

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भारत ने पहलगाम हमले पर पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया है। पहलगाम में हुए टेरर अटैक बाद बुधवार को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी की बैठक हुई। इस बैठक में पहलगाम आतंकी हमले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले किए हैं। तमाम फैसलों में एक बड़ा फैसला भारत और पाकिस्‍तान के बीच हुए सिंधु जल समझौता 1960 के निलंबन का है।

पाकिस्तान में खेती हो या पीने का पानी या फिर बिजली उत्पादन, जिसका बड़ा हिस्सा इसी पानी पर निर्भर है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। यही वजह है कि भारत का यह कदम "पानी की सर्जिकल स्ट्राइक" के रूप में देखा जा रहा है।

सिंधु जल संधि क्या है?

भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे के दौरान जब पंजाब को विभाजित किया गया तो इसका पूर्वी भाग भारत के पास और पश्चिमी भाग पाकिस्तान के पास गया। बंटवारे के दौरान ही सिंधु नदी घाटी और इसकी विशाल नहरों को भी विभाजित किया गया। लेकिन इससे होकर मिलने वाले पानी के लिए पाकिस्तान पूरी तरह भारत पर निर्भर था। आजादी के बाद से ही सिंधु जल बंटवारे को लेकर दोनों मुल्कों में कई तरह की दुविधापूर्ण स्थिति पैदा होने लगी थी। इसे दूर करने के लिए 65 साल पूर्व 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ।

इस संधि में विश्व बैंक मध्यस्थ था। इस संधि पर कराची में 19 सितंबर 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। संधि ने निर्धारित किया कि सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों के जल को भारत और पाकिस्तान के बीच कैसे साझा किया जाएगा।

क्या है संधि का प्रावधान

संधि के मुताबिक, सिंधु, झेलम और चिनाब को पश्चिमी नदियां बताते हुए इनका पानी पाकिस्तान के लिए तय किया गया। जबकि रावी, ब्यास और सतलुज को पूर्वी नदियां बताते हुए इनका पानी भारत के लिए तय किया गया। इसके मुताबिक, भारत पूर्वी नदियों के पानी का, कुछ अपवादों को छोड़कर, बेरोकटोक इस्तेमाल कर सकता है। वहीं पश्चिमी नदियों के पानी के इस्तेमाल का कुछ सीमित अधिकार भारत को भी दिया गया था। जैसे बिजली बनाना, कृषि के लिए सीमित पानी। इस संधि में दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर बातचीत करने और साइट के मुआयना आदि का प्रावधान भी था। इसी संधि में सिंधु आयोग भी स्थापित किया गया। इस आयोग के तहत दोनों देशों के कमिश्नरों के मिलने का प्रस्ताव था। संधि में दोनों कमिश्नरों के बीच किसी भी विवादित मुद्दे पर बातचीत का प्रावधान है।

पाकिस्तान ने तोड़ा भारत का सब्र

1960 में हुए सिंधु जल समझौते के बाद से भारत और पाकिस्तान में कश्मीर मुद्दे को लेकर तनाव बना हुआ है। हर प्रकार के असहमति और विवादों का निपटारा संधि के ढांचे के भीतर प्रदत्त कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से किया गया है। इस संधि के प्रावधानों के अनुसार सिंधु नदी के कुल पानी का केवल 20% का उपयोग भारत द्वारा किया जा सकता है। जिस समय यह संधि हुई थी, उस समय पाकिस्तान के साथ भारत का कोई भी युद्ध नहीं हुआ था। उस समय परिस्थिति बिल्कुल सामान्य थी, पर 1965 से पाकिस्तान लगातार भारत के साथ हिंसा के विकल्प तलाशने लगा, जिस में 1965 में दोनों देशों में युद्ध भी हुआ और पाकिस्तान को इस लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा। फिर 1971 में पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध लड़ा, जिसमें उसको अपना एक हिस्सा खोना पड़ा, जो बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। तब से अब तक भारत के खिलाफ पाकिस्तान आतंकवाद और सेना दोनों का इस्तेमाल कर रहा है। मगर भारत ने फिर भी इन नदियों का पानी कभी नहीं रोका।

पाकिस्तान की लाइफलाइन है सिंधु नदी

सिंधु नदी पाकिस्तान की लाइफलाइन है। सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब जलधारा को माना जाता है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूमकर यह नदी दक्षिण-पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है। इस नदी का अधिकांश भाग पाकिस्तान को ही मिलता है। साथ ही, घरों में पीने के पानी से लेकर कृषि के लिए इस नदी का अधिकांश पानी ही इस्तेमाल किया जाता है। इसके अतिरिक्त इस नदी पर पाकिस्तान की कई महत्त्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाएं हैं। ऐसे में इस नदी को पाकिस्तान की राष्ट्रीय नदी का भी दर्जा प्राप्त है। अब आप समझ लीजिए कि अगर भारत ने ये पानी रोक दिया तो क्या होगा? पाकिस्तान पानी की बूंद-बूंद के लिए तड़पेगा।

अब दर्द से कराह उठेगा पाकिस्तान, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने चलाया चाबुक

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आतंकियों को पनाह देने वाला और “हिंसा में हंसने” वाला पाकिस्तान अब कराह उठेगा। पहलगाम आंतकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जबरदस्त एक्शन दिखाया है। पीएम मोदी सऊदी अरब का दौरा रद्द करके वापस दिल्ली लौटे और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीएस की अहम बैठक की। इस बैठक में सरकार ने आतंकवाद पर चोट देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले किए हैं। सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता को रोक दिया है। इसके अलावा भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर एक मई तक उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी। मिस्री ने कहा, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक हुई। सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

सीसीएस बैठक में लिए 5 कड़े फैसले

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए सीसीएस ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया-

• 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।

• एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।

• पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।

• नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।

• भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों देशों से 5-5 सहयोगी स्टाफ भी हटाए जाएंगे। विदेश सच‍िव ने बताया क‍ि राजनयिक स्टाफ की संख्या घटाई जाएगी। दोनों हाई कमीशनों में स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। यह बदलाव 1 मई 2025 तक प्रभावी होगा।

पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा

-सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है, जो उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। भारत का यह कदम "पानी की सर्जिकल स्ट्राइक" के रूप में देखा जा रहा है।

-अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा।

-पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा से रोकने और मौजूदा SPES वीजा निरस्त करने से पाकिस्तान का क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) में प्रभाव कमजोर होगा। यह कदम पाकिस्तान से भारत में संदिग्ध व्यक्तियों की घुसपैठ को रोकने में प्रभावी हो सकता है

- 48 घंटे का अल्टीमेटम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है।

- पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा। यह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है।

पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार का एक्शन जारी, आज सर्वदलीय बैठक में क्या होगा फैसला?

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरा देश बदला मांग रहा है। मंगलवार को हुए इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई। इस घटना को लेकर बुधवार को पीएम मोदी के नेतृत्व में सीसीएस की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान पर तगड़ा एक्शन लिया गया। पाकिस्तानी राजदूत को देर रात तलब किया गया। वहीं, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गुरुवार यानी आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक

केंद्र सरकार पहलगाम आतंकी हमले पर राजनीतिक नेताओं को जानकारी देने और इस मामले पर उनकी राय जानने के लिए गुरुवार शाम को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से स्थिति पर महत्वपूर्ण अपडेट देने की उम्मीद है।

क्या अब होगी सैन्य कार्रवाई?

सूत्रों ने बताया कि राजनाथ के साथ सीडीएस व तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुखों की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा सकने वाले सैन्य कदमों पर चर्चा हुई। बाद में राजनाथ ने इन कदमों की जानकारी सीसीएस बैठक में पीएम मोदी व अन्य मंत्रियों के साथ साझा की। राजनयिक कदमों के अलावा पाकिस्तान को जल्द ही किसी सैन्य कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।

राहुल गांधी ने बैठक में होंगे शामिल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तमाम नेता अपने कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं। पीएम मोदी के सऊदी यात्रा बीच में छोड़कर भारत वापस आने का बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी अमेरिका यात्रा बीत में खत्म कर दिल्ली वापस लौट आए हैं। राहुल गांधी आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे।

राहुल के भारत वापस लौटने की जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दी। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा बीच में ही छोड़ दी है।

28 लोगों की दर्दनाक मौत

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। 28 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को 'हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा' हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं।

मजहब पूछकर गोली मारी क्‍योंकि उन्‍हें लगता है मुसलमानों को..., पहलगाम हमले पर रॉबर्ट वाड्रा का बयान

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कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम हमले पर अजीब बयान दिया है। गांधी परिवार के दामाद ने पहलगाम हमले को भारत के मुसलमानों से जोड़ दिया है।उन्होंने कहा है कि देश में हिंदू-मुस्लिम हो रहा है, इससे मुसलमान असहज महसूस कर रहे हैं और यही कारण है कि पहचान पूछकर आतंकवादी हत्याएं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र के लिए भी संदेश है कि देश का मुसलमान और अल्पसंख्यक कमजोर महसूस कर रहा है।

देश में मुसलमानों के खिलाफ माहौल-वाड्रा

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि इस हमले में जान गंवाने वालों 28 लोगों के प्रति मैं अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं। साथ ही विवादित बयान देते हुए कहा कि देश में जो मुसलमानों के खिलाफ माहौल बना हुआ है, उसकी वजह से ये हमला हुआ। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि ये बहुत कमजोर तरीका उन्होंने अपनाया है, निहत्थे लोगों पर वार करना गलत है। मुझे हमेशा लगा है, ये मेरी सोच है, कांग्रेस या मेरे परिवार की नहीं है, लोगों से मैं सीखता हूं। जो गलत हो रहा है मुसलमानों के साथ।

हिंदू-मुस्लिम नहीं रोका गया तो...

रॉबर्ड वाड्रा ने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि मुसलमानों को मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोक दिया जाता है या फिर मस्जिदों का सर्वे हो रहा है कि कोई मूर्ति मिल जाए, जो संभल में हो रहा है। अगर आप बाबर या फिर औरंगजेब की बात करते हैं तो अल्पसंख्यकों को दुख लगता है। इनको लेकर राजनीतिक होती है और रोक लगाई जाती है। धर्म और राजनीति को अलग होना चाहिए। अगर इसे नहीं रोका गया तो ये जो आतंकी हमला हुआ है, वो होता रहेगा। क्योंकि सबूत है कि उन्होंने आईडी देखकर गोली मारी। उन्हें मारना है या छोड़ना है, वो कहां से होता है। उनकी सोच है कि मुसलमानों को दबाया जा रहा है।

पीएम को एक संदेश है- वाड्रा

वाड्रा ने कहा कि ऐसी घटनाओं से आतंकी संगठनों को यह लग सकता है कि हिंदू, मुसलमानों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहचान देखकर लोगों को मारना, प्रधानमंत्री को एक संदेश है। वाड्रा के अनुसार, यह इन संगठनों को महसूस कराता है कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। पहचान देखकर और फिर किसी को मारना, यह पीएम को एक संदेश है, क्योंकि मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक कमजोर महसूस कर रहे हैं।

पीएम हाउस पर CCS की बैठक शुरू, पहलगाम हमले को लेकर सरकार के फैसले का इंतजार

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केन्द्र की मोदी सरकार एक्शन मोड में है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि अब नरेंद्र मोदी सरकार का अगला कदम क्या होगा। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी सीसीएस की बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे हैं। पीएम आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस अहम बैठक चल रही है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, कैबिनेट सचिव और रक्षा सचिव मौजूद हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पहलगाम हमले के जवाब में कड़े कदम और पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन प्लान पर फैसला हो सकता है।

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्‍योरिटी की मीटिंग बुलाना प्रधानमंत्री का विशेषाध‍िकार है।मीटिंग में अमित शाह पहलगाम हमले की जानकारी शेयर कर रहे हैं। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने भी कई सवाल पूछे, जिसका जवाब अमित शाह ने दिया। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में सरकार कुछ बड़े फैसले ले सकती है।

राजनाथ सिंह ने दी चेतावनी

सीसीएस की बैठक में शामिल होने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आतंकवादियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में हमारे देश ने अनेक निर्दोष नागरिकों को खोया है। इस अमानवीय कृत्य से हम सभी गहरी शोक और दर्द में हैं। सबसे पहले मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। इस दुखद समय में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मैं परमात्मा से प्रार्थना करता हूं।

इसके बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि यहां मैं भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराना चाहूंगा। आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। भारत का एक-एक नागरिक इस कायरतापूर्ण हरकत के खिलाफ एकजुट है। मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि घटना के मद्देनजर भारत सरकार हर वो कदम उठाएगी जो जरूरी और उपयुक्त होगा। हम सिर्फ उन लोगों तक नहीं पहुंचेंगे जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है। हम उन तक भी पहुंचेंगे जिन्होंने पर्दे के पीछे बैठ कर भारत की सरजमीं पर ऐसी नापाक हरकतों की साजिशें रची हैं।

पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद? आतंकी हाफिज सईद का है करीबी

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को पर्यटकों पर आतंकी हमले में अब तक 27 पर्यटक मारे गए और 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के यूनिट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इंटेलिजेंस का दावा है कि टीआरएफ आतंकी सैफुल्लाह खालिद पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड है। सैफुल्लाह लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है। उसे लश्कर के संस्थापक आतंकी हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता है।

सैफुल्लाह जम्मू-कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकवादी गतिविधियों का मेन ऑपरेटर है।उसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है।इसका भारत के कई बड़े आतंकी हमले में नाम आ चुका है। इसे लग्जरी गाड़ियों का शौक है और हमेशा अत्याधुनिक हथियारों से लैस लोगों के साथ चलता है।

पाकिस्तानी सेना का चहेता

कसूरी का पाकिस्तान में दबदबा है और इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारी उसकी खिदमत के लिए तैयार रहते हैं। ऐसा भी दावा किया जाता है कि वह अक्सर पाकिस्तानी सेना के जवानों को उकसाता रहता है।

पहलगाम आतंकी हमले से पहले यहां गया था कसूरी

पहलगाम में हुए आतंकी हमले से करीब दो महीने पहले सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर पहुंचा था। यहां पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी बटालियन रहती है।यहां एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरीन खटक ने उसका भाषण करवाया था। उसने यहां भारतीय सेना और भारत के लोगों के खिलाफ जमकर भाषण दिया था।

मुजाहिदीन हमले तेज करने का किया था ऐलान

खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित एक सभा में सैफुल्लाह ने जहर उगला था। उसने कहा था, आज 2 फरवरी है। मैं वादा करता हूं कि 2 फरवरी 2026 तक हम कश्मीर पर कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे। उसने यहां ऐलान किया था कि आने वाले दिनों में हमारे मुजाहिदीन हमले तेज कर देंगे। उसने कहा था कि उम्मीद है कि 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर आजाद हो जाएगा। इस सभा का आयोजन पाकिस्तान सेना और आईएसआई ने किया था। इसमें खुलेआम भारी संख्या में हथियारबंद आतंकी मौजूद थे।

पाकिस्तान सरकार कश्मीर मुद्दे पर कमजोर पड़ गई- सैफुल्लाह

सैफुल्लाह ने अपने भाषण में पाकिस्तान सरकार और तत्कालीन विदेश सचिव शहरयार खान से कहा कि आपने कश्मीरी लोगों के लिए कुछ नहीं किया है। हम उनके लिए सब कुर्बान करने के लिए तैयार हैं। भारत कश्मीर के लोगों पर जुल्म कर रही है।

सैफुल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान सरकार अपने लालच के लिए कश्मीर मुद्दे पर कमजोर पड़ गई है। भारत सरकार ने 6 साल पहले आर्टिकल 370 हटाया था, लेकिन आपने (पाकिस्तान सरकार) इंटरनेशनल फोरम पर कश्मीर की बात नहीं की। हमारा पाकिस्तान दुनिया के सामने झुक गया। आप कश्मीर को ठंडा करोगे और वह बलूचिस्तान को गर्म करेंगे।

बिहार के निर्वाचन पदाधिकारियों के लिए दिल्ली में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के चुनावी पदाधिकारियों के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम राजधानी स्थित भारत अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में आयोजित किया गया है, जिसमें 229 बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ), 12 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और 2 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) भाग ले रहे हैं।

इस प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने किया, जिसमें निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी भी उपस्थित रहे। उद्घाटन के बाद दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभागियों से संवाद कर उन्हें प्रोत्साहित किया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य

इस कार्यक्रम का उद्देश्य बीएलओ को उनकी कानूनी जिम्मेदारियों, निर्वाचक नामावली की शुद्धता सुनिश्चित करने, तथा आईटी आधारित चुनाव प्रबंधन उपकरणों के कुशल उपयोग के लिए प्रशिक्षित करना है।इन प्रशिक्षित बीएलओ को आगे चलकर विधानसभा स्तर के मास्टर ट्रेनर्स (ALMT) के रूप में तैयार किया जाएगा, जो पूरे राज्य में निर्वाचन प्रक्रिया की मजबूती में सहायक होंगे।

पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण

इस अवसर पर बिहार के राज्य पुलिस नोडल अधिकारी (SPNO) और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए भी एक विशेष एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य कानून व्यवस्था बनाए रखने, संवेदनशील क्षेत्रों के आकलन, CAPF की तैनाती, और आदर्श आचार संहिता (MCC) के प्रभावी क्रियान्वयन में चुनाव अधिकारियों और पुलिस के बीच समन्वय को बेहतर बनाना है।

* IIIDEM का अंतरराष्ट्रीय योगदान

IIIDEM अब तक दुनिया के 141 देशों के 3000 से अधिक निर्वाचन अधिकारियों को भारत की चुनावी प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण दे चुका है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे प्रमुख लोकतांत्रिक देश शामिल हैं, जिससे भारत की चुनावी विशेषज्ञता को वैश्विक मान्यता प्राप्त हुई है।

पहलगाम आतंकी हमला: राजनाथ सिंह ने सैन्य अधिकारियों के साथ की बैठक

#defence_minister_rajnath_singh_high_level_meeting 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार अलर्ट मोड पर है। एक तरफ प्रधानमंत्री मौदी अपना सउदी दौरा रद्द कर देर रात लौट आए। वहीं, पीएम के निर्देश पर गृहमंत्री अमित शाह हालात का जायजा लेने हमले के कुछ घेटों के बाद ही श्रीनगर पहुंच गए। इधर, आतंकी हमले के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय में अहम बैठक की अध्यक्षता की। 

इस हाई लेवल मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख ने अपनी-अपनी तैयारियों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी तीनों सेनाएं हर परिस्थिति के लिए तैयार है। यह बैठक करीब 2.5 घंटे तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों की में तेजी लाने का निर्देश दिया।

इस बैठक में सीडीएस अनिल चौहान और एनएसए अजित डोभाल भी शामिल हुए। इनके अलावा बैठक में थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे। अब छह बजे सुरक्षा मामलों की केंद्रीय समिति की बैठक होनी है। सीसीएस की मीटिंग को दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी को जानकारी देंगे।

पहलगाम हमले के बाद क्यों खौफ में पाकिस्तान? सीमा के पास पीएएफ की बड़ी हलचल

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए खौफनाक आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में खौफ का माहौल है। शायद पाकिस्तान को पुलवामा हमले के बाद हुए भारतीय एक्शन की याद ताजा हो गई है। आतंकी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना ने अपने एयरबेस की सुरक्षा बढ़ा दी है। मंगलवार रात को सेना के बड़े-बड़े अधिकारी एयरबेस की मॉनिटरिंग में लगे रहे। भारत की कार्रवाई के खौफ में पाकिस्तानी वायुसेना अलर्ट पर हैं। फ्लाइट रेडार डेटा में दर्ज पाकिस्तानी वायुसेना की असामान्य गतिविधियों से इसका पता चलता है।

फ्लाइट रडार 24 में दर्ज डेटा के मुताबिक पहलगाम हमले के तुरंत बाद रावलपिंडी और लाहौर से सेना के 2 फाइटर जेट को उड़ते देखा गया। एक फाइटर जेट तो एलओसी के आसपास चक्कर लगा रहा था। अहमदपुर ईस्ट के पास आखिरी बार पाकिस्तानी फाइटर जेट को उड़ान भरते देखा गया। सीमा पर पाकिस्तानी वायुसेना के जिन विमानों को उड़ान भरते देखा गया है, उनमें PAF198 और PAF101 नंबर की फ्लाइट है। पाकिस्तान की वायुसेना दोनों ही विमानों का इस्तेमाल अक्सर खुफिया अभियानों के लिए करती रही है।

सीमा पर पाक सेना की उपस्थिति बढ़ी

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान एयरपोर्स ने भारतीय सीमा के पास अपनी उपस्थिति बढ़ानी शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने क्षेत्र में हवाई निगरानी को बढ़ाने के लिए साब एरिए एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात किया है। एरिए सिस्टम एयर क्राफ्ट, मिसाइल और लंबी दूरी पर जमीनी लक्ष्यों का पता लगाने में सक्षम है, जो पाकिस्तानी वायुसेना को त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता के लिए तैयार करता है।

सर्जिकल स्ट्राइक का डर

पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बयान जारी किया है। शाह का कहना है कि एक भी आंतकी बख्शे नहीं जाएंगे। शाह खुद जम्मू कश्मीर पहुंच गए हैं। वहीं से हालात का जायजा ले रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान की धड़कने बढ़ी हुई है। पाकिस्तानी पत्रकार और एनालिस्ट कमर चीमा ने चेतावनी दी है कि भारत इस हमले का जवाब दे सकता है। उन्होंने कहा, ‘पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाई हो सकती है। भारत इस हमले को हल्के में नहीं लेगा।

बता दें कि 2019 में पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसके बाद भारत ने पीओके के इलाके में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए 300 आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। इस बार भी पाकिस्तान की सेना को फिर से सर्जिकल स्ट्राइक का डर सताने लगा है।