30 साल से फरार खालिस्तानी आतंकी मंगत सिंह गिरफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश एटीएस की नोएडा यूनिट और गाज़ियाबाद पुलिस की साहिबाबाद थाना टीम ने संयुक्त अभियान में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। टीम ने खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) से जुड़े मोस्ट वांटेड फरार आतंकी मंगत सिंह उर्फ मंगा को 30 वर्षों के लंबे फरारी के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मंगत सिंह की गिरफ्तारी को खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ चल रही कार्रवाई में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

25,000 का इनामी, चार गंभीर मामले दर्ज

मंगत सिंह पर गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा 25,000 का इनाम घोषित किया गया था। उसके खिलाफ थाना साहिबाबाद में दर्ज मामलों में टाडा, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और फिरौती जैसे चार गंभीर मुकदमे शामिल हैं। मंगत सिंह को 1993 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन 16 अगस्त 1995 को जमानत पर रिहा होने के बाद वह कानून से बचते हुए फरार हो गया था।

गुप्त सूचना से मिली गिरफ्तारी में सफलता

ATS को खुफिया इनपुट मिला था कि मंगत सिंह इस समय पंजाब के जिला अमृतसर के गांव टिम्मोवाल, थाना खिलचियाँ में छिपा हुआ है। इस सूचना को तकनीकी और सहयोगी एजेंसियों की मदद से पुष्ट किया गया और फिर एक संयुक्त अभियान चलाकर बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।गिरफ्तार आरोपी मंगत सिंह पुत्र गुरुदत्त, मूल रूप से गाज़ियाबाद का निवासी था और KCF का सक्रिय सदस्य रहा है।

परिवारिक पृष्ठभूमि भी आतंक से जुड़ी

गौरतलब है कि मंगत सिंह का सगा भाई संगत सिंह, खालिस्तान कमांडो फोर्स का प्रमुख (चीफ) था, जिसकी वर्ष 1990 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी। मंगत सिंह भी उसी संगठन की गतिविधियों में वर्षों तक सक्रिय रूप से शामिल रहा।

अब होगा कानूनन हिसाब

मंगत सिंह को गिरफ्तारी के बाद गाज़ियाबाद लाया गया है और अब उससे संबंधित मामलों में आगे की कानूनी प्रक्रिया चलाई जा रही है। एटीएस और स्थानीय पुलिस की इस सफलता को खालिस्तानी आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है।

विशाल सिंह ने निदेशक सूचना का पदभार ग्रहण किया

लखनऊ। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के नव नियुक्त निदेशक विशाल सिंह ने बुधवार को निदेशक सूचना का पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के उपरांत उन्होंने मुख्यालय पं. दीनदयाल उपाध्याय सूचना परिसर में वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ बैठक कर विभागीय कार्यप्रगति की जानकारी ली और आगामी कार्यों की प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श कर जरूरी निर्देश दिये।

निदेशक सूचना ने बैठक में कहा कि सूचना विभाग शासन की नीतियों, योजनाओं तथा कार्यक्रमों को आमजन तक प्रभावी ढंग से पहुँचाने में सेतु का कार्य कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे नवाचार, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ कार्य करें, ताकि राज्य सरकार की उपलब्धियों का जन-जन तक व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके।

श्री सिंह मूलतः जौनपुर के निवासी हैं। इसके पहले वे नगर आयुक्त अयोध्या नगर निगम तथा उपाध्यक्ष, अयोध्या विकास प्राधिकरण तथा जिलाधिकारी भदोही एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी, भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

गांवों को जोड़ने वाली सड़कें ग्रामीण हाईवे जैसी दिखनी चाहिए: केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित की जा रही ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता और दृष्टिकोण को लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कें ऐसी होनी चाहिए कि वे 'ग्रामीण हाईवे' जैसी प्रतीत हों।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत और टिकाऊ सड़क नेटवर्क बनाकर गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने निर्माण कार्य में लगे अभियंताओं से आग्रह किया कि वे नवाचार, गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता के साथ कार्य करें।

एफडीआर तकनीक से आ रहा निर्माण क्षेत्र में परिवर्तन

मौर्य ने विशेष रूप से एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि अब सभी पीएमजीएसवाई की सड़कें इसी तकनीक से बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि यह तकनीक न केवल टिकाऊ है, बल्कि पारंपरिक निर्माण की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी भी है। इसमें पहले से बनी सड़क को खोदकर उसी सामग्री का पुनः उपयोग किया जाता है, जिससे पत्थर और गिट्टी जैसी बाहरी सामग्री की आवश्यकता नहीं पड़ती।

इंजीनियर बनें ‘फील्ड वर्कर’, सिर्फ सुपरवाइजर नहीं

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंता केवल निरीक्षण करने वाले अधिकारी न रहें, बल्कि स्वयं मौके पर मौजूद रहकर कार्य कराएं, इससे न केवल गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि कार्य में टीम भावना और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा, "काम ऐसा हो कि देखकर गर्व हो और जनता को इसका सीधा लाभ मिले।"

5992 करोड़ की लागत से 747 सड़कें स्वीकृत

यूपीआरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि PMGSY के तहत 747 सड़कों (कुल लंबाई 5820.79 किमी) को एफडीआर तकनीक से बनाने की मंजूरी दी गई है, जिसकी कुल लागत लगभग ₹5992 करोड़ है।

अब तक : -

535 सड़कों का कार्य पूर्ण

5101 किमी में एफडीआर बेस पूरा

4775 किमी में डामरीकरण पूर्ण

₹4396.12 करोड़ खर्च

* गांवों को सशक्त बनाने की दिशा में मजबूत कदम

मौर्य ने कहा कि भारत गांवों में बसता है, और गांवों की मजबूती के लिए सड़क कनेक्टिविटी अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने सभी इंजीनियरों और ठेकेदारों से आपसी समन्वय के साथ काम करने का आग्रह करते हुए कहा कि "अगर काम की गति और पद्धति सही होगी, तो काम की कोई कमी नहीं होगी।"

मिर्जापुर में 131 करोड़ की 7 पर्यटन परियोजनाएं स्वीकृत, विंध्यधाम क्षेत्र को मिलेगा नया स्वरूप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मिर्जापुर जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 131.51 करोड़ रुपये लागत की सात विकास परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। ये परियोजनाएं जनप्रतिनिधियों और जिलाधिकारी के प्रस्तावों के आधार पर मंजूर की गई हैं, जिनका उद्देश्य विंध्यवासिनी धाम सहित क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थलों को बेहतर सुविधाओं से लैस करना है।

राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि विंध्याचल क्षेत्र में मल्टीलेवल पार्किंग और पर्यटक सुविधा केंद्र के निर्माण पर 45.63 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि मां की पैड़ी के पर्यटन विकास पर 46.76 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त, विंध्यधाम में उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद कार्यालय का निर्माण 23.73 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।

जयवीर सिंह ने कहा, “विंध्यधाम में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होने से श्रद्धालुओं की संख्या में निश्चित ही वृद्धि होगी। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।”

उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्थाओं को निर्धारित कर शासनादेश जारी कर दिया गया है। सभी परियोजनाओं के निर्माण में समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

अन्य स्वीकृत परियोजनाओं में शामिल हैं:

प्राचीन शिवाला, ग्राम मिलगौर – ₹62.54 लाख

बालूघाट, चुनार – पक्का स्नान घाट का निर्माण – ₹11.79 करोड़

दुलारो माता मंदिर, ग्राम डेरवा – ₹48.90 लाख

कोटारानाथ मंदिर, महूगढ़ – ₹47.77 लाख

लखनऊ: सेन्ट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की "स्वाभिमान बैठक", परिवहन निगम के निजीकरण के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान

लखनऊ। परिवहन निगम के निजीकरण की संभावनाओं और कर्मचारियों के भविष्य पर मंडरा रहे खतरे को लेकर सेन्ट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ, लखनऊ क्षेत्र की अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक को "चालक-परिचालक स्वाभिमान बैठक" का नाम दिया गया, जो प्रांतीय निर्देशों के अनुरूप आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को जागरूक कर आगामी संघर्ष के लिए तैयार करना था।

बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोकी व्यास ने की, जबकि प्रमुख वक्ता प्रांतीय महामंत्री जसवंत सिंह ने संगठन की ओर से अब तक किए गए प्रयासों और सरकार की निष्क्रियता को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि अगस्त 2024 में प्रमुख सचिव परिवहन से सकारात्मक वार्ता हुई थी, लेकिन उसके बावजूद आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। यहां तक कि 15 फरवरी को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया, परंतु उसका भी कोई असर नहीं दिखा।

जसवंत सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर परिवहन निगम को खत्म कर निजी हाथों में सौंपने की कोशिशें नहीं रुकीं, तो यह संघर्ष अब आर-पार का होगा। अगर बलिदान की जरूरत पड़ी, तो मैं खुद आगे आकर बलिदान देने को तैयार हूं।"

उन्होंने निगम प्रबंधन और कुछ संगठनों पर निजी लाभ के लिए मिलीभगत करने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया।

बैठक में आलमबाग, अवध, कैसरबाग, हैदरगढ़, उपनगरीय चारबाग और रायबरेली डिपो के कई कर्मचारी मौजूद रहे। प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में मीसम जैदी, चंद्र प्रताप सिंह, शेखर सक्सेना, संतोष सिंह, आरिफ हुसैन, रामकुमार, चंद्रशेखर शुक्ला और अरुण सिंह शामिल थे।

सेन्ट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की

लखनऊ। परिवहन निगम के निजीकरण की संभावनाओं और कर्मचारियों के भविष्य पर मंडरा रहे खतरे को लेकर सेन्ट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ, लखनऊ क्षेत्र की अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक को "चालक-परिचालक स्वाभिमान बैठक" का नाम दिया गया, जो प्रांतीय निर्देशों के अनुरूप आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को जागरूक कर आगामी संघर्ष के लिए तैयार करना था।

बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोकी व्यास ने की, जबकि प्रमुख वक्ता प्रांतीय महामंत्री जसवंत सिंह ने संगठन की ओर से अब तक किए गए प्रयासों और सरकार की निष्क्रियता को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि अगस्त 2024 में प्रमुख सचिव परिवहन से सकारात्मक वार्ता हुई थी, लेकिन उसके बावजूद आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। यहां तक कि 15 फरवरी को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया, परंतु उसका भी कोई असर नहीं दिखा।

जसवंत सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर परिवहन निगम को खत्म कर निजी हाथों में सौंपने की कोशिशें नहीं रुकीं, तो यह संघर्ष अब आर-पार का होगा। अगर बलिदान की जरूरत पड़ी, तो मैं खुद आगे आकर बलिदान देने को तैयार हूं।"

उन्होंने निगम प्रबंधन और कुछ संगठनों पर निजी लाभ के लिए मिलीभगत करने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया।

बैठक में आलमबाग, अवध, कैसरबाग, हैदरगढ़, उपनगरीय चारबाग और रायबरेली डिपो के कई कर्मचारी मौजूद रहे। प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में मीसम जैदी, चंद्र प्रताप सिंह, शेखर सक्सेना, संतोष सिंह, आरिफ हुसैन, रामकुमार, चंद्रशेखर शुक्ला और अरुण सिंह शामिल थे।

सवर्ण के सम्मान और गरिमा के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जाएगा : सूरज प्रसाद चौबे

लखनऊ । सवर्ण केफिल्म निर्माता एवं निर्देशक अनुराग कश्यप द्वारा अपने एक्स हैंडल, इंस्ट्राग्राम पर समस्त भारत के ब्राह्मणों के बारे में जानबुझ कर,दुर्भावना रखते हुए गन्दे अपमानित अपशब्द लिखे जो कि नेशनल मीडिया ने भी चलाया,सर्व समाज में ब्राह्मणों के प्रतिघृणित,अश्लीलता से भरे हुए निम्न स्तर शब्दों का प्रयोग करते हुए पब्लिक स्टेट मेट देने से धार्मिक भावनाएं आहत हुई,अनुराग कश्यप पर FIR दर्ज कराए जाने हेतु सवर्ण आर्मी प्रमुख सर्वेश पांडेय ने निर्देशित किया कि सवर्ण ब्राह्मण का अपमान किसी भी स्थित में बर्दास्त सवर्ण आर्मी नहीं करेगी ।

सवर्ण आर्मी प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे ने प्रदेश के समस्त जिला अध्यक्ष को निर्देशित किया कि हर जिले में सवर्ण आर्मी विशाल प्रदर्शन करते हुए अनुराग कश्यप पर FIR दर्ज कराई जाय,प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे ने वाराणसी में थाना कैंट SHO राजकुमार को पत्र दिया मांग की कि FIR दर्ज हो सवर्ण आर्मी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे ने कहा कि सवर्ण को आज हर कोई जो चाह रहा है अपशब्द बोल रहा है ओछी राजनीति करने के लिए इन्हें ये नहीं पता है कि सवर्ण को आवाज सर्वेश पांडेय बन गए हैं ।

वे किसी भी परिस्थित को सवर्ण का अपमान बर्दास्त नहीं करेगी ,प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे ने कहा कि सवर्ण समाज के सम्मान और गरिमा के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़,बर्दास्त नहीं किया जाएगा। आज एक फैशन हो गया है कि सामान्य वर्ग के लोगों को गाली दो ओछी राजनीति करने वाले को मुंहतोड़ जवाब सवर्ण आर्मी दे रही है, प्रशासन से आग्रह है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित एव कठोर कार्रवाई सुनिश्य किया जाय जिससे भविष्य में कोई व्यक्ति इस प्रकार की हरकत करने का दुस्साहस न करे।

उत्तर प्रदेश में तबादलों की बड़ी लहर: 15 आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर, सात जिलों के कप्तान बदले

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार की रात जहां 33 आईएएस और 3 आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर किया गया, वहीं मंगलवार देर रात 15 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। इन तबादलों में 2 डीआईजी और 13 एसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं।

इन जिलों के बदले गए कप्तान

तबादले में सबसे अहम बात यह रही कि प्रदेश के सात जिलों – झांसी, सीतापुर, बांदा, महोबा, पीलीभीत, कानपुर देहात और फर्रुखाबाद में पुलिस कप्तानों को बदल दिया गया है।इन फेरबदल को लेकर शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रह सकती है। इसका उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता को मजबूत करना और कानून-व्यवस्था को और प्रभावी बनाना है।

मुख्य तबादले – कौन कहां गया

-झांसी SSP सुधा सिंह की नवीन तैनाती पुलिस उपमहानिरीक्षक रेलवे लखनऊ

-पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट लखनऊ प्रबल प्रताप सिंह की नवीन तैनाती एसपी महोबा

-सेनानायक पीएसी मुरादाबाद पूजा यादव की नवीन तैनाती सेनानायक पीएसी अलीगढ़

-SP कानपुर देहात बीबीजीटीएस मूर्थी की नवीन तैनाती एसएसपी झांसी

-SP यूपी पावर कार्पोरेशन अरविंद मिश्रा की नवीन तैनाती एसपी कानपुर देहात

-SP सीतापुर चक्रेश मिश्रा की नवीन तैनाती SP एएनटीएफ मुख्यालय लखनऊ

-सेनानायक पीएसी अलीगढ़ अमित कुमार की नवीन तैनाती सेना नायक पीएसी मुरादाबाद

-SP बांदा अंकुर अग्रवाल की नवीन तैनाती SP सीतापुर

-SP महोबा पलाश बंसल की नवीन तैनाती SP बांदा

-SP फर्रुखाबाद आलोक प्रियदर्शी की नवीन तैनाती अतिरिक्त पुलिस आयुक्त गाजियाबाद

-SP रेलवे प्रयागराज अभिषेक यादव की नवीन तैनाती एसपी पीलीभीत

-SP रेलवे लखनऊ प्रशांत वर्मा की नवीन तैनाती SP रेलवे प्रयागराज

-SP पीलीभीत अविनाश पाण्डेय की नवीन तैनाती सेनानायक एसएसएफ लखनऊ

-पुलिस उपायुक्त कानपुर आरती सिंह की नवीन तैनाती एसपी फर्रुखाबाद

- SP मुख्यालय लखनऊ रोहित मिश्रा की नवीन तैनाती SP रेलवे लखनऊ

तबादलों की मुख्य विशेषताएं

- 7 जिलों के पुलिस कप्तानों को बदला गया

- 15 आईपीएस अफसरों की नई तैनाती

- रेलवे, PAC, SSF और मुख्यालय में भी बदलाव

- प्रशासनिक सख्ती और सुदृढ़ता की दिशा में बड़ा कदम

संवेदनशील जिलों में अनुभवी अधिकारियों की जा रही तैनाती

पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 33 आईएएस और 18 आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर किया जा चुका है। इसे 2025 के अंत तक नए प्रशासनिक सेटअप की तैयारी और बेहतर पुलिसिंग रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। खासकर संवेदनशील जिलों में अनुभवी अधिकारियों की तैनाती की जा रही है। ताकि कहीं कोई विवाद उत्पन्न होने पर तत्काल उससे निपटा जा सके।

ओशो नगर की झुग्गियों में लगी भीषण आग, ढाई सौ झोपड़ियां खाक ,दमकल विभाग की मुस्तैदी से टली बड़ी त्रासदी

लखनऊ । राजधानी के मानक नगर इलाके के पास स्थित ओशो नगर की झुग्गी बस्ती में मंगलवार की देर रात भीषण आग लग गई। आग इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते करीब 200 से 250 झुग्गी-झोपड़ियां जलकर पूरी तरह खाक हो गईं। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। मौके पर पहुंचे दमकल विभाग की टीमों ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

शार्ट सर्किट बना आग की बड़ी वजह

प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों के अनुसार, आग बिजली के पोल में हुए शार्ट सर्किट से लगी। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही इस हादसे का बड़ा कारण है। बस्ती के पास लगे एक पुराने और जर्जर पोल में चिंगारी निकली, जिससे पहले एक झोपड़ी में आग लगी और फिर उसने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया।

पिछली रात भी लगी थी आग, लेकिन बचा लिया गया था

बस्ती में रहने वाले लोगों ने बताया कि एक दिन पहले भी इसी पोल से आग लगी थी, लेकिन उस समय स्थानीय लोगों ने मिलकर आग पर काबू पा लिया था। उन्होंने समय रहते विभाग को इसकी जानकारी भी दी थी, मगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसका नतीजा इतना बड़ा हादसा बन गया।

CFO मंगेश कुमार की तत्परता से टली बड़ी जनहानि

आग लगने की सूचना मिलते ही मुख्य अग्निशमन अधिकारी (CFO) मंगेश कुमार ने तुरंत कार्रवाई की। लगभग आधा दर्जन दमकल गाड़ियों को पहले मौके पर भेजा गया, जिसके बाद हालात बिगड़ते देख 15 दमकल गाड़ियों की पूरी टीम ने मौके पर डेरा डाल दिया। खुद CFO मंगेश कुमार ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला और आग बुझाने की प्रक्रिया की निगरानी की। उनकी टीम की मुस्तैदी के चलते आसपास के इलाकों में आग फैलने से रोकी जा सकी और किसी भी तरह की जनहानि नहीं होने दी गई।

कूड़ा बीनने वाले लोग झेल रहे दोहरी मार

इस झुग्गी बस्ती में अधिकतर लोग नगर निगम से संबद्ध होकर कूड़ा बीनने का काम करते हैं। उनके पास सीमित संसाधन हैं और झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। अब जब उनकी झोपड़ियां जलकर राख हो गई हैं, तो उनके सामने रोजी-रोटी और सिर पर छत की दोहरी समस्या खड़ी हो गई है।स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद बिजली विभाग और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका खामियाजा आज उन्हें भुगतना पड़ा। यह घटना प्रशासन की गंभीर लापरवाही और लचर निगरानी व्यवस्था की पोल खोलती है।

अभी तक का अपडेट

-ढाई सौ से अधिक झोपड़ियां जलकर खाक

-15 दमकल गाड़ियों ने घंटों की मशक्कत के बाद बुझाई आग

- कोई जनहानि नहीं, पर लाखों की संपत्ति का नुकसान

- शार्ट सर्किट से लगी आग, बिजली विभाग पर गंभीर आरोप

-CFO मंगेश कुमार और उनकी टीम की तत्परता से टली बड़ी त्रासदी

विकसित भारत के निर्माण में शिक्षा, नवाचार और महिला सशक्तिकरण की अहम भूमिका : रजनी तिवारी

लखनऊ। "विकसित भारत विविध आयाम" विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को ए.पी. सेन मेमोरियल गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, लखनऊ में किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. रजनी तिवारी ने दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया।

अपने उद्घाटन भाषण में मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शिक्षा, नवाचार, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास जैसे आयामों को समानांतर रूप से सशक्त करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश की अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जो योगी सरकार की दूरदर्शी नीतियों और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है।उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा, रोज़गारपरक पाठ्यक्रमों और युवाओं के कौशल विकास को प्राथमिकता दे रही है।

विचारों की विविधता: विशेषज्ञों ने रखे महत्वपूर्ण विचार

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रो. वीना राय, प्राचार्या, अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज ने भारत की विकास यात्रा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। राज्य सूचना आयुक्त दिलीप अग्निहोत्री ने नारी सशक्तिकरण को "विकसित भारत की नींव" बताया और विश्वास व्यक्त किया कि यदि सही दिशा में प्रयास हों तो यह लक्ष्य 2047 से पूर्व भी हासिल किया जा सकता है।

तकनीकी सत्रों में देशभर के शिक्षाविदों की भागीदारी

कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने संगोष्ठी के उद्देश्यों की व्याख्या करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल शैक्षिक संवाद को बल देता है बल्कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षा जगत की भूमिका को भी रेखांकित करता है।संगोष्ठी के तकनीकी सत्रों में देशभर से आए शिक्षाविदों, शोधार्थियों ने राजनीति, साहित्य, विज्ञान, कला और अर्थव्यवस्था जैसे विविध विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किए।

सत्रों का संचालन क्रमशः डॉ. मोनिका अवस्थी (ऑनलाइन) और प्रो. श्वेता तिवारी (ऑफलाइन) द्वारा किया गया, जबकि अध्यक्षता प्रो. मनोज पाण्डेय, प्रो. मंजुला यादव और डॉ. ऋतु तिवारी ने की।

* समापन सत्र में युवाओं को नवाचार की राह पर चलने का संदेश

समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. अनिल त्रिगुणायत ने युवाओं को सरकारी नौकरियों की सीमाओं से आगे सोचने और नवाचार, स्टार्टअप तथा कौशल विकास के क्षेत्र में नए अवसर तलाशने का आह्वान किया।